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निर्मला सीतारमण का कांग्रेस पर वार, 56 लोगों की मौत पर पूछा- कहां हैं राहुल और खरगे?

नई दिल्ली: तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से 56 लोगों की मौत के बाद देशभर में हलचल मच गई। राज्य में जहरीली शराब पीने से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि, सैकड़ों लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस मामले में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि अभी भी अस्पताल में भर्ती 200 से अधिक लोगों की हालत बेहद गंभीर है।

निर्मला सीतारमण का कांग्रेस पर निशाना
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले में कांग्रेस पर कटाक्ष किया है। उन्होंने बताया कि मृतकों में अधिकतर अनुसूचित जाति से हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में जहरीली शराब पीने से अनुसूचित जाति के कई लोगों की मौत हो गई और राहुल गांधी ने मौन साधा हुआ है। निर्मला सीतारमण ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘जिस राज्य में शराब की बिक्री के लिए दुकानों को सरकार द्वारा लाइसेंस दिए जाते हैं, उसी राज्य के कल्लकुर्ची शहर में जहरीली शराब तैयार की जाती है। आखिर कांग्रेस के नेता मलिल्कार्जुन खरगे और राहुल गांधी कहां हैं?’

जहरीली शराब पीने से अब तक 56 लोगों की मौत
19 जून को तमिलनाडु के कल्लकुर्ची शहर में जहरीली शराब पीने के बाद मरने वालों की संख्या 56 पहुंच चुकी है। पुलिस का कहना है कि जहरीली शराब पीने से बीमार हुए 216 लोगों को तमिलनाडु के चार अस्पतालों में भर्ती किया गया था। इसमें से जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी में भर्ती 3 मरीज को मृत घोषित किया गया। सबसे अधिक मौत कल्लकुर्ची मेडिकल कॉलेज में हुईं। यहां भर्ती 31 मरीजों की मौत हो गई। वहीं सलेम मेडिकल कॉलेज में भर्ती किए गए 18 मरीजों की मौत हो चुकी है।

निचली अदालत से मिली जमानत पर हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे केजरीवाल, कल सुनवाई की मांग

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत के जमानत देने के फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केजरीवाल ने वकीलों के जरिए इस मामले में सोमवार ही सुनवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करने के बाद यह आदेश पारित किया।

अदालत ने कहा कि वह निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की प्रार्थना पर विस्तृत आदेश के लिए मामले को सुरक्षित रख रही है। इसने यह भी कहा कि इस पर दो से तीन दिनों में फैसला सुनाया जाएगा। इस बीच, एकल न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि निचली अदालत के जमानत आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। अंतिम आदेश दो से तीन दिनों के बाद पारित किया जाएगा।

ट्रायल कोर्ट ने दी थी जमानत

शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी और एक लाख के जमानत बांड पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।

तृणमूल का केंद्र पर आरोप, बांग्लादेश के साथ गंगा जल संधि पर राज्य सरकार की नहीं ली गई राय

भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों ने बीते दिन कई अहम द्विपक्षीय मुद्दों के साथ कई अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें 1996 गंगा जल बंटवारा संधि के नवीनीकरण पर बातचीत शुरू करने का फैसला भी शामिल है। वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले पर राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य भी इस संधि का भागीदार है, लेकिन उससे राय नहीं ली गई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की राय के बिना फरक्का-गंगा संधि का नवीनीकरण किया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल इस संधि का भागीदार- ओ ब्रायन
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा राज्य इस संधि का भागीदार है और यहां तक कि पिछली संधि के तहत हमारा बकाया भी नहीं चुकाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि गंगा की ड्रेजिंग बंद कर दी गई है, जो बाढ़ और कटाव का मुख्य कारण है। बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया कि भारत और बांग्लादेश 1996 गंगा जल बंटवारा संधि के नवीनीकरण पर फिर से बातचीत शुरू करेंगे और जल्द ही भारत की एक टेक्निकल टीम बातचीत और तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन को लेकर बांग्लादेश का दौरा करेगी।

