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सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी की याचिका की खारिज, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को दी गई थी चुनौती

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में उनकी जमानत याचिका स्थगित कर दी गई थी।

न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने स्पष्ट किया कि मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग नहीं की जा सकती। पीठ ने अपने 14 जून के आदेश में कहा, विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है। लंबित आवेदन भी खारिज कर दिए जाएंगे। पीठ ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि उच्च न्यायालय में याचिका 14 मई को दायर की गई थी और फिर 20 मई को नोटिस जारी किया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा, आप दो साल और आठ महीने से जेल में हैं। जैसे ही आप अदालत में आते हैं, आपको एक आदेश की जरूरत होती है। पॉलोज के वकील के कार्रवाई में तेजी लाने के अनुरोध पर पीठ ने कहा, हमारे लिए उच्च न्यायलय के बोर्ड की व्यवस्था करने का कोई प्रावधान नहीं है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक चंद्रशेखऱ और उनकी पत्नी लीना पॉलोज अपने सहयोगियों के साथ मिलकर साल 2013 से कथित तौर पर संगठित अपराध करने वाला गिरोह चला रहे थे।चंद्रशेखर और उनकी पत्नी दोनों को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2021 में ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

नीट में धांधली के दावों को लेकर डीएमके ने NTA को बताया दोषी, भाजपा पर लगाया मूकदर्शक बनने का आरोप

नीट परीक्षा को लेकर लगातार राजनीतिक पार्टी भाजपा नीत एनडीए सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साध रही हैं। अब तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके ने शनिवार को नीट की पवित्रता खराब करने का आरोप लगाया, साथ ही करोड़ों की कमाई करने वाले कोचिंग सेंटरों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

5 मई को नीट यूजी परीक्षा आयोजित हुई। आयोजन वाले दिन से ही इसपर पेपर लीक के आरोप लगने लगे। वहीं, इस बार परीक्षा में 67 ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने 720 में से 720 अंक लाकर पहला स्थान हासिल किया है। 67 बच्चों में से 6 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने एक ही सेंटर पर परीक्षा दी है, जो कि हरियाणा के झज्जर में है। 1,500 से अधिक बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए। कहा गया कि छह केंद्रों पर परीक्षा में देरी के कारण हुई समय की बर्बादी की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद ये मार्क्स वापस ले लिए गए और इन छात्रों के लिए पुनःपरीक्षा कराई जाएगी।इस परीक्षा में कुछ बच्चों के नंबर 718 और 719 आए हैं, जो परीक्षा की मार्किंग स्कीम के लिहाज से गणितीय रूप से संभव नहीं हैं। छात्रों का आरोप है कि कई छात्रों के अंकों को मनमाने ढंग से घटाया या बढ़ाया गया है, जिसका असर उनकी रैंक पर हुआ है।

वहीं एनटीए का कहना है कि जिन कोचिंग संस्थानों के छात्रों ने नीट यूजी 2024 परीक्षा में खराब प्रदर्शन किया है, वे ही आरोप लगाने में सबसे आगे हैं, क्योंकि परीक्षा अपेक्षाकृत आसान होने के बावजूद वे अपने छात्र समूहों के बीच अपनी छवि खो चुके हैं। एनटीए का कहना है कि अगर वास्तव में कोई समस्या थी, तो अन्य कोचिंग संस्थान चुप क्यों हैं?

इसके बाद तमिलनाडु की सत्तारुढ़ डीएमके ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी पर नीट की पवित्रता को खराब करने का आरोप लगाया। डीएमके ने एक बार फिर राष्ट्रीय परीक्षा को खत्म करने की मांग की और कहा कि इससे ही शिक्षा क्षेत्र की पवित्रता की रक्षा होगी। कुछ दिन पहले केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को यह बताए जाने का जिक्र करते हुए कि 1,563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए जाएंगे, डीएमके के तमिल मुखपत्र ‘मुरासोली’ ने कहा कि अगर मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं जाता तो भाजपा सरकार ऐसा नहीं करती।

