Sunday , November 24 2024

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विधवा के साथ ₹30 लाख की धोखाधड़ी, मृतक पति के दोस्त पर आरोप; नवी मुंबई पुलिस ने दर्ज किया केस

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में पुलिस ने पैसों की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इस मामले में महिला ने अपने मृतक पति के दोस्त पर 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। फिलहाल नवी मुंबई पुलिस मामले में केस दर्ज करके जांच में जुट गई है।

पति से अलग बंगलूरु में रहती थी पीड़िता
नवी मुंबई पुलिस के मुताबिक बंगलूरु की रहने वाले 56 वर्षीय महिला ने मृतक पति के नवी मुंबई में रहने वाले दोस्त पर धोखाधड़ी करके 30 लाख रुपये उसके खाते से निकालने का आरोप लगाया है।मामले में महिला ने बताया कि वो उसके पति की ज्यादा शराब पीने की आदत के कारण नवी मुंबई से बंगलूरू रहने चले गए थे। उसने आगे बताया कि उनके पति पहले एक सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी में वरिष्ठ पद पर थे और उन्होंने 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।

मृतक का कामकाज संभालता था आरोपी
महिला ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी अमित सुधीर सिंह उससे अलग रह रहे पति के दैनिक कामकाज को संभालता था। वहीं एफआईआर का हवाला देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि अमित सुधीर सिंह ने नवंबर 2023 में महिला को बताया कि उसका पति गंभीर रूप से बीमार है और अस्पताल में भर्ती है। जिसके कुछ दिनों के अंदर उसके पति की मौत हो गई। जब महिला ने अपने पति का फोन मांगा तो आरोपी ने कथित तौर पर टालमटोल की।

‘पति के मौत के बाद की धोखाधड़ी’
मामले में पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पति के बैंक गई तो उसने पाया कि आरोपी ने उसकी मौत के कुछ घंटों के अंदर उसके खाते से 30 लाख रुपये निकाल लिए थे। अधिकारी ने बताया कि महिला ने दावा किया कि आरोपी उसके पति के लिए लेन-देन कर रहा था और उसके पास उसके बैंक खाते की जानकारी भी थी। हालांकि महिला ने मामले में इतने देर से पुलिस से संपर्क करने का कोई कारण नहीं बताया है।

आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज
वहीं खारघर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने मामले में बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने गुरुवार को आरोपी अमित सुधीर सिंह के खिलाफ धारा 404 (मृत्यु के समय मृतक के पास मौजूद संपत्ति का बेईमानी से गबन) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है।

मुंबई में आज भाजपा कोर कमेटी की बैठक, डिप्टी सीएम फडणवीस समेत कई अन्य नेता कार्यालय पहुंचे

भाजपा कोर कमेटी की बैठक आज मुंबई में हो रही है। इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। बताया जा रहा है इसमें शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस दफ्तर पहुंच चुके हैं।फडणवीस के अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव और अन्य पार्टी नेता भी पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में भाग लेने के लिए मुंबई में भाजपा कार्यालय पहुंच गए हैं।

‘भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की नेता को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पीटा’, शुभेंदु अधिकारी ने लगाए गंभीर आरोप

कोलकाता:  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उनकी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा की एक महिला नेता के साथ मारपीट की। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उन्होंने घटना के बारे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखकर 25 जून को हुई घटना की जानकारी दी और उनसे इसकी जांच कराने का अनुरोध किया।

शुभेंदु अधिकारी ने लगाए गंभीर आरोप
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘भाजपा महिला मोर्चा की एक महिला नेता की गोखसदांगा में तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने पिटाई की। सार्वजनिक रूप से उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए। इस समय वह एक अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही।’ अधिकारी ने उम्मीद जताई कि एनएचआरसी, एनसीडब्ल्यू और एनसीएम की टीम जल्द इलाके का दौरा करेंगी।

अधिकारी ने दावा किया कि भाजपा नेता को टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा बाल पकड़कर करीब एक किलोमीटर तक खींचा गया और इस दौरान महिला नेता के कपड़े फाड़ दिए गए। पुलिस का कहना है कि पीड़िता के जीजा ने घटना के समय पीड़िता की तस्वीर ली। पुलिस का आरोप है कि झूठी अफवाहों को फैलाने के लिए ऐसा किया गया था। पुलिस का कहना है कि पीड़िता के जीजा को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके फोन को भी जब्त कर लिया गया है।

