Sunday , November 24 2024

देश

CJI चंद्रचूड़ ने SCBA के अध्यक्ष बनने पर कपिल सिब्बल को दी बधाई, कहा- आपसे सहयोग की उम्मीद

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष चुने गए हैं। सिब्बल ने लगभग दो दशक के बाद यह चुनाव लड़ा था। अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को भारी मतों से हराने के बाद सिब्बल को बधाइयां दी जा रही हैं। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सिब्बल की जीत पर उन्हें बधाई दी। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘सिब्बल को एससीबीए का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई। हम आपके और कार्यकारी समिति के सदस्यों के सहयोग की उम्मीद करते हैं।’

22 साल बाद मुझे मौका मिला
सीजेआई को धन्यवाद देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा, ‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि 22 साल बाद मुझे बार में सेवा करने का यह अवसर दिया गया है। हमारी ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा और पीठ के प्रति हमारी यही प्रतिबद्धता है। इस सहयोग के माध्यम से ही हम एजेंडा को आगे बढ़ा सकते हैं।’

गुरुवार को चुने गए
बता दें, सिब्बल को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) का अध्यक्ष चुना गया। सिब्बल को कुल 2350 में से 1,066 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी प्रदीप राय को 689 वोट मिले। इसके अलावा तीसरे प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान अध्यक्ष आदिश अग्रवाल तीसरे स्थान पर रहे।

‘नागरिकों की आजादी के संबंध में हर एक दिन मायने रखता है’, जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी नागरिक की आजादी के संबंध में एक-एक दिन अहम है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। दरअसल दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी अमनदीप सिंह ढल्ल ने अपने वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट बीते कई महीनों पर ढल्ल की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है, लेकिन अभी तक फैसला नहीं किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट को जल्द जमानत याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की नियमित जमानत पर हाईकोर्ट 40 मौकों पर सुनवाई कर चुका है और अब मामले को 8 जुलाई तक स्थगित कर दिया है। पीठ को बताया गया कि बीते साल जुलाई में नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि ’40 सुनवाई के बाद भी आप नियमित जमानत पर फैसला नहीं कर पा रहे हैं। जो मामले नागरिकों की आजादी से जुड़े हैं, उनमें एक-एक दिन मायने रखता है। नियमित जमानत का मामला बीते 11 महीनों से लंबित है और इससे याचिकाकर्ता की आजादी का हनन हो रहा है।’

गर्मियों की छुट्टियों से पहले फैसला लेने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा कि जमानत याचिका पर गर्मियों की छुट्टियों से पहले फैसला करें। हाईकोर्ट में 3 जून से गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी और आखिरी कार्यदिवस 31 मई होगा। ढल्ल दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी है, जिसकी जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने ढल्ल को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके खिलाफ ढल्ल ने हाईकोर्ट का रुख किया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, ढल्ल शराब नीति को बनाने, आम आदमी पार्टी को लाभ पहुंचाने में शामिल था। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को शराब नीति लागू की थी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सितंबर 2022 को शराब नीति को वापस ले लिया गया था।

‘जब तक प्रज्ज्वल को वापस नहीं ले आते, तब तक हम रुकेंगे नहीं’, ब्लू कॉर्नर नोटिस पर बोले गृह मंत्री

बंगलूरू: कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि हासन से सांसद और यौन शोषण मामले में आरोपी जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना को भारत वापस लाने की कोशिशें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि एसआईटी मामले की जांच कर रही है और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रज्ज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने का गंभीर आरोप है। कर्नाटक के सेक्स स्कैंडल से राज्य की राजनीति में हंगामा जारी है।

गृह मंत्री बोले- हम अपना काम कर रहे
प्रज्ज्वल रेवन्ना बीती 27 अप्रैल को जर्मनी के लिए रवाना हुए थे और ऐसा माना जा रहा है कि वे अभी भी जर्मनी में ही हैं। प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इस पर कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा ‘प्रज्ज्वल को वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। जब तक हम उन्हें वापस लाकर कानून के तहत कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक हम नहीं रुकेंगे।’ भाजपा का आरोप है कि प्रज्ज्वल के विदेश भागने के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। इन आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा कि ‘वे जो चाहे कह सकते हैं, वे हमारे लिए अच्छा नहीं कहेंगे, लेकिन बतौर सरकार हमारी जिम्मेदारी है कि ऐसे मामले हल्के में न लिए जाएंगे और हम अपना काम कर रहे हैं।’

