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नए कानून के तहत न हो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर की गई मांग

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग में रिक्त पड़े चुनाव आयुक्त दो पदों को भरने के लिए जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बैठक होने वाली है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें मांग की गई है कि केंद्र सरकार नए कानून चुनाव आयुक्त (सेवा की शर्तें और व्यवसाय का संचालन) अधिनियम, 2023 के तहत चुनाव आयुक्त की नियुक्ति न होने दे।

कांग्रेस नेता जया ठाकुर की तरफ से यह याचिका अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद डाली गई है। चुनाव आयोग में फिलहाल आयुक्तों के तीन पदों में से दो पद खाली हैं। सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही निर्वाचन आयोग में इकलौती सदस्य रह गए हैं। इससे पहले अनूप पांडे फरवरी में चुनाव आयुक्त पद से रिटायर हुए।

याचिका में क्या है मांग?
जया ठाकुर ने अपने आवेदन में कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका लंबित है। इस पर 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नोटिस जारी किया गया था। इसी दौरान चुनाव आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि चूंकि लोकसभा चुनावों का एलान जल्द हो सकता है। इसलिए चुनाव आयुक्तों की भर्ती भी तुरंत करने की जरूरत है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट को नियुक्ति को लेकर साफ दिशा-निर्देश जारी करने की जरूरत है।

क्या है नए कानून में प्रावधान?
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) कानून को लेकर शुक्रवार को एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति को सिफारिशें करने के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में एक चयन समिति का प्रावधान है।

यूपी को 3666 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगाम, सीएम योगी बोले- लखनऊ सहित पूरे प्रदेश की बदलेगी तस्वीर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास लखनऊ सहित पूरे प्रदेश की तस्वीर बदल देगा। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ देश के रक्षा तंत्र को मजबूत करेगा बल्कि युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से 3,666 करोड़ की 206 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित यूपी कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद थे। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि रिंग रोड बनने से लखनऊ में जाम की समस्या खत्म होगी।

कानपुर से आने वालों को अयोध्या जाने के लिए लखनऊ के अंदर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी तरह पूरे प्रदेश के लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे चौड़ी सड़क भाजपा सरकार ने बनाई। उन्होंने कहा कि लखनऊ में विकास कार्य की झड़ी लगी है। रक्षामंत्री ने पहले शहीद पथ बनवाया और अब रिंग रोड बनवा दिया है।

सपा ने विधान परिषद प्रत्याशियों पर नहीं खोले पत्ते, इन तीन बड़े नेताओं के नाम की चर्चा; एलान होना बाकी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने रविवार को भी विधान परिषद प्रत्याशियों को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले। जबकि, 11मार्च को नामांकन की अंतिम तिथि है। सपा तीन प्रत्याशियों को जिताने की स्थिति में है। सपा सूत्रों के मुताबिक, पूर्व मंत्री बलराम यादव, पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली और पूर्व मंत्री किरन पाल कश्यप के नाम फाइनल किए गए हैं।

जबकि, रविवार को नामांकन पत्र चार-पांच नेताओं के तैयार करवाए गए हैं। इनमें मैनपुरी के सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य का नाम भी शामिल है। जब अखिलेश यादव से सपा के विधान परिषद प्रत्याशियों के बारे में पूछा तो उन्होंने यह कहते हुए सवाल को टाल दिया कि सोमवार को पता चल जाएगा।

पूर्व विधायक आलोक शाक्य लखनऊ बुलाए गए
सपा के जिलाध्यक्ष और तीन बार के पूर्व विधायक आलोक शाक्य को पार्टी हाईकमान ने लखनऊ बुला लिया है। उनके एमएलसी बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि पार्टी नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं होने के चलते कार्यकर्ता भी असमंजस में रहे। अब सोमवार को नामांकन के दौरान ही स्थिति साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

भाजपा केशव प्रसाद मौर्य के सहारे शाक्य मतदाताओं को लुभाने में अब तक कामयाब रही है। इसके बाद विधानसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य भी शाक्य का नेतृत्व सपा में करते नजर आए। लेकिन अब वह पार्टी से विदा ले चुके हैं। ऐसे में शाक्य मतदाताओं को लुभाने के लिए सपा को भी कहीं न कहीं शाक्य कार्ड की जरूरत है।

विधान परिषद चुनाव : नामांकन का आज आखिरी दिन
विधान परिषद चुनाव में सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन है। भाजपा, अपना दल (एस), रालोद की ओर से कुल मिलाकर नौ प्रत्याशियों के नाम तय हो गए हैं, एक का इंतजार है। सपा की ओर से तीन प्रत्याशी उतारे जाने की संभावना है। ऐसे में फिलहाल विधान परिषद चुनाव निर्विरोध होने की उम्मीद है।

एनडीए के 10 और सपा के तीन प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन, अपना दल को एक सीट

विधान परिषद चुनाव में सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन है। भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नामांकन दाखिल करने पहुंचे हैं। यूपी में विधान परिषद की 13 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नामांकन दाखिल करने पहुंचे। एनडीए के सहयोगी दल सुभासपा ने प्रदेश अध्यक्ष पूर्वांचल विच्छेलाल राजभर को उम्मीदवार बनाया है।

सपा की ओर से तीन प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया। सपा ने बलराम यादव, गुड्डू जमाली और किरण पाल कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में विधान परिषद चुनाव होना तय हो गया है।भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेंद्र सिंह, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, रामतीरथ सिंघल, संतोष सिंह, धर्मेंद्र सिंह और मोहित बेनीवाल ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया।

अपना दल एस से आशीष पटेल, रालोद से योगेश चौधरी और सुभासपा से विच्छेलाल राजभर ने नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे।

‘पूर्व की सरकारों में महिलाओं को उनके नसीब पर छोड़ दिया गया’, पीएम मोदी ने दी 10 हजार करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सशक्त नारी विकसित भारत कार्यक्रम में शिरकत की। यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित हो रहा है। पीएम मोदी ने सशक्त नारी विकसित भारत कार्यक्रम के तहत नमो दीदियों को 1000 ड्रोन्स आवंटित किए।

देशभर के 10 विभिन्न स्थानों से नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम में कृषि ड्रोन के संचालन के बारे में भी सिखाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उन ‘लखपति दीदियों’ को सम्मानित भी किया, जिन्होंने दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की सहायता से सफलता प्राप्त की है और वे अन्य स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों के उत्थान के लिए मददगार बन रही हैं तथा उन्हें प्रेरित कर रही हैं।

‘पूर्व की सरकारों में महिलाओं को उनके नसीब पर छोड़ दिया गया’
सशक्त नारी-विकसित भारत कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को एक हजार ड्रोन आवंटित किए गए हैं। देश में 1 करोड़ से ज्यादा बहनें पिछले दिनों अलग अलग योजनाओं और प्रयासों के कारण लखपति दीदी बन चुकी हैं। ये आंकड़ा छोटा नहीं है।

मैंने अब इस आंकड़े को तीन करोड़ के पार ले जाने का फैसला किया है। इसी उद्देश्य से आज 10 हजार करोड़ रुपये की राशि इन दीदियों के खाते में ट्रांसफर की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश, समाज नारीशक्ति की गरिमा बढ़ाकर और उन्हें नए अवसर देकर ही आगे बढ़ सकता है,लेकिन पहले की सरकारों की प्राथमिकता में महिलाएं नहीं रहीं और उन्हें उनके नसीब पर छोड़ दिया गया।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारी माता-बहनों को थोड़ा अवसर और सहारा मिल जाए तो फिर उन्हें सहारे की जरूरत नहीं रहती, वे खुद लोगों का सहारा बन जाती हैं। मोदी की संवेदनाएं और मोदी की योजनाएं जमीन से जुड़े जीवन के अनुभवों से निकली हैं। जब मैंने लाल किले से आपके सशक्तिकरण की बात की, दुर्भाग्य से कांग्रेस जैसे राजनीतिक दलों ने मेरा मजाक उड़ाया, मेरा अपमान किया।

मुझे विश्वास है कि नारी शक्ति 21वीं सदी में तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता रखती है। भारत में सबसे ज्यादा कमर्शियल पायलट हैं और अंतरिक्ष, स्पेस और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि तीसरे कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नया अध्याय लिखा जाएगा।’

महिला सशक्तिकरण पर सरकार का फोकस
नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी योजना भारत सरकार की महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली योजनाएं हैं और केंद्र की मोदी सरकार का महिला सशक्तिकरण पर खासा फोकस है। इन योजनाओं के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का उद्देश्य है।

नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत भारत के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे महिलाएं खेती कार्यों में इस्तेमाल के लिए ड्रोन पायलट बन रही हैं। पीएम मोदी आज उन लखपति दीदियों को भी सम्मानित किया, जो दीनदयाल उपाधअयाय अंत्योदय योजना के समर्थन से आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं।

अलग राज्य की मांग को लेकर ENPO का अनिश्चिकालीन बंद; दुकानों पर लटके ताले

कोहिमा: ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) के अनिश्चितकालीन बंद के कारण सोमवार को पूर्वी नागालैंड के छह जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। गौरतलब है कि अलग राज्य की मांग को लेकर ईएनपीओ ने बंद का आह्वान किया।

सड़क पर नहीं दिख रहे वाहन, दुकानें बंद
बंद का आलम ये है कि दुकानें और कई व्यापारिक संस्थान पूरी तरह से बंद रहे, ज्यादातर वाहन सड़कों से नदारद रहे। क्षेत्र में सात नागा जनजातियों के शीर्ष निकाय ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए बंद का आह्वान किया था। हालांकि बिजली विभाग, चिकित्सा, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन सेवाओं के अलावा मीडिया और शादियों को बंद के दायरे से मुक्त रखा गया था।

‘जब नहीं मानी मांगे तब तक नहीं घुसने देंगे नेताओं को’
ईएनपीओ की मांग है कि छह जिलों मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर को मिलाकर एक अलग ‘फ्रंटियर नागा टेरिटरी’ राज्य बनाया जाए। सूत्रों ने बताया कि बंद का आह्वान करने का निर्णय रविवार को तुएनसांग जिले में ईएनपीओ के मुख्यालय में लिया गया। ईएनपीओ ने अपनी मांग का समाधान होने तक आगामी लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल को क्षेत्र में प्रचार करने की अनुमति नहीं देने का संकल्प भी लिया है।

कांग्रेस-सपा गठबंधन से बदले समीकरण, इस लोकसभा सीट से भाजपा को टक्कर देंगे राज बब्बर!

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से फिर से राजबब्बर चुनाव मैदान में आ सकते हैं। कांग्रेस-सपा गठबंधन से बदले चुनावी समीकरण देख राजबब्बर ने यहां से चुनाव लड़ने का मना बनाया है। 13 मार्च को वे आगरा आ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और फिल्मी सितारे राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से फिर चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान की बात मानते हुए उन्होंने मन बना लिया है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि इसी के चलते वे पहली बार गुजरात में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल हुए हैं। क्षेत्र में चुनावी माहौल परखने के लिए वह 13 मार्च को आगरा में आ रहे हैं।

सपा-कांग्रेस के गठबंधन में फतेहपुर सीकरी पंजे के खाते में आई है। ऐसे में राजब्बर फतेहपुर सीकरी से फिर दमखम दिखा सकते हैं। वह दो बार यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों बार उनके हिस्से में हार आई। माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान का दबाव और सपा से गठबंधन के कारण बदले समीकरण ने उनको यहां से चुनाव लड़ने के बाद में सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी के चलते व राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए हैं। अभी तक राज बब्बर इस यात्रा से दूरी बनाए हुए थे। यहां तक कि बीती 25 फरवरी को आगरा आई यात्रा में भी वह शामिल नहीं हुए थे। कांग्रेस हाईकमान ने उनसे लगातार संपर्क कर चुनाव लड़ने के लिए उन्हें राजी कर लिया है।

समर्थकों से की रायशुमारी
सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अपने समर्थकों से भी रायशुमारी की है। उनकी तरफ से माहौल सकारात्मक बताए जाने के बाद चुनाव में उतरने का मन बनाया है। सपा के गठबंधन से हालात भी बदले हुए हैं। ऐसे में उन्होंने हार-जीत का गणित बना लिया है।

जनता का आदेश पूरा करना मेरा धर्म
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि वह आगरा क्षेत्र के बेटे हैं। उनके लिए आगरा-फतेहपुर सीकरी की जनता ही पार्टी है। उनका जो आदेश होगा, वह मायने रखता है और उसे पूरा करना उनका धर्म है। उन्होंने कहा कि वह अभी गुजरात में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में हैं। 13 मार्च को आगरा आकर समर्थकों से रूबरू होंगे।

दूसरे नंबर पर रहे दोनों बार
वर्ष 2009 में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट का गठन हुआ। राजबब्बर को बीएसपी की सीमा उपाध्याय से 9936 वोट से हार मिली, वर्ष 2019 में फिर से कांग्रेस के निशान पर मैदान में उतरे। 172082 वोट मिले, लेकिन बीजेपी के राजकुमार चाहर से 495065 वोटो से बड़ी हार हुई। राजबब्बर दोनों चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे।

‘झुग्गियों में दे रहे मुफ्त पानी, सात हजार बोरबेल बंद’, बंगलूरू के जल संकट पर बोले डीके शिवकुमार

बंगलूरू: कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू जल संकट के दौर से गुजर रही है। देश की आईटी राजधानी कहे जाने वाले शहर में लोग पानी की बूंद-बूंद को भी तरस रहे हैं। हालात यहां तक आ गए हैं कि कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने कई कामों में पेयजल के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। जिसके बाद से ही भाजपा खासा आक्रामक दिखाई दे रही है। वहीं भाजपा के आरोप पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

हमने कई कठोर कदम उठाए हैं- शिवकुमार
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि 16,000 बोरवेल में से 7,000 बोरवेल ने काम करना बंद कर दिया है। हम लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। बीडब्ल्यूएसएसबी, बीबीएमपी और नोडल अधिकारी इस पूरे मामले को देख रहे हैं। एक बोर्ड होगा, यह देखने के लिए कि वैध जल प्रदाता टैंकर और अवैध प्रदाता कौन हैं, जो अधिक शुल्क ले रहे हैं।

‘झुग्गियों में मुफ्त पानी पहुंचा रहे और BJP कर रही राजनीति’
पानी के संकट पर बोलते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि हम झुग्गियों में मुफ्त पानी उपलब्ध करा रहे हैं। भाजपा इसमें राजनीति कर रही है और हमें भाजपा के आरोपों की कोई चिंता नहीं है। भाजपा जानबूझकर राजनीति कर रही है। यह राजनीति है, जो भाजपा खेल रही है। हम तमिलनाडु को कोई पानी नहीं दे रहे हैं और हमने जारी नहीं किया है।

मोदी दूसरी मिट्टी का इंसान है, इन विकास कार्यों को चुनावी चश्मे से न देखें

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चुनाव के समय जनता की आंख में धूल झोंकने के लिए नेता घोषणाएं कर देते थे, बाद में कोई पूछने वाला नहीं होता था। जांच करने पर पता लगता कि 30-35 साल पहले घोषणा हुई थी, पत्थर गाड़ दिए गए थे। बाद में पत्थर भी खो जाते और नेता भी खो जाते थे।

मगर आज देश देख रहा है कि मोदी दूसरी मिट्टी का इंसान है। हमने 2019 में जो शिलान्यास किए, आज उसे धरातल पर उतारा जा चुका है। 2024 में भी कोई मेहरबानी करके इन विकास कार्यों को चुनावी चश्मे से न देखे। ये विकास की मेरी अनंत यात्रा का अभियान है। मैं 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का संकल्प लेकर तेज गति से दौड़ रहा हूं और देश को भी तेज गति से दौड़ा रहा हूं।

यूपी की पहचान रिकॉर्ड निवेश और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से हो रही
पीएम मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन सरकार ने यूपी में लाखों करोड़ के विकास कार्य कराए हैं। इससे न सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर बदला है बल्कि युवाओं के लिए लाखों नए अवसर बने हैं। आज यूपी की पहचान रिकॉर्ड निवेश और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से हो रही है।

यूपी की चर्चा एक्सप्रेस- वे, बेहतर कानून व्यवस्था से हो रही है। अयोध्या में राम मंदिर का सदियों पुराना इंतजार भी समाप्त हो गया है। बनारस, मथुरा, कुशीनगर के विकास से यूपी में पर्यटन तेजी से बढ़ा है, इसका लाभ पूरे प्रदेश को मिल रहा है। यही गारंटी 10 साल पहले दी थी, जो आज पूरी हो रही है।

तुष्टिकरण का जहर भी कमजोर पड़ रहा है
पीएम ने कहा कि यूपी जैसे-जैसे विकास की बुलंदियों को छू रहा है, तुष्टिकरण का जहर भी कमजोर पड़ रहा है। पिछले चुनाव में आजमगढ़ के लोगों ने दिखा दिया कि परिवारवादी लोग जिसे अपना गढ़ समझते थे उसे दिनेश जैसे एक नौजवान ने ढहा दिया। इसलिए परिवार वादी लोग इतने बौखलाए हुए हैं। आए दिन मोदी को गाली दे रहे हैं। कह रहे हैं कि मोदी का अपना परिवार नहीं है। वो ये भूल जाते हैं कि मोदी का परिवार देश की 140 करोड़ जनता है। आज हिंदुस्तान के हर कोने से आवाज आ रही है, हर कोई कह रहा है कि ‘मैं हूं मोदी का परिवार’।

जंगलों में आग से निपटने के लिए NDRF की विशेष टीम तैनात, विदेश से प्रशिक्षण कराने की मांग

नई दिल्ली : जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने 150 कर्मियों की पहली टुकड़ी को तैनात किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस क्षेत्र में विदेश से प्रशिक्षण कराने की अनुमति मांगी है। 2022 में संसदीय पैनल ने जंगल की आग पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने बताया था कि जंगल की आग आधिकारिक तौर पर विशेष राष्ट्रीय बल द्वारा निपटने वाली आपदाओं का हिस्सा नहीं है।

जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैयार
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा, “जंगल की आग से निपटने के लिए टीम तैयार है। हम उन्हें सुसज्जित कर रहे हैं। 50-50 लोगों की तीन टीमें अब गुवाहटी में स्थित हमारी पहली बटालियन, विजयवाड़ा में स्थित 10वीं बटालियन और उत्तराखंड में बटालियन नंबर 15 के साथ तैनात हैं। चौथी टीम को प्रशिक्षित किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हम गृह मंत्रालय से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें विदेश से भी प्रशिक्षित किया जाए। उनसे हम जंगल में लगी आग से निपटने के उपाय सीख सकते हैं।”

भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट
संसदीय पैनल ने जंगल की आग को विश्व स्तर पर एक बढ़ता खतरा बताया है। बता दें कि 2021 में नागालैंड की दजुकोउ घाटी के जंगल में लगी भीषण आग के बाद पैनल ने आग से निपटने के लिए टीम को तैनात करने की सिफारिश की थी। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में जंगलों में आग लगना एक नियमित घटना है। यह अक्सर गर्मियों के दौरान देखने को मिलती है। नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच देश में जंगलों में आग लगने की चार लाख घटनाएं दर्ज की गई है।