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हेल्थ

नारियल दूध की मदद से महिलाओं को मिल सकता हैं एनीमिया से छुटकारा

नारियल का दूध प्रकृति का एक ऐसा वरदान है जो त्वचा और बाल दोनों के सौन्दर्य को निखारने में पूरी तरह से मदद करता है। इसमें एन्टीऑक्सिडेंट, एन्टीसेप्टिक और ठंडक प्रदान करने वाले गुणों के साथ बहुत सारी पौष्टिकताओं का खजाना होता है जो सौन्दर्य संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाने में तो मदद करता ही है त्वचा को निखारने में भी सहायता करता है।

एनीमिया रोकता है

आज कल ज्यादातर महिलाओं को एनीमिया की शिकायत है और नारियल दूध इसके लिए शानदार उपाय है. नारियल दूध आयरन की पर्याप्त मात्रा से शरीर को ईंधन मुहैया करा सकता है. नारियल दूध में मौजूद आयरन की अच्छी मात्रा स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की बनावट के लिए जरूरी है. पाबंदी से इस्तेमाल एनीमिया को रोक सकता है.

सेहतमंद दिल

स्वस्थ जिंदगी के लिए हमें स्वस्थ दिल की जरूरत होती है. दिल के स्वास्थ्य को बढ़ाने का एक तरीका नारियल दूध का सेवन है. नारियल दूध में लॉरेक एसिड पाया जाता है. माना जाता है कि शरीर के कोलेस्ट्रोल लेवल पर उसका सकारात्मक असर होता है. नियमत तौर पर इसका इस्तेमाल शरीर में खराब कोलेस्ट्रोल को घटा सकता है और अच्छा कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है.

वजन में कमी

नारियल दूध में मौजूद कीटोन पूर्णता का एहसास कराता है. ये ज्यादा खाने से आपको रोकता है और कैलोरी की संख्या में कमी लाता है. अगर आप वजन घटाने की यात्रा पर हैं, तो आपके सफर में नारियल दूध अत्यधिक मददगार है.

गर्मियों के मौसम में इन फलों का सेवन करने से नहीं होगी पानी की कमी

गर्मियों की खास बात ये है कि इस दौरान आप कई सीज़नल फल और सब्जियों का आनंद ले सकते हैं. इनमें न्यूट्रिशन होता है और ये आपको हाइड्रेटेड रखते हैं. आप इन फलों और सब्जियों से ड्रिंक और स्मूदी तैयार कर सकते हैं.

आम गर्मियों के लिए अच्छा फल है. इसमें भरपूर मात्रा में पोषण होता है. आप इसकी स्मूदी बना सकते हैं या इसे खा सकते हैं. इसमें कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है. आपको कैलोरी की चिंता है तो आप इसे कम मात्रा में खा सकते हैं.

तरबूज

तरबूज मीठा, स्वादिष्ट और ठंडा फल है. गर्मियों में इसे खाने का अलग ही आनंद है. तरबूज में लगभग 92% पानी होता है. ये गर्मियों के लिए काफी हाइड्रेटेड फल है. इसमें फाइबर, विटामिन A, विटामिन C, मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन होता है. इससे आपको कैंसर और स्ट्रोक होने का जोखिम कम रहता है. तरबूज में एंटी- इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज भी होती हैं.

खीरा

खीरे में आपको ठंडा रखने के लिए नेचुरल प्रॉपर्टीज होती हैं. ये आपको डीहाइड्रेशन से बचाता है. खीरे में विटामिन k, पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है. इसमें पानी की मात्रा 95 फीसदी होती है. कैलोरी की मात्रा भी इसमें कम होती है. ये आपके शरीर को डीटॉक्सिफाई करने में भी मदद करते हैं. इनसे आपकी स्किन स्वस्थ और सुंदर रहती है.

टमाटर

टमाटर एक सदाबहार फल है. इससे आपको कई न्यूट्रीएंट्स मिलते हैं. टमाटर में विटामिन ए, बी 2, और सी, फोलेट, क्रोमियम, फाइबर, पोटैशियम और फाइटोकेमिकल्स होते हैं. सलाद या करी में इसके इस्तेमाल से कैंसर, ऑटोइम्यून ऑर्डर और हृदय रोगों से लड़ने में मदद मिलती है. टमाटर 95 फीसदी पानी से बना होता है.

दिल को स्वस्थ रखने के लिए अंडे के इस्तेमाल से करें बचाव, इन बातों का रखें ध्यान

अस्वस्थ कोलेस्ट्रोल लेवल आपके दिल की सेहत के लिए खतरनाक है. अत्यधिक कोलेस्ट्रोल आपकी धमनियों में इकट्ठा हो जाता है और शरीर तक रक्त प्रवाह को मुश्किल बना देता है. नियंत्रित नहीं करने से ये जमाव दिल की बीमारी के खतरे में आपको डाल सकता है. आपकी डाइट का आपके कोलेस्ट्रोल लेवल पर बड़ा प्रभाव होता है.

