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‘विपक्ष में कोई भी मोदी की बराबरी नहीं कर सकता’, प्रधानमंत्री के मुरीद हुए भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी

नई दिल्ली:  भारतीय अमेरिकी व्यवसायी और परोपकार के काम करने वाले एक बिजनेसमैन का कहना है कि भारत में पीएम मोदी एकमात्र नेता हैं, जो भविष्य की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में कोई भी नहीं है, जो पीएम मोदी की गतिशीलता की बराबरी कर सके। एक इंटरव्यू में भारतीय अमेरिकी बिजनेसमैन सुरेश वी शेनॉय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है और देश में अवसरों की भरमार है।

‘मोदी ही भविष्य की बात कर रहे’
सुरेश वी शेनॉय ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि भारतीय चुनाव में मोदी ही एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो भविष्य की बात कर रहे हैं। वह इस बारे में बात कर रहे हैं कि भविष्य की तकनीक किस तरह से लागू की जाएगी। मैं हिंदुत्व के लिहाज से ये बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि ये एक नैरेटिव है लेकिन बीते 10 वर्षों में भारत ने आर्थिक मोर्चे पर काफी उपलब्धि हासिल की है और ये कमाल की है। अब वे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।’

सुरेश वी शेनॉय खुद आईआईटी से पढ़े हैं और आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। उन्होंने कहा कि ‘भारत में अभी भी 80 करोड़ वंचित लोग हैं, लेकिन इनकी भी आकांक्षाएं हैं। ऐसे में भारत एक बड़ी आबादी है और यहां अवसरों की भरमार है, जब कि दुनियाभर में जनसंख्या सिकुड़ रही है। भारत अवसरों और भविष्य के बारे में है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप अवसरों को कैसे भुनाते हैं? अमेरिका में समृद्धि है और वैश्विक नेतृत्व है और वहां इस बात की चर्चा है कि वे कैसे इसे बनाए रखें।’ शेनॉय ने पूछा कि ‘अमेरिका में कितने राजनेताओं ने भविष्य की बात की और 2028 या 2032 की बात की? वो बस आज की बात कर रहे हैं।’

‘विपक्ष पीएम मोदी की गतिशीलता की बराबरी नहीं कर पा रहा है’
शेनॉय ने कहा ‘अगर आप एक नेता हैं तो आपको लोगों को भविष्य दिखाना आना चाहिए कि आज से 10 साल बाद क्या होगा। भारत की राजनीति की बात करें तो विपक्ष कोशिश कर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि वह पीएम मोदी की गतिशीलता की बराबरी नहीं कर पा रहे हैं। मेरा मतलब है कि पीएम मोदी आज से चार साल या आठ साल बाद की जिंदगी की बात कर रहे हैं और नेतृत्व की बात कर रहे हैं। यहां तक कि उनका जी20 के दौरान एक दुनिया और एक परिवार का संदेश भी लोगों को खूब पसंद आया था। अब पूरी दुनिया को भी उनकी तरह सोचना होगा।’

हिमालय की गोद में मिला स्तन कैंसर खत्म करने में मददगार कुरिलो, अन्य बीमारियों का भी कर सकता है उपचार

नई दिल्ली: भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसे पौधे की क्षमताओं का पता लगाया है जिसके जरिये कैंसर को खत्म किया जा सकता है। हिमालय की गोद में मौजूद शतावरी रेसमोसस पौधा स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए असरदार हो सकता है। इसे कुरिलो के नाम से भी जानते हैं। प्रयोगशाला में शोधकर्ताओं ने कुरिलो के अलावा अश्वगंधा और कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवा का मिश्रण लेकर जब स्तन कैंसर के स्टेम सेल पर प्रयोग किया तो कुछ ही समय में स्टेम सेल नष्ट होने लगे।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इस अध्ययन को स्तन कैंसर के उपचार में एक नई उम्मीद बताया। मंगलवार को मंत्रालय ने अध्ययन साझा करते हुए कहा कि इन पौधों के जरिये इस बोझ को कम करने में मदद की मिल सकती है। मेडिकल जर्नल एल्सेवियर में प्रकाशित यह अध्ययन मणिपाल स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि शतावरी रेसमोसस पौधा भारत में हिमालय पर मिलता है जो अब लुप्तप्राय माना जाता है।

