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जिरीबाम में भड़की हिंसा के कारण दो हजार लोग विस्थापित, हाई अलर्ट पर असम का कछार जिला

इंफाल:  मणिपुर के जिरीबाम में भड़की हिंसा के कारण लगभग दो हजार लोगों को विस्थापित करना पड़ा। मौजूदा हालात को देखते हुए सुरक्षा बलों ने पड़ोसी राज्य असम के कछार जिले को हाई अलर्ट पर रखा है। असम के लखीपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक कौशिक राय ने बताया कि लगभग 10,000 लोगों ने कछार में शरण ली है। दरअसल, लखीपुर मणिपुर के जिरीबाम से सटा हुआ क्षेत्र है।

विधायक कौशिक राय के अनुसार, कछार में शरण लेने वाले ज्यादातर लोग कुकी और हमार हैं। ये दोनों ही जो जनजाति का हिस्सा है। विस्थापित लोगों में मैतेई समुदाय के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हमने डीसी और एसपी के साथ सोमवार को लखीपुर में रहने वाले विभिन्न सामुदायिक संगठनों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में हमने इस बात पर जोर दिया कि मणिपुर में जारी हिंसा को आगे भड़काना नहीं चाहिए। हमारे यहां बंगाली, हिंदी भाषी, बंगाली और मणिपुरी मुस्लिम, बिहारी, दिमासा, हमार, कुकी, खासी और रोंगमेई, अन्य विविध आवादी हैं। कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने यहां आश्रय मांगा है, लेकिन इससे असम प्रभावित नहीं होना चाहिए।”

लखीपुर में तैनात किए गए कमांडो
कछार के एसपी ने बताया कि लखीपुर में सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। विशेष कमांडो को भी तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, “जिरीबाम के हमार मिजो वेंग का निवासी अब कछार के हमारखावलीन गांव में रह रहा है। वह उन लोगों में से था, जो हिंसा के समय अपने परिवार के साथ भाग गए थे। छह जून की रात वे नाव से जिरी नदी पार कर यहां पहुंचे थे।”

कछार में रह रहे व्यक्ति ने कहा, “लोगों की संख्या बढ़ सकती है। अभी फिलहाल 400 लोग हैं। हमें नहीं मालूम कि अब यहां से वापस जाना कब संभव होगा।” जिला प्रशासन के अनुसार, जिरीबाम जिले के छह राहत शिविरों में अभी तक 918 लोग रह रहे हैं। ये मैतेई लोग हैं, जिनके घरों को आठ जून को हिंसा के दौरान जला दिए गए थे। पुलिस ने इन्हें राहत शिविरों में भेज दिया था।

योगी सरकार ने नई तबादला नीति को दी मंजूरी, कुंभ की तैयारियों के लिए आवंटित किए 2500 करोड़ रुपये

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में कुल 41 प्रस्ताव रखे गए हैं।

बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि दो महीने में सभी परियोजनाओं को पूरा कर दिया जाएगा।

इन प्रस्तावों को भी दी गई है मंजूरी:
– निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करना और हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय को मंजूरी।
– विवि के नाम से राज्य हटा कर नाम छोटा कर दिया गया है।
– मुरादाबाद विवि का नाम गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय किया गया है।
– बरेली में हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विश्वविद्यालय खोले जाएंगे।

– प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में तैयारियों के मद्देनजर 2019 की तुलना में 2025 में 3200 हेक्टेयर की तुलना में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया है। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोग आएंगे। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

– नोएडा में 500 बेड के अस्पताल को मंजूरी मिली। इसका निर्माण 15 एकड़ भूमि पर किया जाएगा।

– आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च के लिए स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नालॉजी बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार हर साल 10 करोड़ रुपये देगी। इस तरह पांच साल में 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। शेष मदद केंद्र से आएगी।

– नई तबादला नीति के तहत प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिक हटाए जाएंगे। पिक एंड चूज की व्यवस्था खत्म होगी। जो ज्यादा पुराना होगा, वह पहले हटेगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे।

