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हेल्थ

पेट पर जमी चर्बी को कम करने के लिए आप भी आजमा सकते हैं ये उपाए

पेट पर जमा मोटापा घटाने (Weight loss)  के लिए उपाय या पेट की चर्बी कैसे कम करें के इरादे से अगर आप व्यायाम कर रहे हैं तो आपको हम बड़े ही आसान तरीकों में बताएंगे कि कैसे आप मोटापे से निजात पा सकते हैं. पेट पर जमी चर्बी को कम करने के लिए सबसे पहले अपना कैलोरी इनटेक सही करना होगा.

अगर आप जरूरत से ज्यादा कैलोरी ले रहे हैं तो यह आपके पेट पर वसा के रूप में जम जाती है. एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम आपके वजन को कम करने और  चर्बी को खत्म करने में मदद कर सकता है. आगे हम आपको बता रहे हैं कि कैसे इस मोटापे की बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं

नींबू और घी के साथ गर्म पानी
पेरिस्टैल्सिस को सुधारने के लिए घी या नींबू के साथ 200 मिलीलीटर गर्म पानी का सेवन मुफीद रहेगा. अगर आपके शरीर का प्रकार वात या पित्त है तो पानी के साथ घी इस्तेमाल करना चाहिए. इससे कब्ज दूर करने में मदद मिलेगी. साथ ही पाचन प्रणाली को चिकना करेगा.

कच्चे फल का सेवन
हर्बल चाय पीने के बाद कच्चे फलों का सेवन करें. इसके लिए लाल-हरा सेब, चेरी, स्ट्राबेरी, ब्लैकबेरी, अनानास, आंवला, अधपका केला और अनार बेहतरीन विकल्प हो सकता है. ये फल शरीर में पानी के अवरोध को कम करते हैं.

पाचक चाय का इस्तेमाल
आज कल बाजार में कई तरह की आयुर्वेदिक चाय मिलती है. लेकिन बेहतर है पीने के लिए आप घर पर खुद चाय तैयार करें. इसके लिए एक चम्मच जीरा, एक चम्मच सौंफ, एक चम्मच धनिया, एक इलाइची और थोड़ा अजवाइन लें. मात्रा में आधा होने तक सभी सामग्री को 50 मिलीलीटर पानी में उबालें.

खाली पेट कॉफी पीने की हैं आदत तो आज ही जान ले इससे होने वाले नुकसान

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

वायरस और बैक्टीरिया से आपके शरीर को दूर रखेगा काली मिर्च का सेवन

आप सभी ने अब तक काली मिर्च के फायदे के बारे में तो सुना ही होगा. काली मिर्च वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ जबरदस्त काम करती है. जी हाँ और इससे सेहत को बड़े फायदे होते है.काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 4 बार चाटने से खांसी दूर हो जाती है

जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है।

वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।

कहा जाता है घी और मिश्री के साथ काली मिर्च का चूरण चाटने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है.अगर गले का इंफेक्शन दूर करना है तो आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर पानी से गरारें करें.

आधा चम्मच पिसी काली मिर्च को थोड़े से घी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.कहा जाता है काली मिर्च को बारीक पीसकर घी में मिलाकर दाद-फोड़े और फुंसी पर लगाने से लाभ होता है.

वॉशरूम हाइजिन की नई स्टडी में हुआ खुलासा, शौचालय में मोबाइल फोन का उपयोग हो सकता हैं घातक

स्मार्टफोन से दूर रहना शायद आज हमारे बस में नहीं है, लेकिन एक नई स्टडी में ऐसी बात सामने आई है जिसके बाद लोग शायद स्मार्टफोन से थोड़ा समय दूर रहने की कोशिश करें। इनिशियल वॉशरूम हाइजिन की नई स्टडी में पता चला है कि जितने बैक्टिरिया टॉयलेट सीट पर होते हैं, उससे 7 गुना ज्यादा बैक्टिरिया मोबाइल फोन पर होते हैं। रिसर्चर ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अब ज्यादातर लोग बाथरूम में भी अपने फोन को लेकर जाते हैं।

 