ब्लड कोलेस्ट्रोल के लेवल को बढ़ानेवाले कुछ खास फूड्स से बचने की सलाह दी जाती है. आमतौर पर माना जाता है कि अंडा आपके कोलेस्ट्रोल लेवल को बढ़ा सकता है. दिल को स्वस्थ रखने के लिए कई लोग अंडे के इस्तेमाल से बचने की भी सलाह देते हैं. लेकिन क्या अंडा वास्तव में आपके दिल के लिए अस्वस्थ है?

अपनी डाइट में अंडा को कैसे करें शामिल?
अंडे की एक सबसे अच्छी खासियत ये है कि उसे कई तरीकों से तैयार किया जा सकता है. आप चावल और रोटी या अंडे की भुर्जी के साथ अंडा करी बना सकते हैं. आप एक ऑमलेट भी तैयार कर सकते हैं या उसे उबाल सकते हैं, उसे भुजिया बना सकते हैं.

एक दिन में कितना अंडा आपको खाना चाहिए?
न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह है कि आपको एक दिन में बहुत ज्यादा या बहुत कम अंडा नहीं खाना चाहिए. उसके लिए संतुलन बनाना सेहतमंद है. शोध और विशेषज्ञों के मुताबिक आप रोजाना 1 या 2 अंडा तक खुद को सीमित रख सकते हैं.

अगर आप खराब कोलेस्ट्रोल लेवल से जूझ रहे हैं, तब जरूरी है कि लेवल घटाने के लिए अपनी डाइट में बदलाव लाया जाए. आप इस स्थिति को काबू में करने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकते हैं और उससे जुड़ी जटिलताओं को रोक सकते हैं.

पसीने की वजह से शरीर से दुर्गंध आती है तो आप भी आजमाएं ये उपाए

गर्मी के मौसम में पसीना आना आमबात है.पसीने की वजह से शरीर से दुर्गंध आती है. ऑफिस और भीड़ -भाड़ वाली जगह पर आपको असर पसीने के बदबू आएगी. खासकर गर्मी के मौसम में तन की दुर्गध से पुरुष और महिलाएं परेशान रहती हैं. कई बार आपको पसीने की दुर्गंध की वजह से दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है. इसकी वजह से असहज महसूस करते हैं.

महंगे से मंहगा डियोड्रेंट का असर भी लंबे समय तक नहीं टिकता है. अगर आप भी तन की दुर्गंध से परेशान रहते हैं तो हम आपको कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं जिसका इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.

पुदीना का पत्ता

पुदीना में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं. आप पुदीने के पत्ते को उबालकर नहाने के पानी में मिलाएं और फिर नहाएं. ऐसा करने से शरीर से पसीने की दुर्गंध नहीं आएगी. रोजाना पुदीने के पत्ते से स्नान करने से तरोताजा भी महसूस करेंगे.

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल खाने में ही नहीं अन्य चीजों के लिए भी किया जाता है. शरीर की दुर्गंध से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडा में नींबू मिलाकर उन हिस्सों में लगाएं जहां से बदबू आती है. इस मिश्रण के सूखने के बाद स्नान कर लें. इसके अलावा आप चाहे तो नहाने के पानी में चुटकी भर बेकिंग सोडा डालकर नहा सकते हैं.

टी ट्री ऑयल

टी- ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो पसीने से निकलने वाले बैक्टीरिया को दूर करता है. आप 2 चम्मच पानी में टी ट्री ऑयल लगाकर अंडर आर्म्स में लगाएं. ऐसा करने से अंडर आर्म्स की बदबू से छुटकारा मिल जाएगा.

खून में थक्के बनने की वजह से होती हैं हार्ट अटैक की समस्या, जानिए इसके लक्ष्ण

आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है. हार्ट अटैक भी इन घातक बीमारियों में से एक है. खून में थक्के बनने की वजह से ह्रदय तक रक्त का संचार ठीक तरह से नहीं हो पाता है. इससे सीने में दर्द होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है.

वर्कआउट के बाद या गर्मियों के दिनों में पसीना आना बहुत सामान्य बात है. पर अचानक बिना किसी कारण के बहुत ज्यादा पसीना आना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है. कई बार सीने में दर्द होने के साथ पसीना आना और मांसपेशियों में अकड़न महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत है.

हाथ, कंधे, जबड़े, दांत या सिर में दर्द की शिकायत भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. इस तरह की समस्या में लापरवाही ना बरतें और डॉक्टर की सलाह लें.

ड्रग्स या किसी भी तरह के नशे का सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है. कोकीन का इस्तेमाल दुनिया भर में किसी ना किसी रूप में हो रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार कोकीन का ज्यादा प्रयोग भी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.

इसके अलावा हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए. नियमित रूप से प्राणायाम और योगा करें. समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराएं. हेल्दी डाइट फॉले करें. फलों और हरी सब्जियों को अपने भोजन का हिस्सा बनाएं. वायु प्रदूषण से बचें. बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करना ना भूलें. अगर हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.

खानपान की बेकार आदतें व नींद पूरी न होने के कारण आपको भी हो सकती हैं ये बीमारी

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है. सांस अच्छा से नहीं ले पाने से कई बार शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है जिससे हाई बीपी की समस्या हो सकती है. यह हार्ट हार्टअटैक और स्ट्रोक की वजह भी बन सकती है. हाई कैलोरी फूड, बढ़ता फैट की चर्बी रोककर और लाइफस्टाइल सुधारकर बचा जा सकता है.

 

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. सोते समय कंटिनुअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नामक एक मास्क लगाकर भी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

सरसों के ऑयल की मदद से आप भी पाए मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

 

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है

क्या आप भी सुबह कॉफ़ी पीने के हैं शौक़ीन तो जरुर जान लें इसके नुक्सान

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

क्या आपको भी हर इंसान व बात पर होता हैं शक तो आप भी हैं इस बीमारी से पीड़ित

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति की सोच, समझ और व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। ऐसा मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक असंतुलन के कारण होता है।बिना किसी वजह के हर बात और हर शख्स को शक की नजर से देखना, कल्पना की दुनिया में खोये रहना, वैसी ध्वनि सुनाई देना, जो वास्तव में नहीं होती आदि एक मनोरोग है

इसके लक्षण कई तरह के होते हैं। शुरुआत में ही अगर इसके लक्षण पहचान लिए जाएं तो इस रोग को काबू में किया जा सकता है। अक्सर यह बीमारी किशोरावस्था के बाद से ही शुरू हो जाती है। धीरे-धीरे पीड़ित को हर बात पर और हर किसी पर शक होने लगता है। वह अपनों से ही कटा-कटा रहने लगता है।

सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दिमाग के लिम्बिक सिस्टम में रासायनिक असंतुलन के कारण मतिभ्रम की समस्या उत्पन्न होती  है। पीड़ित डरा-डरा सा रहता है। उसे वैसी आवाजें सुनाई देती है, जो वास्तव में नहीं होती। पीड़ित को हर समय लगता है कि उस पर नजर रखी जा रही है।
नियंत्रण का भ्रमः  इससे पीड़ित व्यक्ति में एक ऐसा गलत विश्वास या सोच बैठ जाता है कि उसका मन, उसके विचार, या बर्ताव पर किसी दूसरे इंसान का नियंत्रण होता है।
आरोपी मानने का भ्रमः ऐसे भ्रम में मरीज पश्चाताप या अपराधी होने की गलत भावना का शिकार होता है।
संदर्भ का भ्रमः इसमें पीड़ित को लगता है कि उसके चारों तरफ होने वाली नकारात्मक घटनाएं उससे जुड़ी हुई हैं।
दैहिक भ्रमः इसमें इंसान को बिना किसी वजह लगता है कि वह बीमार है, जबकि वास्तव में वह बीमार नहीं होता।
साजिश का भ्रमः इसमें पीड़ित को लगता है कि लोग उसके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उसे महसूस होता है कि सभी उसके बारे में बातें करते हैं या उसे घूर रहे हैं। रोगी को ऐसा भी लगता है कि जैसे कुछ लोग उसके ऊपर जादू-टोना करवा रहे हैं या फिर उसके खाने में जहर मिलाया जा रहा है।

हेल्थ को मेंटेन रखने और प्रॉब्लम्स से बचाने के लिए बेहद कारगर हैं लौंग का सेवन

लौंग का भारतीय भोजन के अलावा आयुर्वेदिक नुस्खों में भी खास स्थान है. इसके उपयोग से खाने में स्वाद तो आता ही है. दवाओं के रूप में इसका इस्तेमाल करने से कई हेल्थ प्रॉब्लम में भी फायदा होता है. लौंग में आपकी हेल्थ को मेंटेन रखने और प्रॉब्लम्स से बचाने के कई गुण होते हैं. अगर रोजाना 2 लौंग खाई जाएं तो इसके अद्भुत फायदे मिलते हैं. इन फायदों से आपका शरीर हमेशा के लिए रोगमुक्त हो जाता है.

1. दांतों में होने वाले दर्द में लौंग के इस्तेमाल से निजात मिलती है और यही कारण है कि 99 प्रतिशत टूथपेस्ट में होने वाले पदार्थों की लिस्ट में लौंग खासतौर पर शामिल होती है।

2. खांसी और बदबूदार सांसों के इलाज के लिए लौंग बहुत कारगर है। लौंग का नियमित इस्तेमाल इन समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। आप लौंग को अपने खाने में या फिर ऐसे ही सौंफ के साथ खा सकते हैं।

3. सामान्य तौर पर होने वाली सर्दी को लौंग से दुरुस्त किया जा सकता है। आप लौंग के तेल की 10 बूंदों को शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार इस्तेमाल करके अपनी सर्दी को ठीक कर सकते हैं।

4. लौंग में दिमागी स्ट्रेस को कम करने का भी गुण होता है। लौंग को आप तुलसी, पुदीना और इलायची के साथ इस्तेमाल करके खुशबूदार चाय बना सकते हैं और चाहें तो यही मिक्स आप शहद के साथ इस्तेमाल करके भी स्ट्रेस से छुटकारा पा सकते हैं।