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हेल्थ

क्या आप जानते हैं पानी वजन घटाने में हैं बेहद मददगार, ‘जापानी वाटर थेरेपी’ का करें इस्तेमाल

आज हम आपको बड़े हुए पेट को कम करने के कुछ ऐसे घरेलू और कारगर उपाय बताएंगे. जिनके करने के बाद आपका बड़ा हुआ पेट नियमित रूप से करने से यह कुछ ही दिनों में कम हो जाएगा।

बड़ा हुआ पेट किसी को भी अच्छा नहीं लगता क्योंकि कपड़े पहने हुए बहुत गंदे लगते हैं। इसलिए पेट की चर्बी को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपाय हमारे घर में ही छुपे होते हैं। जिनके करने से हम अपने पेट को कुछ ही दिनों में कम कर सकते है।

कई अध्ययन बताते हैं कि पानी वजन घटाने में मदद कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, भोजन से 30 मिनट पहले 2.1 कप (500 एमएल) पानी पीने वाले लोगों ने खाने से पहले तरल पदार्थ पीने वाले वयस्कों की तुलना में 13 प्रतिशत कम भोजन खाया। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि चीनी से भरे पेय पदार्थों को पानी के साथ बदलने से कैलोरी का सेवन कम हो सकता है जो अन्यथा वजन बढ़ाने को बढ़ावा दे सकता है।

पानी पेट भरने का काम करता है। भोजन से पहले एक गिलास पानी पीने से आप ज्यादा खाने से बच सकते हैं और भोजन के बीच की लालसा पर भी कंट्रोल कर सकते हैं। जाहिर है यह आपको एक्स्ट्रा कैलोरी से बचाता है और वजन बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है।

न केवल पानी बल्कि डाइट प्लान भी कम कैलोरी का उपभोग करने में मदद करती है। ये सभी कारक एक साथ वजन घटाने का समर्थन करते हैं और आपको ट्रैक पर रहने में मदद करते हैं।

ब्लैक कॉफी पीने से वेट लॉस करने में मिलेगी मदद, जानिए इसके अन्य लाभ

मोटापा एक ऐसी समस्या है, जो हमें कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है. इनमें डायबिटीज, हार्ट संबंधी बीमारियां तक शामिल हैं.लोग वजन घटाने के लिए तमाम तरह के उपाय अपनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लैक कॉफी के सेवन से भी वजन घटाने में मदद मिल सकती है. ब्लैक कॉफी पीने से आप एक्टिव महसूस करने के साथ ही वजन भी घटा सकते हैं.

देश के मशहूर आयुर्वेदिक डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि ब्लैक कॉफी वेट लॉस में मदद कर सकती है. इसका असर दोगुना तब हो जाता है, जब आप इसे बिना चीनी के पीते हैं. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा की गई एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि प्रतिदिन 4 कप ब्लैक कॉफी पीने से लगभग 4 प्रतिशत शरीर का फैट कम हो सकता है.

ओनली माय हेल्थ के अनुसार, ब्लैक कॉफी के अंददर प्रोटीन, ऊर्जा, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, जिंक, विटामिन ई, विटामिन बी6, विटामिन के आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं

ब्लैक कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड नामक एक पदार्थ होता है, क्लोरोजेनिक एसिड की मौजूदगी रात के खाने के बाद ग्लूकोज के निर्माण में देरी करती है. लिहाजा नई वसा कोशिकाओं का निर्माण कम हो जाता है, इस वजह से शरीर में कम कैलोरी होती है.

ब्लैक कॉफी में पाया जाने वाले कॉम्पोनेंट कैफीन शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है. कैफीन एक प्राकृतिक उत्तेजक है, जो मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सक्रिय और केंद्रित रहने में मदद करता है.

डिलवरी के बाद महिलाओं में तेज़ी से बढ़ जाता हैं पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस का खतरा

आज कल कम उम्र में भी थाइराइड( Thyroid) की समस्या महिलाओं में देखने को मिल रही है. थायराइड होने की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. उनके पीरियड्स भी अनियमित ही जाते हैं.

अगर आपको नींद की समस्‍या, वजन बढ़ना या घटना, स्‍ट्रेस बढ़ना आदि लक्षण हैं तो ये थायराइड की ओर संकेत करते हैं.साथ ही थाइराइड भी कई तरह के होते हैं. जैसे मोटा होना या पतला होना. ऐसे ही थाइराइड होने से पहले कई लक्षण दिखाई देते हैं.

स्किन डिसऑर्डर- थायराइड में हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण स्‍क‍िन डिसऑर्डर की समस्‍या हो सकती है. मह‍लिाओं में पिंपल्स की समस्‍या कारण थायराइड का बढ़ता स्‍तर हो सकता है. आपको थायराइड कंट्रोल करने के उपाय अपनाकर हार्मोन्‍स बैलेंस करना चाहिए जो मह‍लिाएं 30 साल व उससे ज्‍यादा होती हैं .

इनफर्टिलिटी- जिन महिलाओं में पहले से इनफर्टिलिटी की समस्या होती है उन्हें थायराइड की बीमारी हो सकती है. अंडरएक्‍ट‍िव या ओवरएक्‍ट‍िव थायराइड फर्ट‍िलिटी के प्रोसेस को मह‍लिाओं के शरीर पर असर कर सकता है.

पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस- यह डिलवरी के बाद हो सकता है थायराइड में असंतुलन के कारण पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस की समस्‍या मह‍लिाओं को हो सकती है. थायराइड के लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं जैसे नींद की समस्‍या, चिड़चिड़ापन तनाव होना, भूख बढ़ना आदि.

हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाएगा इस चीज का जूस

आज हम आपके लिए ब्रोकली जूस के फायदे लेकर आए हैं. इससे हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याओं में काफी आराम मिलता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ब्रोकली खाने में काफी स्वादिष्ट और सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होती है.

ब्रोकली जूस पीने से डायबिटीज कंट्रोल में रहता है और कोलेस्ट्रोल के लक्षण को भी कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा ब्रोकली जूस पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने में हेल्पफुल है.

ब्रोकली में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, आयरन, सेलेनियम, विटामिन ए, सी के साथ पोलीफेनोल पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें फाइबर औऱ विटामिन सी की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं.

ब्रोकली जूस के नियमित सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं, जिसकी मदद से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है .

शरीर में सूजन की समस्या से परेशान हैं तो ब्रोकली जूस पीएं, इसमें एंटीऑक्सीडेंट और अमीनो 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, जिसके सेवन से सूजन की दिक्कत में राहत मिलती है.

पीठ की तकलीफ से परेशान है तो यहाँ जानिए जमीन पर सोने के कुछ फायदें

अपने बिस्तर पर सोना किसे नहीं पसंद. दिन भर की भाग दौड़ के बाद रात में सबको अपना बिस्तर ही याद आता है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अपने बिस्तर के अलावा नींद तक नहीं आती है.

लोग अपने बिस्तर गद्दे को अपने हिसाब से बनवाते है, जैसे कुछ लोगों को पीठ की तकलीफ होती है वह पतला गद्दा बनवाना पसंद करते हैं. कई बार बिस्तर पर सोने से पीठ में दर्द या शरीर के कई हिस्सों में दर्द हो जाता है. या तो कोई नस खींच जाती है जा फिर हाथ में दर्द हो जाता है. इन सब को गायब करने के लिए ज़मीन पर सोना फायदेमंद है. तो चलिए जानते हैं ज़मीन पर कैसे सोन चाहिए.

जमीन पर सोने के फायदें

रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखता है- जब आप जमीन पर सोते है तो रीढ़ की हड्डी अकड़ती नहीं है वहीं जब आप बिस्तर पर सोते हैं रीढ़ की हड्डी अक्सर अकड़ जाती है, जिसका असर सीधा सीधा दिमाग पर पड़ता है. दरअसल रीढ़ की हड्डी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती है वह सीधा मस्तिष्क से कनेक्टेड होती है, ऐसे में जमीन पर सोना लाभदायक हो सकता है.

पीठ दर्द को देता है राहत- जब आप जमीन पर सोते है तो सबसे पहला फायदा पीठ को होता है क्योंकि पीठ को जमीन पर ही राहत मिलती है.

शरीर का तापमान रहता है कम- ज़मीन में सोने से शरीर का तापमानसही रहता है. क्योंकि ज़मीन ठंडी रहती है. शरीर आराम को आराम मिलता है.

बालों के झड़ने से हैं परेशान तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए इन टिप्स को आजमाएं

कई दिनों से अगर आप महसूस कर रहे हैं कि आपके सिर से अलग-अलग हिस्सों के बाल गायब हो चुके हैं, तो समझ जाएं कि गंजापन शुरू हो चुका है। वैसे तो यह एक कॉमन प्रॉब्‍लम है मगर गंजापन महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में पाया जाता है। गंजेपन को मेडिकल की भाषा में एलोपेसिया भी कहते हैं।

जबकि ये एक स्थायी समाधान नहीं है, आंवला को भूरा होने की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए जाना जाता है और बालों के झड़ने को रोकने में भी ये मदद करता है. आंवला से सही तरीके से बालों के उपचार के लिए, नारियल तेल या जैतून के तेल के साथ आंवला का थोड़ा सा पाउडर मिलाएं और इसे रात में अपने बालों पर लगाएं. अपने बालों को सभी पोषक तत्वों में भिगो दें और सुबह इसे धो लें. बेहतरीन रिजल्ट्स के लिए हफ्ते में एक बार ऐसा करें.

एक पॉपुलर आयुर्वेदिक पिक, भृंगराज भूरे बालों के खिलाफ प्रभावी रूप से काम करता है. गर्म तेल के साथ मिक्स होने पर काला डाई बहुत अच्छे तरीके से काम करता है और आप अपने स्कैल्प की मसाज इससे कर सकते हैं. बेहतर रिजल्ट्स के लिए, धोने से पहले एक घंटे के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें.

इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप भी बढ़ा सकते हैं अपना वजन, देखिए कैसे

आमतौर पर लोग मोटापा घटाने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं। जैसे मोटे लोग अपने वजन को लेकर परेशान रहते हैं, वेसे ही पतले लोग भी अपने दुबलेपन को लेकर चिंता में रहते हैं। ऐसे में आप इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। तो आइए जानते हैं वजन बढ़ाने के टिप्स।

चलिए जानते हैं विस्तार से-
1 .डाइट-
आपके दुबलापन को दूर करने में डाइट आपकी मदद कर सकता है. अपने प्रतिदिन के आहार में संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक आहार के साथ वर्कआउट को भी शामिल करें. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आएगा.
2 .केला-
सुबह नाश्ते में केला को जरूर शामिल करें. दूध और दही के साथ केला खाना काफी फायदेमंद होता है. बनाना मिल्क शेक भी सेवन कर सकते हैं. यह वजन बढ़ाने का प्रभावी तरीका है.
3 .प्रोटीन युक्त आहार-
शरीर का वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन युक्त आहार सेवन करें. इसलिए अपने आहार में चिकन, अंडा, दूध, बादाम, मूंगफली को जरूर शामिल करें.
4 .कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें-
शरीर का वजन बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को आहार में शामिल करें. इसके लिए पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील आदि कार्बोहाइड्रेट के स्रोत है. इसके अलावा हरी साग- सब्जियां भी शामिल करें.

साधारण नमक से बहुत अधिक फायदेमंद होता हैं सेंधा नमक का सेवन, देखिए यहाँ

सेंधा नमक को लेकर आम धारणा है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ व्रत में किया जाता है। यह बात काफी हद तक सही भी है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि सेंधा नमक के इस्तेमाल को इतना खास क्यों माना गया है? सेंधा नमक में ऐसे कौन-से गुण हैं, जो इसे अन्य प्रकार के नमक से स्पेशल बनाते हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब और सेंधा नमक के फायदे के बारे में आप के इस आर्टिकल में विस्तार से जान पाएंगे। सेंधा नमक सिर्फ हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है।

सेंधा नमक, नमक का शुद्धतम रूप माना जाता है. दरअसल इसे इस्‍तेमाल के योग्‍य बनाने के लिए कैमिकल प्रोसेस से गुजरना नहीं पड़ता है. हालांकि, दूसरी ओर, साधारण नमक या टेबल सॉल्ट जिसे काला नमक भी कहा जाता है, इसे शुद्ध करने के लिए एंटी-कॉकिंग एजेंट और ट्रीटमेंट जैसे कई कैमिकल प्रोसेस से गुजरना पड़ता है.

सेंधा नमक एक प्रकार का खनिज है, जिसे नमक का शुद्ध रूप माना जा सकता है। सेंधा नमक का उपयोग खाने योग्य बनाने के लिए इसे किसी भी तरह के केमिकल प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ता है। सेंधा नमक को हिमालयन साल्ट, रॉक साल्ट, सिन्धा नमक, सैन्धव नमक, लाहौरी नमक या हैलाइड सोडियम क्लोराइड भी कहा जाता है।

इसके अलावा सेंधा नमक को डाइट में शमिल करने से बॉडी में ब्‍लड सर्कुलेशन सही रहता है और बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है. सेंधा नमक बॉडी में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हॉर्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने में भी मदद करता है, जो तनाव व स्ट्रेस से लड़ने में मदद करते हैं.

रिफाइन करते वक्त इसमें कई तरह के एडिटिव्स मिलाए जाते हैं, जिससे इसका नैचुरल रूप बिल्‍कुल बदल जाता है और इसमें मौजूद कैल्शियम, पोटेशियम और मिनरल कम हो जाते हैं. इसलिए सेंधा नमक पोषण के नजरिए से साधारण नमक से बहुत अधिक अच्छा होता है.

विटामिन डी की कमी के कारण आप भी हो सकते हैं इन जानलेवा बिमारियों का शिकार

शरीर के विकास के लिए विटामिन्स और मिनरल्स काफी जरूरी है। जब शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है तो वह कई संकेत देने लगता है। यह विटामिन हमारे लिए काफी जरूरी है। आप दूध पीने से परहेज करते हैं और सही मात्रा में धूप भी नहीं लेते तो शरीर में कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी की कमी हो सकती है। यह काफी गंभीर समस्या है, जिससे हमारा स्वास्थ्य बिगड़ भी सकता है। विटामिन डी का हमारे शरीर में काफी महत्तवपूर्ण रोल है।

ये हैं लक्षण

1.हर वक्‍त थकान महसूस होना

अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इसका सबसे बड़ा लक्षण आपका हर वक्‍त थका हुआ महसूस करना है. अगर आप अच्‍छा भोजन करते हैं और रात भर पूरी नींद लेते हैं इसके बाद भी अगर आपको नींद आती रहती है तो यह विटामिन डी की कमी का एक लक्षण हो सकता है.

2.हड्डियों में दर्द

शरीर में कैल्शियम को ऑब्‍जर्ब करने का काम दरअसल विटामिन डी करता है. ऐसे में अगर आप भरपूर दूध पीते हैं और कैल्शियम से भरपूर भोजन करते हैं इसके बाद भी शरीर में दर्द की शिकायत रहती हो तो इसकी वजह विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल आपके शरीर में कैल्शियम तो जा रहा है लेकिन विटामिन डी की कमी होने की वजह से बॉ‍डी इसको अपने भीतर सोख नहीं पाता.

3.चोट जल्‍दी नहीं होता ठीक

अगर आपका चोट बहुत दिनों तक ठीक नहीं होता तो इसकी वजह भी विटामिन डी की कमी हो सकता है. दरअसल विटामिन डी इंफेक्‍शन से लड़ने और शरीर में स्‍वेलिंग आदि को ठीक करने में मदद करता है. ऐसे में जब विटामिन डी की कमी हो जाती है तो किसी भी चोट को ठीक होने में ज्‍यादा वक्‍त लगता है.

प्रेगनेंसी के दौरान कार में करना पड़ता हैं सफर तो कुछ इस तरह लगाएं सीट बेल्‍ट

रोजाना सड़क हादसों में हम अपनों को खो देते हैं ज‍िनमें से ज्‍यादातर हादसे सीटबेल्‍ट न लगाने या गलत ढंग से लगाने के कारण होते हैं। सीटबेल्‍ट हम सब के ल‍िए जरूरी है पर अगर आप गर्भवती हैं तो आपके और बच्‍चे की सेफ्टी के ल‍िए सीटबेल्‍ट का इस्‍तेमाल और भी ज्‍यादा जरूरी है।

अगर आप सीट बेल्‍ट का इस्‍तेमाल नहीं करेंगी तो क‍िसी भी पल वाहन में आप चोट‍िल होने के डर से बच नहीं पाएंगी। केवल सीट बेल्‍ट लगाना ही नहीं बल्‍क‍ि सीट बेल्‍ट को सही ढंग से लगाने का तरीका जानना बेहद जरूरी है जो हम आगे इस लेख से जानेंगे।

आपको सीट बेल्‍ट को स्‍टीयर‍िंंग वील से दूर रखना चाह‍िए और गाड़ी का कंट्रोल मेनटेन करना चाह‍िए। आपको सीट बेल्‍ट ठीक ढंग से लगाना आना बहुत जरूरी है। ज्‍यादातर मह‍िलाओं को सीटबेल्‍ट लगाने का सही तरीका मालूम नहीं होता है।

आप उसे चेंज करवाएं पर टाइट सीट बेल्‍ट लगाने से पेल्‍व‍िक एर‍िया और लोअर एब्‍डॉम‍िन पर जोर पड़ सकता है ज‍िसके कारण आपको अड़चन या अजीब महसूस हो सकती है इसल‍िए टाइट बेल्‍ट अवॉइड करें।

आपको इस बात का ध्‍यान रखना है क‍ि बेल्‍ट को कंधों के बगल से गुजरने वाला सीट बेल्‍ट, सीने के बीच में रखना है। इसके अलावा सीट बेल्‍ट लगाने से कई मह‍िलाओं को कमर में दर्द का अहसास होता है उन्‍हें कमर में दर्द से बचने के ल‍िए तक‍िया लगाना चाह‍िए।