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‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी। आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।

दुनिया में तेजी से बढ़ रही भुखमरी, महिलाएं-बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित, ये हैं मुख्य कारण

नई दिल्ली:  59 देशों के करीब 28.2 करोड़ लोगों ने 2023 में भीषण भूख का सामना किया। यह संख्या 2022 के मुकाबले 2.4 करोड़ अधिक है। ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस के अनुसार, भूखे रहने वालों में बच्चे और महिलाएं सबसे अधिक हैं। 32 देशों में पांच साल से कम उम्र के 3.6 करोड़ से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 2.4 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री की भारी कमी से जूझना पड़ा। इसके चलते गाजा पट्टी और सूडान में खाद्य सुरक्षा के बिगड़े हालात थे। 2023 में कुपोषण की स्थिति बदतर हुई। इसके दो कारण थे, पहला-देशों के बीच युद्ध व दूसरा-प्राकृतिक आपदाओं के कारण बढ़ा विस्थापन।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भूख का एक पैमाना तय किया है, जिसमें पांच देशों के 7,05,000 लोग पांचवे चरण में हैं, जिसे उच्च स्तर माना जाता है।

20 देशों में हिंसक संघर्ष मुख्य वजह,13.5 करोड़ प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, 20 देशों में भूख की मुख्य वजह हिंसक संघर्ष था। इन देशों में लगभग 13 करोड़ 50 लाख लोगों ने गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना किया। सूडान में हालात सबसे अधिक गंभीर रहे। यहां 2022 की तुलना में 86 लाख से अधिक लोगों को उच्च स्तर की गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।

चरम मौसमी घटनाएं भूख का दूसरा बड़ा कारण
भूख का दूसरा बड़ा कारण चरम मौसमी घटनाएं थीं। 18 देशों में मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 7.7 करोड़ से अधिक लोगों को उच्च स्तर की गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा, जबकि 2022 में 12 देशों में 5.7 करोड़ लोगों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा था। 2023 में जलवायु संबंधी आपदाएं बढ़ने की वजह रिकॉर्ड स्तर की गर्मी भी रही। इसके अतिरिक्त खाद्य असुरक्षा का कारण भारी बाढ़, तूफान, सूखा, जंगल की आग, कीटों का हमला और बीमारी का प्रकोप भी रहा।

9.4 करोड़ को खसरे के टीकों से मिली सुरक्षा, WHO ने कहा- टीके इतिहास के सबसे शक्तिशाली आविष्कार

टीकाकरण से 50 वर्षों में दुनिया भर में करीब 15.4 करोड़ लोगों की जान बचाई गई है। यानी हर मिनट छह लोगों की जान बचाने में सफलता मिली। बचाई गई अधिकतर जिंदगियों में करीब 10.1 करोड़ शिशु थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के अनुसार टीकाकरण स्वास्थ्य के लिए अहम है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चे न सिर्फ अपना पहला जन्मदिन मनाएं बल्कि वयस्क होने पर भी स्वस्थ जीवन जिएं। अध्ययन के नतीजे ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित हुए हैं।

14 रोगों के खिलाफ टीकों ने दिखाया असर
टीकाकरण ने सीधे तौर पर वैश्विक स्तर पर शिशु मृत्यु दर को कम करने में योगदान दिया है। इन टीकों ने 14 प्रमुख बीमारियों डिप्थीरिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, हेपेटाइटिस बी, जापानी इंसेफेलाइटिस, खसरा, मेनिन्जाइटिस ए, पर्टुसिस, इनवेसिव न्यूमोकोकल रोग, पोलियो, रोटावायरस, रूबेला, टेटनस, तपेदिक और पीला बुखार के खिलाफ प्रभावी असर दिखाया।

खसरे का टीका सबसे प्रभावशाली
अध्ययन में शामिल टीकों में से खसरे का टीका शिशु मृत्यु दर को कम करने में सबसे अधिक प्रभावशाली साबित हुआ है। टीकाकरण के कारण बचाई गई जिंदगियों में से 60 फीसदी योगदान इसी टीके का था। विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा 1974 में स्थापित विस्तृत टीकाकरण कार्यक्रम (ईपीआई) के तहत अब तक बचाए गए लगभग 15.4 करोड़ जीवन में से लगभग 9.4 करोड़ खसरे के टीकों द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई थी। अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि यह टीका भविष्य में भी बच्चों की मौतों को रोकने में सबसे बड़ा सहायक बना रहेगा।

