Saturday , November 23 2024

विदेश

चीन ने की पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा, कहा- आतंकवाद के खिलाफ हम एकजुट

गुरुवार को ग्वादर बंदरगाह पर आतंकी हमले की चीन ने कड़ी निंदा की है। साथ ही आतंकवाद से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन किया है। गौरतलब है कि ग्वादर बंदरगाह चीन के अरबो डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का हिस्सा है।

आठ आतंकियों को किया गया ढेर- पाकिस्तानी सेना
पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, अशांत बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर पर आतंकियों ने हमला किया। जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में दो सैनिकों की मौत हो गई और आठ बलूच आतंकियों को ढेर किया गया है।

आतंकवाद के हम सख्त विरोधी- लिन जियान
इस बीच, चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि हमने रिपोर्ट्स पर गौर किया है। हमने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है और हमले में मारे गए पाकिस्तानी कर्मियों के लिए शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि चीन आतंकवाद का सख्त विरोधी रहा है। बंदरगाह परिसर में कई सरकारी और अर्धसैनिक कार्यालय हैं और रणनीतिक रूप से स्थित ग्वादर बंदरगाह अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के केंद्र बिंदुओं में से एक बना हुआ है।

बलूचिस्तान रहा हिंसक विद्रोह का केंद्र
ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान लंबे समय से चल रहे हिंसक विद्रोह का केंद्र रहा है। बलूच विद्रोही समूहों ने पहले भी 60 अरब अमेरिकी डॉलर की सीपीईसी परियोजनाओं को निशाना बनाते हुए कई हमले किए हैं। आठ फरवरी को आम चुनाव के बाद से ही बलूचिस्तान प्रांत में कई आतंवादी गतिविधियों देखी गई। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा जारी एक वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 2023 में 789 आतंकी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में हिंसा से संबंधित 1,524 मौतें और 1,463 घायल हुए, जो छह साल का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है।

असम पुलिस ने बताया कैसे गिरफ्त में आया आईएसआईएस इंडिया का प्रमुख, जानें क्या थी योजना

आईएसआईएस इंडिया प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद बुधवार को असम के धुबरी जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खुफिया सूचनाओं के 15 दिनों के विश्लेषण और स्थानीय लिंक की तलाश के बाद यह कार्रवाई की गई।

एनआईए को सौंपे दिए गए पकड़े गए दो आतंकी
एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत ने कहा कि दो आईएसआईएस आंतकियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है। हमें लगभग 15 दिन पहले एक केंद्रीय एजेंसी से जानकारी मिली थी कि धुबरी के कुछ हिस्सों में आईएसआईएस आतंकी की संभावित आवाजाही हो सकती है।

इनपुट विश्वसनीय थे और इसलिए एसटीएफ को शामिल किया गया था। इस बीच, एनआईए ने भारत में आईएसआईएस के दो आतंकी हारिस फारूकी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान, जिन्हें असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा गिरफ्तार किया गया था, को गुवाहाटी में एनआईए अदालत में पेश किया।

15 दिनों तक विश्लेषण के बाद की आतंकियों पर कार्रवाई- महंत
महंत ने कहा, इसके बाद एसटीएफ ने संभावित क्षेत्रों पर काम करना शुरू कर दिया था, यदि कोई स्थानीय लिंक हो तो उसे ढूंढने की कोशिश की और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक योजना तैयार की थी।

CAPF के 11 लाख जवानों की पेंशन पर बड़ा अपडेट, इन्हें मिलेगी पुरानी पेंशन और बाकी को करना होगा इंतजार