कर्नाटक में भाजपा नेता की हत्या मामले में हस्तक्षेप से अदालत का इनकार, खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में भाजपा नेता योगेश गौड़ा हत्या मामले में आरोपी कर्नाटक मंत्री विनय कुलकर्णी के खिलाफ विशेष आदालत द्वारा तय किए गए आरोपों को रद्द करने से इनकार कर दिया। जस्टिस संजय कुमार और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। आरोपी विनय कुलकर्णी की तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे अदालत में पेश हुए।

कुलकर्णी के वकील ने कहा कि विधायक का नाम सीबीआई द्वारा दायर दूसरे आरोप पत्र में है और मृतक की पत्नी के बयान में आरोपी के नाम का जिक्र ही नहीं है। पीठ ने कहा, “आपने उन्हें (मृतक की पत्नी) अपने पक्ष में कर लिया है। एसएलपी खारिज होती है।” आरोपी के वकील ने शीर्ष अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।

पीठ ने कहा, “इसे रोकना होगा। वह कोर्ट में अपनी किस्मत आजमा रहा है। यह कोर्ट है या जुआ कोर्ट?” हाई कोर्ट ने आठ अप्रैल को कुलकर्णी के खिलाफ एक विशेष अदालत द्वारा तय किए गए आरोपों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने विशेष अदालत को मामले की सुनवाई पूरी करने और इस मामले को तीन महीने के भीतर निपटाने के लिए कहा।

योगेश गौड़ा भाजपा के जिला पंचायत के सदस्य थे। 15 जून 2016 को धारवाड़ में उनकी हत्या कर दी गई थी। सितंबर 2019 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। नवंबर 2020 में एजेंसी ने कुलकर्णी को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि व्यक्तिगत दुश्मनी और राजनीतिक कारणों से आरोपी ने भाजपा नेता की हत्या की। हालांकि, कुलकर्णी ने इन आरोपों को नकार दिया।

नई सरकार बनने के बाद विभागों के बंटवारे का इंतजार; गडकरी को सड़क परिवहन मंत्रालय मिलने के आसार

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद सहयोगियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया है। यह जानकारी अभी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा के बाद अमर उजाला आपको पूरी सूची से अवगत कराएगा। मंत्रालयों के आवंटन को लेकर आई खबरों के मुताबिक नितिन गडकरी को लगातार तीसरी बार सड़क परिवहन मंत्रालय सौंपे जाने के आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अन्य कैबिनेट सहयोगियों के बीच भी मंत्रालय बांट दिए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट की पहली बैठक में पीएम आवास योजना को लेकर बड़े फैसले लिए। सूत्रों के मुताबिक अजय टम्टा को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए जाने के आसार हैं। हर्ष मल्होत्रा भी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं।

रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग भाजपा अपने पास ही रख सकती है
सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बरकरार रहेंगे। भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है। जीतनराम मांझी को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय मिलने के आसार
सूत्र बताते हैं कि चार बड़े मंत्रालय यानी गृह, रक्षा, वित्त और विदेश में कोई बदलाव नहीं किया गया है। राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, अमित शाह गृह मंत्री, निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री और एस जयशंकर विदेश मंत्री बने रह सकते हैं।कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ले चुके मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि और पंचायती राज मंत्रालय मिल सकता है। अश्विनी वैष्णव को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ-साथ सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी दिया जा सकता है।

हरियाणा के पूर्व सीएम को भी अहम जिम्मेदारी मिल सकती है
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी मंत्रिपरिषद में बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लेने वाले मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा व आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का जिम्मा मिलने के आसार हैं। उनके साथ तोखन साहू आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री और श्रीपद नाईक ऊर्जा राज्य मंत्री हो सकते हैं।

कैबिनेट में सात महिलाओं को मिली जगह
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी और मंत्रिपरिषद के उनके 71 सहयोगियों को नौ जून की शाम सवा सात बजे से आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। लगातार तीसरी बार बनी एनडीए सरकार के मंत्रिमंडल में सात महिला मंत्रियों को जगह मिली है। प्रधानमंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। सीतारमण के अलावा पूर्व राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, उत्तर प्रदेश से निर्वाचित अनुप्रिया पटेल और कर्नाटक से निर्वाचित शोभा करंदलाजे को एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पहली बार मंत्री बनने वाली महिला नेताओं में 37 वर्षीय रक्षा निखिल खड़से का नाम भी शामिल है।

कार हादसे के नाबालिग आरोपी के पिता और चार अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, पुलिस ने दी जानकारी

पुणे:पुणे जिले की पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने कार हादसे के नाबालिग आरोपी के पिता और चार अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का एक अलग मामला दर्ज किया है। हिंजेवाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोराट ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता और चार अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409 (लोकसेवक, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से किसी भी व्यक्ति की संपत्ति को किसी को देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। नाबालिग आरोपी के पिता और मां व एक अन्य व्यक्ति को पुणे की जिला अदालत ने 14 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

क्या मोदी मंत्रिपरिषद छोड़ेंगे सुरेश गोपी? शपथग्रहण के अगले दिन बोले- मंत्री पद की इच्छा नहीं

अभिनेता से राजनेता बने सुरेश गोपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री के रूप में शपथ लेने के अगले दिन चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने संकेत दिया है कि उन्हें जल्द ही मंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। गोपी ने 2024 के संसदीय चुनावों में त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी और केरल से भाजपा के पहले लोकसभा सांसद बनकर इतिहास रच दिया था।

सुरेश गोपी के मंत्री पद छोड़ने की बात पर कुछ मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि उन्होंने फिल्म साइन कर रखी हैं, जिस कारण से वो पद की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। वहीं कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वे मंत्रियों के पोर्टफोलियो के आने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद सोच विचार का फैसला करेंगे। हालांकि कुछ समय पहले उन्होंने बयान दिया था कि वे मंत्री पद नहीं चाहते हैं, वे बिना पद के ही लोगों की सेवा करना चाहते हैं।

दरअसल, गोपी चुनावों के दौरान केरल के लिए ‘मोदीयूड गारंटी’ (मोदी की गारंटी) वादे का चेहरा बन गए थे। उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। उन्होंने रविवार को राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। 65 वर्षीय अभिनेता ने 2024 के लोकसभा चुनावों में त्रिशूर की संसदीय सीट जीती। यहां उन्होंने अधिवक्ता और सीपीएम उम्मीदवार वीएस सुनीलकुमार को 74,686 मतों से हराया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में त्रिशूर में अपना पहला चुनावी रोड शो किया था और बाद में प्रधानमंत्री ने गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर में गोपी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए निर्वाचन क्षेत्र का एक और दौरा भी किया था।

इससे पहले चुनावी नतीजों पर उन्होंने कहा था कि मैं बहुत खुश हूं। जो असंभव था, वह शानदार तरीके से संभव हो गया। यह 62 दिनों की चुनावी प्रक्रिया नहीं थी, यह पिछले 7 वर्षों से भावनात्मक यात्रा थी। मैं पूरे केरल के लिए काम करता हूं। मेरी पहली पसंद एम्स बनवाना होगा । सुरेश गोपी के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता जॉर्ज कुरियन को भी रविवार को राज्य मंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया।

भाजपा नेता पर आरएसएस सदस्य ने लगाए संगीन आरोप, कांग्रेस ने घेरा तो अमित मालवीय ने भेजा कानूनी नोटिस

नई दिल्ली: भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन पर महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप लगा है। यह आरोप उनकी पार्टी के नेता राहुल सिन्हा के संबंधी आरएसएस के सदस्य शांतनु सिन्हा ने लगाए हैं। इसे लेकर कांग्रेस लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं मालवीय ने पलटवार करते हुए शांतनु को कानूनी नोटिस भेजा है।

महिलाओं के यौन शोषण में लिप्त मालवीय
आरएसएस के सदस्य शांतनु सिन्हा ने हाल ही में अमित मालवीय पर घृणित गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि मालवीय महिलाओं के यौन शोषण में लिप्त हैं। इस पर भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी की कानूनी टीम ने पलटवार करते हुए आठ जून को सिन्हा को कानूनी नोटिस भेजा था।

नोटिस में लिखा है- आरोपों की प्रकृति बहुत ही आपत्तिजनक है। वह मेरे मुवक्किल पर कथित तौर पर किए गए यौन दुराचार का झूठा आरोप लगाते हैं। यह मेरे मुवक्किल की गरिमा और प्रतिष्ठा के लिए घातक है, जो अपने पेशेवर प्रोफाइल के आधार पर एक सार्वजनिक व्यक्ति हैं।’

उचित कार्रवाई होगी
वहीं, अमित मालवीय ने कहा, ‘चूंकि कांग्रेस और इससे पहले पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने अपमानजनक पोस्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। तीन दिन का नोटिस कल 11 जून को समाप्त हो रहा है। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।’

महिलाओं को न्याय मिले: कांग्रेस
विरोध बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस एक भी मौका नहीं छोड़ रही है। सबसे पुरानी पार्टी की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘आरएसएस के सदस्य शांतनु सिन्हा ने भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर घृणित गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मालवीय महिलाओं के यौन शोषण में लिप्त हैं। सिर्फ पांच सितारा होटलों में ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यालयों में भी उन्होंने महिलाओं का शोषण किया है।’

श्रीनेत ने आगे कहा, ‘हम भाजपा से केवल यही चाहते हैं कि महिलाओं को न्याय मिले। हकीकत यह है कि पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के 24 घंटे से भी कम समय में भाजपा के एक बहुत ही प्रमुख पदाधिकारी, इसके आईटी सेल के प्रमुख के खिलाफ यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आज हम अमित मालवीय को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग करते हैं। यह एक अत्यंत प्रभावशाली पद है। यह शक्तिशाली पद है और इसकी कोई स्वतंत्र जांच नहीं हो सकती। कोई स्वतंत्र जांच नहीं हो सकती। जब तक उन्हें उनके पद से नहीं हटाया जाता, न्याय नहीं हो सकता।’

नड्डा ने NDA के सांसदों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया; मटका कुल्फी, 5 तरह के जूस का लुत्फ उठाएंगे

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में एनडीए के जीते हुए सांसदों के लिए रविवार को रात्रि भोज का आयोजन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सभी सांसदों को विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे जाएंगे। जिससे उन्हें गर्मी से भी राहत मिलेगी।

पांच तरह की ब्रेड के अलावा पंजाबी खाने का काउंटर अलग से लगेगा
रात्रिभोज के मेनू में विशेष रूप से गर्मी से राहत देने वाले व्यंजनों को शामिल किया गया। रविवार रात सांसद जूस, शेक, भरवां लीची, मटका कुल्फी, मैंगो क्रीम और रायता का लुत्फ उठाएंगे। रात के खाने में जोधपुरी सब्जी, दाल, दम बिरयानी और पांच तरह की ब्रेड भी होंगी। इसके अलावा पंजाबी खाने का काउंटर भी लगाया जाएगा।

पांच तरह के जूस के अलावा 3 तरह का रायता परोसा जाएगा

बाजरे का व्यंजन पसंद करने वाले सांसदों के लिए बाजरे की विशेष खिचड़ी होगी। इसमें पांच तरह के जूस और शेक अलावा 3 तरह का रायता परोसा जाएगा।

मीठे के शौकीन नेताओं के लिए खास इंतजाम
मीठे के शौकीन नेताओं के लिए कई प्रकार के व्यंजन होंगे। इसमें आठ तरह की मिठाइयां, सफेद रसमलाई और चार तरह के घेवर होंगे। इसके साथ ही चाय और कॉफी का भी इंतजाम किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेता आज राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ लेंगे। इससे पहले नई मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले संभावित मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री ने चाय पी है।

तीसरा कार्यकाल पूरा करते ही रिकॉर्ड बनाएंगे PM नरेंद्र मोदी
भाजपा के दिग्गज नेता 2014 में सत्ता संभालने के बाद लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी ने भाजपा को रिकॉर्ड जीत दिलाई और दोनों मौकों पर पूर्ण बहुमत हासिल किया। 9 जून से प्रधानमंत्री के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल शुरू हो रहा है। उन्होंने पहली बार 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद संभाला था। यह कार्यकाल पूरा करते ही तीसरे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हो जाएंगे। हालांकि, तीसरे कार्यकाल में भी वह इंदिरा के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं कर पाएंगे।

शपथ ग्रहण समारोह के न्योते पर मचे बवाल के बीच खरगे को आमंत्रण; प्रह्लाद जोशी ने किया फोन

नई दिल्ली: विपक्षी दलों को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का न्योता न मिलने पर विपक्षी नेताओं ने बवाल मचाया था। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस नेता और राज्य में विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।

भाजपा नेता प्रहलाद जोशी ने शनिवार रात खरगे को निमंत्रण दिया था। आज शाम 7:15 बजे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके शपथ ग्रहण समारोह में देश और विदेश के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। कई को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रण भी दिया गया है।इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि उन्हें शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने बताया कि भाजपा नेता प्रहलाद जोशी ने कल देर रात निमंत्रण दिया था। उन्होंने बताया कि वे इसमें शामिल होंगे।

वहीं ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की बात पर कहा कि न तो उन्हें आमंत्रित किया गया है, न ही वो इस समारोह में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि लेकिन मैं एक असंवैधानिक, अवैध पार्टी को सरकार बनाने के लिए शुभकामनाएं नहीं दे सकती, मेरी शुभकामनाएं देश के लिए होंगी। लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगी। बंद्योपाध्याय ने कहा, “भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने हमें फोन करके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन हमारी पार्टी ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है।”

वहीं कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी नेताओं को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने लिखा था कि हमें सरकार से कोई सूचना नहीं मिली है, जबकि विदेशी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। विपक्षी दल और इंडी गठबंधन होने के नाते हमें सूचित नहीं किया गया, मुझे नहीं पता कि सरकार का मूड क्या है? इसके अलावा कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए केवल अंतरराष्ट्रीय नेताओं को ही आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा यदि उन्हें निमंत्रण मिलता तो वे इसमें शामिल होने पर विचार करेंगे।

ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं… शपथ ग्रहण के पहले मोदी सरकार पर अखिलेश ने कसा तंज

लखनऊ: यूपी में समाजवादी पार्टी के ऐतिहासिक प्रदर्शन करने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। अब वो खुलकर अपनी आगे की योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं और भाजपा को निशाने पर ले रहे हैं। सपा लोकसभा चुनाव में यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और सभी को चौंकाते हुए 37 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भाजपा यूपी में 33 सीटें जीती हैं। चुनाव के पहले भाजपा प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी।

रविवार को एनडीए सरकार जिसे मोदी 3.0 भी कहा जा रहा है के शपथ ग्रहण से पहले उन्होंने तंज कसा और शपथ लेने वाली सरकार को अधर में अटकी हुई करार दिया है। अखिलेश ने सोशल साइट एक्स पर लिखा है कि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं… अधर में जो है अटकी हुई वो तो कोई ‘सरकार’ नहीं।

बता दें कि नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे साथ ही उनके मंत्रिपरिषद के सहयोगी भी शपथ लेंगे।इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें प्राप्त हुई हैं और भाजपा लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बना सकी। हालांकि, एनडीए की कुल सीटें बहुमत से ज्यादा हैं। ऐसे में इसे एनडीए सरकार की कहा जा रहा है।

अखिलेश यादव ने 2027 का बनाया लक्ष्य
इसके पहले, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक की और कहा कि हमें जनता से जुड़े रहना है। हमें उनकी आवाज उठाते रहना होगा। अखिलेश यादव ने यूपी में 2027 के विधानसभा चुनाव जीतने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि हमने जनता के मुद्दे उठाए। जनता ने हमें समझा। पार्टी को बड़े पैमाने पर जनता का समर्थन मिलने से हमारी जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है।