Saturday , November 23 2024

विदेश

भारतीय छात्र ने नशेड़ी की मदद के लिए बढ़ाया हाथ; उसने हथौड़े से मार-मारकर कर दी हत्या

अमेरिका के लिथोनिया शहर के जॉर्जिया में एक बेघर नशेड़ी ने एक 25 वर्षीय भारतीय छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दरअसल, छात्र पिछले कुछ दिनों से उस बेघर नशेड़ी की मदद कर रहा था। हत्या की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।

भारतीय छात्र की हत्या
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि आरोपी जुलियन फॉकनर ने मृतक विवेक सैनी के सिर पर हथौड़े से करीब 50 बार बेरहमी से वार किया था। मृतक एक स्टोर में क्लर्क के तौर पर काम करता था, जहां वह उस बेघर नशेड़ी को पिछले दो दिनों से चिप्स, कोक, पानी और जैकेट देकर मदद करता था। सुरक्षा को देखते हुए मृतक ने आरोपी को स्टोर से चले जाने के लिए कहा था। इसे लेकर 16 जनवरी को आरोपी ने मृतक पर हमला कर दिया।

घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने शव के पास ही फॉकनर को पाया। भारतीय छात्र विवेक सैनी दो साल पहले ही बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका आया था। उसने हाल ही में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर की डिग्री पूरी की। उसके परिजनों ने बताया कि वह एक होनहार छात्र था। मृतक के माता-पिता इस घटना से टूट चुके हैं और वह इस मामले में फिलहाल बात करने की स्थिति में नहीं है।

मालदीव की संसद ने चार में से केवल एक कैबिनेट सदस्य को मंजूरी दी; मुइज्जू की फिर किरकिरी

मालदीव की संसद ने सोमवार को चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों में से केवल एक को मंजूरी दी। मुइज्जू के खिलाफ मुख्य विपक्षी मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालीदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने तीन-पंक्ति का रेड व्हिप जारी किया है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, संसद ने आवास मंत्री अली हैदर अहमद, इस्लामिक मंत्री मोहम्मद शहीम अली सईद और अटॉर्नी जनरल अहमद उशम को मंजूरी देने से इनकार करने के लिए मतदान किया। वहीं, आर्थिक मंत्री मोहम्मद सईद बाल-बाल बच गए। 45 वर्षीय राष्ट्रपति मुइज्जू ने कार्यभार संभालने के दो दिन बाद 20 नवंबर को अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए औपचारिक अनुरोध किया था।

संसद में 18 दिसंबर को कैबिनेट पर मतदान होना था, लेकिन सरकारी निगरानी समिति की मूल रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया। समिति की नई रिपोर्ट पर वोटिंग के लिए संसद ने रविवार को एक बैठक बुलाई, जिसे 30 दिसंबर को पारित किया गया था, लेकिन रविवार को मतदान से ठीक पहले मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों के लिए संसदीय मंजूरी को रोकने का फैसला किया और उनके खिलाफ तीन-पंक्ति का रेड व्हिप जारी किया। एमडीपी के पास संसद में बहुमत है।

इस कदम से सरकार समर्थक और विपक्षी सांसदों के बीच झड़पें शुरू हो गईं, जिससे संसदीय बैठक की कार्यवाही बाधित हो गई। लंबे समय से लंबित मतदान आखिरकार सोमवार दोपहर को हुआ और संसद ने हैदर, शहीम और उशम को खारिज कर दिया। हैदर को 46-24 वोटों से खारिज कर दिया गया। उशम को 44-24 और शहीम को 31-30 वोटों के साथ खारिज कर दिया गया। हालांकि, सईद ने 37-32 के वोट के साथ बाल-बाल बच गए।

इससे पहले एमडीपी ने राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। मालदीव सरकार के खिलाफ वहां का विपक्ष एकजुट हो गया है। एमडीपी के साथ ही विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट भी राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग का समर्थन कर रही है।

रविवार को कैबिनेट को संसद की मंजूरी मिलनी थी, लेकिन हंगामे और सांसदों के बीच हाथापाई के चलते संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। आज संसद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। संसद भवन के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। इस बीच विपक्ष सरकार के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एमडीपी और डेमोक्रेट पार्टी के कुल 34 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव को अपना समर्थन दे दिया है।

