Saturday , November 23 2024

बिज़नेस

सिंगापुर एयरलाइंस को मिली FDI की मंजूरी, अब जल्द पूरा होगा विलय का समझौता

सिंगापुर एयरलाइंस को विस्तारा-एयर इंडिया के बीच विलय समझौते के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी मिल गई है। सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद सिंगापुर एयरलाइंस विलय समझौते के तहत 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इस समझौते के इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। प्रस्तावित विलय की घोषणा नवंबर 2022 में की गई थी। इस विलय के बाद जो एयरलाइंस बनेगी, वह दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन समूहों में से एक होगी।

इस साल के अंत तक सौदा पूरा होने की उम्मीद
एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है और विस्तारा का स्वामित्व टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस दोनों के पास है और दोनों की इसमें 51:49 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। शुक्रवार को सिंगापुर एयरलाइंस ने सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में एक नियामक फाइलिंग में बताया कि उसे प्रस्तावित विलय के हिस्से के रूप में विस्तारित एयर इंडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। सिंगापुर एयरलाइंस ने कहा कि प्रस्तावित विलय के 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

पहले विस्तारा-एयर इंडिया विलय समझौते के 31 अक्टूबर, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद थी। इस सौदे को जून में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा अनुमोदित किया गया था। मार्च में, सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक CCCS ने प्रस्तावित सौदे के लिए सशर्त मंजूरी दी थी। इससे पहले सितंबर 2023 में इस सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से कुछ शर्तों के साथ मंजूरी मिल गई थी।

इस तारीख तक ही विस्तारा ब्रांड के तहत होगा विमानों का संचालन
विस्तारा एयरलाइंस 11 नवंबर को अपने ब्रांड के तहत आखिरी उड़ान संचालित करेगी और 12 नवंबर, 2024 से विस्तारा संचालन एयर इंडिया के साथ एकीकृत हो जाएगा। इसके बाद, विस्तारा विमानों का संचालन एयर इंडिया द्वारा किया जाएगा और इन विमानों द्वारा संचालित मार्गों के लिए बुकिंग एयर इंडिया की वेबसाइट पर पुनर्निर्देशित की जाएगी।

सोना 100 रुपये मजबूत हुआ, चांदी के भाव स्थिर

स्थानीय आभूषण विक्रेताओं के बीच मांग बढ़ने से शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने का भाव 100 रुपये बढ़कर 74,350 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली पीली धातु 74,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।

हालांकि, अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार चांदी की कीमत शुक्रवार को 87,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर रही। इसके अतिरिक्त 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 100 रुपये बढ़कर 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जो पहले 73,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

कारोबारियों ने पीली धातु की कीमतों में तेजी का श्रेय घरेलू बाजार में स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की मांग में तेजी को दिया। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना 3.20 डॉलर प्रति औंस या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,557.10 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, “सोने की कीमतें सीमित दायरे में कारोबार कर रही हैं, क्योंकि बाजार को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सितंबर में ब्याज दरों में कटौती करेगा, जबकि दूसरी ओर, अमेरिका में उम्मीद से बेहतर आंकड़े इस बढ़त को उच्च स्तर पर सीमित कर रहे हैं।”

पिछले हफ्ते, यूएस फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया था कि रोजगार बाजार पर चिंताओं के कारण ब्याज दरों में कटौती आसन्न थी। मोदी ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ रहे हैं और सुरक्षित निवेश को बढ़ावा दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी भी मामूली गिरावट के साथ 29.93 डॉलर प्रति औंस पर रही।बाजार के जानकारों के अनुसार पिछली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेज़ गति से वृद्धि के आंकड़ों के बाद किसी भी बड़ी कटौती के लिए दांव कम हो गए, जबकि बेरोजगारी के आंकड़ों में फिर से कमी आई।

वानिवृत्त कर्मियों के लिए नया सरलीकृत पेंशन आवेदन पत्र, नौ फॉर्म व प्रारूपों को मिलाकर हुआ तैयार

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र शुक्रवार को अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एक नया सरलीकृत पेंशन आवेदन पत्र जारी करेगा। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने 16 जुलाई, 2024 की अपनी अधिसूचना के जरिए सरलीकृत पेंशन आवेदन “फॉर्म 6-ए” जारी किया था। कार्मिक मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।

कार्मिक मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा, “यह फॉर्म भविष्य/ई-एचआरएमएस (ऑनलाइन मॉड्यूल) में उन सभी केंद्र सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगा जो दिसंबर 2024 और उसके बाद सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।”

सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर हैं, वे ई-एचआरएमएस (केवल सेवानिवृत्ति के मामले) के जरिए फॉर्म 6-ए भरेंगे और सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर नहीं हैं, वे फॉर्म 6-ए भविष्य भरेंगे।

बयान के अनुसार, “फॉर्म और भविष्य/ई-एचआरएमएस के साथ इसके एकीकरण की शुरुआत 30 अगस्त, 2024 को केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह करेंगे। बयान के अनुसार फॉर्म सरलीकरण केंद्र की “अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार” नीति के तहत महत्वपूर्ण पहल है। बयान में कहा गया है कि इस नए फॉर्म में कुल 9 फॉर्म/प्रारूपों को मिला दिया गया है।”

रिलायंस की 47वीं एजीएम शुरू, मुकेश अंबानी बोले- जियो के कारण भारत दुनिया का सबसे बड़ा डेटा बाजार

रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी की मीडिया संपत्तियों के मेगा विलय को प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआई की ओर से हरी झंडी दिए जाने के एक दिन बाद आरआईएल की 47वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आयोजन किया गया। इस दौरान रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को संबोधित किया। एजीएम के दौरान गुरुवार को मुकेश अंबानी ने कहा कि यह डील भारत के मनोरंजन उद्योग में एक नए युग की शुरुआत है। रिलायंस परिवार में डिज्नी का स्वागत करते हुए अंबानी ने कहा कि जियो और रिटेल कारोबार की तरह ही विस्तारित मीडिया कारोबार रिलायंस इकोसिस्टम में एक अमूल्य विकास केंद्र होगा।

उन्होंने आरआईएल एजीएम में कहा, “आइए अब डिज्नी के साथ अपनी साझेदारी के बारे में बात करते हैं। यह भारत के मनोरंजन उद्योग में एक नए युग की शुरुआत है। हम कंटेंट निर्माण को डिजिटल स्ट्रीमिंग के साथ जोड़ रहे हैं।” मुकेश अंबानी ने एजीएम के दौरान एलान किया कि पांच सितंबर की बैठक में शेयरधारकों को 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने पर विचार किया जाएगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज 5 सितंबर की बोर्ड मीटिंग में 1:1 बोनस शेयरों पर विचार करेगी
भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) 5 सितंबर को अपनी बोर्ड मीटिंग में 1:1 बोनस शेयर पर विचार करेगी। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब समूह मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और अपने कारोबार के विस्तार के बीच अपने शेयरधारकों को पुरस्कृत करना चाहता है।

हम प्रौद्योगिकी के मामले में शुद्ध उत्पादक बने: मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी ने कहा है कि रिलायंस प्रौद्योगिकी का शुद्ध उत्पादक बन गया है। हम भारत के लिए संपत्ति सृजन के व्यवसाय में हैं। जब आरआईएल बढ़ता है, तो हम अपने निवेशकों को अच्छा इनाम देते हैं।

दुनिया में उम्मीद और चिंता दोनों का माहौल: मुकेश अंबानी
आज की दुनिया उम्मीद और चिंता दोनों लेकर आई है, एक तरफ हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी वैज्ञानिक सफलता के साथ जी रहे हैं। एआई ने कई समस्याओं को हल करने में मदद करने के अवसर खोले हैं, लेकिन भू-राजनीतिक तनावों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती देने का खतरा बना हुआ है।

कमला हैरिस को बड़ी राहत, अमेरिका के शीर्ष श्रमिक संघ नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए दिया समर्थन

असाधारण एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए अमेरिका के शीर्ष श्रमिक संघ के नेताओं ने बाइडन-हैरिस प्रशासन के दौरान अपने समूहों को मिले साथ के कारण राष्ट्रपति पद के लिए वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया है।

