Sunday , November 24 2024

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KCR की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, बिजली क्षेत्र की अनियमितताओं से जुड़ा है मामला

सर्वोच्च न्यायालय कल बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव की याचिका पर सुनवाई करेगा। राव ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती है। उच्च न्यायालय ने उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिजली क्षेत्र में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए आयोग के गठन को अवैध घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ राव की याचिका पर सुनवाई करेगी।

पूरा मामला क्या है
दरअसल, राव के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिजली वितरण कंपनियों द्वारा छत्तीसगढ़ से बिजली की खरीद और मुनुगुरु में भद्राद्री ताप विद्युत संयंत्र व टीएसजीईएनसीओ द्वारा दामरचेरला में यादाद्री ताप विद्युत संयंत्र के निर्माण के फैसले लिए गए थे। तेलंगाना सरकार ने इन फैसले को शुद्धता और औचित्य की जांच करने के लिए एक जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है। राव ने इस आदेश को अवैध घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद राव ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हार गई थी बीआरएस
टीएसजीईएनसीओ तेलंगाना राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का संक्षिप्त नाम है। राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हार गई थी।

उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में क्या कहा
उच्च न्यायालय के एक जुलाई के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका में राव ने पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एल. नरसिम्हा रेड्डी को आयोग के प्रमुख के रूप में जारी न रखने की मांग की। इसके बाद उच्च न्यायालय ने अपने 22 पन्नों के फैसले में कहा था कि राव की ओर से अदालत में पेश की गई सामग्री से ऐसा संकेत नहीं मिलता है कि प्रतिवादी नंबर तीन (एल. नरसिम्हा रेड्डी) ने उनके समक्ष लंबित मुद्दों पर पहले से फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि प्रतिवादी मुख्य न्यायाधीश के संवैधानिक पद पर रहे हैं।

ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की ऑडी कार जब्त, पहले भी तोड़ चुकी हैं ट्रैफिक रूल्स, 21 बार हो चुका चालान

पुणे:भारतीय प्रशासिनक सेवा की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की ऑडी कार को जब्त कर लिया है। पूजा ने इसी कार पर बिना अनुमति लाल बत्ती लगवाई थी और महाराष्ट्र सरकार लिखवाया था। पुणे आरटीओ के मुताबिक ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पहले भी यातायात नियमों का उल्लघंन कर चुकी हैं। कार का 21 बार चालान हो चुका है। अधिकारी कार को जब्त करने के बाद दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

2023 बैच की आईएएस अधिकारी हाल ही में अपनी निजी ऑडी कार पर बिना अनुमति लाल-नीली बत्ती लगाने को लेकर चर्चा में आईं थीं। पूजा पर पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूजा ने अपनी नियुक्ति के बाद ही तरह-तरह की सुविधाएं मांगनी शुरू कर दीं की, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलती हैं। विवाद के बाद उन्हें प्रशिक्षण पूरा होने से पहले पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था।

पुणे आरटीओ ने गुरुवार को निजी कंपनी को नोटिस जारी किया था। अधिकारियों के मुताबिक कार पुणे के हवेली तालुका के शिवाने गांव के पते पर पंजीकृत है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने जिस निजी कार का इस्तेमाल किया था, उसे जब्त कर लिया गया है। कार पर जैमर और उसके चारों ओर बैरिकेड लगाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि 27 जून 2012 को पुणे आरटीओ में पंजीकृत कार का यातायात नियम तोड़ने पर अब तक 21 बार चालान हो चुका है। साथ ही 27 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि जुर्माना जमा कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कार के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

घर के बाहर पुलिस ने चस्पा किया नोटिस
बंदूक लहराकर किसान को धमकाने के मामले में पुलिस ने पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को पूजा के घर के बाहर चस्पा किया गया। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि नोटिस लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा। इसके लिए नोटिस को घर के बार चिपका दिया गया है। मनोरमा खेडकर को 10 दिन में जवाब देना होगा। बता दें पुणे पुलिस ने किसान की शिकायत पर मनोरमा के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

