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2012 के बंगलूरू आतंकी साजिश मामले में उम्रकैद काट रहे पाकिस्तानी समेत तीन दोषी बरी; अदालत का फैसला

बंगलूरू:  2012 के बंगलूरू आतंकी षड्यंत्र मामले में एक बड़ी जानकारी सामने आई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया। बरी किए गए तीन आरोपियों में से एक पाकिस्तानी नागरिक भी है। सभी को निचली अदालत ने लश्कर से जुड़े 2012 के आतंकी षड्यंत्र मामले में दोषी पाया था। इन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद आरोपियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख अपनाया था।

कोर्ट ने मामले में सुनवाई की और बंगलूरू केंद्रीय कारागार के अंदर कथित तौर पर रची गई आतंकी साजिश से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि तीनों के खिलाफ आतंकी होने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

इन लोगों को पाया था दोषी
बंगलूरू के सैयद अब्दुल रहमान, कोलार जिले के चिंतामणि के अफसर पाशा उर्फ खुशीरुद्दीन और पाकिस्तान के कराची के मोहम्मद फहद खोया पर यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे।

इस आरोपी की सजा बरकरार
ट्रायल कोर्ट ने तीनों को यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट ने बंगलूरू के सैयद अब्दुल रहमान, चिक्काबल्लापुर के चिंतामणि के अफसर पाशा और कराची के मोहम्मद फहद खोया को बरी कर दिया। हालांकि, अदालत ने अवैध रूप से हथियार रखने के लिए शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत रहमान की 10 साल की सजा को बरकरार रखा।

समीक्षा समिति की रिपोर्ट पर विचार करना अनिवार्य: हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति श्रीनिवास हरीश कुमार और जेएम खाजी की खंडपीठ ने पाशा और खोया द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और फैसला सुनाया। अदालत ने पाया कि अभियोजन के लिए दी गई मंजूरी में खामियां थीं। उस समय गृह विभाग के प्रधान सचिव राघवेंद्र एच. और दकर ने जिरह के दौरान स्वीकार किया कि उन्हें याद नहीं है कि जब उन्होंने मंजूरी दी थी तो उसमें कोई स्वतंत्र समीक्षा समिति शामिल थी या नहीं। पीठ ने कहा कि यूएपीए की धारा 45 (2) के तहत मंजूरी देने से पहले समीक्षा समिति की रिपोर्ट पर विचार करना अनिवार्य है।

दुर्गा पूजा के बीच जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी, आरजी कर की पीड़िता के लिए न्याय की मांग

आरजी कर अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव के बीच गुरुवार को पांचवें दिन भी आमरण अनशन जारी रखा। दोपहर 2.30 बजे, कई मेडिकल कॉलेजों के नौ जूनियर डॉक्टरों का अनशन शुरू हुए 113 घंटे हो गया। बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार शाम को कोलकाता के मध्य में धर्मतला में डोरीना क्रॉसिंग पर आमरण अनशन शुरू किया, जिसके बाद स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई थीं। राज्य सरकार ने बुधवार शाम को प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की, लेकिन ये बैठक गतिरोध खत्म करने में विफल रही।

मुख्य सचिव के साथ बैठक रही विफल
मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्य सरकार से जुबानी आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। डॉक्टरों ने शहर में कुछ दुर्गा पूजा पंडालों के बाहर प्रदर्शन कर रहे और पर्चे बांट रहे उनके साथियों और कुछ अन्य युवक-युवतियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि वे प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को पूरा कानूनी समर्थन देंगे।

दोपहर में जब गिरफ्तार किए गए लोगों को अलीपुर की एक अदालत में पेश किया गया, तो कुछ डॉक्टरों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को तोड़ने के लिए पुलिस ने झूठे मामले दर्ज किए हैं।

डॉक्टरों के साथ एकजुट हुए तमाम लोग
वहीं नवरात्रि की सप्तमी के पावन अवसर पर जब शहर भर में दुर्गा पूजा पंडालों में चहल-पहल थी, तब भी बड़ी संख्या में लोग डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए डोरीना क्रॉसिंग विरोध स्थल पर एकत्र हुए। पत्रकारों से बात करते हुए, अनशन पर बैठे एक डॉक्टर के पिता ने कहा हम एक बड़े उद्देश्य के लिए उनका समर्थन कर रहे हैं। अगर राज्य सरकार उनकी मांगों पर सहमत हो जाती है तो यह सिर्फ 10 मिनट की बात है।

भाजपा प्रमुख विजयेंद्र का सीएम सिद्धरमैया पर हमला, कहा- कर्नाटक में जल्द बदलेंगे मुख्यमंत्री

