Saturday , November 23 2024

हेल्थ

विटामिन डी की कमी होने से आपके शरीर में हो सकती हैं ये घातक बीमारियाँ

शरीर के विकास के लिए विटामिन्स और मिनरल्स काफी जरूरी है। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है तो वह कई संकेत देने लगता है। यह विटामिन हमारे लिए काफी जरूरी है।

आप दूध पीने से परहेज करते हैं और सही मात्रा में धूप भी नहीं लेते तो शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी की कमी हो सकती है। यह काफी गंभीर समस्या है, जिससे हमारा स्वास्थ्य बिगड़ भी सकता है। विटामिन डी का हमारे शरीर में काफी महत्तवपूर्ण रोल है।

ये हैं लक्षण

1.हर वक्‍त थकान महसूस होना

अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इसका सबसे बड़ा लक्षण आपका हर वक्‍त थका हुआ महसूस करना है. अगर आप अच्‍छा भोजन करते हैं और रात भर पूरी नींद लेते हैं इसके बाद भी अगर आपको नींद आती रहती है तो यह विटामिन डी की कमी का एक लक्षण हो सकता है.

2.हड्डियों में दर्द

शरीर में कैल्शियम को ऑब्‍जर्ब करने का काम दरअसल विटामिन डी करता है. ऐसे में अगर आप भरपूर दूध पीते हैं और कैल्शियम से भरपूर भोजन करते हैं इसके बाद भी शरीर में दर्द की शिकायत रहती हो तो इसकी वजह विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल आपके शरीर में कैल्शियम तो जा रहा है लेकिन विटामिन डी की कमी होने की वजह से बॉ‍डी इसको अपने भीतर सोख नहीं पाता.

3.चोट जल्‍दी नहीं होता ठीक

अगर आपका चोट बहुत दिनों तक ठीक नहीं होता तो इसकी वजह भी विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल विटामिन डी इंफेक्‍शन से लड़ने और शरीर में स्‍वेलिंग आदि को ठीक करने में मदद करता है. ऐसे में जब विटामिन डी की कमी हो जाती है तो किसी भी चोट को ठीक होने में ज्‍यादा वक्‍त लगता है.

हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ वजन घटाने में मददगार हैं साबूदाना

साबूदाने का नाम सुनते ही दिमाग में सफेद रंग के बीज या मोती जैसे खाद्य पदार्थ की तस्वीर उभरकर आती है। अक्सर व्रत और उपवास में सामान्य भोजन को त्याग दिया जाता है और इसके स्थान पर साबूदाने के पकवानों का सेवन किया जाता है।

व्रत के अलावा भी साबूदाने का उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है। साबूदाने की खीर और खिचड़ी के बारे में तो सभी वाकिफ ही होंगे। क्या आपको मालूम है कि पकवानों और व्यंजनों के रूप में खाए जाने वाला साबूदाना आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। हम बात करेंगे साबूदाने के बारे में। साथ ही यह भी जानेंगे कि साबूदाने के फायदे, उपयोग और नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।

1. हड्डियों को बनाता है मजबूत
यह कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाने का काम भी करता है. दरअसल, हड्डियों को मजबूत करने और उनके विकास के लिए हमें कैल्शियम की जरूरत होती है, और साबूदाने में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है. साबूदाने में मैग्नीशियम की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हमारी हड्डियों को टूटने से भी बचाता है.

2. बरकरार रहता है एनर्जी लेवल
ब्रेकफास्ट के लिए साबूदाना बेहतर फूड है. अगर आप सुबह टाइम इसका सेवन करते हैं तो दिन भर एक्टिव फील होगा और शरीर स्वस्थ्य रहता है.

3. वजन घटाने में मददगार
साबूदाने से आप वजन कम कर सकते हैं. इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आपके वजन बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है.

सोते समय सांस लेने में परेशानी होने की वजह से आपके साथ भी हो सकती हैं ये समस्या

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है.

जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है. सांस अच्छा से नहीं ले पाने से कई बार शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है जिससे हाई बीपी की समस्या हो सकती है.

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

पैरों की उंगलियों की सफाई करने के लिए आप भी आजमाएं ये सिंपल व सरल नुस्खा, जरुर देखें

आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है कुछ ख़ास टिप्स जिनकी मदद से आप भी अपने पैरो को नरम मुलायम और खूबसूरत बना सकते है इसके लिए सबसे पहले सप्ताह में कम से कम एक बार पैरों की उंगलियों की सफाई अच्छे तरीके से करनी चाहिए।इसके लिए अपने पैरों के नाखूनों पर क्यूटिकल ऑयल रगड़ें। ऑयल लगाने के बाद करीब 10 मिनट अपने पैरों को हल्के गर्म पानी में भिगाएं।

कैसे बनाएं

फुट क्रीम बनाने के लिए एक कटोरी में थोड़ा सा कैंडल वैक्स पिघलाकर डालें और इसमें थोड़ा सा नारियल का तेल मिलाएं. इसे गर्म करें. गर्म हो जाने के बाद थोड़ा सा एलोवेरा जेल और एसेंशियल ऑयल की 3-4 बूंदे इसमें मिलाएं. इन्‍हें अच्‍छी तरह से मिक्स कर लें. अब यह तैयार है. इसे किसी एयरटाइट कंटेनर में स्‍टोर करें.

कैसे करें प्रयोग
रात में सोने से पहले अपने पैरों को साबुन से अच्छी तरह धोएं और पैरों को साफ तौलिये से पोंछ लें. अब इस फुट क्रीम को अपनी फटी एड़ियों पर अच्‍छी तरह लगाएं. क्रीम लगाने के 2 मिनट बाद कॉटन के मोज़े पहन लें. ऐसा एक सप्‍ताह तक रोज करें. आपकी एड़ियां वापस खूबसूरत हो जाएंगी.

प्लास्टिक एनीमिया से ग्रसित मरीजों में अक्सर दिखने लगते हैं ऐसे लक्ष्ण

अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस अवस्था में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है।

इस रोग के लक्षण एकाएक सामने नहीं आते हैं लेकिन अगर इस रोग को अधिक समय तक इग्‍नोर किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बोन मेरो के भीतर स्टेम कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने लगते है।

लेकिन सबसे ज्यादा इस रोग का खतरा टीनेज और 20 वर्ष की उम्र में अधिक बना रहता है। बता दें, पुरुषों और महिलाओं में इसका खतरा समान ही बना रहता है। अप्लास्टिक एनीमिया दो तरह के होते है-
अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए CBC यानी कम्प्लीट ब्लड काउंट के टेस्ट का विकल्प चुना जाता है। इसके अलावा बोन मैरो बायोप्सी भी अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने का एक खास तरीका है।

अप्लास्टिक एनीमिया रोग के लक्षण दिखने पर डॉक्टर इसकी पहचान के लिए कई तरह के टेस्ट करते हैं। अगर यह बीमारी किसी को गंभीर रूप से है तो उसका इलाज बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के जरिए होता है।

बीमारी की स्थिति गंभीर नही होने पर चिकित्सक दवाइयों के सहारे इसका इलाज करते हैं। शरीर को इन्फेक्शन से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स और एंटी-फंगल दवाएं भी दी जाती हैं। अप्लास्टिक एनीमिया का पता लगाने के लिए खून की जांच और बोन मैरो टेस्ट किया जाता है।

 

मूंग की दाल का जूस आपके स्वास्थ्य के लिए हैं बेहद फायदेमंद, जरुर देखें

मूंग की दाल हर कोई चाव से खाना पसंद करता है, घरों में मूंग की दाल के कई तरह के वैरायटीज बनाई जाती है जैसे मूंग दाल का हलवा, लड्डू पकौड़े, सूखी सब्‍जी और दाल तो खैर ही है हमारे फिक्‍स मैन्‍यू में।

मूंग की दाल हमारे हेल्‍थ के ल‍िए काफी फायदेमंद है इसमें काफी मात्रा में पौष्टिक तत्‍व होते है। इस वजह से ही मूंग की दाल को दालों की रानी कहा जाता है। मूंग की दाल हमें हेल्‍दी बनाएं रखने के अलावा हमारे शरीर को कई तरह से इम्‍यून रखती है।

वजन कम करने में मददगार
दाल के पानी में कैलोरी की मात्रा नहीं के बराबर होती है साथ ही इसमें प्रोटीन भी अच्छी-खासी मात्रा में होता है. तो दो से तीन बाउल दाल का पानी पीने से पेट फुल हो जाता है, भूख नहीं लगती जिससे बार-बार खाने और ओवरइटिंग से बचा जा सकता है.

पाचन तंत्र रहता है ठीक
फाइबर से भरपूर होने की वजह से दाल का पानी कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी कई समस्याओं को दूर रखता है. डाइडेशन खराब है, कुछ खाते ही उल्टी हो जाती है तो ऐसे में सिर्फ दाल का पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

एनर्जी बनाए रखता है
अगर आपको एनर्जी लो लग रही है तो ग्लूकोज़, इलेक्ट्रॉल पीने की जगह आप दाल का पानी भी पी सकते हैं. इसे पीने से बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है.

बढती उम्र के साथ यदि आपको भी हो रही हैं घुटनों के दर्द की समस्या तो आजमाए ये उपाए

पैरों में एक छोटी सी तकलीफ इंसान को लड़खड़ा कर चलने पर मजबूर कर देती है। ऐसा तब होता है जब इंसान को पैरों में कोई चोट लगी हो या फिर उसके घुटनों में कोई समस्या हो…पहले यह समस्या केवल बुजुर्गों में होती थी लेकिन अब कुछ युवाओं को भी घुटनों में दर्द की शिकायत होने लगी है

दरअसल घुटने शरीर के बेहद जरूरी अंगों में से एक हैं। चलने और दौड़ने में यही घुटने मदद करते हैं लेकिन खान-पान में कमी और गलत एक्सरसाइज के कारण भी इसमें दर्द होने लगता है। नीचे जानें ऐसी ही कुछ एक्सरसाइज जिससे आपके घुटने मजबूत बने रहेंगे।

वाइट ब्रेड- आर्थराइटिस के कुछ मरीजों में ग्लूटन से एलर्जी होने की समस्या भी देखने को मिलती है. अगर किसी को ऐसी समस्या हो तो उन्हें मैदे की रोटी, ब्रेड जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए.

कैफीन- कॉफी चॉकलेट आपको कितनी भी पसंद क्यों न हो लेकिन आपको इनसे दूरी बना लेनी चाहिए क्योंकि कैफीन आपके घुटनों में दर्द की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. खासतौर पर ब्लैक कॉफी आपके लिए बहुत हानिकारक है.

फ्रेंच फ्राइज- डीप फ्राइड चीजें खासतौर पर फ्रैंच फ्राइज के सेवन से आर्थराइटिस के मरीजों को दूर रहना चाहिए क्योंकि ये वेजिटेबल ऑयल में तैयार किए जाते हैं, जिनमें ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है. साथ ही ये कार्बोहाइड्रेट सोडियम से रिच होते हैं. ये सभी चीजें मिलकर शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करती हैं.

रात को सोने से पहले इस चीज़ का जरुर करें सेवन कब्ज की समस्या से मिलेगा छुटकारा

अगर किसी को कब्ज की समस्या हो तो सुबह को पेट साफ नहीं होता है जिसकी वजह से पूरा दिन खराब हो जाता है। पेट साफ न होने की वजह से पेट में जलन, दर्द, मरोड़ मितली होना, पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति ठीक तरह से खा पी भी नहीं पाता है, न ही किसी काम में मन लगता है।

लोग कब्ज दूर करने के लिए कई उपाय करते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं मिलता है, क्योंकि कब्ज की समस्या ज्यादातर खराब खान-पान की वजह से होती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे मेें जिन्हें अपने सुबह के नाश्ते में शामिल करके कब्ज से राहत पा सकते हैं।

फल : मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, आड़ू, अनानास, कीन्नू, अमरूद, पपीता और रसभरी, अनार.
सब्जियां : आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, मैथी, मूली, खीरा, ककड़ी, पालक, नींबू, सरसों व बथुआ. अनाज : रोटी बनाने के लिए गेहूं के आटे में ५ फीसदी तक काले चने का आटा या चोकर मिलाकर इस्तेमाल करें.

रात को सोने से अच्छा पहले गुनगुने पानी से गंधर्व हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच लें या फिर स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण आधा से एक चम्मच मिलाएं. बिल्वादि चूर्ण एक चम्मच, गुनगुने पानी से लें या दो छोटे चम्मच केस्टर तेल (अरंडी का तेल) गुनगुने पानी या दूध में मिला कर लें. गुलकंद एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लेने से भी कब्ज की समस्या बहुत ज्यादा हद तक दूर हो सकती है.

दूध में मिलाकर पीएं ये खास चीजें जिससे मजबूत होगी आपकी इम्यूनिटी, जरुर देखें

रिपोर्टों और कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, COVID -19 इस बार बच्चों और नौजवानों को अपना शिकार ज्यादा बना रहा है। ऐसे में डॉक्टर इस वायरस से बचे रहने के लिए व्यक्ति को अपनी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनाए रखने की सलाह देते नजर आ रहे हैं।

खजूर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-वायरल, विटामिन और आयरन के गुण मौजूद होते हैं। खजूर को दूध में उबालकर पीने से आप अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनाए रख सकते हैं। कद्दू, सूरजमूखी, चिया व अलसी के बीजों के साथ दूध पीएं। इससे वायरल इन्फेक्शंस से बचाव होने के साथ सर्दी-खांसी व मौसमी बीमारियों से भी बचाव होता है। सूखे मेवों का दूध के साथ सेवन करने से इनकी पौष्टिकता बढ़ जाती है।

हल्दी वाला दूध पीने से भी इम्यूनिटी में सुधार होता है। हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-कैंसर गुण शरीर को कई रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। दूध में अदरक मिलाकर पीने से भी फायदा होता है। अदरक में विटामिन, आयरन, कैल्शियम, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल गुण होते हैं।

औषधिय गुणों से भरपूर अचार का अत्यधिक सेवन हो सकता हैं हानिकारक

आम, नींबू और गाजर जैसे हेल्दी फलों और सब्ज़ियों में हल्दी, धनियां, कलौंजी और सरसों जैसे आयुर्वेदिक और औषधिय गुणों से भरपूर मसालों के मिश्रण से बनने वाले अचार को लेकर हालांकि, कई तरह की बातें की जाती हैं। अक्सर, यह सवाल उठता है कि क्या अचार हमारी सेहत के लिए नुकसान पहुंचता है? अचार के सेवन से जुड़ी कुछ ऐसे ही मिथकों के बारे में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रूजुता ने हाल ही में बात की और बताया कितनी सच और कितनी झूठी हैं ये बातें।

रूजुता दिवेकर कहती हैं कि, ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह नमक नहीं बल्कि, हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें हैं। जैसे, एक्सरसाइज़ ना करना, नींद की कमी, जंक फूड खाने जैसी आदतों की वजह से लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। हालांकि, जो लोग अपनी डायट में साधारण समुद्री नमक की बजाय, काला नमक और सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते हैं।

तेल के सेवन से दिल की बीमारियां नहीं होती-यह कहना है रूजुता दिवेकर का। ब्लड प्रेशर की तरह हार्ट डिज़िज़ेज भी लाइफस्टाइल मिस्टेक्स की वजह से बढ़ती हैं। रूजुता दिवेकर सलाह देती हैं कि अपनी पारिवारिक और क्षेत्र विशेष की पाक कला में इस्तेमाल होने वाले नैचुरल तेलों का प्रयोग अचार बनाने के लिए करना चाहिए। इससे घर का बना अचार हेल्दी और सुरक्षित बनता है। जबकि, कमर्शियल अचार का सेवन करने से बचना चाहिए।