Saturday , November 23 2024

देश

7 सितंबर तक CBI हिरासत में रहेंगे संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन इंचार्ज, ACJM के सामने हुई पेशी

कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शनिवार शाम को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष और पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया था। दोनों को रविवार को सियालदाह एसीजेएम की अदालत में पेश किया गया। एसीजेएम ने ताला पुलिस स्टेशन प्रभारी अभिजीत मंडल और आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को 17 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया। वहीं रविवार सुबह लोगों ने सीबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। गिरफ्तार किए गए ताला पुलिस स्टेशन प्रभारी अभिजीत मंडल को मेडिकल जांच के लिए ले जाते वक्त लोगों की सीबीआई अधिकारियों से धक्का-मुक्की भी हुई।

आंदोलनकारी तख्तियां और पोस्टर लेकर सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बाहर एकत्र हुए। आंदोलनकारियों ने महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। मामले में सीबीआई से पहले जांच के तरीके को लेकर पुलिस की आलोचना की। थाना प्रभारी मंडल को सबूतों से छेड़छाड़, एफआईआर दर्ज करने में देरी समेत अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें रविवार को सियालदाह की अदालत में पेश किया जाएगा।

सीबीआई ने शनिवार शाम को पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद स्वास्थ्य भवन में विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने गिरफ्तारी का जश्न मनाया और विरोध स्थल पर गाना गाते हुए दिखाई दिए। एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘हम सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने में शामिल आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, हम बहुत खुश हैं, क्योंकि सीबीआई ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने वाले अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करना चाहिए।’

क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ।

महाराष्ट्र में कब होंगे विधानसभा चुनाव? सीएम एकनाथ शिंदे ने जताई यह संभावना

मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही अटकलों के बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संभावना जताई कि राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर के दूसरे सप्ताह में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरण में मतदान कराना बेहतर होगा। चुनाव के लिए सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगियों के बीच आठ से दस दिन में सीटों का बंटवारा कर दिया जाएगा।

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति सरकार विकास और कल्याण उपायों पर ध्यान दे रही है। उसे लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। सीएम ने कहा कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में चुनाव होने की संभावना है। दो चरणों का चुनाव बेहतर होगा। महायुति सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के लिए योग्यता और अच्छी स्ट्राइक रेट मानदंड होंगे।

शिंदे यह भी कहा कि वह महिलाओं के बीच सरकार के लिए समर्थन देख सकते हैं। उनकी सरकार आम आदमी की सरकार है। हमने विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बीच संतुलन बनाया है। सीएम ने यह भी कहा कि कुशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 1.5 लाख युवाओं को नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिये गये हैं। इसके लिए उन्हें 6,000 रुपये से 10,000 रुपये तक का वजीफा मिलेगा। सीएम ने कहा कि योजना से 10 लाख युवाओं को कवर करने का लक्ष्य है।

शिंदे ने कहा कि सरकार की लड़की बहन योजना के तहत अब तक 1.6 करोड़ महिलाओं को वित्तीय सहायता मिल चुकी है। हम योजना को 2.5 करोड़ महिलाओं तक पहुंचाना चाहते हैं। शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य मुंबई को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाना और सभी के लिए किफायती आवास सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा), सिटी एंड इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ महाराष्ट्र (सिडको) और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) जैसी सभी सरकारी एजेंसियों को मलिन बस्तियों के पुनर्विकास के लिए शामिल किया गया है।

‘केजरीवाल ने स्वीकारे दिल्ली शराब घोटाले के आरोप’, भाजपा ने इस्तीफे में देरी पर पूछे तीखे सवाल

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर अरविंद केजरीवाल ने यह स्वीकार कर लिया है कि उन पर लगे शराब घोटाले के आरोप बिल्कुल सही हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को चुनाव की मांग करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, वे चाहते तो कैबिनेट मंत्रियों की सलाह लेकर विधानसभा भंग करने और चुनाव में जाने की घोषणा कर सकते थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की यह सोच बताती है कि वे चुनाव में नहीं जाना चाहते।

