Sunday , November 24 2024

देश

भाजपा के लिए चुनौती बनीं हारी हुईं पांच सीटें; इन सीटों के सियासी चक्रव्यूह को भेदने में नाकाम रही पार्टी

पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की पांच सीटों आजमगढ़, लालगंज, घोसी, गाजीपुर और जौनपुर में भाजपा की सियासी व्यूह रचना नाकाम साबित हुई। लिहाजा पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। पूर्वांचल के कद्दावर भूमिहार नेता मनोज सिन्हा तक को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में अबकी बार पूर्वांचल में हारी हुई पांच सीटों पर भाजपा के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें होंगी। आजमगढ़ लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ढाई लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीता था।

यह दीगर बात रही कि 2022 में अखिलेश यादव ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को जीत नसीब हुई। इससे पहले वर्ष 1989 से 2014 के बीच हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक बार 2009 में रमाकांत यादव ने इस सीट से जीत दिलाई थी।

लालगंज (सु.) लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी की संगीता आजाद जीती थीं। इस सीट पर वर्ष 1989 से 2014 के बीच हुए आम चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक बार 2014 में नीलम सोनकर जीत दिलाई थीं।
मऊ जिले की घोसी लोकसभा से वर्ष 2019 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के अतुल राय ने फरार रहकर जीता था। घोसी सीट पर वर्ष 1989 से 2014 के बीच हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक बार 2014 में हरिनारायण राजभर ने जीत दिलाई थी।

गाजीपुर लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी के अफजाल अंसारी जीते थे। इससे पहले वर्ष 1989 से वर्ष 2014 के बीच गाजीपुर लोकसभा सीट से भाजपा के मनोज सिन्हा ने तीन बार जीत दर्ज की। जौनपुर लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने जीता था। इससे पहले वर्ष 1989 से 2014 के बीच भाजपा यहां से चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है।

चंदौली में घटा जीत का मार्जिन
चंदौली लोकसभा सीट से वर्ष 2019 का आम चुनाव भाजपा के डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय महज 13,959 मत से जीते थे। वहीं, इससे पहले इसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2014 का आम चुनाव डॉ. पांडेय ने डेढ़ लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीता था। ऐसे में इस बार चंदौली का लोकसभा चुनाव दिलचस्प होगा।

सैन्य अभ्यास में शामिल होकर यूएस नेवी के जवान खुश, कहा- भारतीय नौसेना से बहुत कुछ सीखा

भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच पूर्वी समुद्र तट पर सोमवार 18 मार्च से संयुक्त युद्धाभ्यास ‘टाइगर ट्रायम्फ-2024’ जारी है। इस मौके पर यूएसएस समरसेट के भूतल युद्ध अधिकारी ब्रंजिक ने भारतीय नौसेना कर्मियों के साथ विशाखापत्तनम में समय बिताया। अधिकारी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय नौसेना से बहुत कुछ सीखा है।

बता दें कि इस युद्धाअभ्यास का उद्घाटन समारोह 19 मार्च को आईएनएस जलाश्व पर हुआ। समरसेट तीन सैन एंटोनियो श्रेणी के उभयचर परिवहन डॉक जहाजों में से एक है, जिसका नाम 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के दौरान खोए गए लोगों के सम्मान में रखा गया है।

नौसेना के साथ बिताया गया समय रहेगा यादगार: ब्रंजिक
समरसेट पर भूतल युद्ध अधिकारी ब्रंजिक ने कहा, ‘हमें विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना कर्मियों के साथ बिताया गया समय बहुत पसंद आया। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा और हमारे पास उनके साथ गेम खेलने के दौरान कुछ बेहतरीन यादें भी हैं।’

‘टाइगर ट्रायम्फ 2024’, भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय, त्रि-सेवा अभ्यास है। इसका उद्घाटन समारोह 19 मार्च को आईएनएस जलाश्व पर हुआ। अभ्यास का हार्बर चरण 18-25 मार्च तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था। इसमें प्री-सेल चर्चा, पेशेवर विषयों पर विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान और विभिन्न कार्यों की योजना और निष्पादन प्रक्रियाओं पर विचार-विमर्श शामिल था।

क्या है यूएसएस नेवी समरसेट
ट्रायम्फ 2024 के हिस्से के रूप में, यूएसएस नेवी समरसेट जहाज विशाखापत्तनम आया, जो एक सैन एंटोनियो-क्लास उभयचर परिवहन डॉक जहाज है। इसके प्रत्येक डेक में फ्लाइट 93 के स्मृति चिन्ह हैं, जिसमें मेमोरियल रूम की ओर जाने वाला एक रास्ता भी शामिल है, जिस पर यात्रियों के नाम अंकित हैं। इससे पहले शनिवार को, यूएसएस समरसेट के चालक दल ने कहा कि वे विशाखापत्तनम की अपनी यात्रा और टाइगर ट्रायम्फ के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास के शानदार अनुभव को हमेशा याद रखेंगे।

ओवैसी के खिलाफ BJP उम्मीदवार लता की तीखी बयानबाजी, कहा- हैदराबाद के लिए कुछ नहीं किया

तेलंगाना की चर्चित हैदराबाद सीट पर भाजपा ने इस बार कोम्पेला माधवी लता को उतारा है। फिलहाल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस सीट पर सांसद हैं। हैदराबाद सीट पर सन् 1884 से ही ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है। इसे ओवैसी का गढ़ माना जाता है। चुनावी मैदान में उतरने के बाद से माधवी लता लगातार ओवैसी पर निशाना साध रही हैं। उन्होंने एक बार फिर दावा किया की ओवैसी ने इस निर्वाचन क्षेत्र को केवल पीड़ा, भय और अन्याय दिया है। साथ ही यह भी दोहराया कि वह उनकी भव्य छवि से परेशान नहीं हैं।

भाजपा की 49 वर्षीय युवा उम्मीदवार लता भरतनाट्यम डांसर और उद्यमी हैं। हैदराबाद में वह सामाजिक कामों के लिए भी जानी जाती हैं। अब वह 13 मई को होने वाले आम चुनावों में ओवैसी से उनके गढ़ में मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। 2004 से यह सीट असदुद्दीन ओवैसी के पास ही है।

क्षेत्र में विकास की कमी के लिए एआईएमआईएम प्रमुख की आलोचना
माधवी लता ने निर्वाचन क्षेत्र में विकास की कथित कमी के लिए एआईएमआईएम प्रमुख की आलोचना की। साथ ही उन्होंने साफ किया कि वह ओवैसी की विशाल छवि से परेशान नहीं हैं।

ओवैसी को कैसे टक्कर देंगी?
जब लता से पूछा गया कि वह राजनीति में नई हैं और ओवैसी को कैसे टक्कर देंगी, इस पर उन्होंने पलटवार करते हुए पूछा कि ओवैसी की किस तरह की छवि है। उन्होंने कहा, ‘आप इनकी विशाल छवि पेश करते है, लेकिन यह मायने रखता है कि किस तरह की छवि है। यदि आपके पास विशाल छवि है, एक नकारात्मक छवि है, तो इसे खत्म करने के लिए एक कंकड़ से अधिक की आवश्यकता नहीं है। उदाहरण के लिए, यदि आपने ताश के पत्तों से एक घर बनाते हैं, तो इसे गिराने के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता है।’

हैदराबाद में ओवैसी ने कुछ नहीं किया
भाजपा उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि पीड़ा, पिछड़ापन, अन्याय, डर और असुरक्षा के अलावा हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र में ओवैसी ने कुछ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जरूरी यह है कि मतदाताओं को निर्वाचन क्षेत्र की सच्चाई से अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ओवैसी अच्छी तरह जानते हैं कि मैं उनके सामने कैसे खड़ी होऊंगी।’

कांग्रेस के लोग आज उनके मित्र
पिछले चुनावों में जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रचार के लिए पुराने शहर में जाने की कोशिश की तो उन्होंने उन्हें रोक दिया। आज वही लोग (कांग्रेस) उनके मित्र हैं। भाजपा प्रत्याशी ने जोर देकर कहा कि वह किसी हथकंडे से नहीं डरेंगी। उन्होंने मतदाताओं से सड़क, फ्लाईओवर, मेट्रो रेल, स्वच्छता, आवासीय इलाकों, स्कूलों, स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं सहित विकास का वादा किया।

संजय राउत का BJP पर हमला, कहा- राहुल गांधी के ‘शक्ति’ वाले बयान को लेकर झूठी कहानी फैला रहे

उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने एक बार फिर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ झूठी कहानियां फैला रही है। इतना ही नहीं, गांधी की शक्ति वाली टिप्पणी को लेकर लगातार उनपर निशाना साध रही है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकटोक’ में राउत ने कहा कि मुंबई में अपनी रैली में गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महज मुखौटा हैं और विपक्ष को इसके पीछे की ‘शक्ति’ से लड़ना होगा।

गांधी का मतलब धन शक्ति से था
राज्यसभा सांसद ने कहा कि गांधी का मतलब धन शक्ति से था, जिसके खिलाफ विपक्ष को लड़ना होगा। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत इसे हिंदुत्व और महिला शक्ति पर हमला बता दिया। खुद को भगवान विष्णु का अवतार मानने वाले लोग गांधी के ‘शक्ति’ वाले बयान से हैरान थे और इसलिए उनके खिलाफ झूठी कहानी फैलाने लगे।

झूठे प्रचार तंत्र के पीछे भी एक शक्ति
उन्होंने दावा किया कि इस झूठे प्रचार तंत्र के पीछे भी एक शक्ति है। साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा मानसिक बीमारी की मरीज बन गई है। राउत ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जिस अस्पताल की आय मरीजों से होती है, उसे चुनावी बॉन्ड क्यों खरीदना चाहिए।

यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और भाजपा के लिंक की जांच हो
राउत ने कहा, ‘यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने अक्तूबर 2021 से अक्तूबर 2023 तक 162 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। कोरोना महामारी के दौरान कौन सी पार्टी अस्पताल से बॉन्ड स्वीकार कर सकती है? जंबो कोविड-19 केंद्र और खिचड़ी मामलों की जांच करने वाली एजेंसियों को इस अस्पताल और भाजपा के लिंक की जांच करनी चाहिए।’

‘बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों को छोड़नी होंगी ये कुरीतियां’, असम के मुख्यमंत्री ने ऐसा क्यों कहा? जानें

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में रह रहे बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों को लेकर फिर से बयान दिया है। उनका कहना है कि बांग्ला बोलने वाले मुस्लिमों को बाल-विवाह और बहुविवाह जैसी कुरीतियों को छोड़ना होगा, तभी वे असम के मूल निवासी ‘खिलोंजिया’ कहलाए जाएंगे। इससे पहले भी मुख्यमंत्री सरमा ने बांग्ला-भाषी मुस्लिमों को लेकर बयान दिया था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि असम में सामाजिक कुरीतियों के लिए बांग्ला-भाषी मुस्लिम समुदाय के लोग जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा था कि इस समुदाय में ज्यादातर लोग बांग्लादेश से आए हैं।

‘कुरीतियां छोड़कर महिलाओं को शिक्षित बनाएं’
असम में बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों को मियां कहा जाता है। सीएम सरमा का कहना है कि मिंया यहां के मूल निवासी हैं या नहीं, यह अलग मुद्दा है। हम यह कह रहे हैं कि अगर बंगाली बोलने वाले मुस्लिम मूल निवासी बनना चाहते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है लेकिन उन्हें कुरीतियों को छोड़कर महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करना होगा। तब ही वे मूल निवासी कहलाए जाएंगे। इसलिए इन लोगों को बाल विवाह और बहुविवाह को छोड़ना होगा।

‘असम के रीति रिवाज मानने होंगे
इसके बाद हेमंत बिस्वा सरमा ने असम की संस्कृति की बात की। उन्होंने कहा कि असम में लड़कियों की तुलना देवी से की जाती है और हमारी संस्कृति में उनकी दो तीन बार शादी नहीं होती। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दो तीन पत्नियां रखना भी असमिया संस्कृति नहीं है। इसलिए अगर बांग्ला भाषी मुस्लिम यहां के मूल निवासी बनना चाहते हैं तो दो तीन पत्नियां नहीं रख सकते। उन्होंने आगे कहा कि अगर मियां लोग असम के रीति रिवाजों का पालन करेंगे, तब ही उन्हें मूल निवासी माना जाएगा।

लोकसभा चुनाव से पहले BJP-TMC में अंदरूनी कलह, कुछ नेता टिकट न मिलने से तो कोई पसंद की सीट को लेकर नाराज

लोकसभा चुनाव होने में अब एक महीना का समय भी नहीं रहा है। ऐसे में सीटों के बंटवारे पर राजनीति तेजी से शुरू हो गई है।टिकट बंटवारे को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों में ही असंतोष है। दोनों खेमों के कई नेता चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर नाखुशी जता चुके हैं।

चुनाव लड़ने के इच्छुक टीएमसी के कई नेताओं ने उनकी पसंदीदा सीट से टिकट नहीं दिए जाने पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। वहीं, भाजपा में भी कुछ प्रभावशाली नेताओं में इसी तरह का असंतोष देखा गया है।

ममता बनर्जी का अपने छोटे भाई से टूटा रिश्ता
राज्यसभा सदस्य मौसम बेनजीर नूर और टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन सहित पार्टी के कम से कम पांच वरिष्ठ नेताओं ने टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई। दरअसल, नूर और सेन क्रमशः मालदा उत्तर और दमदम सीट से टिकट मांग रहे थे। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के छोटे भाई बाबुन बनर्जी ने भी हावड़ा सीट से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई थी, जहां टीएमसी ने मौजूदा सांसद प्रसून बनर्जी को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने भाई के साथ रिश्ते तोड़ लिए हैं।

कर्नाटक सरकार का आरोप- सूखे के बीच केंद्र से नहीं मिल रही धनराशि, खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि पानी की कमी से जूझ रहे राज्य को केंद्र सरकार से धन नहीं मिल रहा है। केंद्र से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) जारी करवाने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।

सीएम सिद्धारमैया ने कहा, ‘हमने राज्य को सूखा राहत निधि के वितरण में देरी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ ये याचिका दायर की है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सूखे की स्थिति पर मंत्रिस्तरीय टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के पांच महीने बाद भी केंद्र ने धनराशि जारी नहीं की है।

लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा
उन्होंने कहा, ‘राज्य गंभीर सूखे से जूझ रहा है। इससे लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। राज्य के 236 तालुकों में से 223 को सूखा घोषित किया जा चुका है। इनमें से 196 को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित बताया गया है। यह पिछले 30-40 वर्षों में सबसे गंभीर स्थिति है। 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि फसलें बर्बाद हो गईं। हमने केंद्र को धन जारी करने के लिए तीन बार ज्ञापन भेजा, लेकिन अब तक एक पैसा भी नहीं मिला।’

कर्नाटक में जल संकट को लेकर पूर्व PM देवगौड़ा ने तमिलनाडु सीएम को घेरा, घोषणापत्र पर किया बड़ा वादा

बंगलूरू जो कभी गार्डन सिटी के नाम से जाना जाता था, आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। गर्मी के आने से पहले ही शहर में जल संकट गहरा गया है। यह न केवल बंगलूरू बल्कि पूरे देश के लिए एक चिंता का विषय है। यहां के कुछ इलाकों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि स्कूल ही बंद कर दिए गए हैं। कर्नाटक राज्य की ऐसी हालत पर पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने कहा कि बंगलूरू समेत पूरे राज्य में पानी का संकट है। पिछले पांच महीनों में बंगलूरू में कई सारे लोग अपने घरों को ताला लगाकर अपने गृहनगर चले गए हैं। वहीं, उन्होंने तमिलनाडु के सीएम पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने गंभीर फैसला लिया है। उन्होंने अपने चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख किया है कि राज्य कर्नाटक में मेकेदातु जलाशय का निर्माण नहीं करने देगा।’देवगौड़ा ने कहा, ‘जबकि हम (जेडीएस) अपने घोषणापत्र में मेकेदातु जलाशय परियोजना का उल्लेख करेंगे और एक बार जीतने के बाद इस पर अमल करेंगे। मैंने भाजपा से इस पर विचार करने का अनुरोध किया। मैंने पीएम को पत्र लिखा है।’ वहीं, कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ‘मांड्या लोकसभा सीट पर भाजपा-जेडीएस गठबंधन में जेडीएस लड़ेगी और मैं अगले दो दिनों में फैसला करूंगा कि आगामी चुनाव लड़ना है या नहीं।’

पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी को मांड्या से चुनाव लड़ना चाहिए: निखिल कुमारस्वामी
जेडीएस यूथ विंग के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने कहा, ‘कल तीन लोकसभा सीटों की घोषणा की गई है। हमें उम्मीद के मुताबिक हासन, कोलार और मांड्या टीम मिली है। आज जेडीएस मांड्या के बहुत सारे कार्यकर्ता जेपी नगर के घर में आए। मेरे पिता एचडी कुमारस्वामी चेन्नई अपोलो अस्पताल से अभी आए हैं। उनकी हार्ट सर्जरी हुई है। इसलिए, वह आराम कर रहे हैं।

पीएम मोदी के खिलाफ द्रमुक मंत्री के बयान से गरमाई राजनीति, भाजपा बोली ‘EC-पुलिस से करेंगे शिकायत’

तमिलनाडु में द्रमुक मंत्री अनिता राधाकृष्णन द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई टिप्पणी के बाद राजनीति गरमा गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई का कहना के अनिता राधाकृष्णन के खिलाफ चुनाव आयोग और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से सख्त और तत्काल कार्रवाई की मांग की जाएगी।

बसपा ने जारी की 16 उम्मीदवारों की लिस्ट, सात मुस्लिम प्रत्याशियों को दिया टिकट, देखें कौन कहां से लड़ेगा

बहुजन समाजवादी पार्टी ने रविवार को 16 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। इस लिस्ट में बसपा ने सात मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इसमें सहारनपुर सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन के इमरान मसूद के सामने माजिद अली को उतारा गया है। कैराना लोकसभा सीट इकरा हसन के सामने श्रीपाल सिंह होंगे।

मुजफ्फरनगर सीट से दारा सिंह प्रजापति, बिजनौर से विजेन्द्र सिंह मैदान में होंगे। नगीना (SC) से सुरेन्द्र पाल सिंह को बसपा से टिकट मिला है। मुरादाबाद से मोहम्मद इरफान सैफी को प्रत्याशी बनाया है। रामपुर सीट से जीशान खान चुनाव लड़ेंगे। सम्भल लोकसभा सीट से शौलत अली को उतारा है। यह शफीकुर्रहमान बर्क के के उत्तराधिकारी जियाउर्रहमान को टक्कर देंगे। अमरोहा लोकसभा सीट से बसपा ने मुजाहिद हुसैन को प्रत्याशी बनाया है। इनका मुकाबला भाजपा के कंवर सिंह तवर और सपा-कांग्रेस गठबंधन के दानिश अली से होगा।