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हेल्थ

स्कीन की देखभाल के दौरान अक्सर ये गलतियाँ उसे बना सकती हैं बेजान और ड्राई

अगर आप स्वस्थ व दमकती हुई स्कीन को पाने की चाह रखते हैं, तो स्कीन की देखभाल से जुड़ी इन गलतियों को करने से बचें. स्कीन रोग विशेषज्ञ व कॉस्मेटोलॉजिस्ट डाक्टर गीतांजलि शेट्टी ने स्कीन की दैनिक देखभाल के दौरान की जाने वाली चार ऐसी ही बेहद आम गलतियों का जिक्र किया है. आइए जानते हैं उनके बारे में

आप जो भी खाते हैं आपकी स्कीन पर उसका असर पड़ता है. अगर आप अनहैल्दी भोजन, जैसे कि प्रोसेस्ड या जंक फूड का सेवन करेंगे, पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीएंगे, हानिकारक पेय पदार्थों का सेवन करेंगे, तो इन सबसे आपकी स्कीन प्रभावित होगी. आपकी स्कीन इनसे रूखी हो जाएगी व इसमें नमीं भी नहीं रहेगी. इसलिए अच्छी कंपनी के सौन्दर्य उत्पादों के प्रयोग के साथ-साथ पोषण पर भी ध्यान देना आवश्यक है.

सही ब्यूटी प्रोडक्ट का चुनाव न करना
आपको ऐसा लग ही सकता है कि आप जिस मॉश्च्यूराइजर का प्रयोग कर रहे हैं वह सबसे बेहतरीन है क्योंकि इससे आपकी स्कीन में नमीं बहुत ज्यादा लंबे समय तक बरकरार रहती है, लेकिन इसमें कुछ ऐसे अवयव भी हो सकते हैं जिनका हानिकारक असर आपकी स्कीन पर पड़ सकता है. ऐसे में आप अपने स्कीन विशेषज्ञ से उन प्रोडक्टस के बारे में जान सकते हैं जो आपकी स्कीन के अनुरूप हो.

नियमित रूप से क्लींजिंग न करना
क्लींजिंग हमारी स्कीन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में इसे नियमित रूप से जरूर करें. दिन में मेकअप अप्लाई करने से पहले व रात में सोने से पहले क्लींजिंग निश्चित रूप से करें.

मॉश्च्यूराइजिंग न करना
आपकी स्कीन को हर रोज मॉश्च्यूराइजेशन की जरूरत पड़ती है. नहाने के तुंरत बाद मॉश्च्यूराइजर अप्लाई करने व नहाने के बहुत ज्यादा समय बाद भी इसे न लगाने का असर आपकी स्कीन पर बिल्कुल पड़ता है. आपकी स्कीन को मॉश्च्यूराइजर न लगाने की भारी मूल्य चुकानी पड़ सकती है.

स्तन कैंसर का खतरा कम कर सकता हैं दही का सेवन, जानिए इसके कुछ लाभ

स्तन कैंसर तेजी से महिलाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। एक नए शोध में बताया गया है कि अगर आपको स्तन कैंसर के जोखिम को कम करना है तो रोज की डाइट में दही को जरूर शामिल करें। हर दिन दही खाने से महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कम होता है। इस शोध में बताया गया है कि जो प्रोबायोटिक सप्लीमेंट होते हैं वो स्तन कैंसर के हानिकारक विषाणुओं के प्रभाव को कम कर देते हैं।

दरअसल दही में मौजूद सूक्ष्म जीव सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। ब्रिटेन की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि बैक्टीरिया से प्रेरित सूजन कैंसर से जुड़ी हुई है और दही इसे कम करती है। यह शोध जर्नल मेडिकल हाइपोथिसिस में प्रकाशित हुई है। शोध में कहा गया है कि दही में फायदेमंद बैक्टीरिया लैक्टोज एवं माइक्रोफ्लोरा पाया जाता है जो कि उसी तरह का बैक्टीरिया है जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तन से निकलने वाले दूध में पाया जाता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि दही में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया कैंसर के हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर देते हैं। वैसे भी दही सिर्फ कैंसर के जोखिम को ही कम नहीं करती बल्कि आपको कई तरह की बीमारियों से बचाती है। अगर आपको पेट से संबंधित परेशानियां लगातार होती रहती हैं तो आपको अपनी डाइट में दही और छाछ को शामिल करना चाहिए। दही एक प्रो-बायोटिक फूड है जिसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। दही खाने से आपके दांत और हड्डियां मजबूत होती हैं। दही के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आपको कई तरह की बीमारियां नहीं घेरती हैं।

मधुमेह को नियंत्रित करने का एक मात्र उपाए हैं ये, जिसे नहीं जानते होंगे आप

आमतौर पर सभी जानते हैं कि करेला सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है, लेकिन कड़वा होने के कारण कम ही लोग इसे पसंद करते हैं। इसके अलावा, करेले मधुमेह नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक हर्बल उपचार भी प्रदान करता है। कारमेल में इंसुलिन को नियंत्रित करने वाले मधुमेह जैसे पोषक तत्व होते हैं।

इन्हें पॉलीपेप्टाइड पी या पी इंसुलिन के रूप में जाना जाता है। ये तत्व स्वाभाविक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करते हैं। खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए कार्ला का जूस बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, कार्ला का रस शरीर के इंसुलिन को सक्रिय करता है। इससे लगातार ब्लड शुगर कांपता है।

ताकि चीनी वसा में परिवर्तित न हो और शरीर में जमा न हो। इस तरह से कार्ला का जूस भी बढ़ते वजन को रोकता है। प्रत्येक दिन आपके द्वारा लिए जाने वाले करेला के रस की मात्रा डॉक्टर द्वारा बताई जानी चाहिए, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की खुराक अलग होती है। कैरला को साफ करें और उसमें सफेद अवशेषों को हटा दें।

नींबू और नमक को छोटे टुकड़ों में जोड़ा जा सकता है, कड़वाहट को दूर करने के लिए, आधे घंटे के लिए पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद रस को मिक्सर में बनाया जा सकता है।अगर पाचन संबंधी कोई समस्या है तो करेले का जूस उसमें भी फायदा करता है।

साथ ही यह दिमागी विकास में भी मदद करता है और उसे सेहतमंद रखता है।करेले में ऐंटी-माइक्रोबियल और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो खून को साफ करने में मदद करती हैं। इस वजह से एक्ने और पिंपल जैसी स्किन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

जिम जाने से ज्यादा फायदेमंद हो सकता हैं पैदल चलना, यहाँ जानिए कैसे

बिना जिम जाए वजन घटाने के लिए रास्ता खोज रहे हैं तो इसके लिए वॉकिंग सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। पैदल चलना एक शानदार व्यायाम है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। पैदल चलने के कई फायदे हैं। वजन कम करना, पाचन में सुधार, हड्डियों की मजबूती, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना, हृदय का बेहतर स्वास्थ्य आदि इसमें शामिल हैं, लेकिन पैदल चलने का एक बड़ा फायदा है मेटाबॉलिज्म (चयापचय) में सुधार। मेटाबॉलिज्म यानी वो प्रक्रिया जिसके जरिए शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है और फिर यह ऊर्जा अलग-अलग कामों पर खर्च होती है। पैदल चलना वास्तव में जिम जाने से ज्यादा मेटाबॉलिज्म को गति दे सकता है।

कि मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है तो शरीर सही तरीके से काम करता है। शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है तो आसानी से कैलोरी बर्न होती है। उनके मुताबिक, मेटाबॉलिज्म बेहतर होने पर अधिक ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति अच्छा महसूस करता है।

ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में एक्सपरीमेंटल ब्रेन रिसर्च डिपार्टमेंट का एक शोध डोन्ट टेल मी द स्कोर पॉडकास्ट में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि क्यों लोगों को अधिक पैदल चलना चाहिए। इसका एक कारण यह बताया कि जिम जाने की बजाय व्यायाम के रूप में पैदल चलने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।

मेटाबोलिज्म एक रासायनिक प्रक्रिया है जो शरीर में चलती है और आपको अपने अंगों को सामान्य रूप से कार्य करने के लिए जीवित रखती है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा की आवश्यकता होती है और मेटाबॉलिज्म जितना अधिक होता है, जीवित रखने के लिए अधिक कैलोरी जला दी जाती है।

India Coronavirus Updates: दूसरे दिन में आए 40 हजार से ज्यादा कोरोना केस, यहाँ डालिए एक नजर

भारत में कोरोना संकट अब फिर से बढ़ने लगा है. लगातार दूसरे दिन 40 हजार से ज्यादा कोरोना मामले सामने आए हैं. शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ताजा आंकड़ा जारी किया गया है. मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 44,658 नए कोरोना केस आए और 496 कोरोना संक्रमितों की जान चली गई.

