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हेल्थ

इन हेल्थी ड्रिंक्स का रोजाना सेवन करने से आप रहेंगे फिट एंड हेल्थी, जरुर देखिए

आपने भी सुना ही होगा कि छोटी-छोटी चीजें बड़े काम आती हैं। हमारी डायट में भी यही नियम लागू होता है। जिम में थोड़ी और मेहनत करने के साथ आप थोड़ा ज़्यादा पानी पीते हैं और वजन घटाने की कोशिश करते हैं।

वेट लॉस की कोशिश में लोग अलग-अलग तरीके आजमाते हैं और हेल्थ ड्रिंक्स भी पीते हैं। खैर, अगर आप अपनी नियमित डायट और एक्सरसाइज पर बहुत ध्यान देते हैं, तो आपके लिए एक और टिप है जो वेट लॉस की आपकी कोशिश में मददगार साबित हो सकता है।

उससे शरीर के कार्य करने की क्षमता में भी सुधार आता है और बीमारियों जैसे मोटापा, हाई कोलेस्ट्रोल लेवल से भी छुटकारा मिलता है. मौसमी बीमारियों , मोटापा, पेट की समस्या, आंत की सफाई और चुस्त-दुरुस्त रहने में किचन की तीन सामग्रियां बेहद कारगर हैं. अजवाइन, जीरा और सौंफ से तैयार कहवा सुबह-शाम इस्तेमाल करने से फैट घुलाने समेत कई बीमारियों के खिलाफ शरीर को सुरक्षा मिलता है.

सौंफ पेट और आंत से जुड़ी बीमारियों के लिए बेहतरीन दवा का काम करता है, सौंफ के इस्तेमाल से देर तक भूख नहीं लगती. जीरा और अजवाइन शरीर और पेट के आसपास जिद्दी फैट घुलाने के लिए शानदार है. अजवाइन के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल लेवल संतुलित रहता है और भोजन के साथ शरीर में पहुंची अतिरिक्त चर्बी को निकालने का काम करता है.

वजन बढ़ाने या वजन में कमी लाने के लिए आप भी करें अपने लाइफस्टाइल में ये बदलाव

मोटापा कम करना जितना मुश्किल काम है, उसी तरह वजन बढ़ाना भी कठिन है. दुबले, पतले और कमजोर शख्स के लिए वजन बढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं. विशेषज्ञों के मुताबिक वजन बढ़ाने या वजन में कमी लाने के लिए जीवन शैली, आहार और व्यायाम से मदद मिलती है और दोनों स्थितियों में सप्लीमेंट्स, दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है.

रात के समय सोने से पहले 3-4 केले खाये और उसके साथ एक गिलास दूध का सेवन करें यह वज़न बढ़ने बहुत मदद करता है.
दूध में शहद मिलाकर उसका नियमित सेवन करें इससे आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहती है.वज़न बढ़ने के लिए आप खरबूजा भी खा सकते हैं, हालाँकि यह मौसमी फल है, लेकिन वज़न बढ़ने का एक अच्छा उपाय है.
वज़न बढ़ाने के लिए आप पीनट बटर ले और उसे ब्रेड के साथ लगाकर खाये यह वज़न बढ़ाने का एक अच्छा उपाय है.अगर आप अंडे खाते हैं तो आप अंडे का सेवन भी कर सकते हैं क्योँकि अंडे में प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है.

उनका कहना है कि मोटापा या शरीर की चर्बी का हटाना चंद दिनों का काम नहीं. जैसे मोटापा आहिस्ता आहिस्ता आता है, उसी तरह दुबले-पतले को मोटा होने में भी वक्त लगता है. सेहतमंद तरीके से संपूर्ण स्वास्थ्य को खतरे में डाले बिना वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बेहतरी लाना और डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है.

शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना करें 4 बादाम का सेवन, देखिए इसके लाभ

शारीरिक मजबूती के लिए अक्सर लोग बादाम खाने की सलाह देते हैं लेकिन शारीरिक शक्ति बढ़ाने के अलावा बादाम पेट का पाचन तंत्र ठीक रखने में भी बहुत कारगर साबित होता है। बादाम में मौजूद फाइबर तत्व हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।

बादाम जो कि एक प्रोबायोटिक है, उसे खाने से शरीर में फायदेमंद बैक्टीरिया ज्यादा बढ़ जाता है, जो पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। साथ ही साथ, ये अच्छे बैक्टीरिया हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को भी बहुत मज़बूत बनाते हैं।

ये तत्व एंटी-माइक्रोबायल एजेंट के रूप में काम करते हैं। ये आपको खाने-पीने से पैदा होने वाली कई बीमारियों से सुरक्षा देते हैं और उनका उपचार करने में आपकी बहुत मदद करते हैं।

हमारे पाचन तंत्र में ऐसे बहुत सारे बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर को नुकसानदायक माइक्रोऑर्गेनिज्म से बचाते हैं। शोध अध्ययनों में ये सामने आया है कि बादाम में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो प्रोबायोटिक गुणों को प्रदर्शित करते हैं।

चोट के घाव को जल्दी ठीक करने के लिए दवाई की जगह अपनाएं ये घरेलू उपाए

सर्दी के मौसम में एक बार चोट लग जाए. तो, परेशान करके रख देती है. वो ऐसे कि सर्दी के मौसम में लगी चोट जल्दी ठीक नहीं होती. ऐसे में आप डॉक्टर्स की दवाई से लेकर घरेलू उपाय तक सब करते हैं.

ताकि, दर्द भी कम हो घाव भी जल्दी भर जाए. लेकिन, उनका असर जल्दी नहीं होता. इसलिए, आज हम आपको कुछ ऐसे सुपरफू्ड्स बताने जा रहे हैं. जिससे आपकी चोट तो जल्दी ठीक होगी ही.

हल्दी
हल्दी तो हर मर्ज की दवा मानी जाती है. अक्सर चोट लगने पर हल्दी वाला दूध ही पिया जाता है. ये हल्दी वाला दूध घाव भरने में बहुत फायदेमंद होता है. हल्दी में एंटी-इंफ्लामेटरी क्वालिटीज पाई जाती हैं. यही वजह है कि हल्के-फुल्के कट चोटें भी इससे ठीक हो जाती हैं.

चुकंदर
चुकंदर में नाइट्रेट नामक कंपाउंड है, तब इसका नाइट्रेट्स बनता है तो ये निट्रिक ऑक्साइड में बदल जाता है. निट्रिक ऑक्साइड ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है घाव को सुखाने में बहुत मदद मिलती है.

सब्जियां
सब्जियां विटामिन मिनरल्स की एक सीरीज देता है. जो बॉडी को ठीक करने के लिए बहुत जरूरी है. इनमें कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं, जो एनर्जी देते हैं मसल्स को टूटने से रोकते हैं. वे विटामिन A, विटामिन C फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कब्ज को रोकने में मदद करते है.

एक्सरसाइज और जिम करने की बजाय पेट की चर्बी को कम करने के लिए करें गोरक्षासन

आज के समय में हर कोई फिट रहना चाहता है लेकिन एक्सरसाइज और जिम करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय नहीं होता है। साथ ही लगातार बैठकर काम करने से आपकी सेहत पर भी असर पड़ता है। इससे आपके कमर और रीढ़ की हड्डियों में तेज दर्द हो सकता है।

ऐसे में एक स्वस्थ शरीर के लिए योग करना बेहद जरूरी है। इससे मानसिक शांति और शारीरिक ऊर्जा मिलती है। साथ ही पूरे दिन आप खुश और तरोताजा रहते हैं।

योग के नियमित अभ्यास से आपका शरीर के कई बीमारियां भी ठीक हो सकती है।साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी और कमर के दर्द में भी काफी आराम मिलता है। आइए विस्तार से जानते है कि गोरक्षासन के फायदे और करने का तरीके के बारे में।

गोरक्षासन के फायदे

1. इस योगासन की मदद से के दर्द में आराम मिलता है।

2. इस अभ्यास से भोजन को अच्छी तरह से पचाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलती है।

3. इससे आपकी पैर और जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती है।

4. इससे पेट में कब्ज और गैस के कारण होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है।

5. महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में काफी आराम मिलता है।

गोरक्षासन करने का तरीका

1. इस योगासन को करने के लिए योग मैट पर बैठ जाएं

2. सबसे पहले सांस लेते हुए दोनों घुटनों को मोड़ें और तलवों को पास ले आएं।

3. अब दोनों पैरों के पंजों पर इस प्रकार बैठें कि शरीर के वजन एड़ियों के बीच आए।

4. अब वापस सांस भरते हुए दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें।

5. अंत में सांस रोककर ठुड्डी को छाती के पास ले आएं।

 

 

Health Tips: प्राकृतिक फूड्स को डाइट में शामिल करके आप भी पा सकते हैं हेल्थी लाइफ

कई स्वास्थ्य समस्याओ को दूर करने के लिए कई तरह के प्राकृतिक फूड्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं. जब बीमारियों को दूर करने के लिए प्राकृतिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की बात आती है तो नीम और हल्दी  सूची में सबसे ऊपर हैं.

चिकित्सीय गुणों के कारण लंबे समय से ही नीम और हल्दी का इस्तेमाल घरेलू उपचार के रूप में किया जाता रहा है. नीम के पत्तों के रस को एक चुटकी हल्दी के साथ  गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करें. इससे सेहत अच्छी रहती है.

अपने चिकित्सीय गुणों के कारण नीम और हल्दी शरीर में कीटाणुओं और फंगस से संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकते हैं. इसकी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं.

नीम औषधीय तत्वों से भरपूर होती है. इसकी पत्तियां, तने से लेकर जड़ तक का इस्तेमाल तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. नीम एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है.

हल्दी में करक्यूमिन नामक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है. हल्दी में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल होते हैं. ये स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है.

अधिक मात्रा में जीरे के पानी का सेवन करना आपके लीवर को बुरी तरह कर सकता हैं प्रभावित

वजन घटाने में जुटे ज्यादातर लोग दिन में दो से तीन बार जीरे का पानी पी लेते हैं. पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए जब भी जीरे का पानी पिएं, तो इसकी मात्रा का खास ध्यान रखें.

जीरे के पानी को अधिक मात्रा में पीने से लीवर का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है. इतना ही नहीं अगर आप लीवर से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो जीरा वाटर पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

किसी भी चीज की अति नुकसान की वजह बन सकती है. जीरे का पानी ज्यादा पीने से उल्टियां भी शुरू हो सकती है. कहते हैं कि जीरे में नारकोटिक प्रॉपर्टीज होती हैं, जो उल्टी का कारण बन सकती हैं.

 वैसे तो स्तनपान के दौरान जीरे का सेवन करना बेस्ट माना जाता है, लेकिन अगर इस दौरान वजन घटाने के चक्कर में जीरा वाटर अधिक मात्रा में लिया जाए, तो नई मांओं को स्तनपान में दिक्कतें भी हो सकती है.

शुगर से ग्रस्त रोगियों को जीरे के पानी का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए. वैसे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए जीरे का सेवन किया जाता है.

रात को अचानक से नींद खुलना व कम आना हैं मानसिक समस्या के प्रमुख लक्ष्ण

कोरोना  के दौर में बहुत से लोगों को नींद कम आने की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि नींद कम आने का कारण डिप्रेशन और एंग्जाइटी का लक्षण भी हो सकता है.

 लेकिन अगर रोजाना ऐसी परेशानी हो रही है तो सबसे पहले जनरल फिजिशियन से सलाह लेनी चाहिए. अगर वह आपको मनोरोग विशेषज्ञों के पास जाने को कहते हैं, तो मनोरोग के डॉक्टरों से इलाज शुरू कराने की जरूरत है.

घर पर रहने के कारण उनकी जीलनशैली  भी खराह हो गया है. लोग सोने और जगने के समय को निर्धारित नहीं कर रहे हैं. कई लोग चिंता या तनाव में रहते हैं. इन सबका असर उनकी स्लीप साइकल पर पड़ रहा है.