देश भर के संघ के नेताओं ने सोमवार को शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में मंच संभाला और एक एकीकृत संदेश साझा किया: ‘श्रमिकों को उपराष्ट्रपति हैरिस का समर्थन है क्योंकि उन्होंने (कमला हैरिस ने) उनका साथ दिया है।’ 59 वर्षीय हैरिस गुरुवार को 5 नवंबर के चुनाव में रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प, 78, का मुकाबला करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के नामांकन को औपचारिक रूप से स्वीकार करने वाली हैं।

सर्विस एम्प्लाइज इंटरनेशन यूनियन (SEIU) के अध्यक्ष एप्रिल वेरेट ने कहा कि हम सभी कमला हैरिस के साथ खड़े हैं क्योंकि हैरिस हमेशा हमारे साथ खड़ी रहीं हैं।

ब्रेंट बुकर, लेबरर्स इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (LiUNA) के अध्यक्ष ने कहा, “दशकों से हम हमारे लिए आधारभूत संरचना में निवेश के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं… ट्रम्प ने खोखले वादे किए, बाइडन-हैरिस प्रशासन ने उन्हें पूरा किया… उनके लिए धन्यवाद, हमारे सदस्य घर खरीद सकते हैं, अपने बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं, और सम्मान के साथ रिटायर हो सकते हैं। राष्ट्रपति के रूप में, कमला हैरिस अमेरिका का निर्माण करने वाले श्रमिकों के लिए लड़ती रहेंगी।”

जबकि ट्रम्प ने श्रमिकों के अधिकारों को खत्म कर दिया और कंपनियों को अपने और अपने अमीर दोस्तों के लिए करों में कटौती करते हुए विदेशों में नौकरियां भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। हैरिकस कामकाजी लोगों के साथ खड़ीं हैं और मध्यम वर्ग को मजबूत करने के लिए लड़ रही हैं।

इंटरनेशनल ब्रदरहुड ऑफ़ इलेक्ट्रिकल वर्कर्स (IBEW) के अध्यक्ष केनेथ कूपर ने कहा, “कमला हैरिस हमारी मदद के लिए उपलब्ध रही हैं। वह हमारे देश भर में भूले हुए स्थानों पर अमेरिकी विनिर्माण को वापस ला रही हैं। उन्होंने हमारी पेंशन योजना को बचाने के लिए निर्णायक वोट दिया।”

सेबी प्रमुख पर आरोप करोड़ों निवेशकों के विश्वास से जुड़ा गंभीर मामला, रमेश बोले- पारदर्शिता जरूरी

कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से जुड़े हालिया विवाद पर मंगलवार को फिर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सेबी अध्यक्ष के हितों का गंभीर टकराव करोड़ों निवेशकों के विश्वास से जुड़ा एक गंभीर मामला है। हाल ही में अमेरिकी संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ हितों के टकराव का आरोप लगाया था। माधवी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हाल ही में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि यूनिक पैन के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का यूनिक पंजीकृत निवेशक आधार 10 करोड़ से अधिक हो गया है। इसका तात्कालिक अर्थ यह निकाला जा सकता है कि वित्तीय बाजारों में ईमानदारी और पारदर्शिता बड़ी व बढ़ती संख्या में भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं के लिए मायने रखती है।’’

उन्होंने कहा कि एनएसई के अनुसार, इन निवेशकों की औसत आयु 32 वर्ष है और सभी निवेशकों में से 40 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के हैं। रमेश ने कहा, ‘‘वित्तीय बाज़ार इस धारणा पर कार्य करते हैं कि नियामक निष्पक्ष रूप से नियमन करेंगे और कंपनियां नियमों के अनुसार चलेंगी। लेकिन जब सेबी अध्यक्ष के हितों का गंभीर टकराव सामने आता है और वह भी अदाणी समूह द्वारा कथित धनशोधन एवं ‘राउंड ट्रिपिंग’ की जांच के संबंध में हो, तब यह करोड़ों निवेशकों के विश्वास से जुड़ा एक गंभीर मामला बन जाता है।’’

उन्होंने कहा कि विनियामक विफलता और हितों के टकराव भले ही कुछ समय के लिए सामने आएं और चर्चा में बने रहें, लेकिन इससे बाज़ार को लेकर सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि युवा और निवेशकों की बढ़ती संख्या निश्चित रूप से बेहतर की हक़दार है।

कौशल के खेल और किस्मत के खेल में अंतर पर मांगे गए सुझाव, एफडीआई बढ़ाने की दिशा में DPIIT का कदम

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए ऑनलाइन कौशल के खेल (Skill Gaming) और किस्मत के खेल (Chance Gaming) में अंतर करने को नोट जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोट के तहत इस मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों के विचार मांगे गए हैं।

अधिकारी ने कहा कि विदेशी निवेश पाने के लिए दोनों तरह के खेलों के बीच स्पष्ट अंतर जरूरी है, क्योंकि ऑनलाइन कौशल के खेल में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अपने संबोधन में भारतीय पेशेवरों से वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि गेमिंग उद्योग में देश अग्रणी स्थिति हासिल कर सकता है।

नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘एफडीआई के लिए दोनों के बीच अंतर करने के मकसद से अंतर-मंत्रालयी चर्चा को एक अवधारणा नोट जारी किया गया है। हमें यह देखने की जरूरत है कि ऑनलाइन गेमिंग में, हम एफडीआई लाने के लिए ‘कौशल के खेल’ और ‘किस्मत के खेल’ के बीच कैसे अंतर कर सकते हैं।’’

कुछ लोग ऑनलाइन गेमिंग को जुए और सट्टेबाजी से जोड़कर आपत्ति जताते हैं। इस बात पर भी सवाल है कि इन चीजों को परिभाषित करने का अंतिम प्राधिकारी कौन होगा। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें इसका आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र निकाय की आवश्यकता है।’’

सोने की कीमतों में 300 रुपये की मजबूती, चांदी 300 रुपये नरम पड़ी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में उछाल के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 73,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। मंगलवार को पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 72,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी की कीमत 300 रुपये की गिरावट के साथ 83,200 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी।

लगातार तीसरे सत्र में 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमतों में उछाल दिखा। इनकी कीमतें 300-300 रुपये बढ़कर क्रमश: 73,150 रुपये और 72,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं।

सर्राफा बाजार के कारोबारियों के अनुसार घरेलू मांग में तेजी आने और वैश्विक असर से सोने की कीमतों में तेजी आई। वैश्विक बाजार में कॉमेक्स पर सोना 4.50 डॉलर प्रति औंस की तेजी के साथ 2,512.30 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करता दिखा।

कमजोर डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के कारण कॉमेक्स पर सोना रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंचा और लगातार पांचवें सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ। ऐसा अमेरिकी उत्पादक मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी होने के बाद अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में गिरावट के कारण हुआ। कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी-कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला के अनुसार भू-राजनीतिक तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के लिए सोने की मांग बढ़ी है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी 27.98 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करती दिखी। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, मुद्रास्फीति में कमी के संकेतों के कारण फेड से ब्याज दर में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के बीच अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट आई इससे सोने की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पास मजबूती से कारोबार कर रही हैं।

GST अधिकारियों ने वापस लिया 32403 करोड़ रुपये का नोटिस, डीजीजीआई को जवाब देने का निर्देश दिया

कर्नाटक के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने इंफोसिस को जारी किया 32,403 करोड़ रुपये का पूर्व-कारण बताओ नोटिस वापस ले लिया है। यह नोटिस इंफोसिस को अपनी विदेशी शाखाओं से ली गई सेवाओं के लिए जारी किया गया था। इंफोसिस ने बताया कि कंपनी को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) को आगे का जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी बुधवार को तब सुर्खियों में आई थी, जब जीएसटी अधिकारियों ने 2017 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के लिए अपनी विदेशी शाखाओं से कंपनी द्वारा ली गई सेवाओं के लिए 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था।

बृहस्पतिवार देर शाम फाइलिंग में इंफोसिस ने बताया, ‘कंपनी को कर्नाटक राज्य के अधिकारियों से एक पत्र मिला है, जिसमें पूर्व-कारण बताओ नोटिस वापस ले लिया गया है और कंपनी को इस मामले पर डीजीजीआई केंद्रीय प्राधिकरण को आगे की प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।’

इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता- इंफोसिस
इंफोसिस ने एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इस नोटिस को पूर्व में जारी किया गया कारण बताओ नोटिस करार दिया था। कंपनी का कहना था कि इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता। बंगलूरू स्थित सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी ने बताया कि कर्नाटक के जीएसटी अधिकारियों ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के बीच 32,403 करोड़ रुपये का इंफोसिस लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उन्होंने कहा कि कंपनी ने नोटिस का जवाब दे दिया है।

इंफोसिस ने बुधवार को वैधानिक फाइलिंग में कहा, ‘कंपनी को इसी मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक से कारण बताओ नोटिस भी मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है।’

इंफोसिस ने कहा, ‘इसके अलावा, जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा हाल ही में जारी एक परिपत्र के अनुसार, विदेशी शाखाओं द्वारा भारतीय इकाई को प्रदान की जाने वाली सेवाएं जीएसटी के अधीन नहीं हैं।’

इंफोसिस की तरफ से दिया गया तर्क
इसे लेकर इंफोसिस की तरफ से तर्क दिया गया था। कंपनी ने कहा कि इंफोसिस ने अपने सभी जीएसटी का भुगतान किया है। इसके अलावा, भुगतान के दौरान केंद्र और राज्य द्वारा जारी नियमों का पूरी तरह से पालन किया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों ने इंफोसिस को भेजे गए दस्तावेज में कहा है कि इंफोसिस लिमिटेड ने जुलाई 2017 से 2022 तक विदेशों में स्थित अपनी शाखाओं से सेवाएं लीं। इसलिए, कंपनी को 32,403.46 करोड़ रुपये का एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) का भुगतान करना होगा। जीएसटी इंटेलिजेंस निदेशालय का मानना है कि इंफोसिस ने सेवाओं के आयात पर प्राप्तकर्ता के रूप में आईजीएसटी का भुगतान नहीं किया।

31 जुलाई तक दाखिल हुए 7.28 करोड़ आयकर रिटर्न, 72% ने चुना नई कर व्यवस्था का विकल्प

31 जुलाई की समयसीमा तक पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक आईटीआर दाखिल किए गए। 31 जुलाई तक करीब 7.28 करोड़ से लोगों ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया। आयकर विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

विभाग ने एक बयान में कहा कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक दाखिल आईटीआर की कुल संख्या 7.28 करोड़ से अधिक है, जो 31 जुलाई, 2023 तक दायर आकलन वर्ष 2023-24 (6.77 करोड़) के कुल आईटीआर की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक है।

बयान में कहा गया है, “निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से 5.27 करोड़ नई कर व्यवस्था में दाखिल किए गए हैं, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में 2.01 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए हैं।”

72% रिटर्न दाखिल करनेवालों ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना
इस प्रकार, लगभग 72 प्रतिशत करदाताओं ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, जबकि 28 प्रतिशत पुरानी कर व्यवस्था में बने हुए हैं। आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया 31 जुलाई, 2024 (वेतनभोगी करदाताओं और अन्य गैर-कर ऑडिट मामलों के लिए नियत तिथि) को चरम पर पहुंच गई, जिसमें एक ही दिन में 69.92 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए।

विभाग को पहली बार रिटर्न भरने वालों से 58.57 लाख आईटीआर भी मिले, जो कर आधार बढ़ने का एक उचित संकेत है। ऐतिहासिक रूप से पहली बार, ITR (ITR-1, ITR-2, ITR-4, ITR-6) को वित्तीय वर्ष के पहले दिन यानी 1 अप्रैल, 2024 को ई-फाइलिंग पोर्टल पर सक्षम कर दिया गया था।

31 जुलाई तक 3.34 करोड़ आईटीआर-1 दाखिए किए गए
निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल किए गए 7.28 करोड़ आईटीआर में से 45.77 प्रतिशत आईटीआर-1 (3.34 करोड़), 14.93 प्रतिशत आईटीआर-2 (1.09 करोड़), 12.5 प्रतिशत आईटीआर-3 (91.10 लाख), 25.77 प्रतिशत आईटीआर-4 (1.88 करोड़) और 1.03 प्रतिशत आईटीआर-5 से आईटीआर-7 (7.48 लाख) हैं। इनमें से 43.82 प्रतिशत से अधिक आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आईटीआर यूटिलिटी का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं और शेष ऑफलाइन आईटीआर यूटिलिटीज का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं।