Saturday , November 23 2024

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‘इरादे सही, क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं’, मोदी 2.0 के पर्यावरण संबंधी रिकॉर्ड पर सुनीता नारायण

पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन से प्रभाव से चिंतित पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने सरकारी योजनाओं के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इसके क्रियान्वयन पर ठीक प्रकार से ध्यान नहीं दिया। इस कारण यह प्रक्रिया बहुत कमजोर हो गई है। हालांकि मोदी सरकार ने इसके लिए नई परियोजनाएं बनाईं, लेकिन उनको ठीक प्रकार से लागू नहीं करा पाए। न ही आम जनता से उनकी राय ले पाए।

शीर्ष पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने बताया कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कई पहलों पर ध्यान केंद्रित किया। जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाना, वन क्षेत्र में सुधार, मरुस्थलीकरण से निपटना, वायु प्रदूषण को कम करना, आर्द्रभूमि का संरक्षण, सभी घरों में पीने योग्य पाइप पेयजल उपलब्ध कराना और एकल-उपयोग प्लास्टिक का उन्मूलन शामिल है। उन्होंने कहा कि दूसरी मोदी सरकार के पास पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सही इरादे थे, लेकिन क्रियान्वयन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि यदि आप सरकार की नीतियों को गौर से देखें, तो आप यह तर्क नहीं दे सकते कि कुछ भी गलत था। नवीकरणीय ऊर्जा, पेयजल, अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कई बिंदुओं पर विचार किया गया। सुनीता नारायण ने बताया कि सरकारों ने लगातार पर्यावरण मंजूरी प्रणाली को इस हद तक कमजोर कर दिया है कि यह अब काम नहीं करती।

लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाए
भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में वन, वन्यजीव और पर्यावरण कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के महानिदेशक के अनुसार, पर्यावरण से संबंधित प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए नई कल्पना की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि “सरकार के बहुत से कार्यक्रम ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। उन्होंने बताया कि हम नदियों की सफाई के सवाल को लेते हैं। हम अपनी नदियों को साफ नहीं कर पाए हैं। अभी भी ऐसी स्थिति है कि जहां हम अपनी नदियों से साफ पानी ले रहे हैं वहीं उन्हें सीवेज वापस दे रहे हैं।”

केंद्रीय मंत्री भुजबल ने की जाति जनगणना की मांग, कहा- मराठों को ओबीसी कोटे से नहीं मिल सकता आरक्षण

अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों के सरकारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद वरिष्ठ ओबीसी नेता ने स्पष्ट किया कि मराठोंं को ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना की जानी चाहिए।

13 जून से दो ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हेक और नवनाथ वाघमारे अनशन पर बैठे हुए हैं। सोमवार को सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने दोनों से मुलाकात की। उन्होंने दोनों से अनशन खत्म करने का आग्रह किया, साथ की पानी पीने के लिए अनुरोध किया। लेकिन दोनों आंदोलनकारियों ने इससे इंकार कर दिया। आंदोलनकारियों का कहना है कि वे मराठों के लिए आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इससे ओबीसी कोटा प्रभावित नहीं होना चाहिए।

वहीं वरिष्ठ ओबीसी नेता और महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के लिए कोटे से आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्य में जाति जनगणना की अपनी मांग दोहराई। भुजबल ने कहा, “मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं दिया जा सकता। हम ऐसा नहीं कह रहे हैं, लेकिन आरक्षण को लेकर पिछले चार आयोग ने यही कहा है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे नकार दिया है।”

राज्य मंत्री ने मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे के विरोध का हवाला देते हुए कहा कि अब फिर से ओबीसी (कोटा) से आरक्षण की मांग हो रही है। भुजबल ने कहा कि राज्य में जाति आधारित जनगणना से ओबीसी समुदाय को अधिक धन मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। हड़ताली ओबीसी कार्यकर्ता राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के “ऋषि सोयारे” (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता दी गई है। भुजबल ने आगे कहा कि उन्होंने राज्य विधानसभा को दिखाया है कि किस तरह कुनबी रिकॉर्ड में हेराफेरी की जा रही है।

‘बारिश की चलते मेरे पैर कीचड़ में…’, कांग्रेस कार्यकर्ता ने नाना पटोले के पैर धोए; वीडियो वायरल

मुंबई:महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता उनके पैर धोते नजर आ रहे हैं।

नाना पटोले ने कहा, मैं कल अकोला जिले में था। महारष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी पंढरपुर यात्रा का आयोजन किया जाता है। गजानन महाराज संस्थान की पालकी शेरांव से वाडेगांव ले जाई गई। मैं दर्शन करने के लिए गया था। बारिश की वजह से कीचड़ था। हमारी पार्टी का एक कार्यकर्ता आया और (मेरे पैरों पर) पानी डाले लगा और उसने मेरे पैर धोए।

उन्होंने कहा, भाजपा ने इसे इतना बड़ा मुद्दा बना दिया है। पटोले ने कहा, वे (भाजपा) ‘हर घर में नल, हर घर में जल’ की बात करते थे। अगर यह (नल) वहां होता तो मैं जाकर खुद पानी से अपने पैर धोता।

चुनाव बाद हिंसा का शिकार हुए लोगों से मिली BJP की केंद्रीय टीम, झेलना पड़ा पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हुए हिंसा की जांच के लिए भाजपा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाया गया है। यह फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (भाजपा की केंद्रीय टीम) ने दक्षिण 24 परगना में चुनाव के बाद हुए हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की। इस कमेटी में सांसद अग्निमित्रा पॉल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बिप्लब कुमार देब शामिल हैं। इस मामले पर रविशंकर प्रसाद ने ममता बनर्जी की सरकार को घेरा।

भाजपा की चार सदस्यीय केंद्रीय टीम को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उस समय सहानुभूति नहीं दिखाई, जब उन्हें अपने घरों से विस्थापित कर कहीं और आश्रय दिया गया था। इसे लेकर टीएमसी के नेता शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने ही नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पार्टी के भीतर असंतोष को दर्शाता है।

रविशंकर प्रसाद ने ममता सरकार को घेरा
पीड़ितों से मुलाकात के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बाद की। भाजपा नेता ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी सरकार) की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “हर तरफ एक ही कहानी है। अगर आप भाजपा के लिए काम करते हैं तो आपको पीटा जाएगा। अगर आप यहां आएंगे तो आपकी पत्नी और परिवार को हिंसा का शिकार होना पड़ेगा। ममता जी यह आपकी सरकार है। यहां महिलाओं को पीटा जाता है। यह बहुत गंभीर मामला है। ममता जी आपको शर्म आनी चाहिए। एक चीज, जो मैं पुलिस को कहना चाहता हूं, हमारे कार्यकर्ताओं ने आपके सामने अपनी दुर्दशा व्यक्त की। अगर पुलिस ने उनके खिलाफ एक भी फर्जी मामला दर्ज किया तो ये गलत है। हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर पूरी गंभीरता से लेंगे।”

रविशंकर ने कहा, “वह (पीड़िता) दलित समुदाय से तालुक रखती है। उसकी गलती ये थी कि उसका बेटा भाजपा की तरफ से पंचायत चुनाव लड़ रहा था। उसके दुकान को तोड़ दिया गया। ममता बनर्जी को कुछ तो शर्म करनी चाहिए। उन्हें संविधान के बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए। अगर थोड़ी भी शर्म बची है तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी (पीड़ित) दुकान की मरम्मत कराई जाए जिसे उनके गुंडों ने तोड़ दिया।”

रक्षा मंत्री के आवास पर आज शाम NDA नेताओं की बैठक, लोकसभा अध्यक्ष पद प्रत्याशी पर होगा मंथन

संसद सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर संदेह बना हुआ है, अब तक लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हो सका है। मंगलवार शाम को इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है।18 वीं लोकसभा का गठन हो चुका है। 4 जून को मतगणना के बाद 9 जून को भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली थी। लेकिन अब लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर संशय बना हुआ है। 24 जून को आम चुनाव के बाद पहली बार संसद सत्र शुरू होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव के लिए प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद जून 2019 में उन्हें 17वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला वर्तमान में संसद के निचले सदन के अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 जून को होना है। राजनाथ सिंह को गठबंधन दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों के बीच अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आम सहमति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के अनुसार संसद सत्र से पहले होने वाली बैठक में एनडीए के नेता सत्र के दौरान एनडीए सहयोगियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, जिसमें अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी होगा।

बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में, बिरला को भाजपा ने कोटा से मैदान में उतारा था और उन्होंने 41,139 से अधिक मतों के अंतर से संसदीय सीट जीती थी। नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा है कि वे भाजपा की पसंद का समर्थन करेंगे। वहीं जद (यू) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं और वे लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन करते हैं। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 3 जुलाई को समाप्त होने वाला है, जिसमें नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी।

संकटमोचक बना सेना का डॉक्टर, विमान में बचाई यात्री की जान, मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग

मुंबई: पुणे-चंडीगढ़ उड़ान में सेना के एक डॉक्टर ने गंभीर रूप से बीमार एक 27 वर्षीय यात्री को पुनर्जीवित करके उसकी जान बचाई। डॉक्टर ने दवा देकर किसी तरह यात्री की जान तो बचा ली, इसके बाद उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के लिए अनुरोध किया। पश्चिमी कमान अस्पताल, चंडीमंदिर (हरियाणा) के चिकित्सा अधिकारी मेजर सिमरत राजदीप सिंह ने बताया कि इंडिगो की फ्लाइट में पुणे से चंडीगढ़ जाने के दौरान उनकी सहयात्री को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मरीज के साथ उनका भाई भी विमान में सवार था।

मीडिया से बात करते हुए मेजर सिमरत राजदीप सिंह ने कहा, “मैंने मरीज के भाई से उनके पिछले मेडिकल इतिहास के बारे में पूछा। मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि मरीज की दोनो किडनी छोटी है और ठीक तरह से काम नहीं करती है। उन्होंने आगे बताया कि मरीज को तीव्र उच्च रक्तचाप, टैचीकार्डिया, टैचीपनिया भी हो गया था और वह धीरे-धीरे हांफने लगा।”

मुंबई एयरपोर्ट पर कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग
मेजर राजदीप सिंह ने बताया कि मरीज अपने साथ सभी महत्वपूर्ण दवाइयां लेकर बैठा था। उन्होंने अंतशिरा लाइन के माध्यम से रोगी को आवश्यक दवाएं दीं। उसे एक घंटे तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। उन्होंने फ्लाइट कैप्टन से ऊंचाई कम करने और आपातकाल लैंडिंग की अपील की। मुंबई एयरपोर्ट सबसे निकट होने के कारण पायलट ने वहीं इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। फ्लाइट लैंड होने के बाद ही मरीज को अस्पताल पहुंचाने की तैयारी की गई। मरीज को बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा संचालित आर एन कूपर अस्पताल ले जाया गया।

भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट कर इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “गोवा से चंडीगढ़ इंडिगो 6E724 पर सवार होने के बाद वेस्टर्नकमांड हॉस्पिटल, चंडीमंदिर के मेजर मेजर सिमरत राजदीप सिंह ने एक 27 वर्षीय बीमार यात्री की जान बचाई।” मेजर सिमरत राजदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों से बात की। मरीज फिलहाल ठीक है।

पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की मिली धमकी, सुरक्षाकर्मी चला रहे सर्च ऑपरेशन

पटना:  पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। अपराधियों ने ईमेल भेजकर यह धमकी दी है। इसके बाद एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया और तुरंत ही अधिकारियों की आपात बैठक बुलायी गयी।इसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर आ गई। फौरन एयरपोर्ट थाना की पुलिस और सीआईएसएफ की टीम पटना एयरपोर्ट पर सर्च ऑपरेशन चला रही है। बम स्क्वायड की टीम भी पहुंची। मंगलवार दोपहर करीब एक घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा लेकिन बम या अन्य कोई संदिग्ध सामान नहीं मिला। पटना पुलिस अलर्ट मोड पर है। साइबर सेल और अन्य जांच एजेंसी मामले की तफ्तीश कर रही है।

कई अतिरिक्त एहतियाती कदम उठाए गए हैं
पटना एयरपोर्ट के निदेशक आंचल प्रकाश ने बताया कि पटना एयरपोर्ट को बम की धमकी वाला ईमेल मिला है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कई अतिरिक्त एहतियाती कदम उठाए गए हैं। फिलहाल सबकुछ सामान्य है।

रक्षा मंत्रालय HAL से 45,000 करोड़ रुपये में 156 हेलिकॉप्टर खरीदेगा, कंपनी ने SEBI को दी जानकारी

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) को रक्षा मंत्रालय से 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों (एलसीएच) की खरीद के लिए 45,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। एचएएल ने शेयर बाजार नियामक सेबी को यह जानकारी दी है। रक्षा क्षेत्र में मेड इन इंडिया को बड़ा बढ़ावा के तहत यह बड़ी पहल है।

कंपनी ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय ने 156 एलसीएच की खरीद के लिए प्रस्ताव निवेदन (आएफपी) जारी कर दिया है। इनमें से 90 हेलिकॉप्टर थल सेना के लिए और 66 हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए है। एलसीएच को प्रचंड के नाम से भी जानते हैं। यह दुनिया का ऐसा पहला लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो 16,400 फुट की ऊंचाई पर लैंड करने के साथ ही उड़ान भर सकता है। इस खूबी के चलते सियाचिन और पूर्वी लद्दाख के लिए इसे बहुत अहम माना जा रहा है।

आईएनएस सूरत का समुद्री परीक्षण शुरू, जल्द नौसेना में होगा शामिल
आईएनएस सूरत जल्द ही भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा। विशाखापत्तनम श्रेणी के इस विध्वंसक युद्धपोत को अत्याधुनिक तकनीक की मदद से निर्मित किया गया है और इसका पहला समुद्री परीक्षण भी शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष इसे कमीशन मिल जाएगा, जिससे देश की नौसैन्य क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। नौसेना ने सोमवार को सोशल मीडिया में इसकी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार प्रमाण बताया।

‘रविंद्र वायकर लोकसभा नहीं पहुंचेंगे’, शिवसेना यूबीटी नेता राउत ने रिटर्निंग अफसर पर लगाए आरोप

मुंबई:शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने शिवसेना सांसद रविंद्र वायकर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ‘रविंद्र वायकर पहले शिवसेना में थे, लेकिन ईडी, सीबीआई के डर से पार्टी छोड़ गए थे। पहले उन्हें उनके खिलाफ चल रहे ईडी के मामले पर बात करनी चाहिए कि उसकी जांच क्यों रुक गई? हमने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाया है, लेकिन व्यवस्था पर सवाल उठाया है। हमने रिटर्निंग अफसर पर सवाल उठाए हैं…रविंद्र वायकर लोकसभा नहीं पहुंचेंगे।’

रविंद्र वायकर की जीत पर उठ रहे सवाल
रविंद्र वायकर मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से महज 48 वोटों से जीते हैं, उन्होंने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को करीबी मुकाबले में हराया। हालांकि ये चुनाव नतीजा विवादों में फंस गया है। दरअसल अमोल कीर्तिकर ने मतगणना केंद्र पर धांधली का आरोप लगाया है। मुंबई पुलिस ने रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। आरोप है कि 4 जून को आम चुनाव के नतीजों की घोषणा के समय मंगेश को कथित तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था। पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

मोबाइल से ईवीएम अनलॉक करने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पांडिलकर के मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने और ओटीपी जेनरेट करने के लिए किया गया था। फिलहाल पुलिस ने मोबाइल फोन को फोरेंसिक लैब भेजा है, ताकि मोबाइल फोन का डाटा मिल सके। साथ ही फोन पर मौजूद फिंगर प्रिंट भी लिए गए हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने ईवीएम हैकिंग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

भीषण गर्मी से देश में घटी डीजल की मांग, जून महीने में बिक्री में 4 प्रतिशत तक आयी गिरावट

देश में लोकसभा चुनाव और उसके बाद जिस तरह से गर्मी का प्रकोप देखने को मिला है। उससे सभी त्रस्त हैं, और गर्मी का असर सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं था। कई तरह के व्यवसाय भी गर्मी की वजह से प्रभावित हुए हैं। एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की थी। जिससे बिक्री में बढ़ोत्तरी की आशंका थी। लेकिन परिणाम इसके बिल्कुल उलट रहा।

ईंधन बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करने वाली तीन सरकारी कंपनियां की पेट्रोल बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 1.42 मिलियन टन रही, जो पिछले साल इसी अवधि में खपत किए गए 1.41 मिलियन टन ईंधन के लगभग बराबर है। लेकिन महीने-दर-महीने खपत में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आयी है।

सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन की मांग कमी
जून महीने की पहली तारीख से 15 जून तक डीजल की बिक्री में पिछले साल के एक जून से 15 जून के समय की तुलना में कुल 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 39.5 लाख टन तक रह गई है। बता दें कि देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन की मांग में अप्रैल में 2.3 प्रतिशत और मार्च में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। जबकि मई महीने में 1.1 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है।

कीमतों में कटौती से भी नहीं हुआ लाभ
उम्मीद जताई जा रही थी कि चुनाव प्रचार के अलावा, गर्मियों की फसल कटाई के मौसम और कारों में एयर कंडीशनिंग की मांग को बढ़ाने वाली चिलचिलाती गर्मी के कारण ईंधन की खपत में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी। हालांकि, इस साल इस ऐसे सभी रुझानों के उलट ही परिणाम मिला है। बता दें कि मार्च महीने के मध्य में लगभग दो सालों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 रुपये की कटौती की गई थी। लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ है।वहीं 1-15 मई के दौरान 1.47 मिलियन टन खपत की तुलना में महीने-दर-महीने पेट्रोल की बिक्री में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई। मई के पहले पखवाड़े में 3.54 मिलियन टन की तुलना में डीजल की मांग महीने-दर-महीने स्थिर रही।

डीजल देश में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन
डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में डीजल की कुल बिक्री में परिवहन क्षेत्र का हिस्सा 70 प्रतिशत है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर समेत कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन भी है।