2026 में खत्म होने वाली है गंगा जल बंटवारा संधि
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद जारी भारत-बांग्लादेश साझा विजन दस्तावेज में कहा गया है कि दोनों पक्ष 1996 की गंगा जल बंटवारा संधि के नवीनीकरण के लिए चर्चा शुरू करने के लिए एक संयुक्त तकनीकी समिति के गठन का स्वागत करते हैं। बता दें कि भारत और बांग्लादेश की तरफ से साल 1996 में हस्ताक्षरित गंगा जल संधि 30 साल पुरानी संधि है, जो साल 2026 में समाप्त होने वाली है और आपसी सहमति से इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीड़ितों से की मुलाकात, आश्रय गृहों-ताजा हालात की ली जानकारी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हिंसा से जुड़ी खबरें सामने आईं थीं। इस मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी ने चार सदस्यीय समिति का भी गठन किया था। अब पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पूर्वी बर्धमान जिले में चुनाव के बाद हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की। अधिकारी ने बताया कि हिंसा पीड़ितों को आश्रय गृहों में रखा गया है। इसके अलावा हिंसा पीड़ितों को सभी तरह की सुविधाएं प्रदान की गईं हैं।

भाजपा ने टीएमसी पर लगाए हैं हिंसा के आरोप
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के मामले में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा है। हालांकि, टीएमसी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इससे पहले 13 जून को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी हिंसा के पीड़ितों को साथ लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिलने गए थे। इस हीच पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 का हवाला देकर सभी को राजभवन के बाहर रोक दिया था। इसके बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस पर हैरानी भी जताई थी। उनका कहना था कि हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात के लिए राजभवन ने लिखित में अनुमति दी थी। उन्होंने राज्य सरकार से इसे लेकर सवाल भी पूछा था।

भाजपा ने गठित की है चार सदस्यीय समिति

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए भाजपा ने 15 जून को चार सदस्यीय समिति का भी गठन किया था। यह समिति 16 जून को कोलकाता पहुंची थी। समिति में पार्टी सांसद बिप्लब कुमार देब, रविशंकर प्रसाद, बृजलाल और कविता पाटीदार शामिल हैं। बिप्लब कुमार देब को इस समिति के संयोजक बनाया गया है। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौंपेगी।

सट्टेबाजी के लिए अवैध लाइव स्ट्रीमिंग करने वाले रैकेट का भंडाफोड़, पाकिस्तान से जुड़े तार, दो गिरफ्तार

सट्टेबाजी के लिए तैयार की गई डमी वेबसाइट पर टी-20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के मैच का सीधा प्रसारण किया जा रहा था। गुजरात पुलिस ने इसके दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि इस अवैध स्ट्रीमिंग के तार कनाडा, दुबई, पाकिस्तान और अन्य देशों से जुड़े हैं।

गुजरात पुलिस ने रविवार को एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग पिछले दिनों टी-20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट का सीधा प्रसारण डमी वेबसाइट से कर रहे थे। यह डमी वेबसाइट सट्टेबाजी के लिए उपयोग की जा रही थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद अपराध शाखा को कुछ वेबसाइटों के बारे में शिकायतें मिलीं कि वे इन मैचों का अवैध प्रसारण, पुनः प्रसारण, प्रसारण, डाउनलोड और स्ट्रीमिंग कर रही हैं। जिससे स्ट्रीमिंग अधिकार रखने वाली स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को वित्तीय नुकसान हो रहा है। शिकायत मिलने के बाद शाखा ने जांच शुरू की।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किए गए सर्वर को साइबर अपराध कर्मियों ने ट्रैक किया। इसके तहत हमने मेहसाणा जिले के उंझा निवासी दिव्यांशु पटेल को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया “हमने तीन कंप्यूटर सीपीयू, चार मॉनिटर, एक लैपटॉप, एक आईपैड, छह राउटर, अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कनाडा, दुबई, पाकिस्तान और अन्य देशों के लोग क्रिकेट मैचों की अवैध स्ट्रीमिंग से जुड़े हैं और पूरे रैकेट की आगे की जांच चल रही है।

पुलिस की पूछताछ में दिव्यांशु पटेल ने बताया कि उसने वेब डोमेन ss247.life खरीदा था। इस डोमेन का इस्तेमाल वह अपने सह-आरोपी मुकेश पटेल की मदद से विभिन्न डमी वेबसाइटों पर क्रिकेट मैच अपलोड करने के लिए करता था। एक अन्य आरोपी शुभम पटेल, जो अब कनाडा में बस गया है, वह वीडियो की आगे की प्रक्रिया का ध्यान रखता था।”

पुलिस ने बताया, “दिव्यांशु, मुकेश और शुभव तीनों अजहर अमीन नामक एक पाकिस्तानी नागरिक से खेलों की लाइव स्ट्रीमिंग प्राप्त करते थे। चारों लगातार संपर्क में रहते थे। यही नहीं उन्होंने मैजिकविन366.net जैसी वेबसाइटों पर भी स्ट्रीमिंग की। इनका उपयोग अवैध क्रिकेट सट्टेबाजी के लिए किया गया था।

बैंक खाते भी फर्जी
वेबसाइट से जुड़े बैंक खाते भी फर्जी थे। निजी बैंक कर्मचारी आकाश गोस्वामी द्वारा अहमदाबाद के विभिन्न निवासियों के नाम पर खोले गए थे। जांच के दौरान बैंक कर्मचारी आकाश कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया है।”

इसरो का एक और कीर्तिमान, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले विमान की तकनीक का तीसरा परीक्षण भी सफल

बंगलूरू:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को बताया कि उसने अपनी रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक (प्रक्षेपण यान को दोबारा इस्तेमाल इस्तेमाल करने की तकनीक ) का तीसरी बार सफल परीक्षण किया। इसरो ने बताया कि इस बार ज्यादा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रक्षेपण यान का परीक्षण किया और वह सभी मानकों पर खरा उतरा। इस परीक्षण में इसरो ने लैंडिंग इंटरफेस और तेज गति में विमान की लैंडिंग की स्थितियों की जांच की। इस परीक्षण के साथ ही इसरो ने आज के समय की सबसे अहम तकनीक में से एक को हासिल करने की तरफ मजबूती से कदम बढ़ा दिया है।

इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का तीसरा और अंतिम परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में रविवार सुबह 7.10 बजे किया गया। इससे पहले इसरो रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के दो सफल परीक्षण कर चुका है। तीसरे परीक्षण में प्रक्षेपण यान को ज्यादा ऊंचाई से छोड़ा गया और इस दौरान तेज हवाएं भी चल रहीं थी, इसके बावजूद प्रक्षेपण यान ‘पुष्पक’ ने पूरी सटीकता के साथ रनवे पर सुरक्षित लैंडिंग की।

परीक्षण के दौरान वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से प्रक्षेपण यान पुष्पक को साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। इसके बाद प्रक्षेपण यान पुष्पक ने स्वायत तरीके से रनवे पर सफल लैंडिंग की। लैंडिंग के दौरान यान की गति करीब 320 किलोमीटर प्रतिघंटे थी। बता दें कि एक कमर्शियल विमान की लैंडिंग के वक्त स्पीड 260 किलोमीटर प्रतिघंटे और एक लड़ाकू विमान की गति करीब 280 किलोमीटर प्रतिघंटे होती है। लैंडिंग के वक्त पहले ब्रेक पैराशूट की मदद से प्रक्षेपण यान की गति को घटाकर 100 किलोमीटर प्रतिघंटे पर लाया गया और फिर लैंडिंग गीयर ब्रेक की मदद से रनवे पर विमान को रोका गया।

परीक्षण के दौरान यान के रूडर और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम की भी कार्यक्षमता की जांच की गई। भविष्य में प्रक्षेपण यान को अंतरिक्ष में भेजने और उसे वापस सुरक्षित धरती पर उतारकर फिर से अंतरिक्ष में भेजने के लिहाज से यह तकनीक बेहद अहम है। इस तकनीक की मदद से इसरो की लागत में काफी कमी आएगी क्योंकि किसी भी अंतरिक्ष मिशन में प्रक्षेपण यान की लागत काफी ज्यादा होती है और अभी एक बार इस्तेमाल होने के बाद यान को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता। अब रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक की मदद से अंतरिक्ष में बढ़ रहे कचरे की समस्या से भी निपटा जा सकेगा।

बिहू से कमाए पैसे को महिला ने चाय के स्टॉल में किया निवेश; सीएम सरमा बने ग्राहक, ली चाय की चुसकी

गुवाहटी:  असम में एक युवा महिला रिकॉर्ड सेटिंग बिहू प्रदर्शन में कमाए गए पैसे से चाय की दुकान चला रही है। महिला के ग्राहकों में अब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का भी नाम शामिल हो गया है। महिला की पहचान हेमाप्रभा बिस्वास के तौर पर की गई है। दरअसल, हेमाप्रभा बिस्वास अप्रैल 2023 में गुवाहाटी के सरुसजई स्टेडियम में बिहू गायन करने वाले कलाकारों में से थीं। 11,298 प्रतिभागियों के साथ सबसे बड़े बिहू नृत्य के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया था। हेमाप्रभा ने परिवार की आय में मदद करने के लिए इस पैसे का उपयोग नागांव जिले के जाखलाबंदा में एक चार की दुकान खोलने में किया। मुख्यमंत्री समेत स्थानीय लोगों ने हेमाप्रबा के इस निर्णय को सराहा।