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि नीट के आयोजन में अब तक ‘गुप्त’ रूप से हुई अनियमितताएं और घोटाले इस साल ‘खुलेआम’ सामने आए। इसे छिपाने के लिए ही 14 जून को जारी होने वाले परीक्षा परिणाम को 4 जून को जारी कर दिया गया, जब लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए। हालांकि, घोटाला उजागर हो गया। “हमने ग्रेस मार्क्स के बारे में सुना है, यह एक या दो अंक होंगे। लेकिन, 70 और 80 अंकों को ग्रेस मार्क्स कैसे कहा जा सकता है? एनटीए ने पूरे अंक दिए और यह राष्ट्रीय अन्याय है।” भाजपा सरकार कोचिंग सेंटरों की ‘चाकरी’ करती रही, जो हर महीने करोड़ों कमाते थे और इसने शिक्षा क्षेत्र में भी ‘कॉरपोरेट का राज’ स्थापित किया।

सीएम पेमा खांडू ने मंत्रियों में बांटे विभाग, उप-मुख्यमंत्री को मिली बड़ी जिम्मेदारी

ईटानगर: लोकसभा चुनाव के साथ अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुए। अरुणाचल में जहां एक तरफ कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन रहा तो दूसरी तरफ भाजपा ने जीत हासिल की। पेमा खांडू को एक बार अरुणाचल का मुख्यमंत्री बनाया गया। 13 जून को पेमा खांडू कैबिनेट के मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। भाजपा नेता चाउना मीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

पेमा खांडू कैबिनेट में डिप्टी सीएम चाउना मीन को वित्त, योजना और निवेश, कर और उत्पाद शुल्क, राज्य लॉटरी, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, बिजली और गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधन जैसी जिम्मेदारियां दी गई हैं।

सीएम खांडू ने दिया कैबिनेट का विवरण
सीएम पेमा खांडू ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंत्रियों के नामों के साथ उनके विभागों का विवरण दिया। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सभी मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद मेरे सभी सहयोगियों को विभाग आवंटित कर दिया गया है। यह टीम अरुणाचल को प्रगति की ऊंचाई पर ले जाने के लिए उत्साह, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। यह टीम अनुभवी और युवा मंत्रियों का मिश्रण है, जो लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नई ऊर्जा के साथ मिलकर काम करें। सभी को बधाई और शुभकामनाएं।”

बता दें कि अरुणाचल की 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 46 पर जीत हासिल की। वहीं एनपीईपी को पांच, एनसीपी को तीन, पीपीए को दो, कांग्रेस को एक और निर्दलीय को तीन सीटों पर जीत मिलीं। अरुणाचल के अलावा सिक्किम में भी विधानसभा चुनाव हुए थे। यहां 32 विधानसभा सीटों पर एसकेएम ने 31 पर जीत हासिल की, जबकि एसडीएफ को एक सीट पर जीत मिली।

प्रिक्स वर्सेल्स पुरस्कार के लिए चुने गए सात सबसे खूबसूरत संग्रहालय; इसमें भुज का स्मृतिवन स्मारक भी

अहमदाबाद:  यूनेस्को ने प्रतिष्ठित प्रिक्स वर्सेल्स पुरस्कार के लिए सात खुबसूरत संग्रहालयों को चुना है। इसमें गुजरात के भुज के स्मृतिवन भूकंप स्मारक संग्रहालय का नाम भी शामिल है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताई खुशी
सीएम भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत और गुजरात के लिए गर्व का समय। भुज में स्मृतिवन भूकंप स्मारक संग्रहालय को प्रतिष्ठित प्रिक्स वर्सेल्स पुरस्कार के तहत दुनिया के सात सबसे खूबसूरत संग्रहालयों में सूचीबद्ध किया गया है।” उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा, “यह गुजरात के लिए गर्व करने का समय है कि पहली बार भारतीय संग्रहालय को उसके स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक संरक्षण के लिए विश्व स्तरीय मान्यता मिली।”

पीएम मोदी को दिया श्रेय
सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण था। उन्होंने 2001 में भूकंप के शिकार हुए लोगों की याद में संग्रहालय बनवाया। कच्छ की पटरी पर लौटने की प्रतिबद्धता को नमन। इसी के आधार पर भुज में स्मृतिवन का निर्माण किया गया। इस संग्रहालय को भुजिया पहाड़ी हजारों पेड़ों के बीच बनाया गया है। इसका डिजाइन उल्लेखनीय है।