वर्तमान व्यस्त जीवनशैली, फास्ट फूड और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण भी लोगों को बवासीर का खतरा बढ़ जाता है। उसके ऊपर, शौचालय में मोबाइल फोन का उपयोग करने से जोखिम बढ़ गया है। क्योंकि मोबाइल का उपयोग करते समय, आवश्यकता से अधिक समय शौचालय में व्यतीत होता है। ऐसा कहा जाता है कि लोग अन्य समय की तुलना में मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए शौचालय में तीन गुना अधिक समय बिताते हैं।

इस स्टडी में रिसर्चर ने टॉयलेट सीट को स्कैन करने पर 220 ऐसे स्पॉट की पहचान की, जहां बैक्टिरिया मिले। जबकि मोबाइल फोन को स्कैन करने पर ऐसे 1479 स्पॉट मिले, जो टॉयलेट सीट के मुकाबले 7 गुना ज्यादा है।

इससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपको टॉयलेट जाते समय अपना मोबाइल फोन अपने साथ नहीं लाना चाहिए। शौचालय में न केवल मोबाइल बल्कि समाचार पत्र और पत्रिकाओं को भी नहीं पढ़ना चाहिए। इसी तरह, कमोड की तुलना में पाइन शौचालय का उपयोग करना बेहतर है। जब यह प्रक्रिया नियमित होती है, तो इससे बवासीर की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।

मानसिक रोग से ग्रसित मरीजों के लिए सोयाबीन हैं वरदान, देखें इसके फायदे

खराब खान-पान की वजह से लोगों को आजकल तमाम तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि अधिकतर पुरुष बहुत कम उम्र में कमजोर हड्डियां, कमजोर मांसपेशियां, कामेच्छा की कमी, ऊर्जा शक्ति कम होना, दिल और पेट संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं।

हालांकि बेहतर डाइट में बदलाव करके आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बता रहे हैं जिसका सेवन खाना खाने के बाद करने पर शरीर को बेहद लाजवाब फायदे मिलते हैं।

1) यदि आपको कोई मानसिक रोग है तो आप सोयाबीन को अपनी डाइट में शामिल करें। सोयाबीन मानसिक संतुलन को ठीक करके दिमाग को तेज करता है।
2) सोयाबीन हड्ड‍ियों के लिए लाभदायक है। यह हड्ड‍ियों को पोषण देता है जिससे वे कमजोर नहीं होती और हड्डी टूटने का खतरा भी कम होता है। इसका सेवन हड्ड‍ियों की सघनता को बढ़ाने में सहायक है।
3) मुधमेह रोगियों को सोयाबीन का सेवन करने से मूत्र सम्बन्धित परेशानी से निजात मिलता है मधुमेह रोगी को सोयाबीन से बनी रोटी आदि का सेवन करना लाभदायक है।

माउथ फ्रेशनर के रूप में करते हैं च्यूइंगम का सेवन तो जरुर जान ले ये बाते…

च्यूइंगम चबाने से लोग मोटे हो सकते हैं, क्योंकि इसका मिंटयुक्त स्वाद मीठे खाद्य पदार्थो को और स्वादिष्ट बना देता है और मन करता है, बस खाए जाओ..खाए जाओ। जरूरत से ज्यादा खाना भी मोटापे की वजह है।

च्यूइंगम का प्रयोग आप माउथ फ्रेशनर के रूप में करते हैं मगर क्या आपको पता है कि च्यूइंगम आपके मुंह से जुड़ी कई परेशानियों को आसानी से खत्म कर सकता है।

अभी तक आपने लोगों से च्यूइंगम खाने के नुकसानों के बारे में सुना होगा मगर हम आपको बता रहे हैं कि च्यूइंगम खाने से न सिर्फ आप अपना वजन तेजी से घटा सकते हैं बल्कि दांतों और मुंह की कई समस्याएं भी आसानी से ठीक कर सकते हैं।

एक ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है। इंग्लैंड के समाचार पत्र ‘डेली मेल’ की रपट के अनुसार वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के दौरान पाया कि जिन लोगों को च्यूइंगम चबाने के लिए दिया गया, उन्होंने उच्च कैलोरी युक्त मीठे खाद्य पदार्थो का सेवन ज्यादा किया।