बंगलूरू:  कर्नाटक के भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने सीएम सिद्धारमैया पर हमला बोला। विजयेंद्र ने कर्नाटक में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत सारे राजनीतिक विकास हो रहे हैं। अगले कुछ दिनों में तेज गति से बदलाव होंगे, जिसे राज्य के लोग देखेंगे। इसमें मुख्यमंत्री बदलने की संभावना भी शामिल है।

इससे पहले विजयेंद्र ने रविवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दशहरा के बाद इस्तीफा दे सकते हैं। क्योंकि वह MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) साइट आवंटन मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। भाजपा नेताओं द्वारा उनके नेतृत्व को स्वीकार न करने और खुलेआम उनके खिलाफ टिप्पणियां करने पर विजयेंद्र ने कहा कि वरिष्ठ होने के बावजूद पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राज्य में पार्टी संभालने की बड़ी जिम्मेदारी दी है।

उन्होंने कहा कि पार्टी में वरिष्ठों को मुझे समझने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के रूप में मानना गलत होगा। मैं हमेशा कहता रहा हूं कि मैं सभी को साथ लेकर चलूंगा। उन्हें भी कुछ समय चाहिए, आने वाले दिनों में सब कुछ अच्छा हो जाएगा। वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और रमेश जारकीहोली के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक वर्ग विजयेंद्र की खुलेआम आलोचना कर रहा है। उन्होंने भाजपा प्रमुख पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ समायोजन की राजनीति में शामिल होने और अपने पिता व पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा और पार्टी को अपने चंगुल में रखने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

क्या है मुडा मामला
मुडा घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार में दिया था। मैसूरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस जमीन का अधिग्रहण किया था। उसके बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और फिर उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए। मामले में एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। जिसे सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी, यह कहते हुए कि मामले में जांच जरूरी है क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री के परिवार का प्रत्यक्ष लाभ है।

एक्शन में योगी सरकार, तहसीलदार व नायब तहसीलदार समेत 15 और होंगे सस्पेंड

लखनऊ:  बरेली के हाईवे अधिग्रहण घोटाले में तहसीलदार व नायब तहसीलदार समेत करीब 15 और कर्मचारी निलंबित किए जाएंगे। शासन ने राजस्व परिषद और डीएम को कार्रवाई के लिए फाइल भेज दी है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण में सभी दोषियों को निलंबित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।

शासन ने इस प्रकरण में दोषी तहसीलदार और नायब तहसीलदार को चिह्नित कर कार्रवाई करने के लिए राजस्व परिषद को लिखा है। इसके अलावा बरेली के डीएम को भी निर्देश दिए हैं कि घोटाले में जिन लेखपालों और कानूनगो का नाम सामने आया है, उन्हें भी निलंबित कर शासन को अवगत कराएं। यहां बता दें कि लेखपाल और कानूनगो को डीएम निलंबित कर सकते हैं। डीएम को कानूनगो को निलंबित कर राजस्व परिषद से उसकी स्वीकृति लेनी होती है।

यहां बता दें कि सीएम ने इस मामले में तत्कालीन सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति मदन कुमार व आशीष कुमार, तहसीलदार सदर के लेखपाल उमाशंकर, नवाबगंज के लेखपाल सुरेश सक्सेना और एसएलएओ के अमीन डबर सिंह को निलंबित करने के पहले ही दे दिए हैं। इसके अलावा 12 लेखपाल व अमीन और चिह्नित किए गए हैं, जिन पर कार्रवाई होनी है। इनमें लेखपाल आशीष कुमार, मुकेश कुमार, विनय, दिनेश चंद्र, मुकेश गंगवार, तेजपाल, ज्ञानदीप गंगवार, मुकेश कुमार मिश्रा, विनय कुमार, दिनेश चंद्र व आलोक कुमार और विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के तत्कालीन अमीन अनुज वर्मा आदि शामिल हैं। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में जिनकी संलिप्तता सामने आई है, उन सभी को निलंबित किया जाएगा।

‘विकास भी विरासत भी’ योजना को मंजूरी, गुजरात में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री विरासत कॉम्प्लेक्स

 नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने विकास भी विरासत भी योजना को भी स्वीकृति प्रदान की है। इसका लक्ष्य भारत की नेवी क्षमताओं के सुनहरे और जीवंत इतिहास से दुनिया को परिचित करना है। इसके तहत देश की नौवहन इतिहास को सजीव करने के लिए गुजरात के लोथल में एक नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा, जो कि दो साल में साकार दिखने लगेगा। इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने देश की सीमाओं में लगे इलाकों खासतौर पर पंजाब और राजस्थान में आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए विस्तृत निर्माण योजना का मंजूरी दी है। इसके तहत राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के 2 हजार किलोमीटर से अधिक नया रोड नेटवर्क तैयार किया जाएगा। इससे देश के अन्य रोड नेटवर्क से भी जोड़ा जाएगा।

विकास और विरासत की इस योजना में कैबिनेट ने देश की नौवहन यानी समुद्र में परिवहन की विरासत से दुनिया को परिचित कराने का बीड़ा उठाया है, इसके लिए एक विस्तृत योजना को मंजूरी दी गई है। भारत की समुद्री विरासत बहुत समृद्ध है और सबसे पुराने समुद्री साक्ष्य लगभग 4,500 साल पुराने हैं। चोल और पांड्यों के पास विशाल नौसैनिक और व्यापारिक बेड़े थे। उड़ीसा से व्यापारी जहाज श्रीलंका, बाली, जावा और गोवा तक जाते थे। गुजरात में लोथल पारंपरिक हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक था, जिसका इतिहास 2400 ईसा पूर्व का है। जहाज निर्माण, व्यापारी बेड़ा और वल्लभी विश्वविद्यालय विश्व प्रसिद्ध थे।

भारत का जहाज निर्माण उद्योग विश्व प्रसिद्ध था। हमारी समृद्ध समुद्री विरासत को संरक्षित और विकसित करने की आवश्यकता है। इसके मद्दे नजर ही राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का विकास करने की योजना को मंजूरी मिली है। इसमें शिवाजी के जमाने से उनके नौसेनापति कन्होजी अंग्र की जलीय सुरक्षा में क्षमता से लेकर अनादिकाल से चली आ रही भारतीय समृद्ध नौवहन की विस्तृत और साझा विरासत को शोकेस किया जाएगा। इसमें लाइट हाउस और संग्रहालय होगा। जिसमें भारत की पानी के जहाज बनाने की विरासत, लोथल शहर में किस तरह से नौवहन संचालित होता था, को लोग देख सकेंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स होगा। इससे प्रेरित होकर देश के अन्य राज्य नौवहन इतिहास को लेकर अपनी अपनी उपलब्धियों से भरी ऐसी ही विरासत को आकार देने के लिए प्रेरित होंगे।

‘लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरें’, पीएम मोदी की मंत्रियों को दो टूक- सुख भोगने नहीं, सेवा के लिए आए

मंत्रिपरिषद की बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट मंत्रियों के कामकाज से खफा नजर आए। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने वाली शिकायतों के निपटारे में उदासीनता पर निराशा और नाराजगी जताई। तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में पीएम ने मंत्रियों को अपने राज्यमंत्रियों को प्रतीकात्मक रूप में नहीं लेने की नसीहत दी। साथ ही, शिकायतों के निपटारे में राज्य मंत्रियों को मुस्तैद करने का निर्देश दिया।

बैठक में पीएम ने कहा, उनके कार्यकाल में लोगों का सरकार से जुड़ाव और आशा-अपेक्षा बहुत ज्यादा है। यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय को देशभर से शिकायतों-सुझावों के महज 5 लाख पत्र मिले। इसकी तुलना में उनकी सरकार के कार्यकाल में ऐसे पत्रों की संख्या 4.5 करोड़ है। यह आंकड़ा बताता है कि हमारी सरकार पर लोगों की अपेक्षाओं और आशाओं का बोझ कितना ज्यादा है।

शिकायतों के निस्तारण का काम राज्यमंत्रियों को
पीएम ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों को समझना होगा कि लोगों की अपेक्षाएं कैसे पूरी की जाएं। पीएमओ को प्राप्त पत्रों में 60 फीसदी शिकायतें व सुझाव राज्यों से संबंधित थे, इसलिए इन पत्रों को राज्यों को भेज दिया गया। शेष 40 प्रतिशत शिकायत और सुझाव जो केंद्र से जुड़े थे, उनका समय पर उचित निस्तारण नहीं हुआ। पीएम ने केंद्रीय मंत्रियों को निर्देश दिया कि शिकायतों के निस्तारण की निगरानी का काम राज्य मंत्रियों के हवाले करें। इस दौरान पीएम ने राज्य मंत्रियों द्वारा काम नहीं मिलने की शिकायतों का जिक्र करते हुए नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस पद को किसी भी सूरत में प्रतीकात्मक नहीं समझा जाए।

सुख भोगने नहीं, सेवा के लिए आए
पीएम ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार सत्ता सुख भोगने नहीं आई है। हम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव के लिए आए हैं। यही कारण है कि बीते दस साल में लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाली नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया है। यही कारण है कि लोगों की अपेक्षा और आकांक्षा में भी बढ़ोत्तरी हुई है। पीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि लोगों की अपेक्षा और आकांक्षाओं को हर हाल में पूरा किया जाए।

सादगी से जीत लेते थे दिल… कंपनी से जुड़े छोटे से छोटे कर्मचारी को भी अपना परिवार मानते थे

देश के जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के आजीवन चेयरमैन एमिरेट्स, रतन टाटा नहीं रहे। 86 साल की उम्र में भी सक्रिय शीर्ष उद्योगपति ने बुधवार रात करीब 11:30 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। टाटा समूह 2023-24 में 13 लाख 85 हजार करोड़ रुपये के राजस्व के साथ दुनिया के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक है। भारत के रतन कहे जाने वाले दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा अरबपतियों में शामिल होने के बावजूद अपनी सादगी से हर किसी का दिल जीत लेते थे। वह उन शख्सियतों में शुमार थे, जिनका हर कोई सम्मान करता था। कई मौकों पर उन्होंने गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद कर भारतीयों को गर्व महसूस कराया।

सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं, बल्कि सादगी से भरे प्रेरणास्रोत

रतन टाटा की शख्सियत को देखें, तो वह सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं, बल्कि सादगी से भरे नेक और दरियादिल इन्सान, लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणास्रोत भी थे। अपने समूह से जुड़े छोटे से छोटे कर्मचारी को भी अपने परिवार की तरह मानते थे और उनका ख्याल रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते थे। उनके व्यक्तित्व का एक और पहलू उम्र के सात दशक पूरे करने के बावजूद सक्रिय रहना रहा। 2011 की बंगलूरू एयर शो की उनकी तस्वीरें आज भी चाहने वालों के दिलो-दिमाग में जीवंत है, जब 73 साल की आयु में रतन टाटा ने एप-17 लड़ाकू विमान के कॉकपिट में उड़ान भरी थी।

विमान उड़ाने और कारों के थे शौकीन

जेआरडी टाटा की तरह रतन टाटा को भी विमान उड़ाने का बहुत शौक था। वह 2007 में एफ-16 फाल्कन उड़ाने वाले पहले भारतीय बने। उन्हें कारों का भी बहुत शौक था। उनके संग्रह में मासेराती क्वाट्रोपोर्टे, मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, मर्सिडीज बेंज 500 एसएल और जगुआर एफ-टाइप जैसी कारें शामिल हैं।

1991 में बने टाटा समूह के चेयरमैन

रतन टाटा को 53 साल की उम्र में 1991 में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था। उन्होंने 2012 तक इस समूह का नेतृत्व किया, जिसकी स्थापना उनके परदादा ने एक सदी पहले की थी। 1996 में टाटा ने टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को मार्केट में लिस्ट कराया था। चेयरमैन पद से हटने के बाद, टाटा को टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

कांग्रेस विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगानी वाली महिला के खिलाफ FIR; मंत्री बोले- कानून अपना काम…

बंगलूरू:  देश के आईटी हब यानी बंगलूरू में कांग्रेस के एक विधायक विनय कुलकर्णी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया है। एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। वहीं, अब विधायक ने संजय नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी, जिसके बाद 34 साल की महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

बता दें, महिला का कहना है कि विधायक कुलकर्णी उसे वीडियो कॉल करते थे और जानबूझ कर अश्लील बातें करते थे। उसने दुष्कर्म, अपहरण और धमकी देने का आरोप लगाया है।

क्या बोले शिक्षा मंत्री?
कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी के खिलाफ एफआईआर पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा, ‘कानून अपना काम करेगा। अगर कुछ हुआ है तो कानून सही फैसला लेगा।’

कुलकर्णी पर क्या कुछ आरोप?
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री विनय कुलकर्णी के खिलाफ दुष्कर्म, अपहरण और आपराधिक धमकी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि संजय नगर पुलिस थाने में 34 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया। शिकायत में धारवाड़ के विधायक पर पीड़ित को फोन और वीडियो कॉल करने का आरोप लगाया गया है।

मुंह बंद रखने की दी थी धमकी
पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी में विधायक को आरोपी नंबर-एक और उनके करीबी सहयोगी अर्जुन को आरोपी नंबर-दो बनाया गया है। महिला ने आरोप लगाया है कि वह 2022 में विधायक से मिली थी। उसने कुलकर्णी पर उसे वीडियो कॉल करने तथा उसके साथ अश्लील बातचीत करने का आरोप लगाया। उसने आरोप लगाया कि वह उसे देवनहल्ली में केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक सुनसान इलाके में ले गया, जहां उसने कार के अंदर उसके साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न किया। उसने उसे अपना मुंह बंद रखने की धमकी भी दी।

कोलकाता हवाई अड्डे पर पहली बार उतरा विशाल बेलुगा एक्सएल विमान, जल सलामी से किया गया स्वागत

कोलकाता: कोलकाता हवाई अड्डे पर पहली बार एयरबस बेलुगा श्रृंखला के सबसे बड़े विमान ‘बेलुगा एक्सएल’ का स्वागत किया गया। यह विमान एयरबस बेलुगा एसटी का उन्नत संस्करण है। बेलुगा एक्सएल विमान की कुल लंबाई 207 फीट, ऊंचाई 62 फीट और पंखों का फैलाव 197 फीट और 10 इंच है। यह एयरबस का एक बड़े आकार का परिवहन विमान है, जिसे खासतौर पर विमान के पुर्जे जैसे बड़े सामान ले जाने के लिए बनाया गया है।

2020 में सेवा में आया बेलुगा एक्सएल
एयरबस की वेबसाइट के मुताबिक, बेलुगा एक्सएल विमान ने 2018 में अपनी पहली उड़ान भरी और नवंबर 2019 में यूरोपीय संघ की ईएएस एजेंसी से इसे टाइप सर्टिफिकेशन मिला। इसका मतलब है कि यह विमान सभी सुरक्षा मानकों पर खतरा उतरा। इसके बाद, जनवरी 2020 में बेलुगा एक्सएल सेवा में आया। बेलुगा एक्सएल विमान का न केवल आकार बड़ा है, बल्कि इसकी उच्च तकनीकी गुणवत्ता भी है।

जल सलामी के साथ हुआ स्वागत
कोलकाता के एनएससीबीआई हवाई अड्डे पर बेलुगा एसटी श्रृंखला के विमान उतर चुके हैं। लेकिन यह पहली बार है जब बेलुगा एक्स विमान उतरा है। यह विमान मंगलवार रात 10:43 बजे बहरीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरा। इसे जल सलामी देकर स्वागत किया गया।

कोलकाता हवाई अड्डे ने एक्स पर क्या कहा
कोलकाता हवाई अड्डे की ओर से एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, पहली बार कोलकाता के एनएससीबीआई हवाई अड्डे ने एयरबस बेलुगा एक्स का स्वागत किया, जो अपनी श्रृंखला का सबसे बड़ा विमान है और विमान के आवश्यक पुर्जों को ले जा रहा है। यह उड़ान चालक दल के सदस्यों के विश्राम, उड़ान ड्यूटी समय की सीमाओं (एफडीआईएल) और ईंधन भरने के लिए कोलकाता में रुकी है, क्योंकि यह पूर्वी भारत में इस प्रकार के विमान को संभालने वाला एकमात्र हवाई अड्डा है।

गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने वाली दवाओं वापस करने का आदेश; नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ भी कार्रवाई

नई दिल्ली: भारत के दवा नियामक ने बुधवार को जानकारी दी कि करीब 45 दवा निर्माताओं को गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए के कारण अपने उत्पादों को वापस लेने को कहा गया है। साथ ही, पांच नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई भी शुरू की गई है।

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने सीआईआई फार्मा और लाइफ साइंसेज शिखर सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया है कि पचास नकली दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की खबरें पूरी तरह गलत हैं। ये नकली दवाएं नहीं हैं, गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतर रही हैं। दोनों चीजों में अंतर है।

रघुवंशी ने बताया कि सीडीएससीओ हर महीने बाजार से करीब दो हजार से ज्यादा नमूनों का परीक्षण करता है। इनमें से करीब 40-50 नमूने पहले या दूसरे मानक में विफल हो जाते हैं। ये विफलताएं अक्सर छोटे-छोटे मानकों से जुड़ी होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं करते। जब नमूना मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसकी जानकारी सीडीएससीओ के पोर्टल पर साझा की जाती है।

हालिया खबरों का जिक्र करते हुए रघुवंशी ने कहा कि अभी जिस तस्वीर को पेश किया जा रहा है, वह यह बता रही है कि पचास नकली दवाएं हैं, जिन्हें हमने प्रतिबंधित किया। यह पूरी तरह गलत है। वे नकली दवाएं नहीं हैं और इन्हें प्रतिबंधित नहीं किया गया। इन्हें केवल मानक गुणवत्ता पर खरे न उतरने वाली दवाओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।