कुमारस्वामी के आरोपों पर क्या बोले गृह मंत्री
जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस सरकार देवेगौड़ा परिवार की छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रही है और सरकार की पीड़ितों को न्याय दिलाने पर ध्यान नहीं है। कुमारस्वामी ने ये भी आरोप लगाया कि मामले की जांच से जुड़ी हर जानकारी मंड्या के कांग्रेस विधायक के पास भेजी जाती है न कि गृह मंत्री को।’ कुमारस्वामी के आरोपों पर जी परमेश्वर ने कहा कि ‘कुमारस्वामी भी ये बात जानते हैं कि कई चीजें सार्वजनिक नहीं की जातीं क्योंकि अभी जांच चल रही है। मंड्या के विधायक को कौन जानकारी देगा? ऐसे आरोप लगाना आसान है। हमारी जिम्मेदारी है और हम किसी बिना पूर्वाग्रह के जांच कर रहे हैं। एसआईटी या तो मुझे जानकारी देगी या फिर सीएम को। इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए।’

पिछड़ा वर्ग आयोग ने बंगाल और पंजाब में ओबीसी कोटा बढ़ाने की सिफारिश की, जानिए अभी क्या है स्थिति

नई दिल्ली: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने पंजाब और पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए रोजगार में आरक्षण कोटा बढ़ाने की सिफारिश की है। आयोग का यह फैसला मौजूदा आरक्षण नीतियों, मौखिक बयानों और दस्तावेजी साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद आया है, जिसका उद्देश्य इंदिरा साहनी मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना है।

पंजाब में अभी क्या है आरक्षण की स्थिति
वर्तमान समय में पंजाब में रोजगार के क्षेत्र में कुल 37 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति को और 12 प्रतिशत आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को दिया गया है। एनसीबीसी ने पंजाब में रोजगार में ओबीसी के लिए 13 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की है, जिससे ओबीसी वर्ग का कुल आरक्षण 25 प्रतिशत हो जाएगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 50 प्रतिशत तक आरक्षण की सीमा तय की है। पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डी के तिवारी 22 फरवरी को एनसीबीसी में उपस्थित हुए थे और उन्होंने आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता जताई थी।

बंगाल में ओबीसी वर्ग में 179 जातियां
पश्चिम बंगाल में ओबीसी वर्ग में 35 नई जातियां/समुदाय शामिल किए गए हैं। पश्चिम बंगाल में ओबीसी की राज्य सूची में कुल 179 ओबीसी समुदाय सूचीबद्ध हैं। श्रेणी ‘ए’ (अधिक पिछड़ी) में 81 जातियां हैं, जिनमें से 73 जातियां मुस्लिम धर्म से संबंधित हैं। श्रेणी ‘बी’ (पिछड़ा) में 98 जातियां हैं, जिनमें से 45 समुदाय मुस्लिम धर्म से संबंधित हैं। श्रेणी ‘ए’ (अधिक पिछड़ा) के लिए आरक्षण 10 प्रतिशत और श्रेणी ‘बी’ (पिछड़ा) के लिए आरक्षण सात प्रतिशत है।पश्चिम बंगाल में रोजगार के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण कोटा क्रमशः 22 प्रतिशत, छह प्रतिशत और 17 प्रतिशत है। एनसीबीसी का कहना है कि राज्य सरकार के अधीन ओबीसी के लिए रोजगार में शेष पांच प्रतिशत आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 50 फीसदी के दायरे में बढ़ाया जा सकता है।

‘उनके नजदीकी ने स्वाति मालीवाल से बदसलूकी की, दिल्ली सीएम ने अब तक कुछ नहीं कहा’

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री और भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए मामले में उनकी खामोशी पर सवाल उठाए। सीतारमण ने कहा कि राज्यसभा की एक सांसद के साथ केजरीवाल के करीबी ने बदसलूकी की। इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अब तक चुप हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन बिभव कुमार उनके साथ लखनऊ में घूम रहे थे।

पीएम बोले- इंडी गठबंधन ने देश को किया बदहाल, 2014 के पहले हर क्षेत्र में मची थी लूट

प्रतापगढ़: नरेंद्र मोदी ने प्रतापगढ़ में कहा कि कांग्रेस देश के विकास का मजाक बना रही है। सपा और कांग्रेस का मानना है कि देश का विकास अपने आप हो जाएगा। हमने शौचालय बनवाए तो सपा कांग्रेस ने कहा तो कहा इससे क्या होगा। भाजपा ने पक्का घर गरीबों को दिया तो कहा कि क्या होगा। वर्षों शासन करने के बावजूद देश के पचासी फीसदी घरों में नल से जल नहीं आता था। हमने 14 करोड़ गरीबों तक पीने का पानी पहुंचाया। जीआईसी में आयोजित जनसभा में भारी भीड़ उमड़ी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग सेना के शौर्य पर सवाल उठा रहे हैं। यह लोग कह रहे हैं कि सत्ता में आने के बाद आर्टिकल 370 वापस कर देंगे। यह लोग पाकिस्तान के पास जाएंगे कबूतर उड़ाएंगे। सपा और कांग्रेस से सावधान रहने की जरूरत है। देश जब आजाद हुआ था तो भारत छह नंबर की अर्थव्यवस्था थी। कांग्रेस ने वर्षों शासन करने के बाद अर्थव्यवस्था को ग्यारह नंबर पर ला दिया था। 2014 के बाद भाजपा की सरकार आने के बाद कड़ी मेहनत के बाद अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर लाया है।
तीसरी बार सत्ता में आएंगे तो विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकारी तीसरी बार सत्ता में आई तो देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। यह मोदी की गारंटी है। सपा और कांग्रेस के लोग न मेहनत के आदी हैं न ही नजीते लागे की इनमें सामर्थ्य है। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि अमेठी से भगाए गए हैं और अब रायबरेली से भी भगाए जाएंगे। देश चलाना सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए बच्चों का खेल नहीं है। यह आपसे नहीं हो पाएगा। चार जून को बाद मोदी सरकार तो बनेगी ही बनेगी लेकिन और बहुत कुछ होने वाला है।

चार जून के बाद इंडी गठबंधन टूट करके बिखर जाएगा खटाखट खटाखट। पराजय के बाद बलि के बकरे को खोजा जाएगा खटाखट खटाखट। शहजादे चाहे लखनऊ या दिल्ली वाले हों यह शहजादे गर्मी की छुट्टी पर विदेश निकल जाएंगे खटाखट खटाखट। किसी ने बताया है कि टिकट बुक कराने के लिए भी बोल दिया है।

कांग्रेस समाप्त करना चाहती है आरक्षण

मोदी ने कहा कि कांग्रेस पिछड़ों का आरक्षण समाप्त करना चाहती है। यह कार्य कर्नाटक से शुरू भी कर दिया है। यह लोग पिछड़ों का आरक्षण लेकर मुसलमानों को देना चाहते हैं। कांग्रेस के शहजादे कह रहे हैं सबकी जांच कराएंगे। उन्होंने दलितों और पिछड़ों का आरक्षण भी शुरू कर दी है। कांग्रेस कर्नाटक का यह फार्मूला पूरे देशभर में लागू करना चाहती है। ओबीसी से विश्वासघात करने वाली सपा इस पर चुप बैठी है। सपा और कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति यहीं पर नहीं रुकी। यह लोग मोदी के खिलाफ वोट जिहाद की अपील कर रहे हैं। कांग्रेस के शहजादे कहते हैं कि वह सत्ता में आएंगे तो रामलला को फिर टेंट में भेज देंगे और राम मंदिर में ताला लगवा देंगे, लेकिन मोदी ऐसा नहीं होने देंगे। हमारे रहते ऐसा नहीं हो सकता है।

सपा को बड़ा झटका, पार्टी के संस्थापक सदस्य रामहरि चौहान ने दिया इस्तीफा; बताई ये वजह

मऊ:  सपा के संस्थापक सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रामहरि चौहान ने बुधवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। लोक सभा चुनाव के दौरान रामहरि के इस्तीफे को सपा के बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। रामहरि ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि लोक सभा चुनाव में सपा ने चौहान समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया है। जबकि हमने हमेशा सपा का साथ दिया था। कहा कि पार्टी की गलत नीतियों और गलत निर्णय से वह क्षुब्ध हैं।

रामहरि ने लिखा कि पार्टी की निति निर्धारित करने वालों को जनता से कोई सरोकार नहीं है। एक तरफ सपा द्वारा पीडीए का नारा दिया जाता है, लेकिन जहां पर चौहान समाज की ताकत है, वहीं पर उसकी उपेक्षा हो रही है। बीते कई दिनों से समाज के लोग इस बात को लेकर नाराज हैं, लेकिन स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश तक उनकी बातों को नजर अंदाज किया जा रहा है। ऐसे में जहां पर कार्यकर्ता अपनी बात को रख न सके, उस माहौल में काम करना संभव नहीं है।

चौहान ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर त्यागपत्र को स्वीकार करने का आग्रह किया है। वहीं सपा के इस दिग्गज नेता के पार्टी के इस्तीफे के बाद से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक रामहरि चौहान ने अपने अगले राजनितिक कदम को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।

अखिलेश यादव से हुई मुलायम वाली ‘गलती’! स्वाति मालीवाल मामले में टिप्पणी कर फंसे सपा अध्यक्ष

नई दिल्ली:  समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक नए विवाद में फंस गए हैं। लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वाति मालीवाल हिंसा मामले से ‘ज्यादा जरूरी दूसरी बातों’ के होने की बात कहकर अखिलेश यादव भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव की टिप्पणी समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन की वह मानसिकता दिखाती है, जिसमें वे महिलाओं को ‘कमतर’ समझते हैं। पार्टी का आरोप है कि महिलाओं के साथ हिंसा होना समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी सहित इंडिया गठबंधन के नेताओं के लिए कोई ‘बड़ा मुद्दा नहीं’ है। पार्टी ने अखिलेश यादव से उनके बयान के लिए खेद प्रकट करने की मांग की है।

भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अमर उजाला से कहा कि अखिलेश यादव का बयान महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की एक महिला सांसद के साथ एक मुख्यमंत्री के आवास के अंदर मारपीट की घटना होती है और इसके बाद भी यदि अखिलेश यादव इसे गंभीर मुद्दा नहीं मानते, तो यह शर्मनाक है। इससे यह भी साफ हो जाता है कि स्वयं समाजवादी पार्टी के अंदर महिलाओं को लेकर कितनी संवेदनशीलता है।

उन्होंने कहा कि इसके पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने दुष्कर्म की घटना के आरोपियों के बचाव में यह बयान दिया था कि ‘लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है।’ आज अखिलेश यादव भी एक महिला सांसद के साथ मारपीट होने को कम जरूरी मुद्दा मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री का एक दूसरे मुख्यमंत्री के आवास में एक सांसद के साथ मारपीट की घटना को कम आवश्यक बताने से यह साफ हो जाता है कि महिलाओं के प्रति उनकी मानसिकता क्या है। यदि गलती से भी इंडिया गठबंधन की सरकार कभी आई, तो उसमें महिलाओं का क्या हाल होगा, यह भी इस बयान से स्पष्ट हो जाता है। भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह के बयानों का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं होता और इस बयान के लिए अखिलेश यादव को खेद प्रकट करना चाहिए।

विपक्ष के एजेंडे को डिरेल करने की कोशिश कर रही भाजपा: सपा
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद आजम ने अमर उजाला से कहा कि अब तक के चार चरणों में भाजपा को यह एहसास हो गया है कि वह सत्ता से बाहर जा रही है। यही कारण है कि भाजपा नेता बौखला गए हैं। इस बौखलाहट में वे विपक्ष के एजेंडे को रास्ते से भटकाने के लिए इस तरह के अनावश्यक मुद्दों को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वाति मालीवाल विवाद को उछालकर भाजपा अपनी नाकामियां छिपाने की कोशिश कर रही है।

61 कौशल गतिविधियां, 900 युवाओं की प्रतिस्पर्धा, सितंबर में फ्रांस में अंतरराष्ट्रीय मुकाबला

केंद्रीय कौशल विकास सचिव अतुल तिवारी ने कहा कि इंडिया स्किल्स सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं है। यह कौशल, नवाचार और दृढ़ संकल्प का उत्सव है। यह युवाओं की असीम क्षमता और भविष्य को आकार देने का मंच है। वह दिल्ली के यशोभूमि में इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2024 के उद्घाटन सत्र में युवाओं को संबोधित कर रहे थे।