घटा सरयू का जलस्तर, खतरे के निशान से तीन सेमी नीचे पहुंचा पानी, नाव से स्कूल जाना शुरू हुए बच्चे

सरयू खतरे के निशान से तीन सेमी नीचे पहुंच गई है। जलस्तर तो घट रहा है लेकिन अब परेशानियों की बाढ़ आ गई है। पीड़ितों के समक्ष खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। कई परिवार तो एक ही बार खाना खा रहे हैं। वहीं स्कूली बच्चे नाव से जोखिम उठाकर पढ़ाई करने जा रहे हैं। पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया है। संक्रामक बीमारियां तेजी से फैल रही है।

सरयू का जलस्तर शनिवार की शाम छह बजे 92. 70 मीटर रिकॉर्ड किया गया जोकि लाल निशान 92़ 73 मीटर से तीन सेमी नीचे है। जलस्तर घटने के साथ कटान का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। सदर तहसील के पूराबाजार के 12 से अधिक गांव बाढ़ से अभी भी घिरे हुए हैं। पूरा बाजार प्रतिनिधि के अनुसार सलेमपुर, पिपरी संग्राम ,उरदाहवा ,पूरे चेतन गांव में अभी भी पानी घरों के किनारे है। बाढ़ पीड़ित परिवार भोला, ज्वाला, शंकर, रामपाल ,चंद्रपाल, गंगाशरण आदि का कहना है कि पानी कम होते ही फसलें सड़कर गिरने लगी हैं। जिससे मवेशियों के चारे का संकट खड़ा हो गया है।

शिवराम निषाद ने कहा कि बच्चों को रोजाना नाव से मूड़ाडीह प्राथमिक विद्यालय छोड़ने और लेने जाना पड़ता है। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि दिन में एक बार ही भोजन कर रहे हैं। बाकी दिन लइया, चना खाकर बिता रहे हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व महेंद्र सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। राहत सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है।

नाव वाले वसूल रहे मनमाना किराया
रुदौली तहसील क्षेत्र में बाढ़ का पानी घटने के बाद बर्बादी की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। संपर्क मार्गों पर पानी भर गया है। आवागमन के लिए नाव ही सहारा है। नाव वाले मनमाना किराया वसूल रहे है। रुदौली की 15 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। रुदौली तहसील के सबसे अधिक कैथी मांझा के ही 99 परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। मांझा निवासी विवेक कुमार बताते हैं कि जल स्तर बढ़ने के डर से घर के छत पर अपना डेरा डाले हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित है। भोजन पकाने में दिक्कतें हो रहीं हैं।

एक बार ही भोजन पका रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत शौचालय की हो रही है। राम कुमार कहते हैं कि बाढ़ के कारण आमदनी बंद है। मालती और भगवती देवी कहती हैं कि बिजली न होने से गांवों में अंधेरा कायम रहता है। राधेश्याम कहते हैं कि घरों में भरा पानी धीरे-धीरे निकल रहा है। घर-आंगन में कीचड़ ही कीचड़ है। ईंधन भीग गए हैं। दिन में एक बार खाना बनाकर काम चल रहे हैं। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। जिससे गांव के बाहर निकलना मुश्किल है। सांप-बिच्छू आदि जहरीले जीव जंतु भी घूमते रहते हैं।

‘लग्जरी कार नहीं भेजी, तो घसीटकर पीटा’; अधिकारी की पत्नी ने राज्यपाल के बेटे पर लगाया आरोप

ओडिशा के राजभवन कर्मी के साथ हुई मारपीट मामले में पीड़ित की पत्नी राज्यपाल के बेटे और अन्य लोगों पर पति की पिटाई करने का आरोप लगाया है। पीड़ित की पत्नी ने कहा कि राज्यपाल के बेटे के लिए लग्जरी कार न भेजे जाने के कारण उसके पति को कमरे में बुलाकर बुरी तरह पीटा गया।

ओडिशा राजभवन में तैनात 47 वर्षीय बैकुंठ प्रधान हाउसहोल्ड सेक्शन में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद तैनात है। 7 जुलाई को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तैयारी में प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए थे। 10 जुलाई को बैकुंठ प्रधान ने आरोप लगाया कि उनके साथ 7 जुलाई की रात राज्यपाल रघुवर दास के बेटे ललित कुमार और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक लिखित शिकायत राज्यपाल के प्रधान सचिव को दी। लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि राजभवन के अधिकारियों और प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा ने उनका पक्ष जानने की कोशिश नहीं की।

वहीं बैकुंठ की पत्नी सयोज ने आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए पीटा गया क्योंकि राज्यपाल के बेटे को स्टेशन से लेने के लिए एक लग्जरी कार चाहिए थी। लेकिन उस दौरान राष्ट्रपति के दौरे के कारण कई गाड़ियां ड्यूटी पर थीं। तो मेरे पति ने एक मारुति सुजुकी कार भेजी, क्योंकि उस समय वह कार ही उपलब्ध थी। इस बात से नाराज होकर उन्होंने मेरे पति को पीटा। और पीटते हुए पूछा कि उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों नहीं मिला? सयोज ने बताया कि उनके पति अभी भी घायल हैं। मेरे पति राज्यपाल से भी मिले, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हमने पुरी बीच पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले और आरोपियों को सजा मिले।

मौखिक और लिखित रूप से की थी शिकायत
बैकुंठ प्रधान ने शिकायत में लिखा, “राजभवन, पुरी का प्रभारी होने के नाते, मैं 7 और 8 जुलाई को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा/प्रवास की तैयारियों की निगरानी के लिए 5 जुलाई से वहां था।” प्रधान अन्यथा भुवनेश्वर में राजभवन में तैनात हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 7 जुलाई की रात करीब 11.45 बजे जब वह कार्यालय कक्ष में बैठे थे, तो राज्यपाल का निजी रसोइया आया और उनसे कहा कि कुमार उनसे तुरंत मिलना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “जैसे ही कुमार ने मुझे देखा, उन्होंने असंसदीय भाषा में मुझे डांटना शुरू कर दिया और बेहद आपत्तिजनक गाली-गलौज का इस्तेमाल किया। जब मैंने इस तरह के अपमान का विरोध किया, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सोनिया गांधी से की मुलाकात, बोले- न्यायपालिका को अपमानित कर रही भाजपा

झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की। मनी लॉड्रिंग मामले में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद सोरेन पहली बार अपनी पत्नी कल्पना के साथ सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ स्थित आवास पर पहुंचे। सोरेन ने कहा कि भाजपा न्यायपालिका को अपमानित कर रही है। इसके बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दिल्ली मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी से मुलाकात की।

उन्होंने कहा कि जेल से आने के बाद सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी। इसलिए मिलने आया हूं। झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे लेकर सोनिया गांधी से कोई बात नहीं हुई। भाजपा के संविधान हत्या दिवस घोषित किए जाने के सवाल पर सोरेन ने कहा कि भारत के लोग बहुत सहनशील और सहयोगी होते हैं। वह बहुत सहते हैं और जब वे बर्दाश्त नहीं कर पाते तो वोट के जरिये अपनी बात रखते हैं। अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि केजरीवाल को जल्द जमानत मिल जाएगी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री व झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हाईकोर्ट ने 28 जून को सोरेन को जमानत दी थी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोरेन ने 4 जुलाई को फिर से सीएम पद की शपथ ली। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी थी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने एससी/एसटी पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था।

‘भाजपा के कई विधायक कांग्रेस में होना चाहते हैं शामिल’, कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई का बड़ा दावा

असम में भाजपा के कई विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, दरअसल कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने ये दावा किया है। उनका कहना है कि राज्य में भाजपा के कई विधायकों ने उनसे और उनके वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कुछ भाजपा नेताओं को शामिल करने के खिलाफ है, जो पहले पार्टी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं।

‘भाजपा की अंदरूनी कहानी उतनी अच्छी नहीं’
असम में पूर्व मंत्री रहे प्रद्युत बोरदोलोई ने आगे कहा, कि कई विधायकों ने हमारी पार्टी से संपर्क किया है और कुछ ने मुझसे संपर्क किया है। वे कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। हमारी पार्टी इस पर अंतिम निर्णय लेगी और इस पर चर्चा चल रही है। इस दौरान उन्होंने ये भी दावा किया कि भाजपा की अंदरूनी कहानी उतनी अच्छी नहीं है, जितनी सत्तारूढ़ पार्टी पेश करने की कोशिश कर रही है।

‘पुराने और नए भाजपा सदस्यों में टकराव’
दो बार लगातार लोकसभा सांसद रहे प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा, कि पुराने और नए भाजपा सदस्यों के बीच लगातार टकराव चल रहा है। दादा ब्रिगेड (सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के सर्मथक) का प्रभाव और कार्यशैली पार्टी के कई पुराने लोगों को पसंद नहीं है। इस दौरान वरिष्ठ नेता ने जोर देकर कहा कि भाजपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर पार्टी की आगामी राजनीतिक मामलों की बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी, जो 15 से 17 जुलाई तक होने वाली है। वहीं ये पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस उन सभी भाजपा नेताओं को अपने पार्टी स्वीकार करने के लिए तैयार है इस पर प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा, हम उन सभी को क्यों लेंगे? कुछ नेता हैं जो हमेशा हमें गाली देते हैं। हमें उन्हें क्यों लेना चाहिए? हालांकि, उन्होंने इस दौरान किसी भी भाजपा नेता का नाम नहीं लिया, जिन्होंने उनसे या पार्टी के अन्य सहयोगियों से संपर्क किया है।

भाजपा ने खबरों को बताया है अफवाह
राज्य में पिछले कुछ महीनों में से राजनीतिक गलियारों में चर्चा हैं कि भाजपा के एक पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, कई मौजूदा विधायक और कुछ पूर्व विधायक अपने हजारों समर्थकों के साथ विपक्षी पार्टी में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा नेताओं ने इन खबरों को अफवाह करार दिया है और दावा किया है कि सत्तारूढ़ पार्टी का कोई भी व्यक्ति कांग्रेस में शामिल नहीं होगा।

असम में ऐसा रहा लोकसभा चुनाव का परिणाम
असम में 14 सीटों के लिए हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने अपने नौ सांसदों को बरकरार रखा, जबकि उसके सहयोगी दल एजीपी और यूपीपीएल ने एक-एक सांसद को अपने पाले में किया। विपक्षी खेमे में कांग्रेस ने भी अपने तीन सांसदों को बरकरार रखा।

40 पदों के लिए निकाली भर्ती, इंटरव्यू देने पहुंच गए 800 युवा, हुई धक्का-मुक्की… कंपनी को नोटिस जारी

भरूच:गुजरात के भरूच में 40 पदों के लिए निकाली गई भर्ती के दौरान 800 युवा इंटरव्यू देने पहुंच गए। जिस होटल में साक्षात्कार हो रहे थे, वहां अव्यवस्था फैल गई। इंटरव्यू में शामिल होने के लिए युवाओं में जमकर धक्का-मुक्की हुई। घटना का बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया। वायरल वीडियो में होटल स्थित इंटरव्यू स्थल पर लंबी कतार लगी है और होटल में घुसने के लिए रैंप पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें कई युवा गिर गए। वीडियो वायरल होने के बाद मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने निजी कंपनी को नोटिस जारी किया है। वहीं घटना को लेकर मंगलवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल भाजपा को घेरा।

दो जुलाई को झगडि़या इंडस्ट्रियल एरिया की एक कंपनी ने अंकलेश्वर स्थित एक होटल में अपने नए प्लांट पर शिफ्ट इंचार्ज, प्लांट ऑपरेटर, सुपरवाइजर के 40 पदों के लिए वॉक इन इंटरव्यू का आयोजन किया था। कंपनी के अधिकारियों को भर्ती में 150 युवाओं के आने की उम्मीद थी, लेकिन इंटरव्यू देने 800 युवा पहुंच गए। भरूच एसपी मयूर चवड़ा ने बताया कि वीडियो के मुताबिक कंपनी के अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इंटरव्यू हॉल के दरवाजे को बंद कराया था। इसके बाद भर्ती स्थल पर मची भगदड़ के चलते कई युवा रैंप की रैलिंग टूटने से नीचे गिर गए। उन्होंने बताया कि गिरने से कोई भी घायल नहीं हुआ है। साथ ही घटना की कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।

वहीं जिला सेवायोजन अधिकारी संजय गोहिल ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद घटना के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद प्लांट मैनेजर और एचआर मैनेजर से बात की गई और 12 जुलाई को प्लांट का निरीक्षण किया गया। कंपनी ने रिक्त पदों के बारे में सेवायोजन कार्यालय को कोई जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही भविष्य में ऐसे भर्ती अभियान चलाने पर प्रशासन को जानकारी देने के लिए कहा गया है।

राहुल गांधी ने एक्स पर शेयर किया वीडियो
घटना को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के गुजरात मॉडल का सच सामने आ गया है। वहीं भाजपा की ओर से कहा गया कि वीडियो के जरिये गुजरात को बदनाम किया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने एक्स प्लेटफार्म पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि भारत में बेरोजगारी की बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है। भाजपा शासित राज्य इसका केंद्र बन गए हैं। देश के युवाओं का रोजगार के लिए कतार में खड़े होना नरेंद्र मोदी के अमृतकाल की सच्चाई बताता है। वहीं एक्स पर कांग्रेस नेता के ट्वीट का जवाब देते हुए भाजपा की ओर कहा गया कि अंकलेश्वर वायरल वीडियो के जरिये गुजरात को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। भर्ती के विज्ञापन के मुताबिक कंपनी को अनुभवी अभ्यर्थियों की आवश्यकता थी। जिन लोगों ने इंटरव्यू में भाग लिया वे पहले से अन्य जगह कार्यरत हैं। ऐसे में उनके बेरोजगार होने की बात गलत है। कांग्रेस गुजरात के बारे में नकरात्मकता फैला रही है।

इस्राइल ने गाजा में फिर बरपाया कहर, हमास की सैन्य टुकड़ी के प्रमुख दईफ समेत 71 लोगों की मौत

बीते नौ महीने से इस्राइल और हमास के बीच जंग चल रही है। इस्राइल ने हमास को खत्म करने की ढृढ़ प्रतिज्ञा ली है। यह प्रतिज्ञा गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रही है। गाजा में इस्राइली सेना की कार्रवाई लगातार जारी है। इस बीच खबर आई है कि इस्राइल ने एक बार फिर से गाजा पट्टी पर भीषण हमला किया है। इस हमले में हमास की सैन्य टुकड़ी के प्रमुख मोहम्मद दईफ समेत 71 लोगों की मौत हुई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी है।

इस्राइल ने गाजा पट्टी के खान यूनिस में बरपाया कहर
उधर, इस्राइली अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने हमास की सैन्य टुकड़ी के प्रमुख मोहम्मद दईफ पर निशाना साधा था। इस्राइल ने गाजा पट्टी के खान यूनिस क्षेत्र में यह हमला किया है। इस्राइली अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने दईफ के ठिकानों पर हवाई हमला किया। मोहम्मद दईफ को इस्राइल में सात अक्तूबर 2023 में हुए हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। आपको बता दें कि इस्राइल में सात अक्तूबर को हमास ने कहर बरपाया था। उस दौरान 1,200 लोग मारे गए थे। इस वजह इस्राइल और हमास के बीच जंग छिड़ गई थी।

इस्राइल ने दईफ को वांछितों की सूची में रखा था
इस्राइल ने दईफ को बीते वर्ष से मुख्य वांछितों की सूची में रखा था। माना जाता है कि दईफ के नेतृत्व में हमास ने इस्राइल पर कई बार हमला किया। उधर, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस्राइली हमले में 289 लोग घायल हुए हैं। जानकारी दी गई है कि कई घायलों और मृतकों को खान यूनिस क्षेत्र के नास्सेर अस्पताल में ले जाया गया है। हालांकि, इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है कि इस्राइली सैन्य बल (आईडीएफ) ने यह हमला मुवासी से किया है या नहीं। मुवासी, इस्राइल के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसका विस्तार उत्तरी राफा से खान यूनिस तक है। खान यूनिस में फलस्तीन के के हजारों शरणार्थी लोग शिविरों में रहते हैं।

सात अक्तूबर 2023 से शुरू हुई थी जंग
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 38000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

‘जमानत पर रोक सिर्फ दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही लगाई जानी चाहिए’, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह सही नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को यांत्रिक तरीके से और बिना कोई कारण बताए जमानत आदेशों पर रोक लगाने से बचना चाहिए। किसी आरोपी को राहत केवल दुर्लभ एवं अपवादात्मक मामलों में ही देने से इनकार किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने धन शोधन के एक मामले में आरोपी परविंदर सिंह खुराना की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए ये टिप्पणियां कीं। खुराना ने ट्रायल कोर्ट से पारित जमानत आदेश पर अस्थायी रोक लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, अदालतें किसी अभियुक्त की स्वतंत्रता को अनौपचारिक रूप से बाधित नहीं कर सकतीं। अदालतों को सिर्फ दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही जमानत आदेश पर रोक लगानी चाहिए। जैसे व्यक्ति आतंकवादी मामलों में शामिल हो, जहां आदेश विकृत हो या कानून के प्रावधानों को दरकिनार किया गया हो। पीठ ने कहा, आप इस तरह से स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं कर सकते। अगर हम इस तरह से रोक लगाते हैं, तो यह विनाशकारी होगा। अनुच्छेद 21 कहां जाएगा।

पीएमएलए मामले में पिछले साल 17 जून को ट्रायल कोर्ट ने खुराना को जमानत दे दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 7 जून को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई और खुराना की जमानत बहाल कर दी।

तंबाकू छुड़वाने के लिए सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में शुरू होंगे क्लीनिक, अलग ओपीडी चलेगी

तंबाकू की लत से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अलग से क्लीनिक शुरू करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने इसका आदेश भी जारी किया है, जिसमें कहा है कि यह क्लीनिक नशा मुक्ति केंद्र की तरह संचालित होंगे। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में अलग से रोजाना ओपीडी संचालित होगी।

एनएमसी के सचिव डॉ. बी श्रीनिवास ने देश के 706 मेडिकल कॉलेजों को लिखे आदेश में कहा है कि मेडिकल कॉलेजों के मनोरोग विभाग के अधीन यह विशेष क्लीनिक संचालित किया जा सकता है। जिन कॉलेजों ने अपने आसपास के क्षेत्रों को गोद लिया है, वहां विशेष तौर पर निगरानी रखी जा सकती है। इसके अलावा गांव और कस्बों की आबादी को इसमें शामिल करने के लिए टीमें तैनात की जा सकती हैं।

13.50 लाख मौतें होती है देश में हर साल
दुनियाभर में तंबाकू की वजह से हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मौत हो रही है। इनमें करीब 13.50 लाख मौतें भारत में हो रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता व उत्पादक देश है।

सरकार के प्रयास से देखने को मिलेगा बदलाव
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ. जीसी खिल्लानी का कहना है कि देश की 28.6 फीसदी आबादी धूम्रपान के अलावा गुटखा, खैनी, पान मसाला का शौक रखती है। इसके अलावा शराब, ई सिगरेट और अन्य तरह के नशे का शिकार होने वालों की संख्या अलग है। उन्होंने सरकार के इस आदेश की सराहना करते हुए कहा कि तंबाकू छोड़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह नामुमकिन कतई नहीं है। इसके लिए आत्मविश्वास और कुछ दवाओं का सहारा लेने की आवश्यकता होती है। सभी मेडिकल कॉलेजों में इसका क्लीनिक शुरू होने से अगले कुछ वर्षों में बदलाव जरूर देखने को मिलेगा।

चार राज्यों में 93 फीसदी उत्पादन
केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग के अनुसार, देश के चार राज्यों में ही तंबाकू के कुल उत्पादन का 93 फीसदी तंबाकू पैदा किया जाता है। इसमें गुजरात सबसे आगे है, जहां से 47.75 फीसदी तंबाकू आता है। 23.08 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12.23 फीसदी और कर्नाटक में 10.38 फीसदी तंबाकू का उत्पादन किया जाता है।