यूनेस्को के प्रिक्स वर्सेल्स ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इतिहास में पहली बार प्रिक्स वर्सेल्स ने 2024 के लिए विश्व के सबसे खूबसूरत संग्रहालयों की सूची जारी की है। इस साल प्रिक्स वर्सेल्स अपनी दसवीं वर्षगांठ मना रहा है।” विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि ये सभी तीन विश्व खिताब 2024 – प्रिक्स वर्सेल्स, इंटीरियर और एक्सटीरियर के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। विजेताओं की घोषणा नवंबर के अंत तक यूनेस्को मुख्यालय में की जाएगी। प्रिक्स वर्सेल्स के महासचिव जेरोम गौडैन ने खुशी जताते हुए कहा कि अब संग्रहालय भवनों को बेहतर पहचान मिलेगी।

‘एनडीए सरकार गलती से बनी, ज्यादा दिन नहीं चलेगी’, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बड़ा दावा

बंगलूरू: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का दावा है कि एनडीए सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और ये कभी भी गिर सकती है। खरगे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपने सहयोगियों को एकजुट रखने में काफी परेशानी हो रही है।

खरगे बोले-कभी भी गिर सकती है ये सरकार
बंगलूरू में मीडिया से बात करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘एनडीए सरकार गलती से बनी। मोदी जी के पास जनादेश नहीं है, यह अल्पमत की सरकार है। यह सरकार कभी भी गिर सकती है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यह जारी रहे, यह देश के लिए अच्छा हो, हमें देश को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’

उल्लेखनीय है कि 543 सदस्यों वाली लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 272 है, लेकिन भाजपा बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रही और 240 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। ऐसे में सरकार बनाने के लिए भाजपा एनडीए गठबंधन के सहयोगियों पर निर्भर है। जिनमें 16 सीटें जीतने वाली तेदेपा, 12 सीटें जीतने वाली जदयू और एकनाथ शिंदे की शिवसेना (7) और लोजपा (5) प्रमुख हैं।

खरगे के बयान पर एनडीए का पलटवार
खरगे के बयान पर जदयू ने पलटवार किया है और उनसे पूछा कि जब कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, तब उनके प्रधानमंत्री का स्कोर कार्ड क्या थे? बता दें कि साल 1991 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भी इतनी ही सीटें जीतीं थी, जितनी भाजपा ने 2024 में जीती हैं। बिना किसी स्पष्ट बहुमत के कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में अल्पमत की सरकार बनाई थी। हालांकि पीवी नरसिम्हा राव ने छोटी पार्टियों को तोड़कर अपनी अल्पमत की सरकार को दो साल में ही बहुमत की सरकार बना लिया था।

इटली में प्रधानमंत्री मोदी और मेलोनी की सेल्फी, एक-दूसरे को किया नमस्ते; बाइडन और पोप को लगाया गले

नई दिल्ली : जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक साथ फोटो खिंचवाई। जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने सभी देशों के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी की सेल्फी और नमस्ते सबसे ज्यादा चर्चा में रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इंसियो लूला दा सिल्वा, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति को गले लगा लिया।

इटली में G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री किशिदा से मुलाकात की। पीएम मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए भारत और जापान के बीच मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं। हम बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक संबंधों को भी औरआगे बढ़ाना चाहते हैं।

जी-7 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्रीय के सचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ एक दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया।

जी 7 के मौके पर पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। इस मौके पर पीएम मोदी ने लोगों की सेवा करने के लिए पोप की तारीफ की। साथ ही पोप को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।

इटली में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषिसुनक से मुलाकात की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटेन के पीएम मे मिलकर खुशी हुई। मैंने भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई है। दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर, प्रौद्योगिकी और व्यापार जैसे क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने की काफी गुंजाइश है।

‘भारत जलवायु के मुद्दे पर और बड़ी भूमिका निभा सकता है, 2028 में COP की मेजबानी करे’, सुनीता नारायण बोलीं

नई दिल्ली:  प्रमुख पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को सामने रखकर जलवायु वार्ता में और भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2028 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की योजना बना रहे हैं।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की महानिदेशक नारायण ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा संधि के तहत पार्टियों का सम्मेलन एकमात्र ऐसा मंच है, जहां जलवायु परिवर्तन से पैदा हुईं चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय निर्णय लिए जा सकते हैं।

