Sunday , November 24 2024

देश

बसपा ने सपा को फिर पछाड़ने की जुगत लगाई, साइकिल की हवा निकालने के लिए नई रणनीति से घेराबंदी

बसपा ने सपा को पछाड़कर लोकसभा चुनाव में खुद को दूसरी सबसे ज्यादा सांसदों वाली पार्टी बनाने के लिए अपनी रणनीति में कई अहम बदलाव किए हैं। पार्टी ने सपा की जीती हुई सीटों पर ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं, जो सपा को नुकसान पहुंचाने का दमखम रखते हैं। बता दें कि बसपा ने पिछला लोकसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था, जिसमें बसपा को 10 जबकि सपा को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सपा की जीती हुई पांच सीटों में से आजमगढ़ में भाजपा ने उपचुनाव में बाजी मार ली थी। जबकि रामपुर के सांसद आजम खां की सदस्यता समाप्त होने के बाद भाजपा के घनश्याम लोधी जीते थे।

इस बार भी सपा को इन पांच सीटों पर जीत की उम्मीद है, लेकिन बसपा ने उसके प्रत्याशियों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। बसपा ने मैनपुरी में सपा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ शिव प्रसाद यादव को टिकट दिया है। इसी तरह रामपुर में सपा प्रत्याशी इमाम मोहिब्बुल्लाह का मुकाबला करने के लिए जीशान खान को टिकट दिया है।

मुरादाबाद में सपा ने सांसद एचटी हसन की जगह रुचि वीरा को टिकट दिया है, जबकि बसपा ने मोहम्मद इरफान सैनी को मैदान में उतारकर सपा के पाले में जाने वाले मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की व्यूहरचना बनाई है। संभल से भी सपा के जियाउर्रहमान के सामने बसपा ने शौलत अली को टिकट दिया है, जिससे मुस्लिम वोट बैंक बिखर सकता है।

आजमगढ़ में बदली रणनीति
बसपा ने पहले आजमगढ़ में अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को टिकट दिया था, लेकिन अब उन्हें सलेमपुर से चुनाव लड़वाने का फैसला लिया है। अब बसपा आजमगढ़ में ऐसे किसी कद्दावर नेता को टिकट देने की तैयारी में है, जो सपा को शिकस्त दे सके। यदि बसपा की रणनीति सफल रही तो भाजपा और सपा की लड़ाई में बसपा को फायदा मिल सकता है।

कई बड़े नेताओं ने छोड़ा साथ
लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलने के बाद सपा ने विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन सुधारने की कवायद तो की, लेकिन विधानसभा चुनाव में उसके साथ आए कई प्रमुख नेताओं ने दूरी बना ली है। इसका असर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। रालाेद अध्यक्ष जयंत चौधरी, सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर, विधायक दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी, स्वामी प्रसाद मौर्या, पल्लवी पटेल व केके गौतम जैसे तमाम बड़े नेता अब सपा के साथ नहीं हैं। इंडिया गठबंधन में भी जगह नहीं मिलने पर स्वामी प्रसाद मौर्या नाराजगी भी जता चुके हैं।

बच्चों को मानसिक रूप से कमजोर बना रहा बढ़ता स्क्रीन टाइम, व्यक्तित्व विकास पर असर

नई दिल्ली:  बढ़ता स्क्रीन टाइम बच्चों के दिमाग के काम करने की क्षमता को कम कर रहा है और इससे उनकी याददाश्त कमजोर हो रही है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका काफी गलत असर पड़ रहा है। सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी अमेरिका के शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चा अगर ज्यादा से ज्यादा समय वर्चुअल वॉर्ड यानी स्क्रीन के सामने बिताता है तो वह खेलकूद, व्यायाम, लोगों से मिलने, बातचीत करने जैसे बहुत से कौशल सीखने के लिए अपना समय कम करता जाता है। इसका सीधा असर उसके समग्र व्यक्तित्व विकास पर पड़ता है।

प्रतिबंध से समाधान का प्रयास
मार्च में अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कानून भी पारित किया है। ब्रिटेन की सरकार भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल फोन की बिक्री पर ही प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।

दुनियाभर के अभिभावक चिंतित
अध्यनकर्ताओं के अनुसार, इस समय दुनियाभर के अभिभावकों का सबसे अधिक ध्यान इस बात पर लगा रहता है कि वे अपने बच्चों को मोबाइल स्क्रीन से दूर कैसे रखें। ब्रिटेन में डेजी ग्रीनवेल और क्लेयर फर्नीहॉफ ने अपने बच्चों को स्मार्टफोन से कैसे दूर रखा जाए, इसकी चर्चा के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। जब उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी योजनाओं के बारे में पोस्ट किया तो देखते ही देखते बड़ी संख्या में माता-पिता इसमें शामिल होने लगे। अब उनके समूह स्मार्टफोन-फ्री चाइल्डहुड में 60 हजार से अधिक सदस्य हैं। ब्रिटेन में ऐसे कई समूह हैं, जो बच्चों के स्क्रीन टाइम को लेकर चिंतित हैं।

ये परेशानियां आती हैं सामने
ब्रिटेन में हुए शोध के अनुसार, 12 साल की उम्र तक के लगभग हर बच्चे के पास फोन होता है। वे ज्यादातर समय सोशल मीडिया पर ही बिताते हैं। उनके काम में अगर व्यवधान डाला जाए तो उनके व्यवहार में भी परिवर्तन आने लगता है। कुछ बच्चे गुमसुम और कुछ आक्रामक हो जाते हैं। उनमें संवेदनशील विचार कम होने लगते हैं। साथ ही मोटापा, नींद संबंधी विकार, अवसाद और चिंता सहित मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों की संभावना बढ़ जाती है।

दो से 12 साल के बच्चों के लिए एक घंटे से ज्यादा समय नुकसानदेह…
विशेषज्ञों के अनुसार, दो से 12 साल के बच्चों को 24 घंटे में एक घंटे ही मोबाइल देखने दिया जाए और 12 साल से अधिक बच्चों को दो घंटे ही दिया जाए। इससे ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने पर बहुत सारे दुष्परिणाम हो सकते हैं।

हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, सियाचिन के पास PoK में कर रहा सड़क निर्माण; सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा

नई दिल्ली: चीन ने सियाचिन के नजदीक अवैध रूप से अधिग्रहित कश्मीर में सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है। सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है। पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित कश्मीर का एक हिस्सा साल 1963 में चीन को सौंप दिया गया था। उसी इलाके में अब चीन द्वारा सड़क का निर्माण किया जा रहा है। चीन के शिनजियांग प्रांत से निकलने वाला हाइवे जी219 सियाचिन के नजदीक से होकर गुजर रहा है, जो कि भारत की उत्तरी सीमा के इंदिरा कोल इलाके से करीब 50 किलोमीटर दूर है।

मार्च से दो बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर चुके हैं सियाचिन का दौरा
गौरतलब है कि इंदिरा कोल इलाके का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीते मार्च से दो बार दौरा कर चुके हैं। यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसी की सैटेलाइट ने इन तस्वीरों को लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते साल जून और अगस्त में इस हाइवे का निर्माण शुरू हुआ था। कारगिल, सियाचिन और पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा का जिम्मा भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स संभालती है। इस कॉर्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा का कहना है कि चीन द्वारा बनाई जा रही ये सड़क पूरी तरह से अवैध है और भारत को कूटनीतिक तरीके से चीन के सामने इसका विरोध करना चाहिए।

