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कामरुप जिले में जा रहे कांग्रेस नेताओं को स्थानीय लोगों ने बैरंग लौटाया, अतिक्रमण के दौरान हुआ था बवाल

असम में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर सोनापुर में अतिक्रमण वाली जगह पर जाने से रोक दिया, जहां दो दिन पहले पुलिस की गोलीबारी में दो लोग मारे गए थे। जानकारी के मुताबिक विपक्षी पार्टी के कई विधायक और नेता स्थानीय लोगों से मिलने कोचुटोली गांव गए थे, लेकिन लोगों के एक समूह ने वहां पहुंचने से पहले ही उनके वाहनों को रोक दिया।

स्थानीय लोगों ने कांग्रेस नेताओं से नहीं की बात
मामले में कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि हम लोग अपनी कारों से उतरकर पैदल ही स्थल पर जाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें वहां जाने की भी अनुमति नहीं दी। वहीं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने स्थानीय लोगों से बात करने की कोशिश की और कहा कि प्रतिनिधिमंडल सभी पक्षों की बात सुनने आया है।

पुलिस का गोली मारना बर्दाश्त नहीं- कांग्रेस
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर हम लोगों की सभी जायज चिंताओं को उठाएंगे। कांग्रेस जायज मांगों के लिए आंदोलनों में हिस्सा लेगी। लेकिन साथ ही पुलिस की तरफ से लोगों की गोली मारकर हत्या करना और बिना नोटिस के लोगों को बेदखल करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पुलिस पर हमला करने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हम शांतिपूर्ण असम चाहते हैं। राज्य में अब कानून-व्यवस्था नहीं रह गई है। बता दें कि कोचुटोली गांव में बंगाली भाषी मुस्लिम ग्रामीणों को बेदखल करने का अभियान गुरुवार को हिंसक हो गया था, जब अतिक्रमणकारियों के एक वर्ग ने कथित तौर पर अभियान चला रहे अधिकारियों पर धारदार हथियारों और पत्थरों से अचानक हमला कर दिया था।

कामरुप जिले में कैसे और क्यों ऊपजा था बवाल?
कामरुप जिले के जिले के कोचुटोली गांव में कथित तौर पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बवाल हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत और 11 लोग घायल हो गए थे। वहीं इस मामले में डीजीपी ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया था। इसके बाद स्थिति की समीक्षा और पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद डीजीपी ने बताया था कि गुरुवार को पुलिस पर ग्रामीणों की तरफ से किया गया हमला एक खास वर्ग की तरफ से ‘साजिश’ होने का संदेह है, क्योंकि सोमवार से ये अभियान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। इसमें 22 पुलिसकर्मियों समेत कुल 33 लोग घायल हुए हैं।

वंचितों को मिला जब ‘बावा’ का स्नेहिल स्पर्श; झूम उठा बचपन, खिल उठे चहरे

कोलकाता: बचपन को अगर एक शब्द में परिभाषित करना हो तो कह सकते हैं, बचपन यानी मौज-मस्ती। इसके सिवाय और कुछ नहीं। बच्चे तो बच्चे होते हैं…बच्चों की न कोई जात होती है न ही कोई धर्म। वे तो स्वच्छंद, खिलंदड़ होते हैं। मस्त मौला…खूब खेलना और खुद मस्ती करना। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि क्या सभी बच्चों की बचपन ऐसे गुजरती है…। उत्तर मिलेगा शायद नहीं…। इसलिए ऐसे वंचित बच्चों के जीवन में थोड़ी मस्ती, थोड़ी खुशी और शिक्षा की रोशनी को जगाने का बीड़ा उठाया है, ‘बावा’ यानी बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ने।

इसी क्रम में शुक्रवार को ‘बावा’ पूर्वी कमान ने कोलकाता के हेस्टिंग्स आश्रय में कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया। तपती गर्मी में जब वंचितों बच्चों के सिर पर ममतामयी स्नेहिल स्पर्श मिला। ममता की स्नेहिल छांव में वंचितों का बचपन झूम उठा और
चेहरे खुशी के मारे खिल उठे। इसलिए भी शायद कहा जाता है, ‘नर सेवा ही, नारायण सेवा है’।

आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर की मदद
बीएसएफ के पूर्वी कमान के प्रवक्ता संजय गुप्ता ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बीएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (बावा) द्वारा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कल्याणकारी गतिविधियों के अपने संकल्प को ध्यान में रखते हुए, कोलकाता के हास्टिंग्स शेल्टर एरिया में एक समुदाय कल्याण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व बावा पूर्वी कमान की प्रमुख डॉ. प्रेमा गांधी ने किया। इसका उद्देश्य है आश्रय गृह के निवासियों को आवश्यक वस्तुएं प्रदान कर उनकी सहायता करना। इस दौरान बावा के सदस्यों ने आश्रय गृह के निवासियों को पका हुआ गर्म भोजन, कपड़े, राशन और स्टेशनरी इत्यादि का वितरण किया, ताकि उनकी तत्कालिक ज़रूरतें पूरी की जा सके। डॉ. प्रेमा गांधी, जो वंचितों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों में हमेशा अग्रणी रही हैं, ने अन्य बीएसएफ बावा सदस्यों के साथ मिलकर ज़रूरतमंद लोगों को सामान वितरित किया।

शिक्षा तोड़ सकती है गरीबी का चक्रः गांधी
गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम का एक मुख्य पहलू शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना था। डॉ. प्रेमा गांधी और बावा के सदस्यों ने व्यक्तिगत रूप से माता-पिता और बच्चों से संपर्क किया और उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रेरित किया कि कैसे शिक्षा गरीबी के चक्र को तोड़ने और परिवारों के सामाजिक उत्थान में योगदान देने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाती है। बावा के इस प्रयास की स्थानीय लोगों ने काफी सराहना की।

विदेश मंत्री ने जेनेवा में भारतीय मिशन का उद्घाटन किया, डॉ आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया

नई दिल्ली :भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 12-13 सितंबर को स्विट्जरलैंड के दौरे पर रहे। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि विदेश मंत्री ने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात की। साथ ही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के उच्चायुक्त वॉल्कर टर्क, विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक डॉ. टेड्रोस गैब्रेसियस से भी मुलाकात की।

इन मुलाकात में बहुपक्षीयवाद, मानवाधिकार और मौजूदा भू-राजनीति के मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य और पारंपरिक स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

हंसा मेहता के नाम पर हॉल का नामकरण
विदेश मंत्री ने जेनेवा में नए भारतीय मिशन का उद्घाटन किया। इस मिशन में संयुक्त राष्ट्र में तैनात रहने वाले अधिकारी, विश्व व्यापार संगठन और भारत के महावाणिज्यदूत रहेंगे। विदेश मंत्री ने भारतीय मिशन के परिसर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण भी किया।

साथ ही मिशन के एक हॉल का नामकरण मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता हंसा मेहता के नाम पर भी किया। हंसा मेहता ने ही मानवाधिकार के वैश्विक डिक्लेयरेशन में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी। विदेश मंत्री ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत परिसर में एक पेड़ भी लगाया।

आने वाले पांच सालों में यूपी में खत्म हो जाएगी डॉक्टरों की कमी, बनेंगे कई नए मेडिकल कॉलेज

लखनऊ:  पांच वर्ष पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त था। वहां 15 जुलाई से 15 नवंबर के बीच 1200 से 1500 मौतें होती थीं। अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 700 मौतें होती थीं। यह क्रम पिछले 40 वर्ष से चल रहा था। इस दौरान 50 हजार बच्चों की मौतें हुईं, लेकिन पिछली सरकारों का इससे कोई लेना-देना नहीं था। जब इसे रोकने के लिए सुविधा देनी होती थी तो वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते थे। यह सिस्टम की नाकामी थी। मैंने सांसद रहते हुए सड़क से लेकर सदन तक मुद्दा उठाया, जिसके बाद काम शुरू हुआ। यह बात यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। सीएम शुक्रवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंफेसेलाइटिस पर लगाम लगाने के लिए गोरखपुर को एम्स दिया। वहीं 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर इसे खत्म करने की जिम्मेदारी मेरी हो गयी। इस पर काम शुरू किया गया और वर्ष 2019 में इस पर नियंत्रण पा लिया गया। उसी का परिणाम है कि आज पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से मुक्त हुआ है। आज यहां पर मौत जीरो हो गयी हैं। यह दृढ़ संकल्प और आप सभी के सहयोग से हो पाया है, जबकि इसके खात्मे के बारे में पहले कोई सोच नहीं सकता था।सीएम योगी ने वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन और नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम योगी ने कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर जेआर को मेडल-सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

अगले पांच वर्ष में खत्म हो जाएगी डॉक्टरों की कमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस को लेकर इस बार भी दो बार सर्वे कराया गया, जिसमें सामने आया कि एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। आज पूर्वी उत्तर प्रदेश खुशहाल है। यह सब बेहतर समन्वय और संवाद से हो पाया। आज इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अफसोस है कि अब तक इस पर कोई स्टडी पेपर नहीं लिखा गया, जबकि यह सफलता का मॉडल है। वहीं वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी आई तो टीम 11 का गठन कर काबू पाया गया। यह हमें इंसेफेलाइटिस के सफलतापूर्वक समाधान के बाद प्राप्त हुए अनुभव से संभव हुआ।

कोविड-19 पर काबू पाने में इसी अनुभव का लाभ प्राप्त हुआ। सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में तेजी के साथ बढ़ रहा है। पहली बार केंद्र और राज्य सरकार पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्रवाई को बढ़ा रही है। आने वाले अगले 5 से 7 वर्ष में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हम एक जिला एक मेडिकल की कॉलेज की तरफ बढ़ चुके हैं।

आंदोलनकारी डॉक्टरों का राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी को पत्र, कहा- चिकित्सकों को दिलाएं न्याय

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। डॉक्टरों ने पत्र में आरजी कर मामले में मृत चिकित्सक और अन्य चिकित्सकों को न्याय दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।

डॉक्टरों ने पत्र में लिखा है कि हम देश के प्रमुख के तौर पर आपके समक्ष मुद़्दा रखते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे जो सहयोगी अपराध का शिकार हुए हैं, उनको न्याय मिले। आपके हस्तक्षेप के बाद ही पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर भय और आशंका के बिना जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम हो सकते हैं।

उन्होंने लिखा कि कठिन समय में आपका हस्तक्षेप हमारे लिए प्रकाश की किरण के रूप में काम करेगा। जो हमें अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए चार पन्नों के पत्र की प्रतियां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी भेजी गईं। डॉक्टर अनिकेत महतो ने बताया कि पत्र को महीने की शुरुआत में तैयार किया गया था और गुरुवार रात को भेजा गया।

यह है मामला
गौरतलब है, अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के बाद से घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। टीएमसी सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस कठघरे में है। सुप्रीम कोर्ट से लगातार फटकार लग रही है। तनाव बढ़ता देख कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इससे पहले कोलकाता पुलिस मामले की जांच कर रही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर वापस जाने को कहा
वहीं, घटना के बाद देशभर के डॉक्टर सड़कों पर उतर आए थे। इससे मरीजों को दिक्कत होने लगी। इस पर नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी डॉक्टरों से 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया था। शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी कि अगर काम से लगातार गायब रहे, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। हालांकि, फिर भी डॉक्टर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों लगातार घटना के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। वह न्याय की मांग कर रहे हैं।

ओबीसी सूची विवाद पर 30 सितंबर से पहले ही सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, आज आदेश जारी करेंगे CJI

नई दिल्ली :ओबीसी सूची विवाद पर सुप्रीम कोर्ट 30 सितंबर से पहले ही सुनवाई कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश आज इसे लेकर आदेश जारी कर सकते हैं। दरअसल बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए क्योंकि उच्च न्यायालय के फैसले के चलते आरक्षण के तहत प्रवेश प्रक्रिया बाधित हो गई है। इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इसे लेकर दोपहर में आदेश जारी करेंगे। सीजेआई ने बंगाल सरकार के वकील को इस संबंध में ईमेल करने का निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है बंगाल सरकार
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीती अगस्त में दिए अपने फैसले में बंगाल में ओबीसी सूची में 77 नई जातियों को शामिल करने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी। बंगाल सरकार ने उच्च न्यायालय के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की थी, लेकिन बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आरक्षण से बाहर होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर को इस संबंध में आदेश जारी करने की बात कही है।

क्या है पूरा विवाद
पश्चिम बंगाल सरकार ने साल 2012 में बंगाल आरक्षण कानून के प्रावधान के तहत 77 जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किया था। ओबीसी सूची में शामिल की गईं अधिकतर जातियां मुस्लिम समुदाय की थीं। बंगाल सरकार के इस फैसले को कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। उच्च न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बंगाल सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। इस दौरान अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने कहा कि पिछड़ी जातियों में 77 जातियों को शामिल करने का फैसला मुस्लिम समुदाय को ध्यान में रखकर लिया गया है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार ने राजनीतिक कारणों और वोटबैंक के लिए 77 जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से ओबीसी सूची में शामिल की गईं जातियों के आर्थिक और सामाजिक आंकड़े भी पेश करने का निर्देश दिया था। साथ ही सरकारी नौकरियों में भी ओबीसी सूची में शामिल जातियों को प्रतिनिधित्व का आंकड़ा पेश करने को कहा था।

