Saturday , November 23 2024

देश

BJP का गृह मंत्री से अनुरोध, हिंसा रोकने में विफल रहे केंद्रीय बलों को मणिपुर से वापस बुलाया जाए

इंफाल:  मणिपुर के भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सोमवार को केंद्र से अनुरोध किया कि यदि केंद्रीय बलों की मौजूदगी से हिंसा नहीं रुकती तो राज्य से उनको वापस बुला लिया जाए।

60 हजार बलों के बाद भी नहीं आई शांति
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि यदि केंद्रीय बल ऐसा करने में विफल रहते हैं तो जातीय संघर्ष प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के प्रयास के लिए राज्य सुरक्षा कर्मियों को कार्यभार संभालने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में करीब 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बावजूद शांति नहीं आई है।

ऐसे बलों को हटा दिया जाए जो ज्यादातर मूकदर्शक के रूप में मौजूद रहते
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सिंह, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में लगभग 60,000 केंद्रीय बलों की मौजूदगी शांति स्थापित नहीं कर पा रही है, इसलिए बेहतर है कि ऐसे बलों को हटा दिया जाए जो ज्यादातर मूकदर्शक के रूप में मौजूद रहते हैं। उन्होंने इस बात को माना कि राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग की कमी के कारण हाल में असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को वापस बुलाने की कार्रवाई की गई।

सिंह ने कहा, ‘हम असम राइफल्स की कुछ इकाइयों को हटाने की कार्रवाई से खुश हैं, जो राज्य सरकार और जनता के साथ सहयोग नहीं कर रही थीं। यदि इन और अन्य केंद्रीय बलों की उपस्थिति हिंसा को नहीं रोक सकती है तो बेहतर है कि उन्हें हटा दिया जाए और राज्य बलों को कार्यभार संभालने तथा शांति लाने दिया जाए।’

भाजपा विधायक ने प्रस्ताव रखा कि केंद्र सरकार एकीकृत कमान प्राधिकरण को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार को हस्तांतरित करे। उन्होंने हिंसा को रोकने में वर्तमान व्यवस्था को अप्रभावी बताते हुए इसकी आलोचना की तथा तर्क दिया कि इस समय एकीकृत कमान को निर्वाचित सरकार को हस्तांतरित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार को एकीकृत कमान सौंपनी होगी और राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्य करने की अनुमति देनी होगी।’

पिछले साल भड़की थी हिंसा
पिछले वर्ष राज्य में हिंसा भड़कने के बाद गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक कुलदीप सिंह को मणिपुर सरकार का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। विभिन्न एजेंसियों और बलों की रिपोर्टों की देखरेख करने वाली एकीकृत कमान मणिपुर सरकार के परामर्श से परिचालन आवश्यकताओं का समन्वय करती है।

नैमिषारण्य में गोमती नदी किनारे नए घाट का निर्माण कराएगी योगी सरकार, चार करोड़ से ज्यादा का आएगा खर्च

लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास और गोमती नदी किनारे स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि के रूप में विख्यात नैमिष तीर्थ क्षेत्र वही पुण्य क्षेत्र है जहां महर्षि वेदव्यास द्वारा 4 वेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत महाकाव्य और श्री सत्यनारायण व्रत कथा की रचना की गई थी।

नैमिषारण्य का धार्मिक महत्व कितना ज्यादा है इसका पता इसी बात से चलता है कि चार धाम की यात्रा भी नैमिषारण्य के दर्शन किए बिना अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि काशी, अयोध्या, मथुरा, वृन्दावन, ब्रज क्षेत्र तथा विंध्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के साथ ही योगी सरकार अब नैमिषारण्य में भी कई परियोजनाओं को पूर्ण करने पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में, नैमिषारण्य के विभिन्न घाटों के सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास की गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही अब गोमती नदी के किनारे एक नए घाट का निर्माण भी कराने जा रही है। यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है और माना जा रहा है कि वर्षा अवधि के अतिरिक्त 12 महीनों में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।

राजघाट तथा दशाश्वमेध घाट के बीच होगा नए घाट का निर्माण
प्रदेश में सभी तीर्थ क्षेत्रों के विकास को लेकर एक बड़ी कार्ययोजना का निर्माण किया गया था। इसी कार्ययोजना के अंतर्गत नैमिष तीर्थ क्षेत्र में नए घाट के निर्माण, पुराने घाटों के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास के कार्यों को गति दी जाएगी। ऐसे में, परियोजना के अंतर्गत जिस नए घाट का निर्माण नैमिष तीर्थ क्षेत्र में होना निश्चित हुआ है वह राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच स्थित होगा।

‘धनखड़ जी, देखिए इसमें बंगाल क्यों नहीं? दुष्कर्म के आंकड़ों पर सिब्बल का उपराष्ट्रपति पर पलटवार

नई दिल्ली:  राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों का हवाला देते हुए सोमवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर पलटवार किया। दरअसल, सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के एक कथित प्रस्ताव में कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले को एक आम घटना करार दिया। जिसके बाद इस बयान की धनखड़ ने आलोचना की थी।

सिब्बल ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि 2017 से 2022 के बीच भारत में दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के 1,551 मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 280 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद मध्य प्रदेश में 207, असम में 205, महाराष्ट्र में 155 और कर्नाटक में 79 मामले दर्ज किए गए। धनखड़ी जी.. ये देखिए इसमें बंगाल क्यों नहीं है? क्या वहां कोई समस्या नहीं थी?

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने एक कथित प्रस्ताव में यह कहने के लिए एससीबीए के अध्यक्ष कपिल सिब्बल की आलोचना की थी कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुखद घटना अस्वस्थता का लक्षण थी। प्रस्ताव में इसे कथित तौर पर आम घटना बताया गया।

इसके बाद उप राष्ट्रपति ने 30 अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज के एक कार्यक्रम के दौरान सिब्बल पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, मैं स्तब्ध और दुखी हूं और कुछ हद तक हैरान हूं कि सुप्रीम कोर्ट बार में एक पद पर बैठा व्यक्ति, एक संसद सदस्य, इस तरीके से काम कर रहा है और वह क्या कहता है? उन्होंने इसे (महिला डॉक्टर से दुष्कर्म की घटना) लक्षणों वाली बीमारी बताया और सुझाव दिया कि ऐसी घटनाएं आम हैं? ये क्या बात है? शर्म की बात है। इस तरह के रवैये की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह उच्च पद के साथ सबसे बड़ा अन्याय है।

पीएम मोदी ने किया भाजपा के सदस्यता अभियान का शुभारंभ, शाह-नड्डा और राजनाथ भी मौजूद

नई दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं। कार्यक्रम में हरदीप सिंह पुरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, शिवराज सिंह चौहान समेत कई केंद्रीय मंत्री, नेता और कार्यकर्ता मौजूद हैं।

इस मौके पर नड्डा ने कहा, “आपका जोश का देखकर, भारत की जनता का प्रधानमंत्री मोदी के प्रति प्यार और भाजपा के प्रति आस्था को देखकर मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इस बार का सदस्यता अभियान भी 10 करोड़ का आंकड़ा पार करेगा।”

भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी: शाह
इससे पहले गृह मंत्री शाह ने कहा, “आज का दिन भाजपा के सभी शुभचिंतकों और कार्यकर्ताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। आज प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा पार्टी के ‘संगठन पर्व, सदस्यता अभियान 2024’ का शुभारंभ करेंगे।”

उन्होंने कहा, “भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। हमारे लिए पार्टी सिर्फ कागजों पर बनी एक प्रक्रिया नहीं है। पिछले दस वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में क्रांतिकारी फैसले लिए गए हैं। हर क्षेत्र में देश ने नई ऊंचाईयों को छुआ। पीएम में 140 करोड़ लोगों को विकसित भारत का विजन दिया है और इसे पूरा करने के लिए भाजपा को मजबूत करना जरूरी है। मैं भाजपा के सभी शुभचिंतकों, देश की जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं से एक बार फिर भाजपा के साथ जुड़ने की अपील करता हूं।”

सिंघवी ने राहुल गांधी की तारीफ की, कहा- अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह 100 फीसदी PM बनने के हकदार

नई दिल्ली:  कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह बेहद गंभीरता के साथ कई मुद्दों पर काम कर रहे और समर्पण दिखा रहे हैं। कांग्रेस की सरकार बनने पर राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए शत प्रतिशत हकदार होंगे।

‘मुझे भूल जाइए, भाजपा के मित्रों से पूछिए’
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालेंगे और क्या वह उन्हें भविष्य के प्रधानमंत्री के रूप में देखते हैं, चार बार के सांसद ने कहा, ‘मुझे भूल जाइए, भाजपा के मित्रों से पूछिए। आप सब ट्रोलिंग देखते थे, इसमें प्रशंसा क्यों है, जबकि यह अनिच्छा से की गई प्रशंसा है, क्योंकि आपको एहसास होता है कि (वे) एक ईमानदार व्यक्ति का मजाक उड़ा रहे थे, एक ऐसे व्यक्ति का मजाक उड़ा रहे थे जो सीधा, स्पष्टवादी और वैचारिक है, न कि अतिशयोक्तिपूर्ण, बयानबाजी वाला, राजनीतिक, बड़े-बड़े शब्द बोलने वाला। ईमानदारी सामने आ रही है और लोग इसे महसूस कर रहे हैं।’

राहुल गांधी दोहरी बात नहीं करते
सिंघवी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की संजीदगी से सभी लोग परिचित हो गए हैं। लोगों को यह विश्वास हो गया है कि उनकी करनी और कथनी में फर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा देश के प्रधानमंत्री के बारे में बात करेंगे तो उलट बात होगी। जो लोग राहुल गांधी का मजाक बनाते थे, वो आज सहमे हुए हैं। राहुल गांधी दोहरी बात नहीं करते, वह मुद्दों पर बात करते हैं। वह संजीदा हैं। इसलिए मुझे लगता है कि पूरी अवधारणा और समीकरण बदल रहे हैं।

अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो…
राहुल गांधी की प्रतिष्ठा और गंभीरता पर सिंघवी ने कहा कि यह सब उनका कमाया हुआ है और अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो क्या कोई उन्हें अनदेखा कर सकता है? यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी भविष्य के प्रधानमंत्री हैं तो उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस जब भी सत्ता में आती है तो सौ फीसदी।’

उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी
लोकसभा में 10 साल के अंतराल के बाद यह पहली बार है जब एक नेता प्रतिपक्ष है। इसकी वजह यह है कि सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के पास 16वीं और 17वीं लोकसभा में इस पद के लिए दावा करने को लेकर आवश्यक 10 प्रतिशत सदस्य नहीं थे। राहुल इस बार लोकसभा में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

मणिपुर के गांव में पांच खाली पड़े घरों को जलाया, पुलिस का दावा- संदिग्ध उग्रवादियों को खदेड़ा

इंफाल:  मणिपुर में पिछले साल भड़की हिंसा के बाद अभी भी तनाव बना हुआ है। यहां के इंफाल पश्चिम जिले के एक गांव में संदिग्ध उग्रवादियों ने कम से कम पांच खाली पड़े घरों को जला दिया। इसकी जानकारी सोमवार को पुलिस ने दी।

कल ढाई बजे हुआ था हमला
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने रविवार दोपहर से पहाड़ी की चोटियों से लेकर कुतुक और पड़ोसी कदांगबंद के निचले घाटी इलाकों में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। बाद में वे कौतुक गांव के बाहरी इलाके में पहुंचने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि रविवार दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुईं गोलीबारी और बम हमले के बाद लोग अपने घरों से भाग गए थे। बदमाश तथ्यों ने पांच खाली पड़े घरों को जला दिया। हालांकि, रविवार रात सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों को खदेड़ दिया।

दो की मौत, नौ घायल
उन्होंने आगे बताया कि उग्रवादियों के हमले में एक सितंबर को एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य घायल हुए हैं। बता दें, पिछले साल मई में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित कौतुक में कई हमले हो चुके हैं।

ड्रोन का भी किया इस्तेमाल
पुलिस ने बताया कि रविवार को संदिग्ध उग्रवादियों के हमले से निवासियों में दहशत फैल गई और महिलाओं, बच्चों तथा बुजुर्गों को सुरक्षित इलाकों में भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था। मणिपुर पुलिस ने यह भी दावा किया कि हमले में रॉकेट चालित ग्रेनेड और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।

एसपी तो मंत्री बन गए, खेत में पुलिस चौकी न बन पाई, 25 साल पहले तीन भाइयों ने दान में दी थी जमीन

हाथरस: बात 25 साल पहले की है, उस समय थाना जंक्शन क्षेत्र डकैतों के आतंक से त्रस्त था और सुरक्षा के लिए मिर्जापुर में पुलिस चौकी की मांग कर रहे थे। पुलिस अधिकारी जमीन नहीं की बात कह रहे थे, तीन भाइयों ने दरियादिली दिखाई और अपनी एक बीघा खेती की उपजाऊ जमीन पुलिस चौकी बनाने के लिए दान कर दी। यह जमीन अभिलेखों में पुलिस चौकी के नाम भी हो गई, उस समय के एसपी असीम अरुण प्रदेश सरकार में मंत्री बन गए, लेकिन पुलिस चौकी आज तक नहीं बन पाई।

