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पीएम मोदी ने की जम्मू-कश्मीर के हालात की समीक्षा, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का दिया निर्देश

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की। उन्हें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा संबंधी स्थिति से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री ने उनसे आतंकवाद रोधी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने को कहा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन बात की व आंतकवाद रोधी अभियानों पर चर्चा की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की और केंद्र शासित प्रदेश का जायजा लिया।

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में कई आतंकी हमले हुए हैं। आतंकवादियों ने पिछले चार दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार स्थानों पर हमले किए हैं। जिमसें दस तीर्थयात्रियों की मौत हुई। साथ ही सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हुआ। इसके अलावा, सात सुरक्षा कर्मी और कई अन्य घायल हुए हैं।

सुरक्षा बलों द्वारा अलग-अलग जिलों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी हो रहे हैं। ऑपरेशन से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है, 72 घंटे में तीन हमले, ये एक सोची समझी रणनीति है। पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर, ताजा घुसपैठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भले ही बॉर्डर पर सीजफायर लागू है, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के सदस्य जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर रहे हैं। सेना के सूत्रों ने यह बात मानी है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन में आतंकियों को हर तरह की मदद पहुंचाने वाली ‘ब्लैक शीप’ (काली भेड़) मौजूद हैं। इनके चलते पड़ोसी मुल्क के दहशतगर्द, सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाते हैं। ‘ब्लैक शीप’ की खोज और पहचान के लिए अलग से ऑपरेशन शुरू किया गया है।

पिछले कुछ समय से आतंकियों का फोकस कश्मीर घाटी की बजाए, जम्मू क्षेत्र पर अधिक हो रहा है। रविवार को जम्मू के रियासी में आतंकवादियों ने शिवखोड़ी मंदिर से कटरा जा रहे तीर्थयात्रियों की एक बस को निशाना बनाया था। इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई थी, जबकि तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। सूत्रों का कहना है, एकाएक जम्मू की तरफ आतंकी संगठनों के हमलों में जो तेजी देखी जा रही है, उसके पीछे घुसपैठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

जम्मू कश्मीर पुलिस की खुफिया इकाई के सूत्रों का भी कहना है कि पाकिस्तान की तरफ से बड़ी घुसपैठ संभव है। ऐसा भी हो सकता है कि यह घुसपैठ एक ही बार न होकर, छोटे-छोटे अंतराल पर हुई हो। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर सुरक्षाबलों का शिकंजा कसता जा रहा है। ऐसे में आतंकियों की नई भर्ती में भी काफी गिरावट आ गई है। पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को घाटी में नए चेहरे नहीं मिल रहे हैं।

वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से नितिन गडकरी ने की मुलाकात, पैर छूकर लिया आशीर्वाद

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी से मुलाकात की। मुलाकात का वीडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया। एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन दिया- वरिष्ठ नेता, हमारे मार्गदर्शक भारत रत्न श्री लालकृष्ण आडवाणी जी से भेंट।

केंद्रीय मंत्री द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में दिख रहा है कि वे हाथ जोड़कर पूर्व उप पीएम के सामने आए। उन्होंने उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया। साथ में उनकी पत्नी भी थी। उनकी पत्नी ने भी उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने अपनी पत्नी के साथ उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। पूर्व उप पीएम कुर्सी पर बैठे दिखे। स्वागत सत्कार के बाद उन्होंने बैठ कर बातें की। खास बात है कि केंद्रीय मंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने के बाद पहली बार गडकरी वरिष्ठ नेता से मिलने पहुंचे। बता दें, कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके आवास पर पहुंचे थे और उनकी मुलाकात की थी।

भारत रत्न से सम्मानित हैं आडवाणी
भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक लालकृष्ण आडवाणी को फरवरी में भारत रत्न देने का एलान किया गया था। खुद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने पोस्ट में कहा था कि भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए चला। स्वास्थ्य परेशानी के कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में आडवाणी के आवास पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था। इस दौरान पीएम मोदी भी साथ थे।

कौन हैं लालकृष्ण आडवाणी?
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।

आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से दिया इस्तीफा, अयोध्या के सांसद ने भी विधानसभा सीट छोड़ी

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब केंद्र की राजनीति करेंगे। उन्होंने करहल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इसके बाद उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना था तो उन्होंने करहल सीट छोड़ दी। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे के अनुसार यह इस्तीफा प्राप्त हो गया है। शीघ्र ही स्वीकार करने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।

इससे पहले सपा के विधायक लालजी वर्मा भी इस्तीफा दे चुके हैं। लालजी वर्मा भी लोकसभा सदस्य चुने गए हैं। इसके अलावा, फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए अवधेश प्रसाद ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि विधायक पद से आज इस्तीफ़ा दे दिया हैं। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को मेरा प्रणाम, आपने मुझे लम्बे समय तक सेवा करने का अवसर प्रदान किया, इसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। अब सांसद होने के नाते आप सभी जनता की आवाज को देश की सबसे बड़ी पंचायत में उठाऊंगा।

अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। ऐसे में आने वाले समय में यह पद उनके चाचा विधायक शिवपाल सिंह यादव या फिर पीडीए के तीन विधायकों रामअचल राजभर, इंद्रजीत सरोज और कमाल अख्तर में से किसी एक को मिल सकता है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में सपा ने अकेले दम पर 37 और इंडिया गठबंधन की सहयोगी दल कांग्रेस के साथ मिलकर कुल 43 सीटों पर जीत दर्ज की है।

मायावती बोलीं- सख्त कदम उठा रही सरकार, इसकी आड़ में राजनीति न करें

लखनऊ:  बसपा सुप्रीमो मायावती ने जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमलों पर सरकार व सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही कार्रवाई की सहराहना की है साथ ही विपक्ष को नसीहत दी है।मायावती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी हाल ही में जो आतंकी वारदातें हुई हैं। जिसमें अधिकांश एक वर्ग विशेष के निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया है अर्थात हमला किया गया है। यह अति दुःखद व निन्दनीय है।

उन्होंने कहा कि ऐसे आतंकी तत्वों को ढेर करने के लिए, सरकार व सुरक्षा बलों द्वारा जो भी सख्त कदम उठाये जा रहे हैं यह सराहनीय है। बसपा इसका समर्थन करती है लेकिन इसकी आड़ में कोई भी राजनीति करना उचित नहीं है। बता दें कि रविवार रात को जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने एक बस पर हमला कर दिया था। जिससे बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई जिससे करीब 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 33 लोग घायल हो गए थे।

वहीं, जिला कठुआ की तहसील हीरानगर के गांव सैडा सोहल में बुधवार दूसरे दिन फिर आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। सुरक्षाबलों ने दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया है। पुलिस, एसओजी, सीआरपीएफ, सेना के जवानों ने इलाके की घेराबंदी की हुई है। तलाशी अभियान चल रहा है। एडीजीपी जम्मू आनंद जैन ने यह जानकारी दी है।

एडजीपी ने कहा कि हीरानगर में हुई मुठभेड़ में बहादुर जवानों ने दोनों आतंकी मार गिराए हैं। हालांकि ऑपरेशन अभी चल रहा है। इलाके में किसी अन्य आतंकी के छिपे होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आसपास के इलाके में भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

रायबरेली या वायनाड में कौन सी लोकसभा सीट अपने पास रखें राहुल गांधी? असमंजस में कांग्रेस नेता

वायनाड:  2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 99 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो लोकसभा सीट वायनाड और रायबरेली से जीत हासिल की है। चुनाव परिणाम आने के बाद राहुल गांधी ने मलप्पुरम में बातचीत के दौरान वायनाड की जनता को दूसरी बार उन्हें सांसद चुनने के लिए धन्यवाद दिया। राहुल गांधी ने कहा कि मेरे सामने एक दुविधा है कि या तो मैं वायनाड या रायबरेली से सांसद रहूं। लोकसभा चुनाव में भारी मतों से दूसरी बार जीत हासिल करने के बाद पहली बार केरल पहुंचे राहुल गांधी ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मुझे भगवान से कोई निर्देश नहीं मिलता है, जैसा प्रधानमंत्री कहते रहते हैं।

पीएम मोदी पर राहुल ने कसा तंज
प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भगवान ने प्रधानमंत्री को निर्देश दिया है कि वो देश के बड़े और अहम एयरपोर्ट और पावर प्लांट्स अडानी को सौंप दें। लेकिन मैं एक इंसान हूं और मेरे लिए मेरे देशवासी ही भगवान हैं। जिससे मेरे लिए ये आसान है कि मैं लोगों से बात करूं और वो मुझे बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए। अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव की लड़ाई संविधान को बचाने की लड़ाई थी, और नफरत को प्यार, अहंकार को विनम्रता ने हराया है।

केंद्र में बनी है अपंग सरकार- राहुल

इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अब अपना व्यवहार बदलना होगा, क्योंकि देश के लोगों ने एक सीधा संदेश दिया है। वहीं कांग्रेस नेता केंद्र की मौजूदा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र में एक अपंग सरकार बनी है। बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में 240 सीटों पर जीत हासिल की है, और अपने गठबंधन के सहयोगियों की मदद से देश में सरकार का गठन किया है। आम चुनाव में बीजेपी 240, कांग्रेस 99, समाजवादी पार्टी 37, टीएमसी 29, डीएमके 22, तेलुगु देशम पार्टी ने 16 और जनता दल (यूनाइटेड) ने 12 सीटों पर जीत हासिल की है।

पूर्व CM के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के मामले में फिर टली सुनवाई, पेश नहीं हुईं नवनीत राणा

भाजपा नेता नवनीत राणा बुधवार को अपनी खराब तबियत के चलते कोर्ट में पेश नहीं हो पाए। नवनीत राणा के वर्ष 2022 में महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने पर विवाद हुआ था। वर्ष 2022 में नवनीत राणा ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता नाराज हो गए थे। इसके साथ ही इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि बाद में पीएम मोदी के मुंबई दौरे के कारण इसे रद्द कर दिया था। लेकिन पुलिस ने उनको अप्रैल में गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं।

बता दें कि नवनीत राणा ने अमरावती सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे यहां से चुनाव हार गए थे। वहीं बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले की पेशी थी। लेकिन भाजपा नेता नवनीत राणा बुधवार को खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यहां की एक अदालत में पेश नहीं हुए। पूर्व सांसद के पति अमरावती के विधायक रवि राणा अदालत में पेश हुए। दंपती पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया।

बता दें कि दिसंबर 2023 में अदालत ने उनकी जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि प्रथम दृष्टया गवाहों के बयानों के आधार पर आवेदकों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा था कि आईपीसी की धारा 353 के तहत यह अपराध बनता है। वहीं जनवरी से आरोपियों के अदालत में पेश न होने के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई है।

पिछली सुनवाई में एमपी/एमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाड़े ने राणा दंपती को 12 जून को अनिवार्य रूप से पेश होने का निर्देश दिए थे। बावजूद बुधवार को केवल रवि राणा ही अदालत में पेश हुए। नवनीत राणा के वकील शब्बीर शोरा ने छूट याचिका दायर करते हुए कहा कि वे अस्वस्थ हैं और इसलिए अदालत में नहीं आ सकतीं। अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और रवि राणा की उपस्थिति दर्ज कराने के बाद मामले की सुनवाई 2 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं राणा दंपती ने विशेष अदालत द्वारा उनके आरोपमुक्ति आवेदन को खारिज किए जाने के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की है।

शिक्षा मंत्री का दावा, छात्रा ने 11 वीं में सीट न मिलने पर नहीं की आत्महत्या, कहा- बच्चों को तनाव न दें

केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने छात्रा की आत्महत्या को दुखद बताते हुए प्लस वन में सीट न मिलने के कारण को खारिज कर दिया। विधानसभा में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि परप्पनंगडी में सरकारी स्कूल की 10वीं पास छात्रा की मौत के कारण का विवरण पुलिस से मांगा गया है। साथ ही यह भी कहा कि इस प्रकार की बातें करके बच्चों को तनाव न दिया जाए।

दरअसल छात्रा की आत्महत्या के बाद से केरल की वामपंथी सरकार को मलप्पुरम के उत्तरी जिले में उच्चतर माध्यमिक छात्रों के लिए स्कूलों में सीटों की कथित कमी को लेकर विपक्षी दलों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में विपक्षी दलों और मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि छात्रा ने यह कदम प्रवेश प्रक्रिया के दौरान प्लस वन के लिए सीट नहीं मिलने के कारण उठाया है। इस पर विधानसभा में शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने इन रिपोर्ट का खारिज कर दिया। उन्होंने विधानसभा में कहा कि परप्पनंगडी में सरकारी स्कूल की 10वीं पास छात्रा की मौत के कारण का विवरण पुलिस से मांगा गया है।

उन्होंने कहा, “प्रारंभिक जानकारी में समझ आता है कि छात्रा को सीट नहीं मिलने जैसी कोई संभावना नहीं है। केवल आवंटन का पहला चरण पूरा हुआ है। आवंटन का दूसरा चरण और सामुदायिक कोटा प्रवेश आज से शुरू हो रहा है।” मंत्री ने यह भी बताया कि आवंटन के तीसरे चरण तक लगभग सभी छात्रों को प्रवेश मिल जाएगा। इसके बाद पूरक आवंटन होगा। वहीं कक्षाएं 24 जून को ही शुरू होंगी। शिवनकुट्टी ने कहा कि उस समय तक सभी छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश सुनिश्चित कर दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा, “यह बहुत दुखद है कि बच्चे ने इसके लिए इंतजार किए बिना ही यह कदम उठा लिया।” उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि प्लस वन एडमिशन के बारे में अनावश्यक चर्चा कर छात्रों और अभिभावकों को कोई मानसिक तनाव न दें।

येदियुरप्पा ने पॉक्सो मामले को रद्द करने के लिए दायर की याचिका, महिला ने दर्ज कराई थी शिकायत

बंगलूरू;  कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ पॉक्सो मामले को रद्द करने की मांग करते हुए कर्नाटक होई कोर्ट में एक याचिका दायर की। सीआईडी द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद उन्होंने इस मामले को रद्द करने की मांग की। पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने हाई कोर्ट में अपील की कि इस मामले को रद्द कर देना चाहिए, क्योंकि उनके खिलाफ अपराध के साबित करने के लिए कुछ नहीं है। बता दें कि एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक के पूर्व सीएम ने उनकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

क्या है पूरा मामला
पीड़िता की मां ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना दो फरवरी को एक बैठक के दौरान हुई। येदियुरप्पा ने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला उनके घर आई थी। वह रोते हुए कह रही थी कि कुछ समस्या है। पूर्व सीएम ने आगे कहा, मैंने उससे पूछा कि मामला क्या है और मैंने खुद पुलिस को फोन किया। कमिश्नर को मामले की जानकारी दी और उनसे उसकी मदद करने को कहा। बाद में महिला मेरे खिलाफ बोलने लगी। मैंने यह मामला पुलिस कमिश्नर के ध्यान में लाया है। येदियुरप्पा ने कहा वह यह नहीं कहेंगे कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है।

18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 और राज्यसभा की कार्यवाही 27 जून से; 3 जुलाई तक सदन में होंगे ये काम

नई दिल्ली:  18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। इसके अलावा 264वीं राज्यसभा का सत्र 27 जून से प्रारंभ होगा। इस दौरान नव निर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण, लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव, राष्ट्रपति का अभिभाषण और उस पर चर्चा की जाएगी। दोनों सदनों के सत्र तीन जुलाई तक चलेंगे। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी दी।

राष्ट्रपति 27 जून को संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी
संसदीय कार्य मंत्री ने बुधवार को बताया कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को शुरू होगा, जिसमें नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे। सत्र के पहले तीन दिन नवनिर्वाचित नेताओं को शपथ दिलाई जाएगी। इसके साथ ही सदन के अध्यक्ष का चुनाव भी कराया जाएगा। सत्र का समापन 3 जुलाई को होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी और अगले पांच वर्षों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा पेश करेंगी।

रिजिजू ने एक्स क्या कहा?
रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24.6.24 से 3.7.24 तक नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ/प्रतिज्ञान, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए बुलाया जा रहा है। राज्यसभा का 264वां सत्र भी 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा। 27 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ओर से संसद में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराए जाने की उम्मीद है।

विपक्ष रह सकता है आक्रामक, पीएम मोदी देंगे जवाब
लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के शानदार प्रदर्शन के बाद उम्मीद है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में इंडी गठबंधन आक्रामक रह सकता है। वे एनडीए सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर सकते हैं। प्रधानमंत्री संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब भी देंगे।

दिल्ली में जल संकट को लेकर ‘सुप्रीम’ सुनवाई; टैंकर माफिया को लेकर केजरीवाल सरकार को फटकार

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि शहर में टैंकर माफिया के खिलाफ उसने क्या कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग परेशान हैं। हम हर समाचार चैनल पर इसकी तस्वीरें देख रहे हैं। अगर गर्मियों में पानी की कमी एक बार-बार होने वाली समस्या है, तो पानी की बर्बादी को रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर आप टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हम दिल्ली पुलिस से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहेंगे।

दिल्ली सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे अपने समस्या के निपटने के उपायों के बारे में हलफनामा दाखिल करेंगे। सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर पानी की बर्बादी करने वालों के कनेक्शन काटने और इसे रोकने सहित कई कदम उठाए हैं। इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।