टीएमसी ने आरोपों को किया खारिज
पीड़ित महिला नेता ने भी भाजपा नेता के आरोपों की पुष्टि की। अस्पताल में संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि ‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने कहा कि वे मुझे भाजपा के साथ जुड़े होने की सजा दे रहे हैं।’ हालांकि तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने आरोपों को निराधार बताकर खारिज कर दिया और दावा किया कि घटना संपत्ति के एक विवाद से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि टीएमसी का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। यह पूरा मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा है। आरोपी निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। पुलिस घटना की जांच कर रही है।

किसानों से कृषि से जुड़ी चार चीजें खरीदने की तैयारी में मिजोरम सरकार, चुनाव के दौरान किया था वादा

मिजोरम के जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की सरकार ने कृषक समुदाय के उत्थान के लिए स्थानीय किसानों द्वारा उत्पादित चार कृषि वस्तुओं को खरीदने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री पीसी वनलालरुआता ने कहा कि राज्य सरकार अदरक, हल्दी, मिर्च और झाड़ू के तिनके खरीदने वाली है।

किसानों से ये सभी चीजें खरीदना जेडपीएम का चुनावी वादा था। वनलालरुआता ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक फसल के लिए एक समर्थन मूल्य तय करेगी। बाजारों की व्यवस्था करने के लिए कदम उठाएगी ताकि वे अपने उत्पाद समर्थन मूल्य से अधिक दर पर बेच सकें। उन्होंने आगे कहा कि बाजार पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

तीन साल बाद किसानों का खरीददारों के साथ सीधा संबंध होगा, जिससे इस प्रक्रिया में सरकार की भागीदारी कम हो जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल तक किसानों द्वारा करीब 10 लाख क्विंटल अदरक का उत्पादन किए जाने की उम्मीद है। सरकार अदरक की खरीद के लिए खरीददार ढूंढने के लिए स्थानीय कृषि समितियों के माध्यम से टेंडर जारी करेगी।

इसके अलावा सरकार बड़ी कंपनियों के साथ समझौता भी करेगी, जिससे की वे मिजोरम के किसानों से अदरक खरीद सके। उदरक की छटाई, ग्रेडिंग और उसे सुखाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जेडपीएम नेता ने कहा कि कृषि वस्तुओं की खरीद और बिक्री की सभी प्रक्रिया स्थानीय कृषि समितियों के माध्यम से की जाएगी।

‘कश्मीर ने दुश्मनों को करारा जवाब दिया’, घाटी में मतदान को लेकर संयुक्त सत्र में बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में उच्च मतदान प्रतिशत पर बात की। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों के मतदान रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कश्मीर ने भारत के शत्रुओं को करारा जवाब दिया। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण कश्मीर की स्थिति पहले कुछ और थी, लेकिन इसके हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह से लागू हो गया है।

बता दें कि अनुच्छेद-370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था, लेकिन केंद्र ने इसे 2019 में इसे हटा लिया और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।

राष्ट्रपचि मुर्मू ने कहा, “कश्मीर घाटी ने कई दशकों के मतदान प्रतिशत के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। पिछले चार दशकों में हमने कश्मीर में बंद और हड़तालों के बीद बहुत कम मतदान देखा है। भारत के दुश्मन वैश्विक मंचों पर दुष्प्रचार कर रहे हैं। लेकिन इस बार कश्मीर ने दुश्मनों को करारा जवाब दिया है।” चुनाव आयोग के अनुसार, कश्मीर घाटी की तीन सीटों में श्रीनगर में 38.49 फीसदी, बारामूला में 59.1 फीसदी और अनंतनाग-राजौरी में 53 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।

क्यों वंदे भारत-गतिमान एक्सप्रेस की स्पीड होने जा रही कम? इस वजह से रेलवे ले रहा ये फैसला

देश में वंदे भारत और गतिमान एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें अपनी तेज रफ्तार के लिए पहचानी जाती हैं। लेकिन अब रेलवे इन ट्रेनों की स्पीड कम करने के बारे में विचार कर रहा है। हाल ही में उत्तर मध्य रेलवे ने कुछ ट्रेनों की स्पीड को कम करने की गुजारिश की है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के कंजनजंगा में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे की चिंता बढ़ गई है। इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 40 लोग घायल हुए थे। इसके बाद रेलवे ने ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई रूटों पर कवच सिस्टम लगाने का काम तेजी से कर दिया है। रेलवे के द्वारा सभी रूट और ट्रेनों को स्वदेशी टक्कर रोधी उपकरण कवच से लैस करने के काम में तेजी लाई जा रही है। इसलिए सुरक्षा कवच मिलने तक तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की गति कम की जा रही है।

