Sunday , November 24 2024

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मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को किया ढेर, AK47 और इंसास सहित अन्य हथियार बरामद

मुंबई: महाराष्ट्र में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया। घटना महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की है। पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि नक्सलियों के पेरीमिली दलम के कुछ सदस्य विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भामरागढ़ तालुका के कटरांगट्टा गांव के पास जंगल में डेरा डाले हुए हैं।

अंधाधुंध गोलीबारी का कमांडो ने दिया मुंहतोड़ जवाब
जानकारी मिलने के बाद, गढ़चिरौली पुलिस की एक विशेष लड़ाकू शाखा सी-60 कमांडो की दो इकाइयों को तुरंत इलाके की तलाशी के लिए भेजा गया। टीमें तलाशी अभियान चला रही थीं, तभी नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। सी-60 कमांडो ने उनका कड़ा जवाब दिया। बाद में वहां से एक पुरुष और दो महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए। मृतकों में से एक की पहचान पेरिमिली दलम के प्रभारी और कमांडर वासु के रूप में हुई है। घटनास्थल पर एक एके-47 राइफल, एक कार्बाइन, एक इंसास राइफल, नक्सली साहित्य सहित अन्य सामान जब्त किए गए हैं। पुलिस इलाके में नक्सल विरोधी अभियान चल रही है।

अमित शाह का दावा- वोट बैंक खोने के डर से राम मंदिर नहीं गए राहुल गांधी, बोले-BJP को ऐसा कोई भय नहीं

मुंबई:  लोकसभा चुनाव जारी हैं। आज चौथे चरण के लिए मतदान हो रहे हैं। तीन चरणों के मतदान अभी भी बाकी है। दिल्ली में सत्ता काबिज करने के लिए सभी दल एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने न सिर्फ मुद्दे का समाधान किया बल्कि राम मंदिर के निर्माण में भी मदद की। राहुल गांधी को भी मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन राहुल गांधी नहीं गए क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक खोने का डर था। भाजपा को ऐसा कोई डर नहीं है।

वीर सावरकर का कांग्रेस ने अपमान किया
महाराष्ट्र के धुले में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने दावा किया कि कांग्रेस ने सिर्फ तुष्टिकरण के लिए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 भी नहीं हटाया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भी विरोध किया। उन्होंने कांग्रेस के रूख पर उद्धव ठाकरे की राय जानने की कोशिश की। गांधी और कांग्रेस ने वीर सावरकर का अपमान किया। इस बारे में ठाकरे का क्या कहना है? इंडी गठबंधन के सहयोगी एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म का अपमान किया है। क्या उद्धव उनसे सहमत हैं?

20 बार राहुल गांधी को लॉन्च-रिलॉन्च किया गया
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस ने राहुल को करीब 20 बार “लॉन्च और रीलॉन्च” करने का प्रयास किया। क्या वे लोग चंद्रयान लॉन्च कर सकते हैं? क्या उनकी सरकार कभी पाकिस्तान को उचित जवाब दे सकती है? क्या उनकी सरकार देश में नक्सलवाद या आतंकवाद को खत्म कर सकती हैं? क्या वे भारत को समृद्ध बना सकते हैं?

CM ममता बोलीं- बंगाल की महिलाएं UP-MP की तरह नहीं, वे आत्म सम्मान के साथ रहती हैं

कोलकाता: संदेशखाली में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं विवादों में है। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे अत्याचार के बारे में झूठे दावे करके महिलाओं की गरिमा को चोट न पहुंचाएं। महिलाओं के आत्म सम्मान के साथ खिलवाड़ न करें। बोनगांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की स्थिति बीजेपी शासित राज्यों जैसी नहीं है। यह आपका उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश नहीं है। बंगाल में महिलाएं आत्म सम्मान और गरिमा के साथ रहती हैं।

यह है वीडिया वाला मामला
दरअसल, हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भाजपा नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता था कि संदेशखाली की पूरी घटना पहले से ही तय थी। वीडियो में दावा है कि संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार का आरोप झूठा और मनगढ़ंत है। वीडियो में दिख रहे उस भाजपा नेता की पहचान संदेशखाली 2 ब्लॉक के ‘मंडल अध्यक्ष’ गंगाधर कयाल के रूप में हुई थी। वायरल वीडियो में गंगाधर एक कमरे में कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे थे। कोई उनसे सवाल पूछ रहा है और वह जवाब दे रहे हैं। वहीं, एक अन्य वीडियो में दुष्कर्म का आरोप लगवाने वाली महिलाएं दावा कर रही हैं कि भाजपा नेताओं ने उनसे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे और उन्हें थाने ले जाने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, अमर उजाला इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

