Sunday , November 24 2024

देश

बिहार के लिए पिटारा खोलेगी केंद्र सरकार; मेट्रो- एयरपोर्ट की मिलेगी सौगात, विशेष राज्य के दर्जे की मांग

नई दिल्ली:  आम बजट में मोदी सरकार अपनी दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी जदयू और बिहार का विशेष ख्याल रखेगी। जदयू की मांग के अनुरूप बजट में राज्य के कुछ शहरों में मेट्रो परियोजना, कम से कम आधा दर्जन नए एयरपोर्ट और मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की जाएगी। जदयू की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर नए साल में विचार किया जाएगा, जबकि थर्मल प्लांट की स्थापना की मांग पर फिलहाल विचार विमर्श जारी है।

जदयू के वरिष्ठ नेता के आम बजट में बिहार का विशेष ख्याल रखे जाने की संभावना को पार्टी की दबाव की रणनीति से जोड़ना उचित नहीं है। दरअसल राज्य की सत्ता में भाजपा भी साझेदार है और अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक कारणों से भी राज्य को प्राथमिकता मिलनी तय है। फिर नीति आयोग से लेकर आर्थिक जगत की दूसरी रिपोर्ट भी बताती है कि बिहार का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

जदयू ने बीते दिनों बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने, थर्मल प्लांट की स्थापना करने, नौ नए एयरपोर्ट, चार मेट्रो लाइन और सात नए मेडिकल कॉलेज की मांग की थी। पार्टी ने 20 हजार किमी की सड़क की मरम्मत के लिए अलग से राशि उपलब्ध कराने की भी मांग की थी। इनमें आधा दर्जन नए एयरपोर्ट, दो शहरों में मेट्रो, चार से पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक विशेष राज्य का दर्जा और थर्मल प्लांट की स्थापना पर संभवत: नए साल में विचार विमर्श होगा।

विशेष राज्य के दर्जे की मांग हुई तेज
बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग पिछले कई वर्षों से एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक मुद्दा बनी हुई है। केंद्रीय बजट के करीब आने के साथ, एक बार फिर से यह मांग जोर पकड़ने लगी है। नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस मांग को अपनी पार्टी और एनडीए के घटक दलों के सुर में सुर मिलाते हुए मजबूती से उठाया है। इससे पहले एनडीए में शामिल चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की वकालत कर चुके हैं।

मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने दी 100 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी, जानें मामला

केंद्र सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल करने जा रही है। मत्स्य पालन क्षेत्र में सरकार 100 करोड़ का निवेश कर 125 नए प्रोजेक्ट शुरू करेगी। इन परियोजनाओं का शुक्रवार को मदुरै में होने वाली मत्स्य पालन समर मीट में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उद्घाटन करेंगे।मत्स्य पालन मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 100 करोड़ का निवेश किया जाएगा।

मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल
अधिकारियों का कहना है कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की जा रही हैं। इसमें फिश रिटेल कियॉस्क, झींगा मछली की हैचरी, मछली ब्रूड बैंकों की स्थापना, सजावटी मछलियों की यूनिट, बायोफ्लॉक यूनिट, फिश फीड मिल और मछली पालन उद्यमों की स्थापना शामिल है। इससे मछली पालन के प्रति रुझान बढ़ेगा।

वित्तीय सहायता को लेकर कुछ भी तय नहीं
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना केंद्र सरकार का ऐसा कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र का सतत विकास करना है। हालांकि, इस योजना में वित्तीय सहायता को लेकर कुछ भी तय नहीं है, मगर योजना स्थानीय मत्स्य पालन व्यवसाय और देश में मछली पालन को बढ़ावा देगी।

उन्होंने कहा कि इसके तहत मत्स्य पालन समर मीट का आयोजन किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के इस संयुक्त कार्यक्रम से मछली पालन क्षेत्र में निवेशकों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही केंद्र सरकार की पहल के बारे में जागरूकता आएगी।

12 विजेताओं को सम्मानित करेंगे
अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु में समर मीट आयोजित करने का उद्देश्य मछली पालकों को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि मीट के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंह मछली पालन स्टार्टअप शुरू करने वाले 12 विजेताओं को सम्मानित करेंगे। इसके साथ ही योजनाओं के लाभार्थियों को ग्रांट भी देंगे। कार्यक्रम में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन और तमिलनाडु की मत्स्य पालन मंत्री अनीथा आर राधाकृष्णनन शामिल होंगी।

‘कॉरपोरेशन घोटाले में हनीट्रैप से फंसाए अधिकारी, खरीदीं लग्जरी कारें’, भाजपा नेताओं का बड़ा आरोप

बंगलूरू: कर्नाटक के चर्चित महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले को लेकर नया खुलासा हुआ है। दरअसल भाजपा नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि घोटालेबाजों ने धन की हेराफेरी करने के लिए सरकारी और बैंक अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाया। वरिष्ठ भाजपा नेता बी श्रीरामुलु ने गुरुवार को दावा किया कि आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए रखे गए धन में हेराफेरी कर उससे महंगी लग्जरी कारें खरीदी गईं। उन्होंने कहा कि घोटाले की रकम को लोकसभा चुनाव सहित विभिन्न चुनावों में इस्तेमाल किया गया।

‘घोटाले के पैसों से खरीदी लेम्बोर्गिनी कार’
श्रीरामुलु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया, ‘घोटालेबाजों ने वाल्मीकि निगम के फंड से एक लेम्बोर्गिनी कार खरीदी और ‘हवाला’ चैनलों के जरिए धन डायवर्ट कर इसे चुनावों में खर्च किया।’ पूर्व मंत्री और भाजपा नेता नरसिंह नायक ने इस घाटोले में राज्य सरकार की भूमिका को भी संदिग्ध बताया। नायक ने कहा कि ‘हम सभी जानते हैं कि वित्त सचिव की मंजूरी के बिना तीन करोड़ रुपये से अधिक राशि हस्तांतरित नहीं की जा सकती, लेकिन एक ही दिन में 50 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए गए। यह आश्चर्य की बात है कि सरकार में किसी को भी इसके बारे में पता नहीं था।’

187 करोड़ रुपये की अवैध राशि हस्तांतरित की गई
भाजपा नेता के अनुसार, यह राशि 16 व्यवसायियों के खातों में हस्तांतरित की गई। हस्तांतरित की गई राशि 4.12 करोड़ रुपये से 5.98 करोड़ रुपये के बीच थी। दोनों भाजपा नेताओं ने कांग्रेस विधायक बी नागेंद्र की गिरफ्तारी की मांग की, जिन्होंने घोटाला सामने आने के बाद आदिवासी कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। कथित घोटाले का खुलासा तब हुआ जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी और एक सुसाइड नोट छोड़ा। सुसाइड नोट में चंद्रशेखर पी ने आरोप लगाया कि निगम से 187 करोड़ रुपये की राशि अवैध रूप से हस्तांतरित की गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इसमें कुछ आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में अवैध रूप से जमा किए गए 88.62 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।

ममता बोलीं- भाजपा और मीडिया राज्य को कर रही बदनाम, महिला से हिंसा के वीडियो दो साल पुराना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने उपचुनाव के बाद भाजपा और मीडिया के एक वर्ग पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर 24 परगना जिले के अरियाधा में भीड़ द्वारा हमला करने की घटना दो साल पुरानी थी, जिसे बार-बार दिखाया जा रहा है। उस समय अर्जुन सिंह बैरकपुर वहां के सांसद थे, जो कि भाजपा के हैं।

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल एक हिंसा के वीडियो को लेकर पश्चिम बंगाल पर जमकर निशाना साधा जा रहा था। यह घटना अरियाधा में एक लड़की पर लोगों के समूह द्वारा हमला किए जाने की थी। हालांकि इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया। इसके अलावा स्थानीय टीएमसी नेता और मुख्य संदिग्ध जयंत सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया। बुधवार को ममता बनर्जी ने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए भाजपा और मीडिया के एक वर्ग आरोपी बताया।

कोलकाता हवाई अड्डे पर उन्होंने कहा कि दो साल पुरानी घटना का वीडियो क्लिप वायरल किया है। यह घटना तब की है जब उस लोकसभा सीट से भाजपा के अर्जुन सिंह बैरकपुर लोकसभा सीट के सांसद थे। उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों के एक वर्ग पर बुधवार को होने वाले उपचुनावों से पहले भाजपा के इशारे पर पुरानी घटना को बार-बार दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया और भाजपा का एक वर्ग बंगाल में भाजपा को मिली हार के लिए अपने नुकसान की भरपाई के लिए राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।”

बता दें कि मुख्य संदिग्ध जयंत सिंह को 2023 में एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह आगे कोई अवैध गतिविधि न करने के वादे के साथ जमानत पर बाहर था, अब उस पर इस शर्त का उल्लंघन करने के लिए अतिरिक्त आरोप लगाए जा रहे हैं। बैरकपुर के पुलिस आयुक्त सीपी आलोक राजोरिया ने बुधवार को कहा कि फुटेज से आठ लोगों की पहचान की गई है और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन की शुरुआत, सुरक्षा-व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर होगा फोकस

नई दिल्ली:   बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन की आज शुरुआत हो रही है। नई दिल्ली में 11-12 जुलाई को आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे। इस सम्मेलन के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री थराका बालासूर्या गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों का यह दूसरा सम्मेलन है, इससे पहले बीते साल थाईलैंड में बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हुई थी।

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ‘सम्मेलन में बिम्सटेक के विदेश मंत्री आपसी सहयोग बढ़ाने, सुरक्षा, कनेक्टिविटी, व्यापार और निवेश के साथ ही सदस्य देशों को लोगों से लोगों के संपर्क बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।’ नई दिल्ली में आयोजित हो रहे बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए थाईलैंड के विदेश मंत्री मारिस संगियामपोंगसा, नेपाल के विदेश मंत्री सेवा लामसाल, भूटान के विदेश मंत्री डीएन धुंग्येल, म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यू थान स्वे भी दिल्ली पहुंच चुके हैं।

क्या है बिम्सटेक
बिम्सटेक (Bay of Bengal Initiative for multi sectoral Technical and Economic Cooperation) एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें भारत के अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में समुद्री परिवहन सहयोग पर समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। इससे सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

अखिलेश यादव बोले- अयोध्या में अरबों के भूमि घोटाले हुए हैं… मामले की जांच की जाए

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि अयोध्या में अरबों रुपये के भूमि घोटाले हुए हैं। यहां पर भू-माफियाओं ने जमीनें खरीदी हैं। उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच की जानी चाहिए।सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने लिखा कि जैसे-जैसे अयोध्या की जमीन के सौदों का भंडाफोड़ हो रहा है उससे ये सच सामने आ रहा है कि भाजपा राज में अयोध्या के बाहर के लोगों ने मुनाफा कमाने के लिए बड़े स्तर पर जमीन की खरीद-फरोख़्त की है।

भाजपा सरकार द्वारा पिछले सात सालों से सर्किल रेट न बढ़ाना, स्थानीय लोगों के खिलाफ एक आर्थिक षड्यंत्र है। इसकी वजह से अरबों रुपये के भूमि घोटाले हुए हैं। यहां आस्थावानों ने नहीं बल्कि भू-माफियाओं ने जमीनें खरीदी हैं।इन सबसे अयोध्या-फैजाबाद और आसपास के क्षेत्र में रहनेवालों को इसका कोई भी लाभ नहीं मिला। गरीबों और किसानों से औने-पौने दाम पर जमीन लेना, एक तरह से जमीन हड़पना है। हम अयोध्या में तथाकथित विकास के नाम पर हुई ‘धांधली’ और भूमि सौदों की गहन जांच और समीक्षा की मांग करते हैं।

आईआरएस अधिकारी ने दस्तावेजों में नाम और लिंग परिवर्तन का किया अनुरोध, केंद्र सरकार ने दी अनुमति

हैदराबाद: हैदराबाद में आईआरएस अधिकारी के नाम और लिंग परिवर्तन की एप्लीकेशन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब वे एम अनुसूया की जगह एम अनुकाथिर सूर्या के नाम से पहचानी जाएंगी। हैदराबाद में इससे पहले भी कई अनोखे फैसले लिए जा चुके हैं। जो कि देशभर के लिए मिसाल होते हैं।

एम अनुसूया जो कि वर्तमान में हैदराबाद में सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के मुख्य आयुक्त के कार्यालय में बतौर संयुक्त आयुक्त के पद पर तैनात हैं। पिछले दिनों अनुसूया ने अपना नाम और लिंग परिवर्तन करने के लिए सरकार से अनुरोध किया था। एम अनुसूया अपना नाम बदलकर एम अनुकाथिर सूर्या और लिंग को महिला से पुरुष में परिवर्तित करवाना चाहती थीं।

इस मामले पर विचार करने के बाद वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने अनुसूया के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। उन्होंने आदेश में कहा कि अधिकारी को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों में श्री एम अनुकाथिर सूर्या करने की अनुमति दे दी है।

पहले भी इन मामलों में हैदराबाद बन चुका मिसाल
हैदराबाद ने इन मामलो में पहले भी मिसाल कायम कर चुका है। जून 2015 में नेशनल अकादमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के बीए एलएलबी छात्र ने अनुरोध किया था कि स्नातक सर्टिफिकेट में लिंग की पहचान नहीं होनी चाहिए। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने नाम के साथ ‘Ms’ की जगह ‘Mx’ लिखने का छात्र का अनुरोध स्वीकार किया। इस आदेश के बाद छात्र ने कहा कि यह एक पहला सकारात्मक कदम है।

वहीं 2022 में विश्वविद्यालय ने समलैंगिक छात्रों को समायोजित करने के लिए एक छात्रावास तल नामित किया। इसके बाद पिछले साल हैदराबाद अस्पताल में एमडी इमरजेंसी मेडिसिन प्रोग्राम में स्थान प्राप्त करने के बाद डॉ. रूथ पॉल जॉन देश में स्नातकोत्तर के बाद पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बन गई।

इसके बाद पिछले साल जुलाई में तेलंगाना सरकार ने उस्मानिया जनरल अस्पताल में पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक स्थापित किया औश्र वहां तैनात डॉक्टरों को संवेदीकरण प्रशिक्षण दिया गया।

मुदा मामले में CM सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, पत्नी-साले समेत नौ के खिलाफ शिकायत दर्ज

बंगलूरू:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले के सिलसिले में उनके और नौ अन्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने यह शिकायत मैसूर के विजयनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर विवाद की जांच की मांग की है। कृष्णा ने आरोप लगाया है कि मैसूर जिला कलेक्टर और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके साल मल्लिकार्जुन, उपायुक्त, तहसीलदार, उप रजिस्ट्रार और मुदा के कुछ अधिकारी भूमि आवंटन घोटाले में शामिल हैं।

शिकायत में यह आरोप लगाए
स्नेहमयी ने शिकायत में कहा कि सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुन ने अन्य सरकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मदद से 2004 में अवैध रूप से जमीन खरीदी और जाली दस्तावेजों के आधार पर इसकी रजिस्ट्री कराई। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्वती, मल्लिकार्जुन और एक अन्य व्यक्ति ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल मुदा से जुड़े करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए किया।

सीबीआई को सौंपें जांच: जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को कहा।

कोई घोटाला नहीं हुआ: शिवकुमार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को मुदा में किसी भी घोटाले के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में जितने भी घोटाले हुए हैं, वे सभी भाजपा के कार्यकाल के दौरान हुए हैं। हम सत्र के दौरान सभी आरोपों का जवाब देंगे।’

मुख्यमंत्री ने कही ये बात
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) की जमीनों के आवंटन में कोई घोटाला हुआ है या नहीं। प्लॉट आवंटन में शामिल लोगों का तबादला कर दिया गया है और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जांच में लगे हुए हैं। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

क्या है मामला?
कर्नाटक में भूमि आवंटन घोटाला सुर्खियों में रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान मुदा की लाभार्थी थीं। उस समय मैसूर के प्रमुख स्थानों में 38,284 वर्ग फुट भूमि उन्हें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में आवंटित की गई थी। मैसूर के केसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें उपहार में दी थी। मुआवजे के तौर पर दक्षिण मैसूर में एक प्रमुख इलाके में उन्हें जमीन दी गई। आरोप है कि केसर गांव की जमीन की तुलना में इसकी कीमत काफी अधिक है। इसके कारण मुआवजे की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं।

यूं ही नहीं राहुल ने लगाया चुनावों के बाद भी मणिपुर पर दांव, यह है कांग्रेस का ‘प्लान’

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे के बाद कांग्रेस ने सियासी तौर पर अपनी अगली रणनीति की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद भी मणिपुर के मुद्दे को छोड़ने वाली नहीं है। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मणिपुर के मामले पर चुनावों के बाद भी उनके नेता मणिपुर की आवाज उठाते हैं, तो इसका एक बहुत सधा हुआ सकारात्मक नैरेटिव सेट होगा। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि राहुल गांधी का चुनाव के बाद भी मणिपुर जाना यह बताता है कि पार्टी कितनी सधी हुई रणनीति के मुताबिक काम कर रही है। पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी उनकी पार्टी लगातार इस मुद्दे को आगे उठाती रहेगी। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने रणनीतिकारों को कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां के लिए एक टास्क भी दिया है। इस संबंध में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई।

राहुल गांधी मंगलवार को रायबरेली में थे। कहने को तो राहुल गांधी बीते एक महीने में दूसरी बार रायबरेली पहुंचे हैं। लेकिन रायबरेली से ज्यादा चर्चा राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा को लेकर हुई है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को कुछ महत्वपूर्ण नेताओं के साथ मणिपुर मामले में राहुल गांधी की ओर से किए गए वादे और आश्वासन को लेकर रणनीति बनाई गई। सूत्रों के मुताबिक इस रणनीति के तहत मणिपुर के लोगों को कांग्रेस लगातार ऐसे ही समर्थन करती रहेगी। कहा यह भी जा रहा है कि मानसून सत्र में कांग्रेस एक बार फिर से मणिपुर के मुद्दे पर बड़ी तैयारी के साथ संसद पहुंचने वाली है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया कहते हैं कि राहुल गांधी ने चुनावों के बाद मणिपुर जाकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उनकी पार्टी और उनके नेता कोई सियासत नहीं कर रहे हैं। वह हकीकत में मणिपुर के दुख दर्द को महसूस कर रहे हैं और उनकी आवाज बनकर उनके लिए न्याय मांग रहे हैं।

