Saturday , November 23 2024

विदेश

श्रीलंकाई मंत्री का सड़क हादसे में निधन; नेपाल के राष्ट्रपति ने फरवरी में शीतकालीन सत्र बुलाया

नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने पांच परवरी को संसद का शीतकालीन सत्र बुलाया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अनुच्छेद 93(1) के अनुसार यह सत्र शाम के चार बजे बुलाया गया है।मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रपति पौडेल से दोनों सत्रों में बैठक बुलाने की सिफारिश की गई थी। नेपाल के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सिफारिश पर सदन सत्र बुला या स्थगित कर सकता है। देश की सरकार आगामी सत्र के माध्यम से कई विधेयकों को पारित करने की तैयारी कर रही है। इससे पहले संसद का बजट सत्र तीन जुलाई को स्थगित कर दिया गया था।

श्रीलंका के राज्य मंत्री का सड़क हादसे में निधन

श्रीलंका के राज्य मंत्री शनत निशंता की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। यह घटना गुरुवार को कटुनायके एक्सप्रेसवे के पास घटी। स्तानीय मीडिया ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि राज्य मंत्री के साथ एक सुरक्षा अधिकारी की भी मौत हो गई है। जीप में राज्य मंत्री निशंता के साथ सुरक्षा अधिकारी और चालक सवार थे। उनकी जीप एक कंटेनर वाहन से टकराने के बाद सड़क के बाड़ से टकरा गई। वह कटुनायके से कोलम्बो की तरफ जा रहे थे। इस हादसे में सभी गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन्हें रागमा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां निशंता और एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत हो गई। जीप चालक का इलाज जारी है।

सिंगापुर में भारतीय मूल के व्यक्ति पर लोक सेवक पर हमला करने का आरोप

सिंगापुर में एक 49 वर्षीय भारतीय मूल के व्यक्ति पर लोक सेवक पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। दरअसल 23 जनवरी को आरोपी हरिदास रेयान पीटर अपनी प्रेमिका के साथ फ्लैट में खुद को बंद कर लिया था। गिरफ्तारी के दौरान उसने एक 22 वर्षीय विशेष कांस्टेबल सर्जेंट को लात मारी थी। पुलिस ने बताया कि व्यक्ति को इससे पहले अपनी 52 वर्षीय प्रेमिका के साथ अपार्टमेंट में मारपीट के बाद उसे सतर्क कर दिया गया था। सिंगापुर के अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति खुद के और दूसरे के लिए खतरा है। पुलिस ने बताया कि लोक सेवक पर हमला करने के आरोप में आरोपी को जुर्माने के साथ सात साल की जेल की सजा हो सकती है। उसके मामले की सुनवाई आठ फरवरी के लिए स्थगित कर दी गई है।

भारत से सीमा विवाद द्विपक्षीय रिश्तों की पूरी तस्वीर नहीं; सीमा मुद्दे को समग्र संबंधों से जोड़ना नासमझ

चीन की सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद एक विरासती मुद्दा है। सीमा मुद्दे को समग्र संबंधों से जोड़ना एक नासमझी है, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों की पूरी तस्वीर का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। यह दोनों देशों के साझा हितों के खिलाफ भी है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पिछले तीन वर्षों में, चीन और भारत ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संचार और समन्वय बनाए रखा है। दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर पर 20 दौर की बैठकें की और सीमा पर तनाव कम करने में योगदान देने वाले चार बिंदुओं मुख्य रूप से गलवां घाटी, पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग्स और जियानन डाबन (गोगरा) से सैनिकों को हटाने पर सहमति व्यक्त की।

भारतीय पक्ष से उम्मीद
बू कियान ने कहा, हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष रणनीतिक रूप से आपसी विश्वास को बढ़ाने, मतभेदों को ठीक से संभालने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की रक्षा के लिए चीनी पक्ष के साथ काम करेगा। अगली कोर कमांडर स्तर की बैठक के बारे में पूछे जाने पर वू ने कहा कि मंत्रालय उचित समय पर जानकारी साझा करेगा।

‘आज मानवता शर्मसार हुई है’, नाइट्रोजन गैस से मरने वाले पहले कैदी के ये थे आखिरी शब्द

अमेरिका के अलबामा राज्य में गुरुवार को हत्या के दोषी केनेथ यूजीन को मौत की सजा दे दी गई। केनेथ को मौत की सजा नाइट्रोजन गैस से दी गई और यह अमेरिका का पहला मामला है, जहां कैदी को नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा दी गई। मौत के इस तरीके पर काफी विवाद है और मानवाधिकार कार्यकर्ता इस तरीके के इस्तेमाल के खिलाफ हैं।

पादरी की पत्नी की हत्या का दोषी था केनेथ स्मिथ
मौत के इस तरीके में केनेथ यूजीन को फेस मास्क पहनाया गया। इसके बाद उस फेस मास्क के जरिए केनेथ को नाइट्रोजन गैस दी गई। जैसे ही नाइट्रोजन गैस केनेथ के फेफड़ों में पहुंची तो दम घुटने से उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई। केनेथ को साल 1988 में एक पादरी की पत्नी की हत्या का दोषी पाया गया था। पादरी ने ही अपनी पत्नी एलिजाबेथ सेनेट की हत्या की सुपारी केनेथ यूजीन और उसके साथी जॉन पार्कर को दोषी पाया गया था।

इस हत्या के बदले दोनों को हजार-हजार डॉलर मिले थे। हत्या के एक हफ्ते बाद ही पत्नी की हत्या की सुपारी देने वाले पादरी ने खुदकुशी कर ली थी। वहीं जॉन पार्कर को साल 2010 में जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जा चुकी है। साल 2022 में केनेथ को भी जहर का इंजेक्शन देकर मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन हाथ की नसें ठीक तरह से न दिखने के चलते केनेथ की जान बच गई थी।

क्यों हो रहा है नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा पर विवाद
फेस मास्क के जरिए नाइट्रोजन गैस जैसे ही केनेथ के फेफड़ों में पंप की गई। गैस छोड़ने और केनेथ की मौत की पूरी प्रक्रिया पूरे 22 मिनट तक चली। दो से चार मिनट के बाद केनेथ ने हाथ पैर मारना शुरू किया और पांच मिनट बाद उसकी सांस भारी हो गई। इसके बाद उसकी मौत हो गई। केनेथ की मौत के वक्त उसकी पत्नी और अन्य रिश्तेदार भी मौजूद रहे। साथ ही कुछ पत्रकारों ने भी केनेथ की मौत को देखा। एक पत्रकार ने बताया कि स्मिथ ने मरने से पहले कहा था कि ‘आज अलबामा की वजह से मानवता शर्मसार हो रही है।’

‘रूस भारत पर भरोसा कर सकता है क्योंकि…’ व्लादिमिर पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ में कही यह बात

भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर रूस की ओर से भारत को शुभकामना दी। इस मौके पर भारत में स्थित रूसी दूतावास में भव्य कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की और भारत को ‘स्वतंत्र’ विदेश नीति का अनुसरण करने का श्रेय दिया, जो आज की दुनिया में आसान नहीं है, रूस स्थित मीडिया नेटवर्क रूस टुडे (आरटी) ने यह जानकारी दी। पुतिन गुरुवार को ‘रूसी छात्र दिवस’ के अवसर पर कैलिनिनग्राद क्षेत्र में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ”भारत दुनिया में आर्थिक विकास और वृद्धि की उच्चतम दरों वाला देश है और ऐसा प्रधानमंत्री के नेतृत्व के गुणों के कारण है। उनके नेतृत्व के दौरान ही भारत इस गति से आगे बढ़ा।”

पुतिन बोले- वे आश्वस्त हैं कि नई दिल्ली उनके खिलाफ षड्यंत्र नहीं करेगा
उन्होंने आगे कहा कि “रूस भारत और उसके नेतृत्व पर भरोसा कर सकता है क्योंकि वह आश्वस्त है कि नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके खिलाफ ‘षड्यंत्र’ नहीं करेगा”। उन्होंने कहा, “भारत एक स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण कर रहा है, जो आज की दुनिया में आसान नहीं है। लेकिन, 1.5 अरब की आबादी वाले भारत को ऐसा करने का अधिकार है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उस अधिकार को महसूस किया जा रहा है। यह सिर्फ बयान नहीं है, यह संयुक्त कार्य संयुक्त रूप से आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है औ हमें मध्यम अवधि और दीर्घकालिक अवधि में अपने भागीदारों के कार्यों का पूर्वानुमान लगाने का अवसर देता है।”

रूसी राष्ट्रपति ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी सराहना की
रूसी राष्ट्रपति ने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी सराहना की और कहा कि रूस भारत में सबसे अधिक निवेश करने वाले देशों में से एक है और आगे भी वह वहां भारी निवेश करने की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विकास के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए हैं। उनके अभियान ‘मेक इन इंडिया’ को रूस सहित कई देशों ने देखा है। हम अपने भारतीय दोस्तों के साथ इन सभी योजनाओं को धरातल पर लाने की कोशिश कर रहे हैं… भारत में सबसे बड़ा विदेशी निवेश रूस से आया है। हमारी कंपनी रोसेनेफ्ट ने एक तेल रिफाइनरी का अधिग्रहण, गैस स्टेशनों का नेटवर्क, एक बंदरगाह के निर्माण और अन्य परियोजनाओं में 23 अरब डॉलर का निवेश किया है।

ऐसा चुनाव प्रचार पाकिस्तान में ही हो सकता है! नवाज शरीफ की रैली में समर्थक ले आए असली शेर

पाकिस्तान में जल्द ही आम चुनाव के लिए मतदान होगा। ऐसे में पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग पैंतरे अपना रही हैं, लेकिन नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज दो कदम आगे बढ़ गई है। दरअसल नवाज शरीफ की रैली में पीएमएलएन समर्थक असली शेर ही ले आए। इसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।

रैली में असली शेर ले आए समर्थक
दरअसल पाकिस्तान के लाहौर में नेशनल असेंबली 130 पर नवाज शरीफ की पार्टी ने एक विशाल रैली का आयोजन किया। हैरानी तो तब हुई जब पार्टी के समर्थक रैली स्थल पर असली शेर को ले आए। यह शेर पिंजरे में बंद था और एक खुली गाड़ी में शेर के पिंजरे को रखा गया था। पीएमएलएन का चुनाव चिन्ह शेर ही है। यही वजह है कि रैली में असली शेर लाकर लोगों को लुभाने की कोशिश की गई। हालांकि पार्टी समर्थकों की इस हरकत का उल्टा असर हुआ और लोगों ने इस कदम का आलोचना की।

नवाज शरीफ की आपत्ति के बाद वापस भेजा गया
पीएमएलएन की नेता मरियम औरंगजेब ने बताया कि नवाज शरीफ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और उनके निर्देश पर शेर को वापस भेज दिया गया। पार्टी का एक समर्थक इस शेर को लेकर आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले भी पीएमएलएन की रैलियों में ऐसे ही असली शेर को लाया गया था। इस रैली के दौरान पीएमएलएन की नेता और नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज भी मौजूद रहीं।

पाकिस्तान में 8 फरवरी को होगा चुनाव
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। चुनाव प्रचार के दौरान नवाज शरीफ दावा कर रहे हैं कि उनकी सत्ता से विदाई के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं और पाकिस्तान को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। शरीफ ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो फिर से देश में सकारात्मक बदलाव लेकर आएंगे।

आर्थिक गलियारा अपग्रेड होगा, चीन पाकिस्तान के साथ काम करने को राजी; जिनपिंग सरकार ने लगाए हैं अरबों डॉलर

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना- सीपीईसी पर अरबों डॉलर का निवेश किया है। ताजा घटनाक्रम में चीन और पाकिस्तान इस परियोजना पर एक साथ काम करने को सहमत हो गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिनपिंग प्रशासन ने कहा है कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को अपग्रेड करने की परियोजना पर एक साथ काम करने को राजी है। चीन का कहना है कि राजनीतिक रूप से आपसी विश्वास को और मजबूत और गहरा करने के मकसद से उसने पाकिस्तान के साथ काम करने का फैसला लिया है।

जिनपिंग प्रशासन के संपर्क में है पाकिस्तान, चीन ने भी दिखाई दिलचस्पी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने कहा है कि सीपीईसी का पहला चरण हासिल किया जा चुका है। पाकिस्तान शुरुआती फसल परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहा है। पीएम काकर ने कहा कि सीपीईसी में अगले चरण का काम पूरा करने के लिए वह लगातार जिनपिंग प्रशासन के संपर्क में बने हुए हैं। डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने कहा है कि वह सीपीईसी को और उन्नत करने को तैयार है। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने नए युग में साझा भविष्य निर्माण और दोनों देशों के समुदाय को करीब लाने में दिलचस्पी दिखाई है।

तुर्किये की संसद ने स्वीडन की नाटो सदस्यता को दी मंजूरी; चीन में भूस्खलन से अब तक 25 की मौत

तुर्किये की संसद ने मंगलवार को स्वीडन को नाटो में शामिल किए जाने संबंध में लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इससे स्वीडन के दुनिया के शक्तिशाली सैन्य गठबंधन में शामिल होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तुर्किये की संसद में 346 सदस्यों में से 287 ने स्वीडन को नाटो में शामिल करने के पक्ष में मतदान किया, जबकि 55 सांसदों ने इसका विरोध किया।

दक्षिण पश्चिम चीन में भूस्खलन के बाद मरने वालों की 25 तक संख्या
दक्षिणपूर्वी चीन में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के बाद मरने वालों की संख्या 25 तक पहुंच गई है, बचाव दल जीवित बचे लोगों का पता लगाने के प्रयास जारी रखे हुए हैं। मंगलवार तक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 19 लोग लापता हैं। अधिकारियों ने चल रहे खोज अभियान के लिए लगभग एक हजार बचाव कर्मियों और 45 रेस्क्यू कुत्तों को तैनात किया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में कहा गया है कि 18 घर दब गए और 500 से अधिक लोगों को निकाला गया। शी ने चीनी अधिकारियों से चीनी नव वर्ष नजदीक आने पर बड़े हादसों से बचने के लिए हाई अलर्ट पर रहने का भी आग्रह किया।

टिड्डियों के खतरे से निपटने में सहायता के लिए अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र निकाय ने भारत को धन्यवाद दिया
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘यह देखकर अच्छा लगा कि अफगानिस्तान में टिड्डियों के खिलाफ संघर्ष में भारत हमारा सहयोगी है। इस समर्थन के लिए धन्यवाद,’। 40 हजार लीटर मैलाथियान कीटनाशक की आपूर्ति दो ट्रकों में की गई और आधिकारिक तौर पर तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान सरकार के कृषि, सिंचाई और पशुधन मंत्रालय को सौंप दिया गया।

बता दें कि शुष्क क्षेत्रों में अपनी प्रभावकारिता और न्यूनतम पानी के उपयोग के लिए जाना जाने वाला मैलाथियान टिड्डी नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है। यह सहायता न केवल अफगानिस्तान में तत्काल खतरे को संबोधित करती है बल्कि पड़ोसी मध्य एशियाई देशों में टिड्डियों के प्रसार को रोकने के लिए भी काम करती है।

नेपाल में जनमत पार्टी ने मधेश सरकार से समर्थन वापस लिया
जनमत पार्टी ने मधेश सरकार से अपने दो मंत्रियों को वापस बुला लिया है। साथ ही जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया है।
जनमत पार्टी के प्रदेश सांसद संजय यादव ने बताया कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर मिश्र को पत्र देकर बताया है कि उन्होंने मधेश सरकार छोड़ दी है। सरकार में जनमत पार्टी के कोटे से शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री महेश प्रसाद यादव और श्रम एवं परिवहन मंत्री चंदन सिंह शामिल थे। सरकार में शामिल होने के बाद से ही जसपा व जनमत पार्टी में मतभेद चल रहे थे। सप्तरी में कृषि यूनिवर्सिटी भवन के शिलान्यास को लेकर दोनों दलों में खुलकर टकराव सामने आ गया।

पाकिस्तान आम चुनाव पर नजर रखेंगे अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक
पाकिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलंगी ने कहा कि देश में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव पर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक और पत्रकार निगरानी रखेंगे और इन्हें कवर करेंगे। वहीं सरकार 170 से अधिक अनुरोधों पर विचार कर रही है जिनमें 24 भारत से हैं। विदेशी पत्रकारों, अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को जारी मान्यता पत्र केवल कराची, लाहौर व इस्लामाबाद तक के लिए सीमित हैं।

जबरन मजदूरी कराने से जुड़े मामले में भारतीय-अमेरिकी जोड़ा दोषी, 20 साल की जेल की सजा

अमेरिका के वर्जीनिया में शख्स से अपनी दुकानों पर जबरन मजदूरी कराने से जुड़े मामले में एक भारतीय-अमेरिकी जोड़े को दोषी पाया गया है। वर्जीनिया में संघीय अदालत में चले इस मामले में हरमनप्रीत सिंह (30) और कुलबीर कौर (43) पर अपने ही एक दूर के भाई से गैस स्टेशन और किराने की दुकान में जबरन काम करने का मामला चल रहा था। इसमें पाया गया कि इस जोड़े ने न सिर्फ शख्स कैशियर के तौर पर काम कराया, बल्कि उससे खाना बनवाने, साफ-सफाई कराने और दुकानों में बिक्री का लेखा-जोखा भी रखवाते थे। मामले में दोषी पाए जाने के बाद अब इस जोड़े को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा रिहाई के पांच साल बाद भी उन पर निगरानी रखी जाएगी। इस जोड़े पर 2,50,000 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है।

अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक वकील जनरल क्रिस्टेन क्लार्क ने कहा कि इस जोड़े ने अमेरिका में युवक को स्कूल भेजने का झूठा वादा किया। लेकिन उसे स्कूल न जाने देकर पीड़ित का भरोसा तोड़ा। इसके अलावा उससे शारीरिक, मानसिक तौर पर दुर्व्यवहार का शिकार भी बनाया गया। वह भी इसलिए ताकि यह जोड़ा युवक से हर तरह का फायदा उठा सके।

हरमनप्रीत और कुलबीर को पीड़ित के आव्रजन से जुड़े दस्तावेजों को जब्त करने और उसे समय समय चोट पहुंचाने का भी दोषी पाया गया। बताया गया है कि इस जोड़े ने उसके रहन-सहन की स्थिति को और बिगाड़ दिया था और उससे कम तनख्वाह में कई-कई घंटे काम कराया गया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि जबरन मजदूरी और मानव तस्करी घिनौने अपराध हैं, जिनकी समाज में कोई जगह नहीं है।

बाइडन को भी प्राइमरी जीतने का भरोसा; न्यू हैंपशर में रिपब्लिकन-डेमोक्रेट खेमे का मुकाबला रोचकc

अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव का प्रमुख मुकाबला होगा। इससे पहले प्राइमरी और कॉकस चरण में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हो रहा है। रिपब्लिकन प्रत्याशी के रूप में ट्रंप ने न्यू हैंपशर प्राइमरी में जीत हासिल की। एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद बाइडन को भी प्राइमरी में जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है। अमेरिकी मीडिया के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक समर्थकों को एकजुट रखने के लिए बाइडन ने अनौपचारिक रूप से राइट-इन अभियान चलाया।

अमेरिकी सियासत में दो दिग्गजों की सीधी टक्कर
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन के राइट-इन अभियान से पहले डेमोक्रेट खेमा हताश होने लगा था। न्यू हैंपशर में चुनावी अभियान के प्रति बाइडन की कथित उदासीनता, कम उत्साह और तुलनात्मक रूप से नाम की कम चर्चा को लेकर डेमोक्रेट खेमा शर्मनाक हार की आशंका से जूझ रहा था, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। बाइडन प्राइमरी में जीत की औपचारिक घोषणा के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को सीधी टक्कर देंगे।

81 साल के बाइडन की जीत प्रतीकात्मक होगी
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक न्यू हैंपशर में बाइडन 21 उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका कारण डेमोक्रेट गुट में आंतरिक पार्टी संघर्ष के कारण उन्होंने प्राइमरी के साथ-साथ परिणामों के लिए भी पंजीकरण नहीं कराया। इसके बावजूद 81 साल के बाइडन की जीत को प्रतीकात्मक माना जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से मिल रही सीधी और मजबूत टक्कर के बीच डेमोक्रेट खेमा न्यू हैंपशर प्राइमरी के परिणाम का स्वागत करेगा।

आंतरिक कलह के कारण डेमोक्रेट खेमा चिंतित; अब बदल चुके हैं समीकरण?
अमेरिकी चुनाव से पहले हुए कुछ सर्वे और स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप इस साल के अंत में चुनाव से पहले बाइडन के मुकाबले बेहतर स्थिति में दिख रहे हैं। काफी बड़ी संख्या में जनता बाइडन से असंतुष्ट भी दिख रही है। इन कारणों से डेमोक्रेट खेमा चिंतित था और उसका मानना था कि बाइडन को पर्याप्त समर्थन नहीं मिलेगा। चिंता बढ़ने के बीच बाइडन के समर्थकों ने ग्रेनाइट स्टेट में राइट-इन अभियान को बढ़ावा देना शुरू किया। खुद बाइडन न्यू हैंपशर में प्रचार करने नहीं पहुंचे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी वर्जीनिया में बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने चुनाव प्रचार की शुरुआत की। दोनों ने गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करते हुए रैली की मेजबानी की थी। दक्षिण कैरोलिना में मिला समर्थन भी बाइडन को मिली बढ़त का अहम कारण है।

चुनाव से पहले सर्वे में हैरान करने वाले नतीजे
मिशिगन-जॉर्जिया दो अहम राज्य हैं। दोनों राज्यों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, वर्तमान राष्ट्रपति बाइडन के मुकाबले मजबूत स्थिति में हैं। सीएनएन के सर्वेक्षण में पाया गया है कि दोनों राज्यों की बहुमत आबादी राष्ट्रपति बाइडन के काम से खुश नहीं है। एसएसआरएस की तरफ से कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक बाइडन के कार्यकाल में उनके प्रदर्शन, नीतियों और तत्काल कार्रवाई जैसे पहलुओं पर बड़ी आबादी के विचार नकारात्मक हैं। बाइडन के पास ट्रंप की तुलना में 2020 से भी कम समर्थक हैं। सीएनएन के मुताबिक, ये आंकड़े दोनों उम्मीदवारों के लिए संभावित चुनौतियों का संकेत देते हैं।

‘राष्ट्रपति की रेस से बाहर नहीं, लंबा रास्ता बाकी’; ट्रंप से हार के बाद भी भारतवंशी की आस बरकरार?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2024 की प्रक्रिया जारी है। न्यू हैंपशर में प्राइमरी की रेस में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को विजेता घोषित किया गया है। ट्रंप से पिछड़ने के बावजूद भारतवंशी प्रत्याशी निक्की हेली ने हार मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उम्मीदें बरकरार हैं। हालांकि, उन्होंने ट्रंप को जीत की बधाई भी दी। हेली ने कहा कि व्हाइट हाउस की रेस अभी खत्म नहीं हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिकर हैंपशर प्राइमरी चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हेली ने राजधानी कॉनकॉर्ड में समर्थकों से बात की।

उन्होंने कहा कि न्यू हैंपशर का मुकाबला अमेरिका में पहले नंबर पर या देश में सबसे आखिरी मुकाबला है ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ अभी खत्म नहीं हुई है। खबरों के मुताबिक दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर रहीं हेली बुधवार को गृह राज्य का दौरा कर सकती हैं। हेली पाल्मेटो से अपना दौरा शुरू करेंगी।

गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यू हैंपशायर में रिपब्लिकन पार्टी (GOP) के प्राइमरी में बड़ी जीत मिली है। ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी भारतवंशी उम्मीदवार निक्की हेली को इस परिणाम से बड़ा झटका लगा है। ट्रंप को इस जीत से नवंबर में होने वाले चुनाव में बड़ी बढ़त मिलने की संभावना है।

चुनाव परिणाम पर अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट
हिल की रिपोर्ट के मुताबिक कुल मतदान का 26 प्रतिशत वोटों की गिनती के बाद ट्रंप के खाते में 53.8 प्रतिशत वोट गए। इसी समय हेली को केवल 45.5 प्रतिशत वोट मिले। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 फीसदी वोटों की गिनती के बाद ट्रंप 53.1 फीसदी वोट मिले। 11 डेलीगेट्स के साथ ट्रंप निक्की हेली से आगे भी हैं।

ट्रंप निक्की हेली को रनिंग मेट बनाने से इनकार कर चुके हैं
ट्रंप ने इससे पहले निक्की हेली को उपराष्ट्रपति बनाने से इनकार कर दिया था। इसलिए न्यू हैंपशर के परिणाम उनके लिए बड़ा झटका है। संयुक्त राष्ट्र जैसे शीर्ष मंच पर अमेरिका का प्रतिनिधित्व पर चुकीं निक्की हेली को रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का रिपब्लिकन प्रत्याशी बनाने की संभावनाओं को ट्रंप ने सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि एक सीनेटर के तौर पर निक्की हेली ठीक हैं, लेकिन उन्हें उपराष्ट्रपति पद का संभावित उम्मीदवार या उनका रनिंग मेट नहीं माना जा सकता।