हमारे सामने चुनौतियां हैं
उन्होंने कहा, ‘दक्षिण के देशों के लिए खड़े होने वाले देश के रूप में हम और भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हमारे सामने चुनौतियां हैं। हम अपनी चुनौतियों के बारे में बात कर सकते हैं, उन्हें दबा नहीं सकते। हम दुनिया को आगे बढ़ने का बेहतर रास्ता खोजने में मदद कर सकते हैं। हम नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं।

पीएम मोदी ने दुबई में पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी-28) में अपने संबोधन में 2028 में भारत में जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करने की पेशकश की थी। सीओपी की अध्यक्षता बारी-बारी से सभी देश करेंगे। भारत के लिए अगला अवसर 2028 में होगा, जब एशिया को अपनी बारी मिलेगी। उस समूह के सभी देशों को मोदी की दावेदारी पर सर्वसम्मति से सहमत होना होगा, तभी इसकी पुष्टि होगी।

हमें सीओपी की मेजबानी करनी चाहिए
नारायण ने कहा कि हमें सीओपी की मेजबानी करनी चाहिए और बिल्कुल हमें बात करनी चाहिए। देखिए, जलवायु परिवर्तन दुनिया की एक बड़ी समस्या है। इसका द्विपक्षीय स्तर पर समाधान नहीं किया जा सकता है। यह एक बहुपक्षीय मुद्दा है। उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन समाजवाद को पुनः सीखने का एक तरीका है, क्योंकि यह एक साझा वातावरण के बारे में है, जहां देशों को एक साथ रहना सीखना होगा, चाहे वे इसे पसंद करें या नहीं।

इटली के जी-7 शिखर सम्मेलन से वापस लौटे पीएम मोदी, बोले- विश्व मंच पर प्रस्तुत किया भारत का दृष्टिकोण

इटली में G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें भारत को बतौर आउटरीच सत्र में प्रतिभाग किया। इस सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ ही यूरोपीय यूनियन शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इटली की पीएम मेलोनी के निमंत्रण पर मैं 14 जून को जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के जाउंगा।उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, उर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर फोकस किया गया।

शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन जी-7 में शामिल मेजबान इटली के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा ने चीन के खिलाफ दो संकल्पों को मंजूरी दी। इनमें उन संस्थाओं के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाने का वादा किया है, जिन्होंने धोखाधड़ी से तेल की ढुलाई करके रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद की है।

पीएम मोदी के अलावा ये भी रहे आमंत्रित
जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा मेलनी ने अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने, केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो और ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सईद को आमंत्रित किया है। अन्य अतिथियों में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन शामिल रहे।

दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की हरकतों का विरोध
मसौदा बयान में कहा गया, हम दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्य बल और समुद्री मिलिशिया के खतरनाक इस्तेमाल और देशों की गहरे समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में बार-बार बाधा डालने, बलपूर्वक एवं धमकाने वाली गतिविधियों का विरोध करना जारी रखेंगे।

पीएम मोदी ने इनसे की मुलाकात
जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिडिसि एयरपोर्ट से भारत के लिए रवाना हो गए। इटली में उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पोप फ्रांसिस सहित कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात काफी चर्चा में रही।

चर्चा में रही फोटो और नमस्ते
इस सम्मेलन की एक फैमिली फोटो काफी चर्चाओं में आ गई है, जिससे साफ जाहिर होता है कि जी7 का सदस्य न होते हुए भी भारत का दबदबा कायम है। दुनिया भर के नेताओं ने शुक्रवार रात जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच राष्ट्र’ सत्र में एक फैमिली तस्वीर खिंचवाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर यह तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा ‘इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ।’ इस तस्वीर में पीएम मोदी मंच पर बीचोंबीच खड़े हुए दिखाई दिए, जबकि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी खुद नीचे वाली लाइन में खड़ी थीं। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी नीचे खड़े हुए नजर आए। उनके साथ अन्य देशों के प्रमुख भी दाएं-बाएं खड़े दिखे।

पीएम मोदी साथ राष्ट्रपति मेलोनी की रही चर्चा
‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक साथ फोटो खिंचवाई। जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने सभी देशों के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी की सेल्फी भी ली। उन्होंने फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा #सीआपी 28 में अच्छे दोस्त, #मेलाडी।

