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निबांलकर ने शरद का साथ छोड़ने पर खुद को माना दोषी, क्या चुनाव से पहले अजित को लगेगा बड़ा झटका?

मुंबई:  जैसे-जैसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही यहां की राजनीतिक में बदलाव देखने को मिल रहा है। चुनाव से पहले हुए इस बदलाव से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख और डिप्टी सीएम अजित पवार को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, अजित पवार के बेहद खास रामराजे नाइक निंबालकर उनसे नाराज दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह शायद शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपीएसपी) का हाथ थाम सकते हैं।

कार्यकर्ताओं की हिफाजत के लिए…
निंबालकर ने रविवार को कहा कि शरद पवार को छोड़ने के लिए वह अपने आपको दोषी महसूस करते हैं, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की हिफाजत के लिए ऐसा किया। गौरतलब है, राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनके शरद पाले में लौटने की बढ़ती चर्चा के बीच यह बयान सामने आया है।

अजित पवार के खास माने जाने वाले निंबालकर ने अपने 75वें जन्मदिन पर फलटन में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने शरद पवार से नाता तोड़ने और अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में जाने का फैसला किया था। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।

पिछले साल हुआ था सियासी उठापटक
गौरतलब है, अजित पवार कई अन्य विधायकों के साथ पिछले साल जुलाई में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे उनके चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन हो गया।

मैं शरद पवार का सामना कैसे करूंगा: निंबालकर
एनसीपी (एसपी) में शामिल होने की अटकलों पर वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘मैं (शरद) पवार साहब का सामना कैसे कर सकता हूं, जिन्होंने मुझे 2009 में मंत्री बनाया था, जबकि मैं विधायक भी नहीं था। मैं उन्हें छोड़ने के लिए खुद को दोषी महसूस करता हूं। लेकिन मैंने अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।’

राज्य विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को सूचित कर दिया था कि वह हालिया लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा सांसद रंजीत निंबालकर के लिए प्रचार नहीं करेंगे। वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में अपने कार्यकर्ताओं से चर्चा करने के बाद फैसला करेंगे। साथ ही परिसीमन में शहरी क्षेत्रों में सीटों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।

संसद की संयुक्त समिति की अगली बैठक 14-15 को; जगदंबिका पाल से मिला प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की दो दिवसीय बैठक 14 अक्तूबर से पार्लियामेंट एनेक्सी में होगी। समिति 14 अक्तूबर को जमीयत उलमा-ए-हिंद, दिल्ली के सुझावों पर सुनवाई करेगी और विशेषज्ञों की राय सुनेगी। इस समिति ने एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली से और एडवोकेट वीरेंद्र इचलकरंजीकर को मुंबई से बुलाया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि 15 अक्तूबर को विधेयक पर समिति के समक्ष अपने मौखिक साक्ष्य दर्ज करेंगे।

इसके अलावा, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा करने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने किया। प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय संयोजक और मीडिया प्रभारी शाहिद सईद, मदरसा, छात्र और युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक इमरान चौधरी और मुस्लिम विद्वान ताहिर मुस्तफा शामिल रहे।

बैठक के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न चिंताएं जाहिर कीं और वक्फ प्रबंधन से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने विस्तृत सुझाव और प्रस्तावित सुधार प्रस्तुत किए। साथ ही वक्फ संपत्तियों के अधिक पारदर्शी और प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वक्फ संपत्तियों का मुस्लिम समुदाय के लाभ के लिए बेहतर उपयोग किया जा सके। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने जगदंबिका पाल को विस्तृत डोजियर भी सौंपे, जिसमें इन मुद्दों और सिफारिशों को संरचित तरीके से रेखांकित किया गया है। इसमें वक्फ संपत्तियों की अधिक प्रभावी निगरानी और ऑडिटिंग, सामुदायिक हितों की सुरक्षा और संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने के तरीकों पर सुझाव शामिल थे।

‘एक साथ चुनाव असांविधानिक नहीं’, रामनाथ कोविंद बोले- अंतिम निर्णय लेगी संसद

नई दिल्ली:  एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर गठित समिति के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान निर्माताओं का था, इसलिए यह असांविधानिक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि कार्यान्वयन समिति, एक देश एक चुनाव को लागू करने के लिए विभिन्न सांविधानिक संशोधनों पर विचार करेगी और उसके बाद संसद अंतिम निर्णय लेगी।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति में आयोजित व्याख्यान देते हुए कहा कि 1967 तक पहले चार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे, फिर एक साथ चुनाव कराने को असांविधानिक कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्गों का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने का विचार असांविधानिक है, लेकिन यह सच नहीं है, क्योंकि संविधान निर्माताओं का भी यही विचार था। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग सहित कई संस्थाओं ने अतीत में इस अवधारणा का समर्थन किया है।

रामनाथ कोविंद ने कहा कि वास्तव में एक साथ चुनाव कराने से संघवाद को और मजबूती मिलेगी, क्योंकि तीनों स्तर की सरकारें पांच साल तक एक साथ काम करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ एक लोकप्रिय मुहावरा है, जिसकी कुछ लोगों ने गलत व्याख्या की है। यह धारणा बन गई है कि इसके तहत केवल एक ही चुनाव होगा और आगे कोई चुनाव नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि अवधारणा लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों- नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने की है, ताकि शासन के सभी तीन स्तरों पर एक ही समय में चुनाव हो और पांच साल तक एक साथ काम किया जा सके।

पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि 47 राजनीतिक दलों ने उनके नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति को ज्ञापन दिया है। इसमें 32 ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है। इसके अलावा 15 दल एक साथ चुनाव कराने का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अतीत में किसी न किसी बिंदु पर एक साथ चुनाव के विचार का समर्थन किया है।

दक्षिण 24 परगना में मिला नाबालिग का शव, स्थानीय लोगों ने पुलिस चौकी में की आगजनी, कई वाहन क्षतिग्रस्त

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में शनिवार को एक दलदली भूमि में 10 वर्षीय लड़की का शव मिला। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक पुलिस चौकी में आग लगा दी। गांववालों का मानना है कि शुक्रवार से लापता नाबालिग से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर रही है। शनिवार की सुबह जयनगर में स्थानीय लोगों को लड़की का शव मिला, जिसके बाद लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

इलाके में पुलिस बल तैनात
स्थिति को देखते हुए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। भीड़ ने घटनास्थल पर ही एसडीपीओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को रोकने की कोशिश की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “लड़की के परिवारवालों ने महिस्मारी चौकी में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।” एक अन्य गांववाले ने कहा, “पुलिस ने उसी तरह प्रतिक्रिया दी जैसे उन्होंने आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद दी थी।”

स्थानीय निवासी गणेश डोलुई ने कहा, “जब तक हमारी बेटी से दुष्कर्म और हत्या करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, हम प्रदर्शन करना जारी रखेंगे। हम उन लोगों के खिलाफ भी सजा की मांग करते हैं, जिन्होंने शिकायत दर्ज होने के बाद प्रतिक्रिया देने में देरी की, जिसके कारण नाबालिग की मौत हो गई। अगर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती तो लड़की को बचाया जा सकता था।”

हालांकि, पुलिस ने कहा कि शिकायत दर्ज होने के बाद उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि रात के नौ बजे शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और सुबह तक एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच जारी है और पुलिस मृतक के परिवार के साथ हैं। पुलिस चौकी में आगजनी और दस्तावेजों को नष्ट करने के मामले में जो भी शामिल हैंउनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में शनिवार को एक दलदली भूमि में 10 वर्षीय लड़की का शव मिला।

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक पुलिस चौकी में आग लगा दी। गांववालों का मानना है कि शुक्रवार से लापता नाबालिग से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर रही है। शनिवार की सुबह जयनगर में स्थानीय लोगों को लड़की का शव मिला, जिसके बाद लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

इलाके में पुलिस बल तैनात
स्थिति को देखते हुए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। भीड़ ने घटनास्थल पर ही एसडीपीओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को रोकने की कोशिश की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “लड़की के परिवारवालों ने महिस्मारी चौकी में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।” एक अन्य गांववाले ने कहा, “पुलिस ने उसी तरह प्रतिक्रिया दी जैसे उन्होंने आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद दी थी।”

स्थानीय निवासी गणेश डोलुई ने कहा, “जब तक हमारी बेटी से दुष्कर्म और हत्या करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, हम प्रदर्शन करना जारी रखेंगे। हम उन लोगों के खिलाफ भी सजा की मांग करते हैं, जिन्होंने शिकायत दर्ज होने के बाद प्रतिक्रिया देने में देरी की, जिसके कारण नाबालिग की मौत हो गई। अगर पुलिस तुरंत कार्रवाई करती तो लड़की को बचाया जा सकता था।”

हालांकि, पुलिस ने कहा कि शिकायत दर्ज होने के बाद उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि रात के नौ बजे शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और सुबह तक एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच जारी है और पुलिस मृतक के परिवार के साथ हैं। पुलिस चौकी में आगजनी और दस्तावेजों को नष्ट करने के मामले में जो भी शामिल हैंउनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को लेकर सरदार पटेल की नीति को सराहा, इस्लामाबाद जाने पर दिया बड़ा बयान

 नई दिल्ली: विदेश मंत्री जयशंकर एससीओ बैठक में शामिल होने के लिए 15-16 अक्तूबर को पाकिस्तान दौरे पर रहेंगे। किसी भी भारतीय मंत्री का यह बीते नौ साल में पहला पाकिस्तान दौरा होगा। जब इसे लेकर विदेश मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘यह (एससीओ बैठक) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम है और मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा के लिए नहीं जा रहा हूं। मैं सिर्फ बतौर शंघाई सहयोग संगठन के अच्छे सदस्य के तौर पर वहां जा रहा हूं। चूंकि मैं एक सभ्य और विनम्र व्यक्ति हूं तो मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।’

सरदार पटेल की पाकिस्तान नीति को सराहा
आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा प्रशासन पर आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व गृह मंत्री सरदार पटेल की पाकिस्तान नीति की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘सरदार पटेल संयुक्त राष्ट्र में जाने के खिलाफ थे। उन्होंने जूनागढ़, हैदराबाद के मामले में भी इसका विरोध किया था। वह इस बात को लेकर बहुत साफ थे कि भारत को अपने मुद्दे को अन्य शक्तियों के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए। हम सभी के लिए दुख की बात है कि उनकी सावधानी को नजरअंदाज कर दिया गया।

जो ‘जम्मू और कश्मीर प्रश्न’ के रूप में शुरू हुआ था, उसे सुविधाजनक रूप से भारत और पाकिस्तान प्रश्न में बदल दिया गया। मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की उनकी अनिच्छा इस विश्वास से आई कि पाकिस्तान से सीधे निपटना बेहतर था, बजाय इसके कि पाकिस्तान को हेरफेर करने की अनुमति दी जाए। किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह, भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके नहीं। सरदार पटेल का भी यही मानना था कि यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए।’

सार्क सम्मेलन आयोजित न होने की बताई वजह
विदेश मंत्री ने सार्क सम्मेलन का आयोजन न होने की वजह बताते हुए कहा कि ‘अभी सार्क आगे नहीं बढ़ रहा है इसलिए इसकी बैठक नहीं बुलाई गई। सार्क देशों का एक सदस्य सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा अभी भी दे रहा है। आतंकवाद अस्वीकार्य है, लेकिन इस वैश्विक मान्यता के बावजूद हमारे पड़ोसी देश ऐसा कर रहे हैं। यही वजह है कि सार्क की बैठक हाल के वर्षों में नहीं हुई है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्षेत्रीय गतिविधियां बंद हैं बल्कि बीते पांच-छह वर्षों में तो भारतीय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय एकता और ज्यादा बढ़ी है।’

पश्चिम एशिया के हालात पर जताई चिंता
पश्चिम एशिया में तनाव के हालात पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘पश्चिम एशिया की स्थिति कोई अवसर नहीं है बल्कि यह गहरी चिंता का विषय है। संघर्ष बढ़ता जा रहा है। हमने देखा कि आतंकी हमला हुआ और फिर उसका जवाब दिया गया। हमने देखा कि गाजा में क्या हुआ। अब हम देख रहे हैं कि संघर्ष लेबनान तक पहुंच गया है और इस्राइल और ईरान के बीच तनाव है। लाल सागर से हूती विद्रोही हमले कर रहे हैं। हमें भी इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है।

ओडिशा सरकार ने ओएसडीएमए को पुनर्गठित करने का लिया फैसला, आपदाओं के जोखिम को कम करने पर होगा फोकस

भुवनेश्वर:  ओडिशा सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) को पुनर्गठित करने का फैसला किया है। इस नए ढांचे में सरकार का फोकस अब आपदा से निपटने की तैयारी के बजाय जोखिम कम करने और पुनर्निर्माण पर ज्यादा होगा। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, “हाल में चक्रवात, भारी बारिश और अचानक बाढ़ जैसी आपदाओं की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे निपटने के लिए राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव के मुताबिक, सरकार का फोकस अब जोखिम को कम करने और तेजी से पुनर्निर्माण पर होगा, न कि सिर्फ तैयारी और प्रतिक्रिया पर।”

प्रस्ताव में कहा गया है कि परिस्थितियों में आ रहे बदलावों के मद्दनेजर ओएसडीएमए की संगठनात्मक संरचना को राष्ट्रीय ढांचों और दिशा निर्देशों के अनुरूप मजबूत करना जरूरी हो गया है। हमें आपदा जोखिम को कम करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा।

नए प्रस्ताव के मुताबिक, ओएसडीएमए को चार विभागो में बांटा जाएगा- सामान्य, क्षमता निर्माण, परियोजना और प्रौद्योगिकी और वित्त। प्रत्येक विभाग का नेतृत्व एक कार्यकारी निदेशक करेगा। कार्यकारी निदेशक (सामान्य) और कार्यकारी निदेशक (क्षमता निर्माण) भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) या ओडिशा प्रशासनिक सेवा (ओएएस) के अधिकारी होंगे। जबकि कार्यकारी निदेशक (परियोजना और प्रौद्योगिकी) ओडिशा सरकार के इंजीनियरिंग विभाग से या भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से प्रतिनियुक्ति पर होगा। वहीं, कार्यकारी निदेशक (वित्त) ओडिशा वित्त सेवा (ओएफएस) का अधिकारी होगा।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ओएसडीएम के कुल 102 कर्मचारियों में से 10 पद समाप्त किए गए हैं और 37 नए पद बनाए गए हैं। ओएसडीएमए की स्थापना नवीन पटनायक सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के गठन से छह साल पहले की थी। इस पुनर्गठन के जरिए ओडिशा सरकार को उम्मीद है कि भविष्य में आने वाली आपदाओं का प्रभाव कम किया जा सकेगा और राज्य की जनता को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर उपाय किए जा सकेंगे।

मीडिया राष्ट्रविरोधी विचारधाराओं पर अपना रुख स्पष्ट करे, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अपील

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को मीडिया से राष्ट्र-विरोधी आख्यानों और गलत सूचनाओं पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया। वहीं उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि कम समय तक चलने वाली घटनाएं अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं।

उपराष्ट्रपति ने कुछ घटनाओं पर जताया दुख
उन्होंने छेड़छाड़ वाली रिपोर्टिंग के कुछ उदाहरणों पर भी दुख जताया। उन्होंने आगे कहा कि कल्पना कीजिए कि एक अखबार ‘उपराष्ट्रपति की तरफ से फर्जी तस्वीरें पोस्ट करने’ की रिपोर्ट कर रहा है। जब ध्यान आकर्षित किया जाता है, तो अखबार माफी मांगता है। लेकिन मुझे पता है कि मैं आक्रामक नहीं हो सकता, मैं आधिकारिक कार्रवाई मोड में नहीं हो सकता। उपराष्ट्रपति ने देश में हाथ थामने, परामर्श देने की आदत विकसित करने की आवश्यकता महसूस की। उन्होंने कहा, हम अपनी मां या संस्थानों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। हमें उनका पोषण करना होगा। लोकतंत्र तब पोषित होता है जब मीडिया समेत इसके प्रत्येक संस्थान बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

संपादकीय का स्थान सबसे महत्वपूर्ण- जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मीडिया नीति निर्माताओं और जनता के बीच एक पुल का काम करता है, उन्होंने कहा कि इसे पक्षपातपूर्ण हितों के साथ काम नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आम आदमी और राष्ट्र के हित को प्रभावित करता है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने ने सुझाव दिया कि संपादकीय स्थान सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होना चाहिए। वहीं उपराष्ट्रपति ने आश्चर्य जताया कि संपादकीय गायब क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि संपादकीय फोकस लोगों को संवेदनशील बनाने पर होना चाहिए।

राष्ट्र-विरोधी विचारधाराओं पर अपना रुख स्पष्ट करें- जगदीप धनखड़
वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्र-विरोधी और फर्जी आख्यानों को बेअसर करने के लिए मशीन लर्निंग जैसी तकनीक के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया। उन्होंने इस दौरान मीडिया से राष्ट्र-विरोधी विचारधाराओं और गलत सूचनाओं और भ्रामक सूचनाओं पर रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया।

बच्ची की हत्या पर राजनीति, BJP नेताओं ने ममता सरकार पर साधा निशाना; भाजयुमो ने सड़क की जाम

पश्चिम बंगाल में एक बार फिर एक राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है, इस मामला अपहरण के बाद एक बच्ची की हत्या से जुड़ा है। इस मामले में भाजपा की तरफ से जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक दक्षिण 24 परगना जिले में अपहरण के बाद बच्ची की हत्या कर शव नाले में फेंका गया है। वहीं भाजपा ने बच्ची के साथ दुष्कर्म की भी बात कही है।

भाजयुमो का जोरदार प्रदर्शन
इस कड़ी में भाजपा की छात्र इकाई की भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने दक्षिण कोलकाता जिले में जोरदार प्रदर्शन किया, इस दौरान छात्रों की तरफ से सड़क पर टायर जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया है।

भाजपा और स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन
वहीं दक्षिण 24 परगना में भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल और स्थानीय लोगों ने कुलताली इलाके में प्रदर्शन किया और नाले में बच्ची का शव मिलने के मामले में न्याय की मांग की। इस दौरान भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि, कल ट्यूशन से लौट रही नौ साल की बच्ची की लाश आज नहर में मिली। बच्ची के शव ने पुलिस से इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन ममता बनर्जी की पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। जिन लोगों ने बच्ची की लाश देखी है, उनके मुताबिक उसके शरीर पर अभया की तरह ही चोटें थीं।

आज मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर सकते हैं शिक्षक के परिजन, पुलिस ने जुटाए अहम साक्ष्य

लखनऊ:  अमेठी में मारे गए रायबरेली निवासी शिक्षक के परिजन शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिल सकते हैं। यहां बता दें कि अमेठी में शिक्षक सुनील, पत्नी पूनम और दो बच्चों की हत्या कर दी गई थी।माना जा रहा है कि शनिवार को अंतिम संस्कार होने के बाद पीड़ित परिजन सीएम से मिलने आ सकते हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय ने भी बताया कि वे इस प्रकरण को लेकर शनिवार की दोपहर सीएम से मिलेंगे। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे।

वहीं, हत्याकांड के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शिक्षक के पिता रामगोपाल से फोन पर बात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया और उन्हें न्याय दिलाने का भी आश्वासन दिया। वहीं, अमेठी के कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा भी पीड़ित परिजनों से मिले। उन्होंने ही राहुल गांधी की बात मृतक के पिता से करवाई थी। मामले में पुलिस ने अब तक कई महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं।

आज महाराष्ट्र के दौरे पर जाएंगे राहुल गांधी, कोल्हापुर में करेंगे संविधान बचाओ सम्मेलन

मुंबई:  लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज यानी शनिवार से महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे। सबसे पहले वह सुबह राजर्षि शाहू समाधि स्थल पर जाएंगे, इसके बाद वह कोल्हापुर का दौरा करेंगे। यहां पर वह बवाडा के भगवा चौक पर बनी छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही संविधान सम्मान सम्मेलन में शामिल होंगे। इस बैठक में एक हजार से ज्यादा आमंत्रित लोग हिस्सा लेंगे, इसमें सभी धर्मावलंबियों के साथ-साथ विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुका है। आज हरियाणा की 90 सीटों पर मतदान होगा। हरियाणा के बाद अब राहुल गांधी ने मिशन महाराष्ट्र की तैयारी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र में भी इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के महाराष्ट्र दौरे से कांग्रेस का चुनावी अभियान भी शुरू हो जाएगा।

इससे पहले, कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो रैलियों के बाद पांच सितंबर को महाराष्ट्र के सांगली में एक सार्वजनिक रैली की थी। यहां उन्होंने जाति जनगणना पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं लोकसभा में पहले ही कह चुका हूं कि सत्ता में आने पर कांग्रेस, INDIA गठबंधन ही जाति जनगणना कराएगा। क्योंकि हम देश की सच्चाई समझना चाहते हैं कि इस देश के धन का फायदा किस वर्ग को हो रहा है?

इस मौके पर राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की विचारधारा महाराष्ट्र के डीएनए में है और लड़ाई विचारधारा की है जो आप हिंदुस्तान में देख रहे हैं ये केवल राजनीति नहीं है। पहले राजनीति चलती थी आज हिंदुस्तान में विचारधाराओं का युद्ध चल रहा है। एक ओर कांग्रेस पार्टी और दूसरी तरफ भाजपा। हम सामाजिक विकास चाहते हैं, हम सबको जोड़कर साथ आगे बढ़ना चाहते हैं और वो लोग चाहते हैं कि चुने हुए लोगों को ही फायदा मिले… इसी बात की लड़ाई हमारे बीच में है और आपको ये पूरे देश में दिखेगा।