हालांकि सियासी रणनीतिकार इसको एक अलग नजरिए से देखते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने बहुत ही सधे तरीके से मणिपुर को अपने सियासी तरकश में सजाने की तैयारी की है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार डीपी सिंह कहते हैं कि चुनाव के दौरान जब राजनीतिक दल कोई गर्म मुद्दा उठाते हैं, तो उसके सियासी मायने निकाले जाते हैं। क्योंकि इस वक्त चुनाव खत्म हो चुके हैं। ऐसे में राहुल गांधी का मणिपुर जाना और वहां के लोगों से मिलना सियासी नजरिए से बहुत दूरदृष्टि जैसा दिख रहा है। सिंह कहते हैं कि जनता के बीच में एक नैरेटिव सेट करना भी सियासी पार्टियों के लिए बड़ा टास्क होता है। राहुल गांधी मणिपुर जाकर इस वक्त जो काम कर रहे हैं वह एक नैरेटिव सेट करने जैसा ही है। उनका मानना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से मणिपुर जाना और वहां के लोगों की समस्याओं को सामने लाकर वह न सिर्फ नॉर्थ-ईस्ट और मणिपुर में कोई संदेश देना चाहते हैं, बल्कि दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम तक वह सियासी संदेश देने की पिच तैयार कर रहे हैं। डीपी सिंह कहते हैं मणिपुर को लेकर लगातार देश के लोगों में अलग अलग तरह की चर्चाएं होती रहती हैं। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में भावनात्मक तौर पर मणिपुर से जुड़े हुए लोगों का समर्थन कांग्रेस पार्टी लेने की फिराक में भी है। सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी का मणिपुर दौरा उसी भावनात्मक समर्थन को बूस्टर के तौर पर देखते हुए आगे की सियासी पिच तैयार कर रही है।

जिस बार में गया था आरोपी उसके अवैध हिस्से को तोड़ा गया; जानें पूरा मामला

मुंबई:  मुंबई के बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में हर दिन नई कार्रवाई हो रही है। आबकारी विभाग के बाद अब मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बड़ा कदम उठाया है। एक दिन पहले जहां जुहू स्थित वाइस ग्लोबल तापस बार को सील कर दिया था। वहीं अब इसके अवैध हिस्से को तोड़ा जा रहा है। बता दें, आरोपी मिहिर शाह दुर्घटना से पहले इसी बार में गया था।

बीएमसी ने यह फैसला दुर्घटना के बाद बार पर छापा मारने के बाद लिया है। गौरतलब है, मुंबई में वर्ली हिट-एंड-रन मामले के मुख्य आरोपी और शिवसेना नेता राजेश शाह के 24 साल के बेटे को मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया। वह तीन दिनों से लापता था।

नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी के के-वेस्ट वार्ड कार्यालय की टीम आज सुबह वाइस ग्लोबल तापस बार पहुंची और उसके अवैध हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया। इससे पहले विभाग ने यह पता लगाने के लिए बार का निरीक्षण किया था कि कोई अनधिकृत बदलाव तो नहीं किए गए।

सौंपा गया था नोटिस
उन्होंने कहा कि बार को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसे नोटिस दिया गया था। इससे पहले, आबकारी विभाग ने जुहू स्थित वाइस ग्लोबल तापस बार को सील कर दिया था।

पुलिस की जांच में खुलासा
आपको बता दें कि तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने मुंबई के वर्ली इलाके में कावेरी नखवा नामक महिला को कुचल दिया था। कार ने महिला को करीब दो किलोमीटर तक घसीटा था। इस हादसे में उनके पति प्रदीप नखवा भी घायल हो गए थे। दुर्घटना के बाद, मिहिर दो दिनों से अधिक समय तक लापता था। वह उसी बीएमडब्ल्यू कार से बांद्रा के कला नगर इलाके में गया था।

यह है पूरा मामला
पुलिस ने मिहिर के ड्राइवर राजरिशी बिदावत को भी गिरफ्तार कर लिया था, जो कार में सवारी के दौरान उसके साथ था। बाद में, मिहिर ने अपने पिता राजेश शाह को फोन किया और घटना के बारे में बताया। इसके बाद, राजेश ने अपने बेटे को शहर छोड़ने को कहा और उससे कहा कि राजरिशी दुर्घटना की जिम्मेदारी ले लेगा। अपने पिता से बातचीत के बाद मिहिर इधर-उधर छिपने लगा।

इस पूरे हादसे पहले, शनिवार रात मिहिर शाह और उसके दोस्त बार गए थे। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने पहले बताया था कि बार के कर्मचारियों ने मिहिर को शराब दी थी।