टीकों की बदौलत चेचक का उन्मूलन, पोलियो हुआ कम
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का कहना है कि टीके इतिहास के सबसे शक्तिशाली आविष्कारों में से एक हैं, जो खतरनाक बीमारियों को रोक सकते हैं। टीकों की बदौलत चेचक का उन्मूलन हो चुका है, पोलियो का खतरा कम हुआ है, मलेरिया और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर जैसी बीमारियों के खिलाफ टीकों के हालिया विकास के साथ हम बीमारी की सीमाओं को पीछे धकेल रहे हैं। निरंतर शोध, निवेश और सहयोग के साथ हम आज और अगले 50 वर्षों में लाखों और लोगों की जान बचा सकते हैं।

श्रीलंका का ‘ड्रैगन’ को झटका, चीन ने बनाया था एयरपोर्ट, लेकिन प्रबंधन करेगी भारतीय कंपनी

श्रीलंका की सरकार ने अपने 20.9 करोड़ डॉलर की लागत से बने मत्ताला राजपक्षे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रबंधन भारत और रूस की कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है। गौरतलब है कि इस एयरपोर्ट का निर्माण चीन द्वारा किया गया है। श्रीलंका सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार को यह फैसला लिया है। यह एयरपोर्ट श्रीलंका के तटीय शहर हंबनटोटा के नजदीक स्थित है। हंबनटोटा बंदरगाह को श्रीलंका की सरकार ने 99 वर्षों के लिए चीन को लीज पर दिया हुआ है। ऐसे में इसी बंदरगाह के नजदीक स्थित एयरपोर्ट का प्रबंधन भारतीय कंपनी को मिलना अहम है।

लगातार घाटे के चलते श्रीलंका ने लिया फैसला
मत्ताला राजापक्षे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण साल 2013 में हुआ था। इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए वित्तीय मदद चीन के एक्सिम बैंक ने दी थी। हालांकि यह एयरपोर्ट अपने निर्माण के बाद से ही विवादों में घिरा हुआ है। दरअसल यहां कम संख्या में फ्लाइट्स आती हैं। साथ ही यह जिस जगह बना है, वह पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है। इस एयरपोर्ट से श्रीलंका की सरकार को काफी घाटा उठाना पड़ा। यही वजह है कि श्रीलंका की सरकार ने इस एयरपोर्ट का मैनेजमेंट भारत की कंपनी शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की कंपनी रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 वर्षों के लिए सौंप दिया है। श्रीलंका की कैबिनेट ने बयान जारी कर यह जानकारी दी है।

महिंदा राजपक्षे की सरकार में हुआ था एयरपोर्ट का निर्माण
श्रीलंका की सरकार ने भारतीय और रूसी कंपनियों के लिए कितने में यह डील की है, इसका अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। चीन के कर्ज की उच्च ब्याज दरों की वजह से श्रीलंका का घाटा बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि श्रीलंका की सरकार चीन के एक्सिम बैंक से लिए गए कर्ज को फिर से पुनर्संगठित करने की मांग भी कर रही है। श्रीलंका सरकार ने चीन के एक्सिम बैंक से विभिन्न परियोजनाओं के लिए 4.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया था। जिनमें से एक इस एयरपोर्ट का निर्माण भी शामिल था। जब श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे की सरकार थी, उसी समय एयरपोर्ट का निर्माण हुआ था। राजपक्षे पर चीन समर्थित होने के आरोप भी लगते हैं।

नहीं थम रही मणिपुर में हिंसा की आग; कुकी उग्रवादियों के हमले में सीआरपीएफ के दो जवानों की जान गई

नारानसेना: मणिपुर में जारी हिंसा अभी थमती नहीं दिख रही है। लोकसभा चुनाव के एक दिन बाद ही यहां कुकी उग्रवादियों ने नारानसेना इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमला किया है। इस हमले में दो जवानों की मौत की भी खबर है। मणिपुर पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कुकी उग्रवादियों ने आधी रात 12.30 बजे सीआरपीएफ के कैंप पर हमला किया और यह 2.15 बजे तक जारी रहा। हमले में मारे गए जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं।