भाजपा यहां एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है, मैं विरोध करूंगी
बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी ने कल कहा था कि सीएए बंगाल में लागू किया जाएगा। हमें समझ नहीं आता कि किसी को नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन क्यों करना पड़ रहा है। क्यों किसी को 50 साल पुराने दस्तावेज दिखाने पड़ रहे हैं सिर्फ यह साबित करने के लिए कि उसका परिवार बांग्लादेश से आया है। अगर कोई व्यक्ति बिना शर्त आवेदन करे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा यहां एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है। मैं आखिरी सांस तक इसका विरोध करूंगी। मेरे शव पर ही एनआरसी लागू हो सकता है।

मानहानि मामले में केजरीवाल को ‘सुप्रीम’ राहत; ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि भाजपा आईटी सेल के खिलाफ वीडियो रिट्वीट करने के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को राहत दी है। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक की मियाद को बढ़ाया है।

ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 26 अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है। बता दें कि 26 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने ईवीएम-वीवीपैट को लेकर फैसला सुनाया था। फैसले में ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि किसी भी प्रणाली पर आंख मूंदकर संदेह करना किसी भी व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। शीर्ष अदालत के फैसले पर समीक्षा की मांग करने वाली याचिका अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की है। अग्रवाल ने ही इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था
ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुए पीठ ने कहा था कि ‘आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’

अदालत ने दिए थे ये निर्देश
अदालत ने ये भी निर्देश दिया था कि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे।

मानहानि मामले में केजरीवाल को ‘सुप्रीम’ राहत; ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि भाजपा आईटी सेल के खिलाफ वीडियो रिट्वीट करने के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को राहत दी है। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक की मियाद को बढ़ाया है।

ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 26 अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है। बता दें कि 26 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने ईवीएम-वीवीपैट को लेकर फैसला सुनाया था। फैसले में ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि किसी भी प्रणाली पर आंख मूंदकर संदेह करना किसी भी व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। शीर्ष अदालत के फैसले पर समीक्षा की मांग करने वाली याचिका अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की है। अग्रवाल ने ही इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था
ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुए पीठ ने कहा था कि ‘आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’

अदालत ने दिए थे ये निर्देश
अदालत ने ये भी निर्देश दिया था कि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे।

पूर्वांचल में हुंकार भरेंगे राहुल, ममता और केजरीवाल; आजमगढ़ में होगी इंडी गठबंधन की रैली

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित इंडी गठबंधन के कई बड़े नेता जल्द ही पूर्वांचल में हुंकार भरेंगे। छठे चरण में आजमगढ़ समेत पूर्वांचल की पांच लोकसभा सीटों पर 25 मई को चुनाव होने हैं। ऐसे में आजमगढ़ में इंडी गठबंधन की पहली बड़ी रैली कराने की तैयारी है। सपा नेताओं ने गठबंधन के संयोजक को इस बाबत पत्र भी लिखा है। इस रैली के जरिये विपक्ष ने पूर्वांचल को साधने की व्यूहरचना तैयार की है।

सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव का कहना है कि इंडी गठबंधन की रैली तय है मगर अभी तारीख तय नहीं है। वहीं, अतरौलिया विधायक डॉ. संग्राम यादव ने कहा कि 13 मई के बाद यह रैली मंदुरी एयरपोर्ट के आसपास आयोजित की जाएगी। आजमगढ़ के एक छोर वाराणसी है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है जबकि दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ का गोरक्ष क्षेत्र है। इन दोनों क्षेत्रों के बीच में आजमगढ़ आता है। जो सपा का गढ़ है। इस गढ़ को जीतने के लिए सपा पूरा जोर लगाए हुए हैं।

लोकसभा उपचुनाव में मिली हार को फिर से जीत में बदलने के लिए सपा बेताब है। वहीं पूर्वांचल की अहमियत को सपा अच्छी तरह से समझती है। यहां की हर सीट को लेकर वह काफी गंभीर है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए ही इंडी गठबंधन तैयार किया गया है। इसमें हर प्रांत के नेता शामिल हैं।

सशस्त्र बल को कुशल बनाए रखने के लिए अवांछनीय तत्वों को बाहर करना जरूरी; शीर्ष कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सशस्त्र बल को कुशल बनाए रखने के लिए अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालना आवश्यक है। शीर्ष अदालत ने सहकर्मी पर हमला करने वाले सीआरपीएफ कर्मी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति किसी कर्मचारी की सेवा समाप्त करने का दूसरा रूप है और यह सेवानिवृत्ति, लाभों के लिए उसकी पात्रता को प्रभावित किए बगैर, कैडर से बेकार चीजों को हटाने का एक अच्छी तरह से स्वीकृत तरीका है।

सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, आमतौर पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति को सजा नहीं माना जाता है, लेकिन अगर सेवा नियम इसकी अनुमति देता है तो इसे सजा के तौर पर दिया जा सकता है। पीठ ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल अधिनियम के तहत नियम 27 में निर्धारित अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सजा की वैधता को बरकरार रखा। पीठ ने कहा, बल (सीआरपीएफ) को कुशल बनाए रखने के लिए, उसमें से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालना आवश्यक है। यह बल पर नियंत्रण का एक पहलू है, जो केंद्र सरकार के पास सीआरपीएफ अधिनियम की धारा 8 के आधार पर है। इसलिए बल पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के सामान्य नियम बनाने की शक्ति का प्रयोग करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सजा निर्धारित करने को सीआरपीएफ अधिनियम की धारा 11 के तहत गलत नहीं ठहराया जा सकता है।

केंद्र को अधिनियम के उद्देश्य पूरा करने का अधिकार
पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार को न सिर्फ सीएफपीआर अधिनियम की धारा 11 के तहत छोटी सजा को विनियमित करने के लिए नियम बनाने का शक्ति है, बल्कि अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने का भी अधिकार है, जिसमें बल पर नियंत्रण के साथ-साथ उसका प्रशासन भी शामिल है। पीठ ने कहा, सीआरपीएफ अधिनियम को लागू करते समय विधायी इरादा यह घोषित करना नहीं था कि सिर्फ वही छोटी सजाएं दी जा सकती हैं जो सीआरपीएफ अधिनियम की धारा 11 में निर्दिष्ट हैं, बल्कि इसे केंद्र सरकार के लिए खुला छोड़ दिया गया था कि वह अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नियम बनाए और सजा तय करे। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे तिवारी को दी गई सजा में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला।

एक बार फिर BJP पर तलवार, वायरल हुए वीडियो में दावा- प्रदर्शन के लिए 70 महिलाओं को दिए गए थे पैसे

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के कथित उत्पीड़न का मामला चर्चा में है। भाजपा एक तरफ सच को दबाने के आरोप लगा रही है को दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी भाजपा पर झूठ फैलाने के आरोप लगाए हैं। अब इस मामले में एक नया वीडियो सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल, वीडियो में एक स्थानीय भाजपा नेता को यह कहते सुना जा सकता है कि 70 से अधिक महिलाओं को टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दो- दो हजार रुपये दिए थे।

दुष्कर्म के आरोप मनगढ़ंत
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 45 मिनट वाले वीडियो में संदेशखाली मंडल के अध्यक्ष गंगाधर कयाल जैसे दिखने वाला एक शख्स यह बात कह रहा था। कयाल ने ही इससे पहले एक अन्य कथित क्लिप में कहा था कि दुष्कर्म के आरोप मनगढ़ंत हैं। हालांकि, अमर उजाला ऐसी किसी वीडियो की कोई पुष्टि नहीं करता है।

शनिवार रात वायरल हुआ वीडियो
नया वीडियो शनिवार रात को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कयाल को कहते सुना गया कि शेख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए 70 महिलाओं को दो-दो हजार रुपये दिए गए थे। उन्होंने आगे कहा, ‘हमें 50 बूथों के लिए ढाई लाख रुपये नकद की जरूरत होगी, जहां 30 फीसदी प्रदर्शनकारी महिलाएं होंगी। हमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडे़ वर्गों के लोगों को रुपये देकर खुश रखना होगा। किसी भी स्थिति में पुलिस महिलाओं के सामने आगे आकर खड़ी हो जाएंगी।’

RMP नेता हरिहरन ने शैलजा और मंजू वारियर के खिलाफ की अभद्र टिप्पणी, विवाद बढ़ने पर दी सफाई

कोझिकोड: केरल में राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है। यहां रिवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) के एक नेता ने माकपा की वरिष्ठ नेता केके शैलजा और मलयालम फिल्म अभिनेत्री माजू वारियर के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी की है। इससे ही सियासी बवाल खड़ा हो गया।

आरएमपी नेता केएस हरिहरन ने शनिवार रात को वडकारा में एक कार्यक्रम में दोनों महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने किया था। यह कार्यक्रम सत्तारूढ़ एलडीएफ के आरोपों के जवाब में आयोजित किया गया था। दरअसल, एलडीएफ ने यूडीएफ कार्यकर्ताओं पर शैलजा का एक वीडियो बनाने का आरोप लगाया था।

