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विदेश

चीन के नागरिकों पर हमले के बाद इस चीनी कंपनी ने बंद किया कारोबार, अपने लोगों को भेजा वापस

बीते दो दिन पहले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में दासू जलविद्युत परियोजना पर आतंकी हलमे में पांच चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके बाद चीन की कंपनी ने अशांत क्षेत्र में एक अन्य जलविद्युत परियोजना में अपने काम को बंद कर दिया है, साथ ही 2,000 से अधिक श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। गौरतलब है कि जलविद्युत परियोजना पर काम कर रहे चीन के कर्मियों पर यह दूसरा आत्मघाती हमला था। हालांकि किसी भी आतंकी समूह ने इस बम विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।

चीन कंपनी ने काम किया बंद, श्रमिकों को भी निकाला
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिसूचना यह इस बात का पता चला है कि परियोजना के साइट कर्मचारियों और कार्यालय स्टाफ सदस्यों को सुरक्षा कारणों से अगले आदेश तक हटा दिया गया है। हालांकि, प्रबंधक ने कहा कि केवल उनके संबंधित अनुभागों के प्रमुखों द्वारा बुलाए गए कर्मचारी ही काम पर आएंगे। तारबेला परियोजना में अवामी लेबर यूनियन के महासचिव असलम आदिल ने विकास की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अधिकारी परियोजना कर्मचारियों की मांग पर उनकी सुरक्षा बढ़ाने जा रहे हैं।

पाकिस्तान और चीन सच्चे दोस्त- मुमताज जहरा
इस बीच, पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ उसकी दोस्ती के दुश्मन इस आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें पांच चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी और उसने अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने की ठानी है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी घटना के बाद से चीन की सरकार के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन सच्चे दोस्त और भाई हैं। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि बिशम आतंकी हमला पाकिस्तान-चीन दोस्ती के दुश्मनों द्वारा किया गया था।

भारत ने निभाया वादा, भूटान को पांच अरब डॉलर की मदद भेजी; अब इस परियोजना पर होगा काम

भूटान की मदद के लिए भारत की तरफ से 5 अरब डॉलर की दूसरी किश्त भेजी गई है। इस किश्त की मदद से भूटान में ग्यालसुंग परियोजना से संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास होगा। भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला ने भूटान के विदेश मंत्री ल्योनपो डी.एन. धुंगयेल से मुलाकात कर किश्त सौंपी।

अब तक 10 अरब रुपये की मदद
भूटान में भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस किश्त के साथ ही भारत ने भूटान के साथ हुए समझौते के तहत शाही सरकार के लिए कुल दस अरब रुपये जारी कर दिए हैं। इससे पहले 28 जनवरी 2024 को भी भारत ने भूटान के लिए पांच अरब रुपये की किश्त जारी की थी।

भारत भूटान के बीच एमओयू
दरअसल भारत और भूटान के बीच जनवरी 2024 में एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इस एमओयू के अनुसार भारत द्वारा भूटान को 15 अरब रुपये की मदद की जाएगी। यह अतिरिक्त मदद भूटान के ग्यालसंग में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए दी जा रही है। जनवरी 2023 में भी भारत ने डेसुंग फॉर ग्यालसंग कार्यक्रम के लिए दो अरब रुपये का अनुदान दिया था। भूटान में भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भूटान के साथ साझेदारी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है।

होली के रंग में रंगा अमेरिका; न्यूयॉर्क में हजारों लोगों ने मनाया त्योहार, भारतीय पकवानों का लिया आनंद

होली का रंग देश ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में देखने को मिला। होली के दिन लोग एक दूसरे पर रंग लगाते हैं और सारे गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे के गले मिलते हैं। हर कोई त्योहार के जश्न में डूबा दिखता है। ऐसा ही कुछ न्यूयॉर्क की साउथ स्ट्रीट सीपोर्ट पर देखने को मिला। यहां सात हजार से अधिक भारतीय और अमेरिकी लोगों ने साथ मिलकर रंगों का त्योहार मनाया।

न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने भारत की सांस्कृतिक और पाक विविधता पर प्रकाश डालते हुए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल का प्रदर्शन करके जश्न को खास बनाया। साउथ स्ट्रीट सीपोर्ट में उत्साह का माहौल था। यहां लोग एक दूसरे से गले मिले दिखे। वहीं रंगों से एक-दूसरे को सराबोर किया और बॉलीवुड संगीत और ढोल की धुन पर जमकर नृत्य भी किया।

भारत के महावाणिज्य दूतावास ने भारतीय व्यंजनों की भी व्यवस्था कराई थी। सबसे ज्यादा यहा जो पसंद किया जा रहा था वो थी भारतीय मानसून मालाबार कॉफी। हर कोई इस कॉफी का आनंद ले रहा था। इसके अलावा, लोगों ने बाजरा कुकीज और चॉकलेट का मजा लिया।

बाइडन ने दी बधाई
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि यहां 7000 से अधिक भारतीयों और अमेरिकियों ने न्यूयॉर्क में साउथ स्ट्रीट सीपोर्ट पर होली मनाई। वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी सोमवार को होली की शुभकामनाएं दीं।

भारतीय दूतावास ने बाल्टीमोर हादसे पर जताया दुख, हेल्पलाइन जारी; बाइडन ने चालक दल की सक्रियता को सराहा

अमेरिका में भारतीय दूतावास ने मैरीलैंड राज्य के बाल्टीमोर शहर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया। बता दें, एक कंटेनर शिप (मालवाहक जहाज) के टकराने से तीन किलोमीटर लंबा ‘फ्रांसिस स्कॉट की’ ब्रिज ढह गया। जहाज में चालक दल के सभी 22 मेंबर भारतीय थे। ये सभी सुरक्षित हैं।

यह है पूरा मामला
सिंगापुर के झंडे वाला मालवाहक जहाज डाली श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जा रहा था। तभी बाल्टीमोर के ‘फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज’ से टकरा गया। कुछ ही सेकंड में लगभग पूरा पुल ढह गया। अधिकारियों ने बताया कि पुल ढहकर करीब 50 फीट (15 मीटर) नीचे ठंडे पानी में गिर गया है। हादसा मंगलवार सुबह हुआ है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि जहाज को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ा था। वहीं, चालक दल ने सक्रियता दिखाते हुए अलर्ट कॉल दिया था, जिससे पुल की ओर बढ़ते लोगों को रोक लिया गया था।

राष्ट्रपति ने चालक दल की सतर्कता की तारीफ की
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस बात की पुष्टि की है कि टक्कर से पहले जहाज के चालक दल ने चेतावनी जारी कर दी थी, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी। उन्होंने कहा, ‘जहाज पर मौजूद कर्मचारियों को जैसे ही महसूस हुआ कि उन्होंने जहाज पर नियंत्रण खो दिया है। उन्होंने तुरंत मैरीलैंड परिवहन विभाग को सतर्क कर दिया। जानकारी मिलते ही स्थानीय अधिकारियों ने पुल पर यातायात बंद कर दिया, जिससे निसंदेह लोगों की जान बच गई।’

दूतावास ने जताया शोक
अमेरिका में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना को लेकर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘बाल्टीमोर में फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना से प्रभावित सभी लोगों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं।’

मलयेशिया के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, आपसी रिश्तों समेत इन मुद्दों पर चर्चा

भारत और मलयेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आ रही है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद मलयेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा यह आधिकारिक बयान जारी किया गया है। दरअसल बुद्धवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मलयेशिया में अपने समकक्ष मोहम्मद बिन हाजी के साथ मुलाकात की। इस दौरान पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।

तीन देशों की यात्रा पर एस जयशंकर
आपको बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर, फिलीपींस और मलयेशिया के दौरे पर हैं। इस यात्रा का तीसरा और आखिरी चरण मलयेशिया है। इससे पहले फिलीपींस और सिंगापुर में भी जयशंकर द्वारा यात्राएं और सार्थक मुलाकातें की गई हैं।

मुलाकात में इन मुद्दों पर चर्चा
भारत और मलयेशिया के विदेश मंत्रियों ने सातवीं संयुक्त आयोग की बैठक आयोजित कराने पर भी चर्चा की। इससे पहले हसन द्वारा पदभार संभालने के बाद दिसंबर 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई थी। इस बार इस यात्रा का उद्देश्य भारत और मलयेशिया के बीच सहयोग को मजबूत करना है। इसके साथ ही साझा चुनौतियों और अवसरों की समझ को बढ़ाना है। मलेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 2023 में भारत ने मलयेशिया के 12वें सबसे बड़े वैश्विक व्यापार भागीदार की भूमिका अदा की थी। यह व्यापार कुल मिलाकार 16.53 बिलियन डॉलर था।

भारत ने वैश्विक मंच पर किया महिला सशक्तिकरण का नेतृत्व, संयुक्त राष्ट्र ने की तारीफ

महिला सशक्तिकरण को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। न्यूयॉर्क स्थित भारतीयों के स्थाई मिशन द्वारा बताया गया कि न्यूयॉर्क में महिलाओं की स्थिति पर 68वें आयोग में भारत द्वारा मजबूत पक्ष रखा गया।

रुचिरा कंबोज ने रखा मजबूत पक्ष
महिला सशक्तिकरण को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। न्यूयॉर्क स्थित भारतीयों के स्थाई मिशन द्वारा बताया गया कि न्यूयॉर्क में महिलाओं की स्थिति पर 68वें आयोग में भारत द्वारा अपना पक्ष रखा गया।

भारत ने की सशक्त पहल
न्यूयॉर्क स्थित भारतीयों के स्थायी मिशन द्वारा ट्वीट किया गया कि न्यूयॉर्क में महिलाओं की स्थिति पर 68वें आयोग में भारत ने प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई। भारत द्वारा पैनल में अपने विचार रखे गए और सशक्त पहल की गई। इस वैश्विक मंच पर भारत ने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण का नेतृत्व किया। आगे बताया गया है कि इस बार भारत द्वारा लैंगिग समानता और महिला सशक्तिकरण पर प्रस्तुति दी गई। इस तरह भारत ने महिला सशक्तिकरण को लेकर वैश्विक मंच पर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।

अपने लड़ाकू विमान बेचने को तैयार हुआ जापान, शांतिवादी सिद्धांत छोड़कर पहली बार लिया बड़ा फैसला

जापान द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब जापान ने अपने शांतिवादी सिद्धांतों को छोड़कर लड़ाकू विमान बेचने का फैसला लिया है। जापान अपने लड़ाकू विमानों को ब्रिटेन और इटली के साथ अन्य देशों में विकसित कर रहा है। इस फैसले के बाद जापान संयुक्त लड़ाकू जेट परियोजना में अपनी भूमिका को सुनिश्चित करेगा।

पहली बार लिया बड़ा फैसला
जापान की कैबिनेट ने हथियार उपकरण के दिशानिर्देशों में संशोधन का भी समर्थन किया। इससे लड़ाकू विमान समेत घातक हथियारों को अन्य देशों को बेचने की अनुमति मिल सकेगी। बता दें कि इससे पहले जापान में शांतिवादी संविधान के तहत हथियारों के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। अब चीन से बढ़ते वैश्विक तनाव के बीच उसने यह कदम उठाए हैं।

नए लड़ाकू विमान तैयार कर रहा है जापान
इस समय जापान अमेरिका द्वारा डिजाइन किए गए F-2 लड़ाकू विमानों और ब्रिटेन द्वारा उपयोग किए जाने वाले यूरोफाइटर टाइफून को बदलने के लिए नई तकनीकि के लड़ाकू विमानों को तैयार कर रहा है। इस काम में इटली और ब्रिटेन जापान का सहयोग कर रहे हैं। इस कार्य योजना को ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम नाम दिया गया है, जिसका मुख्यालय ब्रिटेन में है। इससे पहले जापान एफ-एक्स नाम के एक घरेलू डिज़ाइन पर काम कर रहा था। जापान को उम्मीद है कि उसके द्वारा तैयार किया गया नया विमान रूस और चीन के खिलाफ बढ़ते तनाव के बीच उन्नत हथियार साबित होगा।

संविधान में किया गया यह संशोधन
जापान की कैबिनेट ने हथियारों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण दिशानिर्देशों में भी संशोधन का समर्थन किया है। इससे घातक हथियारों को अन्य देशों को बेचने की अनुमति मिल सकेगी। जापान ने शांतिवादी संविधान के तहत लंबे समय से हथियारों के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन चीन से बढ़ते क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव के बीच देश ने तेजी से कदम उठाए हैं। जेट विमानों को बेचने के निर्णय से जापान को पहली बार अपने द्वारा उत्पादित घातक हथियारों को अन्य देशों में निर्यात करने की अनुमति मिलेगी।

‘हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं’, यूएन में आए प्रस्ताव पर अमेरिका को क्यों देनी पड़ी इस्राइल को सफाई, जानें

अमेरिका और इस्राइल के रिश्तों में खटास नजर आ रही है। दरअसल, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपना अमेरिका का दौरा रद्द कर दिया है। इस पर व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय से यह संकेत मिलता प्रतीत होता है कि अमेरिका बदल गया है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है।

तत्काल युद्धविराम को लेकर प्रस्ताव पारित होने पर गुस्से में इस्राइल
गौरतलब है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा और इस्राइल के बीच तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इस प्रस्ताव में सात अक्तूबर को हमास द्वारा अचानक से इस्राइस पर हमले के दौरान बंधक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई की भी मांग की गई है। अमेरिका इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहा। अमेरिका के इस रुख को लेकर इस्राइल ने नाराजगी जताई। नेतन्याहू ने सोमवार को अमेरिका की प्रस्तावित यात्रा रद्द करने का एलान किया। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि दोनों देशों के बीच खटास आ गई है।

हमारी नीति में किसी बदलाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता
जब किर्बी से पूछा गया कि नेतन्याहू के दौरे के रद्द करने पर राष्ट्रपति जो बाइडन की क्या प्रतिक्रिया है, तो उन्होंने कहा, ‘हम इससे हैरान हैं। कुछ बातें सामने रखने की जरूरत है और वास्तव में इन्हें फिर से दोहराना चाहिए। सबसे पहली बात यह गैर बाध्यकारी संकल्प है। इसलिए इस्राइल या हमास के साथ चल रही लड़ाई पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। दूसरी बात यह है कि जैसा मैंने शुरू में ही कहा था कि यह हमारी नीति में किसी बदलाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।’

सिंगापुर के बाद फिलीपींस पहुंचे जयशंकर, राष्ट्रपति बॉन्गबॉन्ग मार्कोस से की मुलाकात

सिंगापुर दौरा खत्म करने के बाद केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर फिलीपींस पहुंचे हैं। फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिके मनालो के साथ मिलकर जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारत अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने के लिए फिलीपींस का समर्थन करता है। प्रेस कॉन्फेरेंस के बाद जयशंकर ने फिलीपींस के राष्ट्रपति बॉन्गबॉन्ग मार्कोस से मुलाकात की।

फिलीपींस दौरे पर जयशंकर
प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मनील में अपने समकक्ष एनरिके मनालो के साथ उन्होंने बहुत अच्छी चर्चा की। उन्होंने आगे कहा, “मैं इस अवसर पर फिलीपींस की राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने के लिए भारत के समर्थन को दोहराता हूं। सभी देश को अपनी संप्रभुता को बनाए रखने और उसे लागू करने का पूरा अधिकार है। यह कुछ ऐसा है, जिसपर हमने चर्चा की।”

फिलीपींस के साथ गहरे हो रहे संबंध: जयशंकर
प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, हम केवल महत्वपूर्ण समुद्री राष्ट्र नहीं है, लेकिन हम हिंद-प्रशांत के दो छोर हैं। बिलकुल अंत में नहीं, पर फिलीपींस कहीं बीच में है। समुद्री सुरक्षा में सभी देश की रुचि होती है, लेकिन हमारे मामले में यह कई अन्य देशों की तुलना में अधिक है।

उन्होंने आगे कहा, “अब हमारे संबंध जब गहरे हो रहे हैं तो जाहिर तौर पर हम अब रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी काम करेंगे। यह भी महत्वपूर्ण है कि हम सहयोग के अन्य पहलुओं पर भी गौर करें। दोनों देश इंडो-पैसिफिक मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस इनिशिएटिव एंड रिकैप का हिस्सा है, जो कि सिंगापुर में स्थित है।”

जयशंकर ने की फिलीपींस के राष्ट्रपति से मुलाकात
केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फिलीपींस के राष्ट्रपति बॉन्गबॉन्ग मार्कोस से भी मुलाकात की। उन्होंने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्हें व्यक्तिगत शुभकामनाएं भी दी। राष्ट्रपति मार्कोस के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने इसकी जानकारी दी।

पाकिस्तान में लगातार दूसरे दिन आतंकी हमला, खैबर पख्तूनवा में छह चीनी नागरिकों की मौत

पाकिस्तान में लगातार दूसरे दिन बड़ा आतंकी हमला हुआ है। यहां खैबर पख्तूनवा में एक आत्मघाती हमले में छह चीनी नागरिकों की जान चली गई। बताया गया कि हमलावर ने उनके काफिले को निशाना बनाया। घटना उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के शांगला में हुई।