मुइज्जू को झेलना पड़ रहा विरोध
मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। बीते दिनों लक्षद्वीप के मुद्दे पर भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव देखने को मिला था। मालदीव के सांसदों ने ही अपनी सरकार के भारत विरोधी रुख की आलोचना की थी। मालदीव की एमडीपी पार्टी भारत समर्थक मानी जाती है। एमडीपी आरोप है कि मुइज्जू की विदेश नीति से देश के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। विपक्ष की मांग है कि सरकार सभी देशों के साथ मिलकर काम करे, जिससे मालदीव के लोगों को फायदा मिले।

मुश्किल में फंसे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, महाभियोग चलाने के लिए प्रस्ताव लाएंगे विपक्षी दल

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, संसद में बहुमत रखने वाला प्रमुख विपक्षी दल एमडीपी उनके खिलफ महाभियोग चलाने की तैयारी में है। इसके लिए वह प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहा है। सोमवार को स्थानीय मीडिया की खबर में यह जानकारी दी गई।

राष्ट्रपति मुइज्जू के मंत्रिमंडल में चार सदस्यों की मंजूरी को लेकर रविवार को सरकार समर्थक सांसदों और विपक्षी सदस्यों के बीच झड़प हो गई थी। उसके एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आाया है। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट के सांसदों ने मतदान से पहले राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल में चार सदस्यों की मंजूरी को रोकने का फैसला किया। इसके बाद सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनएसी) के सरकार समर्थक सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया और संसदीय बैठक में बाधा डाली।

एमडीपी के एक सांसद ने बताया कि उनकी पार्टी ने डेमोक्रेट के साथ मिलकर महाभियोग प्रस्ताव के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर एकत्र कर लिए हैं। हालांकि, इन हस्ताक्षरों को अभी पेश नहीं किया गया है।स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक, एमडीपी के संसदीय समूह की सोमवार बैठक हुई। इस दौरान सर्वसम्मति से महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया गया। मुइज्जू ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में इब्राहिम सोलिह को हराया था।

इसके बाद सत्रह नवंबर को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के तुरंत बाद उन्होंने भारत से पंद्रह मार्च तक उनके देश से 88 सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध किया था। इसके साथ मुइज्जू ने कहा था कि जनता ने उन्हें भारत से यह अनुरोध करने के लिए मजबूत जनादेश दिया है। मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है।माले की संसद में कुल 87 सदस्य हैं। संसद ने हाल ही में महाभियोग प्रस्ताव को आसानी से सौंपने के लिए अपने स्थायी आदेशों में संशोधन किया था। एमडीपी डेमोक्रेट के मिलाकर 56 सांसद हैं। इनमें 43 सांसद एमडीपी और 13 डेमोक्रेट के हैं। संविधान और संसद के स्थायी आदेशों के मुताबिक, 56 मतों के साथ राष्ट्रपति के खिलाफ लगाया जा सकता है।

पाकिस्तान में बलूचों पर हो रही हिंसा पर अमेरिका बेचैन, सांसद बोला- मानवाधिकारों का हो रहा उल्लंघन

अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में लोगों पर हो रही हिंसा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को बलूचिस्तान में लोगों को गायब करने, हत्याएं बंद करनी चाहिए। शनिवार को उन्होंने बलूचिस्तान और सिंघ क्षेत्रों में लोगों के जबरन गायब होने के मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है।

मानवाधिकार उल्लंघन पर नहीं साध सकते चुप्पी-अमेरिका
एक कार्यक्रम में अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने कहा कि हालांकि अमेरिका पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है, लेकिन वहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन पर चुप नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम दुनियाभर में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़े हैं और पाकिस्तान में इस तरह का उल्लंघन दिखाई दे रहा है। कांग्रेसी सांसद की पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन की चिंता ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है।

बलूचिस्तान में हिंसा पर अमेरिका चिंतित
अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने सिंध फाउंडेशन के सूफी लघारी और फातिमा के साथ अपनी चर्चाओं को सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने कहा कि सिंध प्रांत में लोगों के गायब होने और हत्याओं की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे नेता महरंग बलूच के मामले पर जोर डाला है। उन्होंने लिखा कि महरांग बलोच 16 साल की थी, जब पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उनके पिता का अपहरण कर लिया था। महरांग के पिता का शव दो साल बाद मिला। अब वह इस्लामाबाद में महिलाओं के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन का हिस्सा है।

‘बलूचों पर हो रही हिंसा में सब मिले हुए’
इस बीच, बलूच यकजेहती समिति और अन्य अधिकार संगठनों ने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में गैर न्यायिक हत्याओं और निर्दोष लोगों को जबरन गायब करने के पीछे पाकिस्तान के सैन्य संस्थान हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश की राजनीतिक पार्टियां, सरकार, न्यायपालिका इन अपराधों का समर्थन कर रहे हैं।

चुनावी घोषणापत्र में PML-N और PPP ने जलवायु परिवर्तन को बनाया मुद्दा, जनता से किए ये वादे

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने हैं। उससे पहले दो प्रमुख सियासी दलों ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जलवायु परिवर्तन को भी मुद्दा बनाया है। देश में साल 2022 में विनाशकारी बाढ़ आई थी, जिससे उसे भारी जान-माल का नुकसान हुआ था। वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक के अनुसार, पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन के लिहाज से पांचवां सबसे संवेदनशील देश है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस्लामाबाद को मौसम सबंधी गंभीर घटनाओं का सामना करना पड़ेगा।

विनाशकारी बाढ़ ने मचाई थी तबाही
साल 2022 में आई विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान की 3.3 करोड़ आबादी को प्रभावित किया था। अनुमान के मुताबिक देश को इस बाढ़ से 14.9 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था। पाकिस्तान को न केवल बाढ़ से बल्कि उत्तर में ग्लेशियर झील के टूटने के बाद आपदा, रिकॉर्ड तोड़ लू, सूखा, जंगलों में आग आदि का सामना करना पड़ा है।

पीएमएल-एन और पीपीपी के घोषणापत्र में क्या कहा गया
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने शनिवार को अपने घोषणापत्र जारी किए। दोनों दलों ने मतदाताओं से कई वादे किए। इनमें जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए उचित कदम उठाने का वादा किया गया। पीएमएल-एन पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पीपीपी पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पार्टी है। घोषणापत्र में पीपीपी ने ‘जलवायु के अनुकूल पाकिस्तान का निर्माण’ खंड के तहत उपायों का जिक्र किया है। वहीं, पीपीपी ने घोषणापत्र में ‘नया हरित समझौता: जलवायु के अनुकूल भविष्य’ खंड रखा है। वहीं, तीसरी प्रमुख पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अभी तक अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है। पार्टी के संस्थापक व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अभी रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।

सरकार ने जुलाई 2023 में दी थी एनएपी को मंजूरी
पाकिस्तान सरकार ने जुलाई 2023 में एक ‘नेशनल एक्शन प्लान’ (एनएपी) को मंजूरी दी थी। इसमें बताया गया था कि देश कैसे जलवायु परिवर्तन से आने वाले चुनौतियों का मुकाबला करेगा और इसके लिए क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है। पीएमएल ने अपने घोषणापत्र में कहा, हम जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाएंगे और उससे पैदा होने वाले खतरों से अपने लोगों और जमीन की रक्षा करेंगे। वहीं, पीपीपी के घोषणापत्र में कहा गया, हमारी प्राथमिकता न केवल अपने लोगों को मौसम के जोखिमों से उबारने की होगी। बल्कि, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण को नुकसान, प्रदूषण और कचरे जैसी वैश्विक समस्याओं के प्रति जागरूक करेंगे।

‘यह निर्मम और अमानवीय तरीका’, केनेथ स्मिथ को नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा देने पर हुआ बवाल

अमेरिका के अलबामा में हत्या के दोषी एक व्यक्ति को नाइट्रोजन गैस से मारने पर हंगामा हो गया है। व्हाइट हाउस ने भी इस तरह से मौत की सजा देने पर चिंता जाहिर की है। वहीं संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन ने भी इसे निर्दयी तरीका बताते हुए इसकी तीखी आलोचना की है।

व्हाइट हाउस ने मौत के इस तरीके पर जताई चिंता
व्हाइट हाउस ने इस पर कहा कि नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल चिंताजनक है। हम इससे बेहद दुखी और व्यथित हैं। अमेरिका में जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जाती है, लेकिन अलबामा, ओकलाहामा और मिसिसिपी में नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा देने का प्रावधान है। अलबामा के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल ने केनेथ स्मिथ को नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि सबकुछ प्रोफेशनल तरीके से किया गया और हम आगे भी इस तरीके से कैदियों को मौत की सजा देंगे।

मौत से पहले बहुत तड़पा था केनेथ
केनेथ स्मिथ को साल 1988 में पादरी की पत्नी की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में मौत की सजा दी गई थी। गुरुवार को केनेथ को फेसमास्क के जरिए नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मौत की सजा दी गई। केनेथ की मौत की सजा के दौरान मौजूद रहे लोगों ने भी इसे बेहद भयावह करार दिया। उन्होंने बताया कि नाइट्रोजन गैस शरीर में जाने के दो से चार मिनट बाद केनेथ बहुत तड़पा था, इसके बाद उसने भारी-भारी सांस ली और फिर उसकी मौत हो गई। इस पूरी प्रक्रिया में पांच मिनट का समय लगा।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख वोल्कर टर्क ने नाइट्रोजन गैस से मौत देने के तरीके पर चिंता जताई और इसे प्रताड़ना, निर्दयता, अमानवीय बताया। संयुक्त राष्ट्र संगठन की प्रवक्ता रविना शमदासानी ने मौत की सजा पर ही रोक की मांग उठाई और कहा कि 21वीं सदी में भी ऐसे तरीकों का इस्तेमाल गलत है। यूरोपीय यूनियन ने भी मौत के इस तरीके की आलोचना की और कहा किसी को भी इस तरह से मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए।

पादरी की पत्नी की हत्या का दोषी था केनेथ
केनेथ स्मिथ ने साल 1988 में अपने साथी जॉन पार्कर के साथ मिलकर पादरी की पत्नी एलिजाबेथ सेनेट की हत्या की थी। इस हत्या की सुपारी एलिजाबेथ के पति ने ही केनेथ और पार्कर को दी थी। पार्कर को साल 2010 में ही जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जा चुकी है। वहीं नवंबर 2022 में केनेथ को भी इसी तरीके से मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन इंजेक्शन लगाने के लिए नसें ना मिलने की वजह से उस वक्त केनेथ की मौत की सजा टल गई थी।

‘अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के हमें सही साबित किया’, गाजा में नरसंहार के आरोपों पर बोले सरिल रामाफोसा

पिछले साल सात अक्तूबर को गाजा स्थित आतंकी संगठन हमास ने इस्राइल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे। जिसके बाद से हमास और इस्राइल के बीच भीषण युद्ध की शुरूआत हुई। जवाबी कार्रवाई में इस्राइल लगातार गाजा स्थित हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है। हमास और इस्राइल युद्ध को लेकर दुनिया दो भागों में बंट गई है। जहां एक तरफ कई देश गाजा की पैरवी कर रहे है तो वहीं इस्राइल की हितैषी देशों की संख्या में भी कोई कमी नहीं है। दोनों के बीच चल रहे युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से आग्रह किया था कि वह इस्राइल को हमास आतंकवादियों के खिलाफ अपने सैन्य कार्रवाई को रोकने के आदेश दें। हालांकि कोर्ट ने इस तरह के आदेश देने से मना कर दिया है। गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान इस्राइल को सैन्य हमले के दौरान मौत और क्षति को कम करने की हिदायत दी गई है। इस फैसले को लेकर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि फलस्तीनियों और न्याय सुरक्षा की दिशा में यह एक खास कदम है।

‘कोर्ट ने हमारे आरोपों को सही साबित किया’
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा कि नरसंहार मामले में संयुक्त राष्ट्र अदालत के फैसले ने हमें सही साबित किया है। अतंरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले ने गाजा में हमास के खिलाफ इस्राइली कार्रवाई के दौरान नरसंहार के लगाए गए हमारे आरोपों को सही साबित किया है।

हम भेदभाव, हिंसा के दर्द को समझते हैं- रामाफोसा
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए रामाफोसा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकारों और सबसे ऊपर न्याय की जीत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमें अपने काम से काम रखने को कहा है। कई लोगों ने कहा कि हमारी कोई हैसियत नहीं है। लेकिन हम फिर भी पीड़ितों के साथ खड़े रहे। क्योंकि हम भेदभाव, बेदखली और हिंसा के दर्द को अच्छी तरह से समझते हैं। हमने रंगभेद जैसे अपराध के शिकार रहे हैं। हम दर्द का एहसास है। हम द्द में जिए और अनुभव किया। हमने अपने कई प्रिय नेताओं को खाया है, कई लोगों ने जेल में प्रताड़ना को झेला था।

दुनिया में हमारा भी अस्तित्व है- रामाफोसा
रामाफोसा ने कहा कि दुनिया में हमारा भी अस्तित्व है, हम दर्शक बने नहीं रह सकते हैं। हम उन अपराधों को नहीं देखेंगे जिसमें लोगों का शोषण हो रहा हो। हम सभी के लिए स्वतंत्रता के पक्ष में खड़े हैं। हम सदैव न्याय के साथ खड़े हैं।

ब्रिटिश-भारतीय शख्स को राहत, विमान उड़ाने की धमकी मामले में अदालत से बरी; मजाक में कहा था- तालिबान से..

स्पेन की एक अदालत में ब्रिटिश-भारतीय शख्स को बड़ी राहत मिली है। इस शख्स पर विमान उड़ाने की धमकी देने के आरोप लगे थे। अपने दोस्तों के साथ बैठे शख्स ने खुद को मजाक में ही तालिबान का सदस्य करार दिया था। लंदन के गैटविक से स्पेन के मिनोर्का तक जाने वाले विमान को उड़ाने की धमकी दी गई थी। मामला 2022 में दर्ज किया गया था। आदित्य वर्मा नाम के आरोपी ने जुलाई, 2022 में दोस्तों के बीच कहा था कि वह विमान को उड़ा देगा। धौंस जमाने के लिए उसने मजाक में ही खुद को तालिबान का सदस्य बताया था। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि उसने यह मजाक निजी स्नैपचैट ग्रुप में किया था। उसका इरादा कानून व्यवस्था भंग करना या विमान में धमाके का नहीं था।

अदालत ने कहा- वास्तविक खतरा नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक मैड्रिड की अदालत में शुक्रवार को पारित फैसले में न्यायाधीश ने कहा, वास्तविक खतरा नहीं पाया गया क्योंकि शख्स के पास से विस्फोटक बरामद नहीं हुआ। घटना के करीब डेढ़ साल के बाद स्पेन की राजधानी में राष्ट्रीय न्यायालय के इस फैसले में न्यायाधीश ने कहा, दक्षिण पूर्वी लंदन में आने वाले इलाके- केंट के ऑरपिंगटन में रहने वाले आदित्य वर्मा को आरोपों से मुक्त किया जाना चाहिए।

यात्री विमान के बगल में दो स्पैनिश एफ-18 लड़ाकू जेट भेजे गए
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक विमान में सवार होने से पहले उसने दोस्तों को संदेश भेजा था। उसे ब्रिटेन के सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया। ब्रिटिश सुरक्षा सेवा ने इस संदिग्ध संदेश को स्पैनिश अधिकारियों को भेजा। इस कार्रवाई के समय ईजी जेट विमान उड़ान भर रहा था। एहतियात के रूप में इस यात्री विमान के बगल में दो स्पैनिश एफ-18 लड़ाकू जेट भेजे गए। एक विमान मिनोर्का में लैंडिंग तक पीछा करता रहा। स्पेन में एयरपोर्ट पर विमान की सघन तलाशी के बाद 18 साल के आरोपी आदित्य वर्मा को गिरफ्तार किया गया। उसे स्पेनिश पुलिस सेल में दो दिन बंद रखने के बाद जमानत दी गई।

स्नैपचैट एन्क्रिप्टेड एप, इसके बावजूद संदेश कैसे बाहर आया
इस मामले में अहम सवाल यह भी उठा कि स्नैपचैट एक एन्क्रिप्टेड एप होने के बावजूद संदेश कैसे बाहर आया। एक दलील यह दी गई कि गैटविक के वाई-फाई नेटवर्क पर मैसेज इंटरसेप्ट किया जा सकता था। हालांकि, हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बीबीसी न्यूज़ को बताया कि उसके नेटवर्क में ऐसा करने की क्षमता नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि स्नैपचैट पर भेजा गया संदेश, इंग्लैंड के सुरक्षा तंत्र ने संदेश को पकड़ा, लेकिन इसके कारण अज्ञात हैं। संदेश उस समय सामने आया जब विमान फ्रांसीसी हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहा था।

कंपनी ने कहा- मामला व्यक्तिगत, एनक्रिप्शन पर टिप्पणी से इनकार
ब्रिटेन के अधिकारियों को यह संदेश कैसे मिला, उन्होंने उड़ान के बीच में विमान में सुरक्षा को लेकर कैसे सतर्क किया? इन सवालों पर न्यायाधीश ने कहा, इस मुकदमे में इससे जुड़े साक्ष्य शामिल नहीं। इस मामले में स्नैपचैट प्रवक्ता ने कहा, उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म घटना को ‘व्यक्तिगत’ मानता है। इस मामले में क्या हुआ है, कंपनी इस पर टिप्पणी नहीं करेगी।

श्रीलंकाई मंत्री का सड़क हादसे में निधन; नेपाल के राष्ट्रपति ने फरवरी में शीतकालीन सत्र बुलाया

नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने पांच परवरी को संसद का शीतकालीन सत्र बुलाया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अनुच्छेद 93(1) के अनुसार यह सत्र शाम के चार बजे बुलाया गया है।मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रपति पौडेल से दोनों सत्रों में बैठक बुलाने की सिफारिश की गई थी। नेपाल के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सिफारिश पर सदन सत्र बुला या स्थगित कर सकता है। देश की सरकार आगामी सत्र के माध्यम से कई विधेयकों को पारित करने की तैयारी कर रही है। इससे पहले संसद का बजट सत्र तीन जुलाई को स्थगित कर दिया गया था।

श्रीलंका के राज्य मंत्री का सड़क हादसे में निधन

श्रीलंका के राज्य मंत्री शनत निशंता की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। यह घटना गुरुवार को कटुनायके एक्सप्रेसवे के पास घटी। स्तानीय मीडिया ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि राज्य मंत्री के साथ एक सुरक्षा अधिकारी की भी मौत हो गई है। जीप में राज्य मंत्री निशंता के साथ सुरक्षा अधिकारी और चालक सवार थे। उनकी जीप एक कंटेनर वाहन से टकराने के बाद सड़क के बाड़ से टकरा गई। वह कटुनायके से कोलम्बो की तरफ जा रहे थे। इस हादसे में सभी गंभीर रूप से घायल हुए थे। उन्हें रागमा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां निशंता और एक पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत हो गई। जीप चालक का इलाज जारी है।

सिंगापुर में भारतीय मूल के व्यक्ति पर लोक सेवक पर हमला करने का आरोप

सिंगापुर में एक 49 वर्षीय भारतीय मूल के व्यक्ति पर लोक सेवक पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। दरअसल 23 जनवरी को आरोपी हरिदास रेयान पीटर अपनी प्रेमिका के साथ फ्लैट में खुद को बंद कर लिया था। गिरफ्तारी के दौरान उसने एक 22 वर्षीय विशेष कांस्टेबल सर्जेंट को लात मारी थी। पुलिस ने बताया कि व्यक्ति को इससे पहले अपनी 52 वर्षीय प्रेमिका के साथ अपार्टमेंट में मारपीट के बाद उसे सतर्क कर दिया गया था। सिंगापुर के अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति खुद के और दूसरे के लिए खतरा है। पुलिस ने बताया कि लोक सेवक पर हमला करने के आरोप में आरोपी को जुर्माने के साथ सात साल की जेल की सजा हो सकती है। उसके मामले की सुनवाई आठ फरवरी के लिए स्थगित कर दी गई है।

भारत से सीमा विवाद द्विपक्षीय रिश्तों की पूरी तस्वीर नहीं; सीमा मुद्दे को समग्र संबंधों से जोड़ना नासमझ

चीन की सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद एक विरासती मुद्दा है। सीमा मुद्दे को समग्र संबंधों से जोड़ना एक नासमझी है, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों की पूरी तस्वीर का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। यह दोनों देशों के साझा हितों के खिलाफ भी है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पिछले तीन वर्षों में, चीन और भारत ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संचार और समन्वय बनाए रखा है। दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर पर 20 दौर की बैठकें की और सीमा पर तनाव कम करने में योगदान देने वाले चार बिंदुओं मुख्य रूप से गलवां घाटी, पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग्स और जियानन डाबन (गोगरा) से सैनिकों को हटाने पर सहमति व्यक्त की।

भारतीय पक्ष से उम्मीद
बू कियान ने कहा, हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष रणनीतिक रूप से आपसी विश्वास को बढ़ाने, मतभेदों को ठीक से संभालने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की रक्षा के लिए चीनी पक्ष के साथ काम करेगा। अगली कोर कमांडर स्तर की बैठक के बारे में पूछे जाने पर वू ने कहा कि मंत्रालय उचित समय पर जानकारी साझा करेगा।