अन्य बीमारियों में भी उपयोगी
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पौधा थोड़ा मीठा माना जाता है और यह रक्त, गुर्दे, यकृत, जलनयुक्त पेशाब, गठिया, गिल्टी और सूजाक के रोगों में उपयोगी है। अगर किसी रोगी को शतावरी रेसमोसस यानी कुरिलो पौधा के साथ अश्वगंधा और कीमो थेराप्यूटिक दवा पैक्लिटैक्सेल (पीटीएक्स) के साथ उपचार किया जाता है तो इसके संयोजन से ट्यूमर के विकास को रोका जा सकता है। यह अध्ययन प्रयोगशाला में चूहों पर किया है। इसे मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल में शामिल करने की सलाह दी है।

दवा संग पौधे का बनाया अर्क, फिर किया परीक्षण…शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि अध्ययन के दौरान जब पौधों से अर्क लेकर कीमो थेराप्यूटिक दवा के साथ संयोजन किया गया तो एमसीएफ-7 कोशिकाओं में दोनों के संयोजन के साथ मैमोस्फीयर गठन और सीडी 44/सीडी 24 सीएससी मार्कर भी कम होने लगे। अध्ययन में यह भी पता चला है कि अकेले पैक्लिटैक्सेल (पीटीएक्स) देने से ज्यादा औषधीय पौधों के साथ उपचार करने का परिणाम ज्यादा बेहतर है। इन विट्रो और चूहों पर परीक्षण में इसकी पुष्टि हुई है।

देश में स्तन कैंसर के हर वर्ष दो लाख मामले
दरअसल आईसीएमआर के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) के मुताबिक, भारत में हर साल स्तन कैंसर के दो लाख से ज्यादा मामले आते हैं। देश में 22 में से एक महिला को स्तन कैंसर होता है। 2022 में भारत में 14,13,316 नए कैंसर के मामले सामने आए, जिनमें 192,020 नए मामलों के साथ देश में स्तन कैंसर का अनुपात सबसे अधिक है।

न्यूजक्लिक के संस्थापक की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने बताया अवैध, जल्द रिहा करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामले में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। इसके साथ ही जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने उन्हें जल्द रिहा करने का आदेश दिया। बता दें कि न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से धन लेने का आरोप लगाया गया था।

समाचार पोर्टल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया में व्यवधान पहुंचाने के लिए ‘पीपल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म’ (पीएडीएस) नामक समूह के साथ साजिश रचने का भी आरोप है।

क्या है न्यूजक्लिक मामला
न्यूज क्लिक एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है। जिसके ऊपर विदेशी फंडिंग का मामला दर्ज हुआ है। भारतीय जनता पार्टी ने चीन का साथ देकर भारत में माहौल खराब करने का आरोप लगाया था। स्पेशल सेल से पहले ईडी भी छापेमारी की कार्रवाई कर चुकी है। ईडी ने जानकारी दी थी कि न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी। जिसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि साल 2005 से 2014 के बीच कांग्रेस को भी चीन से बहुत सारा पैसा मिला। इतना ही नहीं द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि न्यूज क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ मिले थे। यह पैसा कुछ जर्नलिस्ट में शेयर हुआ था।

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने पिता के फातिहा में शामिल होने की दी मंजूरी

नई दिल्ली:  कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को राहत देते हुए उसे अपने पिता के फातिहा में शामिल होने की मंजूरी दे दी है। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसकी याद में 10 जून को फातिहा कार्यक्रम आयोजित होगा। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 11 और 12 जून को पुलिस हिरासत में अपने परिवार के साथ समय बिताने की भी मंजूरी दे दी है।

कोर्ट के आदेश के तहत अब्बास अंसारी को 9 जून की सुबह पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से गाजीपुर ले जाया जाएगा। अब्बास अंसारी 10 जून को प्रार्थना सभा (फातिहा) में शामिल होगा और फिर उसे गाजीपुर जेल ले जाया जाएगा। 11 और 12 जून को एक तय समय तक अब्बास अंसारी अपने परिजनों से मिल सकेगा। इस दौरान अब्बास की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी यूपी पुलिस के डीजीपी और जिला पुलिस पर होगी। 13 जून को अब्बास अंसारी को वापस कासगंज जेल लाया जाएगा।

‘पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब…’, पीओके का जिक्र कर अमित शाह ने विपक्ष को घेरा

कोलकाता:  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में महंगाई को लेकर हुई हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पीओके को भारत का हिस्सा बताया। पाकिस्तान को घेरते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत इसे (पीओके) ले लेगा। पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में अमित शाह ने बुधवार को एक रैली की। इस रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने पीओके का मुद्दा उठाया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां शांति वापस आ गई। अब पीओके के नागरिक आजादी के नारे लगा रहे हैं।