मणिपुर पुलिस के मुताबिक, इस घटना में दो और लोग घायल भी हुए हैं। बताया गया है कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नरनसेना में इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप को निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादियों ने पहाड़ की चोटियों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस दौरान हमलावरों ने कैंप पर कई बम भी फेंके, जिनमें से एक सीआरपीएफ के आउटपोस्ट के बाहर ही फट गया।

हमले में मारे गए मृतकों की पहचान कर ली गई है। इनमें एक सीआरपीएफ के सब-इंस्पेक्टर एन. सरकार हैं। इसके अलावा कॉन्स्टेबल अरूप सैनी की भी जान गई है। वहीं, घायलों में इंस्पेक्टर जादव दास और कांस्टेबल अफताब दास शामिल हैं। उन्हें गोलियों के छर्रे लगे हैं। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की खोज शुरू कर दी है।

मणिपुर में लगातार जारी है हिंसा का दौर
पिछले साल तीन मई को मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ था। अभी तक वहां पर 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है। सुरक्षाबलों से जुड़े लोगों को भी वहां की हिंसा का शिकार होना पड़ा है। भारी संख्या में लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी अभी तक नहीं हो सकी है। ज्यादातर लोगों को मणिपुर पुलिस पर भरोसा नहीं है, तो वहीं असम राइफल को लेकर भी समुदाय विशेष के लोगों में रोष देखा गया है। उपद्रवियों द्वारा आईईडी का डर दिखाकर सुरक्षा बलों के वाहनों को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता था। स्थानीय पुलिस पर पक्षपात करने जैसे आरोप लग चुके हैं।

ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल का जवाब, एजेंसी पर लगाए मनमानी के आरोप; कहा- रिश्वत के कोई सबूत नहीं

दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय के हलफनामे का जवाब दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले उन्हें जिस तरीके से गिरफ्तार किया गया, वह तरीका ईडी की मनमानी के बारे में बहुत कुछ बताता है।

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल ने क्या कहा?
शीर्ष अदालत में जवाब देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का कोई सबूत मौजूद नहीं है कि आम आदमी पार्टी ने दक्षिण के किसी समूह से फंड या रिश्वत ली हो। उन्होंने आगे कहा कि गोवा के चुनाव अभियान में इस धन का उपयोग करना दूर की बात है। अरविंद केजरीवाल ने अपने हलफनामे में लिखा है कि आम आदमी पार्टी के पास एक भी रुपया नहीं आया और उन पर बिना किसी ठोस सबूत के आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली के सीएम ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं।

ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को किया था गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें एक अप्रैल से न्यायिक हिरासत में लिया गया। बीते दिनों कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत सात मई तक बढ़ा दी थी। केजरीवाल की ही पार्टी के मनीष सिसोदिया भी दिल्ली शराब घोटाला केस में करीब डेढ़ साल से तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसके अलावा तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता भी इस मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

मुख्यमंत्री योगी बोले, जो लोग बैलेट पेपर लूटने का काम करते थे वो ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब भी कांग्रेस, सपा या इंडी गठबंधन से जुड़े दूसरे दल चुनाव हार रहे होते हैं तब ये हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने का प्रयास करते हैं। 2014 से लगातार आप ये बात सुन रहे हैं। गत वर्ष हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी। क्या ये बैलेट पेपर से बनी थी? 2009 में केंद्र में यूपीए की सरकार बनी। क्या ये बैलेट पेपर से बनी थी?…कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जो लोग आज ईवीएम को नकार रहे हैं ये वही लोग हैं जो बैलेट लूटने का काम करते थे। अब तक दो चरणों के चुनाव में रूझान फिर एक बार मोदी सरकार के हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से जुड़े विवाद पर अपना फैसला सुना दिया है और कहा कि मतपत्रों से चुनाव नहीं होंगे।

‘बंगाल पर आतंकियों का कब्जा’, संदेशखाली से हथियार मिलने पर ममता सरकार पर बरसे दिलीप घोष

कोलकाता:संदेशखाली में हथियार मिलने के बाद एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल आ गया है। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि बंगाल पर गुंडे और आतंकियों का कब्जा हो गया है। वहीं बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि संदेशखाली में मिले हथियार विदेशी हैं। शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि टीएमसी पार्टी को आतंकी संगठन घोषित कर देना चाहिए।

‘राज्य में खुले घूम रहे गुंडे बदमाश’
भाजपा नेता और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने संदेशखाली से हथियार मिलने पर राज्य की टीएमसी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्य अब आतंकियों के लिए जन्नत बन गया है। दिलीप घोष ने कहा कि ‘आप इसी बात से बंगाल की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं, जहां चुनाव कराने के लिए सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ को लाना पड़ रहा है। विपक्षी नेताओं को भी सुरक्षा दी जा रही है। राज्य किस स्थिति में पहुंच गया है? राज्य में गुंडे बदमाश खुले घूम रहे हैं और पुलिस प्रशासन को उन्हें कैद में रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसा लग रहा है कि राज्य पर गुंडे और आतंकियों का कब्जा हो गया है। यह भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है और सार्वजनिक संपत्ति को लूटा जा रहा है। इसके बावजूद टीएमसी सत्ता में बने रहना चाहती है, लेकिन आम जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ खड़ी होगी।’

दिलीप घोष ने कहा कि ‘सीपीआईएम सरकार में शाहजहां शेख सड़कों पर पिस्टल लेकर घूमता था। अब टीएमसी सरकार में वह एके-47 लेकर चलता था। एक सीमाई इलाके में जिस तरह से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं, उससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। घोष ने ये भी आरोप लगाया कि शाहजहां शेख ने बंगाल में विभिन्न स्थानों पर रोहिंग्या शरणार्थियों को अवैध रूप से बसाया है। यह सब विदेशी मदद से किया गया।’

एक बार फिर चोटिल हुईं बंगाल की सीएम, हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त फिसला पैर

कोलकाता: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के दूसरे दिन ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर चोटिल हो गईं। दुर्गापुर में हेलीकॉप्टर पर चढ़ते वक्त उनका पैर फिसल गया। उन्हें फिलहाल आसनसोल ले जाया गया है। इस घटना से जुड़ी एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त उनका पैर फिसल गया और वह गिर गईं। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी उन्हें उठाने के लिए भागे। गिरने के कारण ममता को मामूली चोटें आईं है।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी ममता कई बार चोटिल हो चुकी हैं। हाल ही में ममता को उनके आवास पर चोट लगी थी। परिसर में टहलने के दौरान वह गिर गई थी, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोट लगी थी। उन्हें तुरंत इलाज के लिए एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्हें टांके भी लगाए गए थे। इससे पहले 2021 में चुनाव प्रचार के दौरान नंदीग्राम में उन्हें कुछ लोगों ने धक्का दिया था, जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। रेयापारा में एक मंदिर के बाहर हुई इस घटना को उन्होंने साजिश का हिस्सा बताया था।

गुजरात के पोरबंदर में अमित शाह ने की रैली, देश से आतंकवाद-नक्सलवाद को खत्म करने की दी गारंटी

पोरबंदर:  लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान खत्म होने के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने एक रैली को भी संबोधित किया। गृह मंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह देश से आतंकवार और नक्सलवाद को खत्म कर देंगे। वह भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्धव्यवस्था भी बनाएंगे।

मनसुख मंडाविया के समर्थन में अमित शाह ने की रैली
अमित शाह ने भाजपा उम्मीदवार मनसुख मंडाविया के समर्थन में पोरबंदर में रैली की। गृह मंत्री ने आगे कहा कि जब अनुच्छेद 370 हटाया गया, तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका विरोध किया था और कहा था कि इस कदम से कश्मीर में खून का नदियां बह जाएगी।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा अमित शाह ने कहा, “पिछले पांच वर्षों में खून की नदी तो दूर, किसी ने वहां पत्थर फेंकने तक की हिम्मत नहीं की। पीएम मोदी ने देश से आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म करने का काम किया। जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे तब कोई भी पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर जाता था और यहां बम विस्फोट को अंजाम देता था।” भाजपा नेता ने आगे कहा, “जब पाकिस्तान ने पुलवामा और उड़ी पर हमला किया तब वे भूल गए थे कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। दस दिनों के भीतर, पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान की मिट्टी से आतंकवाद को ही खत्म कर दिया।”

नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की अपील
इस दौरान शाह ने रैली में मौजूद लोगों से नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को सुरक्षित रखने और समृद्ध बनाने का काम किया। अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में कांग्रेस ने भारत की अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान पर छोड़ दिया था। वहीं पीएम मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था को पांचवे स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है। अमित शाह ने गारंटी दी है कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी देश की अर्थव्यवस्था को तीसरे पायदान पर ले आएंगे।