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हेल्थ

मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाएगा आपको ये सरल घरेलू नुस्खा, जरुर देखें

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है

गन्ने को चबाने से दूर होगी मुँह की जिद्दी दुर्गन्ध, यहाँ जानिए इसके कुछ लाभ

मुंह की दुर्गंध हो या बेकार इम्यूनिटी, दोनों ही बातें अक्सर आदमी के लिए कठिनाई का सबब बन जाती हैं.  इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गन्ने को चबाने से मुंह में बनने वाली लार का निर्माण भी अच्छी मात्रा में होता है.

यह लार गन्ने में उपस्थित कैल्शियम के साथ मिलकर ऐसे एंजमाइम्स का निर्माण करते हैं जो दांतों व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं.गन्ने का रस खनिजों में बेहद समृद्ध माना जाता है.आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें पोटेशियम व मिनरल्स उपस्थित होते हैं, जो एंटी-बैक्टेरियल्स की तरह कार्य करते हुए दांतों की सड़न व सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं.

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं. इम्यूनिटी निर्बल होने पर आदमी जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता हैगन्ने का रस प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से संक्रमण से लड़कर आदमी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण आपको भी बार बार हो सकती हैं ये बिमारी

हमारे शरीर में जो भी बीमारियां होती हैं, उसका मुख्य कारण होता है शरीर का कमजोर इम्यून सिस्टम। इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का मतलब है कि शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का घटना।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उसको मिलने वाले पोषक तत्वों पर निर्भर करती है। कच्चे पपीते और उसके बीज में बहुत सारा विटमिन ‘ए’, ‘सी’ और ‘ई’ होता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

अगर आप कच्चा पपीता ले रहे हैं तो ध्यान रखें कि यह पूरी तरह से हरा और ठोस हो। इसमें किसी भी तरह के दाग या फंफूद न हो। अक्सर लोग रंग देखकर पपीता लेते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि बाहर से हल्की हरी स्किन वाला पपीता कच्चा ही होगा। अगर पका पपीता खरीदें तो देखें कि उसकी स्किन बाहर से अच्छा नारंगी और पीला रंग लिए हो और कुछ हरे धब्बे भी हो सकते हैं।

हाथ से दबाने पर वह बेहद कम दबना भी चाहिए, लेकिन अगर जरा सा दबाने पर ही पपीता पूरी तरह से अंदर धंस जा रहा हो तो उसे लेने से भी परहेज करें। भूरी सी स्किन और जगह-जगह सफेद फंफूद से दाग दिखने पर पका पपीता नहीं लेना चाहिए। ऐसा पपीता खाने से आपकी सेहत को फायदे की जगह नुकसान पहुंच सकता है।

 

चॉकलेट का सेवन करने से होने वाले ये जबर्दस्त फायदे नहीं जानते होंगे आप

हम सब की फेवरेट चॉकलेट कोई आज की नहीं है. इसकी हिस्ट्री में ढेर सारी मिस्ट्री है. चॉकलेट का इतिहास 1900 ईसा पूर्व का है और इसके अंश आज के मैक्सिको के आस-पास के इलाकों में रहने वाले प्री-ओल्मेक सभ्यता से जुड़ते हैं.

चॉकलेट ब्लड प्रेसर और ब्लड वेसल लाइनिंग दोनों के लिए फायदेमंद है. रिसर्च को लीड करने वाले अमेरिका के बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के चयक्रिट क्रिटाननॉन्ग के अनुसार, “मैं यह देखना चाहता था कि क्या यह हार्ट (कोरोनरी आर्टरिज) की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है या नहीं. और यदि ऐसा होता है, तो क्या यह फायदेमंद या हानिकारक है?”

सप्ताह में एक बार से कम चॉकलेट खाने की तुलना में, एक बार से अधिक चॉकलेट खाने से आठ प्रतिशत आर्टरी डिजीज का खतरा कम होता है. क्रिटानानॉन्ग के अनुसार “चॉकलेट में हार्ट को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्व होते हैं जैसे कि फ्लेवोनोइड, मिथाइलक्सैन्थिन, पॉलीफेनोल और स्टीयरिक एसिड जो सूजन को कम कर सकते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं.”

फास्टिंग के दौरान इस चीज़ का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए हो सकता हैं फायदेमंद

आंतरायिक उपवास (आईएफ) एक संशोधित खाने का दृष्टिकोण है जो उपवास के लाभों को दोहराने के लिए चाहता है, लेकिन अधिक मध्यम और प्राप्त करने योग्य प्रोटोकॉल के साथ। यदि आपकी कमर से अधिक लाभ होता है; यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने, सूजन को कम करने और आपके दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

फास्टिंग के दौरान कॉफी पीने आपके लिए अच्छा है. इसमें कम कैलोरी होती है. इसलिए डाइटिशन आपको ब्लैक कॉफी पीने की सलाह देते हैं. ब्लैक कॉफी में 2 से 3 कैलोरी काउंट होता है. इसमें मिनरल और प्रोटीन की मात्रा कम होती है. कॉफी पीने की वजह से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है.

तो आंतरायिक उपवास के दौरान कॉफी ठीक है? जवाब है, यह निर्भर करता है।यह वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति रुक-रुक कर उपवास क्यों कर रहा है। उनके लक्ष्य क्या हैं? क्या वे इसे वजन घटाने या दीर्घायु और एंटी-एजिंग उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं?

अगर आप दिन भर में 2 से 3 कप कॉफी पीते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म और वेट लॉस पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालता है. इसलिए ब्लैक कॉफी पीना फायदेमंद है.

कॉफी कम कैलोरी इनटेक ड्रिंक है. यह आपकी भूख को भी शांत रखता है. रोजाना 2 से 3 कप ब्लैक कॉफी पीना ठीक है. लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा कॉफी पीते है तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.

 

शोध में हुआ खुलासा कोरोना की वैक्सीन मां और बच्चे को सुरक्षा देने में कर सकती है मदद

कोविड से सुरक्षा के लिए टीकाकरण करानेवाली मां के दूध में बीमारी के खिलाफ लड़नेवाली एंटीबॉडीज होती है. ये खुलासा फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी की नई रिसर्च में हुआ है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक टीकाकरण मां के दूध का हिस्सा बन जानेवाले टूल की तरह है जो कोविड-19 की रोकथाम की क्षमता रखता है. उन्होंने कहा कि रिसर्च से मजबूत संकेत मिलता है कि वैक्सीन मां और बच्चा दोनों को सुरक्षा देने में मदद कर सकती है.

ये प्रेगनेन्ट या बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली मां के लिए टीकाकरण का ठोस कारण है. शोधकर्ताओं ने 21 सेहतमंद ब्रेस्टफीडिंग करानेवाली हेल्थ केयर वर्कर्स को रिसर्च का हिस्सा बनाया जो कोरोना से संक्रमित नहीं हुई थीं.

टीकाकरण से कोविड-19 की बीमारी का कारण बननेवाला कोरोना वायरस के खिलाफ मां के दूध में एंटीबॉडीज का लेवल स्पष्ट बढ़ता है, इससे पता चलता है कि टीकाकरण करानेवाली मां अपने बच्चों तक इम्यूनिटी को आगे बढ़ा सकती हैं.

 

उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया मॉक ड्रिल

कोरोना की तीसरी आशंकित लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों को परखने के लिए यूपी में शुक्रवार को तमाम जगहों पर मॉक ड्रिल किया गया.

सरकार ने प्रयागराज में डीजीएमई यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजूकेशन में तैनात डॉ. शिशिर को नोडल अफसर नामित किया था. वह डब्लूएचओ और सीएमओ द्वारा नामित अफसर की टीम के साथ सबसे पहले मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज द्वारा संचालित एसआरएन अस्पताल पहुंचे.

टीम को यहां सब कुछ ठीक ही मिला. इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार लोगों को कुछ हिदायतें जरूर दी गई. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. मुकेश वीर और हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. गौतम त्रिपाठी भी खास तौर पर मौजूद थे.

 मिल्क मास्क बढ़ाएगा आपके चेहरे की खूबसूरती, यहाँ जानिए इसे बनाने का तरीका

दूध हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें भारी मात्रा में कैल्शियम होता है जो हमें कई तरह के लाभ देता है जिसमें हड्डियों को मजबूत करना प्रमुख है. लेकिन, यह सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद है.

आज हम आपको उन टिप्स के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें इस्तेमाल करके आप दूध की मदद से बेबी सॉफ्ट स्किन पा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इस बारे में-

 मिल्क मास्क 
दूध- 3 बड़े चम्मच
दही- 2 चम्मच

बनाने की विधि
इस फेस पैक को बनाने के लिए सबसे पहले 3 बड़े चम्मच दूध लें.
अब इसमें 2 चम्मच दही मिलाएं और मिश्रण तैयार कर लें.
अब इसे पूरे चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें.
आप चाहे तो रात भर के लिए भी यह मास्क यूज कर सकती है.
सुबह उठकर ठंडे पानी से चेहरा धो लें.
कुछ ही दिनों मे चेहरे से झुर्रियां कम होने लगेगी.

हड्डी को मजबूती प्रदान करने के साथ स्किन को सुन्दर बनाएगा विटामिन ए, जरुर देखें

शरीर के हर अंग की सेहत को सुनिश्चित करना संपूर्ण सेहत को बनाए रखने की दिशा में पहला कदम है.  ये इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है, आंख की सेहत को ठीक करता है और हड्डी की मजबूती प्रदान करता है.

टामिन ए से मिलने वाले स्किन को कुछ फायदों के बारे में जानना चाहिए. विटामिन ए की कमी स्किन के ड्राई होने का कारण बन सकती है. इसका मतलब है कि विटामिन स्किन में नमी को बहाल रखने में मदद कर सकता है आपकी स्किन को चमकदार रखेगा.

आप विटामिन ए के लिए अपनी स्किन की जरूरत को इन तरीकों से पूरा कर सकते हैं. अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो आप ब्रोकोली, पालक और शकरकंद जैसे फूड अपनी डाइट में शामिल करें.

आप विटामिन ए का सप्लीमेंट भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सुनिश्चित करें कि डोज किसी विशेषज्ञ की तरफ से निर्धारित हो. अगर आपको स्किन की समस्याएं हैं, तो आप विटामिन ए के साथ स्किन विशेषज्ञ की सलाह के बाद स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.

 

देश में टीकाकरण के बावजूद नहीं थम रहा कोविड-19 का कहर, पिछले 24 घंटे में आए 46,759 नए मामले

भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 46,759 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या शनिवार को बढ़कर 3,26,49,947 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार चौथे दिन बढ़ोतरी हुई।

कुल 3,18,52,802 ठीक हुए हैं। जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 3,59,775 है। कोरोना से अब तक कुल 4,37,370 लोगों की मौैत हो चुकी है। वहीं राहत की बात है कि पिछले 24 घंटों में 1,03,35,290 लोगों की टीकाकरण हुआ और अबतक कुल 62,29,89,134 लोगों का टीकाकरण हो चुका है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 509 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,37,370 हो गई। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,59,775 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.10 प्रतिशत है।  पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 14,876 मामलों की बढ़ोतरी हुई है।