व्यक्ति पहले रोजाना 6 से 7 घंटे सोता था और अब तीन से चार घंटे ही सो रहा है तो समझे की उसकी स्लीपिंग साइकल  बिगड़ गई है. नींद की समस्या होने पर सबसे पहले नींद के घंटे में कमी आथी है. उसके बाद नींद की गुणवत्ता खराब होती है.

कोरोना के बाद नींद कम आने की समस्या बढ़ी है. यह सब डिप्रेशन, एंग्ज़ाइटी से जुड़े लक्षण हैं. इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं. जैसे की याददाश्त का कम हो जाना, किसी काम को करने की क्षमता घटना और शरीर का वजन बढ़ना. लेकिन लोग इन लक्षणों की ओर ध्यान नहीं देते हैं.

शरीर को एनर्जी प्रदान करने के साथ फैट कम करने में सहायक हैं कार्बोहाइड्रेट

कार्बोहाइड्रेट ही शरीर को एनर्जी पहुचाते हैं। अगर आपके बच्चे कभी कभार थकान महसूस करते हैं तो आप उन्हें कुछ कार्ब्स से भरपूर चीज देकर वापिस एनर्जेटिक मोड में ला सकती हैं। लेकिन बहुत सी महिलाएं अब अपने बच्चों को कार्ब्स देने से भी कतराती हैं .

 हमारे शरीर को फंक्शन करने के लिए कुछ न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है जिनमें से एक कार्बोहाइड्रेट होता है। हमारे शरीर को इन्हीं के कारण एनर्जी प्राप्त होती है। जो खाना हम खाते हैं, उसमें मौजूद स्टार्च और शुगर से कार्ब्स प्राप्त होते हैं।

कार्बोहाइड्रेट्स क्या करते हैं 

1. शरीर को एनर्जी देते हैं

जो कार्बोहाइड्रेट्स खाने से मिलते हैं वह शुगर कंपाउंड्स में पेड़ होते हैं जैसे कि ग्लूकोज, फ्रुक्टोज सूक्रोस़ और फिर यह ब्लड द्वारा अवशोषित होकर फूड को एनर्जी में बदलते हैं। इनमें से ग्लूकोज का एनर्जी में प्रयोग होता है जबकि बाकी पैंक्रियास में स्टोर हो जाते हैं।

2. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फंक्शन में सहायक

कार्बोहाइड्रेट शरीर के अच्छे बैक्टीरिया के लिए इंधन का काम भी करते हैं। जिससे जरूरी बी कांपलेक्स विटामिंस का प्रोडक्शन होता है यही नहीं कार्बोहाइड्रेट्स कैल्शियम अवशोषण में भी सहायक है।

3 कार्बोहाइड्रेट्स खाने का स्वाद बढ़ाते हैं

जो खाद्य हम खाते हैं कार्बोहाइड्रेट्स उसमें फ्लेवर और टेस्ट ऐड करते हैं। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स को डाइजेस्ट होने में समय लगता है। इसी वजह से यह शरीर को तुरंत एनर्जी भी देते हैं।

नींबू के पानी का अत्यधिक सेवन करना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हैं हानिकारक

विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप हद से ज्यादा नींबू का पानी पीते हैं, तो इससे दांतों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है.नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड दांतों के इनैमल को प्रभावित करने के अलावा उसे खराब भी कर सकता है.

इसमें पेट में दर्द, सूजन, दस्त और अल्सर होना जैसी गंभीर दिक्कतें शामिल हैं. कहते हैं कि इसमें ऑक्सलेट क्रिस्टल का रूप ले सकता है और एक समय पर पेट में स्टोन की प्रॉबल्म भी हो सकती है.

एक्सपर्ट्स की मानें नींबू के पानी का ज्यादा सेवन करने से एक समय पर जोड़ों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है. कहते हैं कि दिन में आधे नींबू को पानी में मिलाकर पीना चाहिए.

 एसिडिटी: नींबू के पानी का ज्यादा सेवन करने से सीने में जलन की समस्या भी हो सकती है. दरअसल प्रोटीन को तोड़ने वाले एंजाइम पेप्सिन को नींबू एक्टिव कर देता है और इस कारण सीने में जलन शुरू हो जाती है.