सीएम सरमा ने की सराहना
शुक्रवार को हेमाप्रभा के स्टॉल पर जाने के बाद सीएम सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “याद है, मैंने आपको हेमाप्रभा बिस्वास के बारे में बताया था? उन्होंने असम सरकार के 2023 विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने वाले बिहू प्रदर्शन में भाग लिया था। एक नौकरी निर्माता बनने के लिए उन्होंने अपने वित्तीय पुरस्कार का निवेश चाय की दुकान खोलने में किया। मैंने आज उनके स्टॉल पर जाकर कड़क चाय की चुसकी ली और शुभकामनाएं दीं।”

सीएम सरमा ने स्टॉल का वीडियो भी बनाया। इस दौरान उन्होंने हेमाप्रभा से बात भी की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकमनाएं भी दी। हेमाप्रभा ने एक स्थानीय कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वह पहले इस वित्तीय पुरस्कार से एक स्कूटर खरीदना चाहती थी, लेकिन बाद में उन्होंने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए चाय की दुकान में निवेश करने का फैसला किया। वह अपनी मां की मदद से स्टॉल चलाती हैं।

भारत-बांग्लादेश के बीच 10 अहम समझौते, पड़ोसी देश के लोगों को मिलेगी मेडिकल ई-वीजा की सुविधा

भारत और बांग्लादेश ने शनिवार को समुद्री क्षेत्र और समुद्री अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनोमी) में संबंधों को बढ़ावा देने सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के बीच व्यापक बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए इन समझौतों में डिजिटल डोमेन में संबंध मजबूत करने और ‘हरित साझेदारी’ को लेकर एक समझौता भी शामिल है।

रेल संपर्क बढ़ाने का हुआ समझौता
दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क बढ़ाने के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। समझौतों के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा कि, ‘आज हमने नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्य का विजन तैयार किया है। हरित भागीदारी, डिजिटल भागीदारी, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति से दोनों देशों के युवाओं को फायदा होगा।’

वहीं अपने बयान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और भरोसेमंद दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि ‘भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद मित्र और क्षेत्रीय साझेदार है। बांग्लादेश भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से शुरू हुए थे।’

बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा सुविधा देगा भारत

भारत ने बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा की सुविधा देने का एलान किया है। इसके लिए भारत सरकार बांग्लादेश के रंगपुर में उप-उच्चायोग खोलेगी। साथ ही दोनों देश तीस्ता नदी के जल-बंटवारे पर चर्चा के लिए तकनीकी टीम भेजने पर भी सहमत हो गए हैं। पीएम मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष के बीच कुल 10 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिनमें डिजिटल साझेदारी, हरित साझेदारी, मेरीटाइम सहयोग, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग, रेलवे संपर्क, समुद्री रिसर्च, सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में आपसी सहयोग, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन और मतस्य पालन संबंधी समझौते शामिल हैं।

‘बांग्लादेश की आजादी में भारत के योगदान से कृतज्ञ’
बांग्लादेशी पीएम ने कहा, ‘मैं बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत सरकार और भारत के लोगों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद करती हूं।’ शेख हसीना ने 1971 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारत के वीर शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘आज हमारी बहुत ही उपयोगी बैठकें हुईं, जिनमें हमने सुरक्षा, व्यापार, संपर्क, साझा नदियों के पानी के बंटवारे, बिजली और ऊर्जा तथा क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। हम अपने लोगों और देशों की बेहतरी के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमत हुए।’

बंगाल रेल हादसे का असर, मध्य पूर्व रेलवे ने नियमों में किया बदलाव, ड्राइवरों को दी हिदायत

नई दिल्ली:  कंचनजंघा एक्सप्रेस हादसे से सबक लेते हुए मध्य पूर्व रेलवे (ईसीआर) ने अपने क्षेत्र के स्टेशन मास्टरों को निर्देश दिया है कि वे स्वचालित सिग्नल सिस्टम में खराबी की स्थिति में ट्रेन ड्राइवरों को सिग्नल पार करने का अधिकार देने वाला फॉर्म टी/ए 912 जारी न करें। कंचनजंगा एक्सप्रेस-मालगाड़ी की टक्कर में 10 लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद ही यह निर्देश जारी किया गया है।