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के कुछ दिन बाद ही रेलवे बोर्ड को एक प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में प्रीमियम ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जाने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार, उत्तर मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड को कुछ वंदे भारत एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस ट्रेनों की गति को 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा करने की गुजारिश की है।

इस बारें में उत्तर केंद्रीय रेलवे ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। इसमें ट्रेन नंबर 12050/12049 दिल्ली-झांसी-दिल्ली गतिमान एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 22470/22469 दिल्ली-खजुराहो-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20172/20171 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 12002/12001 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस की रफ्तार कम कराने का सुझाव दिया गया है। इस रूट पर कवच नेटवर्क तैयार करने का काम चल रहा है।

रेलवे बोर्ड अगर इस सुझाव का मान लेता है, तो वंदे एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा कम हो जाएगी। ऐसे में इनको अपना सफर तय करने में 25 से 30 मिनट का ज्यादा समय लगेगा। इन बदलावों की वजह से कम से कम 10 प्रीमियम ट्रेनों की टाइमिंग भी बदलनी पड़ेगी।

नई दिल्ली-मुंबई रेलखंड की क्षमता 160 की जानी है
वर्ष 2016 में गतिमान एक्सप्रेस को चलाने के लिए नई दिल्ली से आगरा रेलखंड की गति क्षमता 150 किलोमीटर से बढ़ाकर 160 किलोमीटर की गई थी। इसके बाद इस रेलखंड पर रानी कमलापति व खजुराहो वंदे भारत को भी अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने का निर्णय लिया गया। अन्य रेलखंड पर वंदे भारत 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती है। वहीं, नई दिल्ली से आगरा होते हुए मुंबई रेलखंड पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा किया जाना है। इसका काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह काम पूरा होने के बाद इस रूट पर चलने वाली वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी सहित अन्य ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी।

क्यों वंदे भारत-गतिमान एक्सप्रेस की स्पीड होने जा रही कम? इस वजह से रेलवे ले रहा ये फैसला

नई दिल्ली:  देश में वंदे भारत और गतिमान एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें अपनी तेज रफ्तार के लिए पहचानी जाती हैं। लेकिन अब रेलवे इन ट्रेनों की स्पीड कम करने के बारे में विचार कर रहा है। हाल ही में उत्तर मध्य रेलवे ने कुछ ट्रेनों की स्पीड को कम करने की गुजारिश की है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के कंजनजंगा में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे की चिंता बढ़ गई है। इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 40 लोग घायल हुए थे। इसके बाद रेलवे ने ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई रूटों पर कवच सिस्टम लगाने का काम तेजी से कर दिया है। रेलवे के द्वारा सभी रूट और ट्रेनों को स्वदेशी टक्कर रोधी उपकरण कवच से लैस करने के काम में तेजी लाई जा रही है। इसलिए सुरक्षा कवच मिलने तक तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की गति कम की जा रही है।

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के कुछ दिन बाद ही रेलवे बोर्ड को एक प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में प्रीमियम ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जाने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार, उत्तर मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड को कुछ वंदे भारत एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस ट्रेनों की गति को 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा करने की गुजारिश की है।

इस बारें में उत्तर केंद्रीय रेलवे ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। इसमें ट्रेन नंबर 12050/12049 दिल्ली-झांसी-दिल्ली गतिमान एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 22470/22469 दिल्ली-खजुराहो-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20172/20171 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 12002/12001 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस की रफ्तार कम कराने का सुझाव दिया गया है। इस रूट पर कवच नेटवर्क तैयार करने का काम चल रहा है।

रेलवे बोर्ड अगर इस सुझाव का मान लेता है, तो वंदे एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा कम हो जाएगी। ऐसे में इनको अपना सफर तय करने में 25 से 30 मिनट का ज्यादा समय लगेगा। इन बदलावों की वजह से कम से कम 10 प्रीमियम ट्रेनों की टाइमिंग भी बदलनी पड़ेगी।

नई दिल्ली-मुंबई रेलखंड की क्षमता 160 की जानी है
वर्ष 2016 में गतिमान एक्सप्रेस को चलाने के लिए नई दिल्ली से आगरा रेलखंड की गति क्षमता 150 किलोमीटर से बढ़ाकर 160 किलोमीटर की गई थी। इसके बाद इस रेलखंड पर रानी कमलापति व खजुराहो वंदे भारत को भी अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने का निर्णय लिया गया। अन्य रेलखंड पर वंदे भारत 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती है। वहीं, नई दिल्ली से आगरा होते हुए मुंबई रेलखंड पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा किया जाना है। इसका काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह काम पूरा होने के बाद इस रूट पर चलने वाली वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी सहित अन्य ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी।

विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर बढ़ी तकरार, विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे टीएमसी विधायक

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। अब गुरुवार को टीएमसी विधायकों ने इस मुद्दे पर विधानसभा परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नवनिर्वाचित विधायक सयांतिका बंदोपाध्याय और रायत हुसैन सरकार ने विधानसभा परिसर में मौजूद डॉ. बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन शुरू किया। विधायकों की मांग है कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस उन्हें जल्द विधानसभा में शपथ दिलाने का इंतजाम करें ताकि वह अपने जनप्रतिनिधि के कर्तव्य को पूरा कर सकें।

विधायकों ने लगाए आरोप
गौरतलब है कि दोनों विधायक हाल ही में हुए उपचुनाव में जीते हैं। दोनों को बुधवार को राजभवन में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। हालांकि, टीएमसी ने दावा किया कि परंपरा यह है कि उपचुनाव जीतने वाले विधायकों के मामले में राज्यपाल, विधानसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी सौंपते हैं, लेकिन राज्यपाल ने दोनों के अनुरोध के अनुसार विधानसभा में कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया और 26 जून की शाम को नई दिल्ली चले गए। बंदोपाध्याय ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमने बुधवार को शाम 4 बजे तक राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। आज हम अंबेडकर की प्रतिमा के सामने इस मांग के साथ बैठे हैं कि लोगों के लिए काम करने के हमारे संवैधानिक अधिकारों को बिना किसी देरी के पूरा किया जाए।’

राज्यपाल बोस ने दी सफाई
विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने बुधवार को राज्यपाल बोस पर शपथ ग्रहण समारोह को ‘अहं की लड़ाई’ बनाने और जानबूझकर इस मुद्दे को जटिल बनाने का आरोप लगाया। वहीं राज्यपाल बोस का कहना है कि ‘देश का संविधान उन्हें यह तय करने का अधिकार देता है कि विधायकों को शपथ दिलाने का काम किसे सौंपा जाए। मुझे विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कराने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन स्पीकर द्वारा राज्यपाल के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले आपत्तिजनक पत्र को भेजने के बाद यह विकल्प संभव नहीं हो पाया।’

स्कूल में आग लगने से झुलसीं दो टीचर्स, एलपीजी सिलेंडर से गैस रिसाव की आशंका

कोलकाता: पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने बुधवार को विभिन्न विभागों में कम से कम 552 रिक्तियां भरने को मंजूरी दे दी है। एक अधिकारी ने बताया कि रिक्तियों में शिक्षा विभाग में 35 पद, पशु संसाधन विकास विभाग में 270 और गृह विभाग में 100 अन्य पद शामिल हैं। कैबिनेट ने वन रक्षकों की भर्ती के नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दी। अब से वन रक्षकों की नियुक्ति पुलिस भर्ती बोर्ड के बजाय पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग द्वारा की जाएगी।

 

अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। सीएम ने मंत्रियों से उन क्षेत्रों में अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया, जहां लोकसभा चुनाव परिणाम सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे।
बिराती रेलवे स्टेशन पर बच्चा चोरी के संदेह में ट्रेन यात्रियों ने महिला को पीटा

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बिराती रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेन के यात्रियों ने एक महिला की इसलिए पिटाई लगा दी, क्योंकि उसने गोद में एक बच्चे को उठाया था। इस बीच किसी ने अफवाह फैला दी कि महिला बच्चा चोर है। जिसके बाद यात्रियों ने 15 मिनट तक रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने महिला को भीड़ से बचाने के लिए लाठीचार्ज किया। जीआरपी अधिकारी के मुताबिक, महिला ने दावा किया कि वह बच्चे की मां है और पड़ोसी राज्य की रहने वाली है। यहां उत्तर 24 परगना जिले के दमदम इलाके में रहती है। पुलिस ने बार-बार लोगों से ऐसी अफवाहों से प्रभावित न होने को कहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।

बंगाल के पूर्व सीएम बीसी रॉय की जयंती पर आधे दिन की छुट्टी रहेगी
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रख्यात डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय की जयंती मनाने के लिए राज्य सरकार ने बुधवार को राजस्व विभाग को छोड़कर अपने सभी विभागों के लिए एक जुलाई को आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की। इस दिन राज्य सरकार के कार्यालय दोपहर 2 बजे बंद हो जाएंगे। हर साल की तरह इस साल भी 1 जुलाई को बिधान चंद्र रॉय की जयंती मनाने के लिए राज्य ‘डॉक्टर्स डे’ मनाएगा। राज्य सचिवालय ने इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया। स्वास्थ्य क्षेत्र में रॉय के योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए 1991 में भारत में पहला डॉक्टर दिवस मनाया गया था।

