Sunday , November 24 2024

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न्यायिक हिरासत के दौरान कैदी पुलिस को धोखा देकर फरार, तलोजा जेल वापस ले जाया जा रहा था

ठाणे:  महाराष्ट्र के ठाणे में न्यायिक हिरासत के दौरान एक कैदी जेल वापस ले जाते समय भाग गया। शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने जानकारी देते हुए ये बात बताई।पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पुणे की शिरूर पुलिस ने मुजाहिद गुलजार खान सहित 3 लोगों को हिरासत में लिया था। तीनों खोपोली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही जेल में बंद थे। तीनों आरोपियों को एक केस की जांच के सिलसिले में जेल से लाया गया था लेकिन तलोजा जेल वापस ले जाते समय आरोपी पुलिस हिरसात से भाग गया।

पेशाब करने का बहाना बनाकर फरार हो गया बंदी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘शिरूर कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरसात में भेजा था जिसके बाद 5 जून को तीनों को जेल वापस लाया जा रहा था। तभी आरोपी खान ने पेट में दर्द का बहाना बनाते हुए पेशाब करने के लिए कहा। जैसे ही पुलिस ने खारघर में गाड़ी रोककर उसे पेशाब करने के लिए वहा एक नाले में कूदकर भाग गया।’

पुलिस के मुताबिक एक सिपाही भी आरोपी को पकड़ने के लिए नाले में कूदा थे लेकिन वह मुजाहिद को नहीं पकड़ सका और खुद घायल हो गया।शिरूर पुलिस टीम की तरफ से खारघर पुलिस स्टेशन पर मुजाहिद खाने के खिलाफ केस दर्ज किया गया है कि तालोजा जेल ले जाते समय वह भाग गया।

क्या बंगाल भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं? दिलीप घोष के पोस्ट से गरमाया चर्चाओं का बाजार

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है। दरअसल लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के नेताओं ने ही प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अब पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद दिलीप घोष ने भी एक ऐसा पोस्ट किया है, जिसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। दिलीप घोष ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा ओल्ड इज गोल्ड (पुराना ही सबसे अच्छा है)।

दिलीप घोष ने खुलकर जताई नाराजगी
गौरतलब है कि दिलीप घोष ने हाल ही में कहा था कि पार्टी द्वारा पुराने नेताओं को उनके लोकसभा क्षेत्रों से हटाकर नए क्षेत्रों से चुनाव लड़ाना एक गलती थी। बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा और पिछले लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा ने बंगाल में 18 सीटें जीतीं थी तो इस बार भाजपा के सांसदों का आंकड़ा घटकर 12 ही रह गया है। भाजपा को उम्मीद थी कि वह इस बार बंगाल से अच्छी तादाद में सीटें जीतेगी और पार्टी ने राज्य में 30 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। हालांकि पार्टी अपने पिछले प्रदर्शन को भी दोहराने में नाकामयाब रही और सिर्फ 12 सीटों पर सिमटकर रह गई।

सीटें बदलने का फैसला रहा गलत
दिलीप घोष 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की मेदिनीपुर सीट से सांसद चुने गए थे, लेकिन उन्हें इस बार मेदिनीपुर की जगह बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। हालांकि यह दांव उल्टा पड़ा और टीएमसी के कीर्ति आजाद के सामने दिलीप घोष को 1.38 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। दिलीप घोष ने खुलकर इस पर नाराजगी जाहिर की और इसे गलत फैसला करार दिया। इसी तरह बर्धमान -दुर्गापुर से पूर्व में जीतने वाले एसएस अहलूवालिया को आसनसोल से चुनाव मैदान में उतारा गया, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। आसनसोल दक्षिण सीट से चुनाव लड़ने वाली अग्निमित्रा पॉल को मेदिनीपुर से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन ये तीनों नेता चुनाव हार गए। दिलीप घोष ने हार को लेकर बंगाल भाजपा के नेतृत्व पर सवाल उठाए। अभी बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार हैं और सुकांत ने दिलीप घोष से ही बंगाल भाजपा पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक करेंगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक करेंगी। यह बैठक आज यानी शनिवार को हो सकती है, जिसमें लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इस बार के आम चुनाव में बंगाल में टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और पार्टी ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की है।

सच साबित हो रही एनडीए को लेकर 26 साल पहले की गई मोदी की भविष्यवाणी, कहीं थीं ये बातें

नई दिल्ली: 1998 में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाया गया था, तो उस समय देश में अल्पमत की गठबंधन सरकारों का दौर चल रहा था। दशकों से कोई भी सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी। सितंबर 1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के नेता और देश के प्रधानमंत्री थे, तब नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे युवा महासचिव थे।

मोदी ने एनके सिंह को दिए एक साक्षात्कार में एनडीए को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि देश के राजनीतिक इतिहास में एनडीए सबसे सफल गठबंधन साबित होगा। नरेंद्र मोदी की यह भविष्यवाणी अब सच साबित हो रही है, क्योंकि देश में लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन पू्र्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। एनडीए ही देश में पहला गठबंधन था, जिसकी सरकार पूरे पांच साल तक चली। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन ने भी 10 साल सरकार चलाई। लेकिन, बाद में यह गठबंधन भंग हो गया।

राष्ट्र प्रथम की भावना से बना एनडीए
नरेंद्र मोदी ने एनके सिंह को दिए साक्षात्कार में एनडीए को ब्रॉड स्पेक्ट्रम यानी व्यापक गठबंधन बताते हुए कहा था कि एनडीए किसी को हराने, किसी का रास्ता रोकने जैसी संकुचित सोच के साथ नहीं बनाया गया है, बल्कि एनडीए का मकसद राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश को स्थिर शासन देना है। असल में एनके सिंह ने सवाल पूछा था कि एनडीए में शामिल दलों वैचारिक स्तर पर अलग-अलग हैं, ऐसे में कहीं यह गठबंधन देश के लोगों से वोटों की ठगी के लिए तो नहीं बना है। इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा, यह वास्तव में एक प्रयोग है, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श उदाहरण के रूप में दर्ज किया जाएगा।

भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक रैंकिंग 300% बढ़ी, PM ने दी बधाई; IIT बॉम्बे की रैंक में सुधार

नई दिल्ली: देश के विश्वविद्यालयों ने पिछले एक दशक में अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में 300 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के संस्थापक व सीईओ नुन्जियो क्वाक्वेरेली ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी।

एक्स पर नुन्जियो के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा, पिछले दशक में हमने शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया, इसके नतीजे क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में साफ दिखते हैं। छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई। इस कार्यकाल में हम अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए और भी अधिक काम करना चाहते हैं।

वहीं, नुन्जियो क्वाक्वेरेली ने अपने पोस्ट में बताया कि पिछले एक दशक में भारतीय विश्वविद्यालयों का वैश्विक रैंकिंग में प्रतिनिधित्व 318 फीसदी बढ़ा है, जी20 देशों में यह सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) की तरफ से जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 से पता चला है कि भारत के शीर्ष तकनीकी संस्थान आईआईटी बॉम्बे और दिल्ली ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में स्थान हासिल किया है। आईआईटी बॉम्बे ने उल्लेखनीय रूप से अपनी रैंक में 31 रैंक की बढ़ोतरी के साथ 149 से 118 तक सुधार किया है, जबकि आईआईटी दिल्ली 47 अंक ऊपर चढ़कर विश्वस्तर पर 150वें स्थान पर पहुंच गया है।

अमेरिकी नागरिक ने मांगी भारत में शरण, कहा- US में सताएंगे, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा पक्ष

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में शरण मांग रहे अमेरिकी नागरिक क्लाउड डेविड की याचिका पर केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा है। याचिकाकर्ता ने आध्यात्मिक गुरु श्री माता आनंदमयी का अनुयायी होने का दावा किया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उसने पेट्रोलियम का विकल्प खोज लिया है और वह वापस अमेरिका नहीं जा सकता क्योंकि वहां उसे सताया जाएगा। उसका वीजा 13 मई, 2024 की मध्यरात्रि को समाप्त हो गया है।

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बनर्जी से केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त कर सूचित करने को कहा और मामले को 10 जून के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने कहा, प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि मामले को हाईकोर्ट में जाना चाहिए। यह एक व्यक्तिगत शिकायत है। यदि हम अनुच्छेद 32 के तहत इन याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर देंगे तो इससे याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी। हम अभी मामले पर नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम इसे सोमवार को सूचीबद्ध करेंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस कुमार ने पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? इस पर व्यक्तिगत रूप से पेश हुए याचिकाकर्ता क्लाउड डेविड ने कहा, मैंने दो वकीलों से परामर्श किया है। उन्होंने मुझे बताया कि यह एक ऐसा दावा है जिसे अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाया जाना चाहिए।

पीठ ने पूछा, इसमें राष्ट्रीय महत्व क्या है?…याचिकाकर्ता ने कहा, मुझे लगता है कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। यह मेरे वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद आपके अद्भुत देश में रहने के मेरे अधिकार को नकारता है। अमेरिका में सभी हिंदू उसी तरह के अभियोजन से खतरे में हैं, जिसका मैं सामना कर रहा हूं। इस पर जस्टिस कुमार ने कहा, चिंता मत कीजिए, सरकार दुनिया में कहीं और अपने नागरिकों की देखभाल करने के लिए पर्याप्त मजबूत है।

विदेश व गृह मंत्रालय में पहले ही दे चुके आवेदन…याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि वह विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समक्ष आवेदन पहले ही दे चुके हैं। लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। वे तिरुवनंतपुरम में रह रहे हैं। जस्टिस कुमार ने कहा, आप 180 दिन पहले आए हैं। शुरू से ही आपका इरादा यहीं रहने का था। याचिकाकर्ता ने कहा, यह सच नहीं है।

सरकार बनने से पहले मणिपुर फिर चर्चा में, जिरीबाम जिले तक पहुंची आंच; आगजनी के बाद कर्फ्यू

केंद्र में सरकार बनने से पहले मणिपुर एक बार फिर चर्चा में है। बृहस्पतिवार को यहां उग्रवादियों ने शख्स की हत्या कर दी जिसके बाद से ही यहां तनाव बना हुआ है। जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू है।

लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इस मुद्दे को गरमाने की तैयारी में हैं। दरअसल जिरीबाम जिला अब तक जातीय हिंसा से बचा हुआ था लेकिन बृहस्पतिवार को इसके भी चपेट में आ जाने से सियासत गरमा गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लोकसभा के पहले सत्र में ही मणिपुर को लेकर जोरदार हंगामा देखन को मिल सकता है।

संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने का आदेश…
जिरीबाम के जिला मजिस्ट्रेट ने एसपी को घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा बलों के बीच त्वरित संचार और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए असम राइफल्स, सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन को शामिल करते हुए एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

जिरीबाम में तनावपूर्ण शांति हथियार लौटाने की मांग
संदिग्ध उग्रवादियों ने बृहस्पतिवार को 59 वर्षीय सोइबम सरत कुमार सिंह की हत्या कर दी। इसके बाद स्थानी लोग सड़कों पर उतर आए और आगजनी कर दी। कर्फ्यू के बीच भी शुक्रवार को यहां लोगों ने प्रदर्शन किया। स्थानीय लोग अब चुनाव के समय लिए गए लाइसेंसी हथियार लौटाने की मांग कर रहे हैं।

जीत से उत्साहित है विपक्षी गठबंधन
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि निश्चित ही जिरीबाम ने एक बार फिर से मणिपुर को चर्चा में ला दिया है। वह कहते हैं कि इस बार मणिपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। भाजपा और एनडीए को यहां पर हार का सामना करना पड़ा।

nकांग्रेस वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने यहीं से भारत न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। इस बार विपक्ष इंडिया गठबंधन भी मजबूत हुआ है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। विश्लेषकों का मानना है कि सबसे जरूरी है दोनों समुदाय में विश्वास बहाली। बातचीत से यह संभव है।

BJP के सहयोगी नायडू के बेटे ने मुस्लिम आरक्षण का किया समर्थन, कहा- यह सरकार की जिम्मेदारी है

हैदराबाद:  भारतीय जनता पार्टी धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के लिए तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की सरकारों पर हमला बोलती रही है। इसी बीच, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे और पार्टी महासचिव नारा लोकेश ने आंध्र प्रदेश में मौजूदा मुस्लिम आरक्षण का समर्थन किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी ओबीसी सूची के तहत मुस्लिम समुदाय को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

समाज का एक खास वर्ग गरीबी में जी रहा
नारा लोकेश ने कहा कि अगर समाज का एक खास वर्ग गरीबी में जी रहा है तो कोई देश या राज्य तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह वंचित समुदायों को अवसर उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण देने का फैसला किसी को खुश करने के लिए नहीं लिया गया है।

किसी को खुश करने के लिए नहीं लिया गया फैसला
उन्होंने कहा, ‘मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला इसी को देखते हुए लिया गया था, न कि किसी को खुश करने या राजनीतिक लाभ लेने के लिए।’

इसलिए भाजपा के लिए जरूरी टीडीपी
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में टीडीपी के शानदार प्रदर्शन ने एन चंद्रबाबू नायडू को किंगमेकर की भूमिका में ला खड़ा किया है। 16 सीटों के साथ नायडू ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है। बता दें, भाजपा ने 240 लोकसभा सीटें जीतीं। हालांकि, यह आंकड़ा बहुमत से कम है। 2014 के बाद पहली बार भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए अपने सहयोगियों- मुख्य रूप से टीडीपी और जेडीयू पर निर्भर रहना पड़ेगा।

सीएम ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने पर दी बधाई, बोले- एनडीए विकसित भारत के लिए संकल्पित

लखनऊ:  शुक्रवार को नरेंद्र मोदी का लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय हो गया है। भाजपा संसदीय दल और एनडीए के संसदीय दल ने पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में नरेंद्र मोदी को लोकसभा का नेता चुना लिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को बधाई दी। उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर और विकसित भारत की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई।

सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के शिल्पकार, अमृतकाल के सारथी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को लगातार तीसरी बार सर्वसम्मति से भाजपा संसदीय दल, एनडीए संसदीय दल और लोक सभा के नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई। प्रधानमंत्री मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में एनडीए परिवार ‘आत्मनिर्भर भारत-विकसित भारत’ के निर्माण और 140 करोड़ परिवारीजनों की सेवा के लिए पूर्णतः संकल्पित है। भारत माता की जय।

पीएम मोदी ने थपथपाई सीएम योगी की पीठ
सेंट्रल हॉल में इस कार्यक्रम में सीएम योगी भी उपस्थित थे। जब पीएम मोदी को एनडीए के संसदीय दल का नेता चुना गया तो सभी उपस्थित लोगों ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर उनका अभिवादन किया। इस दौरान जैसे ही सीएम योगी ने पीएम मोदी को बुके भेंट किया, पीएम मोदी ने उनकी पीठ थपथपा दी। लोकसभा नतीजों के बाद यह पहला अवसर था, जब सीएम योगी और पीएम मोदी की मुलाकात हो रही थी। ऐसे में पीएम मोदी का सीएम योगी की पीठ थपथपाना उनकी हौसलाअफजाई करना था, जो यह स्पष्ट संदेश है कि उत्तर प्रदेश के नतीजों को लेकर पीएम मोदी बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हैं और उन्हें सीएम योगी के नेतृत्व और उनकी क्षमता पर पूरा भरोसा है।

जितिन के सांसद बनने के बाद किसको मिल सकता है मंत्री पद, रेस में तीन नेता

शाहजहांपुर: प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के पीलीभीत लोकसभा सीट से जीतने के बाद यह तय है कि वह केंद्र सरकार की राजनीति में जाएंगे। ऐसे में यह कयासबाजी शुरू हो गई है कि क्या उनके स्थान पर जिले के किसी नेता को मंत्री पद से नवाजा जाएगा? समर्थकों ने अपने नेता के पक्ष में सोशल मीडिया पर लामबंदी भी शुरू कर दी है।

जितिन प्रसाद 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा सरकार ने उन्हें एमएलसी बनाने के साथ ही कैबिनेट मंत्री भी बनाया था। 2022 के विस चुनाव के बाद से वह लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें पीलीभीत संसदीय सीट से लड़ाया। बड़ी जीत हासिल करने के बाद उनके केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जाने को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं।

नगर विधायक और वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सहकारिता मंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर भी शाहजहांपुर से आते हैं। तीन-तीन मंत्री होने के कारण शाहजहांपुर पूरे प्रदेश की राजनीति में अपनी धाक रखता है। जितिन के केंद्र में जाने के बाद शाहजहांपुर से किसी नेता को मंत्री बनाया जाएगा, इसको लेकर कयास लग रहे हैं।

चेतराम सबसे वरिष्ठ विधायक, प्रिंस सबसे युवा
सुरेश कुमार खन्ना नौ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। उनके बाद पुवायां से चेतराम छह बार विधायक रह चुके हैं। सुरेश खन्ना के बाद वह सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। अनुसूचित जाति से आने और लोकसभा चुनाव में पुवायां से भाजपा को बड़ी जीत दिलाने के कारण भी उनका नाम चर्चा में है। कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस ने लगातार दो बार जीत हासिल की है। वह जिले में पार्टी के युवा चेहरे हैं। सलोना कुशवाहा एकमात्र महिला विधायक हैं। पिछड़ा वर्ग से आने के कारण उनका दावा मजबूत माना जा सकता है। 2022 के चुनाव में जलालाबाद सीट पर पहली बार भाजपा को जिताने वाले हरिप्रकाश वर्मा भी पिछड़े वर्ग से आते हैं। उनका नाम भी चर्चा में है।

ब्राह्मण चेहरा आगे करने की अटकल
जिले में ब्राह्मण समाज से कोई विधायक नहीं है। केवल जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा भाजपा में बड़े पद पर हैं। निकाय अध्यक्ष भी ब्राह्मण समाज से नहीं है। जितिन प्रसाद ब्राह्मण चेहरा हैं। उनके मंत्री पद से हटने के बाद किसी ब्राह्मण चेहरे को आगे किए जाने की अटकल भी लगाई जा रही है।

संसद में गांधी, आंबेडकर और शिवाजी की प्रतिमाएं स्थानांतरित करने पर भड़का विपक्ष, कहा- ऐसे हथकंडे…

नई दिल्ली: संसद भवन परिसर में 18वीं लोकसभा के सदस्य जब शपथ लेंगे तब वहां अलग ही तरह का नजारा देखने को मिलेगा। संसद भवन परिसर में न केवल महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाएं अब अपने निर्धारित स्थानों पर नहीं रहेंगी, बल्कि परिसर में संसद सुरक्षा कर्मियों की जगह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती भी की जाएगी। संसद परिसर में किए जा रहे पहले बदलाव से जहां खास तौर पर कांग्रेस नाराज हो गई है।

विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी सहित अन्य की प्रतिमाओं को स्थानांतरित कर दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विपक्षी दल लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन न कर सकें। साथ ही यह भी कहा कि इस तरह के हथकंडे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अस्थिर सरकार को गिरने से नहीं बचा सकते। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रतिमाओं को स्थानांतरित करने के लिए लोकसभा सचिवालय के स्पष्टीकरण को ‘पूरी तरह फर्जी’ करार दिया और कहा कि इस मामले पर किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है।

लोकसभा सचिवालय ने दी सफाई
इस पर लोकसभा सचिवालय ने सफाई दी। उसने एक बयान में कहा कि प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर के पीछे की ओर एक नए स्थान पर ले जाया जाएगा, जिसे प्रेरणा स्थल कहा जाएगा। संसद भवन परिसर की लैंडस्कैपिंग की योजना की घोषणा करते हुए लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि संसद परिसर में देश के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं परिसर के विभिन्न हिस्सों में स्थापित की गई थीं। संसद परिसर में अलग-अलग स्थानों पर स्थित होने के कारण आगंतुक इन प्रतिमाओं को आसानी से नहीं देख पाते थे। इस कारण इन सभी प्रतिमाओं को संसद भवन परिसर में ही एक भव्य प्रेरणा स्थल में सम्मानपूर्वक स्थापित किया जा रहा है।

जयराम रमेश भड़के
प्रतिमाओं के स्थानांतरण करने पर जयराम रमेश भड़क गए। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा, ‘कल दोपहर मैंने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कैसे मोदी सरकार छत्रपति महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं को संसद भवन के सामने स्थित विशिष्ट स्थानों से दूसरी जगह स्थानांतरित कर रहा है।’

मनगढ़ंत स्पष्टीकरण देना पड़ा
उन्होंने आगे कहा, ‘मूर्तियों को हटाए जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद, घबराहट में कल देर रात आठ बजे के बाद लोकसभा सचिवालय को इस बदलाव के लिए पूरी तरह से फर्जी और स्पष्ट रूप से मनगढ़ंत स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मूर्तियों के स्थान में बदलाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल से कोई चर्चा नहीं हुई है।’