Saturday , November 23 2024

देश

‘क्या PM कांग्रेस की एक और गारंटी करेंगे हाईजैक’, जातीय जनगणना पर RSS के रुख के बाद जयराम का हमला

नई दिल्ली:  देशभर में जातीय जनगणना को लेकर बहस जारी है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातिगत जनगणना को देश की एकता-अखंडता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है। इस पर कांग्रेस ने मंगलवार को सवाल खड़ा किया कि अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक कर लेंगे और जाति जनगणना कराएंगे?

जातिगत जनगणना पर क्या है आरएसएस का रुख?
संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर से सोमवार को केरल के पलक्कड़ में जातिगत जनगणना को लेकर सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा था कि हमारे समाज में जाति संवेदनशील मुद्दा है। यह देश की एकता से भी जुड़ा हुआ सवाल है। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है न कि चुनाव और राजनीति को ध्यान में रखकर।

उन्होंने कहा कि देश और समाज के विकास के लिए सरकार को आंकड़ों की जरूरत पड़ती है। समाज की कुछ जाति के लोगों के प्रति विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इन उद्देश्यों के लिए इसे (जाति जनगणना) करवाना चाहिए। इसका इस्तेमाल लोक कल्याण के लिए होना चाहिए। इसे पॉलिटिकल टूल बनने से रोकना होगा।

कांग्रेस महासचिव का पीएम पर हमला
कांग्रेस महासचिव प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना को लेकर आरएसएस की उपदेशात्मक बातों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं। जैसे- क्या आरएसएस के पास जाति जनगणना पर निषेधाधिकार है?

उन्होंने आगे कहा, ‘जाति जनगणना की अनुमति देने वाला आरएसएस कौन होता है? आरएसएस का क्या मतलब है जब वह कहता है कि चुनाव प्रचार के लिए जाति जनगणना का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए? क्या यह जज या अंपायर बनना है?’

रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा को हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर रहस्यमई चुप्पी क्यों साध रखी है? अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है तब क्या नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री कांग्रेस की एक और गारंटी को हाईजैक करेंगे और जाति जनगणना कराएंगे?

विजयवाड़ा में भोजन-पानी लेकर पहुंची NDRF की टीम, हेलीकॉप्टर-ड्रोन से राहत पहुंचाने की कवायद

अमरावती: भारी बारिश के कारण तेलंगाना के साथ आंध्र प्रदेश का भी हाल बेहाल है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों और स्थानीय अधिकारियों ने मंगलवार को विजयवाड़ा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के लिए भोजन के पैकेट, पानी की बोतलें और अन्य जरूरत की चीजें पहुंचाना शुरू किया। छह हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद से क्षतिग्रस्त इलाकों में भोजन पहुंचाया जा रहा है, जिसमें बिस्किट, फल, दुध और दवाइयां शामिल हैं।

एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें, केंद्रीय बल और जिला अधिकारी हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भोजन, पानी और अन्य आवश्यकताएं वितरित कर रहे हैं।” आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) के बयान के अनुसार, मंत्री, आईएएस अधिकारी और आईपीएस अधिकारी राहत गतिविधियों में लगे हुए हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।

अबतक 43,417 प्रभावित लोगों को पुनर्वास केंद्रों में ले जाया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 48 टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। इस दौरान 197 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हुई, जिसके कारण बाढ़ आ गई, जिसमें विजयवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ।

‘मेरे लिए परेशानी या चिंता करने वाली बात नहीं’, मुदा जांच को लेकर विपक्ष पर सिद्धारमैया का पलटवार

बंगलूरू:  कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। इस पर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्ष का दावा है कि सिद्धारमैया इसे लेकर काफी चिंता में हैं। हालांकि, सीएम ने साफ कह दिया है कि वह मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) मामले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर न तो परेशान और न ही चिंता में हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया विपक्षी नेता इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके द्वारा बोला जा रहा झूठ सामने न आ जाए।

यह है पूरा मामला
दरअसल, कर्नाटक में मुदा जमीन आवंटन घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनके खिलाफ जांच शुरू करने और मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। राज्यपाल के आदेश को सीएम सिद्धारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने सुनवाई 31 अगस्त तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने 19 अगस्त के अंतरिम आदेश को भी बढ़ा दिया। इसमें हाईकोर्ट ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट को सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई को अगली कार्यवाही तक स्थगित करने के लिए कहा था।

मैंने कभी झूठ नहीं बोला: सीएम
इसी पर सीएम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष झूठ बोल रहा है और इस बात को लेकर परेशान हैं कि कही यह सच साबित न हो जाए। मैंने कभी झूठ नहीं बोला और न ही कोई गलत काम किया। इसलिए मैं परेशान नहीं हूं।’

नौ सितंबर तक कार्यवाही पर रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को मुदा मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक नौ सितंबर तक बढ़ा दी।

सीएम कौन बनेगा यह आलाकमान तय करेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष आरवी देशपांडे द्वारा रविवार को मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताने पर सिद्धारमैया ने कहा कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाता है? यह विधायक और आलाकमान तय करेंगे।

महिलाओं के खिलाफ अपराध में यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अपनाने की मांग, मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले से महिला सुरक्षा का मुद्दा फिर से गरमा गया है। इसी बीच पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) और वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इस पत्र में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तुरंत कार्रवाई की सुविधा के लिए यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अपनाने का सुझाव दिया गया है। साथ ही यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षकों की नियुक्ति का भी सुझाव दिया गया है। अपने पत्र में पिंकी आनंद ने मुख्य न्यायाधीश के साथ कई अन्य सिफारिशें साझा की हैं। हालांकि पत्र में उन्होंने लिखा कि ये सुझाव संपूर्ण नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर वह इन सिफारिशों पर अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करा सकती हैं।

क्या होती है यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट
यौन उत्पीड़न जैसे अपराध में अपराध स्थल से ही डीएनए साक्ष्य इकट्ठा किए जा सकते हैं, जिससे दोषी को सजा दिलाने में काफी मदद मिलती है। अपराध स्थल से संभावित डीएनए साक्ष्य को इकट्ठा करने और उसे संरक्षित करने में यौन उत्पीड़न साक्ष्य किट अहम साबित हो सकती है। इसे दुष्कर्म किट के तौर पर भी जाना जाता है। इस दुष्कर्म किट में एक कंटेनर जिसमें एक चेकलिस्ट, सामग्री और जरूरी दिशा-निर्देश होते हैं। साथ ही जांच के दौरान इकट्ठा किए गए किसी भी नमूने को पैक करने के लिए लिफाफे और कंटेनर भी होते हैं। किट की सामग्री राज्य और अधिकार क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होती है।

यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षकों की नियुक्ति का भी सुझाव
आमतौर पर हर अस्पताल या स्वास्थ्य सुविधा में ऐसा कोई कर्मचारी नहीं होता जो यौन उत्पीड़न फोरेंसिक जांच करने और यौन उत्पीड़न के हाल ही में पीड़ितों से बातचीत करने के लिए प्रशिक्षित हो। इस स्थिति में यौन उत्पीड़न नर्स परीक्षक की भूमिका अहम हो जाती है। ये पंजीकृत नर्स होती हैं, जो यौन उत्पीड़न की स्थिति में पीड़िता से बातचीत करने और फोरेंसिक साक्ष्य इकट्ठा करने के लिहाज से प्रशिक्षित होती हैं। इनकी मदद से दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने में मदद मिलेगी।

कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद सौमित्र खान ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे ‘पश्चिम बंगाल में न्याय और कानून प्रवर्तन की स्थिति में सुधार लाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें तथा न्याय प्रणाली को प्रभावी ढंग से बनाए रखने में विफल रहने के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।’

कर्नाटक सरकार ने डेंगू बुखार को घोषित किया महामारी, इस साल दर्ज किए गए 7000 से ज्यादा मामले

बंगलूरू:  कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को राज्य में डेंगू बुखार को महामारी के रूप में अधिसूचित किया है। इसमें इसके सभी स्वरूप शामिल हैं। इसके अलावा, कर्नाटक महामारी रोग विनियम 2020 में संशोधन के लिए नियम बनाए गए हैं।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई तक डेंगू के 7362 मामले दर्ज किए गए हैं। डेंगू से निपटने के लिए कार्य योजना का एलान करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, इस साल अब तक 7,362 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक सात लोगों की मौत हुई है। डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में दस बेड रखने को कहा गया है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को मच्छरदानियां प्रदान की जाएंगी।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हमने सभी विभागों को डेंगू के स्त्रोतों को कम करने का सख्त निर्देश दिया है। हमने आशा कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को घर-घर जाने के लिए कहा है। सरकार पूरे समय काम कर रही है। हमारा मकसद मच्छरों के प्रसार को रोकना है और इससे होने वाली मौतों को रोकना है।

भाजपा विधायक ने अपने गनर से बताया जान का खतरा, बोले- जब एमएलए ही नहीं सुरक्षित तो जनता कहां रहेगी

बहराइच: बहराइच के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपने गनर से अपनी जान का खतरा बताया है। उन्होंने इसकी शिकायत हरदी थाना क्षेत्र में की जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने कहा कि सिपाही आनंद राय और होमगार्ड अबुल खान उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं और कभी भी उनकी गोली मारकर हत्या की जा सकती है। विधायक की तहरीर पर थाना हरदी में 350 व 351(3) की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

तहरीर में विधायक ने कहा है कि मेरे गनर के रूप में नियुक्त आनंद राय ने 28 अगस्त को हरदी थाना परिसर में मेरे खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था और गाली मारने की धमकी दी थी। वहां पर मौजूद अबुल खान भी उसकी हां में हां मिला रहा था।

उन्होंने कहा कि यदि थाने में ही विधायक की हत्या की साजिश रची जाएगी तो जनता कहां सुरक्षित रहेगी। उनकी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

यूपी सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दी एक महीने की राहत, अब 2 अक्तूबर तक दे सकेंगे संपत्ति का ब्यौरा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए एक महीने का और समय दिया है। अब राज्य कर्मचारी दो अक्तूबर तक ब्यौरा दे सकेंगे। बता दें कि आदेश दिया गया था कि संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों का अगस्त का वेतन रोक दिया जाएगा। अब उन्हें एक महीने की छूट दी गई है। मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक हर हाल में मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश दिए थे। तय तिथि तक राज्य सरकार के 71 फीसदी कार्मिकों ने ही अपनी संपत्ति का खुलासा किया।

मुख्य सचिव ने 17 अगस्त को शासनादेश के जरिये सभी कार्मिकों को अपनी संपत्ति का खुलासा करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सभी विभागों को आदेश दिया था कि 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्यौरा देने वालों को ही अगस्त माह का वेतन दिया जाए। प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मी हैं। इनमें से 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया।

संपत्ति का ब्यौरा देने में टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कार्मिक सबसे आगे रहे। जबकि, शिक्षा विभाग के कार्मिक अपनी संपत्ति को छिपाने में आगे हैं। इस लिहाज से सबसे फिसड्डी बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग साबित हुए।

यहां बता दें कि 17 अगस्त को जब यह आदेश जारी हुआ था, तब 131748 यानी 15 फीसदी राज्य कर्मियों ने ही पोर्टल पर अपनी संपत्ति दर्ज की थी। 20-31 अगस्त के बीच यह बढ़कर 71 फीसदी हो गया। शासन के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले कार्मिकों का वेतन रोकने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। सभी विभागों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

गृह विभाग ने मांगा समय
डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र भेजकर उनके कार्मिकों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कुछ और समय दिए जाने का अनुरोध किया है। पत्र में कहा गया है कि त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण तमाम पुलिस कर्मी समय से अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए। माना जा रहा है कि गृह विभाग के लिए यह तिथि बढ़ाई जा सकती है।

संपत्ति का ब्यौरा देने पर ही जारी हो सकेगा वेतन
शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जिन अधिकारियों-कर्मचारियों का अगस्त माह का वेतन रोका गया, इसे तभी जारी किया जाएगा, जब वे संपत्ति का ब्यौरा दे देंगे। उनकी संपत्ति का ब्यौरा मिलने पर वेतन देने का फैसला संबंधित विभाग शासन से वार्ता के बाद ले सकेंगे।

आक्रोशित डॉक्टरों का धरना जारी; संदीप घोष और तीन अन्य का CBI ने देर रात मेडिकल परीक्षण कराया

कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर कॉलेज-अस्पताल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के विरोध में डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन जारी है। लाल बाजार इलाके में जूनियर डॉक्टर धरना देते देखे गए। विरोध कर रहे आक्रोशित चिकित्सक मृतका के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। बता दें कि बीते 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात हुई वारदात में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी।

हड़ताल 23वें दिन भी जारी रही
इससे पहले पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग कर रहे डॉक्टरों ने सोमवार को रैली भी निकाली। जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को 23वें दिन भी जारी रही। जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग पर रैली निकाली।

भाजपा का डीएम ऑफिस घेरो अभियान
इससे पहले बंगाल प्रदेश भाजपा की ओर से आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के मामले में न्याय की मांग पर सोमवार को राज्यभर में डीएम ऑफिस घेरो अभियान चलाया गया। कूचबिहार के सागरदिघी में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रामाणिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार भी की।

संदीप घोष और तीन अन्य गिरफ्तार, देर रात मेडिकल परीक्षण
इस मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने बीआर सिंह अस्पताल (पूर्वी रेलवे) में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और तीन अन्य का मेडिकल परीक्षण कराया। देर रात सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों को अस्पताल के बाहर देखा गया। बता दें कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और तीन अन्य को गिरफ्तार किया है।

मणिपुर में उग्रवादियों ने फिर किए ड्रोन हमले, महिला समेत तीन घायल; अंधाधुंध गोलीबारी भी की गई

इंफाल:  मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में उग्रवादियों ने ड्रोन के जरिए हमले को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक, संदिग्ध उग्रवादियों ने ड्रोन का इस्तेमाल कर ताजा बम हमला किया। इसमें 23 वर्षीय एक महिला सहित तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि सोमवार शाम करीब 6.20 बजे एक रिहायशी इलाके में ड्रोन से कम से कम दो विस्फोटक गिराए गए, जिसमें एक महिला और दो अन्य घायल हो गए।

घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
उन्होंने बताया कि महिला सेनजाम चिरांग इलाके में अपने घर पर थी। तभी बम उसके घर की लोहे की छत पर गिरा। विस्फोट के बाद छत धराशाई हो गई। इस वजह से महिला को चोटें आईं हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने कांगपोकपी जिले के पहाड़ी इलाकों से सेजम चिरांग के निचले इलाके में स्थित गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी भी की, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। यह स्थान कोउत्रुक से तीन किलोमीटर दूर है। यहां रविवार को इसी तरह के ड्रोन के जरिए बम हमले किए गए थे। यहां फायरिंग भी हुई थी, जिसमें दो लोग मारे गए थे और नौ घायल हो गए थे।

हथियार और विस्फोटक भी बरामद
इस बीच मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कांगपोकपी जिले के खारम वैफेई गांव के पास से एक ड्रोन बरामद किया गया है। कांगपोकपी जिले के कांगचुप पोनलेन में सुरक्षा बलों ने हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए हैं। बयान के मुताबिक, तलाशी के दौरान 12 इंच की 10 सिंगल-बोर बैरल राइफलें, एक इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, नौ इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार बैरल, 20 जिलेटिन की छड़ें, 30 डेटोनेटर, दो देशी रॉकेट और अन्य सामान जब्त किए गए हैं।

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में आसमान से बरसी आफत, 30 से ज्यादा की मौत, 100 से ज्यादा ट्रेनें रद्द

हैदराबाद:  शनिवार और रविवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आसमान में आफत बरसी। इस बारिश के चलते दोनों राज्यों में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं और सड़कें जलमग्न हैं और रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है। जल भराव के चलते दोनों राज्यों में रेल, सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की नदियां पूरे उफान पर हैं। हालात को देखते हुए हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात की गई है।

बारिश के चलते आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 100 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। वहीं कई ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा है। बारिश के चलते कई रेलवे ट्रैक पानी में डूबे हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और हालात का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने दोनों मुख्यमंत्रियों को केंद्र की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

तेलंगाना के राजस्व मंत्री पोंगुलेती श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में बारिश के चलते 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। हैदराबाद में बारिश के चलते कई इलाकों में पानी भर गया है। इसके चलते शहर में सोमवार को स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है।

मौसम विभाग ने सोमवार को भी आदिलाबाद, निजामाबाद, राजन्ना सिरसिल्ला, याद्री भुवनगिरी, विकाराबाद, सांगारेड्डी, कामारेड्डी और महबूबनगर में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आंध्र प्रदेश में भी बारिश के चलते 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। आंध्र प्रदेश का विजयवाड़ा जिला सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित है।