Saturday , November 23 2024

हेल्थ

रोजाना 8 से 10 गि‍लास पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद

यूं तो 8 से 10 गि‍लास पानी पीना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है लेकिन अगर दिन में तीन बार गर्म पानी पीने की आदत डाल ली जाए, तो शरीर को बीमारियों से बचाया जा सकता है. जानें इसके हेल्‍थ बेनिफिट्स…

प्रातः काल गर्म पानी के फायदे आपको कुछ ही दिनों में देखने को मिल सकते हैं अगर गर्म पानी का सेवन ठीक ढंग से किया जाए.

गर्म पानी के फायदे सारे शरीर से जुड़ी हुए हैं जैसे कि वजन कम करने में मदद, स्कीन के लिए लाभदायक, बालों के लिए लाभकारी आदि. इसके साथ ही आप यह भी जान सकते हैं

गर्म पानी पीने के फायदा कैसे शरीर को बीमारियों से बचाकर रखने में मदद करता है.

अगर आप वजन कम करने की राह पर हैं तो गर्म पानी आपकी लिस्ट में जरुर शामिल होगा. एक्सरसाइज़ व बैलेंस डाइट जितनी महत्तवपूर्ण होती है उतना ही जरुरी है गर्म पानी का सेवन करना है

 

एक चम्मच सौंठ के पाउडर का सेवन करने से मिलेगा कब्ज की समस्या से छुटकारा

अदरक के पोषक गुणों के कारण हर घर की रसोई में तरह-तरह से इसका इस्तेमाल होता है, लेकिन इसके कई औषधीय गुण भी हैं। अदरक के ऐसे औषधीय गुणों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. तो आज हम आपको बताएँगे कुछ फायदे:

कब्ज दूर करे : एक चम्मच सौंठ के पाउडर को एक गिलास पानी में उबालें. गुनगुना रह जाने पर इसे पीएं, राहत मिलेगी.

कफनाशक : आधा चम्मच सौंठ के पाउडर के साथ मुलैठी के एक चम्मच चूर्ण को पानी में उबालकर इसे गुनगुना पीने से गले में जमा कफ निकल जाएगा. यह खांसी में भी आराम देगा.जब गला बैठ जाए-दो चम्मच अदरक के रस में शहद मिला कर पिएं। इससे अस्थमा और खांसी में भी लाभ होता है।

संक्रमण : यूरिन मार्ग में संक्रमण की कठिनाई है तो एक गिलास दूध में आधा चम्मच सौंठ पाउडर व एक चम्मच चीनी मिलाकर पीएं. इससे पेशाब के दौरान होने वाले दर्द में भी कमी आएगी.

क्या आप जानते हैं सोने के बर्तनों में भोजन करना हैं कितना लाभदायक

सोने के बर्तनों में पहले राजा महाराजा खाना खाया करते थे। सोने की क्रोकरी को रॉयल क्रोकरी भी कहा जाता है। हज़ारों साल पुराने आयुर्वेद के अनुसार भी सोने की धातु से बने बर्तनों में खाना खाने, पकाने और पीने के फायदों के बारे में बताया गया है।

बर्तनों में खाना पकाने व खाने से भी शरीर पर उसका असर पड़ता है. खास बात ये है कि इन धातुओं से बने बर्तनों में खाना पकने या खाना खाने से शरीर के भीतर जो भी दूषित तत्व होते हैं बाहर निकल जाते हैं.

जिससे शरीर का भीतरी संतुलन बेकार होता है. इसका प्रभाव शरीर पर लंबे समय बाद पड़ता है जिसके बाद आदमी कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है.

इन धातुओं से बने बर्तनों में जो तत्व होते हैं वे शरीर के भीतर माइक्रो न्यूट्रिएंटस के तौर पर शरीर के भीतर जाकर सकारात्मक प्रभाव करते हैं. जबकि मौजूदा समय में प्रयोग होने वाले स्टील व एलमुनियम के बर्तनों में खाना पकाने या खाने से वे घातु भी शरीर के भीतर जाते हैं

बैंगन में मौजूद स्वास्थ्यवर्धक तत्व आपको दिलाएंगे पेट की समस्याओं से निजात

कई बार आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि बैंगन में कोई भी स्वास्थ्यवर्धक तत्व नहीं होता है और इसी वजह से वे इसे बे-गुण भी कहते हैं. पर आपको बता दें कि स्वास्थ्य के लिहाज से बैंगन एक बेहद फायदेमंद सब्जी है.