केजरीवाल की रिहाई होते ही पलटी भाजपा, सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा- हमने नहीं की राष्ट्रपति शासन की मांग

नई दिल्ली: भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई में देरी के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत दी गई है। लेकिन इसे रिहाई नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी सुनवाई में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया है। उसके पहले भी अदालत की कार्रवाई में शराब घोटाले को सही पाया गया है, इसीलिए इस मामले पर आम आदमी पार्टी का रुख बिल्कुल सही नहीं है।

बांसुरी स्वराज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस मामले में केवल सुनवाई में देरी होने के आधार पर जमानत मिली है। वे न तो ऑफिस जा सकेंगे, ही किसी आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकेंगे और न ही इस मामले पर कोई टिप्पणी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है तो यह आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पूरे शराब घोटाले के सूत्रधार हैं और उन्हें जल्द ही दुबारा जेल जाना पड़ेगा।

क्या अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद भी भाजपा दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में है?  के इस प्रश्न पर बांसुरी स्वराज ने कहा कि भाजपा ने कभी भी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग नहीं की है। लेकिन अरविंद केजरीवाल के कारण दिल्ली की जनता के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, इस मामले में भाजपा नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी और राष्ट्रपति ने भाजपा नेताओं की इस मांग का पत्र गृह मंत्रालय को भेज दिया है।

गिरफ्तार संजय रॉय का नार्को टेस्ट कराने की योजना बना रही CBI, कोर्ट से मांगी अनुमति

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई इस मामले में गिरफ्तार संजय रॉय का नार्को टेस्ट कराने की योजना बना रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सियालदह कोर्ट में अपील कर संजय रॉय पर नार्को टेस्ट करने की अनुमति मांगी है।

एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “यह मुख्य रूप से यह जांचने के लिए है कि संजय रॉय सच बोल रहा है या नहीं।” सीबीआई अधिकारी ने बताया कि नार्को टेस्ट के दौरान सोडियम पेंटोथल ड्रग संजय रॉय के शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा, जिससे वह हिप्नोटिक स्थिति में चला जाएगा। अधिकारी ने कहा, “कई मामलों में आरोपी ने नार्को टेस्ट के दौरान सही जानकारी दी है।” सीबीआई ने पहले ही संजय रॉय पर पॉलीग्राफी टेस्ट कर चुकी है।

क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया।

पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।

इंडिगो की मुंबई-फुकेट फ्लाइट को मलेशिया डायवर्ट किया गया, खराब मौसम के चलते लिया फैसला

मुंबई:  शुक्रवार को खराब मौसम के कारण इंडिगो की मुंबई से फुकेट जाने वाली फ्लाइट को मलेशिया के पेनांग की ओर डायवर्ट करना पड़ा। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। इंडिगो ने एक बयान में कहा, ‘फुकेट में खराब मौसम की स्थिति के कारण मुंबई से फुकेट जाने वाली उड़ान 6ई 1701 को मलेशिया के पेनांग की ओर मोड़ दिया गया है, जो सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।’

एयरलाइन ने यह भी कहा कि फुकेट (थाईलैंड में) के लिए उड़ान भरने की आवश्यक अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसमें कुछ समय लग सकता है। बयान में कहा गया है, ‘यात्रियों को इस डायवर्जन के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है। इस बीच, उनकी सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जलपान की व्यवस्था की गई है।’

विमान में सवार यात्रियों की संख्या के बारे में तुरंत जानकारी नहीं दी गई है। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह उड़ान ए320 विमान से संचालित की जा रही थी। इंडिगो ने कहा कि, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक एहतियात के तौर पर इस डायवर्जन को किया गया।

केजरीवाल की जमानत याचिका पर ‘सुप्रीम’ फैसला आज, सीबीआई गिरफ्तारी को भी दी है चुनौती

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दो याचिकाओं पर आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। केजरीवाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी और जमानत से दिल्ली हाईकोर्ट के इनकार को चुनौती देते हुए दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ दोनों याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी। पीठ में न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइंया भी शामिल हैं। पीठ ने पांच सितंबर को केजरीवाल की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख को 26 जून को गिरफ्तार किया था।