अमित शाह ने कहा, “सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद क्षेत्र में शांति वापस आ गई। लेकिन अब हम पीओके में प्रदर्शन देख रहे हैं। पहले यहां आजादी के नारे गूंजा करते थे और अब यही नारे वहां (पीओके) लगाए जा रहे हैं। पहले यहां पथराव होता था और अब वहां हो रहा है।”

पीओके मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा
पीओके पर कब्जे की मांग का समर्थन न करने पर अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, “मणि शंकर अय्यर जैसे कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके पास परमाणु बम है। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि पीओके भारत का हिस्सा है और हम इसे ले लेंगे।”

भाजपा नेता ने आगे कहा कि यह लोकसभा चुनाव इंडी गठबंधन के भ्रष्ट नेताओं और ईमारदार नेता नरेंद्र मोदी के बीच चयन करने का चुनाव है। नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुख्यमंत्री और तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के बावजूद आज तक एक पैसे का भी आरोप नहीं लगा। उन्होंने कहा, “बंगाल को यह निर्णय लेना होगा कि उन्हें घुसपैठिए चाहिए या शरणार्थियों के लिए सीएए। बंगाल को तय करना है कि वह जिहाद को वोट देना चाहते हैं या विकास को वोट देना चाहता हैं।”

ममता सरकार पर साधा निशाना
सीएए का विरोध करने पर अमिता शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी मां-माटी-मानुष नारे के साथ सत्ता में आई थी। लेकिन यह नारा अब मुल्ला, मौलवी, मदरसा में बदल गया। वह दुर्गा विसर्जन की अनुमति देने से मना करती है, लेकिन रमजान में मुसलमानों को छुट्टी देती है।” शाह ने आगे कहा कि ममता सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों के समर्थन में रैलियां निकाल रही हैं।

साल 2023 में दक्षिण एशिया में हुए कुल विस्थापन का 97 प्रतिशत अकेले मणिपुर में हुआ, रिपोर्ट में दावा

नई दिल्ली: दक्षिण एशिया में साल 2023 में जितने लोग विस्थापित हुए, उनमें से 97 प्रतिशत लोग अकेले मणिपुर में विस्थापित हुए। जिनेवा आधारित आंतरिक विस्थापन मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में दक्षिण एशिया में कुल 69 हजार लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा, इनमें से 67 हजार लोग अकेले मणिपुर में विस्थापित हुए। भारत में यह साल 2018 के बाद से हुआ सबसे बड़ा विस्थापन है।

हाईकोर्ट की सिफारिश से शुरू हुई हिंसा
मणिपुर में विस्थापन की वजह वहां जारी जातीय हिंसा है। मणिपुर हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में मणिपुर के बहुसंख्यक मैतई समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की सिफारिश की थी और केंद्र सरकार से इस पर विचार करने को कहा था। 3 मई 2023 मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में इसके खिलाफ ‘ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च’ निकाला गया। यह मार्च मैतई समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग के विरोध में निकाला गया। इस मार्च के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

कुकी समुदाय कर रहा है मैतई को एसटी वर्ग में शामिल करने का विरोध
मणिपुर का कुकी समुदाय मैतई को एसटी वर्ग में शामिल करने का विरोध कर रहा है और इसकी वजह से ये दोनों समुदाय आमने-सामने हैं। राज्य के चुराचांदपुर, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, तेंगनुपाल, कांगपोकपी हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे और हिंसा के चलते राज्य में 67 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर शरणार्थी कैंपों में शरण लेनी पड़ी। मणिपुर के अलावा मिजोरम, नगालैंड और असम में भी इस हिंसा का असर हुआ। हिंसा बढ़ने पर केंद्र ने मणिपुर में कर्फ्यू लगा दिया। विस्थापित लोग अभी भी अपने घर नहीं लौट सके हैं और हालात सामान्य होने में अभी भी काफी वक्त लग सकता है। आईडीएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 तक दक्षिण एशिया में कुल 53 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं और इनमें से 80 फीसदी अकेले अफगानिस्तान के हैं।

30 साल पहले गुजर चुकी लड़की के लिए दूल्हे की तलाश, जानें इस विज्ञापन के पीछे की पूरी कहानी

नई दिल्ली:   कर्नाटक में एक परिवार ने विज्ञापन निकाला कि उन्हें 30 साल पहले मर चुके एक दूल्हे की तलाश है, अपनी 30 साल पहले मर चुकी बेटी के लिए। इसके बाद से शहर भर में इस विज्ञापन ने सनसनी मचा दी है। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के एक परिवार द्वारा अखबार में दिए गए विज्ञापन के एक हिस्से में लिखा है, “30 साल पहले गुजर चुके दूल्हे की तलाश उस दुल्हन के लिए की जा रही है, जिसकी मौत 30 साल पहले हो चुकी है।” जो कि शहर में चर्चा का विषय बन गया है।

दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर में एक परिवार से अपनी 30 साल पहले मर चुकी बेटी की शादी करवाने के लिए यह विज्ञापन दिया। उनका मानना है कि उनकी मृत बेटी अविवाहित है, जो कि उनके दुर्भाग्य का कारण है। इसलिए वे उसकी शादी करवाना चाहते हैं। वे मानते हैं कि 30 साल पहले जब विपत्ति आई थी, तब उनकी नवजात बेटी की मौत हो गई थी। इसके बाद से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

वे बताते हैं कि समस्या का कारण पूछने पर किसी ने बताया था कि उनकी मृत बेटी की आत्मा अस्थिर है, जो कि उनकी परेशानियों की जड़ है। उसकी आत्मा को शांति देने के लिए परिवार ने उसकी शादी कराने का फैसला किया। मृत बेटी के लिए दूल्हा ढूंढने के लिए माता-पिता ने अखबार में विज्ञापन छपवाया।

विज्ञापन में लिखा है, “30 साल पहले गुजर चुके दूल्हे की तलाश है, 30 साल पहले गुजर चुकी दुल्हन के लिए। प्रेथा मडुवे (आत्माओं की शादी) की व्यवस्था करने के लिए कृपया इस नंबर पर कॉल करें।”
मृत बेटी के माता-पिता का कहना है कि रिश्तेदारों और दोस्तों के बहुत प्रयासों के बावजूद उस उम्र और जाति का मृत दूल्हा नहीं मिल रहा था। इसलिए फिर विज्ञापन छपवाना पड़ा है।

यह अपरंपरागत प्रथा तुलुनाडु में एक दीर्घकालिक परंपरा है। बता दें कि कर्नाटक के तीन तटीय जिलों और केरल के पड़ोसी कासरगोड जिले के हिस्से में फैला हुआ है जहां स्थानीय बोली तुलु बोली जाती है। यहां मृत व्यक्तियों के लिए विवाह की व्यवस्था करना गहरा भावनात्मक महत्व रखता है। तुलुवा लोककथा विशेषज्ञों के अनुसार, दिवंगत लोग अपने परिवारों से जुड़े रहते हैं। उनके सुख-दुख में भागीदार होते हैं। परिणामस्वरूप, ‘वैकुंठ समारधने’ और ‘पिंड प्रदान’ जैसे अनुष्ठानों को भोजन और दिवंगत आत्माओं के लिए विवाह जैसी परंपराएं त्याग दी जाती है।

होर्डिंग दुर्घटना में मलबे के नीचे मिले 2 अन्य शव, 40 घंटे बाद भी बचाव अभियान जारी

नई दिल्ली: मुंबई में विशाल होर्डिंग गिरने की वजह से 14 लोगों की मृत्यु हो गई थी। लेकिन दो अन्य लोगों की शव मलबे के नीचे मिले हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है।  मुंबई में सोमवार को धूल भरी आंधी के दौरान घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप 100 फीट लंबा अवैध होर्डिंग गिर गया था। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार होर्डिंग अवैध था। इसके गिरने का कारण धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश बताया गया। अवैध होर्डिंग के गिरने से 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। बचाव दल को 14 शव बरामद हुए थे। वहीं इसके गिरने से लगभग 75 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।

लेकिन अब इसके मलबे के नीचे दो और शव भी मिले हैं। मंगलवार रात को किसी ने इन दो शवों को देखा गया था। लेकिन इन शवों को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को भी खोज और बचाव अभियान है। वहीं बचाव अभियान के दौरान घाटकोपर में घटना स्थल पर छोटी सी आग भी लग गई थी। हालांकि तैनात दमकल गाड़ियों ने आग तुरंत बुझा दी थी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के 40 घंटे बाद भी बचाव अभियान जारी रहा है।

मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर ने कहा है कि शहर में होर्डिंग गिरने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि मेसर्स एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक भावेश भिंडे और अन्य के खिलाफ पंत नगर पुलिस स्टेशन में गैर इरादतन हत्या और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

झांसी में अखिलेश ने कोविड वैक्सीन को लेकर BJP पर साधा निशाना, कहा- जबरदस्ती लगवा दिया टीका

झांसी: लोकसभा चुनाव में जीत का झंडा लहराने के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी कड़ी में मंगलवार को झांसी में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित किया। अखिलेश यादव ने कहा कि चार चरणों का चुनाव हो चुका है, जो साथी जानकार होंगे वो जानते होंगे भाजपा का ग्राफ गिरता जा रहा है। इस बार झांसी के लोग भाजपा की विदाई की झांकी तैयार कर रहे हैं।

अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हमारा किसान परेशान हो गया। हमारे किसानों की लूट हो गई, जब किसान खाद की बोरी लेकर के आया, खाद की बोरी से भी चोरी हो गई और जब डीएपी किसान खरीदने गया तो नैनो यूरिया खरीदनी पड़ी। जब भी उत्तर प्रदेश में कोई परीक्षा हुई इनका पेपर रद्द हुआ, जितनी परीक्षा हुई सबके पेपर लीक हुए। हम इंडिया गठबंधन के लोग भरोसा देकर जा रहे हैं 4 जून के बाद सरकार बनने जा रही है, न केवल नौकरी के मौके मिलेंगे, अग्निवीर योजना को समाप्त करेंगे।

सबको जबरदस्ती लगवा दी कोरोना वैक्सीन: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा वालों ने जबरदस्ती लोगों को वैक्सीन लगवा दी, जिन्होंने वैक्सीन लगवाई है उनको दिल की बीमारी जल्दी हो जाएगी। सब दवाईयां महंगी हो गई, गरीबों को इलाज नहीं मिल रहा है। हम गरीबों के लिए राशन की गुणवत्ता बढ़ाएंगे, मात्रा बढ़ाएंगे, और आटा के साथ डाटा भी मुफ्त देंगे।

यूपीए सरकार आते ही कूड़े में फेंक देंगे अग्निवीर योजना: राहुल
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र में यूपीए की सरकार बनते ही अग्निवीर योजना कूड़े में फेंक देंगे। एक को शहीद का दर्जा और दूसरे को नहीं ऐसा नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन संविधान की रक्षा कर रहा है। जबकि, भाजपा संविधान को नष्ट करना चाहती है।

देश में करोड़ों लखपति बनाएंगे: राहुल
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। जबकि, यूपीए की सरकार ने किसानों का 72000 करोड़ रुपये कर्ज माफ किया था। बोले कि जब यूपीए की सरकार बनेगी तो जितना कर्ज पीएम ने अरबपतियों का माफ किया है, उतना पैसा गरीबों के खाते में भेजेंगे। महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवारों की लिस्ट बनाएंगे। हर गरीब परिवार की एक महिला के बैंक खाते में हर महीने 8,500 हजार रुपए भेजेंगे। भाजपा ने 22 अरबपतियों को बनाया है, हम देश में करोड़ों लखपति बनाएंगे।

‘आप अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते’, IMA अध्यक्ष की बिना शर्त माफी को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष की बिना शर्त माफी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। साथ ही उनसे कई कड़े सवाल भी पूछे। दरअसल, हाल ही में आईएमए अध्यक्ष आर वी अशोकन ने पंतजलि आयुर्वेद वाले मामले में एक साक्षात्कार के दौरान सर्वोच्च अदालत को लेकर गंभीर टिप्पणी की थी।

आप अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते
न्यायमूर्मित हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने अशोकन से कहा कि आप सोफे पर बैठकर प्रेस को साक्षात्कार देते हुए अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते। अदालत ने साफ किया कि वे उनके बिना शर्त माफी वाले हलफनामे को स्वीकार नहीं करेगी। अदालत ने कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकारों का समर्थन करते हैं। लेकिन कई बार आत्म संयम बरतने की आवश्यकता होती है, जो हमें आपके साक्षात्कार में नहीं दिखी।

आईएमए अध्यक्ष के बयान दुर्भाग्यपूर्ण
दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि आपका आचरण ऐसा नहीं है कि हम इतनी आसानी से माफ कर सकें। उन्होंने पूछा कि आपने एक लंबित मामले में बयान क्यों दिया, जिसमें आईएमए याचिकाकर्ता है। आपके पास लंबा अनुभव है। आप आईएमए अध्यक्ष हैं। ऐसे में आपसे उम्मीद की जाती है कि आप जिम्मेदारी से बात करेंगे। आप आपनी आंतरिक भावनाओं को इस तरह प्रेस में व्यक्त नहीं कर सकते। वह भी अदालत के आदेश के खिलाफ। आपके बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं।