Sunday , November 24 2024

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डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा दिखा अप्रभावी, राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं काफी हद तक अप्रभावित

कोलकाता:   पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को दावा किया कि राज्य के कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में वरिष्ठ डॉक्टरों की तरफ से जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए दिए गए सामूहिक इस्तीफे से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित नहीं हुई हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्य भर में चल रहे दुर्गा पूजा उत्सव के कारण बाह्य रोगी विभाग में मरीजों की आमद काफी कम रही, हालांकि वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टर, आरएमओ और सहायक प्रोफेसर अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने के लिए पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में मौजूद थे।

जूनियर और वरिष्ठ डॉक्टरों का प्रदर्शन
इसी बीच आज कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में जूनियर और वरिष्ठ डॉक्टरों और नर्सों ने प्रदर्शन किया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की।

स्वास्थ्य विभाग को सामूहिक इस्तीफे की सूचना नहीं
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, हमें अभी तक डॉक्टरों की तरफ से सामूहिक इस्तीफे के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। सामूहिक इस्तीफे की पेशकश करने का ऐसा कोई मानदंड नहीं है। यदि लोग इस्तीफा देना चाहते हैं, तो उन्हें एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा। हालांकि, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं क्योंकि आज किसी भी अस्पताल में कोई भी डॉक्टर अनुपस्थित नहीं था।

डॉक्टरों का दावा करीब 35 डॉक्टरों ने इस्तीफा
कोलकाता मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अनुसार, कोलकाता में कई डॉक्टरों और संकाय सदस्यों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपने सहयोगियों का अनुसरण किया, जिन्होंने मंगलवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को अपना सामूहिक इस्तीफा भेज दिया। डॉक्टरों के मंच ने कहा कि सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लगभग 35 डॉक्टरों ने भी कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के विरोध के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

केजरीवाल का ‘शीशमहल’ सील, सीएम आतिशी को अब तक आवंटित नहीं, चुनाव के पहले नया विवाद

अरविंद केजरीवाल का पुराना आवास (6 फ्लैग ऑफ रोड, सिविल लाइन) को सील कर दिया गया है। मुख्यमंत्री रहने के दौरान अरविंद केजरीवाल पिछले दस साल से इसी आवास में रह रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री पद से 17 सितंबर को इस्तीफा देने के बाद इसी नवरात्रि में उन्होंने इसे खाली कर दिया था। केजरीवाल यह मानकर चल रहे थे कि उनके बाद यह आवास उनकी पार्टी से बनने वाले अगले मुख्यमंत्री को अलॉट कर दिया जाएगा। लेकिन अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए इसमें अड़ंगा लगा दिया है।

आरोप है कि इस आवास के पुनर्निर्माण में नियमों की भारी अनियमितता की गई थी। आरोप है कि भवन के विकास के लिए नक्शा पास नहीं कराया गया था। साथ ही आरोप है कि भवन के पुनर्निर्माण में यहां के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। अब इसकी जांच के बहाने अधिकारियों ने इस आवास को सील कर दिया है। आरोप है कि केजरीवाल ने इस आवास के पुनर्निर्माण में भारी वित्तीय अनियमितता की थी। अब इस आवास से विवादों का नया जिन्न पैदा हो सकता है जो आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित कर सकता है।

मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने इस आवास को हासिल करने के लिए उचित तरीके से आवेदन किया था, लेकिन आरोप है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने इस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। आतिशी मारलेना को पहले से ही मथुरा रोड पर एक आवास आवंटित किया गया है। फिलहाल वे अपने उसी आवास में रह रही हैं और वहीं से सारे कामकाज कर रही हैं। अब नए आवास को हासिल करने पर भाजपा-आम आदमी पार्टी के बीच नया विवाद पैदा हो गया है।

खुलेगा विवादों का नया पिटारा
दरअसल, आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान इस आवास के पुनर्निर्माण में भारी खर्च किया था। मीडिया में शीश महल के नाम से नवाजे जा चुके इस आवास में विलासिता की महंगी वस्तुओं को लाया गया था। इसके पर्दे, मार्बल से लेकर टॉयलेट सीट तक को लेकर काफी विवाद खड़ा किया गया था। अब तक इस आवास में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वंचित था, लिहाजा इस अनियमितता की बातें निकलकर बाहर नहीं की आ रही थीं, लेकिन अब यह आवास पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आ गया है। अब इसमें किसी ‘बाहरी’ व्यक्ति के प्रवेश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इससे नया विवाद पैदा हो सकता है।

आम आदमी पार्टी का आरोप
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने 9 अक्टूबर को एक प्रेस कांफ्रेंस कर यह आरोप लगाया था कि नई मुख्यमंत्री आतिशी मारलेना को 6, फ्लैग स्टाफ रोड आवंटित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ने इसके लिए उचित तौर पर आवेदन कर रखा है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके पहले आतिशी ने इस आवास को कैंप ऑफिस बनाकर यहीं से सभी कामकाज कर रही थीं। लेकिन आप नेताओं का आरोप है कि आतिशी को इस आवास पर काम नहीं करने दिया गया। पहले तो यहां पर काम कर रहे अधिकारियों को अन्यत्र तैनात कर दिया गया और अब आवास पर कोई कामकाज करने से रोक दिया गया है। लेकिन बुधवार शाम तक यह पता चला कि पूर्व मुख्यमंत्री का आवास फिलहाल किसी को आवंटित नहीं किया गया है। इसे सील कर दिया गया है।

हरियाणा में जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बसपा को नहीं दिया वोट, लेकिन मेहनत बेकार नहीं जाएगी

लखनऊ:  बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हरियाणा चुनाव में मिली शिकस्त का ठीकरा जाट समाज के जातिवादी लोगों पर फोड़ा है। उन्होंने मंगलवार को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव बसपा व इंडियन नेशनल लोकदल ने गठबंधन करके लड़ा, लेकिन परिणाम से स्पष्ट है कि जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बसपा को वोट नहीं दिया। जिससे बसपा के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े वोटों के अंतर से हार गए। हालांकि, बसपा का पूरा वोट ट्रांस्फर होने का उन्होंने दावा किया है।

उन्होंने आगे कहा कि यूपी के जाट समाज के लोगों ने अपनी जातिवादी मानसिकता को काफी हद तक बदला है और वे बसपा से एमएलए तथा सरकार में मंत्री भी बने है। हरियाणा प्रदेश के जाट समाज के लोगों को सलाह दी कि यूपी के जाट समाज के पदचिन्हों पर चलकर उन्हें अपनी जातिवादी मानसिकता को बदलना चाहिए। बसपा के लोगों द्वारा पूरी दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने आभार जताया और उनकी मेहनत बेकार नहीं जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बसपा के लोगों को निराश नहीं होना है और न ही हिम्मत हारनी है, बल्कि अपना रास्ता खुद बनाने के लिए तत्पर रहना है। संघर्ष से नया रास्ता जरूर निकलेगा।

चुनावों से पहले PM महाराष्ट्र को देंगे बड़ा तोहफा, 7,600 करोड़ की योजनाओं का करेंगे शिलान्यास

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए महाराष्ट्र में 7,600 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। इसमें नागपुर में करीब 7,000 करोड़ की डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर हवाईअड्डे के उन्नयन की आधारशिला भी रखेंगे।प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, हवाईअड्डे का उन्नयन विनिर्माण, विमानन, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और स्वास्थ्य सेवा सहित कई क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने का काम करेगा, जिससे नागपुर और विदर्भ क्षेत्र लाभान्वित होगा। पीएम शिरडी हवाईअड्डे पर 645 करोड़ से बनने वाले नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला भी रखेंगे।

पीएमओ ने कहा कि सभी के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल सुविधा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत मोदी महाराष्ट्र के मुंबई, नासिक, जालना, अमरावती, गढ़चिरौली, बुलढाणा, वाशिम, भंडारा, हिंगोली और अंबरनाथ (ठाणे) में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के संचालन की शुरुआत करेंगे।

लाओस जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी 10-11 अक्तूबर को लाओस दौरे पर रहेंगे, जहां उन्हें 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन व 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना है।
पीएम की यह यात्रा आसियान देशों से रिश्ते और मजबूत करने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया, यह यात्रा ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण हो गई है कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति को 10 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं।

आसियान देशों के साथ भारत के रिश्तों में एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण को केंद्रीय आधार माना जाता है। पीएम मोदी लाओस के अपने समकक्ष सोनेक्से सिफानदोन के निमंत्रण पर दो दिन लाओस की राजधानी वियंतियाने में रहेंगे। लाओस, दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) का वर्तमान अध्यक्ष देश है। लाओस की मेजबानी में होने जा रहे दो शिखर सम्मेलनों के दौरान पीएम सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

आज देशभर में भूख हड़ताल करेंगे डॉक्टर्स, आरजी कर अस्पताल के 50 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर आज डॉक्टर्स राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल करेंगे। डॉक्टर्स द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने समर्थन दिया है। एफएआईएमए ने देशभर के स्वास्थ्य कर्मियों से भूख हड़ताल में भाग लेने का आह्वान किया है।

डॉक्टरों के संघ ने सोमवार को एक बैठक की थी, जिसमें भूख हड़ताल को बुधवार (9 अक्तूबर) से शुरू करने का फैसला लिया गया था। एफएआईएमए के अध्यक्ष सुव्रंकर दत्ता ने कहा, हम पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के साथ लगातार संपर्क में हैं और अपने रुख पर एकजुट हैं। दत्ता ने कहा कि, व्यापक विचार-विमर्श के बाद हमने पश्चिम बंगाल में अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

दत्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि भूख हड़ताल का उद्देश्य जूनियर डॉक्टरों की आवाज को बुलंद करना है। जो बेहतर कामकाजी परिस्थितियों, बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल और अन्य आवश्यक सुधारों की वकालत करते हुए हफ्तों से हड़ताल पर हैं। एफएआईएमए ने एक बयान में कहा कि डॉक्टरों के संघ ने देश भर के स्वास्थ्य कर्मियों से हड़ताल में भाग लेने का आह्वान किया है, ताकि निष्पक्ष उपचार और बेहतर स्थितियां लेकर उनकी लड़ाई को और मजूबत किया जा सके।

50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने पद से दिया इस्तीफा
वहीं, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के करीब 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इन डॉक्टरों ने यह कदम जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता जताने के लिए उठाया है। जूनियर डॉक्टर एक महिला डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के मामले में न्याय की मांग करते हुए अनशन पर हैं। स्वास्थ्य संकाय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर भी आरजी कर अस्पताल के अपने सहयोगियों के नक्शेकदम पर चलने पर विचार कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों ने महिला डॉक्टर के मामले में न्याय की मांग के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रणाली में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठाई है।

बृज बिहारी केस में शीर्ष अदालत से छिपाया गया सच; जदयू विधायक के जिंदा भाई को कोर्ट ने माना मृत

पटना:  आम आदमी से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा तक के अफसरों से फर्जीवाड़े की खबरें आपने सुनी होंगी; लेकिन इस बार देश के सर्वोच्च न्यायालय से फर्जीवाड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट को बिहार के एक केस में झांसे में ऐसा रखा गया कि उसने बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में अंतिम फैसला लिखते समय एक जीवित को मृत मान लिया। बिहार के हाई प्रोफाइल मर्डर केस में दोषी और निर्दोष माने गए सभी अभियुक्त चर्चित या उनके करीबी थे। ऐसे में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के भाई और बिहार के गोपालगंज, सारण से लेकर उत्तर प्रदेश तक के नामी सतीश पांडेय को सुप्रीम कोर्ट में ‘मृत’ बताया जाना और फैसले में इसका ही जिक्र आना चर्चा में है। पत्नी स्व. उर्मिला पांडेय गोपालगंज जिला परिषद् की निर्विरोध अध्यक्ष रही थीं। बेटे मुकेश पांडेय भी जिला परिषद् अध्यक्ष रह चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में क्या लिखा है
बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में राष्ट्रीय जनता दल के वैशाली लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने तीन अक्टूबर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उन्हें दो हफ्ते में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया है, क्योंकि 2014 में हाईकोर्ट से निर्दोष करार दिए जाने के कारण यह फिलहाल बाहर हैं। इसी केस में लोक जनशक्ति पार्टी के बाहुबली पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत छह आरोपियों को इस हत्याकांड से सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया।

चालीस पेज इस फैसले के दस्तावेज में सुप्रीम कोर्ट ने एक जगह सतीश पांडेय को मृत मानते हुए आगे इसपर चर्चा ही नहीं की है। सीतीश पांडेय के छोटे भाई अमरेंद्र पांडेय कुचायकोट से लगातार पांचवीं बार जदयू विधायक हैं। जब बृज बिहारी प्रसाद और उनके अंगरक्षक बिहार पुलिस के सिपाही लक्ष्मेश्वर साहू की हत्या हुई थी, तब बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव थे। अब उन्हीं की पार्टी के नेता को उम्रकैद की सजा मिली है।

सीबीआई जांच पर सवाल उठ रहा है
बृज बिहारी हत्याकांड में फैसले के बाद उनकी पत्नी व पूर्व सांसद रमा देवी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें इस केस के फैसले के लिए उन्होंने अमित शाह का आभार जताया था। अब इस केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि 1998 में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के अहाते में पुलिस अभिरक्षा के दरम्यान 13 जून 1998 को बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के एक साल पूरा होने के पहले ही सात मार्च 1999 को यह केस सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। इस केस में प्राथमिक जांच और साक्ष्य बिहार पुलिस ने जमा कराए थे। उसके बाद सीबीआई ने ही केस को आगे बढ़ाया।

निचली अदालत में दोषियों को सजा दिलाने, हाईकोर्ट में सभी के बरी हो जाने और अब सुप्रीम कोर्ट में दो दोषियों को उम्रकैद मिलने तक सीबीआई की जांच और उसके जुटाए या अनुमोदित साक्ष्यों पर ही ज्यादा बहस हुई। ऐसे में सतीश पांडेय जैसे चर्चित शख्स को मृत बताए जाने की चर्चा तेजी से फैल रही है। जदयू विधायक के भाई होने के नाते विपक्ष इसे मुद्दा बनाए या सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने के लिए सीबीआई को घेरे तो आश्चर्य नहीं।

अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट छोड़ने वाला PS4 पृथ्वी के वायुमंडल में लौटा; सात साल पहले किया गया था लॉन्च

बंगलूरू:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को एलान किया कि सात साल से ज्यादा समय पहले रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण करने वाले पीएसएलवी-37 रॉकेट के ऊपरी चरण यानी पीएस4 ने पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर लिया है।

साल 2017 में रचा था इतिहास
कभी बैलगाड़ी पर सैटेलाइट ले जाने वाला इसरो एक साथ 104 सैटेलाइट लांच कर दे तो इसे विश्व में अजूबा ही माना जाएगा। भारतीय वैज्ञानिकों ने साल 2017 में न सिर्फ ये अजूबा सच करके दिखा दिया था बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था, सर्वोत्तम स्पेस एजेंसी मानी जाने वाली नासा भी भारत की इस उपलब्धि पर दंग रह गई थी। पीएसएलवी-सी37 अपनी 39 वीं उड़ान में 104 सैटेलाइट अपने साथ लेकर गया था, इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की सर्वाधिक 96 सैटेलाइट थीं।

वायुमंडलीय प्रभावों के कारण कक्षीय ऊंचाई में आई कमी
अब इसी को लेकर इसरो ने कहा कि उपग्रहों के निष्क्रियता के बाद ऊपरी चरण (PS4) को लगभग 470 x 494 किमी आकार की कक्षा में छोड़ दिया गया था। बाद में इसे रोजाना ट्रैक किया गया। इससे सामने आया की इसकी कक्षीय ऊंचाई धीरे-धीरे कम होती जा रही थी। मुख्य रूप से वायुमंडलीय प्रभावों के कारण इसकी ऊंचाई पर असर पड़ा था।

छह अक्तूबर को किया फिर से प्रवेश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया, इस साल सितंबर से, आईएस4ओएम (सुरक्षित और सतत अंतरिक्ष संचालन प्रबंधन के लिए इसरो सिस्टम) ने अपनी नियमित गतिविधियों के हिस्से के रूप में नियमित रूप से कक्षा की निगरानी की और अक्तूबर के पहले सप्ताह में वायुमंडल में फिर से प्रवेश की भविष्यवाणी की थी। आखिरकार ऐसा ही हुआ। इसने छह अक्तूबर को फिर से प्रवेश किया। इसका प्रभाव बिंदु उत्तरी अटलांटिक महासागर में है।

इसने यह भी बताया, ‘प्रक्षेपण के आठ सालों के अंदर रॉकेट का वायुमंडल में फिर से प्रवेश अंतरराष्ट्रीय मलबा शमन दिशा-निर्देशों, विशेष रूप से अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो मिशन के बाद पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में निष्क्रिय वस्तु के कक्षीय जीवन को 25 वर्षों तक सीमित करने की सिफारिश करता है।’

‘कांग्रेस-NCP की तरफ से घोषित CM प्रत्याशी का समर्थन करेगी शिवसेना’, उद्धव ठाकरे का एलान

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे / यूबीटी) कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार / एसपी) की तरफ से सीएम के रूप में घोषित किए जाने वाले किसी भी चेहरे का समर्थन करेगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा कि सरकार विज्ञापनों की मदद से महाराष्ट्र में फर्जी और गलत खबरें प्रसारित करा रही है। बता दें कि इसी साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग की टीम प्रदेश का दौरा कर सभी घटकों से उनकी राय ले चुकी है। विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले यानी दिसंबर महीने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई जानी है। ऐसे में राज्य की सियासी सरगर्मियां काफी तेज हैं।

देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा में सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।

महाराष्ट्र में विपक्षी खेमा कितना मजबूत
इसके अलावा विपक्षी खेमे (महाविकास अघाड़ी- MVA) में कुल 71 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस 37 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 16 विधायक हैं। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के दो विधायक भी विपक्षी खेमे में हैं। 15 विधानसभा सीटें खाली हैं।

नतीजे अपडेट करने में देरी के कांग्रेस के दावों को आयोग ने किया खारिज; कहा- आरोप दुर्भावनापूर्ण और निराधार

नई दिल्ली: हरियाणा में मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में यहां कांग्रेस आगे थी, लेकिन 10 बजते-बजते बाजी पलट गई और भाजपा ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई। वहीं, अब आयोग ने कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस के आरोप “गैरजिम्मेदार, निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। आरोपों को साबित करने के लिए कांग्रेस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।

अपने जवाब में, चुनाव आयोग ने कहा कि वोटों की गिनती संबंधित मतगणना केंद्रों पर चुनाव संचालन नियमों के नियम 60 के अनुसार और वैधानिक और नियामक व्यवस्था का पालन करते हुए की जा रही है। इस प्रक्रिया को नामित अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। साथ ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस के महासचिव जयरा रमेश से कहा कहा कि नतीजों को वेबसाइट पर अपडेट करने में देरी के गलत आरोप को साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है।

चुनाव आयोग ने आगे बताया कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पूरी मतगणना प्रक्रिया नियमों के अनुसार उम्मीदवारों, पर्यवेक्षकों और सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में चल रही है।

कांग्रेस ने क्या लगाए थे आरोप
हरियाणा में बाजी पलटने के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि सुबह नौ बजे से 11 बजे के बीच हरियाणा के नतीजों को बेवसाइट पर अपलोड करने में देरी की गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नतीजों को अपडेट करने की धीमी गति के चलते नई-नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि हरियाणा चुनावों के सटीक आंकड़े जारी करने के निर्देश जारी किए जाएं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि लोकसभा चुनावों की तरह हरियाणा में फिर से चुनाव आयोग की वेबसाइट पर रुझानों को अपलोड करने की गति धीमी है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब देगा। 10-11 राउंड के नतीजे जारी हो चुके हैं। लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर केवल 4-5 राउंड ही अपडेट किए गए हैं। यह प्रशासन पर दबाव बनाने की एक रणनीति है। उन्होंने कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है। खेल खत्म नहीं हुआ है। माइंड गेम खेले जा रहे हैं। जनादेश मिलने जा रहा है। कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।

अंतिम संस्कार के लिए शव लाए जाने पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, पुलिस वाहन में की तोड़फोड़

कोलकाता:  कोलकाता में डॉक्टर रेप केस का गुस्सा नही थमा था कि पश्चिम बंगाल में एक बार फिर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। हाल ही में, दक्षिण 24 परगना जिले में 10 साल की बच्ची का कथित तौर पर दुष्कर्म और हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को अंतिम संस्कार के लिए जब कुलताली में बच्ची का शव लाया गया तो लोगों का गुस्सा फूट गया। हजारों की संख्या में जुटे लोगों ने सड़कों को जाम कर दिया और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ कर दी।

क्या है मामला?
पांच अक्तूबर को कक्षा चार की छात्रा ट्यूशन पढ़ने गई थी। जब बच्ची रात आठ बजे तक घर नहीं लौटी तो परिवार ने सब जगह तलाश की। बच्ची का जब कुछ पता नहीं लगा तो पुलिस को शिकायत दी गई। बाद में उसका शव नहर से मिला। कथित तौर पर बच्ची का दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। शव को कोलकाता के कांटापुकुर मुर्दाघर ले जाया गया और फिर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पोस्टमार्टम के लिए सोमवार सुबह नादिया जिले के कल्याणी के जेएनएम अस्पताल ले जाया गया।

हजारों संख्या में जुटे ग्रामीण
जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल से सोमवार रात लड़की का शव मिलने के बाद हजारों ग्रामीणों ने कुलताली के कृपाखली मोड़ पर विरोध-प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने सुरक्षा की चिंता को लेकर सवाल उठाया। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही उन्होंने ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।

पुलिस चौकी की ओर मार्च करने की कोशिश
एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने शव लेकर महिष्मारी पुलिस चौकी की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे कृपाखाली में एक घाट पर गए, जहां बच्ची के दाह संस्कार का इंतजाम किया जा रहा था। मगर, सड़क जाम कर रहे कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने पुलिस के वाहन पर पथराव किया, जिसमें एक वरिष्ठ अधिकारी बैठे थे।