भारत की सुरक्षा पर हो सकता है असर
चीन द्वारा सियाचिन के नजदीक बनाई जा रही सड़क का भारत की सुरक्षा पर असर पड़ने की आशंका है। दरअसल यह सड़क ट्रांस कराकोरम ट्रैक्ट इलाके में पड़ती है और यह इलाका ऐतिहासिक रूप से कश्मीर का हिस्सा है और इस पर भारत अपना दावा जताता है। भारत के नक्शे में भी इस क्षेत्र को भारत का हिस्सा दिखाया गया है। ट्रांस-कराकोरम ट्रैक्ट करीब 5300 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है। भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस हिस्से में यथास्थिति में बदलाव भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है। आशंका है कि चीन अगर इस क्षेत्र में और निर्माण करता है तो इससे पहाड़ी इलाके में भारत की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। पाकिस्तान के गिलगित बाल्टिस्तान प्रांत में साल 2021 में पाकिस्तानी सरकार ने नए हाइवे के निर्माण का एलान किया था, जो कि मुजफ्फराबाद को मस्ताघ पास से जोड़ेगा। मस्ताघ पास शक्सगाम घाटी से जुड़ता है। ऐसे में आशंका है कि चीन और पाकिस्तान का इस इलाके से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ाव हो सकता है।

अरुणाचल में एनएच- 313 पर भूस्खलन, दिबांग घाटी का संपर्क कटा; यातायात दुरुस्त करने की कोशिशें जारी

ईटानगर :  अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन की वजह से दिबांग वैली में हुनली और अनिनी के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 313 क्षतिग्रस्त हो गया है। बता दें कि लगातार भारी बारिश की वजह से पहाड़ी जिले की इस सड़क पर भूस्खलन हुआ। इस वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया और जिला मुख्यालय से दिबांग घाटी का संपर्क टूट गया। यह राजमार्ग भारत-चीन सीमा से लगभग 83 किलोमीटर दूर स्थित दिबांग घाटी में रोइंग को अनिनी को जोड़ता है।

हाईवे को दुरुस्त करने का काम जारी
एक अधिकारी का कहना है कि हाईवे को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर जारी है और जिला प्रशासन द्वारा लगातार स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि बुधवार रात हुए भूस्खलन की वजह से दिबांग घाटी के हुनली और अनिनी के बीच सड़क क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे सीमावर्ती जिले का संपर्क कट गया है।

यातायात शुरू करने में कुछ दिन लगेंगे
अतिरिक्त जिला उपायुक्त ध्रुबज्योति बोरा का कहना है कि सड़क पर यातायात शुरू करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि गुरुवार शाम तक सड़क को हल्के वाहनों के लिए खोला जा सकता है। जिला प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने और मरम्मत कार्य पूरा होने तक यात्रा करने से परहेज करने की सलाह दी है।

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने जताई चिंता
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस भूस्खलन को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि हुनली और अनिनी के बीच राजमार्ग को हुए व्यापक नुकसान के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा के बारे में जानकर परेशान हूं। जल्द से जल्द कनेक्टिविटी बहाल करने के निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि यह सड़क दिबांग घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है।

‘केंद्र सरकार की याचिका कानून का दुरुपयोग’; नाराज शीर्ष अदालत ने ठोका पांच लाख रुपये जुर्माना

 नई दिल्ली: मेघालय हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंची केंद्र सरकार को अदालत की नाराजगी का सामना करना पड़ा। कोर्ट में दो जजों की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के रवैये पर नाराजगी का इजहार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने का फैसला कानूनी प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है। अदालत में जस्टिस विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार को पांच लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश भी सुनाया। नाराज अदालत ने कहा, याचिकाकर्ताओं को चेतावनी दी जाती है कि वे भविष्य में ऐसी तुच्छ याचिकाएं दायर न करें।

नौकरी गंवाने की आशंका से जूझ रहे 19000 लोग पात्र, 5300 नियुक्तियां संदिग्ध; हाईकोर्ट में बोला आयोग

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हजारों स्कूल शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद 25,700 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हो सकती है। हालांकि, ताजा घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग (West Bengal SSC) ने हाईकोर्ट में कहा है कि केवल 5300 शिक्षकों की नियुक्तियां संदिग्ध हैं। आयोग ने कहा है कि 19,000 शिक्षकों की नियुक्तियां वैध होने की संभावना है। आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि 22 अप्रैल को पारित आदेश के बाद लगभग 19,000 शिक्षकों की भर्ती रद्द हो सकती है, लेकिन आयोग की तरफ से तय किए गए नियम और शर्तों के मुताबिक इन शिक्षकों की नियुक्तियां वैध हो सकती हैं।

25 हजार से अधिक शिक्षकों के भविष्य पर लटक रही तलवार
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 2016 में हुई शिक्षकों की भर्तियों को रद्द किया जाना है। अदालत का आदेश बरकरार रहने की सूरत में 25,753 शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने अपने सख्त आदेश में कहा है कि अवैध नियुक्ति से लाभ पाने वाले शिक्षकों को अपने वेतन भी लौटाने होंगे। फिलहाल, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

5300 शिक्षकों की नियुक्तियों में विसंगतियां
स्कूल सेवा आयोग ने गुरुवार को दावा किया कि हाईकोर्ट को 5300 ऐसे शिक्षकों की सूची दी गई है जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध हैं। आयोग ने उच्च न्यायालय की पीठ को बताया कि अधिकारियों और सरकार की तरफ से निर्धारित योग्यता के मानदंड को 19 हजार शिक्षक पूरा कर सकते हैं। आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा, ‘हमने अदालत के समक्ष उन शिक्षकों की सूची पेश की है, जिनकी नियुक्तियों के दौरान विसंगतियां पाई गई हैं।’ आयोग ने कहा कि विसंगतियों के लिए दो पैमानों पर विचार किया गया, पहला ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन शीट (OMR Sheet) में हेरफेर और रैंक में उछाल। आयोग ने अदालत को बताया कि कक्षा IX-X और XI-XII के लिए ग्रुप-सी और डी के तहत नियुक्त ऐसे शिक्षकों की अनुमानित संख्या लगभग 5300 है।

हाईकोर्ट ने नियुक्ति रद्द कर ब्याज सहित वेतन लौटाने को कहा
खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार का बयान ऐसे समय में आया है जब हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) के तहत की गई भर्तियों को रद्द करने का फरमान सुनाया। अदालत के आदेश के मुताबिक शिक्षकों को अपना वेतन 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज सहित लौटानी होगी।

नौकरी गंवाने की आशंका से जूझ रहे 19000 लोग पात्र, 5300 नियुक्तियां संदिग्ध; हाईकोर्ट में बोला आयोग

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हजारों स्कूल शिक्षकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद 25,700 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हो सकती है। हालांकि, ताजा घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग (West Bengal SSC) ने हाईकोर्ट में कहा है कि केवल 5300 शिक्षकों की नियुक्तियां संदिग्ध हैं। आयोग ने कहा है कि 19,000 शिक्षकों की नियुक्तियां वैध होने की संभावना है। आयोग ने हाईकोर्ट को बताया कि 22 अप्रैल को पारित आदेश के बाद लगभग 19,000 शिक्षकों की भर्ती रद्द हो सकती है, लेकिन आयोग की तरफ से तय किए गए नियम और शर्तों के मुताबिक इन शिक्षकों की नियुक्तियां वैध हो सकती हैं।

25 हजार से अधिक शिक्षकों के भविष्य पर लटक रही तलवार
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 2016 में हुई शिक्षकों की भर्तियों को रद्द किया जाना है। अदालत का आदेश बरकरार रहने की सूरत में 25,753 शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने अपने सख्त आदेश में कहा है कि अवैध नियुक्ति से लाभ पाने वाले शिक्षकों को अपने वेतन भी लौटाने होंगे। फिलहाल, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

5300 शिक्षकों की नियुक्तियों में विसंगतियां
स्कूल सेवा आयोग ने गुरुवार को दावा किया कि हाईकोर्ट को 5300 ऐसे शिक्षकों की सूची दी गई है जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध हैं। आयोग ने उच्च न्यायालय की पीठ को बताया कि अधिकारियों और सरकार की तरफ से निर्धारित योग्यता के मानदंड को 19 हजार शिक्षक पूरा कर सकते हैं। आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा, ‘हमने अदालत के समक्ष उन शिक्षकों की सूची पेश की है, जिनकी नियुक्तियों के दौरान विसंगतियां पाई गई हैं।’ आयोग ने कहा कि विसंगतियों के लिए दो पैमानों पर विचार किया गया, पहला ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन शीट (OMR Sheet) में हेरफेर और रैंक में उछाल। आयोग ने अदालत को बताया कि कक्षा IX-X और XI-XII के लिए ग्रुप-सी और डी के तहत नियुक्त ऐसे शिक्षकों की अनुमानित संख्या लगभग 5300 है।

हाईकोर्ट ने नियुक्ति रद्द कर ब्याज सहित वेतन लौटाने को कहा
खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार का बयान ऐसे समय में आया है जब हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) के तहत की गई भर्तियों को रद्द करने का फरमान सुनाया। अदालत के आदेश के मुताबिक शिक्षकों को अपना वेतन 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज सहित लौटानी होगी।

कई राज्यों में प्रचंड गर्मी और लू का पूर्वानुमान; दूसरे चरण के मतदान से पहले IMD का अलर्ट

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी। चुनाव आयोग ने भीषण गर्मी के बीच शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव तैयारियां की हैं। हालांकि, लगातार बढ़ रहा तापमान आयोग के साथ-साथ लोगों के भी पसीने छुड़ा रहा है। मौसम विभाग ने आगाह किया है कि 26 अप्रैल को मतदान के लिए घरों से निकलने पर जनता को चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ेगा। गुरुवार को मौसम विभाग (IMD) की तरफ से जारी अलर्ट के मुताबिक अगले पांच दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गर्म हवाएं और लू चलने की आशंका है। आईएमडी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए रेड अलर्ट, जबकि बिहार और कर्नाटक के कुछ हिस्सों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

इन राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग होगी
गौरतलब है कि दूसरे चरण के चुनाव के दौरान 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 88 लोकसभा सीटों पर लाखों मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिन राज्यों में वोटिंग होनी है उसमें केरल की 20 सीटें, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की आठ-आठ, मध्य प्रदेश की छह, बिहार और असम की पांच-पांच, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तीन-तीन और त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर की एक-एक सीट हैं। मणिपुर में भी दूसरे चरण का मतदान होगा।

ओडिशा में हालात संवेदनशील, रात में तापमान कम न होना अधिक चिंताजनक
आईएमडी के मुताबिक 27-29 अप्रैल के दौरान ओडिशा में रातें गर्म होंगी। मौसम विभाग के मुताबिक रात का उच्च तापमान अधिक खतरनाक माना जाता है, क्योंकि ऐसे हालात में शरीर को ठंडा होने का मौका नहीं मिलता। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक शहरों में रात के समय गर्मी बढ़ना अधिक आम है। ऐसे हालात में मेट्रो क्षेत्र अपने आसपास के इलाकों की तुलना में काफी गर्म होते हैं।

किन राज्यों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा
मौसम विभाग के मुताबिक उच्च आर्द्रता के कारण त्रिपुरा, केरल, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, असम, मेघालय और गोवा के लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। घर से बाहर निकलने पर लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। आईएमडी के मुताबिक शुक्रवार को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं, हल्की बारिश और तूफान के आसार हैं। इन राज्यों में लोगों को गर्म मौसम से अस्थायी राहत मिल सकती है। विभाग के मुताबिक लू का यह दूसरा दौर है। ओडिशा में 15 अप्रैल से और पश्चिम बंगाल में गंगा के किनारे वाले इलाकों में 17 अप्रैल से ही हीटवेव की स्थिति बनी हुई है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया, कहा- एक नेता और अपराधी में फर्क करना गलत

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की एक याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। उसने बुधवार को दाखिल हलफनामे में दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। साथ ही केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कई समन जारी किए जाने के बावजूद उन्होंने सहयोग नहीं किया है।

नौ बार भेजा गया था समन
ईडी ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए कहा है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों की मिलीभगत से धन शोधन के अपराध को अंजाम देने में प्रमुख भूमिका निभाई है। वहीं, हलफनामे में यह भी कहा गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को नौ बार समन देकर बुलाया गया था, लेकिन वो पेश नहीं हुए।

हिरासत को सही ठहराया गया
गौरलतब है कि केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और हिरासत को सही ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए ईडी को 24 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि मामले की सुनवाई 29 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में होगी।

सामान्य अपराधी से अलग व्यवहार करना मनमाना होगा
हलफनामे में कहा गया कि सामग्री के आधार पर अपराध करने के लिए किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी, चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो, कभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं कर सकता। गिरफ्तारी के मामले में एक राजनेता के साथ एक सामान्य अपराधी से अलग व्यवहार करना मनमाना होगा और गिरफ्तारी की शक्ति का उल्लंघन होगा।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले के दोषी
हलफनामे में कहा गया कि आईओ के पास मौजूद सामग्री से यह पुष्टि हुई है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले के दोषी हैं। ईडी का कहना है कि केजरीवाल को सही तरीके से गिरफ्तार किया गया है न कि किसी दुर्भावनापूर्ण या बाहरी कारणों से। एजेंसी ने कहा कि इस बात से साफ इनकार किया जाता है कि गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण थी।

राहुल गांधी का भाजपा पर तीखा प्रहार, बोले- जाति आधारित जनगणना को कोई भी नहीं रोक सकता

नई दिल्ली:  कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि जो अपने आप को देशभक्त कहते हैं वो 90 प्रतिशत लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने वाली जाति आधारित जनगणना के एक्स-रे के विरोध में खड़े हो गए हैं। राहुल ने पीएम मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जाति आधारित जनगणना को रोक नहीं सकते।

राहुल गांधी का पीएम मोदी और भाजपा पर तीखा प्रहार
राहुल गांधी ने बताया कि देश की 90 फीसदी आबादी के लिए न्याय सुनिश्चित कराना उनकी जिंदगी का मिशन बन गया है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पीएम मोदी उनकी पार्टी के क्रांतिकारी घोषणापत्र से घबरा गए हैं। उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि हिंदुस्तान में आज 90 प्रतिशत लोगों के साथ भयंकर अन्याय हो रहा है। मैंने ऐसा नहीं कहा कि हम कोई कार्रवाई करेंगे, हमने सिर्फ यह कहा कि यह पता लगाएंगे कि कितना अन्याय हो रहा है।”

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, “अगर किसी को चोट लगी है और मैं कहूं कि आप एक्स-रे करा लीजिए, तो इससे किसी को एतराज तो नहीं होना चाहिए। मीडिया को देखिए, नरेंद्र मोदी को देखिए, जब मैंने सिर्फ यह कहा कि पता करते हैं कितना अन्याय है तो यह सारे के सारे खड़े हो गए और कहने लगे कि देश को तोड़ने और बांटने की कोशिश हो रही है। एक्सरे से क्या बंटेगा? इससे तो 90 प्रतिशत लोगों को पता चलेगा कि उनकी भागीदारी कितनी है।”

मिशन के साथ समझौता नहीं: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर आपको महाशक्ति बनना है और चीन से मुकाबला करना है तो 90 फीसदी लोगों की शक्ति का इस्तेमाल तो करना ही होगा। जाति आधारित जनगणना का एक्स-रे और न्याय भाजपा के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “यह मेरे जिंदगी का मिशन है। राजनीति के साथ समझौता किया जा सकता है, लेकिन मिशन के साथ कोई समझौता नहीं।” राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपने चुनिंदा उद्योगपति मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ करने के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी इस पैसे का एक हिस्सा 90 प्रतिशत आबादी को देना चाहती है।