वाक्या 1999 का है। लगातार आपराधिक वारदात के चलते उस समय एसपी रहे असीम अरुण ने गांव मिर्जापुर में चौपाल लगाई थी। पुलिस चौकी बनाने की मांग उठी तो जमीन की समस्या आई। तब गांव के तीन भाइयों बंशीधर, राजन लाल व घूरेलाल ने 31 मार्च 1999 को अपनी एक बीघा जमीन राज्यपाल के नाम कर दी। इनमें बंशीधर और राजनलाल की मौत हो चुकी है।

तहसील हाथरस की खतौनी में खाता संख्या 123 में आज भी यह जमीन राज्यपाल के नाम पर है। खतौनी में खातेदार के नाम में लिखा हुआ है कि राज्यपाल द्वारा पुलिस अधीक्षक हाथरस वास्ते पुलिस चौकी रकबा .0770 हेक्टेयर देना। असीम अरुण का स्थानांतरण हो गया, उसके बाद एसपी आते-जाते रहे, लेकिन पुलिस चौकी नहीं बन पाई।

मिर्जापुर के पूर्व प्रधान सत्यप्रकाश गौतम बताते हैं कि उस समय तत्कालीन एसपी असीम अरुण ने गांव में चौपाल लगाई थी और पुलिस चौकी बनाने का प्रस्ताव रखा था। अपने प्रधानी के कार्यकाल में उन्होंने पुलिस चौकी निर्माण के लिए काफी प्रयास किए। 1999 से आज तक असामाजिक प्रवृत्ति के लोग पुलिस चौकी बनाए जाने का विरोध करते रहे। 2014 में तत्कालीन एसओ राजेश प्रसाद त्यागी ने पुलिस चौकी खोलने की संस्तुति दी, लेकिन आज तक चौकी नहीं खुल पाई। अब असीम अरुण हमारे जिले के प्रभारी मंत्री है। उम्मीद है कि अब पुलिस चौकी बन जाएगी। युवा अधिवक्ता पार्थ गौतम ने उन्हें पत्र भेजकर पुराना वादा याद दिलाया है और पुलिस चौकी की स्थापना कराने की मांग की है।

इसलिए की थी चौकी बनाने की मांग
भूमि दान देने वाले घूरे लाल शर्मा का कहना है कि उस समय क्षेत्र में डकैतों का आतंक था और वारदात होती रहती थी, इसलिए चौकी बनाने के लिए जमीन दी गई थी। आज भी थाना जंक्शन से गांव मिर्जापुर की दूरी करीब 20 किलोमीटर से अधिक है। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से यहां पुलिस चौकी स्थापित की जानी चाहिए। पुलिस चौकी बनने की आस में दो भाई दुनिया छोड़ गए। चौकी बनने तो मुझे भी सुकून मिलेगा।

आठ गुना बढ़ गई जमीन की कीमत
25 साल पहले जब जमीन दी गई थी, उस समय जमीन की कीमत 60 हजार रुपये बीघा थी। अब यहां जमीन की कीमत करीब पांच लाख रुपये बीघा है। यानी जमीन की कीमत में आठ गुना की वृद्धि हुई है।

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा की खास रणनीति; अल्पसंख्यक समुदाय से सुझाव लेने के लिए बनाई टीम

नई दिल्ली:  वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से सुझाव लेगी। इसके लिए भाजपा ने सात सदस्यीय टीम बनाई है। टीम अलग-अलग राज्यों का दौरा करके मुस्लिम समुदाय में प्रतिनिधियों की नियुक्ति करेगी। साथ ही संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिम विद्वानों चर्चा करेगी। साथ ही उनके सुझावों को जुटाकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को रिपोर्ट सौपेंगी।

वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया है। अब इस विधेयक को लेकर भाजपा ने भी सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनावर पटेल, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन, गुजरात वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन लोखंडवाला, हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजबली, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौलाना हबीब हैदर और नासिर हुसैन को शामिल किया है।

भाजपा सूत्रों की मानें तो अल्पसंख्यक मोर्चा को भी विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय से बातचीत करने के लिए सदस्यों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। वे मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात करेंगे और विधेयक को लेकर उनके सुझाव जुटाएंगे। साथ ही लोगों को विधेयक की जरूरत और लाभ के बारे में भी बताएंगे। इसके अलावा समिति के सदस्य भी विभिन्न राज्यों का दौरा करके मुस्लिम विद्वानों से बात करेंगे। साथ ही उनके मन में विधेयक को लेकर पैदा हुए भ्रम को दूर करेंगे।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि विधेयक में संशोधन को लेकर मुस्लिम धार्मिक नेताओं से सलाह ली गई है। उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। भाजपा वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने और उनको कब्जों से मुक्त करने के लिए प्रयास कर रही है। विपक्षी दल केवल विरोध की राजनीति कर रहे हैं।

तेलंगाना में चक्रवात असना का असर, भारी बारिश के चलते रेलवे ट्रैक पर भरा पानी

हैदराबाद:  पूर्व अरब सागर में उठे चक्रवात असना का असर तेलंगाना पर दिखाई पड़ रहा है। रविवार सुबह से तेलंगाना के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है। कई जगह रेलवे ट्रैक धंस गए हैं। इसके चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया है। रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द किया है तो कई ट्रेनों के मार्ग बदले गए हैं।

कच्छ के तट पाकिस्तान के निकटवर्ती इलाकों और उत्तर पूर्व अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान असना में बदल गया है। यह चक्रवात तेलंगाना की ओर बढ़ गया है। रविवार को यहां भारी बारिश हुई। इसके चलते केसामुद्रम और महबूबाबाद के बीच रेलवे ट्रैक जलमग्न हो गया। रेलवे ट्रैक कई जगह से धंस गया। इसकी जानकारी मिलने पर विजयवाड़ा से वारंगल, वारंगल से विजयवाड़ा और दिल्ली से विजयवाड़ा जाने वालीं सभी ट्रेनों को रोक दिया गया। इसके अलावा कई स्थानों पर भारी बारिश और रेलवे ट्रैक पर जलभराव के कारण छह ट्रेनें रद्द कर दी गईं। जबकि नौ ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया। भारी बारिश के बाद कुछ जिलों में नाले उफान पर हैं। गांवों के बीच सड़क संपर्क बाधित हो गया है। हैदराबाद में रात भर से जारी बारिश के कारण कई हिस्सों में जलभराव हो गया।

कई जिलों में बाढ़ का खतरा, सीएम ने दिए निर्देश
वही मौसम विभाग ने हैदराबाद समेत राज्य में कई स्थानों पर भारी बारिश की आशंका जताई है। साथ ही कई जिलों में बाढ़ का भी खतरा है। इसके मद्देनजर हैदराबाद और विजयवाड़ा में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मत्री भट्टी विक्रमार्क, एन उत्तम कुमार रेड्डी, तुम्मला नागेश्वर राव, दामोदरा राजा नरसिम्हा और जुपल्ली कृष्ण राव से फोन पर बात की और जलमग्न क्षेत्रों में राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली।

नाबालिग के यौन उत्पीड़न के बाद उत्तर 24 परगना में बवाल; बीरभूम के अस्पताल में नर्स से भी छेड़छाड़

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि उत्तर 24 परगना में एक नाबालिग से छेड़छाड़ की घटना से तनाव हो गया है। हालात इस कदर बिगड़ गए कि गुस्साई भीड़ ने कथित आरोपी के घर और उसके रिश्तेदार की दुकान पर हमला कर दिया। स्थिति को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती कर दी गई है। वहीं बीरभूम जिले में भी एक अस्पताल में नर्स से छेड़छाड़ की घटना सामने आई है।

उत्तर 24 परगना में आरएएफ तैनात
खबर के अनुसार, उत्तर 24 परगना के राजबाड़ी इलाके में एक व्यक्ति ने नौ साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न किया। जैसे ही लोगों को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना को लेकर लोगों का गुस्सा उस वक्त भड़क गया, जब कथित तौर पर स्थानीय टीएमसी नेता ने पीड़ित के परिवार से मामले को सेटल करने के लिए कहा। गुस्साए लोगों ने टीएमसी नेता के घर पर हमला कर दिया। इसके बाद आरएएफ ने हालात को नियंत्रण करने के लिए बल का प्रयोग किया। इस दौरान आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

पीड़िता के पिता का कहना है कि ‘आरोपी उनके गांव का ही निवासी है। मैं इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता कि वह ऐसा कर सकता है। मेरी बेटी नौ साल की है और वह घर से मेरी दुकान पर आई थी। उसी दौरान आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया। मेरी मांग है कि उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।’ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

बीरभूम के जिले में नर्स से छेड़छाड़
एक अन्य घटना में बीरभूम जिले के इल्लमबाजार इलाके में स्थित एक अस्पताल में नर्स के साथ छेड़छाड़ होने की घटना सामने आई है। नर्स का आरोप है कि रुटीन के तहत जब वह मरीजों की जांच कर रही थी, उसी दौरान एक मरीज ने उसे गलत तरीके से छुआ। जब नर्स ने इसका विरोध किया तो आरोपी मरीज ने नर्स के साथ गालीगलौज की। नर्स की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी मरीज को गिरफ्तार कर लिया है।