अगले आदेश तक लागू रहेगी रोक
मध्य पूर्व रेलवे द्वारा 21 जून को जारी आदेश के अनुसार, टी/ए 912 पत्र जारी करने पर रोक लगाने का फैसला मध्य पूर्व रेलवे की सुरक्षा बैठक में लिया गया। ईसीआर ने कहा, ‘मध्य पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा प्रधान विभागाध्यक्ष और डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) के साथ की गई सुरक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया है कि स्वचालित सिग्नल की खराबी के दौरान टी/ए 912 को अगली सलाह तक जारी नहीं किया जाएगा।’

नियमों में बदलाव कर की गई ये व्यवस्था
मध्य पूर्व रेलवे जोन के आदेश में कहा गया है कि ‘टी/ए 912 के स्थान पर अब दोहरी लाइन के लिए अगले आदेश तक जीएंडएसआर 9.02 का नोट जारी किया जाएगा। जीएंडएसआर 9.02 के अनुसार, स्वचालित सिग्नल सिस्टम की खराबी की स्थिति में ट्रेन चालक प्रत्येक लाल सिग्नल पर दिन के समय एक मिनट और रात में दो मिनट के लिए रुकेंगे, और फिर जब आगे का दृश्य स्पष्ट हो तो 15 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ेंगे। अगर अगले सिग्नल तक किसी भी वजह से आगे का दृश्य बाधित है तो फिर ट्रेन चालक 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले, पूर्वी रेलवे जोन ने भी 19 जून को इसी तरह का आदेश देकर रेल अधिकारियों को टी/ए 912 फॉर्म जारी करने पर रोक लगा दी थी। हालांकि अगले ही दिन उसने आदेश वापस ले लिया।

चालक यूनियन ने मालगाड़ी चालक की गलती मानने से किया इनकार

17 जून को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में मालगाड़ी ने यात्री ट्रेन कंजनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। जहां हादसा हुआ वह पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन के अंतर्गत आता है। जांच में पता चला है कि अधिकारियों ने मालगाड़ी और यात्री गाड़ी, दोनों ट्रेनों के ड्राइवरों को टी/ए 912 जारी किया गया था क्योंकि रानीपात्रा स्टेशन-चत्तर हाट जंक्शन पर स्वचालित सिग्नल प्रणाली खराब थी। रेलवे बोर्ड ने अपनी प्रारंभिक जांच के आधार पर कहा था कि जिस मालगाड़ी ने टक्कर मारी, उसकी गति बहुत अधिक थी, जबकि चालक यूनियनों ने दावा किया है कि नोट पर गति प्रतिबंध का उल्लेख नहीं है और उसके सदस्य की कोई गलती नहीं थी।

पुलिस के कार्य को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए किया जाएगा एआई का उपयोग’, बोले देवेंद्र फडणवीस

मुंबई:  महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में यातायात प्रबंधन के मुद्दों के समाधान और अधिक प्रभावी व कुशल पुलिसिंग के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग किया जाएगा। राज्य गृह मंत्रालय की एक बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बात की।

फडणवीस ने कहा, “आईआईएम नागपुर ने महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से अधिक प्रभावी व कुशल पुलिसिंग के लिए एआई के इस्तेमाल को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की।” उन्होंने आगे कहा, “एक सरकारी कंपनी बनाया जाएगा। परियोजना जल्द ही शुरू होगी। अपराधियों और अपराध की प्रकृति का विश्लेषण किया जाएगा। इससे साइबर अपराध पर डेटा विश्लेषण भी किया जा सकेगा। यातायात प्रबंधन के मुद्दों का हल निकाला जा सकता है। अलग-अलग इकाइयों के लिए मॉड्यूल तैयार किया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा कि अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता के कारण चल रहे पुलिस भर्ती अभियान में देरी हो सकती है। जहां बारिश हो रही है, वहां आउटडोर फिजिकल टेस्ट के लिए अगली तारीखों की घोषणा कर दी गई है। जहां बारिश नहीं हो रही है, वहां टेस्ट जारी है।आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा कि सरकार का मानना है कि समाज में तनाव नहीं होना चाहिए। हम मराठा बनाम ओबीसी नहीं चाहिए। दोनों में से किसी के भी हित को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।