दिल और दिमाग के लिए होता है अच्छा: बैंगन हमारे दिल का भी ख्याल रखता है और कई प्रकार की समस्याओं से बचाता है। इसके साथ ही बैंगन खाने से हमारा दिमाग भी स्वस्थ होता है। यह दिमाग की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाता है।

पेट की समस्याओं में फायदेमंद: बैंगन खाने से आपको पेट की समस्याओं से निजाद मिलती हैं, आप चाहे तो बैंगन का सूप बना सकती हैं, जिसमे आप स्वादानुसार अन्य चीज़ों को मिलाकर सूप की गुणवत्ता को बढ़ा सकती हैं।

त्वचा के लिए लाभकारी:बैंगन खाने से शरीर डि-हाइड्रेशन से बचता है और हमारी त्वचा हाइड्रेट होती है जिससे उसमे निखार आता है। बैंगन हमारी त्वचा के लिए भी लाभकारी है।

रात में सोने से पहले अपने हाथों पर नारियल के तेल से करें मालिश Dryness से मिलेगा छुटकारा

अक्सर देखा गया है की हम अपने चेहरे का तो काफी ख्याल रखते हैं किन्तु इसी के बीच हम अपने खूबसूरत हांथो की क़द्र करना भूल जाते हैं। नतीज़तन हमारे हाथ खुश्क और बेजान से हो जाते हैं।आज हम बताते है की अपने हाथों को कैसे मुलायम और खूबसूरत बना सकतें हैं और Dryness को दूर कर सकते हैं।

हम देखते हैं की किचन या कुछ इसी तरह से सम्बंधित जगहों पर काम करते हुए अक्सर लोगो के (खास कर महिलाओं के ) हाथ कड़े या खुश्क हो जाते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए यह दिए उपायों का प्रयोग आप घर पर ही बैठे बैठे कर सकती हैं।

नारियल तेल का करें प्रयोग

  • रात में सोने से पहले अपने हाथों पर नारियल का तेल लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें।
  • सुबह उठने पर अपने हाथों को हल्के गुनगुने पानी से धो लें।
  • ऐसा करने से आपके हाथों हाथ खूबसूरत हो जाएंगे ।

ड्राइनेस दूर करें सिरके से

  • अपने हांथो को मुलायम करने के लिए हांथो को गर्म पानी में भिगाएं।
  • फिर हांथो पर सिरका लगाकर हलके हांथो से मसाज करें।
  • पुनः इसे गर्म पानी से धोएं।
  • इससे आपकी हांथो की ड्राइनेस दूर होगी और हाँथ मुलायम भी होंगे।

खुदरापन दूर करे संतरा

  • अगर आपके हाँथ फट रहे हों तो हाथों पर संतरे के छिलके के पेस्ट को लगाएं।
  • इससे हाथों का फटना व खुरदुरापन दूर हो जाता है ।

नींबू के रस बनाये हाथ नरम

  • हाथों को नरम व मुलायम बनाने के लिए नींबू के रस में थोड़ा गुलाब जल मिलाकर रोज रात को सोने से पहले लगाएं
  • प्रातः उठने पर अपने हांथों को गुनगुने पानी से धोएं ।
  • ऐसा करने से आपके हाथ नरम व मुलायम हो जाएंगे।

क्या आप भी कमर पर टाइट बेल्‍ट बांधते हैं तो एक बार जरुर जान लें इससे होने वाले नुक्सान

भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में Belt बांधना एक फैशन का हिस्सा हो गया है।अब चाहे ज़रूरत हो या न हो लेकिन लगभग हर व्यक्ति बेल्ट बांधता ही है।एक तरफ जहाँ हम इस तरह काफी सहज महसूस करते हैं वही इसके कुछ नुकसान भी है जिसको हम जानते नहीं या जान के भी अनजान रहते हैं।करीब-करीब सभी लोग कमर पर बेल्ट बांधते हैं, पर कभी भी बेल्ट को अधिक कसा न बांधें।

कोरिया के शोधकर्ताओं ने 12 पुरुषों पर रिसर्च की। उन्होंने पाया कि कमर पर टाइट बेल्‍ट बांधने से पेट की मांसपेशियों के काम करने का तरीका बदल जाता है। शोध में यह भी साबित हुआ कि-

  • लंबे समय तक टाइट बेल्ट बांधने से रीढ़ की हड्डी में अकड़न आ सकती है।
  • सेंटर ऑफ ग्रेविटी में भी बदलाव आता है।
  • घुटनों के जोड़ों पर भी जरूर से ज्यादा प्रेशर पड़ता है
  • जोड़ो में दर्द की समस्या भी बढ़ जाती है।

दरअसल, टाइट बेल्ट बांधने से कई नुकसान होते है, जैसे –

  • ज्यादा टाइट बेल्ट बांधने से पेट की नसें दबी रहती हैं।
  • लंबे समय तक ऐसा करने से पेल्विक से निकलने वाली आर्टरी, वेन्स, मसल्स और आंतों पर दबाव पड़ता है।
  • इन अंगो पर ज्यादा देर तक दबाव होने से शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ सकती है, जो पुरुषों में नपुंसकता का बड़ा कारण बन सकता है।
  • बेल्ट को ढ़ीला करके पहनना चाहिए।
  • इसे इतना ही टाइट पहनना चाहिए कि यह पैंट या जींस को साधे रख सके, लेकिन पेट पर कोई दबाव नहीं बनाए।

 

 

Migraine के चलते होने वाले सरदर्द से ऐसे पाएं निजात वो भी बिना दवाई के…

आज कल हर दूसरा व्यक्ति सिरदर्द से परेशान है। वैसे तो अब सर दर्द का होना कोई विचित्र बात नहीं है किंतु अगर यह बार-बार हो रहा है तो इस पर ध्यान देना आवश्यक है।

अगर आप हमेशा सिर दर्द या यूँ कहें की Migraine (माइग्रेन) से परेशान हैं तो इन तरीकों को अपना कर आप पानी परेशानी से निजात पा सकते हैं –

  • एक तौलिये को गर्म पानी में डुबोकर दर्द वाले हिस्से पर सिंकाई करें।
  • दिन में कम से कम 12 से 14 गिलास पानी जरूर पिएं।
  • ध्यान रखें कि आपके काम करने वाली जगह पर तेज रोशनी, तेज धूप या तेज गंध न हो।
  • ध्यान, योगासन, एक्यूपंक्चर या अरोमा थेरपी जैसी चिकित्सा पद्धतियों का सहारा ले सकते हैं।
  • माइग्रेन से ग्रस्त रोगी को जंक फूड और डिब्बा बंद आहार से परहेज करना चाहिए।
  • भूखे रहने पर भी यह दर्द बढ़ सकता है। इसलिए ज्यादा देर तक भूखे न रहें, थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहें।
  • सुबह स्वच्छ वातावरण में टहलने अवश्य जाएँ।
  • किसी बात का तनाव न लें।

कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के ये हैं शुरूआती लक्ष्ण, देखिए यहाँ

आज कल बीमारियां बड़ी तेज़ी से फ़ैल रही। अगर आप सतर्क न रहें तो ये एक बहुत गंभीर विषय बन सकती हैं। इससे पहले की कोई भी बीमारी आपको नुकसान पहुचायें उससे पहले हो जाएँ सावधान।इन्ही गंभीर बीमारियों में कैंसर भी बड़ी तेजी से बढ़ रहा। इसलिए आपके throat में अगर इस तरह के बदलाव हो तो तुरंत सतर्क हो जाएँ।

कैंसर का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं क्योंकि इस खतरनाक बीमारी का सही इलाज ना होने पर व्यक्ति के बचने के लक्षण बहुत कम होते हैं, हालांकि अगर समय रहते इसके लक्षणों के बारे में पता चल जाए तो इसे काबू में भी किया जा सकता है। बदलती जीवनशैली इस बीमारी को तेजी से फैला रही है। कैंसर के बहुत सारे रूप हैं, जिसमें से एक है लिम्फोमा कैंसर। यह शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है।

बता दें गले में इस कैंसर का होना बहुत खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके होने से सांस लेने पर मरीज के बाकी अंगो को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और यह बाकी के अंगों को भी अपनी चपेट ले लेता है।

जब कभी किसी के गले में लिम्‍फ नोड्स कैंसर की शुरूआत होती है तो इसका शरीर के अन्य भागों में बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। सबसे पहले पर इसका असर गले के आसपास के अंगो पर दिखाई देता है।
1. गले में सूजन रहना।
2. गले में खारिश रहना और कान के पास दर्द होना।
3. नाक का ब्लॉक होना।
4. मुंह और होंठ सुन्न होने।
5. दांतों में दर्द होने लगता है और खाना चबाने में मुश्किल होती है।
6. सुनने की शक्ति कमजोर होती है।

काली मिर्च का चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से मिलेगा खांसी से छुटकारा

आप सभी ने अब तक काली मिर्च के फायदे के बारे में तो सुना ही होगा. काली मिर्च वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ जबरदस्त काम करती है. जी हाँ और इससे सेहत को बड़े फायदे होते है.काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 4 बार चाटने से खांसी दूर हो जाती है

जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है।

वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।

कहा जाता है घी और मिश्री के साथ काली मिर्च का चूरण चाटने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है.अगर गले का इंफेक्शन दूर करना है तो आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर पानी से गरारें करें.

आधा चम्मच पिसी काली मिर्च को थोड़े से घी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.कहा जाता है काली मिर्च को बारीक पीसकर घी में मिलाकर दाद-फोड़े और फुंसी पर लगाने से लाभ होता है.

डिप्रेशन से घिरे इंसान की मदद करने के लिए ऐसे बने उसका सपोर्ट सिस्टम

इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा कि अब हमारे समाज में भी अवसाद यानी डिप्रेशन को एक गंभीर बीमारी के रूप में देखा जाने लगा है और ये बदलाव सराहनीय है। पिछले कई सालों तक डिप्रेशन से घिरे इंसान को कमज़ोर माना जाता था। लेकिन अब इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब इसे एक गंभीर मानसिक स्वास्थ की तरह देखा जाता है, जिसे उचित इलाज की ज़रूरत होती है।

अवसाद के कुछ ही लक्षण होते हैं, लेकिन लक्षणों की गंभीरता एक व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। हम आपको बता रहे हैं ऐसे तीन लक्षणों के बारे में जिनसे पता लगाया जा सकता है कि कहीं आप भी डिप्रेशन में तो नहीं!

कुछ लोगों के लिए सामाजिक सपोर्ट सिस्टम तैयार करने का मतलब दोस्तों या परिवार के साथ मजबूत संबंध बनाना हो सकता है. आप अपने प्रियजनों को अपने डिप्रेशन को ठीक करने की दिशा में मदद में ला सकते हैं.

डाइट और मेंटल हेल्थ के बीच संबंध खोजने के लिए शोध अभी भी जारी है. अब तक ऐसे कई स्टडीज हुए हैं, जिनमें पोषण में सुधार की बात कही गई है. इसके चलते मानसिक बीमारी को रोका जा सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है. कई ब्रेन एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स ऐसे हैं जो डिप्रेशन को प्रभावित कर सकते हैं.

कुछ के लिए ये एक डिप्रेशन सपोर्ट ग्रुप के रूप में हो सकती है. इसमें एक समुदाय समूह शामिल हो सकता है जो आपके इलाके में ही मौजूद हो या आपको एक ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप भी मिल सकता है.