विदेश राज्य मंत्री बोले, 10-12 दिन लग सकते थे, PM मोदी के प्रयासों से आई तेजी

नई दिल्ली: कुवैत अग्निकांड में 45 भारतीयों की मौत हो गई। मृतकों के शव को लेकर भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान शुक्रवार को पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंंचा। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, योगेंद्र चंदोलिया और कमलजीत सहरावत सहित अन्य नेता हवाईअड्डे पर मौजूद रहे।

घटना से प्रधानमंत्री चिंतित हैं
केंद्रीय विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि आमतौर पर शवों को लाने में 10 से 15 दिन लगते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुरोध पर हम भारतीय नागरिकों को दो-तीन दिन में ही लाने में सफल हुए। सिंह ने कहा कि घटना बेहद दुखद है। घटना से प्रधानमंत्री चिंतित हैं। उन्होंने जानकारी मिलते ही आपातकालीन बैठक बुलाई। उन्होंने हमें कुवैत भेजा। जयंशकर ने वहां के विदेश मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से बात की। उन्होंने हमारा भरपूर सहयोग किया। हमने अस्पताल में भर्ती घायलों और डॉक्टरों से मुलाकात की। डॉक्टरों ने हमें आश्वासन दिया कि घायल लोग जल्द ही ठीक हो जाएंगे। एक-दो दिन में अधिकांश घायलों को छुट्टी दे दी जाएगी। हालत सिर्फ एक व्यक्ति की गंभीर है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

31 शवों को लेकर कोच्चि पहुंचा था शव
सिंह ने आगे कहा कि दूतावास स्थिति पर नजर रख रहा है। वे घायल लोगों के संपर्क में हैं। हमारा दूतावास घायलों के संपर्क में है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। कुवैती सरकार हमारा सहयोग कर रही है, इसी वजह से हम मृतकों के शवों को इतनी जल्दी यहां ला पाए हैं। इससे पहले, दिन में भारतीय वायुसेना का विमान 31 शव को लेकर केरल पहुंचा था। 31 मृतकों में केरल के 23, तमिलनाडु के 7 और कर्नाटक का 1 मृतक शामिल है।

गार्ड्स और मकान मालिक पर कार्रवाई की मांग
कुवैत के उप प्रधानमंत्री, रक्षा और आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने इमारत के मकान मालिक और इमारत के के गार्डों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे उन्हें बिना उनकी अनुमति के रिहा नहीं कर सकते।

केरल में संघ की वार्षिक समन्वय बैठक, भागवत-इंद्रेश कुमार बयान के बाद ‘मतभेद’ के दावे सिरे से खारिज

नई दिल्ली:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने मतभेदों के दावों को सिरे से खारिज किया है। आरएसएस का कहना है कि इस तरह के दावे सिर्फ भ्रम पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं। संघ के सूत्रों ने यह भी बताया कि केरल के पलक्कड़ में आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक 31 अगस्त से शुरू होगी। बताया गया है कि संघ के अध्यक्ष समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता इस बैठक में शामिल होंगे।

भाजपा- आरएसएस में मनमुटाव नहीं- सूत्र
संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा और आरएसएस के बीच किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं है। बता दें कि इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने टिप्पणी की थी कि ‘सच्चा सेवक सभी अहंकारी नहीं होता।’ इसके बाद से विपक्ष के नेताओं और कुछ लोगों ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के संघ प्रमुख ने तल्ख संदेश दिया है।

मोहन भागवत ने क्या कहा था?
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आम चुनाव के बाद अपनी पहली टिप्पणी में मणिपुर को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने मणिपुर के हालातों पर चिंता जताते हुए कहा था कि राज्य में संघर्ष को समाप्त करने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच आम सहमति की आवश्यकता है। इसके साथ ही भागवत ने यह भी कहा था ‘एक सच्चा सेवक मर्यादा बनाए रखता है, वह काम करते समय मर्यादा का पालन करता है। उसमें अहंकार नहीं होता।’

इंद्रेश कुमार के बयान से मची थी खलबली
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं था कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किस पर निशाना साधा लेकिन इसके बाद आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार के बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। इंद्रेश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था ‘जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई। 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गयी, लेकिन जो उसे सत्ता मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया।’