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हेल्थ

रोजाना सुबह खाली पेट लहसुन का सेवन करने से आपको मिलेंगे ये सभी फायदे

हम सभी सुबह में पानी पीने के फायदों से वाकिफ हैं. दिन की शुरुआत सही फूड और ड्रिंक्स के साथ करना आपके पूरे स्वास्थ्य को बदल सकता है.  लहसुन किचन में इस्तेमाल किया जानेवाला एक सबसे आम मसाला है.

वर्षों से स्वाद के लिए उसका इस्तेमाल भोजन की तैयारी में किया जा रहा है. लहसुन और पानी को एक साथ मिलाकर इस्तेमाल करना पूरे स्वास्थ्य के लिए शानदार है.

आंख की सेहत को सुधारता है लहसुन- उसका सूक्ष्मजीवी रोधी गुण होने के कारण लहसुन आपकी आंखों के लिए शानदार काम करता है. लहसुन का नियमित सेवन आपकी आंख के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है.

लहसुन पाचन में मदद करता है- सुबह में लहसुन खाने से आपके बेहतर पाचन में मदद मिलती है. पाचन के बेहतर होने से आपके पेट की समस्याएं दूर होंगी. ये आगे वजन कम करने में भी मददगार होता है.

लहसुन शरीर की सफाई करता है- पानी और कच्चा लहसुन का मिश्रण आपके शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है. ये आपके शरीर से सभी नुकसानदेह टॉक्सिन्स को साफ करता है और डायबिटीज, डिप्रेशन, और विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम भी करता है.

आपकी स्किन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है चीनी और दही, जानिए कैसे

रिफाइंड शुगर आपकी सेहत के लिए तो बहुत ही हानिकारक होती है। मगर चीनी आपकी स्किन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे हमारा मतलब चीनी खाने से नहीं बल्कि चीनी को अपनी स्किन पर लगाकर उपयोग करने से है।

अगर आप दही-चीनी का पेस्ट अपने फेस पर लगाकर मसाज करते हैं तो इससे केवल 10 मिनट में आपका फेस चमक उठता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दही आपकी त्वचा को मॉइश्चराइज करने में मदद करती है।

इसके लिए आप कॉफी पाउडर में चीनी और कोकोनट ऑइल मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। फिर इसको अपनी स्किन पर लगाकर स्क्रब की तरह उपयोग करें। इसके आपकी बॉडी की क्लीनिंग हो जाती है जिससे आपकी स्किन जवां और हसीन दिखने लगती है।

अगर आपकी त्वचा पर मुहांसे, ऐक्ने या दाग-धब्बों की परेशानी है तो आपको अपनी स्किन पर चीनी का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। चीनी एक प्राकृतिक ह्यूमेक्टेंट है, जो आपकी स्किन में नमी बनाए रखने में सहायता करता है।

एनर्जी बूस्ट करने के साथ साथ आपको स्वास्थ्य रखेगा ये प्राणायाम

जब माहौल में भय और आशंका व्याप्त हो, हर तरफ बीमारी की चर्चा हो और दिन-रात घर में ही रहने को विवश होना पड़े, तो मन में तनाव पैदा होना बहुत स्वाभाविक है। मन को शांत और तनावमुक्त रखने में योग, ध्यान और प्राणायाम के महत्व को विज्ञान जगत भी स्वीकार करता है।

शीतकारी प्राणायाम – नाक से एक गहरी सांस अंदर लें और फिर मुंह से हिस्स की आवाज़ करते हुए सांस बाहर निकालें। सांस अंदर लेने से ज्यादा वक्त सांस बाहर निकालने का होना चाहिए। लंबी सांस फेफड़ों से शरीर के दूसरे अंगों तक का फ्लो बढ़ाती है जिससे एनर्जी बूस्ट होती है।

चंद्रभेदी प्राणायाम-
पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। कमर, गर्दन, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। बाएं हाथ को बाएं घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रखें। दाएं हाथ के अंगूठे से नासिका का दायां छेद दबाकर बंद करें। अब नासिका के बाएं छेद से श्वास बाहर करें और अपनी क्षमतानुसार श्वास रोकें। अब दाएं हाथ से नाक के बाएं छिद्र को बंद करें और दाएं नासिका छिद्र से श्वास निकालें।

शिअत्सू थेरेपी-
शिअत्सू जापानी शब्द है। शिका यानी उंगली और अत्सू मतलब दबाव। इस थेरेपी में ऊर्जा के उसी चैनल का प्रयोग होता है, जिसे मेरेडियन कहते हैं। तनाव दूर करने के लिए पहले पद्मासन या सुखासन में बैठें और फिर दाएं हाथ के अंगूठे से बायीं हथेली के बिलकुल बीच वाले पॉइंट को पांच से दस सेकंड तक दबाएं।

यदि आपको भी नहीं लगती हैं भूख तो ये गलतियाँ हो सकती हैं इसकी मुख्य वजह

अगर आप को भी भूख न लगने की समस्या है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है।

यह समस्या गलत जीवन-शैली, खान-पान की बुरी आदतों के कारण उत्पन्न होती है। एनोरेक्सिया से निजात पाने के लिए अच्छी जीवनशैली, खान-पान पर विशेष ध्यान और व्यायाम आवश्यक है।

30 ग्राम पानी में हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से भूख लगनी जल्द शुरू हो जाती है।भोजन अकेले करने से भी भूख कम लगती है अगर आप कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाएंगे तो यह स्वाभाविक सी बात है कि खाना खाने पहले के मुकाबले ज्यादा खाया जाता है इसलिए कोशिश करें अकेले खाना ना खाएं

रात को सोने से पहले अांवला का तीसरा भाग,हरड़ का दूसरा और बहेडा(बेलेरिक मिरोबोलम) का एक भाग मिलाकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ पी लेने से सुबह पेट साफ हो जाता है। इससे भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

 

अत्यधिक मात्रा में बादाम खाने से आपको भी हो सकती हैं ये जानलेवा बीमारी

पुरानी कहावत है कि बादाम खाने से दिमाग तेज हो जाता है। बादाम कई मायनों में शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन बादाम कम मात्रा में ही खाने चाहिए। ज्यादा मात्रा में बादाम खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अत्यधिक मात्रा में बादाम खाने से किडनी में पथरी की समस्या भी हो सकती है। बादाम के साइड इफेक्ट्स के बारे में कम लोग ही जानते हैं।

कब्ज
अगर आप बादाम का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह कब्ज, सूजन और आपके पेट में परेशानी पैदा कर सकता है. बादाम फाइबर से भरपूर होते हैं. बादाम के अधिक सेवन से होने वाले अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हैं जैसे- सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त आदि.

एलर्जी
कुछ लोगों को बादाम खाने से एलर्जी हो सकती है. इसके लक्षणों में मुंह में खुजली, गले में खराश और जीभ, मुंह और होंठ में सूजन शामिल हैं. जिन लोगों को इससे एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

वजन बढ़ना
बादाम में वसा की मात्रा और कैलोरी अधिक होती है. इसका एक बड़ा हिस्सा मोनोसैचुरेटेड वसा का है, जो हृदय के लिए स्वस्थ हैं. अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं और आपकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है तो इससे आपके शरीर में वसा जमा हो सकती है. इसलिये इसका सेवन सीमित मात्रा में करें.

सेहत के लिए हानिकारक हो सकता हैं इस फल का अत्यधिक सेवन

किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है। फिर चाहे वो फल हो या फिर सब्जी या फिर फास्ट फूड। सेब एक ऐसा फल है जो आपको बाजार में 12 महीने आराम से मिल जाएगा। ये ना केवल स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है। लेकिन क्या आपको पता है सेब का अधिक सेवन करना भी आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। जानें सेब के अधिक सेवन से सेहत को कौन कौन से नुकसान हो सकते हैं।

आप एक दिन में कितने सेब खा सकते हैं? शोध के मुताबिक एक व्यक्ति एक दिन में एक से दो सेब खा सकता है. लेकिन अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन कर रहे हैं तो संभवतः इसके कुछ खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं.

पाचन संबंधी समस्याएं
फाइबर हमारे पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. लेकिन बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन पाचन संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है.

यह आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है

सेब अम्लीय होते हैं. इसका बहुत अधिक सेवन आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है.

एलर्जी
सेब उन लोगों के लिए बल्कुल ठीक नहीं है जिन लोगों को इसे खाने से एलर्जी का अनुभव होता है.

अब बिना दवाई खाए आप भी ठीक कर सकते हैं हाई हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जो गर्मियों के दिनों में सबसे ज्यादा परेशान करती है। जो लोग इस समस्या से गुजर रहे हैं उनके लिए गर्मियों में इस समस्या को कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता है। नियमित जीवनशैली और खानपान पर ध्यान रखकर इस बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इन फलों के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता ह।

तरबूज- यह कम कैलोरी वाला फल मीठा और ताजा होता है। इसे अपने फलों के सलाद, या जूस के रूप में डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन सी और ए, पोटेशियम, अमीनो एसिड, लाइकोपीन, सोडियम और एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है जो शरीर को हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में मदद कर सकता है।

कीवी- एंटीऑक्सिडेंट और खनिज से भरपूर इस फल में फाइबर, विटामिन सी और फोलेट शामिल होते हैं, जो पाचन में सुधार, इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और स्किन के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करते हैं। कीवी रक्तचाप से होने वाली बीमारियों जैसे स्ट्रोक, दिल के दौरे आदि को भी रोक सकते हैं।

 आम- हम आम से प्यार करते हैं क्योंकि यह स्वादिष्ट होते हैं लेकिन, हाई ब्लड प्रेशर के लिए भी आम एक बेहतरीन फल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आम फाइबर और बीटा कैरोटीन का एक बड़ा स्रोत है, दोनों ब्लड प्रेशर को कम करने में प्रभावी है

केला- पोटेशियम से भरपूर और सोडियम में कम आहार हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों और स्ट्रोक से बचाता है। केला एक ऐसा फल है, जो पाचन को भी बढ़ावा देता है, लोगों को लंबे समय तक पूर्ण महसूस करने में मदद करता है और हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में मदद करता है।

स्ट्रॉबेरी- स्ट्रॉबेरी में एंथोसायनिन (एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक), विटामिन सी, पोटेशियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

कोविड-19 से अपनी जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवार को इस राज्य की सरकार देगी 50,000 रूपए

भारत में कोरोना ने जमकर तबाही मचाई है. कोरोना वायरस ने कई लोगों की जान ली ई है. इस वायरस का असर अब धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है. पर इससे जान गंवाने वाले लोगों के परिवार का दुख अभी तक कम नहीं हुआ है.

ओडिशा सरकार ने मंगलवार को ही यह ऐलान करते हुए बताया कि कोविड-19 से अपनी जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवार को राज्य सरकार 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.

मोहंती ने बताया कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजन के अलावा इस जानलेवा बीमारी से ग्रस्त मरीज के परिजन, आत्महत्या कर जान गंवाने वाले परिजन और दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजन भी वित्तीय सहायता के हकदार हैं.

कोविड-19 से मृत हुए व्यक्ति के परिजन को राज्य द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए राज्य अधिकारियों के ओर से जारी किए गए एक फॉर्म के जरिए मांगे गए दस्तावेज जमा कराने होंगे.

एक्ट्रेस Juhi Kapoor से जानिए एसिडिटी और पेट की परेशानियों से निजात पाने का तरीका

आज के समय में कब्ज, एसिडिटी (Acidity) और पेट खराब रहना आम समस्या हो गई है। ये सब हमारी बदलती लाइफ स्टाइल और ठीक से खाना न खाने की वजह से होता है। पोषण विशेषज्ञ (और आयुर्वेदिक चिकित्सक जूही कपूर ने कुछ फूड्स के बारे में बताया है, जिनका सेवन कर आप एसिडिटी को दूर कर सकते हैं।

जूही कपूर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर कर लिखा – ‘ज्यादातर केस में, एसिडिटी खराब लाइफ स्टाइल का नतीजा है, यदि आप देर से सोते हैं और गलत समय पर खाते हैं, ज्यादा खाते है, तो आप निश्चित रूप से इस बीमारी से पीड़ित हो जाएंगे’

1. केला

पोषण विशेषज्ञ (Nutritionist) और आयुर्वेदिक चिकित्सक (Ayurvedic Practitioner) बताती हैं कि अगर आप अपनी दिन की शुरुआत केले से करते हैं तो इससे आपकी आधी एसिडिटी की समस्या दूर हो जाएगी।

2. तुलसी के बीज 

जूही कपूर के मुताबिक, 1 गिलास पानी में 1-2 चम्मच तुलसी के बीज भिगोकर पिएं। याद रखें, तुलसी के बीज प्रकृति में ठंडे होती हैं। पीरियड्स में या सर्दी-खांसी होने पर इससे बचना चाहिए।

3. नारियल पानी 

एसिडिटी में नारियल पानी एक चमत्कारिक पेय के रूप में काम करता है। पोषण विशेषज्ञ का कहना है कि 11 बजे के बाद नारियल पानी पीने से काफी फायदा मिलता है। इससे एसिडीटी दूर होती है।

 

हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्‍ट में नहीं जानते हैं अंतर, तो पढ़े ये खबर

ह्दय रोग का खतरा पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ गया है। जिस बीमारी का खतरा कभी 60 या 70 वर्ष की आयु के बाद अधिक होता था वह घटकर 30 से 40 साल की उम्र में आ गया है।

30 की उम्र के बाद से युवा बहुत अधिक स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक रहने लगे हैं। हार्ट से संबंधित कई सारी बड़ी बीमारियां है। जो एक जैसी नजर आती है लेकिन अलग-अलग है।

हार्ट अटैक और लक्षण

हार्ट अटैक जिसे दिल का दौरा कहते हैं। हार्ट अटैक तब आता है जब ह्रदय की मांसपेशियों को रक्‍त की आपूर्ति करने वाली धमनियों में से एक नली ब्‍लॉक हो जाती है। जहां पर रक्‍त का थक्‍का जम जाता है। तब हार्ट अटैक का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

हार्ट फेलियर और लक्षण

हार्ट फेलियर होना हार्ट अटैक से अलग है। हार्ट फेलियर तब होता है जब आपका ह्दय आवश्‍यकता अनुसार रक्‍त पंप करने में सक्षम नहीं हेाता है। कमजोर मांसपेशियां या कठोर मांसपेशियों के कारण पंपिंग फेलियर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए नियमित रूप से वॉक और योग, प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है।

कार्डियक अरेस्‍ट और लक्षण

कार्डियक अरेस्‍ट में इंसान का ह्दय अचानक से पंप करना बंद कर देता है। ऐसा तब होता है जब दिल बहुत तेजी से धड़कता है और रक्‍त का संचालन पूरी बॉडी में असंतुलित हो जाता है। पंपिंग पूरी तरह से अप्रभावित हो जाती है। शरीर के सभी अंगों तक रक्‍त पहुंचाने में दिक्‍कत आने लगती है। और ऐसा अचानक पर होता है।