इस अध्ययन के सह लेखक एवं ओहियो विश्वविद्यालय में पोषण में शोधछात्र क्रिस्टाइन स्वोबोडा ने वेबसाइट लाइवसाइंस डॉट काम को दिए साक्षात्कार में कहा, “इसके पीछे वही रासायनिक प्रतिक्रिया काम करती है जिसके कारण ब्रश करने के बाद आपको संतरे के जूस का स्वाद खराब लगने लगता है।”

उन्होंने कहा, “हमारी रुचि यह पता लगाने में भी है कि क्या यह वजन कम करने में भी सहायक हो सकता है।”

बच्चों की सेहत का ख्याल करते वक्त अक्सर ये छोटी-छोटी गलतियाँ करते हैं पेरेंट्स

इन दिनों बच्चों में मोटापा और ओवरवेट की बीमारी आम तौर पर देखी जा रही है. इसका असर बच्चों के विकास और पढ़ाई पर भी पड़ता है.क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा होता क्यों है? आपको बता दें कि इस प्रॉब्लम की मुख्य वजह हमारे खान-पान से जुड़ी है.

बहुत से पेरेंट्स अपने बच्चों की सेहत का ख्याल करते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जो कि उनके बच्चों को काफी नुकसान पहुंचाती है. अगर आप भी पेरेंट हैं और अपने बच्चों को ब्रेकफास्ट में ऑरेंज जूस देते हैं तो जान लें यह नुकसानदेह हो सकता हैं. हाल ही में एक स्टडी के मुताबिक बताया गया है कि खाली पेट ऑरेंज जूस पीने से मोटापा बढ़ता है.

स्टडी में यह भी पाया गया है कि जो बच्चे सुबह में आधा-एक ग्लास जूस पीते हैं वह उन बच्चों से मोटे होते हैं जो सुबह ऑरेंज जूस नहीं पीते हैं. रिसर्च में यह भी सामने आया है कि ब्रेकफास्ट नहीं करना भी मोटापे और ओवरवेट की एक मुख्य वजह है.

हालांकि मार्केट में मिलने वाले फ्रुट जूस को हेल्थ के हिसाब से अच्छा माना जाता है लेकिन उसमें भी शुगर और कैलोरिज की मात्रा अधिक होती है. यह भी वजन को बढ़ाता है.

बता दें कि पहले के रिसर्च में यह बताया गया था कि 350मिलीलीटर फ्रूट जूस में तकरीबन नौ चम्मच शुगर होता है जो कि आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है. हालांकि नेचुरल फ्रूट में इस तरह की चीजें नहीं पाई जाती हैं.

विटामिन C से भरपूर टमाटर आपको दिलाएगा ये सभी फायदे, देखें यहाँ

सब्जी का स्वाद टमाटर बढ़ा देता है इसलिए इसका यूज ज्यादा किया जाता है. पर आप ये नहीं जानते होंगे कि आपकी सेहत के साथ-साथ टमाटर आपकी खूबसूरती को निखार सकता है. टमाटर के जूस में अमीनो एसिड बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं, जो दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में काम करता है।

इसके अलावा टमाटर में विटामिन-ए विटामिन-सी फाइबर, फोलेट कैल्शियम होता है, जो हेल्दी लाइफ के लिए बहुत जरुरी होता है. टमाटर का रस पीने से वजन कोलेस्ट्रॉल दोनो कंट्रोल में रहते हैं. इतना ही नहीं टमाटर जूस पीने से चेहरे पर चमक आती है.

पीने के फायदे टमाटर का जूस

  • एंटीऑक्सिडेंट्स से भरे हुए टमाटर में विटामिन C के साथ विटामिन E बीटा कैरोटिन होता है. जो हमारी इम्यूनिटी को कम करने वाले फ्री रैडिकल्स से बचाव करता है
  • टमाटर में ग्लूटाथियोन पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है साथ ही प्रोस्ट्रेट कैंसर से शरीर को बचाता है
  • एक जरुरी बात कि टमाटर के जूस पीने से खून साफ होता है, जिससे आप कई बड़ी बीमारी से बच सकते हैं
  • जैसा आप जानते ही हैं कि टमाटर में लाइकोपीन होता है. जिससे चिंता तनाव को कम करने में मदद होती है
  • अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो जरुर आप टमाटर के जूस को अपनी डाइट में शामिल करें. क्योंकि इसमें फाइबर होता है जिससे आप अपने वजन को कंट्रोल करने के साथ-साथ एनर्जी को भी बढ़ा सकते हैं

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यदि आप भी करते हैं इस चीज़ का सेवन तो जरुर पढ़े ये खबर

कोरोना वायरस  काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अगर आप काढ़ा पी रहे हैं तो ध्यान दें. काढ़ा पीने के फायदे के साथ साइड इफेक्ट्स भी हैं. अगर आप काढ़ा सही मात्रा में या फिर तासीर के हिसाब से नहीं पी रहे हैं तो नाके से खून आना, छाले, पेट में गर्मी बढ़ने से जलन, पेशाब में जलन जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि काढ़े की मात्रा की निर्भरता आयुर्वेदिक शरीर के हिसाब से होती है. आयुर्वेद में शरीर को तीन तरह का माना गया है- वात, पित्त और कफ. उसके मुताबिक हमारा शरीर इन तीनों में से किसी एक प्रवृत्ति का होता है. इसका अध्ययन कर उसकी बनावट, दोष, मानसिक अवस्था और स्वभाव का पता लगाया जा सकता है.

वात: अगर आपका शरीर वात की तरह है तो काढ़े का इस्तेमाल दिन में दो बार किया जा सकता है. वात शरीर वाले लोग अपने काढ़े में थोड़ा घी भी शामिल कर सकते हैं. जिससे शरीर के सूखापन को दूर किया जा सके.

पित्त: पित्त शरीर वाले लोगों को काढ़ा दिन में एक बार से ज्यादा नहीं पीना चाहिए. इसके अलावा उन्हें कभी नहीं खाली पेट काढ़े का सेवन करना चाहिए. काढ़े का सबसे अच्छा समय पित्त शरीर वाले लोगों के लिए शाम का है.

काढ़ा इस्तेमाल करनेवालों को मात्रा पर ध्यान देना चाहिए. 50 मिलीलीटर से ज्यादा काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए. 100 मिलीलीटर पानी में काढ़ा के घटकों को उबलने के लिए छोड़ दें. इस तरह जब घटकर 50 मिलीलीटर हो जाए तो उसका सेवन किया जा सकता है.

 

जिम में पसीना बहाने के बाद भी नहीं कम हो रहा हैं वजन तो आजमाए ये उपाए

अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो फिर सिर्फ डाइट प्लान  और जिम में पसीना बहाने से ही सबकुछ नहीं होगा. इसके लिए आपको उन लोगों की बात मानने की जरूरत नहीं जो यह कहते हैं क‍ि वजन कम करने के लिए डिनर को अवॉइड कर देना चाहिए

ऐसा बिल्कुल भी न करें इससे आपका वजन कम होने की बजाय और बढ़ सकता है. अगर आप डिनर नहीं करेंगे तो देर रात भूख लगने पर हाई कैलोरी के फूड का सेवन करने से भी परहेज नहीं करेंगे.

चपाती बनाम चावल

आम तौर पर चपाती और चावल के पोषण महत्व में ज्यादा अंतर नहीं होता है. दोनों को अनाज का प्रोसेस कर तैयार किया जाता है. बड़ा अंतर सिर्फ उनके सोडियम की मौजूदगी को लेकर होता है. सोडियम की कमी से शरीर ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता है. चावल में सोडियम की नगण्य मात्रा पायी जाती है. जबकि 120 ग्राम गेहूं में 190 मिलीग्राम सोडियम पाया जाता है.

पोषण का महत्व

चपाती गेहूं से बनाई जाती है. इसलिए उसमें चावल के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक तत्व मिल जाते हैं. छह इंच की चपाती में 3 ग्राम प्रोटीन, 0.4 ग्राम वसा, 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी की मात्रा 71 होती है. चावल में गेहूं के मुकाबले फॉस्फोरस और मैग्नीशियम कम मात्रा में पाया जाता है. हालांकि दोनों में आयरन और फोलेट भी पाया जाता है. फोलेट ह्दय रोग के जोखिम को कम करता है.