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हेल्थ

बढती उम्र के साथ लोगों में बढ़ जाता हैं इस जानलेवा बीमारी का खतरा, एक बार जरुर देखें

हम जैसा सोचते है वैसा ही असर हमारी हेल्थ पर होता है. इसलिए, ज्यादातर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि पॉजिटिव सोचो. इससे हेल्थ पर भी पॉजिटिव इफेक्ट्स देखने को मिलेंगे. पहले तो ये सिर्फ लोग कहते थे.

लेकिन, अब स्टडी में भी सामने आया है. जहां ये पता चला है कि बुढ़ापे में निगेटिव बातों का एहसास फिजिकल हेल्थ पर बहुत इफेक्ट डालता है. इसके साथ ही ये स्ट्रेस से लड़ने की कैपेसिटी को भी इफेक्ट करता है. ये एक रिसर्च में पब्लिश हुआ है.

जिसमें पाया गया कि अपने बुढ़ापे को लेकर जो लोग पॉजिटिव सोच रहे थे. उन्हें स्ट्रेस कम था. वहीं, जो लोग अपने बुढ़ापे को लेकर निगेटिव सोच रहे थे. उनमें स्ट्रेस लेवल बहुत ज्यादा पाया गया.

आपको बता दें कि ये सर्वे ऑनलाइन किया गया था. जिसमें 52 से 88 साल की उम्र के 105 बूढ़े लोग शामिल थे. इस दौरान उनकी लाइफ सोसाइटी से जुड़े एक्सपीरिएंसिज को जानने की कोशिश की गई. स्टडी के दौरान ये पाया गया कि जिन लोगों में बुढ़ापे को लेकर बुरे ख्याल थे. उनमें अजम्पशन बेस्ड स्ट्रेस का लेवल बहुत ज्यादा था.

पॉजिटिव फीलिंग्स वाले लोगों में बीमारियों के बहुत कम सिम्प्टम्स थे. जाहिर है कि जिन लोगों में बुढ़ापे को लेकर ज्यादा निगेटिव फीलिंग्स थी. उस दिन रोजाना के कंपैरिजन में हेल्थ रिलेटिड प्रॉब्लम्स के सिम्पटम्स भी तीन गुना थे.

संतरा खाने के बाद भूल से भी न करें इन चीजों का सेवन अथवा आपको भी होगा नुकसान

संतरा एक खट्टा फल है, इसमें विटामिन सी काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। साथ ही संतरा एंटीऑक्सीडेंट्स और पोटैशियम का भी अच्छा सोर्स है। नियमित रूप से संतरा खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत  बनती है।

डॉक्टर सुगीता मुटरेजा बताती हैं कि आयुर्वेद के अनुसार जो भी हम खाते हैं, उसकी एक प्रकृति होती है। उसका असर हमारी सेहत पर पड़ता है। अगर दो अलग-अलग प्रकृति वाले खाद्य पदार्थ एक साथ खाए लिए जाते हैं, संतरा खाने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?

वैसे तो अधिकतर लोग संतरे और गाजर का जूस मिक्स करके पीना पसंद करते हैं। यह सीने में जलन पैदा कर सकता है।संतरा खाना काफी लाभदायक होता है।

इसलिए आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन संतरे के साथ दही कभी नहीं खानी चाहिए। संतरे के साथ दही खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। संतरा के बाद आपको खीर भी नहीं खानी चाहिए।

संतरा एक सिट्रस फ्रूट है। इसलिए आपको इसका सेवन सुबह के समय बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे आपको गैस, एसिडिटी की समस्या बन सकती है। सुबह के वक्त खट्टे फल खाना सेहत को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही संतरे का सेवन रात के समय भी नहीं करना चाहिए।

मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ कमर दर्द को दूर करेगा ये योगासन, डाले एक नजर

वर्क फ्रॉम हों के दौरान हम घंटों एक जगह बैठकर काम करते हैं। अनियमित लाइफस्टाइल और व्यायाम न करने के कारण हमारे कमर में दर्द, तनाव और माइग्रेन जैसी समस्याएं होने लगती है। घंटों एक ही जगह पर बैठकर काम करने से कई समस्याएं आपको परेशान कर सकती है लेकिन इसके लिए आपको दवाओं का सहारा नहीं लेना चाहिए।

मरीच्यासन योग के फायदे

1. इस योगासन के अभ्यास से कमर दर्द से राहत मिलती है और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

2. इसके नियमित अभ्यास से में राहत मिलती है।

3. रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के लिए इसका अभ्यास जरूर करें।

4. इस योगासन की मदद से पाचन क्रिया को सही करने में मदद मिलती है।

5. जांघों को मजबूत और टोन करने में सहायता मिल सकती है।

6. इस योगासन के अभ्यास से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और माइग्रेन के दर्द में भी राहत मिलती है।

7. यह कंधे, कमर और हैमस्ट्रिंग को मजबूत बनाता है।

8. इसकी मदद से रखने में भी मदद मिलती है। साथ ही पेट की चर्बी भी कम रहती है।

9. इस अभ्यास को दोनों पैरों से करने की कोशिश करें।

10. इस आसन को आप 5-5 बार कर सकते हैं।

मरीच्यासन योग करने के टिप्स

1. जिन लोगों को हाइपरटेंशन या कमर दर्द की परेशानी हो, तो इसका अभ्यास न करें।

2. पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर मरीच्यासन न करें।

3. कंधों में चोट होने पर भी इसका अभ्यास न करें।

4. पेट की समस्या होने पर इस योगासन से परेशानी बढ़ सकती है।

5. इस अभ्यास के दौरान अपनी क्षमता से अधिक जोर न लगाएं।

कैंसर से बचाव करने साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करेगी स्ट्रॉबेरी, इसके फायदों पर डाले एक नजर

स्ट्रॉबेरी बच्चों को काफी ज्यादा पसंद होती हैं। यह फल देखने में जितना आकर्षक होता है, खाने में भी उतना ही स्वादिष्ट होता है। इसका खट्टा मीठा स्वाद कई लोगों को काफी ज्यादा पसंद होता है।

साथ ही इसकी खुशबू भी काफी ज्यादा अच्छी होती है, जो लोगों को अपनी लोग काफी ज्यादा आकर्षित करती है। इसके सेवन से कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं। वजन कम करने से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव करने में मददगार होता है।

दांतों की चमक को बढ़ाने के लिए स्ट्रॉबेरी का इस्तेमाल करें। यह आपके दांतों को नैचुरल तरीके से सफेद करने का कार्य करता है। स्ट्रॉबेरी में मौजूद विटामिन-सी से दांतों का पीलापन दूर करके उसमें एंजाइमों को बनने से रोकता है।

ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी स्ट्रॉबेरी का सेवन लाभकारी होता है। दरअसल, इसमें पोटैशियम की प्रचुरता होती है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक है। आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।

स्ट्रॉबेरी के सेवन से आपके शरीर का वजन कम हो सकता है। साथ ही इससे आपके शरीर का वजन भी कम हो सकता है। स्ट्रॉबेरी में फोलेट पाया जाता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी जरूरी है। यह तत्व जन्म दोष को दूर करने में असरदार होता है। जन्म दोष एक ऐसी समस्या है,  गर्भवती महिलाओं को फोलेट से भरपूर आहार खाने की सलाह दी जाती है।

बॉडी के इन हिस्सों में दर्द होना हैं ठंड लगने के मुख्य लक्ष्ण, समय रहते आप भी हो जाए इससे सावधान

ठंड लगने के कारण नाक बहने के अलावा बॉडी के कई ह‍िस्‍सों में दर्द भी महसूस होता है। ये दर्द बताता है क‍ि आपके शरीर को ठंड लग गई है, अगर आप इन लक्षणों को पहचान लें तो दर्द का इलाज कर ठंड लगने की समस्‍या से मुक्‍ती पा सकते हैं।

अगर आप सोच रहे हैं क‍ि ठंड लगने पर शरीर के कई ह‍िस्‍सों में दर्द क्‍यों बढ़ जाता है तो इसका कारण है हमारी खराब जीवनशैली। हम बुरी आदतों के कारण शरीर के ठंड झेलने की क्षमता को खो देते हैं ज‍िसके कारण हमें शरीर के व‍िभ‍िन्‍न ह‍िस्‍सों में दर्द का अहसास होता है।

1. सिर में दर्द 

ठंड लगने पर होने वाले सबसे कॉमन पेन में स‍िर का दर्द भी शाम‍िल है। अगर आप ठंडी हवा से स‍िर का बचाव करते हुए मफ्लर या टोपी का इस्‍तेमाल नहीं करेंगे तो स‍िर में तेज दर्द की समस्‍या हो सकती है।

2. गले में दर्द 

ठंड लगने पर गले के प‍िछले ह‍िस्‍से में दर्द की समस्‍या भी होती है। इसे दूर करने के ल‍िए आप दवा लें और ठंडी चीजों के सेवन से दूरी बरतें।

3. छाती में दर्द

छाती में कफ भर जाने के कारण, ठंड लगने पर छाती में दर्द महसूस हो सकता है, आपको स्‍टीम लेना चाह‍िए या गरम चीजों का सेवन करें। ठंड लगने के कारण ब्‍लड फ्लो ठीक ढंग से नहीं हो पाता है।

4. कमर दर्द 

कमर में दर्द होने पर मांसपेश‍ियों में अकड़न महसूस हो सकती है, सर्दी या ठंड लगने पर कमर या बैक में दर्द होना भी एक आम समस्‍या है, आप रोजाना एक्‍सरसाइज करेंगे तो दर्द की समस्‍या से बच सकते हैं।

5. जोड़ों में दर्द 

भी एक कॉमन समस्‍या है जो ठंड लगने पर नजर आती है, इससे दर्द की समस्‍या दूर होगी। माल‍िश के अलावा जोड़ों को मजबूत रखने के ल‍िए एक्‍सरसाइज भी जरूरी है।

मधुमेह रोगियों के लिए बेहद लाभदायक हैं अंडे, क्या जानते हैं आप ?

क्या मधुमेह रोगी अंडे खा सकते हैं? प्रोटीन के एक उत्कृष्ट स्रोत के रूप में, मधुमेह रोगी अंडे खा सकते हैं। एक बड़े अंडे में, केवल ½ ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यही है, यह रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक का कारण नहीं होगा।

हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अंडे में उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है। मधुमेह रोगियों को हमेशा कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करनी चाहिए क्योंकि मधुमेह हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक है।

1-एक पैन में थोड़ा ठंडा पानी लें और उसमें अंडे रखें. ध्यान रखें कि एक बार में बहुत सारे अंडे न डालें. गैस स्टोव जलाएं और जब पानी उबलने लगे तो पैन को आंच से उतार लें. यदि आप चाहते हैं कि आपके अंडे का सफेद भाग थोड़ा हल्का सॉफ्ट, गुदगुदा और योक लिक्विड जैसा रहे तो ठीक 3 मिनट के लिए अंडे उबालें.

2- अगर अंडे का योक थोड़ा कम लिक्विड वाला और उसका सफेद भाग नरम और थोड़ा सा ठोस चाहिए तो अंडे को 4 मिनट तक उबालें.

3- अगर आप चाहते हैं कि अंडे की जर्दी यानी योक नर्म व चिकना रहे और अंडे की सफेदी मुलायम लेकिन ठोस हो तो आपको अंडों को 6 मिनट तक उबालना चाहिए.

4- यदि आपको अंडे का सफ़ेद भाग सॉलिड और योक सॉलिड लेकिन क्रीमी चाहिए तो इसके लिए अंडे को 10 मिनट तक उबालें.

इन वेट लॉस ड्रिंक्स का सेवन मात्र एक माह के भीतर कम करेगा आपके पेट की चर्बी

तेजी से वजन घटाने के लिए घरेलू उपाय जरूरी होते हैं. अगर आप जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो इन 3 पेय पदार्थों (Weight Loss Drinks) के बारे में जरूर जान लें. वेट लॉस डाइट प्लान (Weight Loss Diet Plan) के साथ आप इन वेट लॉस ड्रिंक्स का सेवन जरूर करें. पेट की चर्बी कम करने के लिए भी इन पेय पदार्थों का सेवन किया जा सकता है.

– नट्स और सीड्स में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से पेट भरा महसूस होता है। इससे मोटापे को नियंत्रित किया जा सकता है।

– अमरूद को वजन घटाने वाला फल कहा जाता है। इसमें डायटरी फाइबर पाया जाता है। साथ ही अमरूद मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है। इससे बढ़ते वजन में बहुत जल्द आराम मिलता है।

– एक कप स्ट्राबेरी में महज 49 कैलोरीज होती है। इसके लिए सर्दी के दिनों में स्ट्राबेरी का सेवन कर सकते हैं। इससे बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता हैं

हृदयसंबंधी बीमारियों का खतरा 30 से 70 फीसदी तक होगा कम आजमाएं ये उपाए

यह आम धारणा है कि दिल को दुरुस्त रखने के लिए शारीरिक सक्रियता जरूरी है, लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि दिल को बीमारियों से दूर रखने के लिए वेटलिफ्टिंग (वजन उठाना) से टहलने और साइकिल चलाने के मुकाबले ज्यादा फायदा होता है।

अध्ययन में सामने आया कि दोनों तरह की गतिविधियों मसलन वेटलिफ्टिंग के साथ ही टहलने और साइकिल चलाने जैसी गतिविधियां करते रहने से हृदयसंबंधी बीमारियों का खतरा 30 से 70 फीसदी कम हो जाता है।

अगर ये लोग दिल की बीमारी समेत दूसरी तरह की बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो इनको अपनी टमी पर जमा फैट को कम करना होगा. टमी पर जमी फैट को कम करने के लिए ऐसा भी न करें कि आप खाना-पीना छोड़ दें. इस आर्टिकल में हम आपको लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके बढ़ती टमी को कम करने का तरीका बता रहे हैं. इसके बारे में एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं

अमेरिका स्थित मेयो क्लिनिक ने कुछ समय पहले किये एक शोध में बताया कि जिन लोगों का शरीर बीएमआई (बॉडीमास इंडेक्स) पैरामीटर पर फैटी होता है, लेकिन उनके पेट पर चर्बी जमा न हो तो इनका मोटापा ज्यादा हानिकारक नहीं होता. लेकिन जिन लोगों के पेट पर फैट जमा होता है उनको बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.

फूड प्वाइजनिंग के कारण पाचन तंत्र हो गया हैं कमजोर तो इसे ऐसे करें ठीक

हम आपको बता दें फूड प्वाइजनिंग के कारण उल्टी, पेट दर्द, डायरिया, अपच आदि समस्याएं पैदा हो सकती है ऐसे में कुछ भी खाने-पीने में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। फूड प्वाइजनिंग के बाद आपका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है.

जिसके कारण आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो कि पाचन तंत्र पर ज्यादा दबाव नहीं डालते हैं।अगर खाना बच जाता है तो उसे फ्रीज में रखें और थोड़े समय के बाद उसे पूर्ण्तः खत्म कर दें। वहीं अगर खाने में किसी तरह की महक आने लगे तो भी उसे न खाएं।बासी खाना शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है।

अपने हाथों को जितना साफ रख सकेंगे, तो फूड प्‍वाइजनिंग का खतरा उतना ही अधिक कम होता जाएगा। ऐसे में खासकर खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं।

हमेशा कच्ची सब्जियों को बहुत अच्छे से धोना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद बैक्टीरिया भी आपको बीमार कर सकते है। फूड प्‍वाइजनिंग से बचने के लिए सब्जियों को अच्छी तरह से धोए।

इसी के साथ शहद का सेवन फूड प्वाइजनिंग के बाद भी कर सकते हैं। शहद में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि पाचनतंत्र के संक्रमण को कम कर देता है इसलिए फूड प्वाइजनिंग के बाद इलायची पाउडर के साथ शहद का सेवन करना लाभकारी होता है।

सर्दियों के मौसम में दही का सेवन करने से आपको होंगे ये सभी नुकसान

दही का सेवन आप जरूर करते होंगे, दही हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है दही को स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। ये बात भी सच है कि दही में कई सारे बैक्टेरिया भी पाए जाते हैं .

जी हां मेडिकल साइंस की माने तो अगर एक कप दही में आप जीवाणुओं की गिनती करेंगे तो करोड़ों जीवाणु नजर आएंगे। दरअसल दही में छोटे-छोटे करोड़ों की संख्या में बैक्टीरिया मौजूद होते हैं इतना ही नहीं इन बैक्टीरियों को केवल लेंस के माध्यम से देखा जा सकता है।

१। खट्टा दही शरीर में विषाक्त पदार्थों को जमा नहीं होने देता है। जिससे कब्जी जैसी गंभीर समस्या नहीं होती है। खट्टा दही शरीर में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। यह रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल के स्तर को भी कम करता है।

2। खट्टा दही खाने से पाचन में सुधार होता है। क्योंकि इसमें अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है। इससे अल्सर का खतरा भी कम होता है।

3। खट्टा दूध में उपस्थित कैल्शियम की मात्रा शरीर के वसा को बढ़ाने में मदद करने वाले हार्मोन के उत्पादन को भी रोकता है। इसलिए खट्टा दही खाने से अतिरिक्त वजन कम होने की संभावना है। इसी वजह से हर दिन खट्टा दही पीने से भी दांत मजबूत होते हैं।
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