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बेरोजगारी को लेकर प्रियंका गांधी ने केंद्र को घेरा, कहा- भाजपा के पास इसका समाधान नहीं

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि युवा समझ चुके हैं कि भाजपा उन्हें रोजगार नहीं देगी। हमारी पार्टी के पास उन्हें रोजगार देने के लिए ठोस योजना है।

भाजपा पर साधा निशाना
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (आईएलओ) और इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट द्वारा जारी भारत रोजगार रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि देश में 83 फीसदी बेरोजगार जनता युवा है। उन्होंने आगे कहा, “साल 2000 में बेरोजगारों में पढ़े-लिखे युवा 35.2 फीसदी थे। वहीं, 2022 में यह आंकड़ा 65.7 फीसदी हो गया।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “एक तरफ प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कह रहे हैं कि सरकार बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सकती है। यह भाजपा सरकार का सच है।” उन्होंने आगे कहा, “आज देश का हर युवा समझ गया है कि भाजपा रोजगार प्रदान नहीं कर सकती है। कांग्रेस पार्टी के पास रोजगार को लेकर ठोस योजना है।”

बेरोजगारों को कांग्रेस की गारंटी
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की योजनाओं के पहलुओं को भी सूचिबद्ध किया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस 30 लाख खाली सरकारी पदों को भरने की गारंटी देती है। प्रत्येक ग्रेजुएट और डिप्लोमा धारकों को एक लाख रुपये की अप्रेंटिसशिप दी जाएगी।

बीजद के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी; सीएम इस विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव

ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की। सीएम खुद हिंजिली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।

BJD के 9 लोकसभा उम्मीदवारों का किया एलान
बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार को लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित की। बीजद अध्यक्ष ने ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से नौ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। पटनायक खुद गंजम जिले के हिन्जिली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। बीजद महासचिव (संगठन) प्रणब प्रकाश दास केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ संबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

ओडिशा के मंत्री सुदाम मरांडी मयूरभंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान दिलीप टिर्की सुंदरगढ़ लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद जुएल ओराम का सामना करेंगे। बीजद ने ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों के लिए 72 उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा की है।

मुनियप्पा के दामाद को कोलार का टिकट देने पर कांग्रेस में बवाल, पांच विधायकों ने दी इस्तीफे की धमकी

कर्नाटक के सियासी गलियारे में लगातार हलचल मची हुई है। यहां कांग्रेस पार्टी में घरेलू कलह ही खत्म नहीं हो रहा है। पहले उम्मीदवारों के नाम तय करने को लेकर विवाद बना हुआ था। वहीं अब कोलार संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से टिकट काटने पर हंगामा खड़ा हो गया है। पार्टी के पांच विधायकों ने इस्तीफे की धमकी तक दे डाली है। दरअसल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा के दामाद चिक्का पेद्दन्ना को कोलार से टिकट दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस क्षेत्र में अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है।

ये लोग जता रहे विरोध
कोलार जिले के तीन विधायक कोथुर जी मंजूनाथ (कोलार), के वाई नांजेगौड़ा (मलूर) और एमसी सुधाकर (चिंतामणि) और दो विधान पार्षद अनिल कुमार और नसीर अहमद पेद्दन्ना की उम्मीदवारी का विरोध जता रहे हैं। यह लोग चाहते हैं कि टिकट अनुसूचित जाति के दक्षिणपंथी समुदाय के उम्मीदवार को दिया जाए। बता दें, सुधाकर सिद्धारमैया मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री हैं। वहीं, जिले के एक अन्य कांग्रेस विधायक एसएन नारायणस्वामी (बंगरापेट) ने भी विरोध जताते हुए कहा कि टिकट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के फैसले को देखने के बाद वह कोई निर्णय लिया जाएगा।

कोलार कांग्रेस के दो धड़ों और रमेश कुमार के बीच लड़ाई जारी
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र का कहना है, ‘खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा के नेतृत्व वाले कोलार कांग्रेस के दो धड़ों और कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के बीच लड़ाई जारी है।’

बदले राजनीतिक परिदृश्य में उद्धव ठाकरे और शरद पवार का सियासी कद तय करेगा यह चुनाव

साल 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में काफी बदलाव आया है। कोविड-19 महामारी के बाद राज्य में नगर निकाय के चुनाव भी नहीं हुए। कोरोना के बाद पहली बार सूबे में विपक्षी दल महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और सत्तारूढ़ दल महायुति के बीच सीधी टक्वकर होनी है। शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद हो रहे लोकसभा चुनाव में पवार और ठाकरे की जमीनी पकड़ की पैमाइश होनी है। लोकसभा चुनाव उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए मायने रखते हैं क्योंकि यह चुनाव ठाकरे और पवार का राजनीतिक कद भी तय करेगा।

साल 2019-24 के बीच की अवधि में महाराष्ट्र में राजनीतिक ताकतों का पुनर्गठन हुआ है। आने वाले दिनों में इस पर और अधिक मंथन होने वाला है। कोरोना महामारी के बाद महाराष्ट्र में 29 महानगरपालिका के चुनाव नहीं हुए, जहां राज्य की 13 करोड़ आबादी का 60-65 फीसदी हैं। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अलावा महानगर क्षेत्र की आठ अन्य महानगरपालिका ठाणे, वसई-विरार, मीरा-भायंदर, कल्याण-डोंबिवली, नवी मुंबई के अलावा पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, पनवेल, नासिक, औरंगाबाद, नागपुर और अमरावती महानगरपालिका के चुनाव का मामला अदालत में लंबित हैं। शिवसेना और एनसीपी में विभाजन होने से कई बड़े और दिग्गज नेताओं ने पाला बदला है। ऐसा होने से शहरों में किसकी जमीन कितनी मजबूत है, इसका वास्तविक आंकलन नहीं किया जा सका है। इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि सूबे में होने वाले पांच चरण के चुनाव में काफी आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिल सकता है।

उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र दूसरा अहम राज्य हैं जहां सर्वाधिक लोकसभा की 48 सीटें हैं। प्रदेश में दो प्रमुख राजनीतिक धुरी है। एक भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और दूसरा विपक्षी दलों के समूह का INDI गठबंधन, जिसे महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के रूप में जाना जाता है। वैसे भी राज्य में पहले भी दो ही गठबंधन थे शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-एनसीपी। अब भी देखा जाए तो गठबंधन दो ही आमने-सामने हैं, विपक्ष की महा आघाड़ी और सत्तारूढ़ दल की महायुति।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने दो विश्वविद्यालयों में नियुक्त किए अंतरिम कुलपति, जानें किन्हें मिला चार्ज

केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को श्रीनारायणगुरु मुक्त विश्वविद्यालय, केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतरिम कार्यवाहक कुलपति (वीसी) नियुक्त किए हैं। गौरतलब है कि वायनाड में केरल पशु चिकित्सा और पशु ल केविज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को 18 फरवरी को वहां के 20 वर्षीय छात्र सिद्धार्थन जेएस की मौत के मामले में आरिफ मोहम्मद खान ने 2 मार्च को निलंबित कर दिया था।

छात्र सिद्धार्थन की मौत के बाद हटाए गए थे कुलपति
निलंबित करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि कुलपति की ओर से कर्तव्य की घोर लापरवाही देखी गई है। जिसके बाद, पी सी ससीन्द्रन को विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है। हालांकि, सिद्धार्थन की मौत के सिलसिले में निलंबित किए गए 33 छात्रों को बहाल करने के अपने आदेश को वापस लेने के बाद उन्होंने भी इस सप्ताह की शुरुआत में इस्तीफा दे दिया था।

अनिल के एस बने कार्यवाहक कुलपति
राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने आदेश वापस ले लिया था। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने ससींद्रन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब, पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग, पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान महाविद्यालय, मन्नुथी, त्रिशूर के प्रोफेसर अनिल के एस को केरल पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है, राजभवन द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है।

श्रीनारायणगुरु ओपन यूनिवर्सिटी का भी कार्यवाहक वीसी नियुक्त
इसमें कहा गया है कि प्रोफेसर अनिल अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से कुलपति की शक्तियों का इस्तेमाल और कर्तव्यों का पालन करेंगे। कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोच्चि के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के निदेशक और वरिष्ठ प्रोफेसर जगथी वीपी को उनके सामान्य कर्तव्यों के अलावा, श्रीनारायणगुरु ओपन यूनिवर्सिटी के वीसी की शक्तियों का प्रयोग और कर्तव्यों का पालन करने का काम सौंपा गया है।

बरेली में लोकसभा चुनाव की बिसात पर अब बसपा की चाल का इंतजार है। सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन बसपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में हर तरफ अलग-अलग कयास लगाते हुए समीकरणों का अनुमान लगाया जा रहा है। माना जा रहा है कि अब पार्टी जल्द अपना रुख स्पष्ट करेगी।

वैसे आसपास की अन्य सीटों पर बसपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बरेली की सीट के लिए कई उम्मीदवार पार्टी में हाथ-पैर मार रहे हैं। हालांकि, जिला संगठन ने प्राप्त आवेदनों में से पांच नाम पार्टी नेतृत्व को भेज दिए हैं। इसमें दो उम्मीदवार मुस्लिम हैं। कौन सा चेहरा बसपा का प्रतिनिधित्व करेगा? ये पार्टी आलाकमान से तय होगा। बसपा जिलाध्यक्ष राजीव सिंह का कहना है कि जो आवेदन मिले थे। उनपर पार्टी नेतृत्व मंथन कर रहा है। जल्द उम्मीदवार घोषित हो सकता है।

मुस्लिम चेहरे पर दांव लगा सकती है बसपा
जानकारों का कहना है कि पार्टी से मुस्लिम चेहरे पर दांव लगने की संभावना ज्यादा है। क्योंकि शहर में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या पर्याप्त है और इनकी संख्या करीब आठ लाख है। वहीं अन्य दलों ने दूसरे समीकरणों से अलग प्रत्याशी उतारे हैं। सपा व कांग्रेस गठबंधन ने प्रवीण सिंह ऐरन को प्रत्याशी बनाया है और भाजपा ने उम्र की बाधा के चलते आठ बार जीत चुके संतोष गंगवार का टिकट काटकर छत्रपाल गंगवार को उम्मीदवारी सौंपी है।
ऐसे में चुनाव को रोचक बनाने के लिए मुस्लिम प्रत्याशी बसपा उतार सकती है। वैसे भी बसपा ने जिले की ही आंवला लोकसभा सीट से सपा छोड़कर आए आबिद अली को उम्मीदवार बनाया है। आबिद कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा सांसद की तारीफ करने को लेकर चर्चा में आए थे।

छह बार स्वतंत्र, एक बार गठबंधन में रही
बरेली लोकसभा सीट पर बसपा ने 1996 में पहली बार प्रत्याशी उतारा था। फिर वर्ष 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में भी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा। वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के चलते सपा ने उम्मीदवार उतारा। इस दौरान छह में चार बार बसपा से मुस्लिम चेहरा उम्मीदवार था। वहीं, आंवला लोकसभा सीट पर 1996 से अब तक बसपा ने छह स्वतंत्र चुनाव लड़े थे। अबकी बार मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारा है।

नमाज अदा करने गया नौ साल का बच्चा हुआ गायब, 23 लाख की फिरौती मांगी गई, फिर बोरे में मिला शव

महाराष्ट्र के थाने से एक भयावह खबर सामने आई है। यहां एक नौ साल का बच्चा शाम को मस्जिद में नवाज अदा करने गया था। जैसे ही बच्चा मस्जिद से बाहर आया स्थानीय दर्जी ने उसका अपहरण कर लिया। इतना ही नहीं, बाद में उसे मारकर उसका शव एक बोरे में बांधकर घर के पीछे छिपा दिया।

इसलिए बनाई अपहरण करने की योजना
ठाणे के बदलापुर के गोरेगांव में रविवार शाम को यह मामला सामने आया। दरअसल, मुख्य अपराधी सलमान मौलवी, जो पेशे से दर्जी है, घर बनाना चाहता था। इसलिए उसने 23 लाख रुपये के लिए अपने पड़ोस में रहने वाले नौ साल के इबाद का अपहरण करने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक उसने बच्चे का अपहरण कर लिया।

परिवार के लोग परेशान
जब इबाद शाम की नमाज के बाद घर नहीं लौटा, तो परिवार के लोग परेशान हो गए और उसकी तलाश शुरू कर दी। बच्चे के अपहरण का तब पता चला जब बच्चे के पिता मुदस्सिर को एक फिरौती की कॉल आई। हालांकि, फोन के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चला।

ऐसे हुआ गिरफ्तार
बच्चे के अपहरण होने के बारे में जब गांववालों को पता लगा तो उन्होंने तलाशी शुरू की। जबकि पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी। हर तरफ तलाशी को देखते हुए अपहरणकर्ता डर गया और सिम कार्ड बदलकर भागने की फिराक में लग गया। सोमवार की दोपहर में पुलिस को पता चला कि फोन सलमान के घर से आया था। सलमान के घर की तलाशी लेने पर इबाद का शव एक बोरे में घर के पीछे छिपा हुआ मिला। पुलिस ने सलमान और उसके भाई सफुआन मौलवी को गिरफ्तार कर लिया।

रामलला ने खेली होली, हाथों में थामी पिचकारी, फगुआ गीत से गूंजा मंदिर परिसर

अयोध्या में भगवान राम ने अपने नए मंदिर में मंगलवार को होली खेली। चैत्रमास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को भगवान राम ने सबसे पहले फूलों से होली खेली। बाद में मंदिर के पुजारियों ने उन पर गुलाल लगाया। आज राम मंदिर में खेली गई होली में सबसे विशेष बात यह रही कि आज बालकराम के हाथों में एक बड़ी सी पिचकारी दी गई थी, जिसके साथ उन्होंने होली खेली। अवध क्षेत्र में होली के अवसर पर गाए जाने वाले फगुआ गीतों को सुनकर भगवान राम का चेहरा खिल गया। मंदिर का यह दृश्य देखकर भक्त भावविभोर हो उठे।

होली के अवसर पर पिछले दो दिन से राम मंदिर में लगातार विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। ये कार्यक्रम आठों चैती (होली खेलने के लिए सनातन धर्म में एक सप्ताह का विशेष समय) तक चलते रहेंगे। इसी क्रम में भगवान ने सोमवार को भी होली खेली थी। आज मंगलवार को मंदिर में होली गीत गाकर भक्तों ने रामलला की भक्ति का आनंद लिया।

मंदिर प्रशासन से जुड़े विहिप नेता शरद शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि होली के अवसर पर राम मंदिर में लगातार अलग-अलग कार्यक्रम चल रहे हैं। रामलला के दर्शन के लिए आ रहे भक्तों को राम के दर्शनों के साथ-साथ अवध के लोकगीतों और फगुआ गीतों का भी आनंद मिल रहा है। इससे लोगों में हर्ष और उत्साह का माहौल है।

‘जमानत की शर्त में राजनीतिक गतिविधि पर रोक शामिल नहीं’; सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों और जमानत की शर्तों पर बड़ा आदेश दिया है। जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि निचली अदालतों में जमानत देने की शर्तों में ‘राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होने’ को नहीं गिना जा सकता। अदालत ने साफ किया कि किसी शख्स पर ऐसी रोक लगाए जाने से उसके मौलिक अधिकारों का हनन होता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उड़ीसा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पारित किया। ओडिशा के बहरामपुर नगर निगम के पूर्व मेयर सिबा शंकर दास ने उड़ीसा हाईकोर्ट के 18 जनवरी को पारित आदेश को चुनौती दी थी।

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में क्या कहा?
हाईकोर्ट ने जमानत की शर्त को वापस लेने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने साफ किया था कि सिबा शंकर दास सार्वजनिक रूप से कोई अप्रिय स्थिति पैदा नहीं करेंगे। हाईकोर्ट ने कहा था कि दास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भी शामिल नहीं होंगे। दास ने 11 अगस्त, 2022 को पारित आदेश में लगाई गई जमानत की शर्तों में सुधार की अपील करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर 18 जनवरी को पारित आदेश में हाईकोर्ट ने उनकी अपील अस्वीकार कर दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों पर क्या कहा?
अगस्त, 2022 में जमानत पर रिहाई का आदेश देते समय उड़ीसा हाईकोर्ट ने दास पर शर्त लगाई थी। इस आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा, ‘ऐसी शर्त लगाने से अपीलकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। जमानत देते हुए ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई जा सकती।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्तों की सीमा तक हाईकोर्ट के आदेश को खारिज किया जाता है।

ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी के बाद घिरे भाजपा सांसद दिलीप घोष, TMC ने चुनाव आयोग से की शिकायत

भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद दिलीप घोष के एक वीडियो क्लिप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की का मजाक उड़ाते हुए सुनने के बाद मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया है। जिसके बाद से ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्टी खासा आक्रामक दिखाई दे रही है। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास भाजपा सांसद दिलीप घोष के बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

इस तरह की सोच भाजपा के डीएनए में- टीएमसी
दिलीप घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी ने कहा कि भाजपा सांसद की टिप्पणी भाजपा के डीएनए को दिखाता है। दिलीप घोष की आलोचना करते हुए टीएमसी ने वीडियो क्लिप साझा किया। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, जो वर्तमान में बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, ने टीएमसी के नारे ‘बांग्ला निजेर मेये के चाय (बंगाल अपनी बेटी चाहता है)’ का मजाक उड़ाया था।

दिलीप घोष के बयान पर टीएमसी आक्रामक
दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जब ममता बनर्जी गोवा जाती है, तो कहती है कि वह गोवा की बेटी है। त्रिपुरा में वह करती है कि वह त्रिपुरा की बेटी है। पहले उन्हें स्पष्ट करने दीजिए। मेदिनीपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद घोष टीएमसी के 2021 चुनाव नारे ‘बांग्ला निजेर मेये केई चाय’ का जिक्र कर रहे थे। भाजपा नेता की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग का टीएमसी ने दरवाजा खटखटाया है। पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने दिलीप घोष से माफी की मांग की और कहा कि टिप्पणियां ‘भाजपा के डीएनए’ में मौजूद है। उन्होंने कहा कि दिलीप घोष को तुरंत माफी मांगनी चाहिए।