Saturday , November 23 2024

देश

भारत में मंकीपॉक्स का खौफ, एक संदिग्ध को किया गया आइसोलेट, स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट

नई दिल्ली: दुनिया के कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे हैं। अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ ये वायरल संक्रमण यूएस-यूके सहित कई एशियाई देशों में भी बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भारत में भी मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध रोगी मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर जानकारी दी है। हालांकि संदिग्ध रोगी के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी है। मंत्रालय ने बताया कि संदिग्ध ने हाल ही में मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे एक देश की यात्रा की थी। फिलहाल उसे मंकीपॉक्स के लिए तय किए गए एक अस्पताल में आइसोलेट किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध रोगी की हालत स्थिर है। एमपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि उसके लक्षण एनसीडीसी द्वारा पहले से बताए गए लक्षणों के अनुरूप ही हैं।मंत्रालय ने यह भी कहा कि इसे लेकर पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है। और सभी प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जा रहा है। देश ऐसे अलग यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

गौरतलब है कि इस वायरल जूनोटिक रोग से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांगो में अब तक 18 हजार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि कम से कम 610 लोगों की इससे जान जा चुकी है।

मंकीपॉक्स संक्रमण को चूंकि कई मामलों में गंभीर और जानलेवा माना जाता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित’ कर दिया था। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी बीते दिनों अलर्ट जारी किया गया है, फिलहाल यहां अब तक संक्रमण के मामले सामने नहीं आए थे।

नए स्ट्रेन के कारण बढ़ रहा है संक्रमण
हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आईबी’ को जिम्मेदार माना है। विशेषज्ञों ने कहा इस बात की गंभीर चिंता है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन पैदा कर रहा है। यह उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है जहां अब तक एमपॉक्स का खतरा नहीं था।

मशहूर होने की चाह में उठाया खतरनाक कदम, रील बनाने के लिए युवक ने मुंह में रखा कोबरा और फिर…

हैदराबाद:  इंटरनेट पर मशहूर होने की चाहत में तेलंगाना के एक युवक के खतरनाक कदम उठाया। युवक ने रील बनाने के लिए कोबरा को मुंह में रख लिया। इसके बाद कोबरा ने युवक को डस लिया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

तेलंगाना के कामारेड्डी जिले के देसीपेट गांव निवासी 20 वर्षीय शिवराज और उसके पिता सांपों को मारकर अपना जीवन यापन करते हैं। उन्होंने एक कोबरा को पकड़ा। इसके बाद शिवराज के पिता ने उससे कहा कि वह सांप को मुंह में रखे और वीडियो बनाए।

वायरल वीडियो के मुताबिक शिवराज ने बीच सड़क पर खड़े होकर कैमरे की ओर हाथ जोड़े और एक हाथ में सांप को पकड़ा। इसके बाद शिवराज ने अपने बालों में हाथ फेरा और सांप को अपने मुंह में रखा। इस दौरान गुस्साए कोबरा ने उसको डस लिया। इससे शिवराज की मौत हो गई।

रील पर यूजर ने टिप्पणी की कि लोग अपनी जिंदगी के प्रति इस कदर लापरवाह हो गए हैं। लोकप्रियता पाने के लिए वह अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

जूनियर डॉक्टर की हत्या को लेकर प्रदर्शन; आज फिर ‘रिक्लेम द नाइट’ का आह्वान, पहुंचेंगे हजारों लोग

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या का विरोध थम नहीं रहा है। न्याय की मांग को लेकर लोग लगातार सड़कों पर उतर रहे हैं। रविवार को एक बार फिर हजारों लोग रिक्लेम द नाइट प्रदर्शन में भाग लेकर डॉक्टर की हत्या का विरोध करेंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता रिमझिम सिन्हा ने बताया कि संगीतकार, कलाकार, चित्रकार और अभिनेताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोग सरकार को जगाने के लिए रविवार रात 11 बजे ‘रिक्लेम द नाइट’ प्रदर्शन में शामिल होंगे। इस दौरान लोग विभिन्न चौराहों, तिराहों और गोल चक्करों पर एकत्र होंगे।

बताया गया कि दक्षिण कोलकाता में एससी मल्लिक रोड पर गोल पार्क से गरिया तक कई सभाएं होंगी, वहीं उत्तर में बीटी रोड पर सोदपुर से श्यामबाजार तक मार्च निकाला जाएगा। कोलकाता के अलावा, बैरकपुर, बारासात, बजबज, बेलघरिया, अगरपारा, दमदम और बागुईआटी में भी प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। इससे पहले दोपहर में 44 स्कूलों के पूर्व छात्र गरियाहाट से दक्षिण कोलकाता के रासबिहारी एवेन्यू तक विरोध मार्च निकालेंगे।

‘रिक्लेम द नाइट’ प्रदर्शन पहले 14 अगस्त और 4 सितंबर को हुआ था। इसमें विभिन्न संगठनों के लोगों ने जूनियर डॉक्टर की हत्या को लेकर प्रदर्शन किया था।

बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। इस घटना के संबंध में संजय रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। वहीं मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है।

डॉक्टर की हत्या के बाद पूरे देश में डॉक्टरों ने हड़ताल की थी। इसके बाद लगातार पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग प्रदर्शन के दौरान जूनियर डाॅक्टर को न्याय देने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।

चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं पर आर्मी मजबूत और पूरी तरह तैयार, सेना उप-प्रमुख का बयान

चेन्नई: भारतीय सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमनी ने कहा है कि भारतीय सेना पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं पर मजबूत और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। सेना उप-प्रमुख शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए उक्त बात कही।

सेना को मिले 297 अधिकारी
सेना उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमनी ने कहा कि ‘भारतीय सेना हमेशा नई चुनौतियों के लिए तैयार है। दोनों सीमाओं पाकिस्तान और चीन पर हम मजबूत हैं और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।’ चेन्नई स्थित ओटीए में परमेश्वरन ड्रिल स्कवायर में मिलिट्री परेड के बाद सेना को 297 अधिकारी मिल गए। इनमें से शॉर्ट सर्विस कमीशन के पुरुष अधिकारियों का 118वां बैच और 18वां महिला अधिकारियों का बैच शामिल हैं। पासिंग आउट परेड में मित्रवत देशों के दस कैडेट अधिकारियों और पांच कैडेट अधिकारियों (महिला) ने भी सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा किया।

थल सेना उपप्रमुख ने अपने संबोधन में कैडेट अधिकारी और ओटीए कर्मियों की अनुकरणीय उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘आपको जल्द ही दुनिया के कुछ बेहतरीन सैनिकों की कमान संभालने का सौभाग्य प्राप्त हुआ होगा। ये सैनिक आपकी सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं। अब आपको उनके जीवन और कल्याण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए, अपनी कमान को युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कुशल, अनुशासित और धैर्यवान बनाएं।’

उपराष्ट्रपति ने कहा, 3 वर्ष में सैनिक स्कूल बनाकर CM योगी ने किया चमत्कारिक काम

गोरखपुरउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बताते हुए यहां 2017 के बाद आए बदलाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में बनी भारत की अलग और सशक्त पहचान में उत्तर प्रदेश की गुणात्मक भागीदारी है।

उन्होंने 2047 तक ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को लेकर जारी अभियान में सबसे योगदान देने की अपील करते हुए कहा कि विकसित भारत के हवन में हरेक व्यक्ति को आहुति देनी चाहिए क्योंकि हम देश के लिए जितना भी कर सकें कम है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ शनिवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ भी उपस्थित थीं। उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आए परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के बाद यूपी में शिक्षा, चिकित्सा, उद्यमिता तथा अन्य क्षेत्रों में गुणात्मक वृद्धि हुई है।

जबकि 2017 के पहले यह प्रदेश डर की चपेट में था। कानून व्यवस्था ठीक नहीं थी, आम आदमी परेशान रहता था। कई पहलुओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक स्कूल गोरखपुर को मात्र तीन वर्ष में पूरा करवाकर योगी जी ने शानदार और चमत्कारिक कार्य कर दिखाया है।

भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बना फूलपुर विधानसभा का उपचुनाव, सीएम योगी ने संभाली कमान

प्रयागराज:फूलपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर भाजपा से बढ़त लेनी वाली सपा उपचुनाव में भी कड़ी टक्कर देती दिखाई दे रही है।

भारतीय जनता पार्टी के लिए इस विधानसभा का उपचुनाव किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं है। इसी वजह से पार्टी ने जहां पिछले दिनों ही डिप्टी सीएम केशव को इस सीट का प्रभारी बना दिया तो वहीं अब सीएम योगी ने भी ड्राइविंग सीट संभाल ली है। क्योंकि यह चुनाव 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

प्रदेश में अभी तक उपचुनावों की तिथि का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी पार्टियां जीत के लिए जोर लगाना शुरू कर चुकी हैं। भाजपा अयोध्या की मिल्कीपुर और फूलपुर विधानसभा सीट किसी भी कीमत पर जीतना चाह रही है। बुधवार को सीएम योगी इफको परिसर फूलपुर पहुंचे तो उन्होंने तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ देने के साथ ही अपने आक्रामक अंदाज में चुनावी माहौल बनाने का पूरा प्रयास भी किया।

वहीं, इंडी गठबंधन भी लोकसभा चुनाव की जीत को उपचुनावों में भी कायम रखने का दम भर रहा है। लोकसभा का चुनाव भले ही प्रवीण पटेल मामूली अंतर से चुनाव जीत गए हो लेकिन वह अपनी विधानसभा सीट पर बुरी तरह से हारे। यहां भाजपा को 89650 तो सपा प्रत्याशी को 107510 मत मिले। यानी इस सीट से सपा ने 17860 की लीड ली थी। अगर लोकसभा वाला परिणाम आया तो भाजपा के हाथ से यह सीट फिसल जाएगी। पिछले दो विधानसभा चुनाव से भाजपा यहां से चुनाव जीत रही है, जबकि उसके पूर्व 2012 में सपा तो 2007 में बसपा चुनाव जीती थी।
फूलपुर के 10647 युवाओं को दिए टैबलेट और स्मार्ट फोन

युुवाओं को अपने पाले में करने के लिए भाजपा यहां पूरी तन्मयता से जुटी है। बुधवार को इफको परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सरकार ने टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण के लिए सर्वाधिक युवा इसी विधानसभा के चुने। 15448 में से इस विधानसभा के 10647 लाभार्थी रहे। इतना ही नहीं, जिले में जिन 407 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ उसमें 146 योजनाएं सिर्फ फूलपुर विधानसभा की ही रहीं।

2022 में भी भाजपा प्रत्याशी की जीत की मार्जिन कम थी

2022 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा महज 2700 वोट से ही चुनाव जीत सकी थी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब केशरी देवी पटेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था तो उन्होंने 110137 वोट हासिल किए, जबकि सपा प्रत्याशी 99553 मत ही हासिल कर सके थे।

देश में गणेश चतुर्थी की धूम, जोर-शोर से कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया बप्पा का स्वागत

नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तर भारत में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा। 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग अपने घर में गणपति बप्पा का स्वागत जोर-शोर से कर रहे हैं। वहीं, राजनीति से उठकर नेता भक्तिमय माहौल में लीन दिख रहे हैं।

मंदिरों में उमड़ी भीड़
इस त्योहार की रौनक पूरे देशभर में अलग ही देखने को मिल रही। मदुरवोयल इलाके में भगवान गणेश के मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी है।

महाराष्ट्र के सीएम ने की पूजा
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने आधिकारिक आवास वर्षा में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूजा-अर्चना की।

पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘मैं गणेश चतुर्थी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की जनता के विकास के लिए कई फैसले लिए हैं। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं।’

इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बप्पा का किया स्वागत
इसके अलावा, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने खैरताबाद में गणेश पूजा कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने परिवार के साथ अपने आवास पर ही बप्पा की पूजा-अर्चना की।