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि केजरीवाल के पहले भी कई नेताओं को जेल जाना पड़ा है, लेकिन उन्होंने नैतिकता का पालन करते हुए जेल जाने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल अपनी ही सरकार के जेल में रहे। उन्होंने कहा कि इस तरह केजरीवाल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि जेल से बाहर आकर भी उन्होंने अपनी ही सरकार का पटाखे न चलाने का निर्णय तोड़ दिया।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की जनता तीन महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को शून्य सीटें देकर अपना निर्णय सुना चुकी है। उन्होंने कहा कि अब अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता के फैसले की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के फैसलों के कारण दिल्ली की जनता को लगातार नुकसान हो रहा है और इसके बाद भी केजरीवाल को कोई असर नहीं पड़ रहा है। सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल के शासन में दिल्ली में पानी टैंकर माफिया दोगुने से अधिक ताकत से काम कर रहे हैं। शिक्षा-स्वास्थ्य विभागों में घोटाले हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल को घोटाले के कारण अदालत के आदेश के बाद जेल जाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दो दिन का समय क्यों लिया, उन्हें तत्काल विधानसभा भंग कर चुनाव में जाने की घोषणा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने की असदुद्दीन ओवैसी की तारीफ, अपना भाई बताया; कहा- वह गरीबों की आवाज

हैदराबाद:तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हैदराबाद सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सराहना की। उन्होंने ओवैसी को एक ऐसा सांसद बताया जो संसद में लगातार गरीबों के लिए बोलते हैं। हैदराबाद में प्रोफेट फॉर द वर्ल्ड पुस्तक के लॉन्च कार्यक्रम में कांग्रेस नेता ने एआईएमआईएम प्रमुख को गरीबों की आवाज कहा।

तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, “जब वह कांग्रेस के खिलाफ बोलते हैं तो मुझे अच्छा लगता है, क्योंकि हमारा अपना भाई आवाज उठा रहा है। अगर कोई हमारे खिलाफ बोलेगा तो वह हमारा दुश्मन नहीं है। सरकार चलाने में कुछ गलतियां हो सकती हैं। इन गलतियों को ठीक करने के लिए हमें राज्य और देश में मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है।” एक अन्य कार्यक्रम में असदुद्दीन ओवैसी ने कई मुद्दों पर कांग्रेस की आलोचना की।

तेलंगाना के सीएम ने आगे कहा कि देश में नफरत फैलाने वालों का मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि पैगंबर मोहम्मद, गीता और बाइबल की शिक्षाएं देश में शांति सुनिश्चित करने के लिए हैं। रेड्डी ने कहा, “जहर फैलाने वालों को रोकने के लिए हमें एक साथ खड़ा होना चाहिए। भारत हमारा देश है और इसकी रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। देश को बचाने कोई और नहीं आएगा।

चुनाव जीतने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन हमें उन लोगों से सावधान रहना चाहिए जो चुनाव जीतने के लिए जहर फैलाते हैं।” मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि लोकसभा में जनता के पक्ष में बोलने वालों की संख्या कम हुई है जबकि नफरती भाषणों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

शहर में 15 सितंबर से 13 नवंबर तक धारा 163 हुई लागू, जानिए किन-किन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध

लखनऊ:  बारावफात, ईद-ए-मिलाद, विश्वकर्मा पूजा, अनंत चतुर्दशी, महात्मा गांधी जयंती, शारदीय नवरात्र सहित अन्य त्योहारों, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और संगठनों के धरना प्रदर्शन के चलते शहर में 15 सितंबर से 13 नवंबर तक धारा 163 लागू की गई है।

बीएनएस की धारा 163 पूर्व में आईपीसी की धारा 144 थी। जेसीपी एलओ अमित कुमार के मुताबिक धारा 163 के तहत विधान भवन व सरकारी कार्यालयों के ऊपर व एक किमी परिधि में ड्रोन से शूटिंग करना मना होगा। शहर के अंदर तेज धार वाले तथा नुकीले शस्त्र, ज्वलनशील पदार्थ व हथियार तथा आदि लेकर चलने पर प्रतिबंध रहेगा।

स्कूटर इंडिया से नटकुर नहर चौराहे तक 16 सितंबर तक यातायात प्रतिबंधित
कानपुर हाईवे पर एलीवेटेड पुल निर्माण के चलते रविवार सुबह 10 बजे से सोमवार रात 10 बजे तक 4,40,000 वोल्ट बिजली सप्लाई के लिए मोनो पोल लगाया जाएगा। इस दौरान स्कूटर इंडिया चौराहा से नटकुर नहर चौराहा तक (लगभग 200 मीटर) के बीच पूरी तरह से आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।

– भारी वाहन नटकुर नहर चौराहा से स्कूटर इंडिया चौराहा की ओर नहीं जा सकेंगे। ये बिजनौर थाना चौराहा से दाएं होकर लखनऊ आ सकेंगे और बाएं होकर कानपुर की ओर जा सकेंगे।
– भारी वाहनों को छोड़कर हल्के वाहन नटकुर नहर चौराहा से स्कूटर इंडिया चौराहा की ओर नहीं जा सकेंगे। ये नटकुर नहर चौराहा से दाएं हाइडि्रल तिराहा होते हुए लखनऊ की ओर जा सकेगा। वहीं, नटकुर नहर चौराहा से बाएंं किसान पथ होकर कानपुर की ओर जा सकेंगे।
– लखनऊ की ओर से आने वाले हल्के वाहन जिन्हें बिजनौर थाना चौराहा की ओर जाना है वे स्कूटर इंडिया चौराहा की ओर नहीं जा सकेंगे। ये हाइडि्रल तिराहे से बाएं नटकुर नहर चौराहा होकर जा सकेंगे।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिया जवाब, क्यों मिले थे मंगेश यादव के परिवार से?

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी पुलिस फर्जी एनकाउंटर कर रही है। मंगेश यादव को घर से उठाकर मारा गया था। मैं सच्चाई जानने के लिए उनके परिवार से मिला था। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस साजिश करने और एनकाउंटर करने का काम कर रही है। पुलिस को दिए गए मंगेश के परिवार के बयान पर उन्होंने कहा कि पुलिस के डर से कोई भी कुछ भी बयान दे सकता है।

अखिलेश यादव शनिवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। सपा मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्यकारों, कवियों और पत्रकारों को सम्मानित को सम्मानित किया।

संतों के विवादित बयानों को लेकर दिया जवाब…
अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि अयोध्या में संतों ने उनके बयान पर नाराजगी जताई है। अखिलेश यादव ने कल आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बयान दिया था कि मठाधीश और माफिया एक ही जैसे होते हैं। इस उन्होंने कहा कि जब किसी नेता ने नारा दिया था कि …इनको मारो जूते चार तो इन लोगों ने क्यों नाराजगी नहीं जताई थी।

राजनीति को बदलने वाला था सपा-बसपा गठबंधन
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन देश की राजनीति को बदलने वाला था लेकिन हमें धोखा मिला। ये बात बहुत छोटी है कि किसने किसका फोन नहीं उठाया। जिस समय मुझे गठबंधन टूटने की सूचना मिली उस समय बसपा के एक नेता मेरे साथ मंच पर बैठे थे। मैंने उनसे पूछा कि गठबंधन क्यों तोड़ा? तो उन्होंने कहा कि हमें और आपको दोनों को धोखा मिला है।

जम्मू-कश्मीर में सपा के चुनाव लड़ने पर दिया बयान
अखिलेश यादव ने कहा कि कश्मीर में 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी वहां चुनाव लड़ रही है। राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनने के लिए छोटे राज्यों में अच्छे मौके मिलते हैं। वहीं, अयोध्या में भाजपा नेताओं पर लगाए गए जमीन कब्जे के आरोपों पर उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ऐसा हो रहा है। इनके नेता केवल जमीन ही नहीं तालाब तक पर कब्जा कर ले रहे हैं।

‘मैं आपकी दीदी बनकर आई हूं, सीएम नहीं’, डॉक्टरों के धरनास्थल पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

कोलकाता :  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से मिलने स्वास्थ्य भवन पहुंचीं। इस दौरान डॉक्टरों ने हमें न्याय चाहिए के नारे लगाए। ममता बनर्जी ने कहा कि वह यहां दीदी के तौर पर डॉक्टरों से मिलने आई हैं। बता दें कि गुरुवार को डॉक्टरों का एक दल बैठक के लिए नबन्ना पहुंचा था, लेकिन यह बैठक नहीं हो पाई थी। ममता बनर्जी ने बताया कि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए। इसके बाद कहा कि वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

ममता बनर्जी ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर गौर करेंगी और कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने आगे कहा, मैं यहां आपसे मुख्यमंत्री नहीं बल्कि दीदी के तौर पर मिलने आई हूं। मैं खुद छात्र आंदोलन करके आगे आई हूं, मैंने अपने जीवन में भी बहुत संघर्ष किया है, मैं आपके संघर्ष को समझती हूं। मुझे मेरे पद की चिंता नहीं है। कल रात भर बारिश हुई आप यहां विरोध पर बैठे थे मैं रात भर परेशान रही।

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, आपकी मांगों को आपसे सुनने के बाद मैं उसका अध्ययन करूंगी। मैं अकेले सरकार नहीं चलाती, मैं आपकी मांगों का वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अध्ययन कर समाधान ज़रूर निकालूंगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सज़ा ज़रूर मिलेगी। मैं आपसे थोड़ा समय मांग रही हूं। आपके(विरोध कर रहे डॉक्टरों के) खिलाफ राज्य सरकार कोई एक्शन नहीं लेगी। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप काम पर वापस लौंटे। अस्पताल के विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा से जुड़े सभी काम शुरू कर दिए गए हैं और आगे भी किए जाएंगे। जब सीपीआईएम सत्ता में थी तब मैं 26 दिनों के लिए भूख हड़ताल पर थी। यह मेरा आखिरी प्रयास है और मैं आपसे वादा करती हूं कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा।

‘हिंदी-क्षेत्रीय भाषाओं में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं’, अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में बोले अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज चौथे अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। उन्होंने इस सम्मेलन में हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है। अमित शाह ने हिंदी को सभी क्षेत्रीय भाषाओं का दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि हिंदी और सभी क्षेत्रीय भाषा एक-दूसरे के पूरक हैं।

अमित शाह ने कहा, “कई लोगों का कहना है कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है, क्योंकि हिंदी सभी क्षेत्रीय भाषाओं की दोस्त है। हिंदी और क्षेत्रीय भाषाएं एक दूसरे के पूरक हैं। हमने फैसला किया कि हम हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के बीच संबंधों को मजबूत बनाएंगे। प्रत्येक लेख, भाषण या साहित्यिक कृति जो हिंदी में है, उन सभी का अनुवाद क्षेत्रीय भाषाओं में किया जाएगा और इसके विपरीत क्षेत्रीय भाषाओं का अनुवाद हिंदी में होगा। मुझे लगता है कि यह समय की मांग है।”

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से दुनिया को हिंदी में संबोधित कर हिंदी के प्रति स्वीकार्यता बढ़ाई है। उन्होंने आगे कहा, “जब अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र को हिंदी में संबोधित किया था तो पूरी दुनिया आश्चर्यचकित हो गई थी। आज हम संयुक्त राष्ट्र की भाषा और 10 से अधिक देशों की दूसरी प्रमुख भाषा बन गए हैं। हिंदी अब अंतरराष्ट्रीय भाषा बनने की राह में है।”

बता दें कि इससे पहले अमित शाह ने आज हिंदी दिवस के मौके पर खास संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमारे सभी राज्यों की भाषाओं के लिए हिंदी बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंदी और स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है।

‘संवेदनशील सूचना के चलते उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में हो रही देरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि सरकार के पास मौजूद संवेदनशील जानकारी के चलते उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी हो रही है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से कुछ इनपुट मिले हैं, जो संवेदनशील प्रकृति के हैं।

अटॉर्नी जनरल ने सीलबंद लिफाफे में दी जानकारी
अटॉर्नी जनरल ने अदालत में कहा कि ‘इन मुद्दों को सार्वजनिक करना न तो संस्थान के हित में होगा और न ही इसमें शामिल न्यायाधीशों के हित में।’ अटॉर्नी जनरल ने इनपुट और सुझाव वाला एक सीलबंद लिफाफा पीठ के अवलोकन के लिए सौंपा। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 20 सितंबर को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस याचिका में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर एक तय समय सीमा में फैसला लेने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में की गई हैं ये मांगें
याचिका में कहा गया है कि ‘न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को अधिसूचित करने के लिए समय सीमा तय नहीं होने से सरकार मनमाने ढंग से नियुक्तियों को अधिसूचित करने में देरी करती है। इससे न्यायिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात होता है। साथ ही संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ती है और न्यायालय की गरिमा और बुद्धिमत्ता का अपमान होता है। याचिका में ये भी कहा गया है कि यदि किसी नाम पर आपत्ति नहीं की जाती है या निश्चित समय अवधि के अंत तक नियुक्तियों को अधिसूचित नहीं किया जाता है, तो ऐसे न्यायाधीशों की नियुक्तियों को अधिसूचित माना जाना चाहिए।

‘केरल के कितने सांसदों ने गांवों को गोद लिया और उनका विकास सुनिश्चित किया’, सुरेश गोपी ने किया सवाल

तिरुवनंतपुरम:  केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने शनिवार को सवाल किया कि केरल में कितने सांसदों ने गांवों को गोद लिया और उनका विकास सुनिश्चित किया, जैसा कि केंद्र ने यहां वेल्लायनी में किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत का मतलब लोगो की मदद करना होना चाहिए।

‘सांसदों ने वर्षों तक नहीं किया वेल्लायनी का विकास’
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने यह भी दावा किया कि तिरुवनंतपुरम से चुनाव जीतने वाले किसी भी सांसद ने वर्षों से वेल्लायनी के विकास के लिए कुछ नहीं किया। गांव में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए गोपी ने कहा कि जब वह राज्यसभा सांसद थे, तो उन्होंने गांव में बुनियादी सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुनिश्चित करने की पहल की थी।

‘चुनाव जीतने का मतलब जनता के लिए काम करना’
गोपी ने कहा, राज्य में कितने सांसद कह सकते हैं कि उन्होंने एक गांव को गोद लिया और उसका बुनियादी विकास सुनिश्चित किया और गांव की प्रकृति को बनाए रखा, उसे एक कंक्रीट के जंगल में नहीं बदला? उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने का मतलब केवल सत्ता में आना नहीं है, बल्कि इसका मकसद लोगों की भलाई के लिए काम करना होना चाहिए।

‘नए विश्व स्तरीय पर्यटक स्थल अब समय की की जरूरत’
उदाहरण के तौर पर गोपी ने बताया कि कैसे उन्होंने एक गांव में विकास की पहल की और गांव की पारंपरिक खूबसूरती और ग्रामीण पहचान बनाए रखी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में और अधिक पर्यक स्थलों का निर्माण करने की जरूरत और उन्हें विश्व स्तरीय स्थलों के रूप में पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए पर्यटक स्थल अब समय की जरूरत है।