सियासी हंगामा खड़ा हुआ
हरिहरन की टिप्पणी से सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। उनकी खुद की पार्टी और पार्टी के आलाकमान ने खुले तौर पर उनकी आलोचना की। पार्टी ने कहा कि हरिहरन को किसी भी महिला के खिलाफ इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। बाद में हरिहरन ने फेसबुक पर अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया। साथ ही कहा कि जानबूझकर महिलाओं का अपमान नहीं किया था, बस गलती से जुबान फिसल गई थी।

कड़ी कार्रवाई की मांग
नेता की सफाई के बाद भी मामला थमा नहीं। लोगों ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। माकपा नेतृत्व ने संकेत दिया है कि वे आरएमपी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। वहीं, पार्टी की युवा शाखा डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

डीवाईएफआई ने शनिवार रात फेसबुक पर आरोप लगाया कि आरएमपी नेता का भाषण लोकसभा चुनाव के दौरान वडकारा में यूडीएफ द्वारा चलाए गए महिला विरोधी अभियान को दर्शाता है। वाम संगठन ने आपत्तिजनक टिप्पणी पर आरएमपी नेता और विधायक केके रेमा की प्रतिक्रिया की भी मांग की।

पार्टी ने झाड़ा पलड़ा
विभिन्न मुद्दों पर महिलाओं के मुद्दे की पुरजोर वकालत करने वाली रीमा ने रविवार को कहा कि पार्टी किसी के द्वारा की गई इस तरह की टिप्पणी का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘यह एक व्यक्ति द्वारा की गई टिप्पणी थी और इसके लिए पूरी पार्टी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।’

‘भारतीय अंतरिक्ष उद्योग निजी कंपनियों को दे रहा जबरदस्त अवसर’, कार्यक्रम में बोले इसरो प्रमुख

कोच्चि: इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ का कहना है कि भारतीय अंतरिक्ष उद्योग वृद्धि और विकास के नए क्षेत्र के रूप में देश में निजी क्षेत्र के लिए जबरदस्त अवसर दे रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में अंतरिक्ष क्षेत्र को अगले पांच से 10 वर्षों में नौ से 10 अरब डॉलर का उद्योग बनाने की परिकल्पना की है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि सोमनाथ ने शनिवार को यहां एक समारोह में एनईएसटी समूह की प्रमुख कंपनी एसएफओ टेक्नोलॉजीज की कार्बन कटौती पहल का अनावरण करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसरो द्वारा अपने विभिन्न मिशनों के लिए विकसित की गई तकनीक से निजी क्षेत्र की 400 कंपनियों को लाभ हुआ है।

गौरतलब है, एसएफओ टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियां भारत सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र में नई नीतिगत पहलों का लाभ उठा रही है। एसएफओ टेक्नोलॉजीज का इसरो के साथ कई वर्षों से घनिष्ठ संबंध है। दोनों ने चंद्रयान और आदित्य मिशनों के लिए आरएफ उप-प्रणाली, एंटीना सिस्टम के निर्माण और लॉन्च वाहनों के लिए क्रायोजेनिक इंजन नियंत्रण प्रणाली जैसे कई कार्यक्रमों में काम किया है।

कई वर्षों से घनिष्ठ संबंध
एसएफओ टेक्नोलॉजीज का इसरो के साथ कई वर्षों से घनिष्ठ संबंध है। दोनों ने चंद्रयान और आदित्य मिशनों के लिए आरएफ उप-प्रणाली, एंटीना सिस्टम के निर्माण और लॉन्च वाहनों के लिए क्रायोजेनिक इंजन नियंत्रण प्रणाली जैसे कई कार्यक्रमों में काम किया है। इसरो प्रमुख ने कहा, ‘भारतीय अंतरिक्ष उद्योग वृद्धि और विकास के एक नए क्षेत्र के रूप में निजी कंपनियों के लिए एक जबरदस्त अवसर प्रदान कर रहा है।’

इस मौके पर इसरो प्रमुख ने एनईएसटी हाईटेक पार्क में एक पौधा लगाया। इसके अलावा, सोमनाथ ने एसएफओ टेक्नोलॉजीज और इसरो के सहयोग पर प्रकाश डालते हुए परिसर में चंद्रयान की प्रतिकृति का भी अनावरण किया। उन्होंने बाद में एनईएसटी इंजीनियरों और प्रबंधन टीम के साथ बातचीत की।