बोस बोले- वह खुद राजभवन में नए विधायकों को शपथ दिलाना चाहते थे
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बुधवार को कहा कि संविधान मुझे यह तय करने का अधिकार देता है कि विधायकों को शपथ दिलाने का काम किसे सौंपा जाना चाहिए। राज्यपाल की यह टिप्पणी दो नवनिर्वाचित टीएमसी विधायक सयंतिका बंद्योपाध्याय और रयात हुसैन सरकार के शपथ ग्रहण को लेकर गतिरोध जारी रहने के बीच आई है। बोस ने कहा कि वह खुद राजभवन में नए विधायकों को शपथ दिलाना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने इस बात पर जोर दिया कि राज्यपाल विधानसभा में शपथ ग्रहण की अध्यक्षता करें।

फुटपाथ से अतिक्रमणकारियों को हटाने को लेकर सीएम ममता ने बुलाई बैठक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फेरीवालों को हटाने के चल रहे अभियान और विभिन्न स्थानों पर “अतिक्रमण” फुटपाथों को साफ करने के संबंध में गुरुवार को राज्य सचिवालय में एक बैठक करेंगी। इस दौरान वरिष्ठ नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।

कोलकाता और इसके पड़ोसी साल्ट लेक इलाके में फुटपाथों के अतिक्रमण पर सीएम बनर्जी द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने मंगलवार को बेदखली अभियान शुरू किया था। सीएम ने कहा था, सरकारी संपत्ति और जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है और पैसे के लिए इसकी इजाजत दी जा रही है।

भूख हड़ताल पर बैठे अन्नाद्रमुक विधायक, स्टालिन सरकार से की CBI जांच की मांग

तमिलनाडु में उन्नाद्रमुक के नेताओं ने कल्लाकुरुची जहरीली शराब त्रासदी को लेकर राज्य सरकार द्रमुक की निंदा की। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए अन्नाद्रमुक के कई नेता गुरुवार को भूख हड़ताल पर बैठ गए। दरअसल, जहरीली शराब पीने से अबतक 63 लोगों की मौत हो गई। अन्नाद्रमुक नेता एडप्पादी पलानीस्वामी समेत कई नेता इस भूख हड़ताल नें शामिल हो रहे हैं।

विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद अन्नाद्रमुक ने सदन में कल्लाकुरुची जहरीली शराब त्रासदी को लेकर हंगामा किया। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच के साथ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस्तीफे की भी मांग की। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए बुधवार को अन्नाद्रमुक को निलंबित करने का प्रस्ताव भी पारिस किया गया।

अन्नाद्रमुक विधायकों ने किया सदन में हंगामा
तमिलनाडु स्पीकर एम. अप्पावु ने विधानसभा की कार्यवाही को बाधित करने वाले विधायकों को बाहर जाने का आदेश दिया। दरअसल, ये सभी विधायक सदन में प्रश्नोत्तर सत्र को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। इसी के साथ वे सदन में जहरीली शराब त्रासदी पर नारे भी लगा रहे थे। स्पीकर अप्पावु ने कहा, “विधानसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। जाति जनगणना का प्रस्ताव पारित होना है। मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि विपक्ष भी इसमें भाग लें। इसलिए सीएम ने स्पीकर से अनुरोध किया कि अन्नाद्रमुक विधायकों को निलंबित न किया जाए। नियम 56 के तहत अन्नाद्रमुक ने स्थगन प्रस्ताव दिया। लेकिन, वे मेरी बात सुनने को तैयार नहीं थे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने अन्नाद्रमुक विधायकों को कभी भी विधानसभा में बोलने से नहीं रोका। लेकिन उन्हें तय समय पर बोलना चाहिए। लोकतांत्रिक विधानसभा में यह देखना दुखद है। अन्नाद्रमुक के नेता लगातार कार्यवाही बाधित कर रहे थे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बाकी के विधायक अपने क्षेत्र के बारे में कैसे बोलेंगे।”

महिला आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने की मृतकों के परिजनों से मुलाकात
बुधवार को खुशबू सुंदर के नेतृत्व राष्ट्रीय महिला आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाकात की। कल्लाकुरुची जिला कलेक्टोरेट ने बुधवार शाम को एक डेटा जारी किया। इसके अनुसार, जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों की संख्या अब 63 हो चुकी है। मौजूदा समय में 78 लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है। उनमें से 48 का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है। हालांकि, 66 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।