देश
बसपा को मिली तगड़ी हार से क्या अपने मिशन-24 प्लान में कुछ बदलाव करेंगी मायावती, देखिए यहाँ
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा उपचुनाव में हिस्सा नहीं लिया। अब जब तीनों सीटों के नतीजे आ गए हैं यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार (बसपा को सिर्फ एक सीट मिली थी) के बाद से ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटीं मायावती का मिशन-24 प्लान क्या है?
इसके पहले नवंबर की शुरुआत में लखीमपुर की गोला गोकर्णनाथ सीट के नतीजों में सपा की हार पर तंज कसते हुए मायावती ने अखिलेश पर सीधा हमला बोला था। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि बीएसपी जब अधिकांशतः उपचुनाव नहीं लड़ती है और यहां भी चुनाव मैदान में नहीं थी तो अब सपा अपनी इस हार के लिए कौन-सा नया बहाना बनाएगी?’
इसके साथ ही मायावती ने यह भी लिखा था कि ‘अब अगले महीने मैनपुरी लोकसभा व रामपुर विधानसभा के लिए उपचुनाव में, आजमगढ़ की तरह ही, सपा के सामने अपनी इन पुरानी सीटों को बचाने की चुनौती है। देखना होगा कि क्या सपा ये सीटें भाजपा को हराकर पुनः जीत पाएगी या फिर वह भाजपा को हराने में सक्षम नहीं है, यह पुनः साबित होगा।’
रामपुर की जीत के पीछे ये थी भाजपा की सीक्रेट प्लानिंग, आजम खान के गढ़ में यूँ लगाया सेंध
मैनपुरी और खतौली में मिली हार के बीच रामपुर की जीत बीजेपी के लिए वैसे भी बड़ी है लेकिन इस सीट के समीकरणों के चलते इसका महत्व और भी बड़ा हो गया है।
इस सीट पर जीत और सपा के कद्दावर नेता आजम खान के गढ़ में सेंध लगाने के लिए भाजपा ने इस बार हर तरह की जुगत लगाई। हर वर्ग को साधने के लिए जाति-धर्म के हिसाब से मंत्रियों को जिम्मेदारी दी, पिछड़े मुस्लिमों को रिझाने के लिए पसमांदा सम्मेलन कराया और अंतत मतदान के दिन भी ऐसी रणनीति बनाई कि सपा की सारी तैयारी ध्वस्त हो गई।
यहां 40 फीसदी हिन्दू मतदाता हैं जबकि 60 प्रतिशत मुस्लिम वोटर। वर्ष 1980 में आजम खां यहां से पहली बार विधायक चुने गए थे। वह सिर्फ 1996 में कांग्रेस के अफरोज अली खां से पराजित हुए थे। वर्ना तब से वह ही जीतते रहे।जिसके चलते यहां विस सीट पर उप चुनाव हुआ।
रामपुर आजम खां की परंपरागत सीट मानी जाती थी। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आजम ने इस सीट से इस्तीफा दिया और उप चुनाव में अपनी पत्नी तजीन फात्मा को विधायक बनवाया। सीतापुर की जेल में रहकर विस चुनाव लड़े और जीत दर्ज करायी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रहे आकाश सक्सेना को करीब 55 हजार मतों के अंतर से पराजित किया था।
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के लिए कई मंत्री विदेश दौरे पर रवाना, ये हैं पूरा कार्यक्रम
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की सफलता और उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल का विदेश दौरा गुरुवार से शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी 2023 में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए एक बड़ी कार्ययोजना तैयार की है।’ब्रांड यूपी’ को देश और विदेश में बढ़ावा देने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता और लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद शीर्ष अधिकारियों के एक दल के साथ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जर्मनी के फ्रैंकफर्ट के लिए रवाना हुए। शो में मंत्री नंदी और जितिन प्रसाद जर्मनी के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे।
रोड शो में निवेशकों से बात कर उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश नए भारत का विकास इंजन बन रहा है। उन्होंने कहा कि जर्मनी के साथ उत्तर प्रदेश के व्यापारिक संबंध काफी अच्छे रहे हैं.
आज राज्यसभा में समान नागरिक संहिता संबंधी निजी विधेयक पेश हुआ, इन सासंदों ने किया विरोध
केंद्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि इस बार के संसद सत्र में वह समान नागरिक संहिता संबंधी निजी विधेयक पेश करेगी। राज्यसभा में समान नागरिक संहिता के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य द्वारा लाए गए निजी विधेयक को विपक्ष के भारी विरोध के बीच पेश किया गया।
भोजनावकाश के बाद राज्यसभा में गैर सरकारी कामकाज शुरूहोने पर सबसे पहले भाजपा के किरोड़ीमल मीणा ने भारत में एकसमान नागरिक संहिता विधेयक, 2020 पेश किया। एमडीएमके के वाइको सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान विरूद्ध करार देते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से इसे सदन में पेश करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया।
सभापति ने मीणा को इस विधेयक के बारे में बोलने का अवसर दिया। वाइको, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आईयूएमएल के अब्दुल वहाब, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इलामरम करीम, वी शिवदासन, डॉ जान ब्रिटास, ए ए रहीम, विकास रंजन भट्टाचार्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संतोष कुमार पी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, कांग्रेस के एल हनुमंथैया, जे बी हीशम एवं इमरान प्रतापगढ़ी, तृणमूल के जवाहर सरकार, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने इस विधेयक का विरोध किया।
सीएम हिमंत के अधिक बच्चे पैदा करने वाले आपत्तिजनक बयान पर AIUDF अध्यक्ष ने कसा तंज़
असम के सांसद और AIUDF अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल की ओर से हिंदू महिलाओं को मुस्लिमों की तरह कम उम्र में शादी करके अधिक बच्चे पैदा करने के आपत्तिजनक बयान को लेकर राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा ने तंज कसा है।
उन्होंने कहा कि हिंदू एक से ज्यादा शादी करके 20-25 बच्चे पैदा कर सकते हैं, लेकिन उनका खर्चा अजमल को उठाना होगा। साथ ही, उन्होंने मदरसों में आधुनिक शिक्षा पर भी अहम बयान दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असम के सीएम हिमंत बिस्वा ने सरमा मोरीगांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि मुस्लिम बच्चे डॉक्टर इंजीनियर बनें। हम ये नहीं चाहते हैं कि मुस्लिमों के बच्चे मदरसों में पढ़ने जाएं और ‘जुनाब’ या फिर ‘इमाम’ बनकर निकलें। हम चाहते हैं कि हिन्दू मुस्लिम एक समान आगे बढ़े। मुस्लिम समाज को ऐसे नेताओं से सावधान रहना चाहिए।
गुजरात चुनाव में बीजेपी को मिली प्रचंड बहुमत पर विदेश मीडिया ने यूँ दिया रिएक्शन, जरुर देखें
गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड बहुमत मिला है. बीजेपी ने गुजरात में रिकॉर्ड लगातार सातवीं बार जीत दर्ज की है. बीजेपी ने इतिहास रचते हुए 182 में से 156 सीटों पर जीत दर्ज की है.
विधानसभा रिजल्ट को लेकर लिखा है कि भारत में हुए अहम चुनाव में विपक्षी पार्टी ने मारी बाजी . भारत के दो राज्यों के विधानसभा चुनाव और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दिल्ली एमसीडी चुनाव समेत कुछ सीटों पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट यह संकेत देता है कि बीजेपी की लोकप्रियता में कमी आई है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में बीजेपी की यह प्रचंड जीत 2024 में होने वाले आम चुनाव में बूस्टर का काम करेगी. देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और धार्मिक ध्रुवीकरण के बावजूद इकॉनॉमिक ग्रोथ और हिंदू समुदाय में मजबूत पकड़ के कारण पीएम मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. 2024 आम चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी ने पूरे राज्य में जोर-शोर से प्रचार किया था.
जानिए आखिर कौन हैं आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा, जिनके खिलाफ दर्ज हुई बिहार में FIR
बिहार की विशेष निगरानी इकाई (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) ने आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा पर केस दर्ज कराया है. ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ बनाने वाली फ्राइडे स्टोरी टेलर और इसे प्लेटफॉर्म देने वाली ओटीटी नेटफ्लिक्स के साथ सरकारी सेवक रहते हुए लोढ़ा की व्यावसायिक संलिप्तता के सत्यापन के बाद यह केस दर्ज किया गया.
अमित लोढ़ा पर करप्शन के चार्ज लगे हैं. बता दें, आईपीएस लोढ़ा के खिलाफ यह एक्शन उनकी किताब ‘बिहार डायरी’ (Bihar Diary) पर आधारित वेब सीरीज ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ के कारण लिया गया.
एफआईआर में बिहार की विशेष निगरानी इकाई (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) ने लिखा है, ”मगध क्षेत्र के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा के विरुद्ध लगे भ्रष्टाचार, निजी स्वार्थ और किए गए व्यवसायिक कार्यों में उनकी संलिप्तता एवं गतिविधियों के मद्देनजर जांच एजेंसियों द्वारा किए गए जांच प्रतिवेदन की समीक्षा पुलिस मुख्यालय और वरीय प्राधिकार द्वारा की गई है.”
मैनपुरी उपचुनाव में यादव परिवार की ऐतिहासिक जीत के पीछे ये हैं बड़ी वजह
यूपी के मैनपुरी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं. चाचा शिवपाल और अखिलेश के साथ आने का सीधा असर उपचुनाव के नतीजों पर दिखाई दिया है. यूपी विधायक दल की बैठक में न बुलाए जाने और अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्होंने अखिलेश यादव को बार-बार चेताया था.
दूसरी तरफ नतीजे आने के बाद एक तस्वीर और दिखाई दी. जहां पर प्रगति से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में हो गया और खुद अखिलेश यादव ने पार्टी का झंडा शिवपाल यादव को देते हुए इस पर मोहर लगा दी.
शिवापाल यादव के बेटे आदित्य यादव और भतीजे अभिषेक यादव शिवपाल की गाड़ी का झंडा बदलते भी दिखाई दिए. जो इस बात को सीधे तौर पर दिखाता है कि दोनों अब एक ही पार्टी है और बीजेपी को चुनौती देने के लिए पूरी तरीके से साथ आ गए हैं.
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की नजदीकी पार्टी को सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव में सपा को फायदा पहुंचाती नजर आ रही है. जिसका सीधा प्रमाण मैनपुरी उपचुनाव के नतीजे हैं. जिस सीट पर 2019 लोकसभा चुनाव में नेताजी मुलायम सिंह यादव की जीत का मार्जिन 94000 था. 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ हुए गठबंधन का भी कुछ खास फायदा इस सीट पर पार्टी को नहीं मिला, लेकिन वह काम चाचा भतीजे की नजदीकी ने कर दिखाया.
उत्तराखंड: लैंडस्लाइड की घटना से दहशत में लोग, मकानों में बड़ी दरारें आने से घर छोड़ने पर हुए मजबूर
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है. इलाके में जमीन के साथ ही लोगों के मकानों में बड़ी दरारें आ गईं. इसकी वजह से इलाके के लोगों में दहशत फैल गई. डर की वजह से लोग घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.
पिछले वर्ष जोशीमठ के अलग-अलग हिस्सों में दरारें आ गई थीं. इस बार नई जगह पर दरार आने से लोग डरे हुए हैं.लोग घरों पर ताला लगाकर ठिकाना छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.
भूस्खलन की वजह से घरों में मोटी मोटी दरारें पड़ रही हैं. इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि लोगों की रातें खतरे के साए में कट रही हैं.सुबह आंख खुलने पर जमीन और मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ जाती हैं. इन दिनों जोशीमठ के मनोहर बाग इलाके के लोग दहशत में हैं.
खेत, खलिहान में दरारें पड़ गई हैं. ये दरारें कई मीटर नीचे तक हैं. मकानों में दरार पड़ने से घर रहने लायक नहीं रहे हैं. शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कहीं से भी राहत मिलने की आस नहीं है.
हाल जोशीमठ के गांधीनगर, रविग्राम, सुनील और सिंहधार वार्ड का भी है. यहां जमीन और मकान दरक चुके हैं. इसकी वजह से लोग घर छोड़ चुके हैं.