Saturday , November 23 2024

हेल्थ

क्या आप भी रोटी बनाने के लिए आटा गूंथ कर फ्रिज में रखती हैं तो पढ़े ये खबर

अक्सर गृहणियों की आदात होती है कि वह आटा बच जाने पर उसे फ्रिज में रख देती है ताकि बाद में उपयोग कर सके। कभी कभी तो आटा गलती से बच जाता है लेकिन कुछ लोग तो इतने आलसी होते है कि दिन में दो बार आटा ना गूंथना पड़े तो ढेर सार आटा गूंथ कर फ्रिज में पटक देते है।

विशेषज्ञों कि माने तो आटा भिगोते ही तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए वरना उसमे ऐसे रासायनिक बदलाव आते है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकते है। ऐसा आयुर्वेद में भी स्पष्ट कहा गया है ।

इसलिए फ्रिज का इस्तेमाल आटा रखने के लिए ना करे। कुछ ही दिन में ऐसी आदत बन जायेगी की जितनी रोटियाँ लगती है उतना ही आटा भिगोया जाए और इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता। ताज़े आटे की रोटियाँ ज़्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है और आपकी सेहत पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता।

बिना धोए नए कपडे पहनने से बढ़ जाता है एलर्जी का खतरा

त्योहारों का सीजन शुरु हो चुका है, जिसको देखते हुए बहुत से लोगों ने अभी से New clothes नए कपड़ों की शॉपिंग करनी शुरू कर दी है। लेकिन बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो इन नए कपड़ों को बिना धुले ही पहन लेते हैं। ऐसे में हम आपको बता रहें कि अगर आप भी नए कपड़ों को बिना धोए पहन लेते हैं, तो ऐसा करने से आपकी स्किन इफेक्‍ट हो सकती है।

नए कपड़ों को हमसे पहले भी कई लोग पहन कर ट्राई करते हैं। यदि किसी व्यक्ति को स्किन से संबंधित कोई समस्या होगी, तो उसका इंफेक्शन आपको भी हो सकता है।

अक्‍सर लोग कपड़े खरीदने के ल‍िए बाहर से आते है जिसकी वजह से वो धूल, प्रदूषण, पसीने की वजह से बैक्‍टीर‍िया के सम्‍पर्क में आते है। लोग ऐसे ही कपड़ों को ट्राय कर लेते है जिस वजह से बैक्‍टीरिया कपड़ों में ही रह जाते हैं।

आपको नहीं मालूम होता है कि आपसे पहले किस ने मॉल में या ट्रायल रुम में कपड़ों को ट्राय किया है। हो सकता हो कि आप जिस कपड़ें को ट्राय कर रहें हो, आपसे पहले जिसने उसे ट्राय किया हो उसे कोई स्किन डिजीज हो।

जब आप उन्हीं कपड़ों को ट्राई करते हैं, तो उसके पसीने या इंफेक्‍शन के जर्म आपकी त्वचा पर आ जाते हैं। इससे आपको स्किन इंफेक्शन का शिकार होना पड़ता है।

 

शरीर को एनर्जी प्रदान करने के साथ आपको स्‍वस्‍थ्‍य रखेंगी ये 4 चीजें

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्‍वस्‍थ्‍य रहने के ल‍िए खान-पान पर ध्‍यान देना अन‍िवार्य है। कोश‍िश करके हर द‍िन खाने में ऐसी चीजों को शाम‍िल करें ज‍िससे शरीर को एनर्जी मि‍ले और वह पूरी तरह से स्‍वस्‍थ्‍य रहे। ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे क‍ि आख‍िर वो चीजें क्‍या हैं। तो यहां पढ़ें हर द‍िन इन 5 चीजों के सेवन से शरीर रहेगा हरदम स्‍वस्‍थ्‍य…

दही:
दही में प्रोटीन, लैक्टोज, कैल्शियम सहि‍त कई विटामिन्स होते है। दही का सेवन करने से शुगर लेवल कंट्रोल रहता और फैट भी कम होता है। इसके अलावा इसे खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।

बींस:
बींस में बड़ी संख्‍या में फाइबर और प्रोटीन भी देता है। इसका दिन में किसी भी समय चावल जैसे अनाज के साथ सेवन क‍िया जा सकता है। यह हार्ट ड‍िसीज, कोलेस्‍टॉल आदि को कंट्रोल करने में फायदेमंद है।

