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हेल्थ

शरीर की लंबी उम्र चाहते हैं तो दिन में करीब इतने घंटे की नींद लेना आपके लिए हैं जरुरी

अच्छी सेहत और सुंदरता के लिए जिस तरह से हमें पोषक तत्वों की जरूरत होती है ठीक वैसे ही नींद भी सेहत के लिए बहुत उपयोगी होती है। यदि शरीर की लंबी उम्र चाहते हैं तो हर इंसान को कम से कम सात से नौ घंटे सोना चाहिए। कम सोने की वजह से गुस्साए टेंशन और चिड़चिड़ापन आदि होता है। साथ ही यह मानसिक तनाव का मुख्य कारण भी है।

वैज्ञानिकों ने इसके पीछे तर्क निकाला है कि महिलाओं का दिमाग ज्यादा जटिल होता है और वो अपने दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल भी करती हैं। म्यूनिख के मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने 160 व्यस्कों के स्लीपिंग पैटर्न का विश्लेषण किया कि कैसे उनकी नींद ने उनके दिमाग पर असर किया।

उन्होंने पाया कि दिमाग की गतिविधियां उनके आईक्यू लेवल से जुड़ी हुई हैं। अगर महिलाएं अपने आईक्यू लेवल का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं तो गहरी नींद सोती है, वो भी स्वप्नरहित। लेकिन मर्दों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

3 माह से 11 माह के छोटे नवजात को 14 से 15 घंटों की नींद जरूरी है। 12 से 35 माह के बच्चों को 12 से 14 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
6 से 10 साल के स्कूल जाने वाले बच्चों को लिए दस घंटे की नींद लेनी चाहिए। 11 से 18 वर्ष के लोगों को कम से कम 9 घंटों की नींद लेना आवश्यक है।

सर्दियों के मौसम में रहना हैं ऊर्जावान तो रोज सुबह जरुर करें लेमन टी का सेवन

अक्सर हम लोग नींबू को सलाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं। नींबू पानी पीने से भी हमें बहुत ऊर्जा मिलती है और हमारी थकान दूर होती है।इसी तरह अगर आप नींबू की चाय यानी लेमन टी का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके स्वास्थय के लिए बहुत ही अच्छा है।

इसे बनाना बेहद ही आसान है। सबसे पहले पानी उबालें। अब जैसे ही पानी उबलना शुरू हो उसमें चाय की पत्ती, नींबू का रस और अदरक डाल लें। आप इसमें शहद भी डाल सकते हैं। इसे आप सुबह के अलावा शाम को भी पी सकते हैं।

नियमित रूप से नींबू की चाय पीने से अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। नींबू की चाय गठिया रोगी के लिए भी फायदेमंद होती है।लेमन टी में फ्लेवोनोइड्स नामक केमिकल होते हैं जो धमनियों में ब्लड के थक्के बनने से रोकता है जिससे आपको हार्ट अटैक का खतरा कम रहता है।

इसलिए अगर आप खुद को दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाना चाहते हैं तो लेमन टी का सेवन शुरू कर दें.
लेमन टी सर्दी और इस दौरान आने वाली बुखार के लक्षणों को कम करने में मददगार होती है। सर्दी और जुकाम होने पर नींबू की चाय में अदरक को मिलाकर पी सकते हैं।

सर्दियों के मौसम में मसाला चाय का सेवन करने से आपको हो सकते हैं ये फायदे

भारतीय लोग चाय के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वाकई में चाय हमारी संस्कृति बन चुकी है। और ये बुरा नहीं है। और हां, इसके कई स्वास्थ्य सम्बंधित फायदे भी हैं।

हममें से बहुत से लोग मानते हैं कि केवल ग्रीन टी ही फायदेमंद है लेकिन यदि आप घर पर मसाले और औषधियों से अपनी मसाला चाय बनाते हैं तो इसके कई फायदे हैं। आप चाय को वेजिटेबल सोरमा या बॉन सूप की तरह ले सकते हैं।

मसाला चाय में डलने वाले सभी मसाले जैसे लौंग, इलायची, अदरक, दालचीनी, तुलसी और चायपत्ती के यूं तो अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन जरा सोचिए कि इन सबके साथ मिल जाने से ये फायदे किस हद तक बढ़ सकते हैं. आइए जानते हैं कि मसाला चाय किस तरह अधिक लाभकारी साबित हो सकती है.

दर्द को करे कममसाला चाय में डलने वाले सारे मसाले शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने में कारगर हैं. अदरक और लौंग इनमें सबसे अहम है. 15 मिनट तक पानी में उबाले जाने के कारण इन मसालों के सारे गुण पानी में मिल जाते हैं. ये दोनों मसाले दर्द से निजात दिलाने में मददगार साबित होते हैं.

अगर आप दिनभर के थके हों तो एक कप मसाला चाय से सारी थकान छूमंतर हो सकती है. इसमें मौजूद टैनिन शरीर को राहत देने के साथ ही उसे फिर से सामान्य करने में मदद करता है.

कच्चा नमक पैदा करता हैं शरीर के लिए बहुत सारे नुकसान, क्या जानते हैं आप

नमक भोजन में इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण मसाला है, इसके बगैर न तो भोजन का कोई स्वाद रह जाता है, न ही खाने में सोडियम की कमी पूरी होती है।

मगर कुछ लोग खाना खाते वक्त सब्जी में ऊपर से कच्चा नमक भी डालकर खाते हैं, जो कि शरीर के लिए बहुत सारे नुकसान पैदा करता है।सलाद के ऊपर डालकर खाया गया नमक या फिर पकी हुई सब्जी के ऊपर डालकर खाया गया नमक सेहत के लिए जहर समान है, आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से…

नमक की कमी से होने वाले रोग

जिन लोगों को नमक की कमी होती है, उन्हें अक्सर मांसपेशियों में ऐंठन, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन हो सकता है. अत्यधिक गंभीर स्थिति में मरीज को कोमा और शॉक लगने का भी जोखिम हो सकता है.

नमक की कमी से ऐसे करें बचाव

नमक की कमी होने पर गर्मियों के मौसम में अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए. यदि इलेक्ट्रोलाइट विकार की समस्या है, तो डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए. इसके लिए इलेक्ट्रोलाइट विकार की दवाएं दी जा सकती हैं. पर्याप्त मात्रा में नमक का सेवन करना चाहिए. इन सभी बातों को यदि ध्यान रखेंगे तो नमक की कमी से होने वाले रोगों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

क्या आप जानते हैं आखिर क्यों पीनी चाहिए सत्तू की ड्रिंक, डाले इसके फायदों पर एक नजर

सत्तू में भरपूर मात्रा में आयरन, सोडियम, फाइबर, प्रोटीन व मैग्नीशियम होता है.चने की मदद से बना ये सत्तू आपको कई बिमारियों से छुटकारा भी दिलाता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में यह बहुत ज्यादा राहत दिलाता हैं.जिसकी वजह से हाई कोलेस्ट्रोल वाले लोगों के लिए यह लाभकारी है

सत्तू में अघुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. साथ ही कई जरूरी पोषक तत्व भी शामिल होते हैं.अघुलनशील फाइबर का उच्च स्तर पेट को साफ करने में मदद करता है

पाचन में सुधार करते हुए आंत की दीवारों से चिकना भोजन निकालता हैसत्तू एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली ड्रिंक है जो डायबिटीज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है.

. सत्तू का सेवन गले के रोग, उल्टी, आंखों के रोग कई अन्य रोगों में लाभकारी होता है.सत्तू को पानी में मिक्स कर इसमें चुटकी भर नमक व नीबू का रस मिलाकर पीने से शरीर के अधिकांश टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं.

सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. यही वजह है कि जिन लोगों को डायबिटीज है, उन लोगों के लिए सत्तू का प्रयोग बेहतर है. यही नहीं सत्तू आपका ब्लड प्रेशर को नियंत्रित भी करता है. इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है,

 

प्रोटीन का प्राकृति स्रोत कही जाने वाली मटर आपके स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद

कुछ डिशेज ऐसी हैं, जो मटर के बिना अधूरी हैं। फिर चाहे हम बात करें पुलाव की या फिर वेज बिरयानी और मटर-पनीर की। इन व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़े-से मटर ही काफी हैं। एक तरफ इनका स्वाद लाजवाब है, तो वहीं दूसरी तरफ इनके आयुर्वेदिक गुण भी अनगिनत हैं।

क्या आप हर समय खुद को थका और उदास महसूस करते हैं? अगर हां, तो ऐसे में आपको अपनी किसी डाइट में मटर को जरूर शामिल करना चाहिए. मटर प्रोटीन हासिल करने का प्राकृति स्रोत होने के साथ शरीर को ऊर्जा देने का भी काम करता है. मटर के इस्तेमाल से आपकी थकान दूर होगी और आप ज्यादा सक्रिय रह सकेंगे.

डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए मटर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. दिन के एक भोजन में किसी न किसी रूप में मटर शामिल करना मुफीद साबित होगा. मटर में मौजूद प्रोटीन आपके शरीर में इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा मटर के इस्तेमाल का ये फायदा होगा कि आपके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ नहीं पाएगा. इससे शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है.

पेट के कीड़े की समस्या से हैं परेशान तो अजवाइन पानी का ये उपाए आपको दिलाएगा छुटकारा

मनुष्य के पेट में, आंतों में विभिन्न प्रकार के कीड़े पाये जाते हैं| पाचन अनस्थान से संबन्धित इन कीड़ों को ही आम लोग पेट के कीड़े के नाम से संबंधित करते हैं|ये कई तरह के होते हैं जो तरह-तरह के विकारों से उत्पन्न होते हैं|

पेट में जब कीड़े हो जाते हैं तो उनके कारण निम्न लक्षण पैदा होते हैं: मिचली, जी मचलाना, लाल साव्र, अजीर्ण, अरुचि, उल्टी, ज्वर, दुर्बलता, छींक, नज़ला-जुकाम आदि|इसके अतिरिक्त पेट में तीव्र दर्द, भूख की कमी, रक्त की कमी आदि लक्षण भी पाये जाते हैं|

बच्चों के पेट में जब कीड़े होने की समस्या होती है तो उनके प्राइवेट पार्ट पर के बाहरी हिस्से पर खुजली और जलन की शिकायत हो सकती है.जब भी भोजन करने जाएं तो सबसे पहले छोटा आधा चम्मच अजवाइन पानी के साथ निगल लें.

ऐसा आप दिन में दो बार कर सकते हैं. 3 से 4 दिनों तक ऐसा करें. इन दिनों मीठे से परहेज रखें लेकिन इसके बाद भी आराम ना मिले तो डॉक्टर की सलाह लें.

-तवे पर जीरे को भून लें. इन्हें आधा चम्मच लें और गुड़ के साथ खाएं. आप जीरे को पाउडर बनाकर भी खा सकते हैं. 5-6 दिनों में आपको आराम मिल जाएगा.

खर्राटे की समस्या से हैं परेशान तो सोते समय पानी में इस चीज़ को मिलकर करें इसका सेवन

खर्राटे की समस्या अमूमन हर घर में किसी न किसी मेम्बर को होती है. सोते वक्त खर्राटे आने का मुख्य कारण नशा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाना, स्ट्रेस, नशा या फिर हार्मोनल में परिवर्तन के वजह से होता है.

इतना ही नहीं बल्कि यदि मौसम में परिवर्तन के कारण जुकाम, खांसी या बुखार होने वाला हो तो खर्राटे इसका इशारा भी देते हैं. खर्राटों से आने वाली आवाज से न सिर्फ उन्हें ही समस्या होती है, साथ ही इर्द-गिर्द सोने वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं. ऐसे में खर्राटे से निजात पाने के लिए कुछ टिप्स बता रहा है, जिसे आप जरूर आजमाना चाहेंगे.

-घी को गर्म करें. इसके बाद गुनगुना होने के बाद 2 या 3 बूंदे नाक में डालें. रोज रात को सोने से पहले ऐसा करने पर खर्राटों में राहतमिलेगी.

-एक कप पानी में आधा-आधा चम्मच चायपत्ती, अदरक पाउडर, दो लौंग  नींबू के रस को उबालें. इस काढ़े को रात में सोने से पहले पीएं.

-बॉडी में पानी की कमी से नाक  गले में कफ बढ़ जाता है, जिससें सांस में रूकावट आती है. ऐसे में दिन में 3 से 4 लीटर गुनगुना पानी पीएं.

-एक गिलास पानी में पुदीने के ऑयल की 4-5 बूंदें डालकर इससे गरारा करें. खर्राटों में तुरंत आराम मिलेगा.

-नमक मिले गुनगुने पानी से गरारा करें. ऐसा करने पर गले की नसों में होने वाली सूजन अच्छा होती है  खर्राटों से राहत मिलती है.

-सोने से पहले एक चम्मच शहद पीएं. इससे गले की नशों मं आराम मिलेगा  खर्राटों की समस्या भी समाप्त होगी.

-एक कप पानी में एक अदरक का छोटा टुकड़ा उबालकर 5 मिनट बाद में एक चम्मच शहद मिलाकर पींए. ऐसा दिन में 2-3 बार करें. खर्राटों की समस्या समाप्त होगी.

भूख न लगने की समस्या से हैं परेशान तो रोज़ रात में सोने से पहले आजमाएं ये उपाए

अगर आप को भी भूख न लगने की समस्या है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है।

यह समस्या गलत जीवन-शैली, खान-पान की बुरी आदतों के कारण उत्पन्न होती है। एनोरेक्सिया से निजात पाने के लिए अच्छी जीवनशैली, खान-पान पर विशेष ध्यान और व्यायाम आवश्यक है।

30 ग्राम पानी में हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से भूख लगनी जल्द शुरू हो जाती है।भोजन अकेले करने से भी भूख कम लगती है अगर आप कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाएंगे तो यह स्वाभाविक सी बात है कि खाना खाने पहले के मुकाबले ज्यादा खाया जाता है इसलिए कोशिश करें अकेले खाना ना खाएं

रात को सोने से पहले अांवला का तीसरा भाग,हरड़ का दूसरा और बहेडा(बेलेरिक मिरोबोलम) का एक भाग मिलाकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ पी लेने से सुबह पेट साफ हो जाता है। इससे भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

 

सर्दियों के मौसम में हार्ट फेल का बढ़ जाता हैं खतरा जिसे कम करने के लिए आजमाएं ये नुस्खे

 सर्दियों के मौसम में अस्पताल में भर्ती होने की दर और दिल गति रुकने (हार्ट फेल) मरीजों की मृत्युदर में अधिकता देखी गई है इन दिनों अपने दिल का ख्याल कैसे रखें, इसके लिए चिकित्सकों ने कुछ तरीका सुझाए हैं

मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ देवकिशन पहलजानी का कहना है कि सर्दियों के इस असर की जानकारी से मरीजों  उनके परिवारवालों को लक्षणों के प्रति ज्यादा ध्यान देने के लिये प्रेरित करती है

यह पाया गया कि एआरएनआई थैरेपी जैसे उन्नत इलाज जीवनशैली में परिवर्तन के साथ  बेहतर हो सकते हैं, जिससे हार्ट फेलियर मरीजों की जिंदगी में उल्लेखनीय रूप से सुधार लाया जा सकता है

हार्ट फेलियर के लिए खतरे के कुछ कारक

वायु प्रदूषण: ठंडा मौसम, धुंध  प्रदूषक जमीन के  करीब आकर बैठ जाते हैं, जिससे छाती में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है  सांस लेने में कठिनाई पैदा हो जाती है आमतौर पर हार्ट फेल मरीज सांस लेने में तकलीफ का अनुभव करते हैं  प्रदूषक उन लक्षणों को  भी गंभीर बना सकते हैं, जिसकी वजह से गंभीर मामलो में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है

कम पसीना निकलना: कम तापमान की वजह से पसीना निकलना कम हो जाता है इसके परिणामस्वरूप बॉडी अलावा पानी को नहीं निकाल पाता है  इसकी वजह से फेफड़ों में पानी जमा हो सकता है, इससे हार्ट फेलियर मरीजों में ह्दय की कार्यप्रणाली पर गंभीर असर पड़ सकता है

विटामिन-डी की कमी: सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन-डी, दिल में स्कार टिशूज को बनने से रोकता है, जिससे हार्ट अटैक के बाद, हार्ट फेल में बचाव होता है सर्दियों के मौसम में सही मात्रा में धूप नहीं मिलने से, विटामिन-डी के स्तर को कम कर देता है, जिससे हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है