दिल्ली में बुधवार से तीन दिवसीय इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2024 शुरू हो गई। इसमें 30 राज्यों के 900 से अधिक उम्मीदवार 61 कौशल स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इसमें निर्माण और भवन प्रौद्योगिकी, रचनात्मक कला, फैशन सूचना-संचार प्रौद्योगिकी, विनिर्माण व इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी, परिवहन व रसद आदि शामिल हैं। तीन दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में 400 से अधिक उद्योग विशेषज्ञ भी शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार नीलांबुज शरण भी मौजूद रहे।

प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर पर क्रेडिट मिलेंगे
इंडिया स्किल्स के विजेता सर्वश्रेष्ठ उद्योग प्रशिक्षकों की मदद से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी करेंगे। वर्ल्ड स्किल्स प्रतियोगिता सितंबर में ल्योन ( फ्रांस )में होने वाली है। इसमें 70 से अधिक देशों के 1,500 प्रतिभागी एक मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इस प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर पर क्रेडिट अर्जित करने का मौका मिलेगा।

2.50 लाख छात्रों ने किया पंजीकरण
स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) पोर्टल पर प्रतियोगिता के लिए लगभग 2.5 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था। इसमें से 26000 को प्री-स्क्रीनिंग के माध्यम से शॉर्ट लिस्ट किया गया था। यह डेटा राज्य और जिला-स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए राज्यों के साथ साझा किया गया था। इसके आधार पर 900 से अधिक छात्रों को इंडिया स्किल्स नेशनल प्रतियोगिता के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।

अब ई-कॉमर्स साइटों के फर्जी रिव्यू पर सख्ती, खराब सामान-सेवा से निराश उपभोक्ताओं की सरकार ने ली सुध

नई दिल्ली:  ई-कॉमर्स साइटों पर रिव्यू देखकर खरीदी करने और खराब सामान पाकर निराश होने वाले उपभोक्ताओं की सुध लेते हुए सरकार ने फर्जी रिव्यू पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। उपभोक्ता मामलों के विभाग की बैठक में भारत में सक्रिय प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने उपभोक्ता समीक्षाओं के लिए गुणवत्ता मानदंडों का अनिवार्य अनुपालन के सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया है। इनमें अमेजन, फ्लिपकार्ट, गूगल व मेटा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं।

बैठक में ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाओं पर आईएस 19000:2022 मानक लागू करने के प्रस्तावित गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को लेकर बड़ी कंपनियों में आम सहमति बनी। सभी का मानना था कि उपभोक्ता हितों को शॉपिंग वेबसाइटों और एप्स पर भ्रामक समीक्षाओं से बचाने के लिए यह आदेश महत्वपूर्ण है और इस पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है। विभाग जल्द ही मसौदा आदेश सार्वजनिक करेगा और लोगों से इस पर परामर्श मांगेगा।

मानक महत्वपूर्ण : खरे
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा, ये मानक महत्वपूर्ण है क्योंकि ऑनलाइन खरीदार इन समीक्षाओं पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं क्योंकि वे उत्पादों का भौतिक निरीक्षण नहीं कर सकते। ऐसे में फर्जी रिव्यू न सिर्फ ई-कॉमर्स प्लेटफार्म की विश्वसनीयता को खतरे में डालते हैं बल्कि उपभोक्ताओं की गलत खरीदारी का कारण भी बनते हैं।

स्वैच्छिक प्रयास विफल होने के बाद उठाया कदम
विभाग ने फर्जी रिव्यू पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के स्वैच्छिक प्रयास विफल होने के बाद यह कदम उठाया है। इसके अलावा ई-कॉमर्स से जुड़ी उपभोक्ता शिकायतों में भी वृद्धि भी एक कारण है। आंकड़ों के मुताबिक 2018 में जहां ये शिकायतें 95,270 थीं वहीं 2023 में ये बढ़कर 4,44,034 हो गई। यह कुल दर्ज शिकायतों का 43 प्रतिशत है। एक साल पहले, सरकार ने ई-टेलर्स के लिए गुणवत्ता मानदंड जारी किए थे। उन्हें पेड रिव्यू प्रकाशित करने से रोका था और ऐसी प्रचार सामग्री का खुलासा करने की मांग की थी। लेकिन मानदंड स्वैच्छिक थे और ई कॉमर्स कंपनियों ने इन पर अमल नहीं किया।