Saturday , November 23 2024

देश

वक्फ बोर्ड मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार, नोटिस जारी कर मांगा जवाब

बंगलूरू:वक्फ बोर्ड मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लेकर अपना सख्त रुख अपनाया है। जहां सिद्धारमैया सरकार के वक्फ बोर्ड को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति देने के फैसले पर सवाल उठाते हुए अदलात ने दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है। बता दें कि कर्नाटक सरकार ने वक्फ बोर्ड को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति दे दी थी, जिसके विरोध में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। जिसपर सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए जवाब मांगा है।

कर्नाटक HC ने मांगा जवाब
दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकिल के तर्क पर मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया और न्यायमूर्ति केवी अरविंद की पीठ ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का कोई कार्य नहीं है। जानकारी के अनुसार अदालत में वकिल ने तर्क दिया था कि बोर्ड को केवल विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया गया है। बता दें कि पीठ ने इस मामले में राज्य सरकार से 12 नवंबर से पहले पहले जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता की मांग
कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में की गई मांग की बात करें तो, याचिकाकर्ता ने मांग की है कि अल्पसंख्यक, वक्फ एवं हज विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी 30 सितंबर 2024 के सरकारी आदेश को वक्फ अधिनियम, 1995 में कानून के विपरीत और असंगत घोषित किया जाने की मांग की गई है और इसलिए कर्नाटक सरकार के इस फैसले को अधिनियम के विरुद्ध घोषित किया जाए।

कहां गया 18 महीने के DA का एरियर, एक करोड़ कर्मियों व पेंशनरों को झटका, क्या है 34,402.32 करोड़ रु. का राज

केंद्र सरकार में एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। महंगाई भत्ते की दर अब 53 प्रतिशत हो गई है। हालांकि सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 फीसदी ‘डीए’ के एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। कैबिनेट बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया, अभी डीए/डीआर की दरों में तीन प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

पिछले साल राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने यह मुद्दा उठाया था। स्टाफ साइड का प्रतिनिधित्व करते हुए श्रीकुमार ने डीओपीटी के सचिव (पी) से आग्रह किया था कि 18 माह के ‘डीए’ का एरियर, कर्मियों का हक है। कर्मियों व पेंशनरों को डीए/डीआर का एरियर जारी किया जाए। कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का उक्त भुगतान रोक कर 34,402.32 करोड़ रुपये बचा लिए थे। ‘भारत पेंशनर समाज’ के महासचिव एससी महेश्वरी और कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने भी सरकार से कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के ‘डीए’ का एरियर जारी करने की मांग की थी।

वित्त मंत्रालय को दिया गया था प्रतिवेदन
डीए के एरियर का मुद्दा पहले भी कई बार उठाया जा चुका है। ‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन’ (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार ने बताया, कर्मियों के हितों से जुड़े मुद्दे, जिसमें पुरानी पेंशन बहाली सहित कई दूसरी मांगें शामिल हैं, लगातार उठाए जा रहे हैं।

इन सबके साथ ही कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए/डीआर के भुगतान की लड़ाई भी जारी है। कैबिनेट सचिव को ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) द्वारा 18 माह के डीए एरियर के भुगतान के लिए पहले ही लिखा जा चुका है। इस बाबत वित्त मंत्रालय को भी प्रतिवेदन दिया गया है। केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया है।

एडीसी दफ्तर में आगजनी के आरोप में तीन गिरफ्तार; तलाशी अभियान के दौरान थौबल में हथियार जब्त

इंफाल:मणिपुर पुलिस ने बिष्णुपुर जिले के कुंबी में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। तीनों पर पिछले महीने अवर उपायुक्त (एडीसी) दफ्तर में आग लगाने के आरोप है। एक अधिकारी ने बुधवार को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा उन्हें चार दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में डाल दिया गया है। अधिकारी ने आगे बताया कि इस घटना में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है। बता दें कि 26 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने कुंबी स्थित एसडीसी कार्यालय में आग लगा दी थी। स्थानीय लोगों और पुलिस के समय पर हस्तक्षेप से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।

तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद
एक अन्य घटना में थौबल जिले के लीरोंगथेल पित्रा उयोक चिंग इलाकों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए, जिसमें मैगजीन के साथ 7.62 मिमी एके राइफल, मैगजीन के साथ 7.62 एसएलआर राइफल, मैगजीन के साथ 9 मिमी एसएमजी राइफल, मैगजीन के साथ 9 मिमी पिस्तौल, 12 मिमी बोर सिंगल बैरल बंदूक और हैंड ग्रेनेड शामिल है।

पिछले साल से जारी है हिंसा
बता दें कि मणिपुर में पिछले साल तीन मई से ही जातीय हिंसा जारी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में कुकी, मैतेई समुदाय के लोगों के अलावा सुक्षा बलों के जवान भी शामिल हैं। इस हिंसा के कारण सैकड़ों लोग विस्थापित हो चुके हैं।

रतन टाटा की इस पूर्व प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी वायरल, जानें क्या कहा था

मुंबई:  देश के दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक चिट्ठी साझा की। यह चिट्ठी रतन टाटा ने 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने में नरसिम्हा राव की उपलब्धि के प्रति सम्मान व्यक्त किया। साल 1996 में भारत की अर्थव्यवस्था का चेहरा बदलने और इसे सुधार के रास्ते पर ले जाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारतीय आर्थिक सुधारों का जनक भी कहा जाता है।

भारत को वैश्विक समुदाय का हिस्सा बनाने के लिए पूर्व पीएम की सराहना करते हुए रतन टाटा ने लिखा, “प्रत्येक भारतीय आपका कर्जदार है।” इस चिट्ठी में भारत की प्रगति के लिए रतन टाटा की अटूट प्रतिबद्धता दिखती है। हर्ष गोयनका ने इस चिट्ठी को साझा करते हुए कहा, “एक खूबसूरत इंसान की सुंदर लिखावट।”

रतन टाटा ने इस चिट्ठी में आगे लिखा, “मुझे लगता है कि आपकी (नरसिम्हा राव) उपलब्धियां महत्वपूर्ण हैं और उन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। इस चिट्ठी का उद्देश्य केवल आपको यह बताना है कि मेरे विचार और शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ हैं। आपके पास एक व्यक्ति ऐसा हो सकता है जो आपके काम को न कभी भूला है और न कभी भूलेगा।” हालांकि, इस चिट्ठी को स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत बताया गया है। इसे 27 अगस्त 1996 को टाटा समूह के मुख्य कार्यालय बॉम्बे हाउस के एक कागज पर लिखा गया था।

पिछले हफ्ते हुआ था निधन
बता दें कि पिछले हफ्ते नौ अक्तूबर को देश के मशहूर उद्दोगपति रतन टाटा का निधन हो गया था। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। वे दो दिन पहले ही स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद डॉक्टरों की टीम तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाने में कामयाब नहीं हो सकी।

परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र दिवाली पर कैसे पहुंचेंगे घर, आड़े आ रहे ये रेलवे के ये दो बड़े कारण

नई दिल्ली: देश के कई राज्यों के छात्र राजधानी दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है। इन छात्रों को साल भर में एक बार ही कोचिंग संस्थाओं से लंबी छुट्टी मिलती है। तभी वह अपने घर जा पाते हैं, लेकिन दीपावली और छठ के त्योहार के चलते ट्रेनों में ‘नो रूम’ और ‘रिग्रेट’ जैसे हालात हो गए हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों के है। कई ट्रेनों में 24 अक्तूबर से आठ नवंबर तक नो रूम जैसे हालत बने हुए है।

अधिकांश ट्रेनें फुल
राजधानी दिल्ली से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के लिए जाने वाली अधिकांश ट्रेनें फुल हो गई है। इन ट्रेनों में स्लीपर क्लास की वेटिंग 200 तक पहुंच गई है। जबकि फर्स्ट और सेकेंड एसी में नो रूम या रिग्रेट की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और झारखंड जाने वाली ट्रेनों की भी यहीं स्थिति है। मुंबई और मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जाने वाली ट्रेनों में टिकट रूटीन की ट्रेनों में नहीं मिल रहा है,लेकिन कुछ स्पेशल ट्रेनों में अभी स्लीपर श्रेणी में कम वेटिंग बनी हुई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि, ट्रेनों में वेटिंग को देखते हुए रेल मंत्रालय स्पेशल और फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन चला रहा है। जिन रूटों पर ज्यादा वेटिंग है, वहां भी यात्रियों को राहत देने का प्रयास कर रहे हैं। कई राज्यों के लिए अभी स्पेशल ट्रेनें जल्द शुरू की जाएगी।

अभी कई छात्र परेशान
चर्चा में छात्रों का कहना है कि, कोचिंग संस्थान की छुट्टियां 26 अक्तूबर से लग रही हैं। कोचिंग संस्थान सालभर में एक बार ही दीपावली और छठ पर लंबी छुट्टियां देता है। लेकिन अभी कई छात्र परेशान हैं। यूपी और बिहार जाने वाली ट्रेनों में फिलहाल रूम जैसे हालात बने हुए हैं। जिन छात्र-छात्राओं ने अभी तक कंफर्म टिकट नहीं लिया है, वे सब तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट के ही भरोसे हैं। हालांकि, इससे भी छात्रों को मदद नहीं मिलती है। आखिरी में परेशान होकर फिर हमें बसों के जरिए ही यात्रा करनी पड़ती है। बसों का दोगुना किराया चुकाना पड़ता है।

छात्रों का कहना है कि, कोचिंग क्लासेस की छुट्टियां 27 से लगने जा रही है। लेकिन 28 से ट्रेनों में सीट उपलब्ध नहीं है। तत्काल टिकट बुक करने के लिए एजेंट भी ज्यादा पैसे वसूल रहे है। 24 से 27 अक्तूबर तक टिकट आसानी से उपलब्ध हो रही है। क्योंकि उस दिन ट्रेनों में भीड़ कम है। अगर हम 24 से 26 अक्तूबर की टिकट बुक करते है तो हमारी क्लास का नुकसान होता है। एक से दो दिन की क्लास छूट जाएगी। लेकिन कंफर्म टिकट के चलते हमें यह कदम भी उठाना पड़ रहा है।

सीएफएसबी ने एनएससीएन-के पर लगाया संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप, दो नगा युवकों के अपहरण का मामला

गुवाहाटी:  संघर्ष विराम पर्यवेक्षण बोर्ड (सीएफएसबी) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह बेदी ने एनएससीएन-के के निक्की सुमी गुट पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। बेदी ने गुट पर दो नगा युवकों का अपहरण करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि 10 अक्टूबर को कथित तौर पर अवैध कर मांग को लेकर दीमापुर से दो युवकों का अपहरण किया गया था।

सीएफएसबी अध्यक्ष ने की अहम बैठकें
बेदी ने सोमवार को चुमौकेदिमा स्थित पुलिस परिसर में एनएससीएन-के (निक्की सुमी), दीमापुर स्थित नागरिक समाज संगठनों और युवा निकायों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बंद कमरे में बैठक की। सीएफएसबी के अध्यक्ष ने बैठक के बाद कहा कि एनएससीएन-के के निक्की सुमी गुट को संघर्ष विराम के आधारभूत नियमों के उल्लंघन के साथ-साथ संघर्ष विराम कार्यालय के दुरुपयोग का जिम्मेदार पाया गया है। उन्होंने कहा कि समूह ने लिखित रूप से सहमति व्यक्त की है कि वे सभी आधारभूत नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं।

2021 में हुआ था केंद्र और एनएससीएन-के के बीच समझौता
बेदी ने कहा कि उन्होंने एनएससीएन-के निक्की सुमी समूह से कहा कि अपहरण में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करें, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह काम किया हो और उन्हें पुलिस को सौंप दें ताकि कानून के अनुसार उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके। बेदी ने कहा कि केंद्र और एनएससीएन-के (निक्की सुमी) ने साल 2021 में संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और उसके बाद पिछले महीने इसे एक साल की अवधि के लिए बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि समझौते पर शांति, आपसी समझ और पार्टियों के बीच विश्वास लाने के उद्देश्य से हस्ताक्षर किए गए थे ताकि नागा राजनीतिक मुद्दे को शांतिपूर्ण माहौल में सुलझाया जा सके।

बेदी ने कहा कि सीएफएसबी के अध्यक्ष के रूप में वे यह सुनिश्चित करेंगे कि केंद्र के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले नागा राजनीतिक समूहों द्वारा निर्धारित संघर्ष विराम नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई समूह समझौते का उल्लंघन करता है, तो उन्हें गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। केंद्र ने पांच समूहों के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, एनएससीएन-के का निक्की सुमी गुट नागा राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत में शामिल नहीं हुआ है।

पीएम मोदी ने किया आईटीयू सम्मेलन-मोबाइल कांग्रेस का उद्घाटन, 190 से अधिक देश ले रहे हिस्सा

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारत मंडपम में भारत में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) की ओर से आयोजित किए जाने वाली विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) का उद्घाटन किया। इसके अलावा वे भारत मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के आठवें संस्करण का भी उद्घाटन किया। विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) सम्मेलन चार वर्षों के अंतराल पर आयोजित किया जाता है। इसमें स्वीकृत सिफारिशें और प्रस्ताव संचार प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा तय करते हैं।

पहली बार आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए की मेजबानी भारत और एशिया-प्रशांत में की जा रही है। पीएमओ की ओर से कहा गया है कि यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक कार्यक्रम है जो 190 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक उद्योग जगत के नेताओं, नीति-निर्माताओं और तकनीकी विशेषज्ञों को एक मंच पर एकत्रित करने जा रहा है। ये विशेषज्ञ दूरसंचार, डिजिटल और आईसीटी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इससे पहले पीएमओ ने कहा, डब्ल्यूटीएसए 2024 के दौरान कई देशों के प्रतिनिधि 6जी, एआई, आईओटी, बिग डाटा और साइबर सुरक्षा जैसी अगली पीढ़ी की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के मानकों पर और भविष्य तय करने के लिए चर्चा करेंगे।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में दोगुनी हुई भागीदारी
आईटीयू के एक अधिकारी ने कहा, दूरसंचार विभाग की ओर से समर्थित इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आठवां संस्करण भी डब्ल्यूटीएसए के साथ आयोजित किया जाएगा। कई देशों के प्रदर्शकों, स्टार्टअप आदि की भागीदारी के मामले में वार्षिक इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आकार पिछले साल से लगभग दोगुना हो गया है।

आईएमसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रामकृष्ण पी ने कहा, इस बार आईएमसी और बेहतर होने वाला है, क्योंकि वैश्विक भागीदारी पिछले साल से लगभग दोगुनी हो गई है। इस बार 120 से अधिक देशों के भाग लेने की उम्मीद है, जिससे एशिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी एक्सपो और वैश्विक डिजिटल परिवर्तन में एक प्रमुख शक्ति के रूप में आईएमसी की स्थिति मजबूत होगी।

डीजी एस परमेश ने भारतीय तटरक्षक बल के नए प्रमुख का संभाला पदभार, कहा- इसे पूरी क्षमता से निभाना चाहता हूं

पिछले महीने से पूर्व महानिदेशक राकेश पाल के निधन के बाद से महानिदेशक के रूप में काम कर रहे डीजी एस परमेश ने आज भारतीय तटरक्षक बल के नए प्रमुख के तौर पर पद संभाल लिया है। उन्होंने पिछले तीन दशकों में संगठन में कई पदों पर रहते हुए शानदार सेवा की है। फ्लैग ऑफिसर नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के पूर्व छात्र का पेशेवर इतिहास उपलब्धियों से भरा हुआ है और उन्होंने अपने सभी कामों में उत्कृष्ट और सराहनीय प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है। आज नई जिम्मेदारी संभालने से पहले उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

इसे पूरी क्षमता से निभाना चाहता हूं- एस परमेश
वहीं नए पद को संभालने के दौरान भारतीय तटरक्षक बल के प्रमुख महानिदेशक एस परमेश ने कहा, भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक का पदभार संभालना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह एक सम्माननीय जिम्मेदारी है, जिसे मैं अपनी पूरी क्षमता से निभाना चाहता हूं। मैं भारतीय तटरक्षक बल के समग्र विकास और प्रगति के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का इरादा रखता हूं। मैं तटरक्षक बल को सभी मोर्चों पर आगे बढ़ाने के लिए तीन प्रमुख स्तंभों ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्पक्षता को अपनाना चाहता हूं।

उन्होंने आगे कहा कि मेरी प्राथमिकता समुद्री क्षेत्र में, भारतीय नौसेना और समुद्री पुलिस के साथ घनिष्ठ सहयोग और सहकारिता मेरे लिए अनिवार्य होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समुद्री सुरक्षा की सभी परिसंपत्तियों पर अच्छी तरह ध्यान दिया जाए।

डीजी एस परमेश की विशेषज्ञता
बता दें कि फ्लैग ऑफिसर नेविगेशन और डायरेक्शन में विशेषज्ञ हैं और एस परमेश की समुद्री कमान में आईसीजी के सभी प्रमुख पोत शामिल हैं, जिनमें एडवांस्ड ऑफशोर पेट्रोल वेसल समर और ऑफशोर पेट्रोल वेसल विश्वस्त शामिल हैं। उनके प्रमुख स्टाफ असाइनमेंट में उप महानिदेशक (संचालन और तटीय सुरक्षा), तटरक्षक मुख्यालय, नई दिल्ली में प्रधान निदेशक (संचालन) और तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय (पूर्व), चेन्नई में मुख्य स्टाफ अधिकारी (संचालन) शामिल हैं।

‘ऐसा लगा जैसे पैर के नीचे पटाखे फूट रहे हों’, बाबा सिद्दीकी पर हमले के दौरान घायल शख्स ने बताया वाकया

मुंबई:  मुंबई के सबसे व्यस्ततम इलाकों में से एक बांद्रा में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की वारदात को जिस तरह अंजाम दिया गया, इससे सभी हैरान हैं। बाबा सिद्दीकी के साथ मौजूद पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते कि तब तक बदमाशों ने छह राउंड गोलियां फायर की। इसमें तीन गोलियां बाबा सिद्दीकी को लगी जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। वहीं इस दौरान एक गोली मौके से गुजर रहे एक शख्स के पैर में भी लगी है।

गोलियां चलने के बाद कैसा था माहौल?
जानकारी के मुताबिक, राज कनौजिया नाम के एक शख्स के पैर में गोली लगी है। जो इस वारदात के दौरान एक दुकान से वापस लौट रहा था, उसने बताया कि दशहरा का पर्व था और माहौल ऐसा था। ऐसा लगा जैसे पटाखे फूट रहे हों। मुझे लगा जैसे मेरे पैर पर पटाखा फूट गया हो। जब मैंने पैर को देखा तो खून निकलता दिखा, जल्द ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई, लोग इधर-उधर भागने लगे। लोग चिल्लाने लगे, फायरिंग हुई है, फायरिंग हुई है। मैं जैसे तैसे एक पैर पर लंगड़ाते हुए मैं किसी तरह पास के मंदिर में पहुंचा, जहां कुछ लोग मुझे अंदर ले गए और फिर मुझे अस्पताल ले जाया गया।

लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर की गई हत्या!
मुंबई पुलिस को संदेह है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर की गई, जो गुजरात जेल में बंद है। वहीं इस वारदात में शामिल शूटर गुरमेल बलजीत सिंह और धर्मराज राजेश कश्यप को उसी रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था। तीसरा शूटर शिव कुमार अभी भी फरार है। मामले में कथित तीन शूटरों में से दो – शिव कुमार और राजेश कश्यप – यूपी के बहराइच के गंडारा गांव के हैं। गरीब परिवारों से आने वाले दोनों ही होली के बाद पैसे कमाने के लिए अपने गांव से पुणे चले गए थे।

पुलिस ने जांच के लिए गठित की 15 टीमें
कथित शूटर शिव कुमार ने हाल के महीनों में अपने गैंगस्टर होने का दिखावा करते हुए ऑनलाइन कंटेंट पोस्ट करना शुरू कर दिया था। उसने 24 जुलाई को अपने इंस्टाग्राम पर अपनी फोटो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा था, यार तेरा गैंगस्टर है जानी। जिसमे उसने एक फोटो पोस्ट में वह मोटरसाइकिल पर सवार था और बैकग्राउंड में हरियाणवी गाना बज रहा था। वहीं इस मामले में मुंबई पुलिस ने 15 टीमें गठित की हैं, जो हाई-प्रोफाइल हत्या से जुड़े लोगों की तलाश में महाराष्ट्र से बाहर निकल गई हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया है कि सिद्दीकी की नृशंस हत्या के लिए जिम्मेदार लोग न्याय से बच नहीं पाएंगे।

पीड़ित परिवार से आज मिलेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ, बवाल में चली गई थी एक शख्स की जान

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच हिंसा के पीड़ित परिवार से मंगलवार को मुलाकात करेंगे। मृतक रामगोपाल का परिवार मुख्यमंत्री से मिलने के लिए लखनऊ रवाना हो गया है। विधायक महसी सुरेश्वर सिंह पुलिस और पीएसी टीम के साथ गांव पहुंचे थे। कुछ देर पहले परिवार विधायक के साथ लखनऊ रवाना हो गया है।

बता दें कि हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी, जिसके बाद सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता चला गया और इसकी चपेट में ग्रामीण इलाके भी आ गए। योगी मंगलवार को पीड़ित परिवार से पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेंगे।

हिंसा की आग में जला बहराइच
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा और युवक की हत्या के बाद सोमवार को बहराइच जल उठा। शव गांव पहुंचने पर लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। आक्रोशित भीड़ ने शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लाठी-डंडे लेकर कस्बे में घुसे लोगों ने बाइक के दो शोरूम, एक अस्पताल को आग के हवाले कर दिया। दूसरे समुदाय के गांव में जाकर दो घरों को फूंक दिया। डीएम, एसपी समेत आसपास के जिलों की फोर्स पहुंची। पीएसी के जवान भी पहुंचे, लेकिन दोपहर तक हालात काबू नहीं कर पाए।

तब एडीजी एलओ व एसटीएफ चीफ अमिताभ यश और गृह सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने बहराइच पहुंचकर मोर्चा संभाला। आंसू गैस के गोले दागकर और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा गया। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेते रहे। अधिकारियों को निर्देश दिया कि सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला कोई भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए।

प्रतिमा विसर्जन को लेकर शुरू हुआ था विवाद
महराजगंज कस्बे में रविवार को विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दूसरे समुदाय की आपत्ति के बाद शुरू हुए विवाद में रामगोपाल मिश्रा (24) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सोमवार सुबह रामगोपाल का शव घर पहुंचा, तो अंतिम यात्रा में 5 से 6 हजार लोग शामिल हुए। लाठी-डंडों के साथ आक्रोश से भरी भीड़ शव लेकर महसी तहसील पहुंची व शव सड़क पर रख प्रदर्शन शुरू कर दिया।

भीड़ के हाथ जो लगा, उसे आग के हवाले कर दिया
रामगोपाल की अंतिम यात्रा में जुटे लोगों में से करीब दो हजार लोग कस्बे और कबड़ियन पुरवा में घुस गए और तोड़फोड़-आगजनी की। कुछ घंटे तक पूरा इलाका भीड़ के कब्जे में रहा। भीड़ के हाथ जो लगा, उसे तोड़ दिया या आग के हवाले कर दिया। पुलिस लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर उनको खदेड़ रही थी, लेकिन लोग फिर जुटते रहे। पुलिस की और कंपनियों और उच्चाधिकारी के पहुंचने के बाद बवाल कुछ शांत हुआ।