देशभर में कोरोना मामले बढ़ने का मुख्य कारण केरल है. बीते दिन केरल में सबसे ज्यादा 30,007 नए मामले सामने आने के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर प्रदेश में 39.13 लाख हो गयी. जबकि 162 मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 20,134 पर पहुंच गयी.

अच्छी बात ये है कि अबतक 3 करोड़ 18 लाख 21 हजार लोग ठीक भी हुए हैं. देश में कोरोना एक्टिव केस की संख्या तीन लाख से ज्यादा है. कुल 3 लाख 44 हजार लोग अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जिनका इलाज चल रहा है.

 

कमजोर हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डाइट में शामिल करें

खराब खान-पान की वजह से लोगों को आजकल तमाम तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि अधिकतर पुरुष बहुत कम उम्र में कमजोर हड्डियां, कमजोर मांसपेशियां, कामेच्छा की कमी, ऊर्जा शक्ति कम होना, दिल और पेट संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं।

हालांकि बेहतर डाइट में बदलाव करके आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बता रहे हैं जिसका सेवन खाना खाने के बाद करने पर शरीर को बेहद लाजवाब फायदे मिलते हैं।

1) यदि आपको कोई मानसिक रोग है तो आप सोयाबीन को अपनी डाइट में शामिल करें। सोयाबीन मानसिक संतुलन को ठीक करके दिमाग को तेज करता है।
2) सोयाबीन हड्ड‍ियों के लिए लाभदायक है। यह हड्ड‍ियों को पोषण देता है जिससे वे कमजोर नहीं होती और हड्डी टूटने का खतरा भी कम होता है। इसका सेवन हड्ड‍ियों की सघनता को बढ़ाने में सहायक है।
3) मुधमेह रोगियों को सोयाबीन का सेवन करने से मूत्र सम्बन्धित परेशानी से निजात मिलता है मधुमेह रोगी को सोयाबीन से बनी रोटी आदि का सेवन करना लाभदायक है।

मसूडों और दांतों को स्वस्थ रखने में बेहद लाभदायक हैं पाइनेपल, यहाँ जानिए इसके कुछ लाभ

पाइनेपल में विटामिन A और विटामिन C भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा फायबर, पोटेशियम, फ़ॉस्फोरस और कैल्शियम भी इसमें काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी तत्व शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक हैं। आईये जानते पाइनएप्पल का जूस पीने के फायदे..पाइनेपल आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पाइनएप्पल में बीटा-कैरोटीन और विटामिन मौजूद होते हैं जो कैंसर जैसी बीमारी से हमारी रक्षा करता है।

1. मसूडों और दांतों को स्वस्थ रखने में पाइनेपल बहुत कारगर है। इससे दांत मजबूत बनते हैं और यह गठिया रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है। पाइनेपल को सूजन कम करने के लिए बहुत कारगर समझा जाता है।

2.हड्डियों की कमजोरी के कारण कई तरह की परेशानियों से हमें दो चार होना पड़ सकता है। लेकिन अगर आप अपने डाइट में अनानास के जूस को शामिल करते है तो हड्डियों की समस्या से आप काफी दूर रह सकते है। अनानास में मौजूद मैंगनीज आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

3.अनानास अपने विशिष्ट गुणों के कारण आंखों की दृष्टि के लिए भी उपयोगी होता है। पूर्व में हुए शोधों के मुताबिक दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ कम होती आंखों की रोशनी का खतरा कम हो जाता है।

एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से देखने को मिला इजाफा, अनलॉक करना कही न पड़ जाए महंगा

देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लोग काफी डरे हुए हैं क्योंकि कोविड की दूसरी लहर पहले ही काफी तांडव मचा चुकी है. वहीं एक बार फिर कोरोना संकमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है.

