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हेल्थ

बालों की चमक को बढाने के लिए आप भी लगाएं ये होम मेड कंडीशनर

बालों की चमक बढ़ाने के लिए हेडवॉश के बाद कंडीशनर करना आवश्यक माना जाता है। लेकिन आमतौर पर लोग बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त कंडीशनर ही लगाते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि आप बाजारी कंडीशनर का ही प्रयोग करें।

अगर आप चाहें तो घर पर भी केमिकल फ्री कंडीशनर तैयार कर सकते हैं। यह बालों में नई चमक तो लाते हैं ही, साथ ही उन्हें काफी हेल्दी भी बनाते हैं। तो चलिए जानते हैं होममेड कंडीशनर बनाने के तरीके के बारे में−

बाजार का कंडीशनर लगाने के नुकसान

1. बाजार का कंडीशनर कुछ ही समय के लिए काम करता है लेकिन बाद में बाल फिर से पतले हो जाते हैं। 2. बाल झड़ने लगते हैं
3. बालों के असमय टूटने की शिकायत बढ़ जाती है
4. बालों को नहीं मिलता पोष्क तत्व
5. बाल हो जाते हैं खराब

1. केले से बनाएं कंडीशनर

. इसके लिए आपको 1 पका हुआ केला चाहिए
. इसे आप अच्छे से मैश करें
. अब आप इसमें 2 चम्मच ऑलिव ऑयल मिला लें
. इसके बाद आप इसमें 1 चम्मच शहद डालें
. इसे अच्छे से मिला लें
. अब आप इसे बालों पर लगाएं
. 30 मिनट के बाद आप सिर धो लें

स्किन प्रॉब्‍लम्‍स को दूर करने के साथ कई बिमारियों से निजात दिलाता हैं करेला

करेला का नाम सुनते ही लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन खाने में करेला जितना कड़वा लगता है, आपकी हेल्‍थ के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। खासतौर पर इसे डायबिटीज का काल माना जाता है।

गर्मियों में रोजाना सुबह करेला का जूस पीने से आप अपनी डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं। इतना ही नहीं यह आपकी स्किन प्रॉब्‍लम्‍स को दूर करने से लेकर बालोंर हेल्‍थ के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

कैंसर से बचाता है

करेले का जूस कैंसर कोशिकाओं की क्षमता को सीमित करता है और इस प्रकार कोशिकाओं के ऊर्जा स्रोत को कम करता है और साथ ही उसे मार देता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि करेला का जूस स्तन कैंसर का इलाज कर सकता है.

अस्थमा के इलाज में मदद करता है

नियमित रूप से करेला का रस पीने से पुरानी खांसी को दूर करने में मदद मिलती है. करेला का रस अस्थमा और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है.

त्वचा में निखार लाता है

करेला शरीर में खून को शुद्ध करने में मदद करता है. यह त्वचा से रेखाओं को हटाने में भी मदद कर सकता है. इस प्रकार, करेला का रस त्वचा को साफ करने के खास होता है.

शरीर के कार्य करने की क्षमता में सुधार लाता हैं आपके रसोई घर में रखा ये मसाला

आपने भी सुना ही होगा कि छोटी-छोटी चीजें बड़े काम आती हैं। हमारी डायट में भी यही नियम लागू होता है। जिम में थोड़ी और मेहनत करने के साथ आप थोड़ा ज़्यादा पानी पीते हैं और वजन घटाने की कोशिश करते हैं।

वेट लॉस की कोशिश में लोग अलग-अलग तरीके आजमाते हैं और हेल्थ ड्रिंक्स भी पीते हैं। खैर, अगर आप अपनी नियमित डायट और एक्सरसाइज पर बहुत ध्यान देते हैं, तो आपके लिए एक और टिप है जो वेट लॉस की आपकी कोशिश में मददगार साबित हो सकता है।

उससे शरीर के कार्य करने की क्षमता में भी सुधार आता है और बीमारियों जैसे मोटापा, हाई कोलेस्ट्रोल लेवल से भी छुटकारा मिलता है. मौसमी बीमारियों , मोटापा, पेट की समस्या, आंत की सफाई और चुस्त-दुरुस्त रहने में किचन की तीन सामग्रियां बेहद कारगर हैं. अजवाइन, जीरा और सौंफ से तैयार कहवा सुबह-शाम इस्तेमाल करने से फैट घुलाने समेत कई बीमारियों के खिलाफ शरीर को सुरक्षा मिलता है.

सौंफ पेट और आंत से जुड़ी बीमारियों के लिए बेहतरीन दवा का काम करता है, सौंफ के इस्तेमाल से देर तक भूख नहीं लगती. जीरा और अजवाइन शरीर और पेट के आसपास जिद्दी फैट घुलाने के लिए शानदार है. अजवाइन के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल लेवल संतुलित रहता है और भोजन के साथ शरीर में पहुंची अतिरिक्त चर्बी को निकालने का काम करता है.

पतले-दुबले लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हैं ये सरल उपाए, एक हफ्ते में बढ़ जाएगा वजन

मोटापा कम करना जितना मुश्किल काम है, उसी तरह वजन बढ़ाना भी कठिन है. दुबले, पतले और कमजोर शख्स के लिए वजन बढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं. विशेषज्ञों के मुताबिक वजन बढ़ाने या वजन में कमी लाने के लिए जीवन शैली, आहार और व्यायाम से मदद मिलती है और दोनों स्थितियों में सप्लीमेंट्स, दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है.

रात के समय सोने से पहले 3-4 केले खाये और उसके साथ एक गिलास दूध का सेवन करें यह वज़न बढ़ने बहुत मदद करता है.
दूध में शहद मिलाकर उसका नियमित सेवन करें इससे आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहती है.
वज़न बढ़ने के लिए आप खरबूजा भी खा सकते हैं, हालाँकि यह मौसमी फल है, लेकिन वज़न बढ़ने का एक अच्छा उपाय है.
वज़न बढ़ाने के लिए आप पीनट बटर ले और उसे ब्रेड के साथ लगाकर खाये यह वज़न बढ़ाने का एक अच्छा उपाय है.अगर आप अंडे खाते हैं तो आप अंडे का सेवन भी कर सकते हैं क्योँकि अंडे में प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है.

उनका कहना है कि मोटापा या शरीर की चर्बी का हटाना चंद दिनों का काम नहीं. जैसे मोटापा आहिस्ता आहिस्ता आता है, उसी तरह दुबले-पतले को मोटा होने में भी वक्त लगता है. सेहतमंद तरीके से संपूर्ण स्वास्थ्य को खतरे में डाले बिना वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बेहतरी लाना और डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है.

शरीर के दर्द और तनाव को करना हैं दूर तो आजमाएं ये सरल उपाए

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है

रोज़ सुबह होते ही यदि आप भी खाली पेट करते हैं कॉफ़ी का सेवन तो हो जाए सावधान

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

नाशपाती का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए हो सकता हैं बेहद फायदेमंद

मौसमी फलों को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। नाशपाती भी एक मौसमी फल है। यह हरे रंग का मोटे छिलके वाला फल होता है। नाशपाती का वैज्ञानिक नाम पायरस है और इंग्लिश में इसे पियर कहते हैं। नाशपाती को फाइबर का अच्छा सोर्स माना जाता है।

नाशपाती के सेवन से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं। मददगार हो सकती है। इतना ही नहीं इसमें भरपूर मात्रा में पाए जाने वाले फाइबर के गुण, पाचन को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए हम आपको नाशपाती से मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हैं।

हड्डियोंः नाशपाती कैल्शियम का अच्छा सोर्स है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के लिए नाशपाती का सेवन कर सकते हैं

 आयरनः नाशपाती को आयरन का अच्छा सोर्स माना जाता है। जिन लोगों में हीमोग्लोबिन की कमी है उन्हें नाशपाती का सेवन करना चाहिए। ये एनीमिया की कमी को पूरा करने में मदद कर सकती है।

 थकानः शरीर में थकान, कमजोरी महसूस होती है तो आप नाशपाती का सेवन करें। नाशपाती में पाए जाने वाले पोषक तत्व एनर्जी को बूस्ट करने में मददगार माने जाते हैं। इतना ही नहीं ये त्वचा को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

 

 

इंफेक्शन और कैंसर के खतरे को कम करने में बेहद लाभदायक है हल्दी

आपकी रसोईघर में मौजूद हल्दी कितनी फायदेमंद होती है, क्या आपने कभी इसका अंदाज भी लगाया है? हल्दी से इंफेक्शन और कैंसर भी पूरी तरह दूर हो सकता हैं. आइये जानते हैं हल्दी खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं.

सूजन में देता है आराम- हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेशन प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं जो कि आसानी से शरीर में आने वाली सूजन को कम कर देती हैं.कैंसर के रिस्क को भी करता है कम- कई स्टडीज ये बता चुकी हैं कि हल्दी का सेवन कैंसर की शुरूआती स्टेज में बहुत ही ज्यादा प्रभावी होता है. यानि कैंसर की फर्स्ट स्टेज में भी हल्दी के सेवन से कैंसर को रोकने में बहुत मदद मिल सकती है.

डायजेशन को रखता है दुरुस्त- हल्दी के सेवन से डायजेशन भी बहुत अच्छा रहता है. ये डायजेस्टिव डिस्ऑर्डर को भी पूरी तरह ठीक करता है.ब्रेन हेल्थ- हल्दी के पॉवरफुल हेल्थ बेनिफिट्स हैं. ये कई तरह के न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर को भी ठीक कर सकता है. जैसे अल्जाइमर और डिमेंशिया.

हार्ट के लिए है अच्छा- हल्दी हार्ट हेल्थ को बहुत इंप्रूव करता है. ये बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है. इस हिसाब से इसके सेवन करने से आप को हार्ट प्रॉब्लम से भी पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है.

दिमाग को तेज करने के साथ इन बिमारियों को दूर करेगा अखरोट, जानिये इसके फायदे

डॉयफ्रुइट्स भले ही महंगे मिलते हैं लेकिन रोजाना डॉयफ्रुइट्स का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी हैं. डॉयफ्रुइट्स में अखरोट सबसे ज्यादा फायदेमंद होता हैं क्युकी ये दिमाग को तेज करने के साथ साथ कई बीमारियां को दूर करता हैं.

अगर आप की त्वचा सफेद पड़ गई है तो रेग्लुर अपनी डाइट में शामिल करने से आपकी त्वचा पहले के जैसे हो जाएंगी। बढते वजन को घटाने में भी अखरोट बेहद मददगार है। जो लडकियां या लडके अपना वेट लॉस करना चाहते हैं उनको अखरोट का सेवन करना चाहिए।

अखरोट को पसंद करने वाले इसे डर से नहीं खाते हैं कि इसमें कैलोरी ज्यादा होती है और इससे उनका वजन बढ़ सकता है. लेकिन एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अमेरिकी सरकार ने अखरोट में जितनी कैलोरी बताई हुई हैं उससे 21 प्रतिशत कम केलोरी होती हैं.

प्रतिष्ठित ‘जनरल ऑफ न्यूट्रीशिन’ में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में बताया गया है कि अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अखरोट में जितनी कैलोरी होने की बात कही है, असल में, अखरोट में उससे 21 फीसदी कम कैलोरी होती हैं.

अखरोट में मेलाटोनिन पाया जाता है जो नींद के लिए प्रेरित करता है। जिन लोगों को रात में ठीक से नींद न आती हो। उन्हें अच्छी नींद लाने में सहायक है। अखरोट में वसा रहती है लेकिन वह हैल्दी फैट होता है जो फाइबर और प्रोटीन का बेहतर स्त्रोत है।

लर्निंग डिसऑर्डर डिस्लेक्सिया के कारण आपके बच्चों में भी दिख रखें हैं ये लक्ष्ण तो हो जाए सावधान!

क्या आपके बच्चे को अक्षरों में समानता या अंतर करने या नए शब्दों को सीखने में परेशानी हो रही है? क्या आपके बच्चे को स्कूल में पढ़ाई के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है? अगर हां तो ये डिस्लेक्सिया के कारण हो सकता है.

ये एक प्रकार का लर्निंग डिसऑर्डर है जिसके शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं. ये भी गौर करना जरूरी है कि डिस्लेक्सिया मेडिकल की एक स्थिति है न कि बुद्धि की कमी. इस न्यूरोलॉजिकल समस्या का वयस्क होने तक पता नहीं चल पाता है.

शोधकर्ताओं को अभी तक डिस्लेक्सिया का कारण नहीं समझ में आया है, लेकिन उनका मानना है कि विकास के दौरान कोई समस्या दिमाग को प्रभावित कर सकती है. शोधकर्ता उसके पीछे जेनेटिक्स की भूमिका को भी एक हिस्सा मानते हैं.

डिस्लेक्सिया शारीरिक अक्षमता जैसे दृष्टि या सुनने की समस्या की वजह से नहीं होती है. डिस्लेक्सिया से पीड़ित ज्यादातर लोगों की बुद्धि औसत या औसत से ऊपर होती है. उनको जानकारी याद रखने, व्यवस्थित करने या हासिल करने में दुश्वारी होती है.

डॉक्टर की भूमिका डिस्ऑर्डर से पीड़ित बच्चों के इलाज में स्पष्ट है. समर्थन से ज्यादातर पीड़ित बच्चे अपनी सीखने की क्षमता में सुधार कर लेते हैं.