छात्राओं के वीडियो रिकॉर्ड करने का मामला, पोक्सो केस हटाने की आरोपी शिक्षक की याचिका खारिज

बंगलूरू: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने छात्राओं के कपड़े बदलते समय उनका वीडियो रिकॉर्ड करने के आरोपी स्कूल शिक्षक के खिलाफ POCSO कानून के तहत मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने हाल ही में दिए गए अपने फैसले में शिक्षक की हरकतों को ‘भयावह’ और आरोपों को गंभीर बताया था। शिक्षक को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था, जब अधिकारियों ने पाया कि उसने छात्रों की कपड़े बदलते हुए गुप्त रूप से वीडियो रिकॉर्ड की थी। घटना कोलार जिले में पिछड़े समुदायों के बच्चों के लिए संचालित होने वाले आवासीय विद्यालय की है।

अदालत ने पोक्सो के तहत मामला रद्द करने से किया इनकार
आरोपी शिक्षक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और तर्क दिया कि उसके कृत्य POCSO अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न नहीं था। उच्च न्यायालय ने कहा कि ‘सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि याचिकाकर्ता के पास पांच अलग-अलग मोबाइल फोन पाए गए, जिनमें से सभी को जब्त कर लिया गया और फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। प्रत्येक डिवाइस में लगभग 1,000 तस्वीरें और कई सौ वीडियो थे।’ हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों को इस तरह से फिल्माना स्पष्ट रूप से अधिनियम में उल्लेखित यौन उत्पीड़न की परिभाषा के अंतर्गत आता है।

कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने कहा, ‘POCSO अधिनियम की धारा 11 में निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी बच्चे को इस तरह से अपना शरीर उजागर करने के लिए मजबूर करता है कि उसे अन्य लोग देख सकें, या कोई अनुचित इशारा करता है, वह यौन उत्पीड़न कर रहा है। ऐसा व्यवहार धारा 12 के तहत दंडनीय है।’ न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा कि शिक्षक के खिलाफ आरोप यौन उत्पीड़न की कानूनी परिभाषाओं के अनुरूप हैं, जिससे इस स्तर पर मामले को खारिज करना असंभव है।

कोर्ट ने कहा, ‘शिकायत, जांच के दौरान शिक्षक के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट सहित प्रस्तुत साक्ष्य स्पष्ट रूप से प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करते हैं।’ शिक्षक के खिलाफ राज्य समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित एक हेल्पलाइन शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई और मामले का खुलासा हुआ। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक को मुकदमे का सामना करना चाहिए, और निष्कर्ष निकाला कि इस स्तर पर याचिका को अनुमति देना उसके कार्यों को माफ करने के समान होगा।

‘बढ़ते पर्यटक हिल स्टेशनों के लिए गंभीर खतरा, इसे सीमित करने की जरूरत’, HC की सख्त टिप्पणी

वायनाड :  केरल के वायनाड जिले में जुलाई में मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। अब हाईकोर्ट ने हिल स्टेशनों पर बढ़ते पर्यटकों की संख्या पर चिंता जताई है। उसने शुक्रवार को केरल सरकार से 25 अक्तूबर तक राज्य के सभी हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की क्षमता के बारे में एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

संख्या को सीमित करने की जरूरत
एके जयशंकरन नांबियार और श्याम कुमार वीएम की पीठ ने वायनाड भूस्खलन के बाद शुरू किए एक मामले में सख्त टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि हिल स्टेशनों में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को सीमित करने की जरूरत है।

अदालत ने आगे कहा कि हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की क्षमता मूल्यांकन नीति निर्माताओं और प्रशासनों को पारिस्थितिकी एवं संरक्षण के हित में पर्यटक क्षेत्रों के प्रबंधन की प्रणाली तैयार करने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए किया जा सकता है।

हिल स्टेशनों के लिए यह गंभीर खतरा
अदालत ने कहा, ‘केरल के हिल स्टेशन भारत में सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले पर्यटन स्थलों में से हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या और विशेषज्ञों की राय के बिना बने बुनियादी ढांचे हिल स्टेशनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। इमारतों और मनोरंजन सुविधाओं की बढ़ती संख्या के कारण पहाड़ियों पर कंक्रीट का बोझ बढ़ गया है और समतलीकरण गतिविधियों के साथ मिलकर इन्हें राज्य के विभिन्न स्थानों में भूस्खलन का प्रमुख कारण माना जा रहा है।’

अदालत ने कहा कि पर्यटकों की क्षमता का अनुमान लगाना, राज्य में हिल स्टेशनों में प्रवेश करने वाले वाहनों और आगंतुकों की संख्या को सीमित करना सभी के हित में है।

30 जुलाई को हुआ था भूस्खलन
वायनाड केरल के प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक है, जो मुख्य रूप से घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करता है। 30 जुलाई को आए भूस्खलन ने क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया था। मेप्पाडी पंचायत, जहां भूस्खलन ने 200 से अधिक लोगों की जान ले ली और कई अभी भी लापता हैं। त्रासदी के बाद से सबसे अधिक प्रभावित चूरमाला, अट्टामाला और मुंडक्कई गांवों में रिसॉर्ट बंद हैं।

मणिपुर में ड्रोन देखे जाने से लोगों में दहशत, डर के मारे लोगों ने घरों की लाइटें बंद कीं

इंफाल:  मणिपुर में हिंसा की घटनाएं फिर से बढ़ गई हैं और अब उग्रवादियों ने रॉकेट और ड्रोन्स से हमले शुरू कर दिए हैं। चुराचांदपुर से सटे बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार को 10 घंटे के भीतर दो रॉकेट हमले हुए। अधिकारियों ने बताया कि बिष्णुपुर और इंफाल ईस्ट जिलों में शुक्रवार रात को कई ड्रोन उड़ते देखे गए। इससे लोगों में इतनी दहशत फैल गई कि लोगों ने अपने-अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं।

ड्रोन्स हमले को लेकर दहशत में लोग
हाल ही में इंफाल वेस्ट जिले में दो जगहों पर ड्रोन और बम से हमला किया गया। ड्रोन्स देखे जाने के बाद से मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नारायणसेना, नाम्बोल कामोंग और इंफाल ईस्ट जिले के पुखाओ, दोलाईथाबी, शांतिपुर इलाकों के लोग दहशत में हैं। हालात को देखते हुए सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार रात को कई लाइटिंग राउंड फायर भी किए गए। इससे लोग डर गए और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। यह साफ नहीं हो पाया कि ये फायर सुरक्षा बलों ने किए या उग्रवादियों ने।

मणिपुर में ड्रोन का हथियार के रूप में इस्तेमाल पहली बार 1 सितंबर को इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में देखा गया था। इस हमले में बंदूकों का भी इस्तेमाल किया गया था, जिसमें दो लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। अगले दिन करीब तीन किलोमीटर दूर सेनजाम चिरांग में रिमोट से नियंत्रित छोटे उड़ने वाले उपकरण का फिर से इस्तेमाल किया गया, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।

‘मणिपुर में बिगड़ रहे हालात’
कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी के प्रवक्ता ने कहा कि ‘कुकी लोगों की आक्रामकता में बढ़ोतरी हुई है। बीते कुछ दिनों में ड्रोन से बमबारी की घटनाएं हुई हैं। आज दो मिसाइल हमले भी हुए हैं, चिन-कुकी नार्को आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया यह सबसे बड़ा हमला है, जिन्होंने पहाड़ी इलाकों में शरण ली हुई है। राज्य के पहले मुख्यमंत्री मरिमबाम कोइरेंग सिंह के घर पर हमला हुआ है। इस हमले में उनकी प्रतिमा और घर को नुकसान पहुंचा है। हालात नियंत्रण से बाहर हैं। केंद्रीय बल पहाड़ी इलाकों पर तैनात हैं, लेकिन वह हालात को लेकर बेपरवाह हैं। कॉर्डिनेशन कमेटी ने मणिपुर में आपातकाल का एलान किया है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वह सुरक्षित स्थानों पर शरण ले लें।’