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हेल्थ

इम्यून सिस्टम और गार्ड्स को मज़बूत बनाने का काम करता हैं विटामिन ए

पैरों में सूजन एक आम समस्‍या है जो कि गलत जीवनशैली, पोषण की कमी, शारीरिक गतिविधियां न करने या मोटापे की वजह से उत्‍पन्‍न होती है। देर तक खड़े रहने या बड़ती उम्र, प्रेग्‍नेंसी, प्रीमैंस्‍ट्रुअल सिंड्रोम और पैरों में ठीक तरह से रक्‍त प्रवाह न होने पर भी पैरों में सूजन आ सकती है।

विटामिन ए
विटामिन ए आपके इम्यून सिस्टम और गार्ड्स को मज़बूत बनाने का काम करता है जिसकी वजह से आप किसी भी प्रकार की इंफेक्शन युक्त बीमारी से बचे रहते हैं. इसलिए हमारी सलाह है कि आप एक से दो हफ्ते तक विटामिन ए कि गोलियों का सेवन करें, इससे आपको ज़रूर ही फायदा पहुंचेगा और आपको अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे. मुख्य तौर से यह मछली, दूध व अंडे आदि में पाया जाता है.

ब्रोमेलिन
ब्रोमेलिन जैसा पोषक तत्व अनानास में पाया जाता है. यह एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता है जो आप के इम्यून सिस्टम के लिए बहुत अच्छे व लाभदायक होते हैं. इसका प्रयोग कई बार कुछ चोटें जैसे कि रीढ़(स्पाइन) आदि को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. आप इसकी टैबलेट या कैप्सूल ले सकते हैं.

कैप्सैसिन
ये तत्त्व लाल मिर्ची में पाया जाता है. इसका काम प्रोटीन के एक समूह को रोकना है जो आपके शरीर की सूजन की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है. आप कैप्सैसिन को उन उत्पादों में पा सकते हैं जिन्हें आप सीधे अपनी त्वचा पर लगाते हैं. आप एक चौथाई चम्मच से कैप्सैसिन की शुरुआत कर सकते हैं.

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में पाया जाता हैं इस गंभीर बीमारी का खतरा

देश में जिस तेजी से दिल की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है वो चिंताजनक है एक तरफ देश के युवाओं में नशे की आदत बढ़ रही है तो दूसरी तरफ तनाव शहरों में रहने वालों की धड़कने बढ़ा रहा है. भागती-दौड़ती जिंदगी और टैंशन के बीच अपने दिल को सेहतमंद रखना आज किसी चेलेंज से कम नहीं है.

स्कैड
यह तब होता है जब आप के दिल की कोई रक्त धमनी फट जाती है. इसके दौरान आप का खून या तो धीमा हो जाता है या रुक जाता है. जिसके चलते आपको छाती में थोड़ा बहुत दर्द महसूस होने लगता है. इसलिए हमारी सलाह है कि जब भी आपको ऐसे लक्षण महसूस हों आप फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज शुरू करवाएं.

सूजन
यदि आपको रुमेटीइड गठिया या ल्यूपस है, तो आपको हृदय रोग की संभावना अधिक होती है. इसके लिए ज़रूरी है कि व्यायाम करें और धूम्रपान करने से बचें. दवाओं के साथ अपनी सूजन को नियंत्रित रखें. लेकिन स्टेरॉयड से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि ये आपके दिल की बीमारी को बढ़ा सकता है. अपने दिल की रक्षा के लिए सबसे अच्छे तरीके के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम
ये बीमारी पुरुषों से ज़्यादा महिलाओं में पाई जाती है. ऐसा होने का कारण आप के जज़्बात हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप के स्ट्रेस हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में होते हैं तो आप के हृदय का एक हिस्सा अधिक बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसे ब्लड पंप करने में दिक्कत महसूस होती है. और इसी के चलते आपको

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से जोड़ों के दर्द और सूजन की तकलीफ से मिलेगा छुटकारा

आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए –

अगर आपको जोड़ों के दर्द और सूजन की तकलीफ है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इससे गठिया की समस्या में भी आराम मिलता है।

तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमरियों को पैदा करते हैं।

तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

अगर आप नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं तो इससे त्वचा पर चमक आती है। यह पानी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।

पाचन क्रिया बेहतर बनाने के लिए भी तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर आपको कब्ज और एसिडिटी की समस्या है तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से यह दूर हो जाएगी।

सफेद मक्खन का सेवन करने से दिमाग स्वस्थ और याददाश्त होगी तेज

मक्‍खन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये घर का बना सफेद मक्‍खन होना चाह‍िए।सफेद मक्‍खन में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इस तरह ये त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। साथ ही ये कैंसर से हमारा सुरक्षा कवच भ बनता है। मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाती है। साथ ही ये गले के ल‍िए भी अच्‍छा होता .

सफेद मक्खन के फायदे
  • अगर आपके गले में सूजन आ जाती है तो मक्खन का सेवन कीजिए. इससे आराम मिलता है. मक्खन में आयोडीन थायराइड मौजूद रहते हैं, जो ग्रंथियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं
  • सफेद मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और कोलेस्ट्राल की समस्या भी खत्म हो जाती है. मक्खन में मौजूद विटामिन और सेलेनियम से हार्ट प्रॉब्लम्स भी नहीं होती.
  • दिमाग तेज करने के लिए मक्खन का सेवन किया जाता है. बच्चों को सफेद मक्खन जरूर खिलाना चाहिए. इससे उनका दिमाग स्वस्थ और याददाश्त तेज होती है. सफेद मक्खन से बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है.
  • सफेद मक्खन में कैल्शियम मौजूद रहता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
  • कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मक्खन मददगार साबित हो सकता है.
  • घर पर बनाया गया मक्खन अच्छी वसा का स्त्रोत होता है, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध बटर की तुलना में स्वस्थ है. इस मक्खन में ट्रांस-फैट (Trans-Fats) होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं.

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद हैं बेहद महत्वपूर्ण, देखिए यहाँ

शहद का उपयोग खाद्य पदार्थ के रूप में किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है और साथ ही स्वाद में भी लाजवाब होता है। शहद का हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

 

शहद से होने वाले लाभः

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पीये। ऐसा करने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। शहद में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही रक्त के बहाव को भी नियमित रखता है।

कीमोथैरेपी में शहद का असरः

अक्सर देखा गया है कि कीमो थेरेपी का इलाज चलते समय व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत अधिक मात्रा में कम होने लगती है। जो मरीज के शरीर के लिए गंभीर हो सकता है। ऐसे में शहद कीमो थेरेपी का सामना कर रहे व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीः

शायद हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। शहद हानीकारक सूक्ष्म जीव से लड़ता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। चोट या घाव पर अगर सीधे शहद को लगा दिया जाए तो यह एंटीसेप्टिक का काम करता है और बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचाता है।

पीरियड्स के दौरान रहता हैं तनाव व दर्द तो आप भी आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

पीरियड्स हर महीने स्त्रियों की कठिनाई का सबब बनता है इस दौरान हार्मोन्स में परिवर्तन होता है  स्त्रियों को पेट दर्द, मूड स्विंग्स  तनाव का सामना करना पड़ता है ऐसे में आप चिडचिडि भी हो जाती हैं  इससे राहत पाना चाहती हैं ऐसा होता नहीं है

अगर आप भी पीरियड्स के दौरान अक्सर तनाव  उदास रहती हैं तो हम आपको कुछ टिप्स के बारे में बताते हैं इन टिप्स को आजमाकर आपको खुश रहने में मदद मिल सकती है तो चलिए आपको बता देते हैं किस तरह रखें खुद को खुश

दर्द में गर्म पानी की थैली- गर्म पानी की थैली से सेंक करने पर रक्त संचार ठीक से होता है पेट में ऐंठन  दर्द कम हो जाता है, इसलिए गर्म पानी की थैली से सिकाई करें ताकि पीरियड्स का दर्द कम हो जाए

शरीर को हाइड्रेट रखें– पर्याप्त मात्रा में शरीर को हाइड्रेट रखने से आपको पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग  पेट फूलने जैसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

भरपूर सोएं- पर्याप्त नींद लेने से आप पीरियड्स में अच्छा महसूस कर सकती हैं बेकार में लेटे रहने से आपका मूड  बेकार होता है इससे ऊर्जा भी समाप्त होती है इसलिए पर्याप्त नींद लें ताकि आप बिल्कुल खुश  तरोताजा महसूस कर सकें

एक्सरसाइज करें- पीरियड्स के दौरान हल्की-फुल्की अभ्यास आपके मन को खुश कर सकती है इस दौरान वॉकिंग, साइकिल चलाना  स्ट्रेचिंग जैसी अभ्यास कर सकती हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है

इन गंभीर बीमारियों से आपको छुटकारा दिलाने में फायदेमंद हैं छुहारा

ज्‍यादात्तर लोग ड्रायफूट्स के नाम पर बादाम, काजू, किशमिश और अखरोट का सेवन करते हैं। इसके अलावा छुहारे भी होते हैं जो बाकी ड्राय फ्रूट्स की तरह ही पौष्टिक होते हैं।

मासिक धर्मं – जी दरअसल मासिक धर्मं में गड़बड़ी हो तो छुहारा खाने से मासिक धर्मं खुलकर आता है और कमर दर्द एवं कमजोरी भी दूर हो जाती है.

बिस्तर पर पेशाब- अगर बच्चा या बूढ़ा व्यक्ति बिस्तर पर पेशाब कर देता है तो 2 छुहारा खाकर ऊपर से दूध पियें या छुहारे वाला दूध पी सकते हैं इससे लाभ होगा.

खांसी – खांसी एक आम समस्या है जो किसी को भी लग सकती है. ऐसे में खांसी होने पर छुहारे का बीज निकालकर छुहारे को घी में भुनकर खा सकते हैं इससे रहत मिलेगी.

खजूर के सूखने के बाद बनता है। प्राचीन काल से ही हमारे यहां लोग छुहारे का सेवन करते आ रहे हैं। जहां गर्मियों में छुहारे के सेवन से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है, तो वहीं सर्दियों में इसके छुहारे के फायदे बढ़ जाते हैं। क्योंकि ये शरीर को गर्माहट देने के साथ ही डायबिटीज, साइटिका, कब्ज समेत कई सारी गंभीर बीमारियों से भी बचाता है।

आयुर्वेद में छुहारे के फायदे का विस्तृत रूप से उल्लेख मिलता है। इसलिए आज हम आपको छुहारे के फायदे के बारे में बता रहें हैं। जिससे आप छुहारे का सेवन करके खुद को सेहतमंद बना सकते हैं और कई सारी गंभीर बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।

शरीर के दुबलापन को दूर करने में डाइट चार्ट में इस प्रकार करें बदलाव

आमतौर पर लोग मोटापा घटाने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं। जैसे मोटे लोग अपने वजन को लेकर परेशान रहते हैं, वेसे ही पतले लोग भी अपने दुबलेपन को लेकर चिंता में रहते हैं। ऐसे में आप इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। तो आइए जानते हैं वजन बढ़ाने के टिप्स।

चलिए जानते हैं विस्तार से-
1 .डाइट-
आपके दुबलापन को दूर करने में डाइट आपकी मदद कर सकता है. अपने प्रतिदिन के आहार में संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक आहार के साथ वर्कआउट को भी शामिल करें. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आएगा.
2 .केला-
सुबह नाश्ते में केला को जरूर शामिल करें. दूध और दही के साथ केला खाना काफी फायदेमंद होता है. बनाना मिल्क शेक भी सेवन कर सकते हैं. यह वजन बढ़ाने का प्रभावी तरीका है.
3 .प्रोटीन युक्त आहार-
शरीर का वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन युक्त आहार सेवन करें. इसलिए अपने आहार में चिकन, अंडा, दूध, बादाम, मूंगफली को जरूर शामिल करें.
4 .कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें-
शरीर का वजन बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को आहार में शामिल करें. इसके लिए पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील आदि कार्बोहाइड्रेट के स्रोत है. इसके अलावा हरी साग- सब्जियां भी शामिल करें.

विटामिन डी की कमी के कारण आपको हर वक्‍त थकान महसूस होती हैं तो हो जाएं सावधान

शरीर के विकास के लिए विटामिन्स और मिनरल्स काफी जरूरी है। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है तो वह कई संकेत देने लगता है। यह विटामिन हमारे लिए काफी जरूरी है। आप दूध पीने से परहेज करते हैं और सही मात्रा में धूप भी नहीं लेते तो शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी की कमी हो सकती है। यह काफी गंभीर समस्या है, जिससे हमारा स्वास्थ्य बिगड़ भी सकता है। विटामिन डी का हमारे शरीर में काफी महत्तवपूर्ण रोल है।

ये हैं लक्षण

1.हर वक्‍त थकान महसूस होना

अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इसका सबसे बड़ा लक्षण आपका हर वक्‍त थका हुआ महसूस करना है. अगर आप अच्‍छा भोजन करते हैं और रात भर पूरी नींद लेते हैं इसके बाद भी अगर आपको नींद आती रहती है तो यह विटामिन डी की कमी का एक लक्षण हो सकता है.

2.हड्डियों में दर्द

शरीर में कैल्शियम को ऑब्‍जर्ब करने का काम दरअसल विटामिन डी करता है. ऐसे में अगर आप भरपूर दूध पीते हैं और कैल्शियम से भरपूर भोजन करते हैं इसके बाद भी शरीर में दर्द की शिकायत रहती हो तो इसकी वजह विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल आपके शरीर में कैल्शियम तो जा रहा है लेकिन विटामिन डी की कमी होने की वजह से बॉ‍डी इसको अपने भीतर सोख नहीं पाता.

3.चोट जल्‍दी नहीं होता ठीक

अगर आपका चोट बहुत दिनों तक ठीक नहीं होता तो इसकी वजह भी विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल विटामिन डी इंफेक्‍शन से लड़ने और शरीर में स्‍वेलिंग आदि को ठीक करने में मदद करता है. ऐसे में जब विटामिन डी की कमी हो जाती है तो किसी भी चोट को ठीक होने में ज्‍यादा वक्‍त लगता है.

विटामिन A, D जैसे पोषक तत्वों से भरपूर दूध में गलती से भी ये चीज़े न मिलाएं

आयुर्वेद में दूध की काफी महत्ता है। प्राचीन काल से दूध अपने आप में पूर्ण पोषक तत्व में आता है। यानि कि इसे हल्दी के साथ लिया जाता है और अलग-अलग चीजों के साथ मिलाकर भी पिया जाता है।

दूध में प्रोटीन ही नहीं, बल्कि विटामिन A, B1, B2, B12 और D, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व हैं। शाकाहारी लोगों के लिए दूध प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है। आयुर्वेद में भी दूध का बहुत महत्व है, यह पौष्टिक होने के साथ-साथ पाचन-तंत्र को भी ठीक करता है।

यह तो आप में से ज्यादातर लोग जानते होंगे कि दूध और मछली कभी भी साथ में या एकदम आगे-पीछे नहीं लेना चाहिए. चूंकि दूध की तासीर ठंडी होती है और मछली की तासीर गर्म होती है. इसलिए दूध और दही के साथ मछली न खाने की सलाह दी जाती है.

कभी भी दूध के साथ नींबू, करेला और कटहल एक साथ न खाएं. अगर आपने ऐसा किया तो आपको इंफेक्शन होने की संभावना रहेगी. ऐसा करने पर दाद, खाज, एग्जिमा, खुजली, सोरायसिस आदि होने की संभावना बनी रहती है.

यूं तो दही और दूध का किसी तरह का कोई मेल नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ लोग दूध और दही का शर्बत या शिकंजी बनाकर पीते हैं. इसके अलावा कुछ लोग दूध और दही को मिलाकर चिवड़ा भी खाते हैं. इस तरह से दूध और दही को एक साथ सेवन करने पर आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.