607 लोगों की संक्रमण से मौत भी हो गई है. हालांकि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर अब तीन करोड़ 17 लाख 88 हजार 440 हो गई है. वहीं, देश में अब एक्टिव केस बढ़कर तीन लाख 33 हजार 725 रह गए हैं.

पिछले पांच दिनों के आंकडे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटों की बात करें तो कोरोना के 46 हजार 164 नए मामले सामने आए हैं.

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तो वहीं इस जानलेवा बीमारी को हराने के लिए टीकाकरण भी तेजी से हो रहा है पिछले पांच दिनों में देश में टीकाकरण की ये स्थिति है

सैचुरेटेड फैट वाली चीजों का अत्यधिक सेवन करने से आपको भी हो सकती हैं डायबिटीज व थायरॉइड जैसी बीमारियाँ

खानपान में अत्यधिक ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट वाली चीजें लेने और तनाव से हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, थायरॉइड की संभावना बढ़ती है. अल्कोहल और वायरल इंफेक्शन से भी डायबिटीज होती है. आयोडाइज्ड साल्ट की कमी से थायरॉइड की परेशानी होती है. सामान्यत: 150 माइक्रोग्राम लेनी चाहिए

सुबह सूर्योदय से पहले जागें
सुबह छह से पहले उठने की आदत डालें. रात में दस बजे तक बिस्तर पर जाएं. दवाओं के साथ परहेज भी करें. नियमित व्यायाम करें. शारीरिक गतिविधि से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. इन बीमारियों में लाभ मिलता है.

इनफर्टिलिटी : वर्किंग कपल में परेशानी बढ़ी
हाल ही एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें स्पर्म काउंट कम होता है. वर्किंग कपल में तनाव और प्रदूषण से भी फर्टिलिटी कम होती है. पुरुषों में टाइट अंडरगारमेंट, स्मोकिंग, अल्कोहल कारण है. खुश रखें. हफ्ते में एक दिन आउटिंग पर जाएं. चाइनीज और जंक फूड में पाया जाने वाला मोनो सोडियम ग्लूटामेट स्पर्म काउंट घटाता है.

जागरूक रहें
महिलाओं में हाइपो थायरॉइड,पीसीओडी और पुरुषों में मम्स इन्फेक्शन से स्पर्म बनने में परेशानी होती है. शीघ्रपतन भी प्रमुख कारण है. ज्यादा चिकनाई वाली चीजें न लें.

 सन टैनिंग को झटपट दूर करने में बेहद फायदेमंद हैं जैतून का तेल

ऑलिव के पेड़ की पत्तियों और फलों से निकले लिक्विड को ऑलिव ऑयल कहा जाता है। इसका इस्तेमाल दवाईयां और खाना बनाने के लिए किया जाता है। ऑलिव ऑयल का बोटेनिकल नाम ओलिया यूरोपा एल है, जो कि ओलियसी फैमिली का है। ऑलिव ऑयल को हार्ट अटैक और स्ट्रोक , ब्रैस्ट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, ओवेरियन कैंसर और माइग्रेन आदि से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

सन टैनिंग करे कम – जैतून का तेल त्वचा को मॉइस्चराइज़ रखने के साथ ही इसे खूबसूरत भी बना देता है। यह सन टैनिंग को कम करके चेहरे खोई हुई चमक को भी वापस ला देता है। यह प्रभाव ऑलिव ऑयल में पाए जाने वाला फैट व एंटीऑक्सीडेंट की वजह से होता है।

हड्डियां बनाए मजबूत  ऑलिव ऑयल ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी जिसमे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती है और जल्दी फ्रैक्चर होने का दर रहता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ऑलिव ऑयल बहुत लाभदायक है। ऑलिव ऑयल शरीर के रोगों को दूर करने के साथ त्वचा की ग्लोइंग भी बढ़ा देता है।

ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल – भोजन में यदि ऑलिव ऑयल को शामिल किया जाए तो इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

चेहरे की झुर्रियां करे दूर – ऑलिव ऑयल से चेहरे की मालिश करने से चेहरे झुर्रियां दूर हो जाती है। साथ ही चेहरे पर निखार भी आ जाता है। जैतून के तेल को सिर पर लगाने से रूसी की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है।