अलसी:
अलसी में लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स और आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी6 होता है। ये बाल, त्‍वचा और पाचन तंत्र के ल‍िए फायदेमंद है। इसके अलावा ज्वॉइंट पेन, कोलेस्‍ट्रॉल, ब्‍लडप्रेशर, डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम में भी फायदा करती है।

ब्रोकली:
ब्रोकली का इस्‍तेमाल सब्‍जी बनाने के अलावा सलाद, सूप और जूस में भी कर सकते हैं। इसमें मौजूद हाई फाइबर आपके डाइजेशन को भी दुरुस्‍त रखते हैं। इसका हर द‍िन सेवन करने से कई प्रकार के कैंसर से बचा जा सकता है।

 

वजन कम करने के लिए बेहद आवश्यक हैं अंजीर का सेवन

भागदौड़ भरी लाइफ में थकावट होना आम बात है, लेकिन उल्टा सीधा खानपान आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। सुबह जल्दी ऑफिस जाने के चक्कर में ज्यादातर लोग अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते गलत लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी नहीं होने से लोगों को कमजोरी आसानी से घेर लेती है।

 

स्पर्म काउंट बढ़ता है, अंजीर विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है, लिहाजा यह शरीर को कई तरह की दूसरी बीमारियों से भी दूर रखता है. जो भी पुरुष यौन संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं, वो दूध के साथ अंजीर खा सकते हैं. इसके अलावा अंजीर का सेवन लंबे समय तक जवां रखने में भी मदद करता है।

1 – अंजीर में उच्च मात्रा में पोटैशियम होता है जो आपके शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखता है।
2 –अंजीर में फाइबर होता है. ये कब्ज की समस्या को दूर करने का काम करता है।
3 –अंजीर में फाइबर होता है. ये वजन कम करने के लिए आवश्यक है।
4 –अंजीर आपके शरीर को अच्छी मात्रा में फाइबर देने का काम करता है।
5 –अंजीर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
6 –अंजीर में कैल्शियम होता है. ये आपकी हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

 

 

 

 

शोध में हुआ खुलासा, ऑफिस से जितनी लेंगे छुट्टियां उतना बढेगा इस चीज़ का खतरा

छुट्टियां स्वास्थ के लिए लाभकारी होती हैं. वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है. वैज्ञानिकों का बोलना है कि अगर इंसान अपने कार्य से छुट्टियां लेता है तो उसको दिल की बीमारियों का खतरा कम रहता है. इसलिए, अगर आप कार्यालय में कार्य करते-करते थक गए हैं तो छुट्टी लेकर घूमने जरूर जाएं. आप वर्ष में जितनी ज्यादा छुट्टियां लेंगे, आपको मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम का खतरा उतना ही कम रहेगा.
कहां हुआ है यह शोध?

इस शोध को न्यूयॉर्क की सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी ने किया है । शोध का नेतृत्व फाल्क कॉलेज डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर ब्रायस ह्रस्का ने किया. ब्रायस का बोलना है कि वर्ष में जो कर्मचारी जितनी ज्यादा छुट्टी लेते हैं उनको मेटाबॉलिक सिंड्रोम का उतना ही कम खतरा रहता है. दिल से जुड़ी जितनी भी बीमारियां होती हैं उनका कारण मेटाबॉलिक सिंड्रोम ही होता है.

क्या होता है मेटाबॉलिक सिंड्रोम?
मेटाबॉलिक सिंड्रोम, ऐसी परिस्थितियों का समूह होता है जो उच्च रक्त चाप, कोलेस्ट्रोल, ब्लड शुगर लेवल  दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है. इसकी वजह से हमारे कमर के इर्द-गिर्द फैट जमा होता है. यह टाइप- 2 डाइबिटीज, तनाव  स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है.

कैसे हुआ यह शोध?
अगर अमेरिका की बात करें तो यहां हर तीसरे में से एक वयस्क मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित है. मेयो क्लिनिक के आंकड़े बताते हैं कि यह सिंड्रोम जितना कम रहेगा इंसान का वजन संतुलित रहेगा. इस शोध को करने के लिए शोधकर्ताओं ने 63 कर्मचारियों का विश्लेषण किया. इन कर्मचारियों के खून का सैंपल लिया गया  इसकी जाँच की गई.

यदि आप भी डाइट में करते हैं फल व सब्जियों का कम इन्टेक तो पढ़े ये खबर

इन दिनों बैक्टीरिया  वायरस की वजह से फैलने वाले इंफेक्शन लोगों की सेहत, फूड सेफ्टी  इकॉनमी के लिए तेजी से खतरा बनते जा रहे हैं क्योंकि ऐंटिबायॉटिक के प्रति प्रतिरोधक क्षमता  तेजी से बढ़ती जा रही है. साधारण शब्दों में समझें तो कॉमन बीमारियों में प्रयोग होने वाले ऐंटिबायॉटिक्स का बीमारियों पर प्रभाव कम होता जा रहा है.
कोई लक्षण दिखाए बिना वर्षों आंत में छिपे रहते हैं ये सुपरबग्स

पौधों से इंसानों में फैलने वाला ऐंटिबायॉटिक रेजिस्टेंट सुपरबग्स, दूषित सब्जियों का सेवन करने के बाद तुरंत होने वाले डायरिया जैसी बीमारियों से बिलकुल अलग है. इस तरह के सुपरबग्स कई बार बिना कोई लक्षण दिखाए हुए महीनों  वर्षों तक हमारे शरीर के आंत में छिपकर रहते हैं  शरीर में यूरिनरी इंफेक्शन जैसी कई समस्याएं पैदा करते हैं.

  • अगर आपकी डेली डायट में फल  सब्जियों का इन्टेक कम है यानी अगर आप हर दिन के भोजन में फल  सब्जियां कम खाते हैं तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है.एक नयी स्टडी में दावा किया गया है कि फल  सब्जियां कम खाने से हर वर्ष लाखों लोग दिल से जुड़ी बीमारियों  स्ट्रोक की वजह से मृत्यु का शिकार हो जाते हैं.
  • अमेरिका के मेरीलैंड स्थित बाल्टीमोर कन्वेन्शन सेंटर में न्यूट्रिशन 2019 नाम की एक बैठक में इस स्टडी के नतीजे जारी किए गए जिसमें यह बताया गया कि कम मात्रा में फलों का सेवन करने से औसतन 7 में 1 आदमी की दिल से जुड़ी बीमारी की वजह से मृत्यु हो जाती है जबकी ठीक मात्रा में सब्जियों का सेवन न करने से 12 में से 1 आदमी की दिल से जुड़ी बीमारी की वजह से मृत्यु हो जाती है.
  • अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो वर्ष 2010 में फलों का कम सेवन करने की वजह से दुनियाभर में करीब 18 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी जबकि कम सब्जियां खाने से करीब 10 लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी. ये आंकड़े दिखाते हैं कि कम फलों का सेवन करने से मृत्यु के आंकड़े सब्जियां कम खाने की तुलना में करीब 2 गुना है.
  • स्टडी की लीड ऑथर विक्टोरिया मिलर कहती हैं, फल  सब्जियां हमारी डायट का एक ऐसा भाग है जो दुनियाभर में preventable मौतों को रोक सकता है. हमारी स्टडी के नतीजे इस ओर संकेत करते हैं कि दुनियाभर में आबादी के आधार पर ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों के बीच फल  सब्जियों के सेवन को बढ़ाया जा सके.
  • डायट से जुड़ी गाइडलाइन्स  दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे से जुड़ी स्टडीज के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि हर दिन करीब 300 ग्राम फलों का सेवन महत्वपूर्ण है जो औसतन 2 छोटे सेब के बराबर है. तो वहीं हर दिन करीब 400 ग्राम सब्जियों का सेवन भी बेहद महत्वपूर्ण है जिसमें फलियां भी शामिल हैं जो औसतन करीब 3 कप कच्चे गाजर के बराबर है.

धूम्रपान की लत छोड़ने के लिए ये उपाए हैं कारगर, जिससे नहीं होगा साइड इफेक्ट

सभी जानते हैं कि सिगरेट पीना बुरा है, लेकिन लत छोड़ नहीं पाते हैं.  हिंदुस्तान में सिगरेट पीने वालों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है. कुल आबादी के 4 प्रतिशत वयस्क सिगरेट पीते हैं. इनमें 0.6 प्रतिशत महिलाएं हैं. देश में हर वर्ष 10 लाख लोग सिगरेट से होने वाले विभिन्न रोगों को कारण अपनी जान गंवाते हैं.

 

धूम्रपान की लत छोड़ने के कई ढंग हैं, लेकिन घरेलू उपायों को अपनाया जाना बेहतर है. सबसे बड़ा लाभ है कि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं हैसे जुड़े डाक्टर लक्ष्मीदत्ता शुक्ला बताते हैं कि स्मोकिंग छोड़ना असंभव नहीं. आवश्यकता होती है ठीक दिशा में कदम बढ़ाने की. कोई भी लत छोड़ने की आरंभ में मन को पक्का करें. धूम्रपान छोड़ने की तारीख तय कर दें व फिर पीछे मुड़कर न देखें.

स्मोकिंग छोड़ने के घरेलू उपाय

सिगरेट या कोई भी लत छोड़ना है तो उस माहौल से बचें जहां मन फिर से उसी दिशा में जाने को ललचाए. स्मोकिंग के मुद्दे में दोस्तों की संगत सबसे अहम है. दोस्त लत छुड़वा सकते हैं तो सारे किए कराए प्रयासों पर पानी भी फेर सकते हैं. सिगरेट छोड़ने का सबसे अच्छा घरेलू तरीका है सौंफ. जब भी सिगरेट पीने का मन करे, थोड़ी सौंफ फांक लें. इसी तरह अदरक व आंवले का प्रयोग किया जा सकता है. अदरक व आंवले को पीस कर सुखा लें व एक डिब्बे में भर लें. स्वाद बढ़ाने के लिए नींबू व नमक का प्रयोग कर सकते हैं. जब भी सिगरेट पीने का मन हो, यह मिलावट फांक लें. इसके अतिरिक्त संतरा व अंगूर जैसे फलों का सेवन करें. सिगरेट की तलब को कंट्रोल करने में मदद करेंगे.

मुलेठी एक जड़ी-बूटी है जो सिगरेट की लत छुड़ा सकती है. इसका हल्का मीठा स्वाद धूम्रपान की ख़्वाहिश समाप्त करने में मदद करता है. इससे खांसी में राहत मिलती है. यह टॉनिक का कार्य करता है. इससे थकान नहीं होती जो कि आमतौर पर सिगरेट पीने वालों का एक बहाना होता है.

बहुत कम लोगों को पता है कि लाल मिर्च भी धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है. एक गिलास पानी में छोटी सी चुटकी लाल मिर्च मिलाएं व रोज सेवन करें. ठंड में आजमाया जाने वाला तरीका है मूली. मूली के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें व इसका रस निकाल लें. इस रस में शहद मिलाएं व दिन में दो बार सेवन करें. अश्वगंधा भी धूम्रपान की ख़्वाहिश को दबाता है. यह एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है.

धूम्रपान छोड़ने में विशेष प्रकार की योगासनों को लाभकारी बताया गया है. इनमें प्रमुख हैं – भुजंगासन, सेतुबंधासन, सर्वांगासन, बालासन. साथ ही कपालभाति नाड़ी शोधन व अनुलोम विलोम प्राणायाम व शरीर के विषैले तत्व निकलते हैं.

ब्‍लड प्रेशर की प्रॉब्‍लम से छुटकारा दिलाने में बेहद कारगर हैं ये सरल उपाए

अगर आपको ब्‍लड प्रेशर की प्रॉब्‍लम है तो खानपान में बदलाव लाने से आपको कई फायदे हो सकते हैं. ये कोई बड़े नहीं बल्कि मामूली से बदलाव हैं.

एक नए अध्ययन से पता चला है कि बादाम, सोया, दाल, फलियां खाने से कई बीमारियों में राहत मिलती है. इस अध्‍ययन में कहा गया है कि इन्‍हें प्रतिदिन खाने से रक्तचाप, सूजन (इनफ्लेमेशन) समेत हृदयरोग संबंधी बीमारी के कई जोखिम कम हो सकते हैं

पादप आधारित भोजन को कम संतृप्त वसा वाले आहार के साथ सेवन करने से कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रोल) में 30 प्रतिशत की कमी आती है.

पानी या तरल पदार्थ- पानी या जूस की शक्ल में तरल पदार्थों का सेवन डिहाइड्रेशन से लड़ने में मदद करता है. अपर्याप्त पानी का इस्तेमाल खून की मात्रा कम कर देता है और आगे ब्लड प्रेशर कम होने का कारण बनता है. डॉक्टरों के मुताबिक, लो बीपी वालों को रोजाना कम से कम 8 प्याला पीना चाहिए. उनको अल्कोहल के इस्तेमाल से भी दूरी बनानी चाहिए.

कैफीन- कॉफी और कैपीन युक्त चाय कार्डियोवास्कुलर सिस्टम को उत्तेजित करते हैं और हृदय गति को बढ़ावा देते हैं. इस वजह से कैफीन का इस्तेमाल कम समय में मुफीद साबित हो सकता है.

नमक- नमक गिरते हुए ब्लड प्रेशर को ऊपर उठाने में मदद करता है. अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्याओं का अनुभव हो रहा है, तो आपको सोडियम के सेवन को संयमित रूप से बढ़ाना चाहिए.

शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को स्वास्थ्य रखने के लिए आजमाए ये स्टेप्स

कोरोना  महामारी के इस दौर में हर कोई व्‍यस्‍त है. घर के काम से लेकर दफ्तर की मीटिंग के बीच लोगों के पास खुद के लिए वक्‍त निकालने का समय नहीं मिल रहा.

इन सब के बीच मानसिक तनाव और महामारी का डर लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बीमार बना रहा है. इन सब वजहों से ना तो दिन में चैन है और ना रात को बिस्‍तर पर नींद हीं आती है. लेकिन यह हमें समझना होगा कि इस मुश्किल दौर में खुद को हेल्‍दी (Healthy) बनाए रखना कितना जरूरी है.

गैजेट पर बहुत ज्यादा समय बिताने के आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. ये आपके दिमाग को सुन्न, याद्दाश्त और ध्यान लगाने की क्षमता को खराब कर सकता है.  कहा जाता है कि उपकरणों से निकलनेवाली नीली रोशनी आपके स्किन की कोशिकाओं में सिकोड़ती और बुढ़ापे की प्रक्रिया को तेज करती है.

ऐसे में हमें उन आदतों (Habits) को अपने लाइफ स्‍टाइल में शामिल करने की जरूरत है जो हमें फिट तो बनाए ही, हमारे शरीर को हेल्‍दी भी रखे. तो आइए जानते हैं कि हमें किन आदतों को अपने लाइफ स्‍‍‍‍‍‍टाइल में फॉलो करने की जरूरत है.

धूम्रपान के नुकसानदेह प्रभावों को कमतर नहीं समझा जा सकता. ये आपके लंग की क्षमता को कम करता है, कोलेजन को बर्बाद करता है जिससे आपकी स्किन सूखी होती है और पुरानी बीमारियों जैसे दिल, लंग, डायबिटीज और कैंसर का प्रमुख कारण है. सिगरेट में मौजूद निकोटीन नशे की लत है और आपको आदी बनाता है.

हेडफोन के दुषप्रभावों के बारे में नहीं जानते होंगे आप, यहाँ डालिए एक नजर

प्रौद्योगिक जहाँ एक तरफ हमारे जीवन को इतना आसान और सुविधाजनक बना देती है, तो वहीं दूसरी तरफ इसकी कई कमियां और दुष्प्रभाव भी है इसीलिए ये हमारे लिए एक वरदान और अभिशाप दोनों ही साबित हो रही है है। आज हम तकनीक से ही जुडी एक ऐसी चीज के दुष्प्रभाव के बारे में बताने जा रहे है जो शायद हम रोजाना अपने मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करते है|

हम बताने जा रहे है सुपर सुविधाजनक चीज यानि कि इयरफोन या हेडफोन के दुषप्रभावों के बारे में जो शायद आज के युवाओ के लाइफईयरफोन्स के लगातार प्रयोग से सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसीबेल तक कम हो जाती है।

इयर फ़ोन के साउंड की वजह से हमारे कान का पर्दा वाइब्रेट होने लगता है और हमे दूर की आवाज सुनने में परेशानी होने लगती है।अगर आपको मजबूरी में घंटों ईयरफोन लगाकर काम करना है, तो कोशिश करें की हर एक घंटे पर कम से कम 5 मिनट का ब्रेक लें।

आज कल मार्केट में कई सारे लोकल क्वालिटी के इयरफोंस अवेलेबल जो आपके कानों को नुक्सान पहुचने में कोई कसर नहीं छोड़ताहै इसीलिए हमेशा अच्छी क्वालिटी के ही हेडफोन्स या ईयरफोन्स का प्रयोग करे|

ईयरबड हमारे कानो को अंदरूनी नुक्सान पहुंचा सकते है इसलिए इयरबड्स के बजाय ईयरफोन्स का प्रयोग करें क्योंकि यह बाहरी कान में लगे होते हैं।ईयरफोन्स के अत्यधिक प्रयोग से कान में दर्द, सिर दर्द या नींद न आने जैसी सामान्य समस्याएं हो सकती हैंतेज आवाज में संगीत सुनने से मानसिक समस्याएं तो ग्रसित करती ही हैं हृदय रोग और कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है़।