Saturday , November 23 2024

देश

मृतका के पिता के रिश्वत वाले आरोप पर सियासत, BJP बोली- क्या छिपाने रही ममता? कांग्रेस का प्रदर्शन

कोलकाता :  आरजी कर केस में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, पीड़िता के पिता ने आज देश के सामने जो सवाल रखे हैं, वे सबसे महत्वपूर्ण हैं, पीड़िता के पिता का कहना है कि जब पीड़िता का शव उनके घर में था, तब डीसी नॉर्थ ने उन्हें पैसे ऑफर किए थे।

उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया, एक प्रशासक ने उन्हें पैसे ऑफर करने की कोशिश की। जब कोई व्यक्ति कुछ छिपाने की कोशिश करता है तो वह भ्रष्ट हो जाता है, ऐसा क्या छुपाना था कि ममता बनर्जी की सरकार ने डीसी को भेजकर पीड़िता के पिता को पैसे ऑफर किए? ऐसा क्या था जिसे प्रशासन छुपाने की कोशिश कर रहा था?

कांग्रेस कार्यकर्ताओं पुलिस ने हिरासत में लिया
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल दुष्कर्म-हत्या मामले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।

राजाबाजार साइंस कॉलेज के छात्रों का प्रदर्शन
कोलकाता में राजाबाजार साइंस कॉलेज के छात्रों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की।

दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए लागू होगा एमआईएस मॉड्यूल, सुप्रीम कोर्ट ने मानीं CEC की सिफारिशें

नई दिल्ली: दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने और प्रदूषण नियंत्रण के लिए एमआईएस मॉड्यूल लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की सिफारिशों के एक सेट को स्वीकार कर लिया है। इस मॉड्यूल में परियोजनाओं के लिए काटे गए पेड़ों की संख्या, स्थानांतरित किए गए पेड़ों की संख्या और उनके स्थान पर किए गए पौधरोपण का पूरा डाटा शामिल होगा। शीर्ष अदालत ने ग्रीन कवर बढ़ाने और इसके लिए एक तंत्र विकसित करने से जुड़े मामले की सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई रिपोर्ट में केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए एक अनुकूलित प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) मॉड्यूल बनाने की सिफारिश की है। इसमें कोर्ट की ओर से दिल्ली रिज से जुड़े मुद्दों पर जारी किए गए आदेशों के पालन के लिए परियोजनाओं का निर्माण करने वालों को नियमित आधार पर डाटा अपलोड करना होगा। न्यायमूर्ति एएस ओका और एजी मसीह की पीठ ने समिति की रिपोर्ट को लेकर कहा कि हम सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सीईसी को कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं। पीठ ने कहा कि उम्मीद है कि दिल्ली सरकार ने वृक्ष प्राधिकरण की शक्तियों का प्रयोग बंद कर दिया है। पहले सरकार इसकी शक्ति का प्रयोग कर रही थी।

सीईसी ने सिफारिश की है कि परियोजना जारी करने वालों को एमआईएस पर अपलोड किए जाने वाले डाटा में परियोजनाओं का विवरण, काटे जाने वाले या स्थानांतरित किए जाने वाले पेड़ों की संख्या और प्रजातियां, प्रासंगिक अदालत के आदेशों के साथ-साथ अनुपालन की जाने वाली शर्तों, पौधरोपण और उसके बाद रखरखाव गतिविधियों की जानकारी दर्ज करनी होगी। साथ ही परियोजनाओं का निर्माण करने वालों को परियोजनाओं के लिए पेड़ काटने की अनुमति देते समय अदालत की शर्तों का पालन करने के लिए छह महीने की छूट मिलेगी। तब तक उनके नए प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जाएगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यदि परियोजना प्रस्तावक आवंटित छूट अवधि के बाद भी शर्तों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो शीर्ष अदालत उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है। पीठ ने कहा कि सीईसी ने 15 ऐसे मामले बताए, जहां अदालत ने विभिन्न शर्तों के अनुपालन के अधीन पेड़ों की कटाई की अनुमति दी है। हालांकि, शर्तों का पालन नहीं किया गया।

‘CBI करे शिवसेना के पूर्व पार्षद की हत्या की जांच’; हाईकोर्ट ने कहा- पुलिस जांच में लापरवाही

मुंबई:  बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व शिवसेना पार्षद अभिषेक घोसालकर की हत्या की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी। अदालत ने बताया कि पुलिस ने कुछ पहलुओं की जांच नहीं की। जस्टिस रेवती रेवती मोहिते डेरे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मृतक पार्षद की पत्नी तेजस्वी घोसालकर की याचिका को स्वीकार कर लिया। उन्होंने अपनी याचिका में पुलिस जांच पर चिंता जताते हुए सीबीआई जांच की अपील की।

पीठ ने कहा कि पुलिस ने कुछ पहलुओं पर जांच नहीं की। अदालत ने कहा, “इस तरह की चूक के बाद पुलिस को जांच जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, इससे न्याय मिलने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।”

बता दें कि स्थानीय व्यापारी मौरिस नोरोंहा ने आथ फरवरी को फेसबुक के लाइव सत्र के दौरान घोसालकर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के तुरंत बाद नोरोंहा ने खुद को भी गोली मार ली थी। पुलिस ने बाद में नोरोंहा के बॉडीगार्ड अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। दरअसल, इस घटना में बॉडीगार्ड के बंदूक का इस्तेमाल किया गया था।

पुलिस ने दावा किया था कि नोरोंहा घोसालकर से कई मुद्दों पर नाराज थानोरोंहा का मानना था कि उनके ऊपर लगे दुष्कर्म के आरोप में और उनकी राजनीतिक करियर को खत्म करने के पीछे घोसालकर का हाथ था।

तीन दिन में भाजपा से जुड़े एक करोड़ सदस्य; पार्टी बोली- यह तो बस शुरुआत है…

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को सदस्यता अभियान 2024 के तहत तीन दिन में एक करोड़ सदस्यों का पंजीकरण पूरा कर लिया है। पार्टी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘एक करोड़ और गिनती जारी है, यह तो बस शुरुआत है…। पोस्ट के जरिए बताया गया कि हम एक अविश्वसनीय मील के पत्थर तक पहुंच गए हैं। हालांकि, अभी यह शुरुआत है। दरअसल, 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सदस्यता का नवीनीकरण कर भाजपा के 2024 सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी।

इस बीच केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा ने गुरुवार को पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को भाजपा सदस्यता प्रमाण-पत्र सौंपा। इससे पहले भाजपा प्रमुख ने पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम के साथ गुरुवार को पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी भाजपा सदस्यता प्रमाण-पत्र सौंपा था।

हर छह साल में नए सदस्यों को जोड़ने के लिए अभियान चलाती है
इससे पहले नड्डा ने सोमवार को राजनाथ सिंह और अमित शाह जैसे केंद्रीय मंत्रियों सहित अपने वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ताजा सदस्यता अभियान के तहत सबसे पहला सदस्य बनाया था। पार्टी अपने मौजूदा सदस्यों की सदस्यता को नवीनीकृत करने और अपने संविधान के अनुरूप हर छह साल में नए सदस्यों को जोड़ने के लिए अभियान चलाती है।

लालकृष्ण आडवाणी पर नड्डा ने क्या कहा?
नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और हमारे आदर्श लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय सदस्यता अभियान’ के तहत नई दिल्ली में उनके आवास पर सदस्यता नवीनीकरण की एक प्रति दी।’ उन्होंने कहा कि ‘संगठन के प्रति आपका अटूट समर्पण सराहनीय है और यह हमें हमेशा प्रेरित करता है।

मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में बम हमला, फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं

इंफाल: मणिपुर में संदिग्ध उग्रवादियों ने शुक्रवार सुबह फिर एक बम हमले को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में एक ताजा बम हमला किया गया, जिसमें कम से कम दो इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। बताया गया कि चूड़ाचंदपुर जिले के नजदीकी पहाड़ी इलाकों में ऊंचे स्थानों से रॉकेट भी दागे गए। इलाका राजधानी इंफाल से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित है। हमलों में ट्रोंगलाओबी के निचले आवासीय इलाकों को निशाना बनाया गया।

पुलिस ने बताया कि रॉकेट की रेंज 3 किलोमीटर से अधिक होने का अनुमान है। गनीमत रही कि हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि, पुलिस ने बताया कि बम विस्फोट के कारण एक स्थानीय सामुदायिक हॉल और एक खाली कमरा क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा संदिग्ध उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले की ओर भी कई राउंड फायरिंग भी की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गुरुवार की रात ट्रोंगलाओबी से कुछ किलोमीटर दूर स्थित कुम्बी गांव में जमीन से 100 मीटर से भी कम ऊंचाई पर कई ड्रोन मंडराते देखे गए। इससे इलाके में तनाव बढ़ गया है।

कर्नाटक में हजार करोड़ के घोटाले का आरोप, इस बार भाजपा सरकार निशाने पर

बंगलूरू:  कर्नाटक में इन दिनों घोटालों का मुद्दा छाया हुआ है। MUDA और वाल्मिकी कॉरपोरेशन घोटाले को लेकर कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार विपक्ष के निशाने पर है। अब कर्नाटक में एक नए घोटाले के आरोप लग रहे हैं और इस बार निशाने पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार है। दरअसल कोरोना महामारी के दौरान फंड में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। इस कथित घोटाले में जस्टिस जॉन माइकल डी कुन्हा ने सरकार को एक प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट पर गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में चर्चा भी हुई।

एक हजार करोड़ की हेराफेरी का आरोप
कोरोना के समय कर्नाटक में भाजपा की बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे, ऐसे में कोरोना फंड में गड़बड़ी का आरोप पूर्व की भाजपा सरकार पर लग रहा है। आरोप है कि करोड़ों रुपये के फंड की कथित हेराफेरी की गई। मीडिया रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि जस्टिस कुन्हा की समिति को घोटाले से जुड़ी कई फाइलें गायब मिली हैं। राज्य में कोरोना के दौरान कुल 13 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए थे। हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई आंकड़ा नहीं बताया गया है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि कोरोना फंड में से करीब एक हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।

घोटाले की जांच रिपोर्ट को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी पेश किया जा सकता है। वहीं सरकार ने जस्टिस कुन्हा समिति का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया है ताकि अंतिम रिपोर्ट पेश की जा सके। एक हजार पन्ने की जस्टिस कुन्हा समिति की रिपोर्ट का अब सरकारी अधिकारियों द्वारा विश्लेषण किया जाएगा और एक महीने के भीतर सरकार को पेश किया जाएगा।

सिद्धारमैया सरकार के लिए वरदान बनी कुन्हा समिति की रिपोर्ट
कुन्हा रिपोर्ट को कांग्रेस और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए एक वरदान के रूप में देखा जा रहा है, जिन्हें भाजपा MUDA घोटाले में घेरने की कोशिश कर रही है। सिद्धारमैया ने मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। वहीं कोविड फंड के कथित घोटाले को लेकर आरोप लग रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने बदले की भावना के तहत यह आरोप लगाए हैं। इस पर कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा कि मुडा घोटाला दो महीने से भी कम पुराना है, जबकि कोरोना फंड में गड़बड़ी की जांच के लिए एक साल पहले कुन्हा समिति को नियुक्त किया गया था। कथित MUDA घोटाला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण या MUDA द्वारा भूमि आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। आरोप लगाए गए हैं कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मुआवजे के तौर पर आवंटित की गई भूमि, बदले में दी गई भूमि के मूल्य से कहीं ज़्यादा है।

‘गुजरात की कृषि सफलता दूसरे राज्यों के लिए मिसाल’, पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा

नई दिल्ली:  गुजरात के कृषि क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। यह महज गुजर-बसर करने वाली अर्थव्यवस्था से अब विविधतापूर्ण और बाजार-उन्मुख अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो गया है। गुजरात की कृषि सफलता अन्य भारतीय राज्यों के लिए एक आदर्श है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने बुधवार को गुजरात के सरदार पटेल विश्वविद्यालय में कृषि-आर्थिक अनुसंधान केंद्र (एईआरसी) के स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए यह बात कही।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि गुजरात का कृषि और संबद्ध क्षेत्र 9.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जबकि भारत का औसत 5.7 प्रतिशत है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने में गुजरात की सफलता की भी सराहना की। कृषि महोत्सव और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी पहलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात देश का पहला राज्य था, जिसने मृदा स्वास्थ्य कार्ड पेश किया।

उच्च उपज देने वाली किस्मों और जैव प्रौद्योगिकी में राज्य की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, मिश्रा ने बीटी कॉटन अपनाने में गुजरात की महत्वपूर्ण प्रगति का जिक्र किया, जिससे अधिक उपज हुई और खास कर शुष्क क्षेत्रों में कीटनाशकों के उपयोग में कमी आई। उन्होंने जैविक खेती में गुजरात के नेतृत्व की भी प्रशंसा की, जिसमें बीज महोत्सव, जैविक खाद्य महोत्सव और जैविक किसानों के द्विवार्षिक सम्मेलन जैसी गतिविधियां शामिल हैं। हाल ही में, राज्य ने प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाया है।

टीबी से डेंगू तक, इस वर्ष आठ टीकों के परीक्षण को मंजूरी; संक्रामक रोगों के खिलाफ सरकार का जोर

कोरोना महामारी में सफलता के बाद सरकार ने अब टीका विज्ञान से अन्य संक्रामक रोगों से भी निपटने का फैसला लिया है। सरकार की इसी टीका नीति के तहत इस साल आठ नए टीकों के परीक्षण को मंजूरी मिली है, जिनमें टीबी से लेकर डेंगू संक्रमण तक शामिल हैं।

इन आठ में से चार ऐसे टीके हैं, जिनका परीक्षण अंतिम चरण में है। यह पूरा होने के बाद देश के करोड़ों लोगों को इनका लाभ मिल सकता है। इसमें निमोनिया और आरएसवी जैसे वायरस के खिलाफ भी टीके शामिल हैं। अनुमान है कि अगले एक से दो साल में यह सभी परीक्षण पूरे होंगे। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सरकार के साथ साझा रिपोर्ट में बताया है कि इस साल जनवरी से लेकर अगस्त माह के बीच कुल छह फार्मा कंपनी को आठ अलग-अलग टीकों पर परीक्षण की अनुमति दी है। यह फैसला सरकार के नौ सदस्यीय विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) की सिफारिश पर लिया गया।

इन बीमारियों पर होगा वार
हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई कंपनी को डिप्थीरिया, टिटनस, पर्टुसिस (संपूर्ण कोशिका), हेपेटाइटिस बी (आरडीएनए), निष्क्रिय पोलियोमाइलाइटिस और हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा प्रकार बी के टीका पर दूसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दी है। इसी कंपनी को न्यूमोकोकल पॉलीसेकेराइड का टीका बनाने की मंजूरी भी मिली है जो न्यूमोकोकल रोग से बचाव कर सकती है। यह बीमारी न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होती है जो फेफड़ों का संक्रमण है। इसी तरह सरकार ने पेनेसिया बायोटेक कंपनी को डेंगू रोधी टीका पर तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी दी है।

टीबी के खिलाफ लंबे समय से जंग : टीबी संक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार पिछले काफी समय से बीसीजी टीके को लेकर काम कर रही है। इसके तहत हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी को बीसीजी टीका का टीबी रोग से बचाव के लिए परीक्षण की अनुमति दी है। परीक्षण के प्रारंभिक परिणामों के आधार पर सीडीएससीओ ने तीसरे चरण के परीक्षण को भी शुरू करने की अनुमति दी है।

ज्यादा दिन नहीं टिकेगा आरएसवी वायरस : सीडीएससीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर साल रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यह फेफड़ों और श्वसन पथ में संक्रमण का कारण बनता है। सरकार की टीका नीति सूची में यह भी शामिल है, जिसके लिए जीएसके कंपनी को तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दी है।

ऑनलाइन गेमिंग नियामक की सख्त जरूरत, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में सिफारिश

नई दिल्ली:  तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन गेमिंग के लिए इस समय एकीकृत नियामक की सख्त जरूरत है। गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (जीएनएलयू) ने रिपोर्ट में सरकार से इसकी सिफारिश की है। इससे यूजर्स की सुरक्षा की जा सकेगी। किसी भी उभरती हुई तकनीक की तरह इस क्षेत्र के तेज विस्तार ने ग्राहकों की सुरक्षा और वित्तीय जोखिमों से संबंधित चुनौतियां पैदा कर दी है।

जीएनएलयू की रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के आर्थिक विकास की क्षमताओं व यूजर्स की सुरक्षा के बीच संतुलन की जरूरत है। जीएनएलयू के निदेशक डॉ. संजीवी शांताकुमार ने कहा, यह रिपोर्ट व्यापक शोध एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से विमर्श के आधार पर तैयार की गई है। इसमें की गई सिफारिशें अगर लागू होती हैं तो भारत में इस उद्योग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

भरत में 50 करोड़ से ज्यादा गेमर्स हैं। चीन के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा यूजर्स वाला देश है। बावजूद इसके यूजर्स की सुरक्षा को लेकर कोई तैयारी नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ निदेशक (साइबर लॉ एंड डाटा गवर्नेंस) राकेश माहेश्वरी ने कहा, इस रिपोर्ट से भारत में ऑनलाइन गेमिंग के नियमन को लेकर नया पहलू सामने आया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स को ऐसे साधन देकर मजबूत करना चाहिए, जिनसे वे अपनी गेमिंग को नियंत्रित कर सकें।

अखिलेश यादव बोले- बुलडोजर दिमाग से नहीं स्टेयरिंग से चलता है, जनता स्टेयरिंग बदल देगी

लखनऊ:सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि बुलडोजर के पास दिमाग नहीं होता है वो स्टेयरिंग से चलता है। जनता कब स्टेयरिंग बदल दे कोई नहीं जानता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली वाले कब स्टेयरिंग बदल दें कोई नहीं जानता है। बता दें कि बुधवार को एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था कि बुलडोजर पर हर एक का हाथ फिट नहीं हो सकता। इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए। उन्होंने कहा कि जिसमें बुलडोजर जैसी क्षमता और दृढ़ प्रतिज्ञा हो, वही बुलडोजर चला सकता है। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे।

अखिलेश यादव बुधवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जिस तरह से बुलडोजर चलाया है उससे अब बुलडोजर नहीं चल सकता है। कोर्ट ने कहा है कि यह संवैधानिक नहीं है तो क्या वो अब माफी मांगेंगे। लखनऊ के होटल में आग लगी थी तब क्या बुलडोजर की चाबी खो गई थी। वहीं, अपने बयान कि सत्ता में आने पर बुलडोजर का रुख गोरखपुर की तरफ मोड़ देंगे… पर अखिलेश ने कहा कि इसमें गलत क्या है? जितनी भी गैर कानूनी इमारतें बनी हैं उन पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया जा रहा है? लखनऊ के होटल में आग लगी थी तब क्या बुलडोजर की चाबी खो गई थी।

शिक्षकों के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है सरकार
69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर अखिलेश यादव ने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा कोई परेशान हैं तो वो शिक्षक हैं। हाईकोर्ट ने सूची रद्द कर दी है अब सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रही है।