Sunday , November 24 2024

देश

‘भाजपा ने भावी पीढ़ियों के लिए बचाया मणिपुर’, लोकसभा उम्मीदवार बोले- बंटवारा नहीं होने देंगे

मणिपुर से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार थौनाओजाम बसंत कुमार सिंह का कहना है कि भाजपा एकजुट मणिपुर चाहती है और राज्य में किसी भी समुदाय को अलग प्रशासन का अधिकार नहीं दिया जाएगा। बसंत कुमार मणिपुर के कानून मंत्री भी है और लोकसभा चुनाव में अंदरुनी मणिपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। बसंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस मुकाबले में कहीं नहीं हैं और भाजपा आराम से जीत दर्ज करेगी।

‘भाजपा ने मणिपुर को बचाया’
बसंत सिंह ने कहा कि ‘भाजपा ने ही भावी पीढ़ियों के लिए मणिपुर को बचाया है।’ राज्य में हिंसा के बाद कुकी-जो समुदाय द्वारा अलग प्रशासन की मांग पर उन्होंने कहा कि ‘हम एक पार्टी और सरकार के तौर पर एकजुट मणिपुर के पक्ष में हैं। किसी भी तरह का बंटवारा नहीं होने दिया जाएगा। हम ऐसे ही सदियों से रह रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस और जर्मनी में युद्ध हुआ था, लेकिन आज दोनों करीबी सहयोगी हैं।’

बसंत सिंह ने कहा कि लोग यह बात स्वीकार करते हैं कि अगर मणिपुर शांति की राह पर आगे बढेगा तो सिर्फ भाजपा ही उसे यह राह दे सकती है। कांग्रेस बुरी तरह असफल रही है। मणिपुर में जब 15 साल कांग्रेस की सरकार रही, तब भी कई अप्राकृतिक मौतें हुईं। 1800 से ज्यादा मामलों की अब जांच चल रही है। बसंत सिंह मैतई वर्ग के हैं भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। उनके पिता थौनाओजम चौबा सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे हैं। अभी बसंत सिंह राज्य के विष्णुपुर जिले की नामबोल सीट से विधायक हैं।

विपक्ष, भाजपा सरकार पर मणिपुर संकट को ठीक तरह से हैंडल न करने का आरोप लगाता है। इन आरोपों पर बसंत सिंह ने कहा कि सरकार ने समय से मणिपुर में हस्तक्षेप किया, जिसकी वजह से राज्य में हालात बेहतर हुए हैं और जनता भी ये बात जानती है। हमारी प्राथमिकता राज्य में शांति स्थापित करना है। भाजपा मणिपुर की अंदरुनी इंफाल सीट से चुनाव लड़ रही है, लेकिन पार्टी ने बाहरी मणिपुर सीट पर अपनी सहयोगी पार्टी नगा पीपल्स फ्रंट को समर्थन दिया है।

अरुणाचल विधानसभा चुनाव के लिए BJP का घोषणा-पत्र जारी; नड्डा बोले- पहले उग्रवाद था, अब विकास की बहार

लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। सत्तारूढ़ दल भाजपा और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पूरे देशभर में ताबड़तोड़ रैलियां आयोजित कर रही है। इस बीच,अरुणाचल प्रदेश के लिए भाजपा ने घोषणा-पत्र जारी किया है। गौरतलब है कि 19 अप्रैल को पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं। बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जो क्षेत्र पूरी तरह से उग्रवाद और हत्याओं और बंद संस्कृति के लिए जाना जाता था, वो अब विकास की राह पर चल पड़ा है। मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में किए गए कार्यों से तेजी से प्रगति हुई है।

मोदी सरकार में विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ी- नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा कि दशकों तक उपेक्षित रहे पूर्वोत्तर में 2014 के बाद से ही बड़ा बदलाव आया। यह क्षेत्र अब प्रगति, विकास और समृद्धि के लिए पहचान बनाने लगा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार बिजली, पर्यटन, इंटरनेट, कनेक्टिविटी, कृषि और खेल समेत कई क्षेत्रों में पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए काम कर रही है। पूर्वोत्तर राज्यों के भाजपा के घोषणा-पत्र में मजबूत बुनियादी ढांचे, महिला सशक्तिकरण, रोजगार और जवाबदेह शासन के निर्माण का वादा किया गया है।

पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए भाजपा प्रतिबद्ध- नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार रोडवेज, रेलवे और वायुमार्ग क्षेत्रों में परियोजनाओं को लागू करके राज्य में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी और एकीकृत ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए ‘अरुणाचल प्रदेश गति शक्ति मास्टर प्लान’ लॉन्च करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा घोषणापत्र में किए गए वादों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने जो वादा किया था वह पहले ही कर चुके हैं और जो वादा नहीं किया था वह भी पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हमेशा पूर्वोत्तर को प्राथमिकता देते हैं। पिछले 10 वर्षों में उन्होंने इस क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए कई पहल की हैं।

डीएमआरसी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 8000 करोड़ रुपये के मामले में याचिका मंजूर

सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी को बड़ी राहत दी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को माना कि डीएमआरसी, दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 8000 करोड़ रुपये देने के लिए बाध्य नहीं है। दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड, अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म की कंपनी है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की क्यूरेटिव याचिका (उपचारात्मक याचिका) को मंजूरी दे दी है। याचिका में डीएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट से अपने पूर्व के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। डीएमआरसी की याचिका में DAMEPL को 8 हजार करोड़ रुपये के भुगतान के आदेश को चुनौती दी गई है।

‘अगर उनके प्रांतों का…’, अरुणाचल के इलाकों के नाम बदलने पर चीन को रक्षा मंत्री का जवाब

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की धड़कने तेज हो रही है। सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्षी दल तक सभी ताबड़तोड़ रैलियों के जरिए मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं। इस बीच, अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में मंगलवार को एक चुनावी रैली को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान वह भारत-चीन के बीच विवादों पर खुलकर बोलते हुए नजर आए।

इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं- राजनाथ सिंह
हाल ही में चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों को नाम बदले गए थे। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी, हालांकि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि देशों को भारत के आतंरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। नामसाई में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तकरीबन 30 स्थानों के नाम बदले और अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। मैं अपने पड़ोसी देश को बताना चाहता हूं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

आज के भारत के पास जवाब देने की ताकत- राजनाथ सिंह
चुनावी रैली में चीन की करतूत पर दो टूक जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर भारत चीन के कुछ जगहों और कुछ प्रांतों के नाम बदल दें तो क्या वो भारत का हिस्सा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। बावजूद इसके, अगर कोई हमारे सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करता है तो आज के भारत में जवाब देने की ताकत है।

सोने ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, एक झटके में हो गया इतना महंगा; चांदी 83,000 रुपये से हुई महंगी

कई देशों में युद्ध और डॉलर की अपेक्षा गोल्ड रखने की शुरुआत से सोना पहली बार 71 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि सोने के दाम एक माह में करीब 8500 रुपये बढ़े हैं वहीं चांदी भी 83 हजार रुपये प्रतिकिलो पहुंच गई है। सहालग के सीजन में सोने-चांदी के दाम और बढ़ने की संभावना है। सराफा कारोबारी राजेश अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 71300 रुपये और चांदी 83 हजार रुपये किलो हो गई है। बताया कि एक महीने में चांदी आठ हजार और सोने के दाम में 8500 रुपये का इजाफा हुआ है।

प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने बताया कि सोना लगातार नई ऊंचाइयों पर जा रहा है। ऐसे में लोग बहुत जरूरी होने पर खरीदारी करने को मजबूर हैं। कारोबारियों का कहना है कि पश्चिमी देशों में हो रहे युद्ध और गोल्ड की डिमांड बढ़ने के कारण वहां की सरकारों की ओर से सोने को संग्रहित किया जा रहा है।

बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ी, मार्च में हुई थी गिरफ्तारी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्हें 15 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट के समक्ष ईडी ने बताया कि बीआरएस एमएलसी के. कविता पर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। के. कविता ने अदालत को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच (के.कविता ने इसे मीडिया ट्रायल कहा) उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है और उनकी निजता पर हमला किया है।

कविता ने कहा, “मैं एक पीड़िता हूं। मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रतिष्ठा को निशाना बनाया जा रहा है। मेरे मोबाइल फोन को सभी टेलीविजन चैनलों में प्रदर्शित किया गया, जो कि मेरी निजता पर हमला है। उन्होंने आगे कहा, मैं केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हूं। मैंने बैंक खाते का विवरण भी दिया। मैंने अपना मोबाइल फोन भी ईडी को दिया, जिसपर एजेंसी ने दावा किया कि मैंने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया है।” अदालत से बाहर निकलने के दौरान बीआरएस नेता ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है। यह विपक्षी पार्टियों को निशाना बनाने वाला मामला है। यह मामला केवल बयानों पर आधारित है।

बता दें कि बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम के कविता को हैदराबाद से दिल्ली लेकर आई, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने के. कविता को 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा था।

क्या हैं के. कविता पर आरोप
ईडी का दावा है कि के कविता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। जिसके तहत दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। के कविता को कथित दक्षिण लॉबी का हिस्सा बताया जा रहा है। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी अब तक देशभर में 245 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है और मनीष सिसोदिया, संजय सिन्हा और विजय नायर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ी, मार्च में हुई थी गिरफ्तारी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्हें 15 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट के समक्ष ईडी ने बताया कि बीआरएस एमएलसी के. कविता पर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। के. कविता ने अदालत को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच (के.कविता ने इसे मीडिया ट्रायल कहा) उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है और उनकी निजता पर हमला किया है।

कविता ने कहा, “मैं एक पीड़िता हूं। मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रतिष्ठा को निशाना बनाया जा रहा है। मेरे मोबाइल फोन को सभी टेलीविजन चैनलों में प्रदर्शित किया गया, जो कि मेरी निजता पर हमला है। उन्होंने आगे कहा, मैं केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हूं। मैंने बैंक खाते का विवरण भी दिया। मैंने अपना मोबाइल फोन भी ईडी को दिया, जिसपर एजेंसी ने दावा किया कि मैंने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया है।” अदालत से बाहर निकलने के दौरान बीआरएस नेता ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है। यह विपक्षी पार्टियों को निशाना बनाने वाला मामला है। यह मामला केवल बयानों पर आधारित है।

बता दें कि बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम के कविता को हैदराबाद से दिल्ली लेकर आई, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने के. कविता को 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा था।

क्या हैं के. कविता पर आरोप
ईडी का दावा है कि के कविता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। जिसके तहत दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। के कविता को कथित दक्षिण लॉबी का हिस्सा बताया जा रहा है। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी अब तक देशभर में 245 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है और मनीष सिसोदिया, संजय सिन्हा और विजय नायर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

‘मेरा बेटा अनिल चुनाव हारना चाहिए’, एके एंटनी बोले- कांग्रेस ही मेरा धर्म है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा अनिल एंटनी चुनाव हार जाए और उसके सामने चुनाव लड़ रहा कांग्रेस उम्मीदवार जीत जाए। मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एके एंटनी ने कहा कि उनका बेटा, अनिल के एंटनी, जो पतनमतिट्टा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है, वह चुनाव नहीं जीतना चाहिए।

‘भाजपा हर दिन नीचे जा रही’
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि अनिल एंटनी को हार मिले और उनके प्रतिद्वंदी और कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी जीतने चाहिए। एके एंटनी ने कांग्रेस नेताओं के बच्चों के भाजपा में शामिल होने को भी गलत बताया और कहा कि ‘कांग्रेस ही मेरा धर्म है।’ एके एंटनी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लगातार मोदी, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन हर दिन आगे बढ़ रहा है और भाजपा नीचे जा रही है। मुझे लगता है कि हमारे पास सरकार बनाने का मौका है।’

अनिल एंटनी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीते साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अनिल एंटनी केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया प्रभारी समेत पार्टी के सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस सेल के विभिन्न पदों पर काम चुके थे, लेकिन जनवरी में पीएम मोदी पर बनी एक विवादित डॉक्युमेंट्री पर बयान देकर वह भी विवादों में आ गए और आखिरकार कांग्रेस से मनमुटाव होने के चलते उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। लोकसभा चुनाव में अनिल एंटनी पतनमतिट्टा सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।

‘मेरा बेटा अनिल चुनाव हारना चाहिए’, एके एंटनी बोले- कांग्रेस ही मेरा धर्म है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा अनिल एंटनी चुनाव हार जाए और उसके सामने चुनाव लड़ रहा कांग्रेस उम्मीदवार जीत जाए। मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एके एंटनी ने कहा कि उनका बेटा, अनिल के एंटनी, जो पतनमतिट्टा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है, वह चुनाव नहीं जीतना चाहिए।

‘भाजपा हर दिन नीचे जा रही’
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि अनिल एंटनी को हार मिले और उनके प्रतिद्वंदी और कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी जीतने चाहिए। एके एंटनी ने कांग्रेस नेताओं के बच्चों के भाजपा में शामिल होने को भी गलत बताया और कहा कि ‘कांग्रेस ही मेरा धर्म है।’ एके एंटनी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लगातार मोदी, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन हर दिन आगे बढ़ रहा है और भाजपा नीचे जा रही है। मुझे लगता है कि हमारे पास सरकार बनाने का मौका है।’

अनिल एंटनी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीते साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अनिल एंटनी केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया प्रभारी समेत पार्टी के सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस सेल के विभिन्न पदों पर काम चुके थे, लेकिन जनवरी में पीएम मोदी पर बनी एक विवादित डॉक्युमेंट्री पर बयान देकर वह भी विवादों में आ गए और आखिरकार कांग्रेस से मनमुटाव होने के चलते उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। लोकसभा चुनाव में अनिल एंटनी पतनमतिट्टा सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।

‘मेरे लिए अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की अहम, वोट नहीं’, जानिए असम के मुख्यमंत्री ने क्यों कही ये बात

असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि बहुविवाह, बाल विवाह जैसे विषय लोकसभा चुनाव में मुद्दे नहीं हैं। सीएम ने कहा कि वह इन विषयों को सामाजिक बदलाव के लिए उठा रहे हैं। सरमा ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 सीटों में से सिर्फ तीन पर मुकाबला होगा, बाकी सीटों पर भाजपा एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज करेगी।

अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की अहम, वोट नहीं
जोरहाट में तीताबोर में एक इंटरव्यू में असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैं हमेशा से कहता हूं कि वोट लेना अलग चीज है। हम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए असली विकास चाहते हैं। अब वे मुझे वोट करते हैं या नहीं, इस बात का कोई मतलब नहीं है।’ असम सीएम ने कहा कि ‘उनके लिए मायने ये रखता है कि अल्पसंख्यक समुदाय समृद्ध बने। अगर अल्पसंख्यक समुदाय में बहुविवाह का चलन नहीं रुकेगा तो समुदाय कैसे समृद्ध होगा? अगर बाल विवाह जारी रहेगा तो समुदाय कैसे तरक्की करेगा?’ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ‘अगर लड़कियों को समान अधिकार नहीं मिलेंगे और उन्हें शिक्षा नहीं दी जाएगी तो मिंया समुदाय कैसे तरक्की करेगा? असम में बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को मियां कहा जाता है।’

‘मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट नहीं मांगूंगा, मुद्दों पर बात करूंगा’
सीएम ने कहा कि ‘मदरसा शिक्षा बंद होनी चाहिए और छात्रों को सामान्य शिक्षा दी जानी चाहिए।’ सीएम ने कहा कि ‘मैं असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जाऊंगा, लेकिन मैं वोट की अपील नहीं करूंगा। मैं सिर्फ इन मुद्दों पर बात करूंगा। सरमा ने कहा कि चुनाव तो हैं, लेकिन ये मुद्दे चुनाव से भी बड़े हैं और मैं चुनावी राजनीति की मदद से लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करूंगा।’ सरमा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर ही मुकाबला हो सकता है और बाकी 11 सीटों पर उन्हें एकतरफा तरीके से जीत मिलेगी। हालांकि सीएम ने उन तीन सीटों के बारे में नहीं बताया। सीएम ने कहा कि असम में विपक्षी गठबंधन का अस्तित्व नहीं है और असल मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और एआईयूडीएफ में ही होगा।