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हेल्थ

उत्तर प्रदेश: घरों से बाहर निकलने में डर रहे लोग, जिला प्रशासन ने अभी-अभी जारी की एडवाइजरी

दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर में बरसात के बाद वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.  जिला स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है. बारिश के बाद जिले में मलेरिया के मरीज बढ़ने लगे हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने 97 बुखार के मरीजों की लक्षणों के आधार पर जांच कराई. इसमें से एक मलेरिया का मरीज मिला. वर्तमान में डेंगू नियंत्रण एवं उसके बचाव तथा वेक्टर जनित रोगों से जनपद वासियों को सुरक्षित बनाये रखने के उद्देश्य से समस्त जनपद वासियों को गुणात्मक स्वास्थ्य सेवायें देने के लिए जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है.

उन्होंने जानकारी देते हुये यह भी बताया कि जनपद में बुखार के रोगियों की जानकारी प्रतिदिन प्रत्येक चिकित्सा इकाई से आरआरटी, नियंत्रण कक्ष, अफवाह पंजीका, रिर्पोटिंग सिस्टम के माध्यम से निरंतर ली जा रही है.  ताकि जनपद वासियों को आवश्यक औषधि प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे़.

देश में पिछले 24 घंटे में आए कोविड-19 के 42,766 नए मामले, 308 मरीजों ने संक्रमण से गवाई जान

भारत में एक दिन में 42,766 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद महामारी के मामलों की संख्या बढ़कर 3,29,88,673 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार पांचवें दिन वृद्धि दर्ज की गयी है।

देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 308 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 4,40,533 हो गयी। लगातार 70वें दिन संक्रमण के प्रतिदिन सामने आने वाले मामले 50,000 से कम है।

मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को कोविड-19 का पता लगाने के लिए 17,47,476 नमूनों की जांच की गयी जिससे देश में अभी तक जांचे गए कुल नमूनों की संख्या 53,00,58,218 हो गयी है। दैनिक संक्रमण दर 2.45 प्रतिशत है।

 

मोटापा कम करने के लिए अब आजमाएं ये घरेलू नुस्खा जिससे आपको मिलेगा जल्द फायदा

मोटापा कम करना जितना मुश्किल काम है, उसी तरह वजन बढ़ाना भी कठिन है. दुबले, पतले और कमजोर शख्स के लिए वजन बढ़ाना किसी चुनौती से कम नहीं. विशेषज्ञों के मुताबिक वजन बढ़ाने या वजन में कमी लाने के लिए जीवन शैली, आहार और व्यायाम से मदद मिलती है और दोनों स्थितियों में सप्लीमेंट्स, दवा या इंजेक्शन का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है.

रात के समय सोने से पहले 3-4 केले खाये और उसके साथ एक गिलास दूध का सेवन करें यह वज़न बढ़ने बहुत मदद करता है.
दूध में शहद मिलाकर उसका नियमित सेवन करें इससे आपकी पाचन शक्ति भी ठीक रहती है.
वज़न बढ़ने के लिए आप खरबूजा भी खा सकते हैं, हालाँकि यह मौसमी फल है, लेकिन वज़न बढ़ने का एक अच्छा उपाय है.
वज़न बढ़ाने के लिए आप पीनट बटर ले और उसे ब्रेड के साथ लगाकर खाये यह वज़न बढ़ाने का एक अच्छा उपाय है.अगर आप अंडे खाते हैं तो आप अंडे का सेवन भी कर सकते हैं क्योँकि अंडे में प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है.

उनका कहना है कि मोटापा या शरीर की चर्बी का हटाना चंद दिनों का काम नहीं. जैसे मोटापा आहिस्ता आहिस्ता आता है, उसी तरह दुबले-पतले को मोटा होने में भी वक्त लगता है. सेहतमंद तरीके से संपूर्ण स्वास्थ्य को खतरे में डाले बिना वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बेहतरी लाना और डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है.

गर्मियों के मौसम में फ्रिज का ठंडा पानी पीने से आपको भी होगा ये नुकसान

गर्मियों में कई सारे लोगों को सिर्फ फ्रिज का पानी पीना ही अच्छा लगता है और वे समय के साथ इसे अपनी आदत बना लेते हैं लेकिन ज्यादा फ्रिज का पानी पीने से सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही होते हैं और खासकर जब कोरोनाकाल में इसे बार-बार पीने से गले में दर्द जैसी समस्या हो तब तो सामान्य पानी पीना ही बेहतर है।

कोरोना संक्रमित व्यक्ति की इम्यूनिटी पहले से ही काफी कमजोर होती है. कोरोना की वजह से खांसी-जुकाम और बुखार रहता है. ऐसे भले ही आपको मन ठंडा पानी पीने के लिए करे लेकिन आपको इससे परहेज रखना है.

धूप से लौटने या असामान्य तापमान में तो ठंडा पानी पीना खुद से बीमारियों को आमंत्रित करने जैसा है। ठंडा पानी पीने से कई सारी समस्याएं आप को हो सकती है। अगली स्लाइड्स से जानिए कि बार-बार फ्रिज का पानी पीने से कौन-कौनसी समस्याएं होती हैं?

अगर आप ठंडा पानी पीएंगे तो कोरोना के लक्षणों में लंबे समय तक कमी नहीं आएगी और रिकवरी में वक्त लगेगा. इसलिए संक्रमित व्यक्ति को खाने-पीने की गर्म चीजें और पानी गुनगुना ही पीना चाहिए. गर्म पानी से गले का इनफेक्शन दूर होगा और आप जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे.

इन सिंपल एक्सरसाइज की मदद से आप भी पा सकते हैं मोटी थाई की समस्या से छुटकारा

अगर आप भी चर्बी से परेशान है और खासकर अपने जांगो पर की चर्बी से परेशान है तो यह खबर आपके लिए काफी उपयोगी है. दरअसल इंसान के शरीर में कमर के बाद जांघ ही ऐसी जगह होती है, जहीं सबसे ज्यादा चर्बी रहती है.आप अपनी मोटी थाई के समस्या को दूर कर पाएंगे. इन एक्सरसाइज का फायदा भी आपको बहुत जल्द ही देखने को मिलेगा.

सूमो स्कवॉट

इस करने के लिए आप पहले सीधे खड़े हो जाएं, इसके बाद अपने पैरों को अपने हिप के पार्ट से ज्यादी फैलाएं और पैर के टो को 45 डिग्री एंगल पर रखें.इसके बाद अपने हाथ जोड़कर अपने चेस्ट के पास लाएं और अपनी Knee को मोड़े, अपने हिप को नीचे लेकर जाएं और स्कवॉट करें. इसे करते वक्त ध्नान रखें की आपका स्पाइन सीधा रहे और चेस्ट आगे की ओर हो.

जंपिक जैक्स

इस एक्सरसाइज को करने के लिए पहले आप सीधे खड़े हो जाएं.इसके बाद अपने पैर और हाथ को फैला ले. अपने हाथों को फैलाकर अपने सिर के ऊपर रखें. और हवा में जंप करें.इस तरह से जंप कर जमीन पर सुरक्षित लैण्ड करें. ऐसा करने से आपके मोटी जांघ बहुत जल्द कम होने लगेगी.

डेंगू और वायरल बुखार ने यूपी के इन जिलों में मचाया हाहाकार, केंद्र की टीम ने किया घर-घर सर्वे

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में संदिग्ध डेंगू और वायरल बुखार के मामले बढ़ने के कारण स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ केंद्र की टीम भी सक्रिय हो गई है।

फिरोजाबाद जिले के CEO डॉ. दिनेश प्रेमी ने बताया कि जब भी किसी राज्य में महामारी जैसा संकट होता है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम संबंधित राज्य का दौरा करती है, फिरोजाबाद में फैल रहे बुखार के संबंध में जांच के लिए 5 डॉक्टरों की टीम आई थी।

जिलाधिकारी ने लोगों से कहा है कि अपने कूलर में अगले एक महीने तक पानी नहीं भरें। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अवधेश यादव ने कहा कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम निरीक्षण किया था और यहां बड़ी संख्या में डेंगू मच्छर के लार्वा पाए गए. ये टीम 30 अगस्त को लखनऊ से फिरोजाबाद पहुंची थी।

50 प्रतिशत बीमारिया जड़ से खत्म कर सकता हैं रोजाना इस चीज़ का सेवन

आज के समय में करीब 50 प्रतिशत बीमारिया महिलाओं में ही होती है क्योंकि महिलाएं अपने परिवार और दफ्तर के काम में इतनी व्यस्त हो जाती है कि अपने स्वास्थ्य का उचित प्रकार से ख्याल नही रख पाती है।

आज हम आपको एक ऐसे आहार के बारे में बता रहे है जिसे छोला या को काबुली चना भी कहा जाता है।छोलो का सेवन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभकारी होता है।छोलों में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर मौजूद रहता है।

छोलों में मौजूद फाइटोन्‍यूट्रिएंट्स महिलाओं की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह महिलाओं के हार्मोन्स संबंधी परेशानियो को दूर करने में मदद करता है और इनको नियंत्रित भी रखता है।

प्रतिदिन छोलो का सेवन करने से महिलाओं में स्‍तन कैंसर का खतरा कम होता है। इसके अलावा छोलों में पाए जाने वाले फोलेट तत्व महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान काफी मदद करता है।महिलाओं में बढ़ते ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए छोलो का सेवन जरूरी है।

इससे उनका हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है जिससे हृदय संबंधी बीमारिया शरीर से दूर रहती है।काबुली चने में पाए जाने वाले पोटेशियम और मैग्‍नीशियम शरीर के बढ़ते ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफी मदद करता है और प्रतिदिन छोलों का सेवन करने से शरीर का बढ़ता कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रित बना रहता है

जिससे कि हृदय रोगो के बढ़ने का खतरा कम होता है।इसके अलावा छोलों में पाए जाने वाले फाइबर तत्व से पाचन तंत्र मजबूत होता है और इससे पेट संबंधी संमस्या शरीर से दूर होती है।पेट संबंधी समस्या के दूर होने से शरीर स्वस्थ बना रहता है।

सुबह नाश्ते में रोज़ स्प्राउट्स का सेवन करने वाले लोगों को होते हैं ये सभी लाभ

सबसे सस्ता और अच्छा आहार है अंकुरित अनाज या स्प्राउट्स जो कि पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनका सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है जो कि कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। रोजाना सुबह नाश्ते में इसका सेवन बहुत लाभकारी है। दाल, अनाज को पानी में भिगोकर स्प्राउट बनाए जा सकते हैं। अंकुरित करने के लिए चना, मूंग, मोठ, सोयाबीन, मुंगफली, मक्का, तिल, अन्न, दालें और बीजों का इस्तेमाल होता है।

बॉडी फिटनेस
विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन और शोध के अनुसार, बिना पकाए स्प्राउट्स में शरीर के लिए बहुत सारे एंजाइम फायदेमंद होते हैं। ये विशेष प्रोटीन होंगे जो उत्प्रेरक हैं जो शरीर को दैनिक आधार पर अच्छी तरह से कार्य करने में मदद करते हैं। जब शरीर को सभी खनिजों, पोषक तत्वों, अमीनो एसिड और फैटी एसिड की आवश्यकता होती है, तो शरीर बहुत प्रभावी तरीके से जरूरत के हिसाब फिट रहता है और कार्य करता है।

इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाता है
विशेषज्ञ कहते हैं कि स्प्राउट्स प्रोटीन के पावरहाउस हैं, और जब कोई बीज, नट और बीन्स का सेवन करता है, तो वे शरीर में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और प्रोटीन पहुंचाते हैं। लाइसिन स्प्राउट्स में पाया जाने वाला एक एमिनो एसिड है जो ठंड के घावों को रोकने में मदद करता है। एसिड इम्यूनिटी के साथ-साथ मदद भी करता है, जो केवल तब पाया जाता है जब नट्स या बीन्स का अंकुरण होता है।

सावधान ! अब छोटे बच्चो में भी हो रही हैं डाइबिटीज की समस्या, ऐसे पाए इससे छुटकारा

आज के समय में छोटे बच्चो में भी काफी देखी जा रही है डाइबिटीज एक बेहद गंभीर बीमारी है इ एक मेटाबोलिक विकार है जिससे शरीर में शुगर यानी काबोर्हाइड्रेट का अपघटन सामान्य रूप से नहीं होता और इसका सीधा असर दिल, नसों, किडनी और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ सकता है डाइबिटीज का लम्बे समय तक ध्यान नहीं दिया गया तो इसका असर आँखों पर भी पड़ सकता है।

अगर बच्चो में थकान, सिर में दर्द, ज्यादा प्यास लगने, ज्यादा भूख लगने, व्यवहार में बदलाव, पेट में दर्द, बेवजह वजन कम होने, खासतौर पर रात के समय बार-बार पेशाब आने, यौन अंगों के आस खुजली है तो उसे डाइबिटीज हो सकती है बच्चो में टाईप 1 डायबिटीज के लक्षण कुछ ही सप्ताहों में तेजी से बढ़ जाते हैं।

टाईप 2 मधुमेह के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई मामलों में महीनों या सालों तक इनका निदान नहीं हो पाता इसके लिए बच्चो को इंसुलिन थेरेपी दी जाती है कसर बच्चो को निदान के पहले साल में बच्चे को इंसुलिन की कम खुराक दी जाती है इसे ‘हनीमून पीरियड’ कहा जाता है।

अगर आपका बच्चा मोटा है तो उसमे डाइबिटीज का खतरा ज्यादा है इसके लिए उसका विशेष ध्यान रखे गतिहीन जीवनशैली के कारण शरीर इंसुलिन और रक्तचाप पर नियन्त्रण नहीं रख पाता चीनी से युक्त खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा करे विटामिन और फाईबर से युक्त संतुलित, पोषक आहार के सेवन से टाईप 2 डायबिटीज की संभावना को घटाया जा सकता है

Fever in UP: फिरोजाबाद और लखनऊ में आई नई रहस्यमयी बिमारी, 400 से ज्यादा मरीज हुए भर्ती

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस वक्त रहस्यमयी वायरल बुखार  ने सरकार, परिवार और प्रशासन को चिंता में डाला हुआ है. मथुरा के बाद अब फिरोजाबाद और लखनऊ के हालात खराब हैं.

सिर्फ फिरोजाबाद में 50 लोग इस वायरल बुखार से जान गंवा चुके हैं. इसमें ज्यादातर बच्चे हैं. वहीं लखनऊ के विभिन्न हॉस्पिटलों में 400 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं, जिनमें 40 बच्चे भी शामिल हैं. फिरोजाबाद में तो लापरवाही के लिए तीन डॉक्टर्स को सस्पेंड तक कर दिया गया है.

बुखार और इससे मौत के मामले मथुरा, एटा, मैनपुरी के साथ-साथ फिरोजाबाद में सामने आए हैं. इसके बाद अब लखनऊ में बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं. मथुरा और फिरोजाबाद में डेंगू और टायफाइड के मामले भी देखे गए हैं.

फिलहाल ओपीडी में भर्ती किए जाने से पहले मरीज का कोरोना एंटीजन टेस्ट भी किया जा रहा है. पिछले एक हफ्ते में ही यहां के हॉस्पिटलों में 15 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं.