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बिलकिस बानो केस में बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त की दोषियों की रिहाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए अपने एक बड़े फैसले में गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों को सजा में छूट देने वाले गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। बता दें कि साल 2022 के अगस्त महीने में बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

सजा माफी के लिए गुजरात सरकार सक्षम नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि- कोर्ट का मानना ​​है कि राज्य, जहां किसी अपराधी पर मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, वह दोषियों की माफी याचिका पर निर्णय लेने में सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट का मानना ​​है कि दोषियों की सजा माफी का आदेश पारित करने के लिए गुजरात राज्य सक्षम नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार सक्षम है। बता दें कि दोषियों को सजा मुंबई कोर्ट की ओर से दी गई थी।

अदालत के साथ धोखाधड़ी हुई

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है कि कोर्ट का मानना ​​है कि 13 मई, 2022 का फैसला (जिसने गुजरात सरकार को दोषी को माफ करने पर विचार करने का निर्देश दिया था) अदालत के साथ धोखाधड़ी करके और भौतिक तथ्यों को छिपाकर प्राप्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि दोषियों ने साफ हाथों से अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया था।

उम्र कैद की सजा मिली थी

मुंबई की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को सभी 11 दोषियों को बिलकिस बानो के गैंगरेप और परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को बंबई हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। गौरतलब है कि गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप किया गया था, उस वक्त वह 21 वर्ष की थीं और वह पांच महीने की गर्भवती थीं। परिवार के मारे गए सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी।

‘अगर कांबले के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई…’, NCP के पदाधिकारी और पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने पर सुप्रिया

भाजपा विधायक सुनील कांबले द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार गुट के एक पदाधिकारी और एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारे जाने का मामला बढ़ता जा रहा है। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने चेतावनी दी है कि अगर अगले दो दिनों में कार्रवाई नहीं की गई तो वह पीड़ितों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।

यह है मामला
भाजपा विधायक सुनील कांबले का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे पुणे के ससून अस्पताल में एक कार्यक्रम के दौरान एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मारते दिख रहे। खास बात यह है कि जब यह वाकया हुआ उस वक्त मंच पर डिप्टी सीएम अजित पवार भी मौजूद थे। इस घटना के बाद एनसीपी के अजीत पवार गुट के पदाधिकारी जितेंद्र सातव ने शुक्रवार को सुनील कांबले पर उन्हें थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। सातव ने दावा किया कि कांबले ने कार्यक्रम में उन्हें थप्पड़ मारा था। साथ ही यह भी दावा किया कि कांबले ने एक पुलिसकर्मी पर भी हमला किया। सातव ने बंदगार्डन पुलिस को इस सिलसिले में एक शिकायत दी है।

यह सिर्फ सत्ता है, जो सिर चढ़कर बोल रही
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह सिर्फ सत्ता है, जो उनके सिर पर चढ़कर बोल रही है। यह सबसे अपमानजनक है। मुझे लगता था कि भाजपा लोगों का सम्मान करने वाली पार्टी है। लेकिन जिस तरह से उनके विधायक ने एक गठबंधन के कार्यकर्ता और एक पुलिस कर्मी को थप्पड़ मारा है वो बेहद शर्मिंदगी भरा है। तीनों पार्टियों ने नेता को माफी मांगने तक के लिए नहीं कहा है। यह बहुत दुखी करने वाली बात है। क्या वे सभी इतना समझौता कर चुके हैं कि वे अपने सहयोगियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त करेंगे?

यहां गुंडागर्दी का राज नहीं
उन्होंने कहा, ‘वे अपने सहयोगियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन मैं नहीं करूंगी। मैं देवेंद्र फडणवीस से इस पर कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं। अगर वह अगले दो दिनों में कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मैं उस पुलिस अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता के लिए लड़ूगी, जो इस अपमान के लायक नहीं है। हम यहां एक दूसरे का सम्मान करने के लिए हैं। यहां गुंडागर्दी का राज नहीं है।’

गठबंधन ऐसे ही काम करते हैं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के यह कहने पर कि पार्टी का ध्यान सभी लोकसभा सीटों पर है, सुप्रिया सुले ने कहा कि हर पार्टी हर सीट पर लड़ना चाहती है और फिर बातचीत होगी कि कौन बेहतर करेगा। आखिरकार सर्वे सभी सीटों के लिए होगा और फिर देखेंगे कि किसकी कहां ज्यादा ताकत है। गठबंधन ऐसे ही काम करते हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले नवजोत सिद्धू का बड़ा कदम, पटियाला व अमृतसर में लगाएंगे ‘जनता दरबार’

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बढ़ा कदम चला है। अमृतसर के साथ-साथ सिद्धू दंपती ने पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के गढ़ पटियाला में डेरा जमा दिया है। अब सिद्धू हर हफ्ते अमृतसर और पटियाला में ‘जनता दरबार’ लगाएंगे।

सिद्धू अगले हफ्ते से सप्ताह में एक बार पटियाला और अमृतसर के लोगों से मिलेंगे। सिद्धू ने यह एलान अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर किया। सिद्धू ने लिखा कि वह एक हफ्ते पटियाला में लोगों से मिलेंगे और एक हफ्ते अमृतसर में मिलेंगे। हर हफ्ते वह किस तारीख को और कब लोगों से मिलेंगे, इस संबंध में जानकारी पहले से ही दी जाएगी। सिद्धू के करीबी शैरी रियाड ने बताया कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू इस समय कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ठीक हुई हैं। जल्द ही वह भी नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लोगों से मिलेंगी।

उन्होंने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत पटियाला से बुधवार को होने की संभावना है। पंजाब से कोई भी व्यक्ति अपना दुख-तकलीफ व शिकायत लेकर नवजोत सिंह सिद्धू से मिल सकता है। पटियाला व अमृतसर दोनों ही जगहों पर सिद्धू अपने आवास पर लोगों से मिला करेंगे।

अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद सिद्धू दंपती ने अमृतसर के अलावा पटियाला में भी अपनी सक्रियता बढ़ाई है। सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही हैं। जब उनसे पटियाला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर सहमति जताई।

सबसे लंबा समुद्री पुल तैयार, 12 जनवरी को पीएम करेंगे उद्घाटन

देश की सबसे महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) का प्रधानमंत्री मोदी आध्यात्मिक प्रणेता स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी को उद्घाटन करेंगे। यह देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है। 6 लेन वाले पुल की कुल लंबाई 21.8 किमी है। इसका 16.5 किमी. हिस्सा समुद्र और शेष 5.5 किमी. हिस्सा जमीन पर है।

एमटीएचएल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को पुल का निरीक्षण किया, इसके बाद उद्धाटन की तिथि की घोषणा की। पुल को एमएमआरडीए ने निर्मित किया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक परियोजना से मुंबई के शिवड़ी और रायगढ़ जिले के न्हावा शेवा के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। यह आर्थिक राजधानी का चेहरा बदल देगा।

बंगाल और बिहार में सीट बंटवारे पर गठबंधन में खटपट, कांग्रेस कर रही सम्मानजनक सीटों की मांग

विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खटपट बढ़ती जा रही है। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि उसने कांग्रेस के लिए अपना दिल खुला रखा है, लेकिन वार्ता नाकाम रहने पर वह अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है। वहीं, बिहार में कांग्रेस ने कहा कि सम्मानजनक सीटें न मिलने पर न केवल पार्टी बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जदयू समेत पूरे सत्तारूढ़ महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ेगा।

तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, स्थानीय कांग्रेस नेता सीटों को लेकर क्या सोच रहे हैं, इसका कोई मतलब नहीं है अंतिम निर्णय दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व लेंगे। हमारी नेता ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि कांग्रेस के लिए हमारा दिल खुला है। वहीं, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यदि कांग्रेस मात्र चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो जदयू समेत पूरे महागठबंधन को नुकसान होगा। उनका यह बयान इन अटकलों पर आया है कि राज्य की 40 सीटों में से कांग्रेस को चार सीटें दी जाएंगी। जदयू ने कहा कि मौजूदा समय में हमारे पास 16 सांसद हैं। इन पर दावे या किसी भ्रम का सवाल ही नहीं उठता है।

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस को लेकर मुंबई में निकाली परेड; कर्नाटक में सड़क हादसे में तीन की मौत

सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर मुंबई में परेड आयोजित की गई। इसमें राज्यपाल रमेश बैस ने भाग लिया। उनके अलावा भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं के वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित 500 से अधिक पूर्व सैनिकों ने मरीन ड्राइव पर मार्च किया। परेड का उद्देश्य राष्ट्र की सेवा में दिग्गजों के गौरवशाली योगदान के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करना है।

इस मौके पर नौसेना के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘मैंने इस परेड को आयोजित कराने की पहल की, जिसे मुख्यालय ने मंजूरी दे दी।’ उन्होंने कहा कि यह एक वार्षिक कार्यक्रम होने जा रहा है, जहां वरिष्ठ दिग्गज परेड का नेतृत्व करेंगे। ऐसे कार्यक्रम से युवा देख सकते हैं कि सैनिकों का सम्मान कैसे किया जाता है। यह युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए एक प्रेरणा हो सकती है।

पूर्व अधिकारी ने कहा कि पूर्व सैनिकों की सिर्फ कुछ मांगे हैं, जो वो चाहते हैं। जैसे- पेंशन, चिकित्सा सहायता और सम्मान। कर्नाटक में सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत जिले के तुरुवेकेरे के पास एक तेज रफ्तार कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई।

तिप्तूर के रहने वाले तीनों लोग आदि चुनचनगिरी मठ से लौट रहे थे, जब शनिवार रात यह हादसा हुआ। पुलिस ने बताया कि 21 साल के अनिल कुमार और नरसिम्हा मूर्ति की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 19 साल की काव्या ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के मंत्री की पोस्ट से हुआ विवाद, सोशल मीडिया पर भिड़े यूजर्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप का दौरा किया था। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं और भारत में मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। दरअसल पीएम मोदी ने भी देशवासियों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। यह तुलना इतनी ज्यादा बढ़ी कि मालदीव की सरकार भी परेशान हो गई। अब मालदीव के एक मंत्री की इस मामले को लेकर की गई पोस्ट पर विवाद हो गया है।

मालदीव के मंत्रियों ने साधा निशाना
मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला मोहजुम माजिद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘मालदीव के पर्यटन को निशाना बनाने के लिए मैं भारत के पर्यटन को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन भारत को हमारे बीच पर्यटन से कड़ी टक्कर मिलेगी। हमारा रिजॉर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ही इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर से ज्यादा है।’ इस पोस्ट में पीएम मोदी को भी टैग किया गया है।

मालदीव के एक अन्य नेता जाहिद रमीज ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी द्वारा लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने को लेकर लिखा कि ‘बेशक यह अच्छा कदम है, लेकिन हमसे प्रतिस्पर्धा करना एक भ्रम ही है। वह हमारे जैसी सर्विस कैसे देंगे? साथ ही वहां के बीच साफ कैसे रह सकते हैं? कमरों में हमेशा रहने वाली बदबू भी सबसे बड़ी चुनौती है।’

चंद्रयान-3 के बाद भारत ने रचा एक और इतिहास, मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर पहुंचा आदित्य एल-1

चांद पर उतरने के बाद भारत ने एक और इतिहास रच दिया है। सूर्य मिशन पर निकले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आदित्य एल-1 ने अपनी मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) पर पहुंच कर एक कीर्तिमान हासिल किया है। इसी के साथ आदित्य-एल 1 अंतिम कक्षा में भी स्थापित हो गया। यहां आदित्य दो वर्षों तक सूर्य का अध्ययन करेगा और महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा। भारत के इस पहले सूर्य अध्ययन अभियान को इसरो ने 2 सितंबर को लॉन्च किया था।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट
इसरो की इस सफलता पर पीएम मोदी ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर इसरो की सराहना करते हुए लिखा कि ‘भारत ने एक और मील का पत्थर हासिल किया। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल 1 अपने गंतव्य तक पहुंच गई। सबसे जटिल अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। यह असाधारण उपलब्धि सराहना योग्य है। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वह इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में देश के साथ शामिल हैं।

क्या है एल-1 प्वाइंट
एल-1 प्वाइंट के आसपास के क्षेत्र को हेलो ऑर्बिट के रूप में जाना जाता है, जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बीच मौजूद पांच स्थानों में से एक है, जहां दोनों पिंडों का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के बीच साम्यता है। मोटे तौर पर ये वे स्थान हैं, जहां दोनों पिंडों की गुरुत्व शक्ति एक दूसरे के प्रति संतुलन बनाती है। पृथ्वी और सूर्य के बीच इन पांच स्थानों पर स्थिरता मिलती है, जिससे यहां मौजूद वस्तु सूर्य या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में नहीं फंसती है।

एल-1 बिंदु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का केवल 1 फीसदी है। दोनों पिंडों की कुल दूरी 14.96 करोड़ किलोमीटर है। इसरो के एक वैज्ञानिक के अनुसार हेलो ऑर्बिट सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घूमने के साथ-साथ घूमेगा।

उत्सकुता से देख रही दुनिया
इसरो के इस अभियान को पूरी दुनिया में उत्सुकता से देखा जा रहा है, क्योंकि इसके सात पेलोड सौर घटनाओं का व्यापक अध्ययन करेंगे और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को डाटा मुहैया कराएंगे, जिससे सभी सूर्य के विकिरण, कणों और चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन कर पाएंगे। अंतरिक्ष यान में एक कोरोनोग्राफ है, जो वैज्ञानिकों को सूर्य की सतह के बहुत करीब देखने और नासा व यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सौर और हेलिओस्फेरिक वेधशाला (एसओएचओ) मिशन के डाटा को पूरक डाटा मुहैया कराएगा। क्योंकि, आदित्य एल-1 अपनी स्थिति में स्थित एकमात्र वेधशाला है।

18 सितंबर से शुरू कर दिया काम
शुक्रवार को आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में सफर करते हुए 126 दिन पूरे हो गए। अपनी यात्रा शुरू करने के 16 दिन बाद यानी 18 सितंबर से आदित्य ने वैज्ञानिक डाटा एकत्र करना और सूर्य की इमेजिंग शुरू कर दी थी। वैज्ञानिकों को अब तक एल-1 से सौर ज्वालाओं के हाई-एनर्जी एक्स-रे, फुल सोलर डिस्क इमेज मिल चुके हैं। पीएपीए और एएसपीईएक्स के सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर सहित चार उपकरण फिलहाल सक्रिय हैं और अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। हेलो आर्बिट में पहुंचने के बाद सूईट पेलोड सबसे पहले सक्रिय होगा।

सात पेलोड हैं तैनात
आदित्य पर सात वैज्ञानिक पेलोड तैनात किए गए हैं। इनमें विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफ (वीईएलसी), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (सूइट), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (सोलेक्सस), हाई-एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (हेल1ओएस) शामिल हैं, जो सीधे तौर पर सूर्य को ट्रैक करें। वहीं, तीन इन-सीटू (मौके पर) मापने वाले उपकरण हैं, जिनमें आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स), प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (पीएपीए), और एडवांस थ्री डाइमेंशनल हाई रिजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर (एटीएचआरडीएम) शामिल हैं।

हाईजैक शिप से क्रू को बचाने के बाद अब लुटेरों की तलाश में नौसेना, खोज में ड्रोन से लेकर युद्धपोत तक

भारतीय नौसेना की सूझबूझ और बहादूरी की हर तरफ तारीफ हो रही है। शुक्रवार को उत्तरी अरब सागर में हाईजैक हुए जहाज में फंसे सभी 21 लोगों को बचाने के बाद अब नौसेना लुटेरों की तलाश में जुटी है। इसके लिए वह संदिग्ध जहाजों की जांच कर रही है।

चेतावनी के बाद गायब लुटेरे
गौरतलब है, नौसेना के मार्कोस कमांडो ने बताया था कि उन्हें सूचना मिली थी कि जहाज पर हथियार से लैस पांच से छह लोग सवार हैं, जिनके बारे में कुछ जानकारी नहीं है। इस पर जहाज की तलाश कर आईएनएस चेन्नई ने शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 3:15 बजे अरब सागर में सोमालिया के तट के पास अगवा पोत को घेर लिया था। वहीं, जवानों ने जहाज को चारों ओर से घेर समुद्री लुटेरों को जहाज को छोड़ने की चेतावनी दी। उसके बाद भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो अगवा पोत पर उतरे और उसकी तलाशी ली तो कोई लुटेरा वहां मौजूद नहीं था।

लूटेरों की तलाश में नौसेना
ऐसे में लग रहा कि जब उन्होंने बड़ी संख्या में जवानों को देखा तो वो डर की वजह से रात के अंधेरे में वहां से भाग निकले। हालांकि, अभी भारतीय नौसेना इस मामले में आराम से नहीं बैठी है। उसने लूटेरों की खोज के लिए युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान पी-8 आई और हेलीकॉप्टर सहित लंबी दूरी के प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन को समुद्र में तैनात कर दिए हैं।

भारत माता की जय के लगे नारे
इससे पहले भारतीय नौसेना ने बचाए गए भारतीयों का एक वीडियो साझा किया। इसमें एक भारतीय कहता दिख रहा है कि उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। वहीं, एक अन्य ने कहा कि 24 घंटे से डर में थे। अब हमें राहत मिली है। इसी बीच, एक शख्स ने कहा कि हम सब भारत की नौसेना पर गर्व महसूस करते हैं। फिर क्या था सब लोगों ने एक सुर में ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।

राम मंदिर का निमंत्रण न मिलने पर उद्धव ठाकरे का एलान, 22 को गोदावरी तट पर करेंगे महाआरती

अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए लोगों को घर-घर जाकर निमंत्रण दिया जा रहा है। इस समारोह के लिए बालासाहेब उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना को अभी तक निमंत्रण नहीं मिला है। इस बीच, पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी के नेता 22 जनवरी को नासिक में स्थित कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर महाआरती करेंगे।

जब मन होगा, तब…
ठाकरे ने अपनी मां दिवंगत मीना ठाकरे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी उनका मन होगा, वह अयोध्या जाएंगे।

गर्व और स्वाभिमान की बात
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक होना गर्व और स्वाभिमान की बात है। उस दिन हम शाम साढ़े छह बजे कालाराम मंदिर जाएंगे, जहां डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और समाज सुधारक साने गुरुजी ने विरोध प्रदर्शन किया था। शाम साढ़े सात बजे हम गोदावरी नदी के तट पर महाआरती करेंगे।’

क्यों पड़ा मंदिर का नाम कालाराम
बता दें, नासिक के पंचवटी इलाके में स्थित कालाराम मंदिर भगवान राम को समर्पित है। मंदिर का नाम काले पत्थर से बनाई गई भगवान राम की मूर्ति से लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में रुके थे। सन् 1930 में डॉ आंबेडकर ने मंदिर में दलितों के प्रवेश की मांग के लिए कालाराम मंदिर में एक विरोध प्रदर्शन किया था।

23 को निकालेंगे रैली
अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक समारोह 22 जनवरी को होगा। ठाकरे को इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने 23 जनवरी को अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की जयंती पर नासिक में एक रैली आयोजित करने की बात कही है।

रामलला सभी के हैं
ठाकरे ने पिछले शनिवार को बताया था कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा था कि अयोध्या जाने के लिए किसी के बुलाने की जरूरत नहीं है क्योंकि रामलला सभी के हैं। जब भी मन करेगा, वह जाएंगे। शिवसेना ने राम मंदिर आंदोलन में बहुत योगदान दिया है।