पुरानी पेंशन बहाली का इंतजार कर रहे केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीएपीएफ’ के 11 लाख जवानों/अफसरों के लिए बड़ा अपडेट है। इन बलों के कुछ जवानों और अधिकारियों को एनपीएस से बाहर निकालकर उन्हें ओपीएस में शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार भी इसके लिए राजी है। दूसरा मामला, बाकी बचे जवानों का है। इसमें दस लाख से अधिक जवान व अधिकारी शामिल हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 11 जनवरी को दिए अपने एक अहम फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ‘सीएपीएफ’ को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना था। अदालत ने इन बलों में लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन कर ओपीएस लागू करने की बात कही थी। इस फैसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। अब इस मामले की सुनवाई अगस्त में होगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि पांच अगस्त से जो सप्ताह शुरु हो रहा है, उसमें केस को लिस्ट करें। याचिकाकर्ता ‘विशेष अनुमति याचिका’ (एसएलपी) में संशोधन भी कर सकते हैं। कोई नया दस्तावेज जोड़ सकते हैं। सर्वोच्च अदालत में याचिकाकर्ताओं की तरफ से जवाब फाइल किया जाएगा।

‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात
बता दें कि केंद्रीय बलों के जवानों ने गत वर्ष दिल्ली हाईकोर्ट से अपने हक की लड़ाई जीती थी। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ मानते हुए अदालत ने इनमें लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, चाहे कोई आज इन बलों में भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया।

केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में फरवरी 2024 तक स्थगन आदेश मिल गया। अब सर्वोच्च अदालत ने एसएलपी नंबर 22511/2023, 21758/2023 और डायरी नंबर 52544/2023 व 613/2024 में कहा है कि पांच अगस्त (2024) से जो सप्ताह शुरु हो रहा है, उसमें इस केस को लिस्ट करें। सर्वोच्च अदालत ने एसएलपी में संशोधन करने की भी इजाजत दे दी।

देश में तेजी से बढ़ रहा गेमिंग बाजार, अमेरिका की ‘गेम डेवलेपर्स कॉन्फ्रेंस’ में पहली बार भारत का पेवेलियन

अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में गेम डेवलेपर्स कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। खास बात ये है कि पहली बार इसमें भारत का भी पेवेलियन है। यह भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों को दिखाता है। यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के सहयोग से गेम डेवलेपर्स कॉन्फ्रेंस में भारत के पेवेलियन का उद्घाटन किया गया है। फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी ने बताया कि भारत पेवेलियन का उद्घाटन भारत-अमेरिका के संबंधों में मील का पत्थर है।

देश में तेजी से बढ़ रही गेमिंग इंडस्ट्री
गेम डेवलेपर्स कॉन्फ्रेंस में भारत के पेवेलियन का बुधवार को उद्घाटन किया गया। साथ ही इस दौरान ‘इंडिया गेमिंग मार्केट रिपोर्ट’ भी जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गेमिंग मार्केट साल 2023 में 3.1 अरब डॉलर था, जिसके साल 2028 तक 6 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। कार्यक्रम में सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूत के श्रीकर रेड्डी भी समेत कई अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। रेड्डी ने कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में काफी संभावनाएं हैं।

देश में 56 करोड़ ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोग
इंडिया गेमिंग मार्केट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अभी ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में एक लाख लोग काम करते हैं और आने वाले दशक में इस सेक्टर में ढाई लाख नौकरियां पैदा होने का अनुमान है। भारत में साल 2023 में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 88 करोड़ थी, जिसके साल 2028 तक 1.2 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2023 में ऑनलाइन गेम खेलने वाले लोगों की संख्या करीब 56 करोड़ थी, जो 2028 तक बढ़कर 89 करोड़ हो जाएगी।

पाकिस्तान की राजनीति में आसिफा भुट्टो जरदारी की एंट्री, पिता की छोड़ी सीट से भरा नामांकन

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की छोटी बेटी आसिफा अली जरदारी ने पाकिस्तान की राजनीति में कदम रखा है। उन्होंने सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट पर उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। उन्होंने अपनी पिता की छोड़ी सीट से नामांकन दाखिल किया है। 31 वर्षीय आसिफा पिछले कुछ समय से राजनीति में काफी सक्रिय है, लेकिन उनके पिता और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उन्हें अबतक संसदीय राजनीति से दूर रखा था।

आसिफा ने भरा नामांकन
आसिफा ने रविवार को सिंध प्रांत के शहीद बेंजीराबाद जिले के एनए 207 निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव के लिए अपना नामांकन भरा। बता दें कि आसिफ अली जरदारी ने यहां से चुनाव जीता था, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दी।

आसिफा अली जरदारी की शक्ल उनकी मां बेनजीर भुट्टो से काफी मिलतr है, जिनकी मौत 2007 में रावलपिंडी में बम विस्फोट में हुई थी। बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री भी रह चुकी हैं। आसिफा का बड़ा भाई बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं।

उपचुनाव में आसिफा की जीत लगभग तय
हाल ही में आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जरदारी के साथ आसिफा भुट्टो जरदारी भी थी, जिसे प्रथम महिला या फर्स्ट लेडी नामित किया गया। दरअसल, यह दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को दिया जाता है, लेकिन अपनी पत्नी, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के 2007 में मौत होने के बाद से ही आसिफ अली जरदारी विधुर हैं।

एलन मस्क का बड़ा खुलासा, डिप्रेशन दूर करने के लिए लेते हैं दवाएं; कहा- कंपनी चलाने में मिलती है मदद

अरबपति एलन मस्क अक्सर चर्चाओं में बने रहते हैं। कुछ दिनों पहले उनके द्वारा डिप्रेशन के लिए केटामाइन जैसी दवाओं के इस्तेमाल करने की खबर सुर्खियों में आई थी। तब रिपोर्ट्स में कहा गया था कि टेस्ला और स्पेसएक्स के कई बोर्ड सदस्य एलन मस्क के इन दवाओं के लेने से परेशान हैं। सदस्यों का कहना था कि ऐसी दवाओं का असर मस्क के स्वास्थ्य और व्यापार पर पड़ सकता है। हालांकि इन सब खबरों के बीच दिग्गज कारोबारी ने केटामाइन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लेने से वह अच्छे से काम पर ध्यान दे पा रहे हैं।

मेरा दिमाग नकारात्मक सोचता है
टेस्ला के सीईओ ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘ऐसा समय होता है, जब मेरा दिमाग नकारात्मक सोचता है। शायद यह डिप्रेशन है। डिप्रेशन किसी गलत खबर से जुड़ा नहीं है। केटामाइन गलत सोच से बाहर निकालने में मदद करता है।’ उन्होंने आगे कहा कि एक डॉक्टर ने उन्हें दवाई दी है। वह हर दूसरे सप्ताह में एक बार दवा लेते हैं।

मस्क की सफाई
मस्क ने कहा, ‘अगर आप बहुत ज्यादा केटामाइन का इस्तेमाल करते हैं तो आप काम नहीं कर सकेंगे। मेरे पास बहुत काम है। मैं आम तौर पर 16 घंटे काम करता हूं। इसलिए मेरे सामने सच में ऐसी कोई वजह नहीं है, जहां मैं लंबे समय तक मानसिक रूप से गंभीर नहीं हो सकता।’

मैं कुछ भी लूं…
अरबपति ने इस बात पर जोर दिया कि अवसाद आनुवंशिक है। साथ ही यह कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दवाओं का इस्तेमाल उनके सरकारी अनुबंधों या निवेशक संबंधों को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, ‘वॉल स्ट्रीट के दृष्टिकोण से, जो मायने रखता है वह निष्पादन (execution) है। क्या आप निवेशकों के लिए मूल्य का निर्माण कर रहे हैं? तो बाकी के कार उद्योग के कुल मूल्य के बराबर टेस्ला की कीमत है। इसलिए एक निवेशक के दृष्टिकोण से अगर मैं कुछ ले रहा हूं, तो मुझे इसे लेते रहना चाहिए

अचानक भारतवंशी PM सुनक से मिलने पहुंचे बराक ओबामा, एआई समेत कई मुद्दों पर हुई बातचीत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसा अत्याधुनिक विषय लगभग पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पहले भारतवंशी ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अनौपचारिक बातचीत के बारे में सुनक के कार्यालय- 10 डाउनिंग स्ट्रीट की तरफ से बयान जारी किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक सुनक और ओबामा की बातचीत के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई जैसा मुद्दा भी चर्चा का विषय बना। दोनों के बीच एआई के अलावा कई और मुद्दों पर भी बातचीत हुई।

पाकिस्तान ने अफगान सीमा के पार जाकर किए हवाई हमले, आठ की मौत; तालिबान ने दी धमकी

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर दो हवाई हमले किए, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई है। तालिबान ने इसे देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। इस हमले में कई महिलाएं और बच्चे भी मारे गए।

आतंकी लगातार सरहद पर कर रहे हमला- पाकिस्तान
2021 में अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के सत्ता कब्जा के बाद से दोनों देशों के बीच लगातार सीमा विवाद बढ़ गया है। पाकिस्तान का दावा है कि आतंकवादी लगातार सरहद पर हमला कर रहे हैं। प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि लगभग तीन बजे पाकिस्तानी विमानों ने पाकिस्तान की सीमा के पास खोस्त और पक्तिका प्रांतों में घरों पर बमबारी की।

राष्ट्रपति जरदारी ने दी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
गौरतलब है कि ये हमले शनिवार को पाकिस्तान क्षेत्र के अंदर एक हमले में सात पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद हुए, जिसके लिए देश के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने जवाबी कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की सीमाओं, घरों या जरूरत पड़े तो देश में भी घुसेगा। हर आतंकी का खात्मा किया जाएगा। बता दें सीमा के पास के क्षेत्र लंबे समय से पाकिस्तान में तालिबान समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों का गढ़ रहे हैं, जो अफगानिस्तान के साथ खुली सीमा पर काम करता है।

तालिबान के सत्ता में आते ही बढ़ा दोनों देशों के बीच तनाव
विश्लेषकों का कहना है कि विश्लेषकों का कहना है कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से पूर्व जनजातीय क्षेत्रों में आतंकवादियों का हौसला बढ़ गया है, टीटीपी सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ बढ़ते अभियान चला रहा है। तालिबान पाकिस्तानी आतंकवादियों को पनाह देने से इनकार करता है। तालिबान अधिकारियों ने कहा कि 2022 में पाकिस्तानी सैन्य हेलीकॉप्टरों ने सीमा के अफगान क्षेत्र में हमले किए जिसमें कम से कम 47 लोग मारे गए। पक्तिका के बरमाल जिले में घरों पर हमला किया गया था।

‘मैंने जीने की इच्छा छोड़ दी थी’, यूक्रेनी युद्धबंदी ने यूएन के जांच रूसी जेल में यातनाओं के भयावह दास्तां

यूक्रेन पर स्वतंत्र, अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग ने अपनी पड़ताल के बाद शुक्रवार को यह रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें व्यापक स्तर पर और व्यवस्थागत ढंग से इन अधिकार हनन मामलों में जानकारी जुटाई गई है। मानवाधिकार परिषद ने दो वर्ष पहले इस आयोग की नियुक्ति की थी, ताकि 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से हुए गंभीर असर का आकलन किया जा सके।

यूक्रेन के एक सैनिक और पूर्व युद्धबंदी ने जांच आयोग को बताया कि उन्होंने हर उम्मीद और जीवन जीने की इच्छा खो दी थी, उन्हें बार-बार यातना दी गई, हड्डियां और दांत तोड़ दिए गए और एक ज़ख्मी पांव में गैंगरीन हो गया। जांच आयोग प्रमुख ऐरिक मोसे ने कहा कि इस युद्धबंदी को मॉस्को के दक्षिण में स्थित तुला क्षेत्र के दोन्सकोय शहर की जेल में रखा गया था, जहां उन्होंने अपनी जान लेने की कोशिश भी की। मगर, इसके बाद उन्हें बन्दी बनाने वाले लोगों ने फिर से पीटा।

भुक्तभोगियों ने जांच आयोग को बताया कि उनकी निरंतर, बर्बर ढंग से पिटाई की गई, लंबे समय तक हिरासत में रखा गया और उनकी मानवीय गरिमा का कोई ख़याल नहीं रखा गया। जांच आयोग ने शुक्रवार को जेनेवा में पत्रकारों को बताया कि इस बर्ताव से बंदियों को शारीरिक और मानसिक सदमा पहुंचा है, जो लंबे समय तक जारी रह सकता है।

बलात्कार, पिटाई, यातना
जाँच आयुक्तों के अनुसार, महिलाओं के साथ बलात्कार और अन्य प्रकार के यौन हमले किए जाने के मामलों में गवाही भी यातना की श्रेणी में रखी जा सकती हैं। पुरुष युद्धबंदियों को भी बलात्कार की धमकियां दी गईं। उन्हें चोट पहुंचाने के इरादे से बिजली के झटके दिए गए। जांच आयोग प्रमुख ऐरिक मोसे ने बताया कि युद्धबंदियों की पिटाई, उनके साथ गाली-गलौज की गई, बिजली के उपकरणों का उनके शरीर पर इस्तेमाल किया गया और सीमित मात्रा में खाने-पीने का सामान दिया गया।

इस्राइल-हमास संघर्ष के चलते गाजा में भारी तबाही, 2.3 करोड़ टन मलबा इकट्ठा, हटाने में लगेंगे वर्षों

फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने शुक्रवार को कहा है कि गाजा पट्टी को फिर से एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए, वर्षों का समय लगेगा।

गाजा में इस्राइल की हर रोज भीषण बमबारी से 20 लाख से भी अधिक गाजावासियों का जीवन तबाह हो गया है। गौरतलब है कि मौजूदा युद्ध सात अक्तूबर को इस्राइल पर हमास के हमलों से भड़का था, जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से गाजा में इस्राइल के हमलों में 31 हज़ार से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और 70 हजार से अधिक घायल हुए हैं।

UNRWA, गाजा में सबसे बड़ी राहत एजेंसी के रूप में, दक्षिणी इलाक़े में विस्थापित लगभग 15 लाख लोगों को, जीवन रक्षक सहायता व सामग्री उपलब्ध करा रही है। ये एजेंसी लगभग 10 लाख लोगों के लिए आश्रय स्थल चलाती है, जहां लोगों को मानवीय राहत और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया कराई जाती हैं।

हिंसा में कोई कमी नहीं
इस्राइल की लगातार जारी हवाई बमबारी और ज़मीनी हमलों और इस्राइली सेनाओं व फलस्तीनी सशस्त्र बलों के बीच युद्ध के बीच भी, जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराने का काम जारी रखा गया है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने गाजा आपदा के बारे में नवीनतम जानकारी में, लगभग पूरे गाजा क्षेत्र में युद्धक हिंसा जारी रहने की खबर दी है। एजेंसी ने कहा है कि युद्ध में आम लोगों की मौतें होना जारी है, साथ ही लोग विस्थापित हो रहे हैं और लोगों के घर व अन्य बुनियादी ढांचा भी तबाह हो रहा है।

UNRWA को वित्तीय सहायता बहाल
इस बीच, ऑस्टेलिया ने, UNRWA के लिए वित्तीय सहायता बहाल करने के इरादे की घोषणा की है. गौरतलब है कि जनवरी में इस्राइल के इन आरोपों के बाद कुछ देशों ने, इस एजेंसी के लिए वित्तीय सहायता स्थगित करने की घोषणा कर दी थी एजेंसी के लगभग 7-8 कर्मचारी, 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में शामिल थे।